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  •  मप्रः रीवा में बोरवेल में गिरा 6 साल का मासूम 60 फीट की गहराई में फंसा, रेस्क्यू जारी

     मप्रः रीवा में बोरवेल में गिरा 6 साल का मासूम 60 फीट की गहराई में फंसा, रेस्क्यू जारी

    रीवा,। मध्य प्रदेश के रीवा जिले में जनेह थाना क्षेत्र अंतर्गत मनिका गांव में शुक्रवार शाम को एक छह साल का मासूम खेत में खेलते समय बोरवेल के खुले गड्ढे में गिर गया। सूचना मिलते ही पुलिस और बचाव दल मौके पर पहुंचा और बचाव कार्य शुरू किया। बच्चा बोरवेल के गड्ढे में 60 फीट गहराई में फंसा हुआ है। सात घंटे से रेस्क्यू जारी है। जेसीबी की मदद से बोरवेल के समानांतर गड्ढा खोदा जा रहा है। कलेक्टर-एसपी समेत आलाधिकारी मौके पर मौजूद हैं।

    जानकारी के अनुसार, मनिका गांव निवासी विजय कुमार आदिवासी का छह साल का बेटा मयंक आदिवासी शुक्रवार शाम चार बजे अपने घर के पास खेत में दोस्तों के साथ खेल रहा था। इसी दौरान मयंक अचानक बोरवेल के गड्ढे में गिर गया। परिजनों ने तत्काल घटना की जानकारी पुलिस को दी। घटना की सूचना मिलते ही त्योंथर एसडीम संजय जैन तत्काल रेस्क्यू दल एवं पुलिस बल के साथ घटना स्तर पर पहुंच कर राहत और बचाव कार्य जारी शुरू कराया। रीवा से एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंच गई है और राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई है।

    एसडीम संजय जैन ने बताया कि बोरवेल लगभग 70 फीट गहरा है, इसमें दो ओर से पोकलेन मशीन द्वारा खुदाई लगातार की जा रही है। बच्चे को लगातार ऑक्सीजन दी जा रही है। बच्चे को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं। बच्चे के उपचार के लिए मेडिकल टीम भी एंबुलेंस के साथ मौके पर तैनात है। आवश्यकता होने पर विशेषज्ञ दलों को भी बचाव कार्य के लिए बुलाए जाने की व्यवस्था की जाएगी।

    ग्राम मनिका रीवा जिला मुख्यालय से 90 किलोमीटर दूर है, जहां यह हादसा हुआ है। बोरवेल में गिरे बच्चे को सकुशल बाहर निकालने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। कलेक्टर प्रतिभा पाल तथा पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य की लगातार निगरानी कर रहे हैं।

    रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल ने बताया कि बच्चा मयंक 60 फीट की गहराई में फंसा हुआ है। फिलहाल उसे बोरवेल से बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है।

  • इजराइल पर हिजबुल्लाह ने एक साथ दागे 40 से ज्यादा रॉकेट, इजराइली सेना का वॉर रूम में अलर्ट, अमेरिका की सेना भेजने की तैयारी

    इजराइल पर हिजबुल्लाह ने एक साथ दागे 40 से ज्यादा रॉकेट, इजराइली सेना का वॉर रूम में अलर्ट, अमेरिका की सेना भेजने की तैयारी

    तेल अवीव, इजराइल पर हमास के हमले के बाद से शुरू हुए युद्ध के बीच शुक्रवार को इजराइल पर हिजबुल्लाह ने बड़ा हमला कर दिया है। चरमपंथी संगठन हिजबुल्लाह ने उत्तरी इलाके गैलिली के ऊपर एक साथ 40 से अधिक रॉकेट दागे और इन रॉकेट हमलों की जिम्मेदारी ली है। लेबनान में ईरान के हिजबुल्ला ने एक बयान में कहा कि उसने उत्तरी इजराइल में इजराइली सेना की तोपों को निशाना बनाते हुए दर्जनों रॉकेट दागे हैं। इजरायली डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) ने रॉकेट हमलों की पुष्टि करते हुए कहा है कि इसमें कोई घायल नहीं हुआ है। आईडीएफ के वार रूम ने हमले का वीडियो भी जारी किया है। उधर लेबनान के रॉकेट हमलों के बाद अमेरिका और सतर्क हो गया है. अमेरिकी अधिकारी ने बताया है कि अमेरिका ने ईरानी हमले की आशंका के बीच मध्य पूर्व में अतिरिक्त सेना भेज रहे हैं।

