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  • बार के हर सहयोग के लिए रहूंगा तत्पर : मुख्य न्यायमूर्ति अरूण भंसाली

    बार के हर सहयोग के लिए रहूंगा तत्पर : मुख्य न्यायमूर्ति अरूण भंसाली

    –हाईकोर्ट बार एसोसिएशन में मुख्य न्यायमूर्ति का किया गया स्वागत और अभिनंदन

    प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से मंगलवार को आयोजित स्वागत और अभिनंदन समारोह में मुख्य न्यायमूर्ति अरूण भंसाली ने बार को हर सहयोग देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि वह हमेशा हर सम्भव मदद के लिए तत्पर रहेंगे। मुख्य न्यायमूर्ति ने नए अधिवक्ताओं को भी सीख दी और कहा कि वह बार और बेंच के साथ आपसी सहयोग के साथ न्यायिक व्यवस्था को और सुद़ृढ़ करेंगे।

    लाइब्रेरी हाल में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में आना और यहां इतने जजों और इतनी बड़ी बार के साथ काम करना एक अलग अनुभव है। वह इसके पहले राजस्थान में रहे। वहां जजों और अधिवक्ताओं की संख्या यहां के मुकाबले बहुत कम हैं। उन्होंने अधिवक्ताओं से कहा कि वह कोर्ट में हमेशा पूरी तैयारी के साथ आएं और नए आधुनिक संसाधनों के प्रयोग से भी वह परिपूर्ण रहेंगे। उन्होंने कहा कि इंटरनेट सहित कई आधुनिक उपकरणों से कामकाज आसान हुआ है। इसका बेहतर उपयोग करने की जरूरत है।

    उन्होंने हाईब्रिड मोड में एक केस की सुनवाई का उदाहरण भी प्रस्तुत किया। उन्होंने बार के कार्यक्रम की प्रसंशा की। इसके पूर्व बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह ने पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्रम व स्मृति चिन्ह भेंटकर उनका स्वागत किया। संचालन महासचिव नितिन शर्मा ने किया।

    इस मौके पर न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता, न्यायमूर्ति महेश चन्द्र त्रिपाठी, न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिरला एवं न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र, अजय सिंह, अमरेन्दु सिंह सहित बड़ी संख्या में बार के पदाधिकारी, अधिवक्ता मौजूद रहे।

  • मीरजापुर में वज्रपात से दो महिला समेत बालक की मौत, कई झुलसे

    मीरजापुर में वज्रपात से दो महिला समेत बालक की मौत, कई झुलसे

    मीरजापुर। सर्द की विदाई बेला में बारिश होने से जहां ठंड वापस लौट आई, वहीं न केवल ओलावृष्टि अन्नदाताओं पर कहर बनकर टूटी, बल्कि वज्रपात ने दो महिला व एक बालक की जान ले ली। साथ ही कई लोग झुलस गए।

    मंगलवार की सुबह अचानक गरज-चमक के साथ शुरू हुई बारिश से सब ठहर सा गया। काम के सिलसिले में घर से बाहर निकले लोगों का बारिश में भी आना-जाना लगा रहा। वहीं ग्रामीण महिलाएं भी घर के कामकाज में जुटीं रहीं। इसी बीच वज्रपात से झुलसकर दो महिला व एक युवक की मौत हो गई।

    जंगल में लकड़ी काटने गईं थीं महिलाएं

    दरअसल, संतनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत पटेहरा कलां के मजूरहिया जंगल में एक ही परिवार की पांच महिलाएं शिव प्रसाद, कृष्णावती, कलनी, सरोज व ऊषा चूल्हा जलाने के लिए लकड़ी काटने गईं थीं। इसी बीच वज्रपात से सभी महिलाएं गंभीर रूप से झुलस गईं। जबकि एक महिला ऊषा की मौके पर मौत हो गई।

