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  • अपहरण के आरोप में दर्ज एफआईआर रद्द

    अपहरण के आरोप में दर्ज एफआईआर रद्द

    –दोनों बालिग ने अपनी मर्जी से की है शादी

    प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हंडिया प्रयागराज निवासी मोहम्मद चांद बाबू के खिलाफ पीड़िता का अपहरण करने के आरोप में दर्ज एफआईआर रद्द कर दी है।

    कोर्ट ने कहा पीड़िता याची ने अपनी मर्जी से घर छोड़ा और अभियुक्त चांद बाबू से शादी की। एक बच्ची भी पैदा हुई है। दोनों खुशहाल जीवन बिता रहे हैं। ऐसे में अपराध में सजा मिलने की सम्भावना नहीं है। इसलिए एफआईआर निरस्त होने योग्य है। यह आदेश न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी तथा न्यायमूर्ति गजेन्द्र कुमार की खंडपीठ ने श्रीमती ज्योति कुशवाहा व मोहम्मद चांद बाबू की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।

    याची का कहना था कि दोनों बालिग है। पीड़िता ने अपनी मर्जी से शादी की है और साथ रह रही है। इसलिए द्वितीय याची के खिलाफ अपहरण करने का केस नहीं बनता। क्योंकि पीड़िता को जबरन नहीं ले जाया गया है। इस पर कोर्ट ने एफआईआर रद्द कर दी।

  • निदेशक माध्यमिक शिक्षा व डीआईओएस बांदा आदेश का पालन करें या हाजिर हो : हाईकोर्ट

    निदेशक माध्यमिक शिक्षा व डीआईओएस बांदा आदेश का पालन करें या हाजिर हो : हाईकोर्ट

    प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महेंद्र देव, निदेशक माध्यमिक शिक्षा व विजय पाल सिंह जिला विद्यालय निरीक्षक बांदा को 6 मार्च तक आदेश का पालन करने या हाजिर होने का निर्देश दिया है।

    यह आदेश न्यायमूर्ति विकास बुधवार ने कमल नारायण चतुर्वेदी की अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। याची का कहना है कि हाईकोर्ट ने याचिका आंशिक रूप से मंजूर करते हुए याची को छह हफ्ते में ज्वाइन कराने तथा जितने दिन काम नहीं किया उतने दिन के आधे वेतन के भुगतान का आदेश दिया था। पालन नहीं करने पर दाखिल अवमानना नोटिस के बाद डी आई ओ एस ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि 16 मार्च 22 को याची को ज्वाइन करा लिया गया है। 17 मार्च 22 से 31 मार्च 22 तक के बकाया वेतन का आधा 18811 रूपये के भुगतान के लिए उच्च अधिकारियों से पत्राचार किया गया है। बजट आते ही भुगतान कर दिया जाएगा। इस पर कोर्ट ने निदेशक व डीआईओएस को पक्षकार बनाते हुए आदेश का पालन करने का निर्देश दिया है।

  • 84 सिख दंगा मामला: सज्जन कुमार के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई टली

    84 सिख दंगा मामला: सज्जन कुमार के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई टली

    नई दिल्ली,। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगे के दौरान सरस्वती विहार के एक मामले में आरोपित और पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई टल गई है। स्पेशल जज एमके नागपाल ने मामले की अगली सुनवाई 04 मार्च को करने का आदेश दिया।

    आज अभियोजन पक्ष की ओर से पेश वकील मनीष रावत ने आंशिक दलीलें रखी। आज एसआईटी की ओर से पेश वकील गौरव सिंह ने कहा कि इस मामले में आरोपित सज्जन कुमार को मिली जमानत के खिलाफ एसआईटी की ओर से दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने जमानत के आदेश पर रोक लगा दिया है। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट एसआईटी की याचिका पर 19 फरवरी को सुनवाई करेगा।

    बता दें कि कोर्ट ने 30 नवंबर 2023 को बचाव पक्ष की ओर से साक्ष्य बंद कर दिया था। 01 नवंबर 2023 को सज्जन कुमार ने अपना बयान कराया था। कोर्ट ने 27 अप्रैल 2022 को सज्जन कुमार को जमानत दी थी। 19 अप्रैल 2022 को इस मामले में अभियोजन पक्ष के दो गवाहों सरबजीत सिंह बेदी और दिलीप कुमार ओहरी ने अपने बयान दर्ज कराए थे। कोर्ट में 93 वर्षीय गवाह डीके अग्रवाल के बयान की सील बंद प्रति कोर्ट में पेश की गई थी। अग्रवाल का बयान कड़कड़डूमा कोर्ट के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज किया गया था। 29 मार्च 2022 को कोर्ट ने डीके अग्रवाल की बीमारी और उनकी ज्यादा उम्र को देखते हुए उनके बयान उनके घर पर ही दर्ज कराने का आदेश दिया था।

