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  • जिलाधिकारी मऊ ने गुंडा एक्ट के तहत कार्यवाही करते हुए कुल 25 लोगो को किया जिला बदर

    जिला मजिस्ट्रेट श्री प्रवीण मिश्र ने गुंडा एक्ट के तहत कार्यवाही करते हुए माह मार्च 2024 में एक व्यक्ति को तीन माह, एक व्यक्ति को चार माह एवं 23 लोगों को 6 माह के लिए जिला बदर तथा 15 लोगों को थाने पर हाजिर होने के निर्देश दिए। जिसमें से थाने पर हाजिर होने वाले में इसराफिल ग्राम सदर बाजार थाना दोहरीघाट, कौशल यादव उर्फ मंटू ग्राम मीरपुर रहीमाबाद थाना मोहम्मदाबाद गोहना, गुड्डू राजभर ग्राम पाती थाना मधुबन, हसन इकबाल ग्राम दरगाह थाना मधुबन, अमरजीत ग्राम लखनीबहनी थाना घोसी, संजय ग्राम जमदराईटपोहवा थाना हलधरपुर, रिजवान अहमद ग्राम बिचलापुरा सरवां थाना सरायलखंसी, अतुल यादव ग्राम इटौरा खुर्द थाना मधुबन, अभिषेक यादव नुरुल्लाहपुर थाना मधुबन, अंकित सिंह ग्राम सोनौरा थाना मु0बाद गोहना, सुनील यादव ग्राम भैरोपुर थाना घोसी, सोनू यादव ग्राम भैरोपुर थाना घोसी, अनिल यादव ग्राम भैरोपुर थाना घोसी, चौथी सोनकर ग्राम दोसपुर थाना कोपागंज, ओम प्रकाश पाण्डेय ग्राम मोहिउद्दीनपुर थाना मोहम्मदाबाद गोहाना को थाने पर हाजिर होने के निर्देश दिए। धनंजय यादव ग्राम मित्तूपुर थाना मधुबन, अजीत कुमार बासफोर ग्राम भरहू का पूरा थाना कोतवाली नगर, गुलाब राम ग्राम भार थाना सराय लखंसी, पृथ्वी ग्राम भैरोपुर घोसी थाना घोसी, अजय ग्राम भैरोपुर थाना घोसी, मु0 रजा ग्राम महरुपुर थाना मोहम्मदाबाद गोहना, गोलू यादव ग्राम आदेडीह थाना सराय लखंशी, अनंजय यादव ग्राम मित्तूपुर थाना मधुबन, हरिलाल राजभर ग्राम गंगुआबारी थाना घोसी, दिलशाद ग्राम मदापुर समसपुर थाना घोसी, रामलाल ग्राम खत्रीपार थाना घोसी, अनिल यादव पता हनुमान मंदिर के पास सिकठिया थाना सराय लखंशी, सुनील राजभर ग्राम उसुरी पूर्तिगाड़ा थाना मधुबन, श्रीप्रकाश मौर्य ग्राम पतिला ज0पतीला थाना कोपागंज, दिनेश यादव ग्राम धरमपुर विशुनपुर नकीहवा थाना मधुबन, बट्टू राजभर ग्राम कोपा कोहना थाना कोपागंज, गुलशन यादव प्रेम नगर चकिया थाना दक्षिण टोला, रामप्रवेश यादव खुशामदपुर थाना मोहम्मदाबाद गोहना, पंकज कुमार ग्राम लालनपुर थाना मधुबन, अमरजीत यादव ग्राम भेडियाधर थाना चिरैयाकोट, राजेश गुप्ता ग्राम फरसरा खुर्द थाना दोहरीघाट, यशवंत चौहान ग्राम उम्मनपुर थाना मोहम्मदाबाद गोहना, अमित चौहान ग्राम उम्मनपुर थाना मोहम्मदाबाद गोहाना को 06 माह के लिए जिला बदर एवं रोहित ग्राम मेहदिया कुंड थाना मधुबन को 03 माह तथा अजहर ग्राम प्यारेपुरा थाना दक्षिण टोला को 04 माह के लिए जिला बदर करने के आदेश दिए। जिला मजिस्ट्रेट श्री प्रवीण मिश्रा ने जिला बदर किए गए लोगों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए इसके अलावा थाने पर नियमित उपस्थिति दर्ज कराने हेतु आवश्यक कार्रवाई करने को भी कहा।

  • माफिया मुख्तार की मौत के बाद बलिया जिला जेल की व्यवस्था जांची गई !

