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  • जयपुर जिले के 19 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 51 लाख 56 हजार से ज्यादा मतदाता

    जयपुर जिले के 19 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 51 लाख 56 हजार से ज्यादा मतदाता

    जयपुर। निर्वाचन विभाग के निर्देशानुसार अर्हता तिथि 01 जनवरी 2024 के सन्दर्भ में जयपुर जिले की 19 विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन कर दिया गया है। जिला निर्वाचन अधिकारी प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद जिले के समस्त 19 विधानसभा सीटों पर मतदाताओं की कुल संख्या 51 लाख 56 हजार 969 है। जिनमें 26 लाख 88 हजार 498 पुरुष मतदाता एवं 24 लाख 68 हजार 471 महिला मतदाता शामिल हैं।

    उन्होंने बताया कि बताया कि निर्वाचन विभाग के निर्देशानुसार 06 जनवरी 2024 को मतदाता सूची का प्रारूप प्रकाशन किया गया था। प्रारूप में कुल 51 लाख 07 हजार 169 मतदाता शामिल थे जिनमें 26 लाख 65 हजार 828 पुरुष मतदाता एवं 24 लाख 41 हजार 341 महिला मतदाता सम्मिलित थीं।

    उपजिला निर्वाचन अधिकारी नीलिमा तक्षक ने बताया कि इस दौरान 80 हजार 393 नए मतदाता सूची में शामिल हुए जिसमें 38 हजार 288 पुरुष मतदाता एवं 42 हजार 651 महिला मतदाता शामिल हैं। विधानसभा चुनाव के पश्चात 8 हजार 382 मतदाताओं के निधन, 18 हजार 56 मतदाताओं के स्थानांतरण एवं 4 हजार 701 दोहरी प्रविष्टि होने से कुल 31 हजार 139 मतदाताओं ने नाम विलोपित कर मतदाता सूची का शुद्धिकरण किया गया। जिनमें 15 हजार 618 पुरुष एवं 15 हजार 521 महिला मतदाता शामिल हैं। इस प्रकार प्रारूप प्रकाशन के बाद अंतिम मतदाता सूची तक कुल 49 हजार 800 मतदाताओं में वृद्धि हुई है।

  • बिहार की छह राज्यसभा सीटों के लिए नामांकन शुरु, कांग्रेस की बढ़ेगी मुश्किल

    बिहार की छह राज्यसभा सीटों के लिए नामांकन शुरु, कांग्रेस की बढ़ेगी मुश्किल

    पटना। बिहार से रिक्त हो रही राज्य सभा की छह सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया गुरुवार को शुरू हो गई। राजद के मनोज कुमार झा और अहमद अशफाक करीम, जदयू के अनिल प्रसाद हेगड़े और वशिष्ठ नारायण सिंह, भाजपा के सुशील कुमार मोदी और कांग्रेस सदस्य अखिलेश प्रसाद सिंह का कार्यकाल पूरा हो रहा है। अंक गणित के हिसाब से देखे तो कांग्रेस से अखिलेश प्रसाद सिंह का गणित इसमें बिगाड़ता नजर आ रहा है।

    इन सांसदों की रिक्त हो रही इन्हीं छह सीटों के लिए चुनाव होंगे। नामांकन की अंतिम तारीख 15 फरवरी है। नामांकन पत्रों की जांच 16 फरवरी और नाम वापसी की तारीख 20 फरवरी तक है।27 फरवरी को चुनाव होगा और उसी दिन शाम में 5:00 बजे काउंटिंग भी होगी।

    राज्यसभा का चुनाव जीतने के लिए कम से कम 37 विधायकों के समर्थन की जरूरत होती है। ऐसे में विधान सभा में दलीय स्थिति देखें तो कुल 243 सीटें हैं। इसमें राजद के सर्वाधिक 79 विधायक हैं। वहीं भाजपा के 78, जदयू के 45, कांग्रेस के 19, वामदलों के 16 (भाकपा माले 12, भाकपा 2 और माकपा 2 ) हम के 4 जबकि एक निर्दलीय विधायक हैं। एक विधायक एआईएमआईएम का है। विधायकों का आंकड़ा देखें तो राजग के पास सबसे ज्यादा विधायक हैं। इससे भाजपा को इस बार 2 सीटों पर जीत मिलनी तय है। वहीं 45 विधायक होने के नाते जदयू को एक सीट का नुकसान होना तय है।

