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  • दो जनपदो से सरकारी वेतन , शिकायतबाद “बीएसए” बलिया नही कर रहे कार्यवाही

    दो जनपदो से सरकारी वेतन , शिकायतबाद “बीएसए” बलिया नही कर रहे कार्यवाही

    —- दो हफ्ते पहले बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया को उनके मेल पर शिकायतकर्ता द्वारा चक्रधारी सिंह के खिलाफ की गई है शिकायत, आज तक न तो विधिक कार्यवाही हुई और न विभागीय

    — भ्रष्टाचार के खुले सामने दिख रहे साक्ष्य अब तक साबित हो रहे बेअसर

    बलिया। मऊ मे डीसी मनरेगा के अधीन तकनीकी सहायक के पद पर की जा रही नौकरी को छुपाकर बलिया के केशरी देवी बालिका विद्यालय कैंसो के सहायक अध्यापक के खिलाफ बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया द्वारा जानबूझकर दो दो जगहों से सरकारी वेतन लिए बिद्यालय के उपरोक्त सहायक अध्यापक के खिलाफ न विधिक कार्यवाही की जा रही है और न ही विभागीय कार्यवाही, अध्यापक की नियुक्ति उसके पिता द्वारा अपने प्रबंधकीय कार्यकाल मे की गई है।


    विभागीय सूत्रों के अनुसार जिला समन्वयक मनरेगा के अधीन तकनीकी सहायक के पड़ पर तैनात रहे चक्रधारी सिंह ने इसी तथ्य को छुपा कर छल से जनपद बलिया के रसड़ा के कैंसो स्थित केशरी देवी बालिका विद्यालय मे सहायक अध्यापक की भी नौकरी करते हुए जनपद मऊ के डीसी मनरेगा से भी वेतन आहरित करते रहे है।

    शिकायत मे इस तथ्य के खुलासे के बाद से चक्रधारी ने मऊ की नौकरी से इस्तीफ़ा दे दिया है। अब जब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया को चकरधारी सिंह द्वारा किये गये छल और सरकारी धनों को गलत तरीके से हड़पने की शिकायत की गई है तो बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा शिकायत की आड़ मे विभागीय और विधिक कार्यवाही का केवल डर पैदा कर लिफाफे को लक्ष्य बना लिया गया है।

    बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया को उनको मेल कर मामले मे शिकायतकर्ता द्वारा दो हफ्ते पहले चक्रधारी सिंह द्वारा किये गये अपराध की जानकारी देते हुए कार्यवाही की गुहार लगाई गई है।

    BSA की दलील, प्रबंधक नही दे रहे चक्रधारी की नियुक्ति संबंधित अभिलेख

    खरी दुनिया ने जब इस मामले को लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी जनपद बलिया से जानकारी चाही तो वे केशरी देवी बालिका विद्यालय कंसो बलिया के प्रबंधक पर सहायक अध्यापक चक्रधारी सिंह पुत्र केशव सिंह आज़ाद की नियुक्ति संबंधित अभिलेखो को नही दिये जाने का आरोप लगाया।

    यही नही यह पूछने पर कि क्या चक्रधारी सिंह के खिलाफ पड़ी शिकायत मे आप के यहाँ उनकी नियुक्ति का साक्ष्य जब है तो आप के लेवल से विधिक य फिर विभागीय कार्यवाही क्यो नही की जा रही है ? बेसिक शिक्षा अधिकारी ने उत्तर नही दिया।

    विद्यालय प्रबंधक दो जिलों से वेतन उतारने के आरोपी सहायक अध्यापक चक्रधारी सिंह के पिता है। इन्होने ही अपने प्रबंधकीय कार्यकाल मे पुत्र चकरधारी सिंह की केशरी देवी बालिका विद्यालय मे नियुक्ति की है।

    शिकायत बन गई “बीएसए” के “लिफाफे” का “आधार” !

    केशरी देवी बालिका विद्यालय कैंसो जनपद बलिया के सहायक अध्यापक चक्रधारी सिंह के खिलाफ पड़ी शिकायत के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया के द्वारा लिए जा रहे लिफाफे मे एक और इजाफा हो गया है। शिकायत के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया द्वारा यह जानते हुए कि चक्रधारी सिंह केशरी देवी बालिका बिद्यालय कैंसो मे बतौर सहायक अध्यापक तैनात है और हर माह उनके हस्ताक्षर से वेतन तक आहरित किया जा रहा है, बेसिक शिक्षा अधिकारी चकरधारी सिंह के खिलाफ विधिक और विभागीय कार्यवाही करने की जगह लिफाफे इकट्ठा करने मे लगे है। चक्रधारी सिंह के खिलाफ दो दो जगहों से सरकारी वेतन लेने के साक्ष्यों के बावजूद अब तक बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिए द्वारा कार्यवाही नही किया जाना उनके द्वारा लिफाफे इकठा किये जाने के आरोप बल देता है एक अप्रत्यक्ष साक्ष्य है। उधर बेसिक शिक्षा अधिकारी लिफाफे इकट्ठे करने के आरोप को आधारहीन करार दे, प्रबंधक से चकरधारी सिंह की नियुक्ति के बाबत जानकारी मिलते ही, अभी भी कार्यवाही का अश्वासन दिया जा रहा है।