    आईडीएफ ने कहा, लेबनान इलाके से उत्तरी इजरायल में करीब 40 रॉकेट दागे गए, जिनमें से कुछ को आयरन डोम एयर डिफेंस प्रणाली ने ध्वस्त कर दिया जबकि कुछ ने खुले इलाकों को प्रभावित किया या फिर लेबनान के अंदर गिरे। घटना के दौरान सायरन बजते रहे। इसके पहले आईडीएफ ने कहा था कि एयर डिफेंस ने उत्तरी इजरायल में हिजबुल्लाह द्वारा लॉन्च किए गए दो विस्फोटकों से भरे ड्रोन को मार गिराया है।

    उधर लेबनान के रॉकेट हमलों के बाद अमेरिका और सतर्क हो गया है. अमेरिकी अधिकारी ने बताया है कि अमेरिका ने ईरानी हमले की आशंका के बीच मध्य पूर्व में अतिरिक्त सेना भेज रहे हैं. लेकिन अमेरिका के लिए खाड़ी राज्यों ने एक नई परेशानी खड़ी कर दी है। कुवैत और कतर ने संयुक्त राज्य अमेरिका को चेतावनी दी है कि ईरान पर हमला करने के लिए वह अपने क्षेत्र पर सैन्य अड्डों के उपयोग की अनुमति नहीं देंगे. बता दें कि अमेरिका का खाड़ी देश में बहुत बड़ा सैन्य बेस है जहां तकरीबन 40 हजार सैनिक तैनात हैं।

  • गुजरात के खिलाफ आखिरी गेंद पर मिली हार के बाद संजू सैमसन ने कहा- हम इससे सीखेंगे और आगे बढ़ेंगे

    गुजरात के खिलाफ आखिरी गेंद पर मिली हार के बाद संजू सैमसन ने कहा- हम इससे सीखेंगे और आगे बढ़ेंगे

    जयपुर। राजस्थान रॉयल्स (आरआर) के कप्तान संजू सैमसन ने गुजरात टाइटन्स (जीटी) के खिलाफ अंतिम गेंद पर मिली हार के बाद कहा कि उनकी टीम इस हार से सिखेगी और आगे बढ़ेगी।

    शुभमान गिल के शानदार अर्धशतक और राहुल तेवतिया और राशिद खान की शानदार फिनिशिंग से गुजरात टाइटंस (जीटी) ने बुधवार को जयपुर में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) मैच में राजस्थान रॉयल्स (आरआर) पर तीन विकेट से रोमांचक जीत हासिल की। राशिद ने आखिरी गेंद पर चौका लगाकर गुजरात को जीत दिलाई।

    आवेश खान ने आखिरी ओवर फेंका जब गुजरात को 6 गेंदों में 15 रन चाहिए थे। आखिरी ओवर के ड्रामे में राशिद ने ओवर की पहली 3 गेंदों पर दो चौके लगाए. इसके बाद उन्होंने एक रन लिया जिससे जीटी को अंतिम 2 गेंदों पर 4 रन चाहिए थे। इसके बाद तेवतिया ने आवेश को मिड-ऑफ फील्डर के ऊपर से मारा और तीसरा रन लेने की कोशिश में रन आउट हो गए। अंतिम गेंद पर जीटी को 2 रन चाहिए थे, राशिद ने बैकवर्ड पॉइंट पर चौका जड़ दिया और टीम को जीत दिला दी।

    सैमसन ने मैच के बाद कहा, “सच कहूं तो, इस समय बोलना बहुत मुश्किल है। कप्तान का सबसे कठिन काम होता है मैच हारने के बाद बोलना और यह बताना कि हम कहां हारे। जिस तरह से गुजरात ने बल्लेबाजी, गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण किया, उसके लिए उन्हें श्रेय देना होगा।”

    सैमसन ने कहा कि वह मैच जीतने के अपने लक्ष्य को लेकर आशावादी हैं और उनका मानना है कि आरआर हार से सीखेगा और आगे बढ़ेगा।

    उन्होंने कहा,”हम इससे सीखेंगे और आगे बढ़ेंगे। जब मैं बल्लेबाजी कर रहा था, तो मैंने सोचा था कि 180 के आसपास का स्कोर लड़ने लायक होगा। मैंने सोचा था कि 197 विजयी स्कोर होगा। ओस नहीं थी और विकेट थोड़ा सूखा और नीचा था। हमें ऐसा करना चाहिए था, लेकिन उन्होंने अच्छी बल्लेबाजी की।”

    मैच की बात करें तो इस मुकाबले में राजस्थान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए कप्तान संजू सैमसन (नाबाद 68 रन, 38 गेंद, 7 चौके 2 छक्के) और रियान पराग (48 गेंद 76 रन, 3 चौका 5 छक्का) की अर्धशतकीय पारियों की बदौलत 20 ओवर में 3 विकेट पर 196 रन बनाए।