    29 मार्च 2022 कोर्ट में दो गवाहों डॉ पुनीत जैन और मनोज सिंह नेगी के बयान दर्ज किए गए। 23 दिसंबर 2021 को कोर्ट में दस्तावेजों का परीक्षण किया गया था। 16 दिसंबर 2021 को सज्जन कुमार ने इस मामले में खुद को निर्दोष बताते हुए ट्रायल का सामना करने की बात कही थी। पिछले 04 दिसंबर को कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था।

    मामला 01 नवंबर 1984 की है जिसमें पश्चिमी दिल्ली के राज नगर में सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुण दीप सिंह की हत्या कर दी गई थी। शाम को करीब चार-साढ़े चार बजे दंगाइयों की भीड़ ने पीड़ितों के राज नगर इलाके स्थित घर पर लोहे के सरियों और लाठियों से हमला कर दिया। शिकायतकर्ताओं के मुताबिक इस भीड़ का नेतृत्व सज्जन कुमार कर रहे थे जो उस समय बाहरी दिल्ली लोकसभा सीट से कांग्रेस के सांसद थे।

    शिकायत के मुताबिक सज्जन कुमार ने भीड़ को हमला करने के लिए उकसाया जिसके बाद भीड़ ने सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुण दीप सिंह को जिंदा जला दिया। भीड़ ने पीड़ितों के घर में तोड़फोड़, लूटपाट और आगजनी को अंजाम दिया। शिकायतकर्ता की ओर से तत्कालीन रंगनाथ मिश्रा की अध्यक्षता वाली जांच आयोग के समक्ष दिए गए हलफनामे के आधार पर उत्तरी जिले के सरस्वती विहार थाने में एफआईआर दर्ज की गई। एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की धारा 147,148,149,395,397,302,307, 436 और 440 की धाराओं के तहत आरोप लगाए गए।

  • पश्चिम बंगाल सरकार और ट्रायल कोर्ट के सभी पक्षकारों को सुप्रीम कोर्ट से नोटिस

    पश्चिम बंगाल सरकार और ट्रायल कोर्ट के सभी पक्षकारों को सुप्रीम कोर्ट से नोटिस

    -पं. बंगाल में 2021 के विस चुनाव के बाद हुई हिंसा से जुड़े मामलों की सुनवाई पर रोक

    नई दिल्ली,। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में 2021 के विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा से जुड़े राज्य के विभिन्न ट्रायल कोर्ट में चल रहे मामलों की सुनवाई पर रोक लगा दिया है। जस्टिस संजय करोल की अध्यक्षता वाली बेंच ने पश्चिम बंगाल सरकार और ट्रायल कोर्ट के सभी पक्षकारों को नोटिस जारी किया है।

    याचिका सीबीआई ने दायर की है। सीबीआई ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा की जांच पश्चिम बंगाल से बाहर कराने की मांग की है। सीबीआई ने कहा है कि हिंसा से संबंधित गवाहों और वकीलों को धमकाया जा रहा है। राज्य प्रशासन के समक्ष इसकी शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

  • समीर वानखेड़े को हाई कोर्ट से राहत, रंगदारी मामले में 20 फरवरी तक कार्रवाई पर रोक

    समीर वानखेड़े को हाई कोर्ट से राहत, रंगदारी मामले में 20 फरवरी तक कार्रवाई पर रोक

    मुंबई,। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) मुंबई के पूर्व डिविजनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर कॉर्डेलिया क्रूज ड्रग मामले में 25 करोड़ की रिश्वत लेने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई पर गुरुवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने 20 फरवरी तक रोक लगा दी है। ईडी ने कोर्ट को बताया कि उनकी ओर से इस दरमियान समीर वानखेड़े पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