  • मऊ मे ग्राम पंचायत देवदह की जाँच मे गबन का आरोप, ग्राम प्रधान सचिव के बचाव मे जाँच अधिकारी की रिपोर्ट

    मऊ मे ग्राम पंचायत देवदह की जाँच मे गबन का आरोप, ग्राम प्रधान सचिव के बचाव मे जाँच अधिकारी की रिपोर्ट

    ** इसी गाव मे तथ्यों को छुपाकर तकनीकी सहायक के पद पर तैनात है मुन्नी लाल, यहा के साथ अन्य ग्राम पंचायतो मे घोटाले को अंजाम दे मुन्नी लाल ने खड़ा कर ली है अकूत सम्पत्ति, तो संबंधित ग्राम प्रधान भी हुए लाल

    मऊ । विकास खंड रतनपुरा के ग्राम पंचायत देवदह की हुई जाँच मे प्रधान द्वारा अपने खाते मे उतारे गये धनों की जाँच मे एक ही काम पर मनरेगा और राज बित्त से भी भुगतान का नई करतूत के खुलासे के बावजूद इतनी बड़ी वित्तीय अनियमितता के वावजूद जांच अधिकारी द्वारा ग्राम प्रधान और सचिव को बचाने मे पदीय अधिकारों का खुला दुरूपयोग किये जाने की खबर है। जाँच अधिकारी द्वारा सरकारी धन को मजदूरी के रूप मे खाते मे प्रधान द्वारा उतारने के आरोप को तो सही पाया गया है लेकिन सरकारी फरमान को ताक पर रखकर ग्राम प्राधन और सचिव को गबन के आरोप से मुक्ति भी दे दी गई है।


    शिकायत कर्ता के द्वारा ग्राम पंचायत देवदह के ग्राम प्रधान अशोक चौहान और वर्तमान ग्राम प्रधान सुजाता चौहान पत्नी अशोक चौहान के द्वारा ग्राम पंचायत के खाते से मजदूरी के नाम पर अपने ब्यक्तिगत खाते मे सीधे धन उतार कर सचिव के माध्यम से किये गये गबन पर सवाल किया गया है।

    मामले मे जाँच मे देरी पर शिकायतकर्ता द्वारा उच्च न्यायालय मे न्याय की गुहार लगाते हुए जांच के लिए आवेदन किया था, याचिका मे सुनवाई बाद अदालत ने मामले की जांच का आदेश पारित किया है। आदेश के बाद बतौर जाँच अधिकारी मुख्य पशु चिकित्साधिकारी मऊ डा नवीन द्वारा मामले की जाँच की गई।

    बतौर जांच अधिकारी डा नवीन ने इस जाँच मे ग्राम प्रधान या उसके किसी रिस्तेदार के नाम ग्राम पंचायत के खाते से धन नही निकाले जाने के साशनादेश की अनदेखी किया है, जाँच मे एक ही काम मे आई मजदूरी को राज वित्त और मनरेगा से किये जाने के अविधिपूर्ण भुगतान पर भी मौन साधते हुए न तो विधिक कार्यवाही की और न ही मजदूरी हड़पने पर ग्राम प्रधान के वित्तीय अधिकार सीज किये गये है। यही जाँच रिपोर्ट के पैरा 8 मे ग्राम प्रधान सुजाता चौहान के द्वारा मजदूरी की रकम को अपने खाते मे लिए जाने का बचाव भी किया। जाँच अधिकारी ने ग्राम प्रधान के द्वारा शिकायतबाद कुछ मजदूरों से मजदूरी की रकम लेने का सपथ पत्र के माध्यम से कहवा कर ग्राम प्रधान और सचिव का बचाव कर दिया गया है, जबकि सरकारी फरमान इसके बिपरीत है।

    जाँच रिपोर्ट के पैरा 1.7.8 मे जाँच अधिकारी द्वारा मजदूरी की रकम को हड़पने के साक्ष्य को हाथ लगने के बावजूद ग्राम प्रधान और सचिव को लिफाफा लेकर पुख्ता हो रहे आरोप से मुक्त कर दिया है। मजे कि बात तो यह है कि जिलाधिकारी मऊ के आदेश से हुई इस जाँच की रिपोर्ट को डीएम मऊ ने भी नही देखा, और जाँच अधिकारी के द्वारा पदीय अधिकारों का दुरूपयोग करते हुए ग्राम प्रधान और सचिव को बचाव मे जानबूझकर जारी रिपोर्ट पर मुहर लगा दी गई है, जबकि पैरा 1 और 7 और 8 मे ही प्रथम दृश्ट्या गबन के आरोप पुष्ट है।

    ग्राम प्रधान और सचिव से लिफाफा लेकर जाँच अधिकारी के द्वारा ग्राम प्रधान मजदूरी की रकम को अपने या अपने किसी रिस्तेदार के खाते मे नही उतारने के सरकारी फरमान को टाक पर रख कर जाँच रिपोर्ट देने मे पदीय अधिकारों का दुरूपयोग किया है।

    शासनादेश के मुताविक ग्राम् प्रधान खुद और अपने रिस्तेदार के नाम पर ग्राम पंचायत के खाते से किसी भी तरह का भुगतान नही कर सकता है। यहा ग्राम प्रधान द्वारा जहा खुद मजदूरी की रकम को अपने ब्यक्तिगत खाते मे उतारा है तो अपने रिस्तेदार के खाते मे आज भी मजदूरी की रकम को हड़पवा जा रहा है।