    माफिया मुख्तार की मौत के बाद बलिया जिला जेल की व्यवस्था जांची गई !

    – जिला जज, डीएम और एसपी ने जिला कारागार का किया औचक निरीक्षण

    बलिया। बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की कार्डिक अरेस्ट से मौत के बाद यहां जिला जेल की व्यवस्था परखने शुक्रवार को जिला जज अशोक कुमार सप्तम, जिलाधिकारी रवींद्र कुमार और एसपी देवरंजन वर्मा ने संयुक्त रूप से औचक पहुंचे। आलाधिकारियों ने जेलर को निर्देश दिया कि जेल मैनुअल के हिसाब से ही यहां की पूरी व्यवस्था संचालित होनी चाहिए।

    निरीक्षण के दौरान जिला जज और जिलाधिकारी ने कारागार के बैरक में रहने वाले कैदियों से उनकी समस्याओं के बारे में पूछताछ की। कुछ कैदियों ने अपनी समस्या भी सुनाई, जिसका तत्काल समाधान करने के निर्देश कारागार अधीक्षक को दिए गए। इसके बाद अधिकारी जेल अस्पताल में पहुंचे और वहां उपलब्ध दवा आदि के बारे में विस्तृत जानकारी ली। किचन में जाकर कैदियों को मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता को परखा कि जेल में कैदियों को सही भोजन व नास्ता मिल रहा है की नहीं। हवालात कार्यालय में जाकर अभिलेखों की जांच की। महिला और अल्पवयस्क बैरक में जाकर उनसे बातचीत कर आश्वस्त हुए कि उनकी कोई समस्या तो नहीं है।

    जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने कारागार अधीक्षक को निर्देश दिया कि यहां की व्यवस्था का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराएं। किसी भी स्तर पर लापरवाही संज्ञान में आने पर संबंधित अधिकारी व कर्मचारी पर ठोस कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। जिला जज ने कारागार अधीक्षक को निर्देशित किया कि बंदियों से संपर्क स्थापित करते हुए उनकी समस्याओं को सुने और विधिक सहायता द्वारा उनका निराकरण सुनिश्चित करवाएं। निरीक्षण के दौरान अपर जिला न्यायाधीश सुरेंद्र प्रसाद, सीजेएम शांभवी यादव व जेलर राजेन्द्र सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

  • तीन जिलों में 3070 वर्ग किमी. तक फैली हैं अमेठी लोकसभा की जड़ें

    तीन जिलों में 3070 वर्ग किमी. तक फैली हैं अमेठी लोकसभा की जड़ें

    अमेठी। उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट एक ऐसी सीट है जिसकी जड़ें आसपास के तीन जिलों तक फैली हुई हैं। अमेठी, रायबरेली और सुलतानपुर, इन्हीं तीन जिलों से मिलकर अमेठी लोकसभा सीट बनी है। जिसमें अमेठी जिले की गौरीगंज, जगदीशपुर, अमेठी और तिलोई कुल चार विधानसभा और रायबरेली जिले की सलोन विधानसभा भी अमेठी लोकसभा क्षेत्र का ही हिस्सा है। इस प्रकार कुल पांच विधानसभाएं अमेठी लोकसभा क्षेत्र में आती हैं। हाई प्रोफाइल अमेठी संसदीय क्षेत्र का दायरा 3070 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। जिसके लिए चुनाव में पुलिस प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है।