    दूसरी ओर राजद के 78 विधायक हैं जिस कारण पार्टी के दो राज्य सभा सांसद फिर से जीत जाएंगे।. कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी दुविधा वाली स्थिति है। कांग्रेस के अपने विधायकों की संख्या 19 है। वहीं राजद के दो सांसद जीतते हैं तो 74 विधायकों का समर्थन उनको जाएग, जबकि 4 विधायकों के वोट शेष रहेंगे। इससे कांग्रेस के उम्मीदवार को 23 विधायकों का समर्थन मिल जाएगा लेकिन जीत के लिए 37 के समर्थन से यह 14 कम है। इस स्थिति में पूरा खेल वामदलों पर निर्भर करता है जिसके 16 विधायक हैं। लेकिन यही कांग्रेस की परेशानी है। अपने बलबूते चुनाव जीतना कांग्रेस के लिए संभव नहीं है। इसलिए पार्टी को राजद और वामदलों के समर्थन की जरूरत है।

    सूत्रों का कहना है कि इसी का फायदा राजद और वामदलों द्वारा उठाया जा सकता है। वामदलों के नेताओ की माने तो पार्टी चाहती है कि उसके किसी उम्मीदवार को राज्य सभा भेजा जाए और इसके लिए कांग्रेस और राजद मदद करे। इसके पीछे एक कारण यह भी बताया जा रहा है कि वामदलों को आगामी लोकसभा चुनाव में सीमित सीटों पर चुनाव लड़ाने की कांग्रेस और राजद की योजना है। इस स्थिति में वामदल फ़िलहाल एक राज्य सभा की सीट चाहते हैं।. इससे कांग्रेस को अपनी एक जीती हुई सीट छोड़ने की मजबूरी होगी।

    कांग्रेस सूत्रों की मानें तो पार्टी हर हालत में बिहार से फिर से राज्य सभा की एक सीट वापस चाहती है। इसके लिए पिछले दिनों राजद सुप्रीमो लालू यादव से भी कांग्रेस को आश्वासन मिला था। पार्टी राज्यसभा में अपनी स्थिति मजबूत बनाए रखना चाहती है। ऐसे में इस बार देश में जिन राज्यों में चुनाव हो रहे हैं उसमें 10 राज्य सभा की सीटों पर कांग्रेस जीत हासिल करना चाहती है। इसमें कांग्रेस को हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र से एक, तेलंगाना से दो और कर्नाटक से तीन सीटें मिलेंगी। पार्टी बिहार में अगर वामदलों की ओर से कोई बड़ी शर्त रखी जाती है तो उस स्थिति में लोकसभा चुनाव में एकाध सीटें वामदलों को देकर राज्य सभा की एक सीट पर जीत तय करना चाहेगी।

  • हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन को लेकर अब तक संशय,ईओ और चेयरमैन आमने सामने

    हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन को लेकर अब तक संशय,ईओ और चेयरमैन आमने सामने

    अररिया। पटना हाईकोर्ट की ओर से याचिका संख्या 7031/23 के 22 जनवरी 2024 में दिए गए आदेश के अनुपालन को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है।याचिका आदेश चंद्रनाथ चंदन के प्रोन्नति को लेकर है।मामले को लेकर नगर परिषद के मुख्य पार्षद वीणा देवी और कार्यपालक पदाधिकारी संदीप कुमार आमने सामने हैं।

    मुख्य पार्षद के द्वारा कार्यपालक पदाधिकारी से मांगे गए नाजिर बही से संबंधित पत्र के आलोक में ईओ ने चेयरमैन को पत्रांक 246 दिनांक 7 फरवरी 2024 को जबाब दिया है ।जिसमे ईओ ने कार्यालय पत्रांक 208 दिनांक 2 फरवरी 2024 के अनुपालन में सशक्त स्थायी समिति की कार्यवाही पुस्तिका के चेयरमैन के अभिरक्षा से 7 फरवरी को मिलने की बात कही गई है।कार्यवाही पंजी में 31 जनवरी 24 के विचारणीय विषय से हटकर अंकित निर्णय के परिशिलन से अधिनियम एवं नियम के किस प्रदत शक्तियों का प्रयोग कर निर्णय को अंकित किया गया है,अस्पष्ट होने की बात कही।