    जाँच अधिकारी के रूप मे सीवीओ द्वारा पदीय अधिकारो का इस तरह से दुरूपयोग किया गया है की ग्राम प्रधान सुजाता चौहान के द्वारा सरकारी धनों को सीधे अपने खाते मे उतारने के पुख्ता प्रमाण के बावजूद जाँच अधिकारी ने कोई कार्यवाही नही की है, जबकि सुजाता ने ग्राम सचिव को पटा कर सरकारी धन को हड़प लिया है, को स्वीकार किया गया है। ग्राम प्रधान पर कार्यवाही न हो इसके लिए जाँच अधिकारी डा नवीन ने उस साशनादेश को जानबूझकर नही दर्शाया है जिसमे ग्राम प्रधान को मजदूरी की रकम को शासन से अपने खाते मे लेने से सख्त मना किया गया है।


    दो जगह से सरकारी वेतन उठाने वाला तकनीकी सहायक इसी गाव मे है तैनात
    विकास खंड रत्नपुरा के देवदह ग्राम पंचायत मे तकनीकी सहायक के पद पर वही मुन्नी लाल की तैनाती है जिसके उपर इसी पद जनपद गाजीपुर मे तैनात रहते हुए कई साल तक दोनो स्थानों से सरकारी वेतन हड़पने का पुख्ता प्रमाण है।

    शिकायत के बावजूद डीसी मनरेगा इसी मुन्नी लाल के बचाव मे जनपद गाजीपुर से आवश्यक आंख्या तलब करने से बच रहे है। मुन्नी लाल गाजीपुर मे इसी पद पर तैनात रहे है इसके पुख्ता प्रमाण है शिकायतकर्ता के पास, बावजूद मुन्नी लाल के खिलाफ अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
    आज भी ग्राम प्रधान द्वारा अपने जेठ राजेंद्र के नाम उतारी जा रही मजदूरी
    ग्राम पंचायत देवदह मे ग्राम प्रधान सुजाता चौहान द्वारा आज भी अपने जेठ राजेंद्र के नाम मजदूरी की रकम हड़पी जा रही है। ग्राम प्रधान के इस अपराधिक कृत्य मे ग्राम पंचायत का सचिव भी शामिल है, तन्मय स्वयं सहायता समूह, और तन्मय इंटर प्राईजेज के नाम से जो धन उतरा जा रहा है यह ग्राम प्रधान के ही परिवार का है। ग्राम प्रधान ने मजदूरी की रकम अपने खाते मे निकाली है, यह साबित है तब जाँच अधिकारी ने साशनादेश को क्यो छुपाया ? यह जाँच का है बिषय!

    बहरहाल शासनादेश के खिलाफ ग्राम प्रधान द्वारा धन हड़पने का आरोप जाँच रिपोर्ट मे साबित हो रहा है, इसी जाँच रिपोर्ट और साशनादेश को लेकर शिकायतकर्ता आगे जाने की तैयारी मे है।

  • मऊ मे हज कमेटी आफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा0 लेयाकत अली आफाकी का स्वागत

    मऊ मे हज कमेटी आफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा0 लेयाकत अली आफाकी का स्वागत

    हज 2024 को सकुशल सम्पन्न कराने व हज यात्रियों को विशेष सहूलत उपलब्ध कराने हेतु भारत सरकार एवं हज कमेटी आफ इण्डिया का कार्य प्रशंसनीय-अरश्द जमाल

    मऊ। हज 2023 को सम्पन्न कराने में हज यात्रियों को कुछ कठिनाइयां हुई थीं जिसको ध्यान में रखते हुये भारत सरकार ने हज यात्रा 2024 के लिये सावधानी बरती। इसी क्रम में हज यात्रा को सकुशल सम्पन्न कराने हेतु तत्कालीन अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री भारत सरकार श्रीमती स्मृति ईरानी ने भी मंत्रालय और हज कमेटी के अधिकारियों के साथ मक्का और मदीना का दौरा किया था। हज यात्रा 2024 को सकुशल सम्पन्न कराने के लिये भारत सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय में निदेशक पद पर तैनात डॉ0 लेयाकत अली आफाकी को हज कमेटी आफ इंडिया का मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त कर सरकार ने उन पर हज यात्रा 2024 को सकुशल सम्पन्न कराने की जिम्मेदारी सौंप थी। श्री आफाकी ने अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुये हज यात्रा 2024 को व्यवस्थित करते हुये सकुशल सम्पन्न कराया। यह बातें पालिकाध्यक्ष अरशद जमाल ने बतायी हैं।


    श्री लेयाकत अली आफाकी हज यात्रा के समापन के उपरान्त जब पहली बार गृह जनपद आये तो नगरवासियों ने उनका एक छोटे से कार्यक्रम में भब्य स्वागत किया। आपको बता दें कि हज 2024 में कुल 25 लाख लोगों ने भाग लिया था, जिसमें से 18 लाख हज यात्री भारत के अलावा अन्य देशों के थे जबकि श्री लेयाकत अली आफाकी ने बताया कि इस बार भारत के 140000 (एक लाख चालीस हजार) लोगों ने हज यात्रा में भाग लेकर हज का फर्ज अदा किया।