    कॉर्डेलिया क्रूज ड्रग मामले में फिल्म अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान पर मामला दर्ज न करने के लिए समीर वानखेड़े पर ईडी ने 25 करोड़ की रिश्वत मांगने का ईसीआईआर दर्ज किया है। ईडी की ओर से दर्ज इस मामले के विरुद्ध समीर वानखेड़े के वकील करण जैन के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इस मामले की सुनवाई गुरुवार को न्यायाधीश प्रकाश नाईक और न्यायाधीश एनआर बोरकर की बेंच के समक्ष सुनवाई हुई। ईडी की ओर से बहस करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता संदेश पाटिल ने पीठ से कहा कि चूंकि ईडी द्वारा दर्ज ईसीआईआर को दिल्ली में वर्गीकृत किया गया था, इसलिए उसे वहां की अदालत में अपील दायर करनी चाहिए। वानखेड़े की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अबाद पोंडा ने दावे का प्रतिवाद किया और पीठ को बताया कि आईआरएस अधिकारी को मुंबई अदालत में जाने के लिए कहा गया था जब उन्होंने सीबीआई, भ्रष्टाचार और जबरन वसूली मामले के खिलाफ दिल्ली अदालत का दरवाजा खटखटाया था। तब कोर्ट ने कहा कि गुरुवार और शुक्रवार को समय की कमी और सोमवार को कोर्ट की छुट्टी होने के कारण मंगलवार (20 फरवरी) को छोड़कर याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकेगी। ईडी की ओर से आश्वासन दिया गया कि 20 फरवरी तक वानखेड़े के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। इस पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने सुनवाई स्थगित कर दी।

  • इलेक्टोरल बांड पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का कांग्रेस ने किया स्वागत, भाजपा को दी नसीहत

    इलेक्टोरल बांड पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का कांग्रेस ने किया स्वागत, भाजपा को दी नसीहत

    नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट के इलेक्टोरल बांड योजना को समाप्त किए जाने के फैसले का स्वागत किया है। पार्टी ने आशा व्यक्त की है कि भारतीय जनता पार्टी अब सुप्रीम कोर्ट की सुनेगी और भविष्य में पारदर्शी, लोकतांत्रिक और समान अवसर वाली परिस्थितियों को नुकसान पहुंचाने से बचेगी।

    कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि पार्टी का पहले दिन से ही मानना है कि योजना में स्पष्टता की कमी है और यह अलोकतांत्रिक है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस काले धन को बदलने की योजना को असंवैधानिक करार दिया है। भाजपा ने आरबीआई, चुनाव आयोग, संसद और विपक्ष सभी पर बुलडोजर चलाते हुए योजना को पारित कराया था। इस बात में कोई आश्चर्य नहीं है कि योजना से प्राप्त 95 प्रतिशत धन केवल भाजपा को ही गया था। कांग्रेस ने 2019 के अपने घोषणा पत्र में साफ कहा था कि सरकार में आने पर योजना को समाप्त किया जाएगा।

    पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा है कि चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक करार दिए जाने का फ़ैसला स्वागत योग्य है। यह नोटों पर वोट की शक्ति को मजबूत करेगा। इस फ़ैसले की प्रतीक्षा लंबे समय से की जा रही थी। मोदी सरकार ‘चंदादाताओं’ को विशेष तरह के अधिकार और छूट दे रही है जबकि ‘अन्नदाताओं’ के साथ अन्याय पर अन्याय करती जा रही है।

    साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई है कि सुप्रीम कोर्ट इस बात पर भी ध्यान देगा कि चुनाव आयोग लगातार वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) के मुद्दे पर राजनीतिक दलों से मिलने से इनकार कर रहा है। यदि मतदान प्रक्रिया में सब कुछ पारदर्शी और साफ़ है तो फिर समय न देने की ज़िद क्यों?

  • रजिस्ट्रार को मिली धमकी के बाद दिल्ली हाई कोर्ट समेत सभी निचली अदालतों में सुरक्षा के कड़े प्रबंध

    रजिस्ट्रार को मिली धमकी के बाद दिल्ली हाई कोर्ट समेत सभी निचली अदालतों में सुरक्षा के कड़े प्रबंध

    नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार को ई-मेल के जरिए मिली धमकी के बाद हाई कोर्ट समेत दिल्ली की सभी निचली अदालतों में सुरक्षा के प्रबंध कड़े कर दिए गए हैं। दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन समेत कुछ निचली अदालतों की बार एसोसिएशन ने वकीलों को संदेश भेजकर सुरक्षा जांच में सहयोग करने का आग्रह किया है।

    इसी तरह कड़कड़डूमा कोर्ट के बार एसोसिएशन शाहदरा बार एसोसिएशन के सचिव रमन शर्मा ने भी संदेश भेजा है और सभी वकीलों से सुरक्षा जांच में सहयोग करने का आग्रह किया है। साकेत कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वकील कामोद कुमार यादव ने भी पुष्टि करते हुए कहा है कि बार एसोसिएशन ने सुरक्षा जांच में सहयोग करने को कहा है।

  • रास चुनाव: भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित चार उम्मीदवारों ने गुजरात से दाखिल किया नामांकन