    पशुओं को बांध रही थी महिला

    वहीं राजगढ़ क्षेत्र में बैलों को बांधने के लिए घर से बाहर निकलीं कल्लो (52) पत्नी तसौवर की वज्रपात से मौत हो गई। इसी प्रकार घर के पीछे बकरी चरा रहे अजीमुद्दीन (12) पुत्र तैयब अली की भी वज्रपात से मौत हो गई। जबकि मुस्कान व रुकसाना झुलस गई।

  • बिहार विधानसभा स्पीकर के लिए नंदकिशोर यादव ने भरा नामांकन पत्र

    बिहार विधानसभा स्पीकर के लिए नंदकिशोर यादव ने भरा नामांकन पत्र

    पटना। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं बिहार सरकार के पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव ने मंगलवार को 10:30 बजे विधानसभा के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया। इस पद के लिए महागठबंधन की तरफ से कोई नामांकन होता है तो बाकी कैंडिडेट का फैसला 15 फरवरी को होगा।

    26 अगस्त, 1953 को जन्मे नंदकिशोर यादव महज 16 साल की उम्र से ही भाजपा के मातृ संगठन से जुड़ गए। वे 1971 में विद्यार्थी परिषद के सक्रिय सदस्य के रूप में उभरकर सामने आए और 1974 में आंदोलन के दौरान जेल भी गए। नंदकिशोर यादव ने पटना नगर निगम के पार्षद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर नेता प्रतिपक्ष तक की जिम्मेदारी निभाई है। वे राज्य सरकार में पथ निर्माण विभाग और स्वास्थ्य विभाग के मंत्री भी रह चुके हैं।

    वे वर्ष 1983 से 90 तक भाजयुमो के प्रदेश महामंत्री, कोषाध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर रहे। वे 1990-95 तक युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे। वे पार्टी के इकलौते ऐसे प्रदेश अध्यक्ष रहे जो अविभाजित और विभाजित बिहार, दोनों के प्रदेश अध्यक्ष रहे। प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर वे 1998 से 2003 तक रहे। नंदकिशोर यादव पटना साहिब से लगातार सातवीं बार विधायक हैं। पहला चुनाव उन्होंने 1995 में जीता था।

  • वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए दो लाख 78 हजार करोड़ का बजट विधानसभा में पेश

    वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए दो लाख 78 हजार करोड़ का बजट विधानसभा में पेश

    पटना। बिहार विधानसभा में वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने वर्ष 2024-25 का बिहार का बजट पेश किया। दो लाख 78 हजार 425 करोड़ रुपये के इस बजट में विकास को प्राथमिकता दी गई है।

    सम्राट चौधरी ने अपने बजट भाषण में कहा कि समाज के हर एक बड़े काम सरकार ध्यान रखेगी। यह सरकार विकास के मुद्दे पर काम कर रही है। मैं कई बार मंत्री रहा लेकिन आज पहली बार वित्त मंत्री के हैसियत से बजट पेश कर रहा हूं। इस दौरान सदन में विपक्ष का हंगामा चलता रहा। उन्होंने कहा कि विकास के मुद्दे पर सरकार काम कर रही है। बिहार में विकास दर 10.4 प्रतिशत है, जो देश में सबसे ज्यादा है। समाज के हर वर्ग का सरकार ध्यान रखेगी। परिवहन और संचार के लिए 46,729 करोड़ का बजट रखा गया है।

    वित्त मंत्री ने कहा कि इस बजट में रोजगार और शिक्षा पर विशेष ध्यान रखा गया है। प्रदेश में मातृ मृत्यु दर में गिरावट आई है। राज्य सरकार ने कई नीतिगत फैसले लिए हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि बिहार में गरीबी दर में 8 फीसदी की गिरावट आई है। चतुर्थ कृषि रोड मैप लागू किया गया है। दो करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। आरक्षण की सीमा बढ़ाई गई है। 94 लाख परिवार आर्थिक रूप से कमजोर। बिहार में निवेश लाने की कोशिश जारी। पर्यटन में निवेश करने पर सब्सिडी देने का फैसला।