    जवाब में गुजरात ने 20 ओवर में 7 विकेट पर 199 रन बनाकर जीत हासिल की। गुजरात को आखिरी ओवर में 15 रन चाहिए थे और हरफनमौला राशिद खान ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए ये जरूरी रन बना लिए, उन्होंने आखिरी गेंद पर चौका लगाकर अपनी टीम को जीत दिलाई। राशिद 11 गेंदों पर 24 रन बनाकर नाबाद रहे। राशिद के अलावा कप्तान शुभमन गिल ने 72 रनों की शानदार पारी खेली।

  • धीमी ओवर गति के कारण राजस्थान के कप्तान संजू सैमसन पर 12 लाख रुपये का जुर्माना

    धीमी ओवर गति के कारण राजस्थान के कप्तान संजू सैमसन पर 12 लाख रुपये का जुर्माना

    नई दिल्ली। जयपुर के सवाई मान सिंह स्टेडियम में गुरुवार को गुजरात टाइटंस के खिलाफ टाटा इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2024 मैच के दौरान धीमी ओवर गति के कारण राजस्थान रॉयल्स के कप्तान संजू सैमसन पर 12 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

    लीग द्वारा शुक्रवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया, “राजस्थान रॉयल्स के कप्तान संजू सैमसन पर 10 अप्रैल को जयपुर के सवाई मान सिंह स्टेडियम में गुजरात टाइटंस के खिलाफ आईपीएल 2024 मैच के दौरान धीमी ओवर गति बनाए रखने के बाद जुर्माना लगाया गया है। चूंकि न्यूनतम ओवर गति अपराधों से संबंधित आईपीएल की आचार संहिता के तहत यह उनकी टीम का सीज़न का पहला अपराध था, सैमसन पर 12 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।”

    मैच की बात करें तो इस मुकाबले में राजस्थान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए कप्तान संजू सैमसन (नाबाद 68 रन, 38 गेंद, 7 चौके 2 छक्के) और रियान पराग (48 गेंद 76 रन, 3 चौका 5 छक्का) की अर्धशतकीय पारियों की बदौलत 20 ओवर में 3 विकेट पर 196 रन बनाए।

    जवाब में गुजरात ने 20 ओवर में 7 विकेट पर 199 रन बनाकर जीत हासिल की। गुजरात को आखिरी ओवर में 15 रन चाहिए थे और हरफनमौला राशिद खान ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए ये जरूरी रन बना लिए, उन्होंने आखिरी गेंद पर चौका लगाकर अपनी टीम को जीत दिलाई। राशिद 11 गेंदों पर 24 रन बनाकर नाबाद रहे। राशिद के अलावा कप्तान शुभमन गिल ने 72 रनों की शानदार पारी खेली।

  • आत्मसमर्पित नक्सलियों व 322 जवानों ने डाक मतपत्र से किया मतदान

    आत्मसमर्पित नक्सलियों व 322 जवानों ने डाक मतपत्र से किया मतदान

    दंतेवाड़ा। जिला पुलिस के कुल 380 कर्मचारियों ने डाक मतपत्र से मतदान के लिए आवेदन किया है। जिनमें कुल 322 पुलिसकर्मियों और सुरक्षाकर्मियों ने आज गुरुवार को डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान किया है। जबकि 52 पुलिसकर्मी और सुरक्षाकर्मी अभी अपने मत का प्रयोग करेंगे। वहीं आत्मसमर्पित नक्सलियों ने भी मुख्य धारा में शामिल होने के बाद लोकतंत्र और गणतंत्र पर भरोसा जताते हुए डाक मतपत्र से मतदान किया। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में भी आत्मसमर्पित नक्सलियों ने अपने मतदान का प्रयोग किया था। जिला निर्वाचन अधिकारी मयंक चतुर्वेदी की अगुवाई में कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों ने मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए लोगों का जागरुक कर रहे हैं।

    उल्लेखनीय है कि बस्तर लोकसभा सीट पर चुनाव के पहले चरण के मतदान को लेकर जोर शोर से तैयारियां चल रही है। बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित इलाकों के 12 विधानसभा सीटों में से बस्तर लोकसभा सीट के लिए नौ विधानसभा सीटों को मिलाकर चुनाव होने हैं। इसमें दंतेवाड़ा, नारायणपुर, बस्तर, चित्रकोट, जगदलपुर, कोंडागांव, नारायणपुर, केशकाल और बीजापुर शामिल है। जबकि कांकेर सीट पर दूसरे चरण में चुनाव होगा।

