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  • यूपी बोर्ड परीक्षा : केंद्र व्यवस्थापकों को मास्टर्स ट्रेनर दे रहे प्रशिक्षण

    यूपी बोर्ड परीक्षा : केंद्र व्यवस्थापकों को मास्टर्स ट्रेनर दे रहे प्रशिक्षण

    लखनऊ। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की परीक्षाओं को लेकर एक बार फिर योगी सरकार ने कमर कस ली है। पिछले वर्ष की तरह ही इस बार भी लक्ष्य नकलविहीन परीक्षाओं का आयोजन कराना है। इसके लिए पुरानी व्यवस्थाओं के साथ-साथ नवीन पहल भी की जा रही है। इसी क्रम में इस बार केंद्र व्यवस्थापकों को परीक्षाओं की समुचित व्यवस्था देखने के लिए मास्टर्स ट्रेनर्स के माध्यम से ट्रेन्ड किया जा रहा है।

    बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बताया कि केंद्र व्यवस्थापकों को परीक्षाओं से जुड़ी एक से एक बारीक बातों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि परीक्षा में किसी तरह की त्रुटि न हो। उल्लेखनीय है कि यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 22 फरवरी से शुरू हो रही हैं, जो 09 मार्च तक चलेंगी। इस बार हाईस्कूल में 29,47,325 और इंटरमीडिएट में 25,77,965 कुल 55,25,290 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। वहीं बोर्ड की ओर से प्रदेश भर में कुल 8265 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें राजकीय परीक्षा केंद्रों की संख्या 566 है। सवित्त परीक्षा केंद्र 3479 और वित्तविहीन 4220 परीक्षा केंद्र हैं।

    प्रत्येक जनपद में तीन मास्टर ट्रेनर्स दे रहे ट्रेनिंग

    सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बताया कि प्रदेश के सभी 75 जनपदों में यह प्रशिक्षण कार्य चल रहा है। प्रत्येक जिले के लिए तीन मास्टर्स ट्रेनर्स की नियुक्ति की गई है, जो ऑडियो-वीडियो प्रेजेंटेशन के माध्यम से केंद्र व्यवस्थापकों को परीक्षाओं से संबंधित हर बारीक जानकारी मुहैया करा रहे हैं। इसमें उन्हें नकल रोकने, व्यवस्था बनाए रखने, प्रश्नपत्रों की सिक्योरिटी, उत्तर पुस्तिकाओं की देखरेख समेत अन्य सभी महत्वपूर्ण विषयों के बारे में प्रशिक्षित किया जा रहा है।

    कक्ष निरीक्षकों को मिलेगा कंप्यूटराइज्ड आईडी

    उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त इस बार कुछ और नई व्यवस्थाएं लागू की जा रही है। इनमें पहली बार उत्तर पुस्तिकाओं में सुरक्षात्मक क्यूआर कोड, लोगो, कवर पेज पर उनकी कोडिंग की गई है, जबकि पेज नंबर के साथ-साथ इस बार पिछले वर्ष में उपयोग किए गए कलर्स से अलग चार कलर्स में इन्हें पब्लिश कराया गया है। इसके अलावा पहली बार कक्ष निरीक्षकों के लिए एक सुरक्षित क्यूआर कोड भी जारी किया जा रहा है। साथ ही इस बार उन्हें क्रमांक युक्त कंप्यूटराइज्ड परिचय पत्र भी प्रदान किया जा रहा है, जिससे कक्ष निरीक्षकों के साथ समन्वय स्थापित करने में आसानी होगी।

  • ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाना में पूजा की अनुमित हरगिज स्वीकार्य नहीं: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

    ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाना में पूजा की अनुमित हरगिज स्वीकार्य नहीं: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

    -मुस्लिम पक्षकार इलाहाबाद हाई कोर्ट में देगा चुनौती

    नई दिल्ली। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस बात पर गहरी चिंता व्यक्त की है कि वाराणसी जिला जज ने आज अपनी सर्विस के अंतिम दिन ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाना में एक हिंदू पक्षकार को पूजा की इजाजत दे दी है। अदालत ने अपने फैसले में जिला मजिस्ट्रेट से कहा है कि वह हिंदू पक्षकार और काशी विश्वनाथ ट्रस्ट के जरिए नामजद किए गए पुजारी के जरिए पूजा राजभोग की व्यवस्था कराएं। जिला जज का यह फैसला मुसलमानों के लिए हरगिज भी काबिले-कबूल नहीं है और वह इसे इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती देंगे।

    ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता डॉ कासिम रसूल इलियास ने वाराणसी जिला जज के फैसले पर कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि यह फैसला बेहद गलत और बेबुनियाद दलीलों पर दिया गया है। अदालत ने इसको आधार बनाकर फैसला दिया है कि ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाना में 1993 तक सोमनाथ व्यास का परिवार पूजा करता था और उस वक्त की राज्य सरकार के आदेश पर इसे बंद कर दिया गया था, जबकि यह बेबुनियाद है। 24 जनवरी को जिला इंतजामिया ने तहखाने को अपने कंट्रोल में ले लिया था। अदालत में उस वक्त अपने ऑर्डर में यह भी कहा था कि यथास्थिति बनाई रखी जाएगी। आज इस फैसले को बदलते हुए पूजा की इजाजत दे दी गई है। निराशाजनक बात यह है कि मुस्लिम पक्षकार को इसमें अपील का मौका भी नहीं दिया गया। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को भी ताक पर रख दिया गया है कि पहले यह फैसला किया जाए कि यह केस 1991 के कानून के तहत चल भी सकता है या नहीं?

    अफसोसनाक बात यह है कि मीडिया इस फैसले को गलत अंदाज में पेश करके आम जनता को गुमराह कर रहा है कि हिंदू पक्षकारों को मस्जिद में पूजा की इजाजत दे दी गई है। हम यह बात स्पष्ट कर देना जरूरी समझते हैं कि इस तहखाना में कभी भी पूजा नहीं होती थी। एक आधारहीन बात को बुनियाद बनाकर जिला जज ने अपनी सर्विस के आखिरी दिन आपत्तिजनक और बेबुनियाद फैसला देते हुए कहा है कि 7 दिनों के अंदर पूजा का प्रबंध कराया जाए। मस्जिद इंतेजामिया कमेटी इस फैसले को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चैलेंज कर रही है।

    उन्होंने कहा कि है निराशाजनक बात है कि निचली अदालत टुकड़ों-टुकड़ों में फैसला करके इस केस को हिंदू पक्षकारों के पक्ष में मजबूत करती जा रही है। पहले पांच हिंदू महिलाओं ने अगस्त 2021 में अदालत में यह आवेदन देकर कहा कि एक हिंदू मंदिर था, जहां पर पूजा होती थी। जिसे औरंगजेब ने गिराकर मस्जिद निर्माण करा दिया था। इसलिए हमें पूजा की अनुमति दी जाए। जब मस्जिद इंतेजामिया ने इसे यह कहकर सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया कि धार्मिक स्थल से संबंधित 1991 के कानून के तहत इस मस्जिद को सुरक्षा हासिल है तो सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को जिला अदालत के हवाले कर दिया और डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने फैसला दिया कि इस पर ना तो धार्मिक स्थल से संबंधित 1991 का कानून और ना ही इस पर वक्फ एक्ट लागू होता है। इसके बाद अदालत ने मस्जिद के अंदर सर्वे का आदेश दे दिया, जिसमें सर्वे टीम ने वजूखाने के फव्वारे को शिवलिंग करार देकर वजूखाने के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी। अभी मामला यहां पर थमा नहीं था कि एक और ऑर्डर में मस्जिद के सर्वे का आदेश पुरातत्व सर्वेक्षण संस्थान को दे दिया गया, जिसने अपनी रिपोर्ट में मस्जिद के नीचे एक बड़े मंदिर के आसार बरामद कर लिए और अब एक तीसरे फैसले में मस्जिद के तहखाना में पूजा की इजाजत दी जा रही है।