    बजट की मुख्य बातें

    स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लिए 700 करोड़। जीएसटी वसूली में 95 फीसदी लक्ष्य पूरा किया। साल 2024-25 तक बिजली उत्पादन में नवीकरण ऊर्जा से 35 फीसदी बिजली उत्पादन का लक्ष्य। वाणिज्य कर विभाग ने 95.4 फीसदी कर संग्रह किया है। बजट में कुल 2,78,425 करोड़ रुपये खर्च किये जाने का लक्ष्य। सात निश्चय-2 के लिए 5 हजार 40 करोड़ का प्रावधान। सात निश्चय-1 और 2 पूरे राज्य में लागू होगा।बजट में वित्तीय संतुलन का ध्यान रखा गया है। 2,26,496 करोड़ राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य रखा गया है। राज्य का सकल घरेलू उत्पाद में डेढ़ गुना इजाफा हुआ है। बिहार की विकास दर 10 फीसदी के पार पहुंच गई है। राज्य में मातृ मृत्यु दर में 27 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है, जो बीते सालों में काफी ज्यादा थी।

  • हत्याकांड में सीपीआई माले के विधायक मनोज मंजिल को आजीवन कारावास की सजा और जुर्माना

    हत्याकांड में सीपीआई माले के विधायक मनोज मंजिल को आजीवन कारावास की सजा और जुर्माना

    पटना। आरा के बहुचर्चित जेपी सिंह हत्याकांड मामले में सीपीआई माले के विधायक मनोज मंजिल को आजीवन कारावास की सजा हुई है। आरा कोर्ट के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट के न्यायाधीश सत्येन्द्र सिंह ने मंगलवार को मनोज मंजिल समेत 23 आरोपितों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी है। मनोज मंजिल को सजा के अलावा 10 हजार का जुर्माना भी देना होगा।

    जेपी सिंह की हत्या नौ साल पूर्व हुई थी। हत्या के बाद दर्ज मुकदमे पर आज सजा सुनाई गई है। भोजपुर जिला के अगियांव (सुरक्षित) सीट से माले के विधायक मनोज मंजिल को उम्रकैद की सजा मिलने के बाद पुलिस हिरासत में ले लिया गया है। मनोज मंजिल माले के टिकट से पहली बार भोजपुर जिला के अगियांव सीट से विधायक बने हैं लेकिन आजीवन कारावास की सजा सुनाये जाने पर उनकी विधायकी जाना तय माना जा रहा है।

    उल्लेखनीय है कि 2015 में अजीमाबाद थाना के बड़गांव में भाकपा माले की एक सभा चल रही थी। सभा के बीच में ही सूचना मिली कि माले कार्यकर्ता सतीश यादव की हत्या हुई है। इसके प्रतिशोध में किसान जयप्रकाश सिंह की हत्या कर दी गयी। इस मामले में 2022 में मनोज मंजिल को कोर्ट से जमानत मिल गयी थी। सात फरवरी को कोर्ट में मनोज मंजिल को उपस्थित होना था लेकिन वह किसी कारण से कोर्ट नहीं आ पाये। इसके बाद 13 फरवरी को तिथि तय कर उन्हें आज सजा सुनायी गयी।

  • पीएम वाणी वाईफाई से सभी पंचायतों को लैस करने वाला बिहार का पहला जिला बना बेगूसराय

    पीएम वाणी वाईफाई से सभी पंचायतों को लैस करने वाला बिहार का पहला जिला बना बेगूसराय

    बेगूसराय। केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने आज बेगूसराय जिले के बरौनी प्रखंड स्थित पपरौर पंचायत में ऐतिहासिक पहल ”स्मार्ट ग्राम पंचायत : ग्राम पंचायत के डिजिटलीकरण की दिशा में क्रांति” का उद्घाटन किया।