  • राजनीति सियासत के ”मैला आंचल” में टिक नहीं पाए रेणु, साहित्य के नाम कर दी जिंदगी

    राजनीति सियासत के ”मैला आंचल” में टिक नहीं पाए रेणु, साहित्य के नाम कर दी जिंदगी

    फारबिसगंज/अररिया। हिंदी साहित्य के चमकते सितारे रहे अमर कथा शिल्पी फणीश्वर नाथ रेणु की आज पुण्यतिथि है फणीश्वर नाथ ”रेणु” का जन्म 4 मार्च 1921 को और निधन 11 अप्रैल 1977 को हुआ। रेणु जी का जन्म बिहार के फारबिसगंज के पास औराही हिंगना नामक गांव में हुआ था। उस समय यह गांव पूर्णिया जिले में था। पर अब यह गांव अररिया जिले में पड़ता है।

    फणीश्वर नाथ ”रेणु” की शिक्षा भारत और नेपाल में हुई थी। 1942 में वे स्वतंत्रता संग्राम के आंदोलन में कूद पड़े। रेणु के पिता शिलानाथ मंडल एक संपन्न व्यक्ति थे। भारत के स्वाधीनता संघर्ष में उन्होंने भाग लिया था। रेणु के पिता कांग्रेसी थे।इस मौके पर उनसे जुड़ी बेहद रोचक बातें आपको बता रहा हूँ। जयंती पर फणीश्वर नाथ रेणु के चुनाव लड़ने से लेकर उनके साहित्य की बातों को जानना बेहद जरूरी है।

    वैसे देश में अभी चुनाव की हवा चल रही है लोकसभा चुनाव कुछ महीनों में होने को है। इसके बाद अगले वर्ष बिहार में विधानसभा चुनाव भी होने को है। ऐसे समय में ”मैला आंचल और ”परती: परिकथा” जैसी बड़ी रचनाओं के लेखक फणीश्वरनाथ रेणु के जन्म जयंती वर्ष में याद करना बेहद ज़रूरी रहेगा। आज से लगभग 51 वर्ष पहले इस लेखक ने भी एक बार विधानसभा चुनाव लड़ने का हिम्मत कहें या दुस्साहस किया था। उन्होंने आपसी भाईचारे को बांटने वाली सियासत, भुखमरी और बेरोज़गारी से तंग आकर फणीश्वरनाथ रेणु ने बिहार के फारबिसगंज से निर्दलीय चुनाव लड़ा था और वही हुआ, जो एक निर्दलीय उम्मीदवार के साथ अक्सर होता आया है।

    रेणु 1952 तक वह सोशलिस्ट पार्टी के जरिये राजनीति में सक्रिय हुए थे। मगर उन्हें जल्दी ही समझ में आ गया कि राजनीति में लेखक की स्थिति दूसरे दर्जे की होती है। हर पार्टी का अपना एक ”तबेला” होता है। इसके चारों तरफ दीवारें खींच कर वह अपने ”कमअक्ल” सहकर्मी को इधर-उधर आकर्षित होने से बचाती है। मानवेन्द्रनाथ राय जो की भारत के स्वतंत्रता-संग्राम के राष्ट्रवादी क्रान्तिकारी तथा विश्वप्रसिद्ध राजनीतिक सिद्धान्तकार थे। उनके विचारधारा से जुड़े एक कलाकार के साथ उन्हें देख लिया गया तो अगले दिन पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने उन्हें बुलाया और एमएन राय के विरुद्ध भाषण देने के लिए उनके दिमाग़ में डाल दिया ।

    अपने एक अच्छे मित्र और कम्युनिस्ट छात्र नेता से वह मिला करते थे। एक बार रामवृक्ष बेनीपुरी जी ने भी उन्हें देख लिया तो समझाया कि क्यों उन्हें कम्युनिस्टों से बातें नहीं करनी चाहिए। रेणु ने देखा कि नेता आत्म प्रचार से ऊपर नहीं उठ पाते। यह भी समझ में आया कि दलगत राजनीति में बुद्धिजीवी से भी अपेक्षा रहती है कि वह अपनी बुद्धि गिरवी रख कर पार्टी का काम करे। वहां किसी व्यक्ति, किसी गुट का होना भी आवश्यक है। ये सब पाबंदियां उन्हें रास नहीं आ रही थीं। वह 1952 के प्रथम आम चुनाव से पहले ही दलगत राजनीति को विदा कहने का मन बना चुके थे रेणु। वही, इन सब कारणों से रेणु को उस पार्टी से भी भरोसा उठ गया था, जिसके लिए बरसों उन्होंने लगन से काम किया था। इसके बावजूद उनका विश्वास समाजवादी आदर्शों और जयप्रकाश नारायण में अंत तक बना रहा।