    देश में उत्तर प्रदेश की सबसे हॉट सीट कही जाने वाली लोकसभा क्षेत्र अमेठी की भौगोलिक स्थिति इस प्रकार है। जिसमें संपूर्ण अमेठी जनपद के साथ-साथ पड़ोसी जनपद रायबरेली की सलोन विधानसभा भी अमेठी लोकसभा का हिस्सा है। यही नहीं पड़ोसी जनपद सुलतानपुर की बल्दीराय तहसील के 29 राजस्व गांव जगदीशपुर विधानसभा क्षेत्र में आते हैं। जिसके कारण बूथों की संख्या के साथ ही साथ मतदाताओं की वास्तविक स्थिति आसानी से स्पष्ट नहीं हो पाती है।

    तीनों जिलों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार अमेठी लोकसभा क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या 1786115 है। यही नहीं चुनाव के समय मतदान से लेकर मतगणना तक तीनों जनपदों से डाटा कलेक्शन करना पड़ता है। क्योंकि रायबरेली जिले की सलोन विधानसभा में कुल 357799 और सुल्तानपुर जनपद के हलियापुर क्षेत्र के 56000 मतदाता अमेठी लोकसभा में ही शामिल हैं। मतदान के लिए 1492 बूथ अमेठी जिले में, 62 बूथ सुलतानपुर और 369 बूथ रायबरेली जनपद में बनेंगे। रायबरेली और अमेठी जिले से रवाना हुई पोलिंग पार्टियां वापस अपने जिलों में जाएगी। वहीं पर सुलतानपुर जनपद से अमेठी लोकसभा क्षेत्र में मतदान कराने आई 62 पोलिंग पार्टियों को अपनी वोटिंग मशीन जमा करने के लिए अमेठी जनपद मुख्यालय गौरीगंज पहुंचना होगा। ऐसे में यदि हम मतगणना की बात करते हैं तो अमेठी लोकसभा सीट के मतों की गिनती भी अमेठी और रायबरेली दोनों जनपदों में होगी।

  • मुख्तार अंसारी की मौत मामले की न्यायिक जांच के आदेश

    मुख्तार अंसारी की मौत मामले की न्यायिक जांच के आदेश

    बांदा। माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के बांदा जेल में रहते हुए जेल प्रशासन और शासन पर तरह-तरह के आरोप लगते रहे हैं। अब जब मुख्तार अंसारी की मौत हो गई तो इस मामले में रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज भी सवालों के घेरे में आ गया है। इलाज के लिए भर्ती कराए गए मुख्तार अंसारी को 14 घंटे बाद स्वस्वस्थ बताकर मेडिकल कॉलेज से हटाकर जेल में शिफ्ट करना और इसके एक दिन बाद हार्ट अटैक से मौत होना, मामले को संदेहास्पद बना रहा है। हालांकि इस मामले में सीजेएम ने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं।

    मुख्तार अंसारी के वकील ने 19 मार्च को बाराबंकी कोर्ट में मुख्तार को खाने में जहर दिए जाने का आरोप लगाया था। इसके बाद 25 मार्च को रात में अचानक मुख्तार अंसारी की जेल में तबीयत बिगड़ी। इसे 26 मार्च को तड़के चार बजे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। मेडिकल कॉलेज द्वारा जारी की गई बुलेटिन में उसे साधारण कब्ज की बीमारी से पीड़ित बताया गया। 14 घंटे बाद उसे स्वस्थ बताते हुए पुनः शाम को लगभग 6.15 बजे मेडिकल कॉलेज से डिस्चार्ज कर दिया गया।