    हज यात्रियों की सेवा और सुरक्षा के लिये भारत सरकार ने उच्चाधिकारियों, कर्मचारियों, सुरक्षा कर्मियों और चिकित्सकों की 1500 सदस्यीय एक टीम को भी तैनाश किया था, जिसमें 600 चिकित्सक, आईटीबीपी एवं सीआईएसएफ के 250 जवान भी तैनात थे। हज यात्रियों को उनके आवास से खान-ए-काबा तक लाने और ले जाने के लिये भारत सरकार व हज कमेटी ऑफ इंडिया की ओर से 700 बसों की व्यवस्था की गई थी। पहली बार ऐसा हुआ है कि अरफात के मैदान में जो टेंट लगाये गये थे वे एयर कंडीशन्ड बनाये गये थे।


    पालिकाध्यक्ष अरशद जमाल ने बताया कि श्री लेयाकत अली आफाकी के मऊ आगमन पर एक छोटे से स्वागत समारोह के माध्यम से उनका भव्य स्वागत किया गया। श्री जमाल ने बताया कि इस मौके पर हज यात्रा के दौरान इस बार हज यात्रियों को दी गयी उच्च कोटि की व्यवस्था के लिये भारत सरकार व हज कमेटी ऑफ इण्डिया की खूब सराहना की गयी।


    डा0 लेयाकल अली आफाकी का स्वागत करने वालों में स्वयं पालिकाध्यक्ष अरशद जमाल, डाक्टर अबू जफर, डाक्टर इरतेका अली, डाक्टर नादिर तरफदार, डाक्टर अनीस अहमद (एमडी), ओवैस तरफदार, अब्दुर्रहमान (बनारस), रेयाज अहमद (बनारस), हाजी मंजूर फारान, इम्तेयाज तरफदार, अफजल राना, अनवार ओसवाल, एजाज अहमद, शमीम सुहाग, नेदा फारूक, गुड्डू राजधानी, मंजर मेडिकल के इलावा नगर के गणमान्य लोग शामिल रहे।

  • बलिया मे केशरी देवी बालिका उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय के प्रबंधक नही दे रहे अपनी करतूत का साक्ष्य, बीएसए ने जारी किया रिमाइंडर

    बलिया मे केशरी देवी बालिका उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय के प्रबंधक नही दे रहे अपनी करतूत का साक्ष्य, बीएसए ने जारी किया रिमाइंडर

    केशरी देवी बालिका उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय बलिया के साथ मऊ मे भी तकनीकी सहायक के पद पर करते थे नौकरी, शिकायत बाद मऊ मे चक्रधारी ने दिया रिजाइन


    (ब्रह्मा नन्द पाण्डेय)
    मऊ/ बलिया। जनपद बलिया और मऊ मे दो स्थानों के सरकारी विभाग मे सेवा के बदले वेतन हड़पने वाले चक्रधारी सिंह के पिता और उनके उस विद्यालय के प्रबंधक केशव सिंह आज़ाद बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा उनकी नियुक्ति के बाबत मांगी जा रही सूचनाओ को देने से भाग रहे है। बी एस ए ने इन्हे दुबारा रिमाइंडर प्रेषित किया है।


    विभागीय सूत्रों के अनुसार जनपद बलिया के रसड़ा के कैंसो के केशरी देवी बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मे जनपद मऊ के डीसी मनरेगा के अधीन तकनीकी सहायक के पद पर तैनाती के तथ्य को छुपाकर विद्यालय से सेवा के बदले चक्रधारी सिंह वेतन आहरित कर रहे थे तो वही पर डिसी मनरेगा के यहा भी इस तथ्य को की वह केशरी देवी उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय कैंसो मे भी सेवा के बदले मे वेतन आहरित करते है को छुपा कर डिसी मनरेगा से भी वेतन आहरित कर रहे थे। चक्रधारी सिंह के इस कृत्य का खुलासा उनके ही गाव के दुष्यन्त ने सबसे पहले डिसी मनरेगा को शिकायती पत्र देते हुए कार्यवाही की मांग की थी। दुष्यन्त के इस पत्र के बाद दोनो तरफ से घिरे चक्रधारी सिंह ने डिसी मनरेगा मऊ के अधीन तकनीकी सहायक के पद से इस्तीफा दे दिया था।

    इस्तीफे का बाद चक्रधारी के खिलाफ सरकार के साथ छल करने और छल के साथ दोनो स्थानूनसे लिए गये वेतन की रिकवरी को बिभागीय अफसर ने चक्रधारी के खिलाफ अन्य जरूरी कार्यवाहियो को विराम लगा दिया था। विभागीय अफसर डिसी मनरेगा के इस कृत्य को लेकर खरी दुनिया ने जब शिकायत दी तो मुख्य विकास अधिकारी से लेकर डिसी मनरेगा भी हरकत मे आ गये और बेसिक्ष शिक्षा अधिकारी बलिया को पत्र लिखकर उनके द्वारा तथ्य छुपा कर केशरी देवी बालिका उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय मे की जा रही नौकरी के साक्ष्य को तलब करते हुए आंख्या तलब की।