    वह सक्रिय राजनीति से दूर थे, लेकिन इससे बिल्कुल अलग-थलग नहीं। रेणु अपने अनेक उपन्यासों को इसका प्रमाण मानते थे। रेणु राजनीति के प्रति आभारी थे कि उसने उन्हें गांव- गांव जाने का मौका दिया, लोगों को, उनकी संस्कृति और भाषा को जानने का अवसर दिया। बतौर एक लेखक उन्हें बनाया।

    इन सब के बीच रेणु ने पटना में एक संवाददाता सम्मेलन में निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी फिर तो बुद्धिजीवियों में हलचल सी मची गई। उन्हें जानने वाले इस फैसले से चकित थे तभी हर कोई कह रहा था कि रेणु के सिर पर यह क्या भूत सवार हो गया है जब वे राजनीति में थे, तब तो चुनाव लड़ा नहीं, अब क्यों लड़ रहे हैं? जिस पार्टी-पॉलिटिक्स से घबरा कर इन्होंने उससे दूरी बनाई थी, उसमें फिर से क्यों पड़ रहे हैं? और चुनाव लड़ना ही था तो किसी पार्टी से टिकट मांगते। इतने बड़े लेखक को कोई भी पार्टी टिकट दे देती। इस तरह कई सवाल तब उठ रहे थे और रेणु जी अपने फ़ैसले पर अटल थे वही, उन्हें बेहद क़रीब से जानने वाले लोग नामांकन पत्र भरने के बाद से इसे वापस लेने की आखिरी तारीख तक इंतजार करते रहे कि शायद उनका मन बदल जाए। कुछ दलों उन्हें अपना समर्थन देने की पेशकश भी की। रेणु ने ऐसे सभी प्रस्ताव ठुकरा दिए। इस बीच वह पटना से अपने चुनाव क्षेत्र फारबिसगंज में पर्चा दाखिल करने और अपनी उम्मीदवारी का प्रचार करने चले आएं ।

    वही, रेणु ने चुनाव लड़ने के चार बड़े कारण बताए थे। एक तो उनके क्षेत्र में पहली बार राजनीति हिंदू-मुसलमानों को बांटने में सफल हुई थी। इस संघर्ष में बहुत से लोग जख्मी हुए थे। कुछ गिरफ्तारियां हुई थीं, मुकदमे चले थे। गांव के सैकड़ों लोग महीनों कचहरी में परेशान किए गए थे। एक और घटना ने उन्हें विचलित किया था। उनके गांव में भूख से दो ग़रीबों की मौत हो गई थी।। क्षेत्र के विधायक ने इसे भूख से हुई मौत बताया, लेकिन राज्य सरकार ने हमेशा की तरह इसे मानने से इनकार कर दिया।

    वही, दूसरा कारण, एम. ए. तक जिस नौजवान ने सर्वप्रथम स्थान प्राप्त किया था, उसे कहीं नौकरी नहीं मिल रही थी। चुने हुए प्रत्याशियों में उसका नाम पहले स्थान पर होते हुए भी उसे नौकरी नहीं दी जाती थी। रेणु के यह सलाह देने पर कि उसे क्षेत्र के विधायक और सांसद से इस बारे में मिलने चाहिए। उसका जवाब था कि इनकी वजह से ही यह सब हो रहा है। गुस्से में आकर उसने रेणु को भी नहीं बख्शा। उसने कहा कि आप जैसे लोग राजनीति से निर्विकार हो गए, उसी कारण यह सब हो रहा है। उनके क्षेत्र में 14 निरपराध आदिवासी संथाल मार मार दिए गए थे। इसके बाद उन्हें लगा कि अब भी वह कुछ नहीं करते तो वे अपनी ही निगाह में गिर जाएंगे।

    उस वक्त़ लाठी, पैसे और जाति के जोर से चुनाव जीते जाते थे। और रेणु इनके बगैर चुनाव लड़कर दुनिया के सामने नज़ीर कायम करना चाहते थे। वह अपनी चुनाव सभाओं में दिनकर, अज्ञेय, शमशेर बहादुर सिंह, सुमित्रा नंदन पंत और रघुवीर सहाय की कविताएं पढ़ते। वह कहते थे कि अकेला और निर्दलीय होने के कारण उनकी आवाज़ कोई बंद नहीं कर पाएगा।

    वैसे तो चुनाव लड़ते समय ही यह स्पष्ट हो गया था कि वह जीतेंगे नहीं, लेकिन उस समय लिए गए साक्षात्कारों में जाहिर है कि उन्होंने यह नहीं कहा। जिस समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधि उनके घर आकर अपनी पार्टी का समर्थन उन्हें देने की पर्ची लिखकर छोड़ गया था, वही उनके खिलाफ खड़ा हुआ था।

