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  • ज्ञानवापी तहखाना में पूजा मामला में सुनवाई जारी, अगली सुनवाई 15 फरवरी को

    ज्ञानवापी तहखाना में पूजा मामला में सुनवाई जारी, अगली सुनवाई 15 फरवरी को

    प्रयागराज,। वाराणसी स्थित ज्ञानवापी तहखाने में काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को पूजा की अनुमति देने की जिला जज के आदेश की वैधता की चुनौती अपीलों की सुनवाई जारी है। अपीलार्थी अधिवक्ता के अनुरोध पर अगली सुनवाई की तिथि 15 फरवरी तय की गई है।

    यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने मसाजिद कमेटी की तरफ से जिला जज के दो आदेशों की चुनौती अपीलों की सुनवाई करते हुए दिया है। अपीलार्थी की तरफ से पूरक हलफनामा दाखिल किया गया। आदेश की प्रमाणित प्रति दाखिल की गई। अपील दाखिले का दोष समाप्त कर कोर्ट ने नियमित नंबर देने का आदेश दिया। वादी विपक्षी अधिवक्ता ने धारा 107 की अर्जी दाखिल की, जिसे पत्रावली पर रखा गया।

    मस्जिद पक्ष के अधिवक्ता पुनीत गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट की नजीरों के हवाले से तर्क दिया कि अदालत अंतरिम आदेश से फाइनल रिलीफ नहीं दे सकती। प्रश्नगत मामले में तहखाने में पूजा की अनुमति देकर वस्तुतः सिविल वाद स्वीकार कर लिया है। यह भी कहना था कि सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 152 के अंतर्निहित अधिकार का प्रयोग करते हुए अदालत मूल आदेश की प्रकृति में बदलाव का आदेश नहीं दे सकती। गुप्ता ने कहा जिला अदालत ने 17 जनवरी को अर्जी स्वीकार कर केवल एक रिलीफ ही दी। दूसरी मांग पर आदेश नहीं देना ही अनुतोष से इंकार माना जाएगा।

    वरिष्ठ अधिवक्ता एस एफ ए नकवी ने कहा कि 17 जनवरी 24 के मूल आदेश से जिला जज ने जिलाधिकारी वाराणसी को ज्ञानवापी का रिसीवर नियुक्त किया है। जिसमें विवादित भवन की सुरक्षा व देखरेख करने व किसी प्रकार का बदलाव न होने देने का निर्देश दिया है। और 31 जनवरी 24 के आदेश से बैरिकेडिंग काट कर तहखाने में पूजा के लिए दरवाजा बनाने तथा ट्रस्ट को पुजारी के जरिए तहखाने में स्थित देवी देवताओं की पूजा करने की अनुमति देकर अपने ही आदेश का विरोधाभासी आदेश दिया है। जो कानून के खिलाफ है।

    उन्होंने कुछ दस्तावेज़ दाखिल करने के लिए समय मांगा। जिसे स्वीकार करते हुए कोर्ट ने सुनवाई स्थगित कर दी। यह भी कहा कि तहखाने पर किसका अधिकार है यह साक्ष्यों के बाद सिविल वाद के निर्णय से तय होगा। जिला जज ने अंतरिम आदेश से फाइनल रिलीफ देकर गलती की है।

  • प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी दौरे में 21 परियोजनाओं को लोकार्पित करेंगे, रविदास मंदिर भी जाएंगे

    प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी दौरे में 21 परियोजनाओं को लोकार्पित करेंगे, रविदास मंदिर भी जाएंगे

    -कमिश्नर कौशलराज शर्मा ने लोकार्पित होने वाले परियोजनाओं को लेकर बैठक की

    बोले- परियोजनाओं में कोई कमी न रहने पाये

    वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वाराणसी दौरे की तैयारियां युद्धस्तर पर चल रही हैं। वाराणसी दौरे में प्रधानमंत्री 21 परियोजनाओं को लोकार्पित करने के साथ 12 परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। सोमवार को मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा की अध्यक्षता में वाराणसी में गतिमान विभिन्न परियोजनाओं को लेकर समीक्षा बैठक हुई। प्रधानमंत्री के प्रस्तावित दौरे के दौरान लोकार्पित होने वाली विभिन्न विभागों के परियोजनाओं की वर्तमान प्रगति की कमिश्नर ने जानकारी ली।