    कार्यपालक पदाधिकारी ने सवालिया राज्य में जवाब देते हुए कहा है कि किस प्रकार राज्य सरकार की शक्तियां मुख्य पार्षद में निहित है जो उससे 72 घंटे या 24 घंटे से संबंधित पत्र प्रेषित की गई। जवाब में उन्होंने मुख्य पार्षद के द्वारा प्रतिशपथ पत्र में गठित जांच समिति एवं कथित समिति के मार्गदर्शन की भूमिका का उल्लेख नहीं करने जैसी चक के जिम्मेवार कार्यपालक पदाधिकारी के होने पर भी सवाल खड़ा किया। ईओ ने कार्यवाही पंजी में छह दिनों की तैयार लेखनी का जिक्र किया है और कहा है कि बैठक में याचिका करता के प्रोन्नति से संबंधित प्राप्त करायी गई सूची कार्यालय पत्रांक 196 दिनांक 31 जनवरी 24 अंकित नहीं है।ईओ ने विभिन्न पात्रों के हवाले से कहा है कि दिव्या विभाग और हाईकोर्ट को गुमला नहीं कर रहे हैं।वहीं हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में अब तक ठोस निर्णय नही लेने पर अग्रतर कार्रवाई की बात कही।

    नगर परिषद में प्रधान सहायक के पद को लेकर कई माह से विवाद चल रहा है।प्रभारी प्रधान सहायक की जिम्मेवारी चंद्रनाथ चंदन को हटाकर सशक्त स्थायी समिति के द्वारा कामख्या नारायण सिंह उर्फ कुंदन सिंह को सौंपी गई।जिसको लेकर चंद्रनाथ चंदन ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए याचिका संख्या 7031/2024 दायर की गई थी।जिसमे पटना हाईकोर्ट ने 22 जनवरी को आदेश देते हुए प्रोन्नति मामले में तीन सप्ताह के भीतर निर्णय लेने का आदेश दिया।मुख्य पार्षद वीणा देवी का आरोप है कि कार्यपालक पदाधिकारी चंद्रनाथ चंदन को बचा रहे हैं।जबकि वह गबन का आरोपी है और जो दस्तावेज की मांग की जा रही है,उससे ध्यान भटकाया जा रहा है।

    मुख्य पार्षद का कहना है कि चंद्रनाथ चंदन के समय अवधि का नाजिर बही गायब है।हालांकि मामले में पूर्व में चंद्रनाथ चंदन ने छह पेज के जवाब में नाजिर बही को लेकर कार्यपालक पदाधिकारी को जवाब दे चुके हैं।बहरहाल नगर परिषद की सियासत गरमाई हुई है और नाजिर बही खाता को लेकर मुख्य पार्षद और कार्यपालक पदाधिकारी आमने सामने हैं।

  • राज्यसभा चुनावः पहले दिन किसी उम्मीदवार ने नहीं भरा पर्चा

    राज्यसभा चुनावः पहले दिन किसी उम्मीदवार ने नहीं भरा पर्चा

    जयपुर। राज्यसभा चुनाव के लिए आठ फरवरी को अधिसूचना जारी होने के साथ नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया आरंभ हो गई। पहले दिन गुरुवार को कोई भी नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया गया।

    मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि नामांकन पत्र पूर्वाह्न 11 बजे से अपरान्ह 03 बजे तक विधानसभा में बनाए गए कार्यालय में जमा किए जा सकते हैं। विधानसभा के कमरा नं. 110 से अभ्यर्थी नामांकन पत्र प्राप्त कर सकते हैं एवं इन्हें कमरा नं. 106 में जमा कराया जा सकेगा। रिटर्निंग ऑफिसर और उनकी अनुपस्थिति में सहायक रिटर्निंग ऑफिसर नामांकन पत्र स्वीकार करेंगे। नामांकन पत्रों की संवीक्षा 16 फरवरी को विधानसभा के कमरा नं. 751 में होगी। अभ्यर्थी 20 फरवरी तक नाम वापस ले सकेंगे। आवश्यक होने पर मतदान 27 फरवरी को प्रातः 9 बजे से सायं 4 बजे तक होगा। मतगणना उसी दिन सायं 5 बजे से होगी। चुनाव प्रक्रिया 29 फरवरी से पूर्व सम्पन्न कर ली जाएगी।