    मेडिकल कॉलेज से मुख्तार को लाकर उसे जेल के अस्पताल में रखने के बजाय तन्हाई वाले बैरक में शिफ्ट किया गया। 27 मार्च को डॉक्टरों की टीम ने जेल में पहुंचकर मुख्तार की जांच की और उसकी हालत में सुधार बताया। इसके बाद 28 मार्च को अचानक मुख्तार अंसारी की तबीयत फिर बिगड़ गयी। बीमारी की जानकारी मिलने पर प्रशासनिक अधिकारी जेल पहुंचे। करीब 40 मिनट तक जेल में प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी रही। इसके बाद एंबुलेंस से उसे मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां देर रात हार्ट अटैक से मुख्तार की मौत हो गई।

    अब सवाल उठता है कि जब 26 मार्च को सवेरे मुख्तार अंसारी को गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज लाया गया था। तब केवल 14 घंटे में कैसे इतना स्वस्थ हो गया कि उसे फिर से जेल में शिफ्ट करना उचित समझा गया। स्वास्थ्य विभाग के कुछ विशेषज्ञ बताते हैं कि अगर बीमारी गंभीर थी तो उसे इलाज के लिए एक-दो दिन मेडिकल कॉलेज में ही भर्ती करके इलाज करना चाहिए था। लेकिन इसमें लापरवाही बरती गई। जिससे जेल में पहुंचकर मुख्तार अंसारी की हालत बिगड़ी और फिर उसकी मौत हो गई।

    इतना ही नहीं, मुख्तार अंसारी के भाई सांसद अफजाल अंसारी जब 26 मार्च को उन्हें देखने मेडिकल कॉलेज आए थे तो उन्होंने मांग की थी कि अगर मुख्तार का समुचित इलाज यहां नहीं हो पा रहा तो उन्हें रेफर कर दिया जाए। हम अपने खर्च पर उनका इलाज करायेंगे। इस पर ध्यान नहीं दिया गया। इस तरह देखा जाए तो इसमें मेडिकल कॉलेज की लापरवाही साफ नजर आती है।

    वहीं, इस मामले में एमपीएमएलए कोर्ट ने जेल अधीक्षक से मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ने की रिपोर्ट 27 मार्च को मांगी थी, जिसमें 29 मार्च तक रिपोर्ट देने की बात कही गई थी। अब सीजेएम ने मुख्तार की मौत की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। इसके लिए एमपी एमएलए कोर्ट की मजिस्ट्रेट गरिमा की अध्यक्षता में चार सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। इस टीम को एक माह के अंदर जांच रिपोर्ट देने को कहा गया है।

  • मुख्तार के अंतिम संस्कार में पत्नी अफसा बेगम और पुत्र अब्बास की उपस्थिति पर संशय बरकरार

    मुख्तार के अंतिम संस्कार में पत्नी अफसा बेगम और पुत्र अब्बास की उपस्थिति पर संशय बरकरार

    गाजीपुर,। मऊ सदर विधानसभा क्षेत्र से पांच बार के विधायक रहे पूर्व विधायक व माफिया मुख्तार अंसारी का शव बांदा से उनके पैतृक गांव गाजीपुर जनपद के यूसूफपुर मोहम्मदाबाद लाया जा रहा है। यहां पर उनके पुस्तैनी कब्रिस्तान काली बाग में उनको दफनाया जायेगा। दुनिया को मुट्ठी में कैद करने की ख्वाहिश रखने वाले डॉन मुख्तार अंसारी को अंत में काली बाग के कब्रिस्तान में सात गुणे तीन फीट की जमीन मिली है। उनको सुपुर्दे खाक किए जाने के समय उनकी पत्नी अफसा बेगम और पुत्र अब्बास अंसारी मौजूद रहेंगे या नहीं इस पर अभी तक संशय बरकरार है।