    रास चुनाव: भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित चार उम्मीदवारों ने गुजरात से दाखिल किया नामांकन

    गांधीनगर/अहमदाबाद,। गुजरात से राज्यसभा की चार सीटों के लिए नामांकन दाखिल करने के आखिरी दिन भाजपा के चार उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किया। इनमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मयंक नायक, गोविंद ढोलकिया, जसवंत सिंह परमार शामिल हैं।

    भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा गुजरात से राज्यसभा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के लिए आज सुबह अहमदाबाद हवाई अड्डे पर पहुंचे। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल ने उनका स्वागत किया।

    फिलहाल गुजरात से राज्यसभा की 11 सीटों में से दो सीटें गैर-गुजराती के पास चली गई। इसमें भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल हैं। गुजरात से कांग्रेस के प्रतिनिधित्व की बात करें तो साल 2026 के बाद एक भी कांग्रेसी राज्यसभा में नहीं रहेगा। वर्तमान में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने वाले एकमात्र सांसद शक्ति सिंह गोहिल भी जून 2026 में अपना कार्यकाल पूरा करेंगे।

    भाजपा ने राज्यसभा में सौराष्ट्र, उत्तर और मध्य गुजरात का संतुलन बनाने की कोशिश की है। एक लेउवा पटेल और उत्तर और मध्य गुजरात से दो ओबीसी को मौका दिया गया है। गुजरात की चारों राज्यसभा सीटें भाजपा के खाते में जा रही हैं। अब तक दो सीटें भाजपा और दो सीटें कांग्रेस के पास थीं। हालांकि संख्याबल की कमी के चलते कांग्रेस ने फॉर्म नहीं भरने का ऐलान किया है। अब विधायकों की संख्या 156 होने के कारण इन चारों सीटों पर भाजपा के दावेदार आसानी से जीत जाएंगे। नतीजतन ये चारों सीटें निर्विरोध रहेंगी।

    जेपी नड्डा मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं। जेपी नड्डा ने छात्र जीवन के दौरान ही राजनीति में प्रवेश कर लिया था। उन्होंने जयप्रकाश नारायण के विभिन्न आंदोलनों में सक्रिय रूप से भाग लिया। वर्ष 1993 में वह पहली बार हिमाचल प्रदेश की बिलासपुर सदर विधानसभा सीट से विधायक चुने गये और विधानसभा में विपक्ष के नेता भी चुने गये। 1998 में वह एक बार फिर विधायक बने। वर्ष 2010 में उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया। जेपी नड्डा 2012 में राज्यसभा सांसद चुने गए। 2014 में जब देश में भाजपा की सरकार आई तो जेपी नड्डा को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया। 2019 में उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया और 2020 में उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चुना गया।

    मयंक नायक मेहसाणा से भाजपा में प्रमुख ओबीसी चेहरा हैं और भाजपा ओबीसी सेल के अध्यक्ष भी हैं। वे मेरी मिट्टी मेरा देश अभियान के प्रभारी रहे हैं। वह मंडल स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। उन्होंने एक बार परिवार की जीविका के लिए रिक्शा भी चलाया था।

    गोविंद ढोलकिया प्रमुख पाटीदार उद्योगपति के रूप में जाने जाते हैं। वे सूरत के मशहूर हीरा व्यापारी हैं। वह मूल रूप से सौराष्ट्र के अमरेली जिले के दुधाला के रहने वाले हैं। उन्होंने सौराष्ट्र में जल संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण काम किया है। ढोलकिया को नरेन्द्र मोदी का करीबी माना जाता है। उन्होंने राममंदिर निर्माण में 11 करोड़ का योगदान दिया, वह रामकृष्ण एक्सपोर्ट ग्रुप के मालिक हैं, जिसका सालाना राजस्व 15000 करोड़ है।

    जशवंत सिंह परमार गोधरा शहर के जाने-माने डॉक्टर और पंचमहल के बख्शी पंच मोर्चा के कार्यकारी सदस्य हैं। वह बैरिया बख्शीपंच समाज से आते हैं। गोधरा में 60 हजार से ज्यादा बैरिया बख्शीपंच समाज के वोटर हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें टिकट नहीं मिला लेकिन उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा भरा और जीतने वाले उम्मीदवार से तीसरे स्थान पर रहे थे।

  • राज्यसभा चुनाव: उप्र में भाजपा के 8वें उम्मीदवार ने किया नामांकन, सपा की राह हुई मुश्किल

    राज्यसभा चुनाव: उप्र में भाजपा के 8वें उम्मीदवार ने किया नामांकन, सपा की राह हुई मुश्किल