    गौरतलब है कि प्रदेश में राज्यसभा की 3 सीटों के लिए निर्वाचन सम्पन्न होना है, जो 3 अप्रैल 2024 को रिक्त हो रही हैं। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह एवं केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव का कार्यकाल खत्म हो रहा है। डॉ. किरोडी लाल मीणा ने विधायक चुने जाने के बाद राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था।

  • भोपाल: अयोध्या नगर इलाके में बच्चों के विवाद में महिला की हत्या, दो भाई गंभीर

    भोपाल: अयोध्या नगर इलाके में बच्चों के विवाद में महिला की हत्या, दो भाई गंभीर

    भोपाल। राजधानी भोपाल के अयोध्या नगर थाने अंतर्गत क्रेशर झुग्गी बस्ती में बुधवार की रात बच्चों के विवाद में एक महिला की हत्या कर दी गई, जबकि उसके दो भाई गंभीर हालत में इलाज चल रहा है।

    अयोध्या नगर पुलिस के अनुसार क्रेशर बस्ती इलाके में बुधवार रात बच्चों में हुए झगड़े और पुरानी रंजिश के चलते दो पक्षों में विवाद हो गया था। इसी बीच एक पक्ष ने महिला और उसके भाइयों पर तलवार और लाठी डंडों से हमला कर दिया। इस हमले में गंभीर चोट आने के कारण महिला की मौत हो गई।

    इस संबंध में पुलिस का कहना है कि महिला सरोज पति विनोद आठिया (34) ग्रहणी थी। मंगलवार को सरोज के बेटे राहुल के साथ पड़ोस में रहने वाले राज नाम के लड़के ने क्रिकेट खेलते वक्त मारपीट कर दी थी। इसी बात को लेकर बुधवार रात सरोज का गोल छोटू, राज और मोहन से झगड़ा हो गया था। झगड़े की खबर लगते ही सरोज का भाई विक्की और वीरेंद्र मौके पर पहुंच गया है। इसके बाद दोनों में मारपीट शुरू हो गई।

    आरोपित गोलू, छोटू, राज और मोहन ने मिलकर सरोज विक्की और वीरेंद्र पर धारदार हथियार व लाठी डंडों से हमला कर दिया। इस हमले में सिर में गंभीर चोट लगने से सरोज की मौत हो गई, जबकि उसके भाई विक्की और वीरेंद्र की हालत गंभीर बताई जा रही है जिसका इलाज चल रहा है। इस पूरे मामले में पुलिस ने वर्ग कायम कर आरोपित गोलू, छोटू, राज और मोहन के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर दो आरोपितों को हिरासत में ले लिया है।

    यहां तक कि दोनों पक्षों में हुए विवाद और मारपीट के दौरान सरोज के पड़ोस में रहने वाली सुनीता और उसके पति निलेश ने बीच बचाव किया तो आरोपियों ने उन पर भी हमला कर घायल कर दिया हमले में घायल दंपत्ति को इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है जांच के दौरान पता चला कि फरियादी पक्ष की बेटी से आरोपी पक्ष के परिवार के लड़के ने शादी कर ली थी। इस बात को लेकर भी दोनों पक्षों में रंजिश चली आ रही थी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

    हिन्दुस्थान समाचार / राजू/मुकेश

  • पांच लाख घरों को तीन सौ यूनिट फ्री बिजली देगी भजनलाल सरकार

    पांच लाख घरों को तीन सौ यूनिट फ्री बिजली देगी भजनलाल सरकार

    जयपुर। भजनलाल सरकार के पहले लेखानुदान (बजट) में प्रदेश के पांच लाख घरों सोलर ऊर्जा से रोशन करने और पांच लाख घरों को 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने का ऐलान किया गया है। राजस्थान की पहली पूर्णकालिक वित्त मंत्री के रूप में अपना पहला बजट राजस्थान विधानसभा में पेश करते हुए दिया कुमारी ने प्रदेश में बिजली संकट की चर्चा करते हुए सदन को बताया कि प्रदेश की बिजली कंपनियों पर एक लाख 39 हजार से अधिक कर्ज है। वित्त मंत्री दिया कुमारी ने सदन में बताया कि इसके लिए भजन लाल सरकार पीएमयू का गठन करेगी।