    डॉ इलियास ने कहा है कि बाबरी मस्जिद के स्थान पर मंदिर निर्माण कर लेने के बाद ऐसा लगता है कि अब देश के विभिन्न इलाकों के विभिन्न मस्जिदों को टारगेट किया जा रहा है, चाहे वह कितनी ही पुरानी मस्जिद ही क्यों ना हों। दिल्ली में सुनहरी मस्जिद का मामला अभी थमा नहीं था कि कल सुबह महरौली के इलाके में एक पुरानी मस्जिद को बुलडोजर से गिरा दिया गया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि वह धार्मिक स्थलों से संबंधित 1991 के कानून को सख्ती से पालन कराने का आदेश सरकार को दें और निचली अदालतों को इस बात का पाबंद बनाएं कि वह इस कानून की मौजूदगी में मस्जिदों से संबंधित नई याचिका को स्वीकार ना करें।

    अगर ऐसा नहीं होता है तो न तो धार्मिक स्थल सुरक्षित रह पाएंगे और ना ही देश में अमन और शांति बाकी रहेगी।

  • वाराणसी प्रशासन ने रोका लेकिन भगवान ने परिक्रमा स्वीकार कर ली : स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद

    वाराणसी प्रशासन ने रोका लेकिन भगवान ने परिक्रमा स्वीकार कर ली : स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद

    वाराणसी। वाराणसी जिला न्यायालय ने बुधवार को ज्ञानवापी के व्यास जी तहखाने में पूजा करने की इजाजत दे दी है। व्यास जी के तहखाने में वर्ष 1993 से पूजा-पाठ बंद था। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि काशी-विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट बोर्ड पुजारी का नाम तय करेगा। न्यायालय ने वाराणसी जिलाधिकारी को 7 दिन के अंदर पूजा-पाठ के लिए जरूरी इंतजाम करने का भी निर्देश दिया।

    जिला अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया जताते हुए ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि प्रशासन ने मूल काशी विश्वनाथ की परिक्रमा को रोक दिया, लेकिन भगवान् विश्वनाथ ने हमारी परिक्रमा को स्वीकार कर लिया। आज न्यायालय में विश्वनाथ मन्दिर के पक्ष में आया फैसला समस्त सनातनधर्मियों की जीत है। हम समस्त सनातनधर्मियों को इसके निमित्त बधाई देते हैं। शंकराचार्य ने कहा कि अब मूल विश्वनाथ को लोहे के अवरोध से मुक्त किया जाएगा। व्यास जी का कमरा भी खुलेगा जिसमे ज्योतिर्मठ की ज्योति प्रज्ज्वलित रहती थी। अब पुनः ज्योतिर्मठ की ज्योति प्रज्ज्वलित होगी।

  • उप्र : 21 फरवरी तक भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव का आगाज, 1.59 करोड़ रुपये स्वीकृत

    उप्र : 21 फरवरी तक भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव का आगाज, 1.59 करोड़ रुपये स्वीकृत

    भारत-नेपाल सीमावर्ती जनपद में आयोजित होगा महोत्सव, 1000 कलाकारों को मिलेगा रोजगार

    लखनऊ। उत्तर प्रदेश के भारत-नेपाल सीमावर्ती जनपद में योगी सरकार की ओर से भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव-2023 का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए संस्कृति विभाग की ओर से एक करोड़ 59 लाख 96 हजार रुपये स्वीकृत किए गए हैं। महोत्सव से लगभग 1000 कलाकारों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।

    पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि सीमावर्ती आठ जनपदों में महोत्सव के भव्य आयोजन के लिए संस्कृति विभाग उप्र की ओर से तिथियां निर्धारित कर दी गई है। जिला प्रशासन एवं सहयोगी संस्थाओं से विचार-विमर्श के बाद कार्यक्रम की तिथियों में परिवर्तन की अनुमति दी जा सकती है। पर्यटन मंत्री ने बताया कि प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार एक से तीन फरवरी तक सिद्धार्थ विश्वविद्यालय सिद्धार्थनगर में महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इसी प्रकार पांच व छह फरवरी को जवाहर लाल नेहरू पीजी कालेज महराजगंज, आठ फरवरी को बुद्ध पीजी महाविद्यालय कुशीनगर व 10-11 फरवरी को राजकीय एमएलके महाविद्यालय बलरामपुर में महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।