    मुख्तार अंसारी की पत्नी अफसा बेगम काफी लंबे अरसे से फरार चल रही है। प्रशासन ने उस पर पचास हजार रुपये का इनाम रखा है। ऐसे में अब यह कयास लगाया जाने लगा है कि मिट्टी देने के लिए मुख्तार की पत्नी कब्रिस्तान आएगी या नहीं। वहीं, मुख्तार अंसारी के बड़े पुत्र मऊ सदर से विधायक अब्बास अंसारी फिलहाल जेल में बंद है। उनकी हाई कोर्ट में पैरोल की सुनवाई नहीं हो पाई है। फिलहाल उनके तरफ से सुप्रीम कोर्ट में भी अर्जी लगाई जाने की बात आ रही है। अब ऐसे में विधायक की पत्नी और बड़े पुत्र उनके अंत्येष्टि में शामिल होते हैं या नहीं यह संशय अभी भी बरकरार है।

    पारिवारिक सूत्रों के अनुसार मुख्तार अंसारी के शव को दफनाने के लिए उनके पिता सुभानुल्लाह अंसारी के कब्र के पीछे कब्र खोदी गई है। मुख्तार के निधन की सूचना के बाद से ही उनके आवास और कब्रिस्तान में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

  • 11 दिनों तक झांसी जिला कारागार में भी रहा था माफिया मुख्तार

    11 दिनों तक झांसी जिला कारागार में भी रहा था माफिया मुख्तार

    जिला कारागार में उसने पूरे समय एकांत में गुजारा था

    झांसी,। कुख्यात अपराधी माफिया मुख्तार अंसारी का बीती रात हृदयाघात के चलते निधन हो गया है। आधिकारिक सूचना के मुताबिक बांदा जेल में दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हुई। मुख्तार अंसारी का लंबा आपराधिक इतिहास रहा है। पिछले 18 साल से वह लगातार जेल में बंद था। इस दौरान मुख्तार अंसारी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग कारागार में बंद रहा। पंजाब की जेल में भी उसका लंबा समय बीता। झांसी भी उससे अछूता नहीं रहा। 18 साल तक जेल में बंद रहने के दौरान मुख्तार अंसारी का 11 दिनों का छोटा सा समय झांसी के जिला कारागार में भी निकला है।

    झांसी जिला कारागार के आंकड़ों के अनुसार साल 2007 में 29 अप्रैल से लेकर 9 मई तक मुख्तार अंसारी बंद रहा था। कुल 11 दिन का समय मुख्तार अंसारी ने यहां बिताया था। इन 11 दिनों में वह पूरी तरह एकांत में रहा था। जेल रिकॉर्ड में मुख्तार अंसारी का नाम दर्ज है। झांसी जिला जेल से मुख्तार अंसारी को गाजीपुर के कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया गया था। इसके बाद वह लौट कर झांसी नहीं आया।

    इनका है कहना

    झांसी जिला जेल के अधीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि मुख्तार अंसारी 29 अप्रैल 2007 से लेकर 9 मई 2007 तक झांसी जेल में बंद रहा था। यहां से उसे गाजीपुर ले जाया गया था। गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी कई अलग-अलग मामलों में आरोपी था। कुछ मामलों में सजा हो चुकी थी और कुछ मामले कोर्ट में चल रहे थे। इसी दौरान बीते रोज 28 मार्च 2024 को रात करीब 8.25 बजे दिल का दौरा पड़ने से मुख्तार अंसारी की मौत हो गई थी।

  • अवैध शस्त्र बनाने की फैक्टरी का भंडाफोड़, व्यक्ति गिरफ्तार

    अवैध शस्त्र बनाने की फैक्टरी का भंडाफोड़, व्यक्ति गिरफ्तार

    बाराबंकी,। देवा पुलिस ने अवैध शस्त्र फैक्टरी का भंडाफोड़ करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। वह असलहा बनाकर ढाई से तीन हजार रुपये में बेचता था।

    पुलिस अधीक्षक दिनेश सिंह ने शुक्रवार को बताया कि गुरुवार की आधी रात को थाना देवा पुलिस टीम ने जनपद लखीमपुर खीरी के ग्राम कोहना निवासी कालिका प्रसाद को टीपहार के जंगल से गिरफ्तार किया। उसके कब्जे से दस अदद बारह बोर तमंचा, छह अदद 315 बोर तमंचा, पांच अदद अर्द्धनिर्मित, तीन अदद जिन्दा व तीन अदद खोखा कारतूस, शस्त्र बनाने के उपकरण, एक साइकिल व अन्य चीजें बरामद हुई है।