    पिछले 20 वर्षों में यह पहला मौका है जब सदन में एक पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री ने बजट पेश किया है। वर्ष 2003 से 2023 तक सीएम द्वारा ही बजट पेश किया जाता रहा है। इससे पहले, वसुंधरा राजे ने बजट पेश किया था, लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में बजट पेश किया था। माना जा रहा है किप्रदेश की बिजली संकट की समस्या और बिजली कंपनियों पर बढ़े कर्जे को देखते हुए भजन लाल सरकार सोलर एनर्जी को प्रदेश में प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रही है. लेखानुदान (बजट) में प्रदेश के पांच लाख घरों को सोलर एनर्जी से कनेक्ट करने से प्रदेश में मौजूदा बिजली आपूर्ति का दवाब कम होना निश्चित है।

    बजट भाषण में वित्त मंत्री ने बताया कि पिछली सरकार की नीतियों, ऊर्जा विभाग व बिजली कंपनियों की कार्यप्रणाली के कारण वर्तमान में डिस्कॉम पर 88 हजार 700 करोड़ का कर्ज है, जबकि समस्त बिजली कंपनियों पर एक लाख 39 हजार 200 रुपए से अधिक का ऋण हो गया है। उन्होंने बताया कि अभी सिर्फ 55 प्रतिशत क्षमता के साथ उत्पादन हो गया है। इसलिए महंगी बिजली बाहर से खरीदनी पड़ रही है। इससे निपटने के लिए सोलर ऊर्जा जैसे कई वैकल्पिक कदम उठाए जाएंगे।

  • अखिलेश यादव पहुंचे संकट मोचन मंदिर के महंत के आवास, माता के निधन पर शोक जताया

    अखिलेश यादव पहुंचे संकट मोचन मंदिर के महंत के आवास, माता के निधन पर शोक जताया

    वाराणसी। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव गुरुवार को श्री संकटमोचन मंदिर के महंत प्रो.विश्वम्भरनाथ मिश्र के तुलसीघाट स्थित आवास पर पहुंचे। यहां महंत की माता के निधन पर शोक जताने के साथ उनके चित्र पर श्रद्धासुमन भी अर्पित किया। महंत आवास पर लगभग 30 मिनट के ठहराव में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रो.विश्वम्भरनाथ मिश्र और उनके छोटे भाई प्रो.विजयनाथ मिश्र से बातचीत कर संवेदना जताई।

    इस दौरान महंत ने अखिलेश यादव को रामचरित मानस की एक प्रति भी भेंट की। महंत आवास से सपा प्रमुख नगवा स्थित अम्बेडक़र वाहिनी के राष्ट्रीय महासचिव सत्यप्रकाश सोनकर के आवास पर पहुंचे । यहां सत्यप्रकाश सोनकर की माता के निधन पर शोक जताने के बाद सपा प्रमुख दुर्गाकुंड स्थित ब्रह्मानंद कॉलोनी में पार्टी की पूर्व विधायक पूनम सोनकर के पुत्र के मांगलिक कार्यक्रम में शामिल हुए और परिजनों से मुलाकात कर उन्हें शुभकामनाएं दी।

    यहां से सपा प्रमुख सड़क मार्ग से प्रदेश के पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटेल के वीरभानपुर-राजातालाब आवास पर पहुंचे। यहां पूर्व मंत्री के बेटे के प्रीतिभोज में शामिल हुए। शहर में सपा प्रमुख का पार्टी कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह पूरे उत्साह के साथ काफिले में शामिल वाहन रुकवा कर स्वागत किया।