    सीडीओ और डीसी मनरेगा मऊ के जबाब तलब किये जाने के बाद केशरी देवी बालिका उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय कैंसो रसड़ा बलिया के प्रबंधक केशव सिंह आजाद को बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया ने मामले मे रिपोर्ट तलब की। पहले पत्र के बाद प्रबंधक ने बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया को जबाब नही दिया तो उनके द्वारा बतौर रिमाइंडर द्वारा पत्र भी जारी कर दिया गया है। समाचार दिये जाने तक प्रबंधक ने अपने कर्मचारी चक्रधारी सिंह से संबंधित रिकॉर्ड को अभी तक मऊ सीडीओ और डीसी मनरेगा मऊ को उपलब्ध नही कराया है।

    बिद्यालय के प्रबंधक है चक्रधारी के पिता

    केशरी देवी बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कैंसो रसदा जनपद बलिया मे चक्रधारी सिंह की नियुक्ति उनके पिता और बिद्यालय के प्रबंधक केशव सिंह आज़ाद ने यह जानते हुए कि उनके द्वारा अपने पुत्र पाल्या चक्रधारी सिंह की नियुक्ति अविधिपूर्ण है, उन्होंने अपने प्रबंधकीय कार्यकाल मे उनकी नियुक्ति की है।

    चकरधारी सिंह से इस तथ्य को छुपाकर डीसी मनरेगा मऊ के अधीन तकनिकी सहायक के पद पर भी नौकरी की आयु पुरी कर रही रहे थे कि उनका गाव के दुष्यन्त से ठन गई। दुष्यन्त ने चकरधारी सिंह के इस तथ्यगोपन का खुलासा करते हुए डीसी मनरेगा मऊ को शिकायत कर दी ।

    अब चक्रधारी पर दोनो जिलों मे तथ्यगोपान कर सरकारी धन को छल से हड़पने के आरोप मे विधिक और रिकवरी की कार्यवाही को तलवार लटकने लगी है। इसी कार्यवाही मे विलम्ब को लक्ष्य बनाकर अब उनके पिता और केशरी देवी उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय कंसो बलिया के प्रबंधक द्वारा अपनी करतूत को छुपाने के पदीय अधिकारों का दुरूपयोग किया जा रहा है।

  • मऊ मे NBC के खिलाफ फातिमा हॉस्पिटल, न ओपन एरिया, न वैध पार्किंग, फिर भी विभागीय कृपा, पर चल रहा यह अबैध फातिमा अस्पताल

    मऊ मे NBC के खिलाफ फातिमा हॉस्पिटल, न ओपन एरिया, न वैध पार्किंग, फिर भी विभागीय कृपा, पर चल रहा यह अबैध फातिमा अस्पताल

    — फातिमा हॉस्पिटल के मुख्य द्वार से अग्नि सामन विभाग के दमकल को प्रवेश करने के स्थान नही है, मुख्य सड़क से हॉस्पिटल के अंतिम छोर तक सड़क पर वाहनों का बेतरतीब जाम है बाधक

    हॉस्पिटल परिसर मे हॉस्पिटल के चारो ओर नेशनल बिल्डिंग कोड के अनुसार नही है ६ मीटर चौड़ा खुला रास्ता, पार्किंग स्थल भी है नक्शे से बाहर और है अबैध
    ब्रह्मा नंद पाण्डेय –
    Mau । वर्ष २००५ मे मेरठ के लक्षागृह मे अगलगी के बाद का सरकारी एक्शन या फिर दिल्ली मे हाल के दिनों मे हुई अगलगी की घटना, इन घटनाओ के बाद ही प्रसाशन ने अस्पताल प्रबंधन आदि की खामियों को खोजकर कार्यवाही कर अपनी जिम्मेदारियों से मुक्ति ली है। इतिहास गवाह है घटना के बाद ही कार्यवाही होती है न कि घटना को रोकने मे कभी कार्यवाही को होते देखा है… इन्ही प्रसाशनिक परम्पराओ के आधार पर जनपद मऊ का भी प्रसाशन रिहाएसी भावनो मे चल रहे ३० से ३०० सैया तक के अस्पतालो मे किसी अनहोनी की घटना का शायद इंतज़ार कर रहा है। यहा दो दर्जन से अधिक निजी नर्सिंग होम्स ऐसे है जिनके भवन न तो नेशनल बिल्डिंग कोड के अनुसार निर्मित है न ही नियमानुसार अग्निश्मन की इनके यहां ब्यवस्था है, बावजूद इसके प्रसाशन इन निजी अस्पतालो को लेकर बेपरवाह बना हुआ है। प्रसाशन की नाक के नीचे तमाम खामियों के साथ संचालित हो रहे पहले बड़े निजी नर्सिंग होम्स मे फातिमा हॉस्पिटल और उसके नियम विरुद्ध भवन के नक्शे की बात करे तो यह हॉस्पिटल पुरी तरह से विभागीय कृपा पर माहवारी के साथ बेरोकटोंक संचालित होता है।

    विभागीय सूत्रों के अनुसार जिले मे मौजूद निजी नर्सिंग होम्स मे मौजूद फातिमा हॉस्पिटल नेशनल बिल्डिंग कोड के खिलाफ बने भवन मे बिना समुचित अग्नि समन आदि की ब्यवस्थाओ के संचालित किया जाता है।