    लखनऊ। राज्यसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश से भाजपा के आठवें उम्मीदवार संजय सेठ ने गुरुवार को अपना नामांकन दाखिल किया। गुरुवार को नामांकन का अंतिम दिन था। भाजपा के इस फैसले से आठवें सीट पर सपा की राह अब आसान नहीं रह गई है।

    संजय सेठ ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य समेत प्रमुख नेताओं की मौजूदगी में विधानसभा के कक्ष में बने निर्वाचन कार्यालय में अपना नामांकन दाखिल किया। प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि पार्टी के आठों प्रत्याशी चुनाव जीतेंगे। विधानसभा में हमारे पास दो तिहाई से अधिक बहुमत है।

    उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटों पर चुनाव हो रहा है। नामांकन की आखिरी तारीख 15 फरवरी है। आवश्यक होने पर मतदान 27 फरवरी को होगा और नतीजे भी उसी दिन मतगणना के बाद घोषित कर दिए जाएंगे।

    इस चुनाव में भाजपा पहले ही अपनी पार्टी के विधायकों के संख्या बल के हिसाब से सात उम्मीदवारों को मैदान में उतार चुकी है। सभी उम्मीदवारों ने बुधवार को अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया था। वहीं सपा ने अपनी पार्टी के विधायकों की संख्या के हिसाब से तीन सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, लेकिन संजय सेठ के नामांकन करने से सपा की चुनावी गणित गड़बड़ा गई है। संजय सेठ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बेहद करीबी माने जाते थे। वह सपा के कोषाध्यक्ष भी रह चुके हैं, लेकिन उन्होंने पाला बदलते हुए भाजपा उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया।

    उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 252, सपा के 108 और कांग्रेस के दो सदस्य हैं। सदन में भाजपा के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के 13 और निषाद पार्टी के 06 विधायक हैं। रालोद के 09, सुभासपा के 06, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के 02 और बसपा का 01 सदस्य है। उप्र में राज्यसभा प्रत्याशी को जीतने के लिए 37 विधायकों के प्रथम वरीयता के वोट चाहिए।

  • महाराष्ट्र में राज्यसभा की छह सीटों के लिए हुए सात नामांकन, निर्दलीय उम्मीदवार ने फंसाया पेंच

    महाराष्ट्र में राज्यसभा की छह सीटों के लिए हुए सात नामांकन, निर्दलीय उम्मीदवार ने फंसाया पेंच

    मुंबई। महाराष्ट्र में राज्यसभा की छह सीटों के लिए गुरुवार को सात उम्मीदवारों ने अपना नामांकन दाखिल किया है। शुक्रवार को नामांकन पत्रों की छानबीन में अगर सभी नामांकन सही पाए गए तो महाराष्ट्र विधानसभा में राज्यसभा की छह सीटों के लिए 27 फरवरी को मतदान तय माना जा रहा है। आज सातवें निर्दलीय उम्मीदवार ने नामांकन करके निर्विरोध चुनाव पर पेंच फंसा दिया है।

    भारतीय जनता पार्टी की ओर से गुरुवार को अशोक चव्हाण, मेधा कुलकर्णी और डॉ. प्रदीप गोपछड़े ने नामांकन दाखिल किये हैं। शिवसेना (शिंदे गुट) की ओर से मिलिंद देवड़ा, राकांपा की ओर से प्रफुल्ल पटेल ने अपना-अपना नामांकन दाखिल किया है। इस तरह भाजपा गठबंधन की ओर से पांच नामांकन दाखिल किए गए हैं। नामांकन भरते समय मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, राकांपा प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे, छगन भुजबल आदि उपस्थित थे।

    इसी तरह कांग्रेस पार्टी की ओर से चंद्रकांत हंडोरे ने अपना नामांकन दाखिल किया। इस मौके पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले, कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोरात, विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजय बडेट्टीवार, पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण उपस्थित थे। पुणे के सामाजिक कार्यकर्ता विश्वास जगताप में सातवें और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया है।

    इन सातों नामांकनों की छानबीन शुक्रवार को होगी। राज्यसभा के लिए नामांकन भरते समय विधानसभा के 10 सदस्यों के हस्ताक्षर होना आवश्यक है। अगर निर्दलीय उम्मीदवार विश्वास जगताप के नामांकन में 10 विधायकों के हस्ताक्षर नहीं होंगे तो यह नामांकन रद्द कर दिया जाएगा। फिलहाल महाराष्ट्र में राज्यसभा की छह सीटों के लिए होने वाले राज्यसभा चुनाव को लेकर कल का दिन महत्वपूर्ण होने की संभावना जताई जा रही है।