  • किसी प्रमुख मद में नहीं घटाया आवंटन, कम हुई है बेरोजगारी दर : सीतारमण

    किसी प्रमुख मद में नहीं घटाया आवंटन, कम हुई है बेरोजगारी दर : सीतारमण

    – लोकसभा से विनियोग लेखानुदान विधेयक 2024 ध्वनिमत से मंजूर

    नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि अंतरिम केंद्रीय बजट 2024 में किसी प्रमुख मद के आवंटन में कोई कटौती नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी दर पांच साल में घटकर 3.2 फीसदी रह गई है। सीतारमण अंतरिम केंद्रीय बजट 2024 पर सदन में चर्चा का जवाब दे रही थीं।

    वित्त मंत्री के जवाब के बाद लोकसभा ने वित वर्ष 2024-45 के लिए लेखानुदानों की मांगों, वित वर्ष 2023-24 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों सहित वित्त वर्ष 2024-25 से संबंधित जम्मू-कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र के लिए लेखानुदानों की मांगों के साथ-साथ वित्त वर्ष 2023-24 से संबंधित जम्मू-कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों को ध्वनिमत से मंजूरी दी।

    इसके अलावा लोकसभा ने विनियोग (लेखानुदान) विधेयक, 2024 और विनियोग विधेयक, 2024 को भी मंजूरी दी। संसद के निचले सदन ने जम्मू कश्मीर विनियोग (संख्या-2) विधेयक, 2024 और जम्मू कश्मीर विनियोग विधेयक, 2024 को भी ध्वनिमत से पारित पास कर दिया।

    वित्त मंत्री ने अंतरिम केंद्रीय बजट पर चर्चा के दौरान सदन को बताया कि किसी प्रमुख मद में आवंटन घटाया नहीं गया है, बल्कि इसमें बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए सदन को बताया कि बेरोजगारी दर वित्त वर्ष 2017-18 के छह फीसदी से घटकर वित्त वर्ष 2022-23 में 3.2 फीसदी रह गई है। सीतारमण ने कहा कि सरकार के उठाए गए कदमों से जरूरी खाद्य वस्तुओं के दाम कम हुए हैं।

    उन्होंने निचले सदन में श्रम शक्ति 49 फीसदी से बढ़कर 57 फीसदी होने का आंकड़ा पेश करते हुए कहा कि बेरोजगारी दर में कमी आई है। यह वित्त वर्ष 2017-18 के छह फीसदी से घटकर वित्त वर्ष 2022-23 में 3.2 फीसदी रह गई है। सीतारमण ने कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में 18 से 25 साल की आयु के लोगों का पंजीकरण बढ़ा है। इसमें 55 फीसदी पंजीकरण नए हैं।

    निर्मला सीतारमण ने कहा कि महिला श्रम शक्ति भी बढ़ी है। ई-श्रम पोर्टल पर असंगठित क्षेत्र के 29 करोड़ कामगार में 53 फीसदी महिलाएं हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही हैं। उन्होंने कुछ सदस्यों के दावों को खारिज करते हुए कहा कि कर्नाटक समेत अन्य राज्यों के संबंध में वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार राशि दी गई है। कर्नाटक को धन नहीं मिलने का दावा सही नहीं है। उन्होंने सदन को बताया कि मैं राज्यों को धन अंतरण के लिए वित्त आयोग की रिपोर्ट का अंतिम शब्द तक पालन करती हूं।

  • आईटी एक्ट के उल्लंघन पर सेवा प्रदाताओं और बैंक पर की गई कार्यवाही

    – प्रभावितों को हानि की शत-प्रतिशत क्षतिपूर्ति के साथ मानसिक प्रताड़ना पर ब्याज सहित जुर्माना

    भोपाल। सूचना प्रौद्योगिकी के निर्धारित मापदण्डों के उल्लंघन, दुरुपयोग को रोकने और नागरिकों के हितों के संरक्षण के लिए सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 में कई प्रावधान हैं। अधिनियम की धारा-43 एवं 43ए के उल्लंघन पर बैंक, दूरसंचार नेटवर्क प्रदाता को दोषी पाने पर प्रभावित व्यक्ति को हुई क्षति की पूर्ति कराने के प्रावधान हैं। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के उप सचिव आदित्य सिंह ने बुधवार को बताया कि अधिनियम के तहत अब तक न्याय निर्णयन प्राधिकारी ने पंजीकृत 46 याचिकाओं में से 36 याचिकाएँ निराकृत की हैं।