    यह पहल ग्रामीण भारत में डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण छलांग का संकेत है। ”स्मार्ट ग्राम पंचायत: ग्राम पंचायत के डिजिटलीकरण की दिशा में क्रांति” नामक यह पायलट प्रोजेक्ट बेगूसराय जिले की सभी ग्राम पंचायतों में पीएम-वाणी सेवा का विस्तार करने के उद्देश्य से लांच किया गया है। इसके साथ ही बेगूसराय अब पीएम-वाणी योजना के तहत सभी ग्राम पंचायतों को वाई-फाई सेवाओं से लैस करने वाला बिहार का पहला जिला बन गया है। इस अवसर पर गिरिराज सिंह ने कहा कि ग्रामीण समुदायों की भलाई और विकास के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना महत्त्वपूर्ण है।

    उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा डिजिटल पहलों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई विभिन्न योजनाओं पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही पंचायत प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों को ग्राम पंचायतों के सशक्तिकरण, विकास और समग्र विकास के लिए प्रौद्योगिकी को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

    उन्होंने सभी उम्र के लोगों से प्रौद्योगिकी को अपने जीवन के अभिन्न अंग के रूप में अपनाने का आग्रह किया तथा इसके परिवर्तनकारी प्रभाव पर पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों में वाई-फाई सेवाओं के लॉन्च किये जाने के साथ सरकार द्वारा परिकल्पित सकारात्मक परिवर्तन ग्रामीण जीवन के विभिन्न पहलुओं में दिखेगा।

    गिरिराज सिंह ने तीन करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य सहित समावेशी विकास और सशक्तिकरण सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की भी चर्चा की। उन्होंने स्थानीय निवासियों और पंचायत प्रतिनिधियों से कहा कि वे प्रौद्योगिकी के उपयोग के साथ अपने गांवों के सर्वांगीण विकास की दिशा में एकजुट होकर काम करें।

    गांवों को धीरे-धीरे स्मार्ट पंचायतें और स्मार्ट समुदाय बनाने की दिशा में प्रौद्योगिकी की परिवर्तनकारी शक्ति पर चर्चा करते हुए उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि प्रौद्योगिकी में गांवों को क्रमिक रूप से स्मार्ट बनाने की क्षमता है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों की उभरती आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रौद्योगिकी-संचालित समाधान अपनाने के महत्व को रेखांकित किया।

    गिरिराज सिंह ने देश के ग्रामीण क्षेत्रों के समग्र विकास में प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए रणनीतिक कार्यान्वयन और निरंतर प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया। कहा कि यूजर अनुकूल और निर्बाध वाई-फाई सेवाओं की परिवर्तनकारी क्षमता, विशेष रूप से महिला स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों, आजीविका दीदियों, बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट (बीसी) सखी, किसानों और विद्यार्थियों सहित ग्रामीण समाज के विभिन्न वर्गों के लिए लाभकारी है।

    उन्होंने कहा कि विकसित भारत के विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों में वाई-फाई सेवाओं की पहुंच नए क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देगी और वर्तमान क्षेत्रों में उल्लेखनीय वृद्धि करेगी। डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने और आत्मनिर्भर भारत के विजन को मजबूत करने के उद्देश्य से निर्बाध इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करने वाली पीएम-वाणी योजना क्रांतिकारी कदम है।

    गिरिराज सिंह ने सर्वव्यापी इंटरनेट कनेक्टिविटी से सुगम सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन की आशा व्यक्त करते हुए कहा कि वाई-फाई सेवाओं का प्रारंभ निस्संदेह ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न क्षेत्रों को जबरदस्त बढ़ावा देगा। स्मार्ट ग्राम पंचायत : ग्राम पंचायत के डिजिटलीकरण की दिशा में क्रांति” यह पायलट प्रोजेक्ट ग्रामीण भारत में डिजिटल खाई को पाटने तथा सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार के समर्पण का प्रमाण है।

  • दिल्ली के अस्पतालों में सुविधा व इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी, हाई कोर्ट ने 7 विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमेटी बनाई

    दिल्ली के अस्पतालों में सुविधा व इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी, हाई कोर्ट ने 7 विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमेटी बनाई

    नई दिल्ली,। दिल्ली के अस्पतालों में सुविधा और इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी से जुड़े मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने सात विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमेटी का गठन किया है। हाई कोर्ट के कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया।