    कालिका अपने साथी जय सिंह के साथ मिलकर काफी दिनों से अवैध असलहा बनाकर उसे बेचने का काम करता है। जनपद खीरी, सीतापुर, बाराबंकी समेत अन्य जनपदों में अगर कोई असलहा बनाने के लिए बुलाता है तो ये लोग किसी सूनसान जगह पर जाकर रात्रि में असलहा बनाने का कार्य करते थे। नया असलहा बनाने का ढाई से तीन हजार रुपये लेते हैं। गिरफ्तार अभियुक्त कालिका प्रसाद यहां पर अपने साथी जयसिंह के कहने पर असलहा बनाने के लिए आया था, तभी उसे धर दबोचा। पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर फरार उसके साथी जयसिंह की गिरफ्तारी के लिए प्रयास किया जा रहा है।

  • जरायम की दुनिया का मुख्तार बन बैठा सियासत का बादशाह

    जरायम की दुनिया का मुख्तार बन बैठा सियासत का बादशाह

    निजाम बदलते खत्म हुई बात बादशाहत फिर भी विपक्ष का चहेता था मुख्तार

    मऊ, । सदर सीट से पांच बार का विधायक रहे माफिया मुख्तार अंसारी गुरुवार की देर शाम हार्ट अटैक से मौत हो गई। मुख्तार अंसारी बांदा के मंडल जेल में बंद थे और बीमार थे हाल ही में उनका बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती भी कराया गया था जहां हालत स्थिर होने पर उन्हें वापस जेल भेज दिया गया था। मुख्तार अंसारी के मौत से पूरे यूपी में हाई अलर्ट है और सियासत भी गरमाती नजर आ रही है। जहां विपक्ष सरकार को घेरने में लगी हुई है वही माफिया मुख्तार के परिवार वाले भी मुख्तार की मौत पर संदेह जाहिर कर रहे हैं। पोस्टमार्टम के बाद मुख्तार अंसारी को उनके पैतृक गृह जनपद गाजीपुर के यूसुफपुर मोहम्मदाबाद स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक किया जाएगा।

    गाजीपुर के एक छोटे से कस्बे यूसुफपुर मोहम्मदाबाद से निकलकर एक युवा मुख्तार अंसारी कैसे माफिया मुख्तार अंसारी बन गया इसकी कहानी भी काफी दिलचस्प है।

    गाजीपुर के यूसुफपुर मोहम्मदाबाद में सुब्हानऊल्लाह अंसारी और बेगम राबिया के घर जन्मे मुख्तार अंसारी का पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीति वाला रहा मुख्तार के दादा मुख्तार अहमद अंसारी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और महात्मा गांधी के काफी करीबी रहे तो वहीं मुख्तार के नाना ब्रिगेडियर उस्मान भी महावीर चक्र विजेता रहे।

    घर के राजनीतिक माहौल के बावजूद मुख्तार युवावस्था में दबंगई और प्रभावशाली व्यक्ति बनने का महत्वकांक्षा रखकर बीएचयू की राजनीति से शुरुआत की। लेकिन पैसों की जरूरत में मुख्तार को जरायम की दुनिया की तरफ बढ़ा दिया। लोगों को मुख्तार के अपराधिक प्रवृत्ति की जानकारी तब हुई जब उसने पैसों की जरूरत पूरी करने के लिए तत्कालीन विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष नंदकिशोर रुंगटा का अपहरण कर लिया और फिरौती के तीन करोड रुपए मांगे फिरौती मिलने के बाद भी नंदकिशोर रुंगटा की हत्या कर दी गई।