    उन्होंने बताया कि पंजीकृत प्रकरणों और याचिकाओं में रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया एवं दूरसंचार विभाग की गाइडलाईन के उल्लंघन से याचिकाकर्ताओं को हुई क्षति के लिए दोषी पाये जाने पर संबंधित सेवा प्रदाता से क्षतिपूर्ति अधिनियम की धारा 46 के तहत कराई जाती है। अधिनियम के तहत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव, न्यायनिर्णयन प्राधिकारी हैं। उन्हें अधिनियम के तहत क्षतिपूर्ति कराने की शक्तियाँ प्राप्त हैं।

    विभिन्न प्रकरणों में न्याय निर्णयन प्राधिकारी ने कराई क्षतिपूर्ति

    न्याय निर्णयन प्राधिकारी द्वारा आईटी एक्ट के प्रावधान अनुसार उल्लंघन पर दोषी बैंक और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं पर कार्यवाही कर नागरिकों के हितों का संरक्षण किया जा रहा है। प्रभावित नागरिक की याचिका पर दूरसंचार सेवा प्रदाता को दिशा-निर्देशों का पालन न कर मोबाईल सिम जारी करने के लिए दोषी पाये जाने पर याचिकाकर्ता को वास्तविक हानि की 75 प्रतिशत राशि 31 लाख 52 हज़ार 250 रुपये तथा संबंधित बैंक को दोषी पाये जाने पर क्षति की 25 प्रतिशत राशि 10 लाख 50 हज़ार 750 रुपये की क्षतिपूर्ति का आदेश किया गया। साथ ही न्यायालय शुल्क, मानसिक प्रताड़ना आदि के लिए दूरंसचार नेटवर्क प्रदाता एवं संबंधित बैंक को 1-1 लाख रुपये का जुर्माना ब्याज सहित याचिकाकर्ता को दिये जाने के लिए आदेशित किया गया।

    एक अन्य याचिका में दूरसंचार नेटवर्क प्रदाता तथा संबंधित बैंक दोनों को समान रूप से दोषी पाये जाने पर दोनों दोषियों द्वारा 17 लाख 50 हज़ार रुपये की क्षतिपूर्ति तथा 25-25 हज़ार का जुर्माना ब्याज सहित याचिकाकर्ता को किये जाने का न्याय निर्णयन प्राधिकारी ने आदेश किया।

    एटीएम कार्ड क्लोन कर राशि आहरण में क्षतिपूर्ति के साथ 50 हज़ार का जुर्माना

    एटीएम कार्ड क्लोन कर खाते से अनाधिकृत रूप से राशि आहरित होने पर बैंक को दोषी पाया गया और 80 हज़ार रुपये वास्तविक हानि तथा 50 हज़ार रुपये का जुर्माना ब्याज सहित याचिकाकर्ता को किये जाने का आदेश किया। गैर कानूनी रूप से बैंक खाते से ऑनलाईन ट्रांजेक्शन्स से अनाधिकृत ट्रांजेक्शन पर दोषी बैंक को याचिकाकर्ता की वास्तविक हानि की शत-प्रतिशत राशि 50 हज़ार 246 रुपये तथा न्यायालय शुल्क, मानसिक प्रताड़ना आदि के लिए राशि रूपये 50 हज़ार का ब्याज सहित याचिकाकर्ता को किये जाने का आदेश किया।

  • बिना समाजवाद के राम राज्य संभव नहीं : अखिलेश यादव

    बिना समाजवाद के राम राज्य संभव नहीं : अखिलेश यादव

    लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश और देश में राम राज्य की कल्पना को लेकर बुधवार रात एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने पत्रकारों के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा है कि जो समाजवाद है, वही रामराज्य है और बिना समाजवाद के रामराज्य संभव नहीं है।

    अखिलेश ने कहा कि अगर समानता की बात करना चाहते हैं तो समाजवादी सिद्धांत से बेहतर कोई सिद्धांत नहीं है। जिस समय समाज में गैर बराबरी खत्म हो जाएगी, जातियों का भेदभाव खत्म हो जाएगा, उसी दिन समाजवाद और राम राज्य का रास्ता खुल जाएगा।