    हाई कोर्ट ने इस कमेटी में जिन विशेषज्ञों को शामिल किया है उनमें डॉ. एसके सरीन, डॉ. दीपक, डॉ. एस रामजी, डॉ. उर्मिल झांब, डॉ. बीएस शेरवाल, डॉ. आरएस रौतेला और डॉ. विकास डोगिया शामिल हैं। हाई कोर्ट ने इस कमेटी को दिल्ली के अस्पतालों में इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थिति को बेहतर करने के उपायों पर सुझाव देने का निर्देश दिया। कमेटी अस्पतालों में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों, बिना किसी रुकावट के अस्पतालों में दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने, टेक्निकल-नॉन टेक्निकल डिपार्टमेंट में भर्ती के लिए सुझाव देगी। कमेटी बेड की उपलब्धता को लेकर रियल टाइम जानकारी उपलब्ध कराने समेत अन्य मुद्दों पर सुझाव देगी। हाई कोर्ट ने कमेटी को चार हफ्ते में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।

    उल्लेखनीय है कि पिछली सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों को मिलाकर केवल छह सीटी स्कैन मशीनों की उपलब्धता पर कड़ी आपत्ति जताई थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की जरूरत है और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सभी पदों पर नियुक्ति जरूरी है।

    हाई कोर्ट ने 8 फरवरी को कहा था कि दिल्ली में लोगों की जान इसलिए जा रही है कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों को अटेंड करने वाला कोई नहीं होता। ऐसा इसलिए है, क्योंकि सुविधाएं और स्टाफ नहीं हैं। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज की ओर से दाखिल स्टेटस रिपोर्ट पर गौर करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में स्वास्थ्य क्षेत्र में काफी कमियां हैं। डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ और दवाइयों की कमी है।

    दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील संतोष त्रिपाठी ने कहा कि दिल्ली के वर्तमान अस्पतालों में डॉक्टरों के स्वीकृत पदों में से करीब 33 फीसदी से ज्यादा पद खाली हैं। पैरामेडिकल के स्वीकृत पदों में से 20 फीसदी पद खाली हैं। इसकी वजह से इंफ्रास्ट्रक्चर का पूरा-पूरा इस्तेमाल नहीं हो पाता है।

    सौरभ भारद्वाज की स्टेटस रिपोर्ट में कहा गया था कि उन्होंने दिल्ली के उप-राज्यपाल को 2 जनवरी को पत्र लिखकर डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती के लिए यूपीएससी को निर्देशित कर नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाने का अनुरोध किया था।

    दरअसल, 2017 में हाई कोर्ट ने दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में आईसीयू बेड की उपलब्धता और वेंटिलेटर की सुविधा पर स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू की थी।

  • सीबीआई ने एमसीडी के मलेरिया इंस्पेक्टर सहित दो लोगों को रंगे हाथों किया गिरफ्तार

    सीबीआई ने एमसीडी के मलेरिया इंस्पेक्टर सहित दो लोगों को रंगे हाथों किया गिरफ्तार

    नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली नगर निगम ( एमसीडी) पश्चिमी क्षेत्र राजा गार्डन के मलेरिया इंस्पेक्टर मुकेश और एक पूर्व-संविदा कर्मचारी रोहित को 10,000 रुपये रिश्वत लेने के आरोप में रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।

    शिकायतकर्ता की शिकायत पर पूर्व-संविदा कर्मचारी रोहित के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। सीबीआई के मुताबिक आरोपित के खिलाफ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में भी शिकायत दर्ज है।

    आरोपित (पूर्व संविदा कर्मचारी) ने शिकायत को बंद करने और आगे कानूनी कार्रवाई न करने के लिए शिकायतकर्ता से 10,000 रु. रुपये की रिश्वत की मांग की थी। इसे सीबीआई ने रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया। कार्यवाही के दौरान पूर्व संविदा कर्मचारी ने खुलासा किया कि एमसीडी मलेरिया इंस्पेक्टर ने उससे रिश्वत की मांग की थी।