    नियमानुसार हॉस्पिटल प्रसाशन द्वारा पहले अपने हॉस्पिटल के भवन का नक्शा नियत प्राधिकारी को सौपुर्द किया जाता है,इसके बाद नियत प्राधिकारी द्वारा प्रस्तावित भवन के नक्शे को प्रोविज़नल रूप से सेक्शन करते हुए सीएफओ को निर्माण दौरान अग्नि समन की ब्यवस्थाओ के निरीक्षण और निर्माण पुरा होने के बाद सीएफओ द्वारा फाइनल अनापत्ति प्रमाण पत्र देने के बाद हॉस्पिटल के भवन का नक्शा फाइनली स्वीकृत किये जाने प्राविधान वर्ष २००५ मे जंकल्याण सेवा समिति द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंड पीठ मे दाखिल जनहित याचिका संख्या ५६९६(एम बी) / २००५ मे जारी आदेश बाद बने शासनादेश को देखने से सामने आता है। मजे की बात यह है की इस जनहित याचिका के बाद बने शासनादेश का आज तक जिले के कोसी हॉस्पिटल द्वारा पालन नही काराया गया। लिफाफे के चककर मे सीएफओ दफ्तर अग्नि सामन की अनापत्ति जारी करने मे निराधार तरीके से हॉस्पिटल प्रबंधन की प्रसंशा का पुल बाधता है तो प्रशासन अग्नि सामन विभाग द्वारा जारी इसी अनापत्ति प्रमाण पत्र के सहारे उन्हे संचालन की हरी झंडी देते आ रहा है।

    नेशनल बिल्डिंग कोड २००५ के आधार पर फातिमा हॉस्पिटल की बात करे तो हॉस्पिटल भवन के चारो तरफ एनबीसी के अनुसार कम से कम ६ मीटर के रास्ते का अभाव है। हॉस्पिटल मे जाने का रास्ता हमेशा जाम से कराहता है।

    प्रसाशन इस हॉस्पिटल के संचालन को निर्वाध चलने दे , पार्किंग की कोरम अदायगी मे मुख्य गेट पर ही पार्किंग का स्थान बना दिया है, जिसमे वाहन खड़े होने की जगह ९० फीसदी वाहन हॉस्पिटल के मुख्य गेट से लेकर हॉस्पिटल की अंतिम बॉउंड्री तक लगी सार्वजानिक सड़क तक खड़े रहते है। इन वाहनो के बेतरतीब खड़े होने से सड़क पर आने जाने वालो को पैदल तक आने जाने मे भारी दिक्क़तो का सामना करना पड़ता है।

    ऐसी स्थिति मे किसी अनहोनी की स्थिति मे फायर विभाग के वाहनो का आना जाना और हॉस्पिटल मे प्रवेश असम्भव है। बावजूद इसके प्रसाशन इस हॉस्पिटल के अबैध संचालन को लेकर कान मे तेल डाले हुए ऐसे सोया है जैसे उसे किसी बड़ी अनहोनी के घटित होने का इंतज़ार है।

  • मऊ के जेपी शिक्षण प्रशिक्षण सस्थान पर कभी भी लग सकता है ताला, जांच मे १३२ की प्रॉपर्टी पर होने की शिकायत हुई सही

    मऊ के जेपी शिक्षण प्रशिक्षण सस्थान पर कभी भी लग सकता है ताला, जांच मे १३२ की प्रॉपर्टी पर होने की शिकायत हुई सही

    (ब्रह्म नंद पाण्डेय)

    मऊ। जिले के मुहम्मदाबाद तहसील ले राजस्व ग्राम फतेहपुर कर्मी के वृक्षारोपड की जमीन पर पर इलाकाई एक दबंग द्वारा तथ्यों को छुपाकर बनवाये गये भवन पर राम करन इंटर कॉलेज और जेपी शिक्षण एवं प्रशिक्षण सस्थान पर कभी भी गाज गिर सकती है। खरी दुनिया ने विद्यालय प्रबंधक जेपी यादव की इस अपराधिक कारस्तानी को लेकर डीएम मऊ आदि से लिखित शिकायत की करते हुए जनहित मे खबरे भी प्रकाशित की थी।

    पुब्लिश् खबर

    खरी दुनिया के द्वारा दिये गये शिकायती पत्र को उप शिक्षा निदेशक जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण सस्थान मऊ ने उप जिलाधिकारी मुहम्मदाबाद से मामले मे आंख्या तलब किया गया। उप शिक्षा निदेशक के इस पत्र के बाद खरी दुनिया ने भी उपजिलाधिकारी को मामले से अवगत कराते हुए कार्यवाही की अपेक्षा की थी।

    मंगलवार को तहसील सूत्रों ने बताया कि मामले मे की गई शिकायत जाँच मे सही पाई गई है। उप जिलाधिकारी मामले मे कभी भी उप शिक्षा निदेशक को रिपोर्ट कर सकते है। बताते चले कि बीएसए, डायट प्राचार्य, निदेशक की संयुक्त रिपोर्ट के आधार पर जेपी ने उपरोक्त दोनो सस्थानो की मान्यता एक ही बिल्डिंग पर ली थी।

    अब जब खरी दुनिया ने इसके कुकृत्यो से पाठको को अवगत कराते हुए कार्यवाही के रास्ते मे उतरा है तो इसको भी सही और झूठ मे अंतर के स्वाद की जानकारी हो रही होगी।

    बीते वर्ष कब खरी दुनिया जिले के गिरोह बंद के कुकर्मो से पाठको को अवगत करा रहा था, उसी दौरान ओस दबँग जेपी के कारनमे खरी दुनिया के हाथ लगे थे, तो यह भी गिरोहबंद के पाले मे जाकर “खेल” खेलने लगा था।