    कमिश्नर ने सभी संबंधित विभागों से परियोजनाओं के बारे में एक पेज लिखित, उसकी अच्छी क्वालिटी की एचडी फोटो, वीडियो तथा सभी लिखित कार्यों को मंगल फॉन्ट में उल्लिखित करने को कहा। एनएचएआई ने वाराणसी-औरंगाबाद छह लेन चौड़ीकरण के कार्य के बारे में बताया। अफसरों ने बताया कि लगभग कार्य पूरे हो चुके हैं तथा बचे हुए कार्यों को 15 फरवरी तक पूरा करा लिया जायेगा। मंडलायुक्त ने करखियांव स्थित बनास काशी संकुल डेयरी, सिगरा स्टेडियम पुनरुद्धार के कार्य, रमना में बन के तैयार वेस्ट टू चारकोल प्लांट, पंचकोशी परिक्रमा मार्ग तथा संत रविदास मंदिर के पुनरुद्धार कार्य के तैयारियों का जानकारी लेते हुए सभी को जल्द से जल्द कार्यों को अंतिम रूप देने को कहा।

    मंडलायुक्त ने शिलान्यास होने वाली विभिन्न परियोजनाओं की तैयारियों का जायजा भी लिया। जिसमें बड़ा लालपुर में निफ्ट का कैम्पस, बीएचयू में बनने वाली नेशनल सेंटर फॉर एजिंग, भारतमाला परियोजना के तहत बनने वाले वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेस-वे, लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट पर मल्टी कार-पार्किंग, भेल द्वारा करखियांव में एडवांस्ड रिसर्च एंड मैन्युफैक्चरिंग प्लांट, मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास, संत गुरु रविदास म्यूजियम व पार्क समेत विभिन्न परियोजनाएं शामिल हैं।

    जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने विभिन्न विभागों से लोकार्पित होने वाली परियोजनाओं की बिन्दुवार जानकारी लेते हुए कहा कि लोकार्पण को तैयार विभिन्न परियोजनाओं में किसी भी स्तर पर कमी नहीं रहने पाये इसका सभी संबंधित विभाग ध्यान देंगे।

    बैठक में नगर आयुक्त अक्षत वर्मा, मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल, सीएमओ समेत एनएचएआई, लोकनिर्माण, पर्यटन, जलनिगम के अफसर मौजूद रहे।

  • फर्जी वारिसान प्रमाणपत्र बनवाने के आरोप में एक ही परिवार के 5 लोगों पर केस दर्ज

    फर्जी वारिसान प्रमाणपत्र बनवाने के आरोप में एक ही परिवार के 5 लोगों पर केस दर्ज

    – जनपद संभल के शिकायतकर्ता ने मुरादाबाद के एसएसपी से लगाई थी न्याय की गुहार

    मुरादाबाद। मुरादाबाद के थाना सिविल लाइंस पुलिस ने जनपद संभल निवासी व्यक्ति की तहरीर पर धोखाधड़ी कर फर्जी वारिसान प्रमाणपत्र बनवाने के आरोप में थाना कटघर क्षेत्र के एक ही परिवार के पांच लोगों के खिलाफ सोमवार को केस दर्ज किया है।