    13 फरवरी को सत्यनारायण उच्च शिक्षण संस्थान तुलसीपुर श्रावस्ती, 15-16 फरवरी लार्डबुद्धा इंटर कालेज बहराइच, 18 फरवरी को राजकीय एकलव्य आश्रम पद्धति इंटर कालेज लखीमपुर खीरी व 20-21 फरवरी को राजकीय एलबीएस महाविद्यालय/बेनहर इंटर कालेज/गांधी स्टेडियम प्रेक्षागृह पीलीभीत में महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।

  • नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 10 और अगवा करने के दो दोषियों को 7-7 वर्ष का कारावास

    नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 10 और अगवा करने के दो दोषियों को 7-7 वर्ष का कारावास

    फिरोजाबाद। न्यायालय ने बुधवार को नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 10 वर्ष तथा किशोरी को भगाने के दो दोषियों को सात-सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। उन पर अर्थदंड भी लगाया। अर्थदंड न देने अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

    थाना टूंडला क्षेत्र निवासी एक किशोरी 30 मार्च 2016 को सब्जी लेने गई थी। उसके बाद वह वापस घर नहीं आई। काफी तलाश के बाद भी उसका कोई सुराग नहीं लगा। पिता ने एक अपचारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। विवेचना के बाद लड़की भगाने के मामले में रामकिशन व दीपक के नाम प्रकाश में आए। पुलिस ने सभी के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया।

    मुकदमा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश पॉक्सो विजय कुमार आजाद की अदालत में चला। अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक संजीव शर्मा ने बताया मुकदमे के दौरान कई गवाहों ने गवाही दी। कई साक्ष्य न्यायालय के सामने पेश किए गए। गवाहों की गवाही तथा साक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने बाल अपचारी को नाबालिग से दुष्कर्म का दोषी माना। न्यायालय ने उसे 10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने उस पर 10,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। कोर्ट ने रामकिशन व दीपक को सात-सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। दोनों पर नौ-नौ हजार रुपये का अर्थ दंड लगाया है। अर्थदंड न देने कर अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। कोर्ट ने अर्थदंड की राशि पीड़ित को देने के आदेश दिए हैं।

  • राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने लोकसभा चुनाव को लेकर की बैठक

    राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने लोकसभा चुनाव को लेकर की बैठक

    हरिद्वार। उत्तराखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी. षणमुगम की अध्यक्षता में बुधवार को लोकसभा चुनाव को लेकर बैठक हुई। बैठक में जिला निर्वाचन अधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि जनपद में कुल 1713 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। प्रकाशित की गई निर्वाचक नामावली में जिले में कुल 1453842 मतदाता हैं। जनपद में 28014 मतदाताओं की वृद्धि हुई है।

    जिला निर्वाचन अधिकारी गर्ब्याल ने बताया कि जनपद में 8803 दिव्यांग मतदाता हैं। जिले में 22200 वरिष्ठ मतदाता 80 वर्ष से ऊपर के हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने इन सभी मतदाताओं को पोलिंग बूथ पर विशेष व्यवस्थाएं कराने के निर्देश दिए।

    जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि जिन पोलिंग स्टेशनों में कम मतदान हुआ था, उन्हें चिह्नित कर लिया गया है तथा ऐसे पोलिंग स्टेशनों में मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिये ’’हर द्वार करेगा मतदान’’ अभियान के तहत वोटर अवेयरनेस फोरम, चुनाव पाठशाला, कैम्पस एम्बेस्डर, इलेक्टोरल लिटरेसी क्लब, सोशल मीडिया, नुक्कड़ नाटक, विज्ञापन, चौपाल आदि के जरिये 75 प्रतिशत से भी अधिक का मतदान का लक्ष्य रखा गया है।उन्होंने बताया कि जिले में संवेदनशील तथा अतिसंवेदनशील पोलिंग स्टेशनों को चिन्हित कर लिया गया है। सीमावर्ती सभी चेक पोस्टों पर चौकसी बढ़ा दी गई है तथा लोकसभा निर्वाचन के दृष्टिगत जिला कण्ट्रोल रूम की स्थापना कर दी गई है।बैठक के पश्चात मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बीएचईएल में शिवडेल स्कूल स्थित काउंटिंग सेंटर का भी निरीक्षण किया।