  • मऊ के देवदह मे बिना काम भुगतान का जारी है सिलसिला, अफसर मौन

    मऊ के देवदह मे बिना काम भुगतान का जारी है सिलसिला, अफसर मौन


    मऊ । विकास खंड रतनपुरा के ग्राम पंचायत देवदह मे ग्राम प्रधान और सचिव मिलकर सरकारी धनों की बंदरबाट कर रहे है। बिना कार्य जहा भुगतान कर रहे है तो वही बिना मजदूरी कर रहे मजदूरों के खाते मे भी भुगतान किये जाने की खबर है।


    एक ग्रामीण मे नाम नही छापने की शर्ट मे बताया की गाव मे अब तक केवल दो स्ट्रीट लाइट लगी है लेकिन भुगतान लाखो मे हुआ है। ग्रामीण ने बताया कि ग्राम प्रधान और सचिव मिलकर खुलेआम सरकारी धनों की बंदरबाट कर रहे है। जो मजदूर गाव मे मजदूरी नही करते है उनके भी खाते मे रकम प्रेषित कर दी जा रही है।

    ग्राम प्रधान की ऊँची राजनितिक पहुंच को लेलर अफसर मौन साधना मे सरकारी धनों की बंदरबाट करवाने मे ब्यस्त है। आज की तिथि मे य्याड़ी गाव मे जाँच की जाए तो केवल दो स्ट्रीट लाइट को छोड़ कर कोई तीसरी स्ट्रीट लाइट नही मिलेगी , लेकिन स्ट्रीट लाइट के नाम पर लाखो का भुगतान किया गया है।

    इस भुगतान को लेकर जब खरी दुनिया ने सचिव की साक्ष्य भेज कर भुगतान पर सवाल किया गया तो उन्होंने जबाब नही दिया।

    उधर अपने ऊँचे राजनितिक रसुख के कारण हाई कोर्ट के आदेश से हुई जांच मे गबन के आरोप से जाँच अधिकारी द्वारा लिफाफा लेकर ग्राम प्रधान को जाँच अधिकारी द्वारा बचाने के बाद ग्राम प्रधान के हौशले बुलंद है। जाँच रिपोर्ट को हाथ लगते ही उसको अदालत मे चुनौती की तैयारी है।

  • मऊ मे राष्ट्रीय भवन संहिता का उल्लंघन कर संचालित हो रहे निजी नर्सिंग होम्स, मूक दर्शक बना विभाग

    मऊ मे राष्ट्रीय भवन संहिता का उल्लंघन कर संचालित हो रहे निजी नर्सिंग होम्स, मूक दर्शक बना विभाग

    राहुल हॉस्पिटल है बड़ा उदाहरण, 100 सैया के इस हॉस्पिटल के भवन नही संहिता अनुसार निर्मित

    मऊ। जिले मे राष्ट्रीय भवन संहिता के बिपरीत संचालित निजी नर्सिंग होम्स को लेकर खरी दुनिया गंभीर हो गई है। संहिता के बिपरीत संचालित निजी हॉस्पिटलो मे ब्याप्त ब्यवस्था के रिकॉर्ड को संकलित कर अबैध संचालन को चुनौती की तैयारी है।


    विभागीय सूत्रों के अनुसार संहिता का उल्लंघन कर संचालित हॉस्पिटल्स मे अग्नि निवास अभ्यास और आदेश का खुला उल्लंघन है। किसी भी हॉस्पिटल मे न तो संहिता के अनुसार खुली जगह है और न अग्नि समन के प्रबंध है। किसी भी हॉस्पिटल अग्नि समन वाहनो के प्रवेश के लिए पर्याप्त मार्ग और उसके निकलने की व्यबस्था नही है।

    किसी भी हॉस्पिटल्स तक पहुंच के लिए कम से कम छह मीटर की चौडाई वाला रास्ता नही है। किसी हॉस्पिटल के भवन के चारो तरफ पर्याप्त खुली जगह का आभाव है।

    वाबजूद इसके जिले हॉस्पिटल के रूप मे नियत प्राधिकारी द्वारा स्वीकृत कई निजी निर्सिंग होम्स के भवन जिले मे मौजूद है। खरी दुनिया का प्रसाशन से विनम्र आग्रह के साथ संचालित हॉस्पिटल्स् जिसमे विशेष रूप से राहुल हॉस्पिटल का संचालन है के खिलाफ समय रहते कार्यवाही करने की अपेक्षा करता है। कई बार राहुल हॉस्पिटल की जाँच के बाद विभागीय अफसरों ने कार्यवाही नहीं की, जबकि उनको भी पता रहा की राहुल हॉस्पिटल का संचालन पुरी तरह से अबैध है।

    ऐसे नही दाखिल हुई पीआईएल
    हाल के दिनों मे बंदना नर्सिंग होम के खिलाफ पड़ी जनहित याचिका के बाद हरकत मे आये विभाग द्वारा उसके खिलाफ कार्यवाही की तैयारी के साथ बंदना नर्सिंग होम को एक रिहायसी भवन मे स्थानांत्रित करवाए जाने की भी योजना पर कार्य हो रहा है।