    जनपद संभल के नया बाजार बहजोई निवासी देवेश कुमार ने बीते दिनों मुरादाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को दिए शिकायती पत्र में कहा था कि कटघर के मोहल्ला गाड़ी खाना में गीता सिंह राठौर पत्नी स्वर्गीय गुलाब सिंह राठौर का परिवार रहता है। आरोप लगाया कि गीता सिंह ने अपने बेटे अनुकूल सिंह और बेटी शिखा सिंह, सृष्टि सिंह और श्वेता सिंह के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा करके सदर तहसील से 17 दिसंबर 2018 को वारिसान प्रमाणपत्र जारी करा लिया। इसमें आरोपी गीता सिंह ने अपनी विवाहित बेटी सृष्टि सिंह को अविवाहित दर्शाया। देवेश कुमार के अनुसार बाद में आरोपितों ने इस फर्जी वारिसान प्रमाणपत्र को विभिन्न न्यायालयों में अनुचित लाभ के लिए लगाया।

    शिकायतकर्ता द्वारा इस मामले की शिकायत राज्यपाल से की गई तो उनके आदेश पर जांच करके एडीएम सिटी वारिसान प्रमाणपत्र निरस्त करने का आदेश दिया जिसके बाद तत्कालीन एसडीएम सदर प्रशांत तिवारी ने 21 जून 2021 को स्वर्गीय गुलाब सिंह राठौर का वारिसान प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया, लेकिन आरोपितों पर कोई रिपोर्ट नहीं लिखी गई जिसके बाद देवेश कुमार ने मुरादाबाद के एसएसपी हेमराज मीणा से गुहार लगाई। जिस पर कप्तान ने संबंधित थाना पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए।

    थाना सिविल लाइन एसएचओ आरपी शर्मा ने बताया कि मामले में एसएसपी के आदेश के बाद सोमवार को तहरीर के आधार पर पांच नामजद आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का केस दर्ज कर लिया हैं और जांच शुरू कर दी हैं। विवेचना में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

  • मोदी सरकार श्वेत पत्र जारी कर छुपा रही है अपनी विफलताएं : कांग्रेस

    मोदी सरकार श्वेत पत्र जारी कर छुपा रही है अपनी विफलताएं : कांग्रेस

    नई दिल्ली। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने श्वेत पत्र जारी कर अपनी विफलताओं को छुपाने की कोशिश की है।

    कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले दिनों मोदी सरकार एक फर्जी श्वेत पत्र लेकर आई थी। विडंबना ये है कि मोदी सरकार अपना रिपोर्ट कार्ड नहीं दिखा रही बल्कि 10 साल पहले की सरकार का लेखा-जोखा लेकर आई है। सुप्रिया ने कहा कि वह मोदी सरकार को खुली चुनौती देती हैं कि वे अपने बनाए मानक पर कांग्रेस और भाजपा सरकार के 10 साल के आंकड़े रखकर देख लें। इससे सच सामने आ जाएगा।

    श्रीनेत ने कहा कि मोदी सरकार के श्वेत पत्र पर वित्त मंत्रालय से साजिशन वैधता ली गई, जिसमें वित्त मंत्रालय के अफसरों को खुद के किए गए कामों को नकारना पड़ा। हालांकि इन साजिशों के बावजूद यूपीए के 10 वर्षों की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर, भाजपा सरकार के 10 वर्षों से कहीं अधिक थी। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में जीडीपी ग्रोथ रेट 06 फीसदी से नीचे आ गई। लोगों की आय घटी, उपभोग घटा, बेरोजगारी बढ़ी, निवेश घटा, महंगाई बढ़ी और बचत खत्म हो गई।

    सुप्रिया ने कहा कि देश पर कर्ज बढ़ा है। रुपया की वैल्यू कम हुई है। पेट्रोल और डीजल महंगा हुआ। बेरोजगारी सबसे बड़ी त्रासदी बनी, उत्पादन और सर्विसेज में रोजगार घटे, मनरेगा पर ज्यादा खर्च करना पड़ा, शिक्षा और स्वास्थ्य में कम पैसा खर्च हुआ, प्राइवेट निवेश गिरा है। उन्होंने कहा कि कोरोना आने से पहले हमारे देश की जीडीपी ग्रोथ आधी हो गई थी, जिसका कारण नोटबंदी और गलत जीएसटी था। वर्ष 2016 के बाद 2019 में जीडीपी ग्रोथ 3.9 फीसदी पर आकर गिर गई थी और देश में 45 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी थी। यह सरकार की विफल नीतियों का प्रमाण है, जिसका ठीकरा कोरोना पर नहीं फोड़ा जा सकता।

  • सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे अमेरिकी यात्रा पर, मजबूत होगा सैन्य सहयोग

    सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे अमेरिकी यात्रा पर, मजबूत होगा सैन्य सहयोग

    – जनरल रैंडी जॉर्ज के साथ उच्चस्तरीय वार्ता में भाग लेंगे जनरल पांडे

    – भारतीय थल सेनाध्यक्ष पेंटागन का भी करेंगे दौरा

    नई दिल्ली। थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे 13 से 16 फरवरी तक संयुक्त राज्य अमेरिका के आधिकारिक दौरे पर रहेंगे। वह सोमवार को अपनी अमेरिकी यात्रा के लिए रवाना हो गए। उनकी यह यात्रा भारत और अमेरिका के बीच मजबूत सैन्य सहयोग और रणनीतिक साझेदारी को रेखांकित करती है। इस यात्रा का लक्ष्य रक्षा सहयोग तथा दोनों देशों की सेनाओं के बीच संबंधों को और मजबूत करना है।

    कर्नल सुधीर चमोली ने बताया कि अपनी यात्रा के दौरान थल सेनाध्यक्ष जनरल पांडे यूनाइटेड स्टेट्स चीफ ऑफ स्टाफ ऑफ आर्मी (सीएसए) के जनरल रैंडी जॉर्ज और अन्य वरिष्ठ सैन्य प्रमुखों के साथ उच्चस्तरीय वार्ता में भाग लेंगे। ये बातचीत दोनों देशों के बीच वैश्विक शांति और सुरक्षा के प्रति सम्मान एवं आपसी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। संयुक्त राज्य अमेरिका पहुंचने पर उन्हें प्रतिष्ठित अमेरिकी सेना की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर दिया जायेगा। वह आर्लिंगटन राष्ट्रीय कब्रिस्तान में अज्ञात सैनिकों के सम्मान में बने स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे और पेंटागन का भी दौरा करेंगे।

    उन्होंने बताया कि जनरल पांडे की इस यात्रा में ‘भारतीय सेना में बदलाव’, ‘वैश्विक खतरे की धारणा’, ‘2030 एवं 2040 के अनुरूप सेना में बदलाव’, ‘मानव संसाधन संबंधी चुनौतियां’, ‘भविष्य की सेना के विकास और आधुनिकीकरण’ तथा ‘सह-उत्पादन एवं सह-विकास पहल’ जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विचारों का आदान-प्रदान किया जाएगा। इन चर्चाओं का उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच जानकारियां, विचार और सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को साझा करना है।

    इसके अलावा यात्रा के दौरान फोर्ट बेल्वोइर में ‘आर्मी जियोस्पेशियल सेंटर’, फोर्ट मैकनेयर में ‘नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी’ का दौरा और मुख्यालय 1 कोर के प्रमुखों के साथ बातचीत करना शामिल है। वह सैन्य नवाचार और रणनीति में सबसे आगे रहने वाली इकाइयों के साथ भी जुड़ेंगे, जिनमें स्ट्राइकर यूनिट, पहली मल्टी-डोमेन टास्क फोर्स, सिएटल में पहला विशेष सेना समूह और सैन फ्रांसिस्को में रक्षा नवाचार इकाई शामिल हैं। उनके कैलिफोर्निया नेशनल गार्ड के दौरे पर भी जाने की योजना है, जिसका उद्देश्य अधिक महत्वपूर्ण प्रशिक्षण, सह-विकास और सह-उत्पादन गतिविधियों के लिए अवसरों को तलाशना है।