    इस घटना के बाद मुख्तार अपराध की दुनिया का नया खिलाड़ी बनकर निकला। अब बड़े-बड़े माफिया गैंग मुख्तार के संपर्क में आने लगे। उसे समय के बड़े गैंग मखनू सिंह का गिरोह पूर्वांचल में सक्रिय था और मुख्तार उसका हिस्सा बन गया। इसके बाद मुख्तार ने फिर मुड़ कर नहीं देखा मुख्तार ने अपने बल पर अपने बड़े भाई अफजाल अंसारी को विधायक बनाया लेकिन मुख्तार कब लगने लगा था कि उसे अपराध में संरक्षण के लिए राजनीति में जाना जरूरी हो गया है।

    1996 तक आते-आते मुख्तार अंसारी पूर्वांचल का माफिया बन गया था पूर्वांचल के कोयला ठेके से लेकर के रेलवे ठेके तक और तमाम सरकारी ठेकों में उसकी दखलअंदाजी बढ़ गई थी बिना मुख्तार के पर्मिशन ठेके मिलने मुश्किल हो गए थे मुख्तार के अपराध का साम्राज्य लगातार बढ़ता जा रहा था और उसके ऊपर मुकदमे भी बढ़ते जा रहे थे। फिर क्या था 1996 में मुख्तार अंसारी ने बसपा से टिकट मांगा और पड़ोस के जिले मऊ के मऊ सदर सीट से मैदान में कूद गया।

    मुख्तार ने सीट से जीत हासिल की ओर विधायक बन बैठा धीरे-धीरे मुख्तार की पकड़ राजनीति में मजबूत होती गई और वह मऊ सदर को अपना गढ़ बनाकर लगातार पांच बार जीत हासिल कर इतिहास रच दिया। मुख्तार इस सीट से 1996 से लगातार 2022 तक विधायक रहा 2022 में किन्हीं कारणों से उसने यह सीट छोड़ दी और अपने बेटे अब्बास अंसारी को यहां से मैदान में उतार दिया मुख्तार के बेटे अब्बास ने भी इस सीट से जीत हासिल कर विधानसभा की राह पकड़ ली।

    2005 में मऊ में हुए सांप्रदायिक दंगों में खुली जिप्सी से मुख्तार का लहराता हुआ वीडियो जमकर वायरल हुआ और उसके बाद इस दंगे के आरोप में मुख्तार को जेल जाना पड़ा 2005 में ही गाजीपुर के मोहम्मदाबाद विधानसभा क्षेत्र के तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की उनके सात साथियों के साथ गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड में भी माफिया मुख्तार अंसारी का नाम आया और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।

    लेकिन मुख्तार का रसूख राजनीति में इतना बढ़ गया था कि वह तत्कालीन राजनीतिक पार्टियों का चहेता बन गया था। पूर्वांचल के दो दर्जन लोकसभा सीटों और 50 से 60 विधानसभा सीटों पर माफिया मुख्तार अंसारी का प्रत्यक्ष या परोक्ष प्रभाव ही राजनीतिक दलों की मजबूरी थी।

    पूर्वांचल के वाराणसी गाजीपुर बलिया जौनपुर और मऊ में मुख्तार का वर्चस्व रहा लेकिन यूपी का निजाम बदलते ही मुख्तार की बादशाह जाती रही। पंजाब जेल में बंद मुख्तार अंसारी को यूपी लाया गया और बांदा जेल में निरुद्ध कर दिया गया जहां से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही उसकी सुनवाई होती रही।

    मुख्तार अंसारी के 500 करोड़ की संपत्ति या तो जप्त कर दी गई है उसे पर बुलडोजर चला दिया गया मुख्तार के करीबियों के सम्पत्ति पर भी चुन चुन कर बुलडोजर चलाए गए । बुलडोजर चलने और कार्यवाही का खौफ इस कदर था कि जिस मुख्तार अंसारी की 90 के दशक में तूती बोलती थी 2022 तक आते-आते उस माफिया मुख्तार अंसारी के नाम के साथ लोग अपना नाम जोड़ने में भी डरने लगे थे।