    सूत्रों पर यदि यकीन करे तो, विभाग उस भवन मे बंदना नर्सिंग होम को संचालित कराने की तैयारी मे है जो रिहाएसी भवन है और जिसमे कभी राहुल हॉस्पिटल संचालित होता था। बंदना नर्सिंग होम को दूसरी जगह रिहायासी भवन मे संचालित किये जाने की विभागीय प्रयास को यदी धरातल पर देखा गया तो इसको भी अदालत मे चुनौती दी जाएगी।

  • नौकरी के बाबत यदि काल लेटर मिल गया हो तो पंचायती राज मंत्री से करें सम्पर्क, नौकरी का जुगाड़ लगा देंगे .. ओपी राजभर

    नौकरी के बाबत यदि काल लेटर मिल गया हो तो पंचायती राज मंत्री से करें सम्पर्क, नौकरी का जुगाड़ लगा देंगे .. ओपी राजभर


    मऊ । सूबे के पंचायतीराज मंत्री ओम प्रकाश राजभर अब लोगो को नौकरी दिलवाने का भी काम कर रहे है। यदि आप द्वारा किसी सरकारी पद के लिए आवेदन किया गया हो और आप को साक्षात्कार या लिखित परीक्षा के लिए कॉल आ गई हो तो आप सूबे के पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर से सम्पर्क कर सकते है।

    आप भले इस नौकरी के काबिल न हो, ओम प्रकाश राजभर् जी आप की नौकरी दिलवाने का काम कर देंगे। यह खरी दुनिया नही बल्कि खुद मंत्री का खुलासा है।

    ओम प्रकाश राजभर ने एक सम्बोधन मे इस बात का खुलासा किया है कि चाहे कोई भी हो जिसको नौकरी की जरूरत हो और इसे काल लेटर आ गया हो तो वह माननीय ओम प्रकाश राजभर से सम्पर्क कर सकता है, इसके लिए वे कोसी भी हाल मे जुगाड़ लगाने का काम करेंगे।

    बताते चले कि नीट परीक्षा फल पर उठे सवाल के बाद सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक वेदी राम का नाम प्रकाश मे आने के बाद सूबे के पंचायती राज मंत्री का यह खुद से खुलासा की वे काल लेटर वालो को नौकरी दिलाने का काम कर देंगे। पुरी तरह से चर्चाओ मे है।

    ओम प्रकाश राजभर के इस बयान के बाद भाजपा मे मौजूद अपराधिक लोगो के साथ उनके कृत्यो की भी चर्चा तेज हो गई है।

  • मऊ मे वृक्षारोपण की जमीन पर इंटर कॉलेज और शिक्षण एवं प्रशिक्षण सस्थान

    मऊ मे वृक्षारोपण की जमीन पर इंटर कॉलेज और शिक्षण एवं प्रशिक्षण सस्थान

    मामला मुहम्मदाबाद गोहना के राजस्व ग्राम कर्मी का है, इलाके की ओस जमीन पर इलाके के ही जेपी यादव ने राम करन इंटर कॉलेज और शिक्षा प्रशिक्षण सस्थान का है

    मऊ। तहसील मुहम्मदाबाद के राजस्व ग्राम फतेहपुर कर्मी के वृक्षारोपड की जमीन पर इलाके के जयप्रकाश यादव द्वारा वर्षो से चलाये जा रहे इंटर कॉलेज और शिक्षण एवं प्रशिक्षण सस्थान को लेकर जिलाधिकारी से शिकायत बाद उप शिक्षा निदेशक जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण सस्थान मऊ हरकत मे आ गया है। उपनिदेशक ने उपजिलाधिकारी मुहम्मदाबाद से मामले मे आंख्या तलब किया है।


    विभागीय सूत्रों के अनुसार जिले तहसील मुहम्मदाबाद गोहना के राजस्व ग्राम फतेहपुर कर्मी के खाता संख्या ११७ पर जी वर्षो पुराने रिकॉर्ड मे खाता संख्या ३२५ रकबा१.५१० हेक्टेयर के रूप मे वृक्षा रोपण की जमीन है, पर इलाके के जय प्रकाश यादव द्वारा रामकरन इंटर कॉलेज और जेपी शिक्षण प्रशिक्षण सस्थान के नाम पर बने एक ही भवन की आड़ मे सरकारी दो शिक्षण सस्थानों का संचालन किया जा रहा है।

    मजे कि बात यह है कि जेपी ने इन शिक्षण प्रशिक्षण सस्थानों की मान्यता लेने मे जो फर्जी तरीका अपनाया उसको उस समय की बनी इंस्पेक्शन टीम मे शामिल उपजिलाधिकारी, डायट प्रचार्य और बेसिक शिक्षा अधिकारी ने भी लिफाफा लेकर जेपी के द्वारा शिक्षण सस्थानो की मान्यता लेने मे लगाए गये फर्जी कुट रचित अभिलेखो पर लिफाफा लेकर मुहर लगाने का काम किया है।

    बतौर शिकायत कर्ता उच्च न्यायालय के अधिवक्ता ब्रह्मा नन्द पाण्डेय ने जेपी के इस अपाराधिक कृत्य की जिलाधिकारी से लेकर मान्यता देने मे इंस्पेक्शन टीम मे शामिल उप निदेशक शिक्षा जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण सस्थान मऊ, और उप जिलाधिकारी मुहम्मदाबाद मऊ तक पर्यावरण हित समाजहित और न्यायहित मे गुहार को पहुंचाने का काम किया है।