    भारतीय सेना और अमेरिकी सेना की ओर से पिछले साल राजधानी के मानेकशा सेंटर में हुए इंडो-पैसिफिक आर्मी चीफ्स कॉन्फ्रेंस (आईपीएसीसी) में शामिल होने के लिए यूनाइटेड स्टेट्स चीफ ऑफ स्टाफ ऑफ आर्मी जनरल रैंडी जॉर्ज भारत आये थे। इस सम्मेलन में 18 सेनाओं के प्रमुख और 12 देशों के प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुख शामिल हुए थे। आईपीएसीसी के दौरान जनरल रैंडी जॉर्ज और जनरल मनोज पांडे के बीच सकारात्मक बातचीत हुई। दोनों अधिकारियों ने सैन्य सहयोग, एचएडीआर के लिए समन्वित दृष्टिकोण, सेनाओं के बीच प्रयासों को बढ़ाने और आपसी हित के अन्य मुद्दों से संबंधित व्यापक मुद्दों पर चर्चा की थी।

    जनरल पांडे की यह यात्रा भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो सैन्य सहयोग बढ़ाने, वैश्विक खतरे की धारणाओं पर रणनीतिक दृष्टिकोण का आदान-प्रदान करने और भविष्य की सेना के विकास और आधुनिकीकरण की दिशा में मिलकर काम करने की पारस्परिक इच्छा को दर्शाती है। जनरल मनोज पांडे और अमेरिकी सेना के वरिष्ठ प्रतिनिधियों के बीच बातचीत से ठोस परिणाम मिलने, साझे सुरक्षा हितों और रक्षा सहयोग के लिए अनुकूल परिवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। यह यात्रा भारत तथा अमेरिका के बीच साझे मूल्यों और हितों की साझेदारी को रेखांकित करती है।

  • मिथुन चक्रवर्ती को मिली अस्पताल से छुट्टी, बोले- जल्द ही फिल्मों की शूटिंग शुरू करुंगा

    मिथुन चक्रवर्ती को मिली अस्पताल से छुट्टी, बोले- जल्द ही फिल्मों की शूटिंग शुरू करुंगा

    कोलकाता। भाजपा नेता और अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को सोमवार दोपहर कोलकाता के अपोलो अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। डॉक्टरों ने उन्हें नियमित दवाई लेने और कम से कम 15 दिनों तक लम्बे आराम करने की सलाह दी है।

    अस्पताल से बाहर निकलकर मिथुन चक्रवर्ती ने कहा कि वह बिल्कुल ठीक हैं और जल्द ही फिल्मों की शूटिंग शुरू करेंगे। इस दौरान पत्रकारों ने उनसे राजनीतिक सवाल भी पूछे। लोकसभा चुनाव लड़ने के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अब मैं इलेक्शन नहीं लडूंगा, मगर भाजपा के लिए चुनाव प्रचार जरूर करुंगा। उन्होंने कहा कि अगली एक तारीख से ही मैं चुनाव प्रचार शुरू करूंगा। पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार के अलावा अगर मुझे किसी दूसरे राज्य में जाना होगा, तो मैं वहां भी जाऊंगा।

    संदेशखाली में भाजपा विधायकों को रोके जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि शुभेंदु अधिकारी बहुत शक्तिशाली नेता हैं। उन्हें रोककर कोई फायदा नहीं है।

    73 वर्षीय अभिनेता को शनिवार को एक बांग्ला फिल्म की शूटिंग के दौरान ब्रेन स्ट्रोक आने की वजह से अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी रविवार को उनसे फोन पर बात की थी।

  • टीएमसी के गुंडे लड़कियों का अपहरण कर रहे हैं: स्मृति ईरानी

    टीएमसी के गुंडे लड़कियों का अपहरण कर रहे हैं: स्मृति ईरानी

    नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में हुई हिंसा को लेकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने ममता बनर्जी सरकार पर तीखा हमला बोला है।

    सोमवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में स्मृति ईरानी ने कहा कि टीएमसी के गुंडे लड़कियों का अपहरण कर रहे हैं। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि ममता बनर्जी टीएमसी कार्यकर्ताओं को यह इजाजत कैसे दे रही हैं कि वो घर-घर जाकर महिलाओं को प्रताड़ित कर रहे हैं। पुलिस भी संदेशखाली हिंसा में मौन है।