    इसके बाद सीबीआई ने पश्चिमी क्षेत्र राजा गार्डन के मलेरिया इंस्पेक्टर को पूर्व संविदा कर्मचारी से रिश्वत लेते हुए इस रकम के साथ गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई मामले की गहनता से जांच कर रही है। इस क्रम में आरोपितों के परिसरों की तलाशी ली जा रही है।

  • प्रधानमंत्री ने आईआईटी दिल्ली-अबू धाबी कैंपस के छात्रों के पहले बैच के साथ बातचीत की

    प्रधानमंत्री ने आईआईटी दिल्ली-अबू धाबी कैंपस के छात्रों के पहले बैच के साथ बातचीत की

    नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की यात्रा के दौरान वहां आईआईटी दिल्ली-अबू धाबी कैंपस के छात्रों के पहले बैच के साथ बातचीत की। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह न केवल भारत और यूएई के बीच द्विपक्षीय सहयोग में एक नया अध्याय शुरू करता है बल्कि दोनों देशों के युवाओं को एक साथ लाता है।

    विदेश मंत्रालय के अनुसार यूएई में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली के एक कैंपस के उद्घाटन की कल्पना फरवरी 2022 में दोनों देशों के नेतृत्व द्वारा की गई थी। यह परियोजना आईआईटी-दिल्ली और अबू धाबी शिक्षा और ज्ञान विभाग (एडीईके) के बीच एक संयुक्त सहयोग है। इसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर छात्रों को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करना है। यह अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकी, अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच साझेदारी को भी बढ़ावा देगा। पहला शैक्षणिक कार्यक्रम – ऊर्जा संक्रमण और स्थिरता में परास्नातक – इस जनवरी में शुरू हुआ।

  • एनआईए की विशेष अदालत ने चार माओवादियों को उम्रकैद की सजा सुनाई

    एनआईए की विशेष अदालत ने चार माओवादियों को उम्रकैद की सजा सुनाई

    नई दिल्ली । राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) छत्तीसगढ़ की एक विशेष अदालत ने 2014 में राज्य में घात लगाकर किए गए हमले में शामिल प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) के चार सदस्यों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ( सीआरपीएफ) के 11 और चार पुलिस कर्मियों सहित 16 लोग मारे गए थे। एनआईए के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को बताया कि इस मामले में जगदलपुर की अदालत ने राज्य के बस्तर और सुकमा जिलों के महादेव नाग, कवासी जोगा, दयाराम बघेल और मनीराम माड़िया को दोषी ठहराया।

    एनआईए के एक अधिकारी के मुताबिक ये माओवादी वरिष्ठ सीपीआई (माओवादी) नेताओं की देखरेख और निर्देशों के तहत काम करने वाले एक “गैरकानूनी संघ” के सदस्य थे। मार्च 2014 में सुकमा जिले के तहकवाड़ा इलाके में 100 सशस्त्र माओवादियों ने एक संयुक्त सड़क उद्घाटन दल पर घात लगाकर हमला किया था, जिसमें 11 सीआरपीएफ कर्मी, चार राज्य पुलिस कर्मी और एक नागरिक की मौत हो गई थी।

    एनआईए के मुताबिक जांच से पता चला है कि आरोपितों ने हमले के लिए “जन मिलिशिया”, स्थानीय ग्रामीणों और “संगम” सदस्यों को भी संगठित किया था। उन्होंने प्रतिबंधित संगठन के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर घात लगाकर किए गए हमले का नेतृत्व किया। इस दौरान आईईडी विस्फोट किया और सुरक्षा कर्मियों पर गोलीबारी की। हमलावरों ने सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर दी और उनके हथियार लूट लिये।

    यह मामला तोंगपाल पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता, शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत दर्ज किया गया था। एनआईए ने 28 मार्च, 2014 को मामले को दोबारा दर्ज करने के बाद इसकी जांच अपने हाथ में ले ली थी और 18 अगस्त, 2015 को 11 आरोपितों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था।