  • देवरिया में अलग-अलग जगह दो महिलाओं समेत पांच शव मिले

    देवरिया में अलग-अलग जगह दो महिलाओं समेत पांच शव मिले

    देवरिया। जनपद के अलग-अलग थाना क्षेत्र में पांच शव मिले हैं। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम भेजकर मामले की जांच शुरू कर दी। यह शव सड़क हादसे में या तो रेलवे ट्रैक पर पाये गए है, जो ट्रेन हादसे का शिकार हैं।

    खुखुन्दू थाना क्षेत्र के अहिलवार निवासी श्रीकृष्ण यादव (70) का शव गांव के पास रेलवे ट्रैक पर मिला है। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। इसी थाना क्षेत्र के सीसवा ढाला के पास महिला का शव मिला है। उसकी शिनाख्त बरडीहा ठाकुर निवासी भगमानी देवी (54) के रूप में हुई है। भटनी पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

    उधर रूद्रपुर कोतवाली क्षेत्र के डाला के रहने वाली सुभावती देवी (70) को सेमरौना के पास दो पहिया वाहन ने टक्कर मार दिया है। इसमें उनकी मौत हो गई। बघौचघाट थाना क्षेत्र में मलवाबार के रहने वाले दुर्गेश यादव (36) की शुक्रवार को मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई। बीती मंगलवार को मीना बाजार के पास सड़क हादसे में घायल हो गये थे।

    इसी तरह भटनी रेलवे स्टेशन के पास एक अज्ञात युवक का शव मिला है। उसकी पहचान करने का प्रयास किया, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। मृतक की उम्र 45 वर्ष है। जीआरपी ने शवों को पोस्टमार्टम भेजकर शिनाख्त में जुट गई।

  • माफिया के जनाजे के बीच मुख्तार के फरार शूटरों पर रहेगी खुफिया तंत्र की निगाहें

    माफिया के जनाजे के बीच मुख्तार के फरार शूटरों पर रहेगी खुफिया तंत्र की निगाहें

    देर रात तक पहुंचेगा मुख्तार का शव, शनिवार को सुबह होगा सुपुर्दे खाक

    मऊ, । माफिया मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत के बाद पूरे यूपी में हाई अलर्ट है। खासकर मऊ और गाजीपुर में पुलिस और खुफिया तंत्र पूरी तरीके से मुस्तैद है । शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद माफिया मुख्तार अंसारी का शव कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के साथ गाजीपुर के यूसुफपुर मोहम्मदाबाद के लिए रवाना हो गया। शनिवार की सुबह मुख्तार अंसारी को सुपुर्दे खाक किया जाएगा।

    जनाजे में जुटने वाली भीड़ पर प्रशासन की पैनी नजर

    मुख्तार के जनाजे में भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर मौजूद रहने की संभावना है। प्रशासन इसके लिए कड़ा इंतजाम कर रखे हैं। बांदा से पोस्टमार्टम के बाद मुख्तार कैसा हो गाजीपुर के लिए रवाना हो गया है ऐसे में मुख्तार के जनाजे में जुटने वाली भीड़ और लोगों पर प्रशासन नजर बनाए हुए हैं। जनाजे में खुफिया तंत्र की निगाहें मुख्तार के फरार शूटरों और सहयोगियों पर बनी रहेगी। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरीके से मुस्तैद है।

    महिलाओं के भीड़ में आफसा की रहेगी तलाश

    खुफिया तंत्र की निगाहें माफिया मुख्तार की फरार बीवी अफसा अंसारी पर भी रहेगी महिलाओं के भीड़ में अफसा अंसारी के होने पर भी संदेह जताया जा रहा है। ऐसे में माफिया मुख्तार अंसारी के जनाजे को लेकर प्रशासन काफी सतर्क है। मुख्तार अंसारी को धार्मिक रीति रिवाज के तहत शनिवार को गाजीपुर के काली बाग कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक किया जाएगा