    स्मृति ईरानी ने कहा कि आज संदेशखाली में पीड़ित महिलाओं ने प्रेसवार्ता की लेकिन उनकी आवाज को दबाने के लिए वहां धारा 144 लगा दी गई। उन्होंने पूछा कि हम नागरिक के रूप में मूकदर्शक बने रह सकते हैं? यह कौन आदमी है, जिस पर संदेशखाली की महिलाओं ने बंगाली हिंदू महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया है? अब तक हर कोई यही सोच रहा था कि शाहजहां शेख (टीएमसी नेता) कौन हैं? अब, जिस सवाल का जवाब ममता बनर्जी को देना है वह है – शाहजहां शेख कहां हैं?”

    उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में स्थानीय महिलाएं टीएमसी नेताओं द्वारा कथित उत्पीड़न और यातना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही हैं।

  • दुष्कर्मी नेताओं को बचा रही भाजपा : अल्का लांबा

    दुष्कर्मी नेताओं को बचा रही भाजपा : अल्का लांबा

    लखनऊ। भारत जोड़ो न्याय यात्रा के पंच न्याय में एक न्याय है महिला न्याय, कांग्रेस प्रतिबद्ध है हर पीड़ित महिला को न्याय दिलाने के लिए, कांग्रेस संघर्षरत है हर महिला को न्याय का हक मिलने तक। ये बातें अखिल भारतीय महिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष अल्का लांबा ने प्रेसवार्ता के दौरान कहीं।

    अल्का लांबा ने कहा कि भाजपा जिस तरह से अपने दुष्कर्मी नेताओं को बचा रही है, उससे उसका महिला विरोधी चेहरा उजागर होता है। उन्होंने सोमवार को यहां भाजपा के कथित रूप से दुष्कर्मी नेताओं का एक पोस्टर भी जारी किया। उन्होंने कहा कि दुनिया में भारत का नाम रोशन करने वाली बेटियों का शोषण करने वाले बृजभूषण शरण सिंह को सरकार का पूर्ण संरक्षण प्राप्त है। उसी पोस्टर में पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, भाजपा विधायक रमेश जारकीहोली, पूर्व भाजपा विधायक रामदुलार गौर, भाजपा नेता पदम राजन, कन्हैयालाल मिश्रा, पूर्व सांसद चिन्मयानंद, पूर्व मंत्री संदीप सिंह सैनी जैसे भाजपा से जुड़े और महिलाओं के प्रति अपराध में संलिप्त नेताओं की करतूत उनकी तस्वीरों समेत शामिल हैं।

    लांबा ने कहा कि पूरे देश में सबसे ज्यादा महिलाओं के प्रति अपराध उ0प्र0 में होते हैं। महिला कांग्रेस प्रतिबद्ध है हर पीड़िता की मदद के लिए, उन्हें न्याय दिलाने के लिए। उन्होंने नारी न्याय योद्धा बनने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर ( 9891802024 ) भी जारी किया। लांबा ने कहा कि ‘‘डोनेट फॉर न्याय’’ अभियान के तहत महिला कांग्रेस पूरे सम्पर्ण से लगी है और ‘‘एक दान देश की बेटियों के नाम’’ के साथ इस अभियान को मजबूती प्रदान कर रही है।

    उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा के समर्थन में हर जिला मुख्यालय पर निकाली जा रही यात्रा में महिला कांग्रेस भी सहभागी बनेगी और 50 किलोमीटर की यात्रा तय करेगी। उन्होंने कहा कि 10 जनवरी को राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष बनने के बाद एक महीने में वह 16 राज्यों का दौरा कर चुकी हैं। आज सुबह वह अपने दो दिवसीय दौर पर लखनऊ पहुंची।

    प्रेसवार्ता में महिला कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय अध्यक्ष अल्का लांबा के साथ अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव शामीना शफीक, राष्ट्रीय सचिव प्रभारी मध्य जोन विद्या नेगी, आगरा जोन प्रभारी संगीता गर्ग आदि मौजूद रहीं।