    चुनाव की डुगडुगी बजते ही आदमी किस तरह बदल जाता है, इसका अनुभव उन्हें चुनाव के दौरान हुआ। वह कहते हैं, आप मूंगफली वाले से बात कीजिए, आप उससे मूंगफली ले लीजिए, लेकिन वो वोट आपको देगा या नहीं देगा, इसके बारे में वह एकदम चुप रहेगा। उनके बारे में यह भी कहा जाने लगा था कि इनकी तो कोई पार्टी नहीं है और अकेला चना भांड़ नहीं फोड़ सकता। उनके विरोधियों ने नारा लगाया कि पद्मश्री टाइटल वाले लेखक हैं लेकिन विधानसभा में जाकर क्या करेंगे?

    और जिस दिन वोट पड़े, उस दिन देखा कि मधुबनी में जो प्रयोग छोटे पैमाने पर हुआ था, वह वहां व्यापक रूप से हो रहा है। गांव- गांव लोग वोट देने जा रहे हैं और खाली वापस आ रहे हैं क्योंकि लाठी लेकर वहां गुंडे खड़े हैं। रेणु को कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार से भी कम वोट मिले।

    तब उन्हें लगा था कि नहीं, ये लड़के ठीक कहते हैं कि चेंज बैलट से नहीं होगा। बैलट की डेमोक्रेसी भ्रमजाल है। तब जो निराशा बढ़ी, उसकी तुलना वह प्रेम में असफल हुए उस व्यक्ति से करते हैं, जो कविता करने लगता है। उन्होंने कहा, ‘राजनीति में असफल होकर मैं उपन्यास लिखने लगा लेकिन चुनाव हारने के बाद मैं क्या करूंगा? चुनाव हारने वाला व्यक्ति घर में बीवी तक की निगाह में गिर जाता है।’ थोड़ा कर्ज उन पर चढ़ गया था। लोगों ने कहा कि चुनाव में अनुभव पर लिखो तो उन्होंने कहा कि मेरा चुनाव चिन्ह नाव था, इसलिए कागज की नाव शीर्षक से एक रिपोर्ताज लिखूंगा। लेकिन लगा कि अब कलम छूने का अधिकार उन्हें नहीं है। अगर कुछ थामना है तो दो ही चीजें थाम सकते हैं या तो बंदूक या कलेजा। अब कलेजा थाम कर बैठो। अब कहीं से कुछ नहीं होने वाला, लेकिन एक बार फिर उन्हें बिहार आंदोलन में रोशनी दिखी और वह इसका अटूट हिस्सा बन गए।

    वही, 4 नवंबर 1974 को लोकनायक जयप्रकाश नारायण पर पटना में अर्ध सैनिक बलों ने लाठी चला दी। नानाजी देशमुख ने उस लाठी को अपनी बांह पर रोक लिया था। इस घटना से बिहार के आन्दोलनकारी काफी आहत थे। वही, फणीश्वरनाथ रेणु ने नौजवानों से खचाखच भरे गांधी मैदान में मंच पर पहुंचकर ने जेपी के सामने पद्मश्री को पापश्री कहकर लौटा दिया।

  • पुलिस ने मिनी गन फैक्ट्री का उद्भेदन कर भारी मात्रा में हथियार व गोली बरामद किया

    पुलिस ने मिनी गन फैक्ट्री का उद्भेदन कर भारी मात्रा में हथियार व गोली बरामद किया

    सहरसा,। लोकसभा चुनाव से पहले जिला पुलिस की सक्रियता के कारण बहुत बड़ी कामयाबी हासिल हुई है।

    पुलिस की कार्रवाई में जहां एक अवैध मिनी गन फैक्ट्री के साथ साथ गन बनाने की मशीन अर्द्ध निर्मित अवैध हथियार एवं भारी मात्रा में गोली बरामद किया। संचालक पिता पुत्र सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया।इस संबंध में गुरुवार को पुलिस अधीक्षक हिमांशु कुमार ने प्रेस वार्ता आयोजित कर मीडिया कर्मियों को जानकारी दी।