  • हेमंत सोरेन को ईडी ऑफिस ले जाया गया, गुरुवार को ईडी कोर्ट में किया जाएगा पेश

    हेमंत सोरेन को ईडी ऑफिस ले जाया गया, गुरुवार को ईडी कोर्ट में किया जाएगा पेश

    रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को त्यागपत्र देने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया। ईडी के अधिकारी उन्हें राजभवन से लेकर सीधे एयरपोर्ट रोड स्थित जोनल ऑफिस पहुंचे। ईडी की ओर से हेमंत सोरेन को कोर्ट में पेश करने के पहले मेडिकल टेस्ट कराने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। हेमंत सोरेन को ईडी के ऑफिस में ही रखा गया है। गुरुवार सुबह उन्हें ईडी कोर्ट में पेश किया जाएगा।

    हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी की सूचना के बाद उनकी पत्नी कल्पना सोरेन रात करीब 10 बजे उनसे मिलने पहुंची। ईडी ऑफिस के बाहर कल्पना सोरेन को काफी देर तक इंतजार भी करना पड़ा। इसको लेकर ईडी ऑफिस की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

  • मेडिकल टीम पहुंची ईडी कार्यालय, हेमंत सोरेन की हुई जांच

    रांची। रांची के हिनू स्थित ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय में सदर अस्पताल से बुधवार रात मेडिकल टीम पहुंची है। मेडिकल टीम हेमंत सोरेन की स्वास्थ्य जांच करेगी। एम्बुलेंस से डॉक्टरों की टीम जांच करने पहुंची है।

    हेमंत सोरेन को पूछताछ के बाद ईडी ने गिरफ्तार किया। इसके बाद उन्हें ईडी कार्यालय ले गए। बताया गया कि मेडिकल चेकअप किसी भी केंद्रीय एजेंसी की ओर से गिरफ्तारी की कार्रवाई के बाद एक सामान्य प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया के तहत संबंधित व्यक्ति का बीपी, शुगर सहित अन्य चीजें मापी जाती है।

  • मेडिकल टीम पहुंची ईडी कार्यालय, हेमंत सोरेन की हुई जांच

    मेडिकल टीम पहुंची ईडी कार्यालय, हेमंत सोरेन की हुई जांच

    रांची। रांची के हिनू स्थित ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय में सदर अस्पताल से बुधवार रात मेडिकल टीम पहुंची है। मेडिकल टीम हेमंत सोरेन की स्वास्थ्य जांच करेगी। एम्बुलेंस से डॉक्टरों की टीम जांच करने पहुंची है।

    हेमंत सोरेन को पूछताछ के बाद ईडी ने गिरफ्तार किया। इसके बाद उन्हें ईडी कार्यालय ले गए। बताया गया कि मेडिकल चेकअप किसी भी केंद्रीय एजेंसी की ओर से गिरफ्तारी की कार्रवाई के बाद एक सामान्य प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया के तहत संबंधित व्यक्ति का बीपी, शुगर सहित अन्य चीजें मापी जाती है।

  • मध्य प्रदेश के सभी जिलों में दो फरवरी से लागू होगी साइबर तहसील

    – केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह उज्जैन से करेंगे लांच

    भोपाल। साइबर तहसील परियोजना सम्पूर्ण प्रदेश में 02 फरवरी 2024 से लागू की जा रही है। इस दिन जिला उज्जैन में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के कर कमलों से सम्पूर्ण प्रदेश में साइबर तहसील को लांच किया जाएगा। यह जानकारी बुधवार को जनसम्पर्क अधिकारी अनिल कुमार पटले ने दी।

    उन्होंने बताया कि उज्जैन में आयोजित इस कार्यक्रम का प्रसारण वेब कास्टिंग एवं वेबकॉस्ट लिंक के माध्यम से प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय एवं तहसील मुख्यालयों पर किया जाएगा। इस संबंध में जिलों के सभी एसडीएम और तहसीलदारों को निर्देशित किया गया कि जिले की सभी तहसील मुख्यालय पर साइबर तहसील के शुभारंभ अवसर पर वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित करें। इस कार्यक्रम में तहसील स्तर पर सभी पटवारी भी अनिवार्य रूप से उपस्थित रहे। सभी तहसील मुख्यालय पर उज्जैन में आयोजित कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखने की व्यवस्था करने कहा गया है।