  • लखनऊ में लगेगा जल नीतिकारों का कुंभ, सभी राज्यों के प्रमुख सचिव करेंगे मंथन

    लखनऊ में लगेगा जल नीतिकारों का कुंभ, सभी राज्यों के प्रमुख सचिव करेंगे मंथन

    लखनऊ। राजधानी लखनऊ में देश के जलनीतिकारों की सबसे बड़ी जुटान होने को है। पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय की सचिव विनी महाजन की अगुआई में सभी प्रदेशों के जलशक्ति विभाग के प्रमुख सचिव और निदेशक यहां मौजूद होंगे। वे अपने-अपने प्रदेशों में किए जा रहे कामों के बारे में चर्चा करेंगे। इस चर्चा के दौरान जीवनस्रोत जल के संरक्षण के लिए नीति तैयार की जाएगी। ताकि आने वाली पीढ़ियों को साफ जल मिले और जल का भंडार अक्षय रहे।

    उत्तर प्रदेश सरकार इसी कॉन्फ्रेंस में घरों तक नल से जल पहुंचाने की प्रक्रिया और उसके प्रबंधन के बारे में अपना पेपर प्रस्तुत करेगी। योगी सरकार बनने के बाद जल जीवन मिशन में देशभर के प्रदेशों का अगुआ बनकर उत्तर प्रदेश उभरा है। यही वजह है कि योगी सरकार की अगुआई में इस बार देश के सबसे बड़े जल सम्मेलन की मेजबानी का अवसर उत्तर प्रदेश को दिया गया है।

    16 और 17 फरवरी को अलग-अलग विषयों पर होगी चर्चा

    राजधानी स्थित एक होटल में 16 और 17 फरवरी को अलग-अलग विषयों पर जलशक्ति विभाग की नीतियों के वाहक अपने विचार रखेंगे। वे बताएंगे कि जल जीवन मिशन के तहत उन्होंने अपने-अपने प्रदेश में क्या किया है। इसके अलावा परियोजनाओं को जमीन पर उतारने के दौरान जो चुनौतियां सामने आईं, उन पर भी बात होगी। सेशन दर सेशन होने वाली इस चर्चा के बाद जल संरक्षण, जल वितरण और इससे जुड़ी नीतियों पर आम राय बन सकती है, जिसे पूरे देश में लागू किया जाएगा।

    उप्र में होने जा रही इस जुटान की एक और खास बात यह है कि इस बार इसके साथ स्वच्छ भारत मिशन की भी चर्चा होगी। विशेषज्ञ स्वच्छ भारत मिशन और जल जीवन मिशन को एक साथ रखकर इसके विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे।

    चर्चा के लिए सात थीम की गईं है तय

    जलशक्ति विभाग द्वारा आयोजित इस समारोह में चर्चा के लिए सात थीम तय की गई हैं। पहले दिन उद्घाटन के बाद वॉश यानी, वॉटर, सेनिटेशन और हाइजीन पर चर्चा होगी। सभी प्रदेशों के ब्यूरोक्रेट्स और इन विभागों से जुड़े दूसरे अधिकारी इन विषयों पर बातचीत के रास्ते किसी नीति की तरफ बढ़ेंगे। जबकि परिचर्चा के दौरान एक सत्र केवल इस दिशा में किए गए बेहतर कामों को साझा करने के लिए आरक्षित रखा गया है। इससे अभिनव प्रयोगों के बारे में लोग एक दूसरे के बारे में जान सकेंगे। बेहतर कामों को दूसरी जगहों पर भी लागू करने की राह इसी सत्र से खुलेगी।