    उन्होंने कहा कि गुरुवार सुबह करीब 01:00 बजे में गुप्त सूचना प्राप्त हुई कि बनमा ईटहरी थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम लक्ष्मनियां नियाजी महदूम आलम के घर में एक अवैध मिनी गन संचालित हो रहा है। उक्त सूचना पर पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सिमरी बख्तियारपुर के नेतृत्व में मानवीय, वैज्ञानिक एवं तकनीकि सूचना के आधार पर त्वरीत कार्रवाई करते हुएमहबूब आलम पे कलीमउदीन, लक्षमिनियां, थाना बनमा ईटहरी जिला सहरसा के घर पर छापेमारी किया गया। जहां से 11 अवैध देशी आग्नेयास्त्र एंव 152 जिन्दा कारतूस एवं हथियार निर्माण व मरम्मती में प्रयुक्त की जाने वाले अन्य अवैध समाग्री उपकरण बराममद किया गया। पुलिस अधीक्षक ने टीम में शामिल सभी पुलिस पदाधिकारियों को बेहतर कार्य के लिए पुरस्कृत किये जाने की घोषणा कर हौसला अफजाई की।

  • मोतिहारी में लूट कांड के वांछित समेत एक नक्सली गिरफ्तार

    मोतिहारी में लूट कांड के वांछित समेत एक नक्सली गिरफ्तार

    पूर्वी चंपारण। लोकसभा चुनाव को लेकर पकड़ीदयाल डीएसपी सुबोध कुमार के नेतृत्व में चलाये गये अभियान के दौरान लूट कांड में वांछित एक अपराधी व एक वांछित नक्सली को अलग-अलग जगह से गिरफ्तार किया गया। पकड़े गये दोनो से पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत भेज दिया गया है।

    ते पकड़ीदयाल डीएसपी सुबोध कुमार ने बताया कि पुलिस अधीक्षक के निर्देश के अनुसार शराब कारोबारी,अपराधी एवं लंबित कांडों के वांछित अभियुक्त वारंटी की गिरफ्तारी के लिए की जा रही छापेमारी के दौरान गुप्त सूचना के आधार पर पकड़ीदयाल थाना क्षेत्र से दो लूट कांड में वांछित अभियुक्त टकलू सहनी उर्फ रितेश पिता सुखारी सहनी ग्राम- मझार थाना पकड़ीदयाल को गिरफ्तार किया गया है।साथ ही पताही थाना अध्यक्ष कैलाश कुमार के नेतृत्व में गुप्त सूचना के आधार पर पटखौलिया गांव निवासी कामेश्वर राम पिता स्वर्गीय रामचंद्र राम को गिरफ्तार किया गया है।

    गिरफ्तार आरोपी दो नक्सली कांड में वांछित अभियुक्त था जो फरार चल रहा था। गिरफ्तार अभियुक्त कामेश्वर राम पर पताही थाने में दो एवं मधुबन थाने में चार नक्सली मामले दर्ज है। उन्होंने बताया कि कामेश्वर राम का नक्सलियों से बेहतर संबंध रहा है पूर्व के दिनों में नक्सली गतिविधियों में इसकी भूमिका सामने आई थी। अन्य जिलों से भी इसके बारे में जानकारी मुहैया कराई जा रही है। छापेमारी अभियान में पुलिस निरीक्षक सह थाना अध्यक्ष शकुंतला कुमारी, पुलिस निरीक्षक सह थाना अध्यक्ष कैलाश कुमार, अजय कुमार सिंह, धनंजय कुमार ,अनीश कुमार सहित सैफ व बीएमपी के जवान शामिल थे।

  • बहुजन आंदोलन पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और महिला अधिवक्ता पर कोर्ट के आदेश के बाद केस दर्ज

    बहुजन आंदोलन पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और महिला अधिवक्ता पर कोर्ट के आदेश के बाद केस दर्ज

    मुरादाबाद। बहुजन आंदोलन पार्टी के राष्ट्रीय सचिव संभल के सरायतरीन निवासी हामिद अली व महानगर के थाना सिविल लाइंस क्षेत्र के नवीननगर निवासी महिला अधिवक्ता समीक्षा अग्रवाल के खिलाफ मारपीट के मामले में थाना पुलिस ने गुरुवार को न्यायालय के आदेश पर केस दर्ज कर लिया। यह मुकदमा बहुजन आंदोलन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता पवन कुमार गौतम की तहरीर के आधार पर पंजीकृत किया गया है।

    थाना मझोला के बुद्धि विहार निवासी अधिवक्ता पवन कुमार गौतम ने बताया कि कचहरी में उनकी पत्नी जिस चैंबर में बैठी थी, वहां उनकी हामिद अली और समीक्षा अग्रवाल से वर्ष 2020 में बातचीत हुई थी। उस समय हामिद अली ने खुद को अधिवक्ता और डाक्टर बताकर पार्टी में शामिल होने की इच्छा जाहिर की थी। जिस पर उन्होंने हामिद अली को पार्टी का राष्ट्रीय सचिव नियुक्त कर दिया था। फिर वर्ष 2023 में हामिद ने उनसे नगर निगम में महापौर पद का चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी। चुनाव प्रचार के लिए महानगर में हामिद के नाम के बैनर-पोस्टर भी लगे थे।

    पवन कुमार गौतम का कहना है कि हामिद अली के अधिवक्ता न होने का उन्हें कोई संदेह नहीं था। लेकिन, जब साफ हो गया कि वह अधिवक्ता नहीं हैं तो उन्होंने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था और महापौर पद का टिकट भी काट दिया था, जिससे हामिद नाराज था। फिर उसने उनके विरुद्ध पूर्व में दुष्कर्म के आरोप में दर्ज मामले में ब्लैकमेल करने लगा था। इसके लिए उसने समीक्षा अग्रवाल से मिलकर रिकार्ड भी निकलवा लिए थे, जिसे वायरल करने की धमकी देकर आरोपी हामिद दो लाख रुपये मांग रहा था।

    पीड़िता का आरोप है कि हामिद अली और समीक्षा अग्रवाल ने कई बार उन्हें जातिसूचक शब्द कहते हुए अपमानित किया। इसकी शिकायत थाने से लेकर पुलिस अधिकारियों तक की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। बाद में परेशान होकर कोर्ट में अर्जी लगाई। अर्जी पर सुनवाई करने के बाद कोर्ट ने एफआईआर के आदेश दिए।

    थाना सिविल लाइन इंस्पेक्टर आरपी शर्मा ने बताया कि मामले में कोर्ट के आदेश के बाद तहरीर के आधार पर गुरुवार को दोनों नामजद आरोपितों के खिलाफ मारपीट, धमकी देने और एससीएसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। विवेचना में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

  •  युवतियों पर ज्वलनशील पदार्थ फेंकने वाले मनबढ़ों से मुठभेड़, दो को लगी गोली, एक फरार

     युवतियों पर ज्वलनशील पदार्थ फेंकने वाले मनबढ़ों से मुठभेड़, दो को लगी गोली, एक फरार

    देवरिया। गौरीबाजार थाना क्षेत्र में दो युवतियों ज्वलनशील पदार्थ फेंकने वाले तीन बदमाशों से गुरुवार देर शाम को एसओजी और गौरीबाजार पुलिस के बीच मुठभेड़ हो गई। मुठभेड़ में दो लोगों के पैर में गोली लगी, जबकि एक बदमाश अंधेरे का लाभ उठाकर भागने में कामयाब हो गया।

    गौरीबाजार थाना क्षेत्र के एक गांव की दो युवती साइकिल से कस्बा में आ रही थी। गौरीबाजार-हाटा मार्ग पर पहुंची थी कि बाइक सवार बदमाशों ने युवतियों पर ज्वलनशील पदार्थ फेंक दिया। जिससे एक युवती का चेहरा झुलस गया और दूसरी युवती का हाथ जल गया।

    मामले में युवती के पिता की तहरीर पर गौरीबाजार पुलिस ने पर मुकदमा अपराध संख्या 156/24 धारा 326(ए) आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी।

    पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा ने पुलिस की तीन टीम बनाकर युवकों की तलाश के लिए लगाया। एसओजी और गौरीबाजार पुलिस ने गुरुवार की देर शाम को मुखबिर ने सूचना दी कि तीनों युवक बाहर भागने वाले हैं। पुलिस और एसओजी ने गुरुच घाट के पास वाहनों की चेकिंग शुरू कर दी। इसी बीच बाइक पर सवार तीन युवक आते हुए दिखाई दिए। पुलिस को देखते ही एक मोटरसाइकिल पर सवार तीनों युवक बाइक को पीछे मुड़कर भागने का प्रयास करने लगे। इसी बीच बाइक अनियंत्रित होकर पलट गई और बदमाश नीचे गिर गए। मनबढ़ों ने पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। पुलिस की जवाबी कार्यवाही में शेखर पुत्र शंकर निवासी लंगड़ी देवकुआं थाना गौरीबाजार और दारा सिंह पुत्र स्व. किशुन सिंह निवासी देवगांव थाना गौरीबाजार जनपद देवरिया के पैर में गोली लगी। तीसरा अभियुक्त अंधेरे का लाभ उठाकर फरार हो गया। पुलिस ने दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर इलाज के लिए जिला चिकित्सालय पहुंचाया, जिसका पुलिस अभिरक्षा में इजाल चल रहा है।

    इस संबंध में पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा ने बताया कि मुठभेड़ में दो लोगों के पैर में गोली लगी, जबकि एक बदमाश अंधेरे का लाभ उठाकर भागने में कामयाब हो गया। पुलिस गिरफ्तारी करने के लिए टीम बना कर दबीश दे रही है।