    जल जीवन मिशन की चुनौतियों और इसके स्थायित्व पर चर्चा करने के लिए भी एक अलग सत्र रखा गया है। घरों तक नल से जल पहुंचाने के चुनौतीपूर्ण काम के बाद इसे बरकरार रखना भी एक चुनौती होगी। इस पर बातचीत ऑपरेशन एंड मेंटीनेंस के लिए आयोजित सत्र में की जाएगी। जल जीवन मिशन का एक महत्वपूर्ण काम लोगों को कुशल बनाना भी है। इस मिशन के तहत किस क्षेत्र में लोगों की कुशलता को विकसित किया जाएगा, जिससे उनके लिए रोजगार के साधन तो खुलेंगे ही योजना की सफलता भी उसी पर निर्भर करेगी। इसके लिए कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन सत्र रखा गया है। जनता के फीडबैक और उनकी समस्याओं का फौरी समाधान कैसे होगा, इस पर चर्चा सत्र के दूसरे दिन की जाएगी।

  • अब कक्षा 9 से 12 के लिए भी आयोजित होगी शिक्षक पात्रता परीक्षा, एनसीटीई-सीबीएसई तैयार कर रहे हैं सिलेबस

    अब कक्षा 9 से 12 के लिए भी आयोजित होगी शिक्षक पात्रता परीक्षा, एनसीटीई-सीबीएसई तैयार कर रहे हैं सिलेबस

    -पहली बार आयोजित हुआ शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पर केन्द्रित अखिल भारतीय राष्ट्रीय सम्मेलन

    नई दिल्ली। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् (एनसीटीई) ने माध्यमिक स्तर (कक्षा 9 से कक्षा 12 तक) पर शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को शुरू करने की योजना पर काम कर रहा है। अब तक शिक्षकों के लिए टीईटी की परीक्षा सिर्फ 9वीं तक हुआ करती थी। सोमवार को नई दिल्ली में आयोजित एनसीटीई द्वारा केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के सहयोग से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी 2020) के आलोक में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पर अखिल भारतीय राष्ट्रीय सम्मेलन में इसकी अनुशंसा की गई ।

    सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए एनसीटीई की सदस्य सचिव केसांग वाई. शेरपा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में विभिन्न स्तरों पर टीईटी को लागू करने की अनुशंसा की गई है। एनसीटीई माध्यमिक स्तर (कक्षा 9 से कक्षा 12 तक) पर टीईटी को प्रस्तावित एवं कार्यान्वित करने की दिशा में काम कर रहा है। सीबीएसई की अध्यक्ष निधि छिब्बर ने अपने संबोधन में कहा कि एक शिक्षक की क्षमता ही कक्षा में एक स्वस्थ वातावरण का निर्माण करती है, इसलिए शिक्षक पात्रता परीक्षा, एक शिक्षक की क्षमता एवं दक्षता को समझने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

    उन्होंने कहा कि सीबीएसई पिछले लम्बे समय से टीईटी की परीक्षा आयोजित करता रहा है, जिससे उसके पास एक लंबा अनुभव है, हम एनसीटीई के साथ इस संदर्भ का डेटा का साझा करेंगे और भावी योजना को साथ मिलकर क्रियान्वित करेंगे। इनकम टैक्स के प्रिंसिपल कमिश्नर विक्रम सहाय ने कहा कि शिक्षा के अलग-अलग स्तरों पर चुनौतियों के स्तर में भी बदलाव आता है, इसलिए हर स्तर की पात्रता के लिए मानकीकरण भी आवश्यक है।

    एनसीटीई के अध्यक्ष प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था का मुख्य ध्यान अंकों पर केन्द्रित होने के बजाय विद्यार्थियों में मूल्यों को विकसित करने पर भी होना चाहिए। शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए सिंह ने कहा कि समझ की समझ को विकसित करना ही शिक्षा है। टीईटी, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् के समन्वयक अभिमन्यु यादव ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पर प्रजेंटेशन देते हुए स्कूल शिक्षकों की गुणवत्ता और क्षमता के सुधार में टीईटी की यात्रा पर प्रकाश डाला। इस दौरान यादव ने परीक्षा प्रक्रिया, पात्रता मानक व स्कूलों में योग्य टीचिंग प्रोफेशनल्स के चयन को सुनिश्चित करने और इसे स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों तक विस्तारित करने के महत्व जैसे बिंदुओं पर चर्चा की।