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  • लोकसभा चुनाव : दूसरे चरण के लिए 28 मार्च से शुरू होगा नामांकन

    लोकसभा चुनाव : दूसरे चरण के लिए 28 मार्च से शुरू होगा नामांकन

    मेरठ। लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 28 मार्च से नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी। मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट के लिए कलेक्ट्रेट में नामांकन होंगे। नामांकन के लिए पुलिस प्रशासन ने पुख्ता व्यवस्था की है।

    जिला निर्वाचन अधिकारी दीपक मीणा ने बताया कि कड़ी सुरक्षा के बीच कलेक्ट्रेट में नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी। इससे पहले जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा अधिसूचना जारी की जाएगी। चार अप्रैल तक नामांकन पत्र दाखिल किए जाएंगे। पांच अप्रैल को नामांकन पत्रों की जांच होगी। नाम वापसी की अंतिम तिथि आठ अप्रैल है। जबकि 26 अप्रैल को सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक मतदान होगा। चार जून को मतगणना होगी।

    जिलाधिकारी दीपक मीणा ने कहा कि नामांकन स्थल के आसपास कहीं भी होर्डिंग्स, बैनर, पोस्टर आदि नहीं लगे होने चाहिए। नामांकन के दौरान निर्धारित संख्या में ही लोग नामांकन स्थल पर आएंगे। नामांकन स्थल पर बेरिकेडिंग, सीसीटीवी कैमरे आदि लगाए गए हैं।

    गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी ने मेरठ सीट पर अभिनेता अरुण गोविल, बहुजन समाज पार्टी बसपा ने देवव्रत त्यागी, समाजवादी पार्टी ने भानु प्रताप सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है।

  • लोकसभा चुनाव : एक समय मेरठ से चुने गए थे तीन सांसद

    लोकसभा चुनाव : एक समय मेरठ से चुने गए थे तीन सांसद

    मेरठ। मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट पर चुनाव प्रचार रोचक होता जा रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रचार शुरू हो गया है तो 31 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेरठ में चुनावी रैली को संबोधित करेंगे। अभी मेरठ लोकसभा सीट से एक सांसद चुना जाता है, लेकिन एक समय मेरठ सीट से तीन सांसद चुने गए थे।

    मेरठ लोकसभा सीट का इतिहास बड़ा ही रोचक है। 1952 में देश में हुए पहले आम चुनावों में मेरठ को तीन लोकसभा क्षेत्रों में बांटा गया था। इसमें मेरठ जिला (पश्चिम), मेरठ जिला (दक्षिण) और मेरठ जिला (उत्तर पूर्व)। इस चुनाव में मेरठ सीट से तीन सांसद चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे। मेरठ पश्चिम सीट से पहली बार करांग्रेस के खुशीराम शर्मा सांसद चुने गए। उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार हुकुम सिंह को हराया। मेरठ दक्षिण सीट से कांग्रेस उम्मीदवार कृष्णचंद्र शर्मा (त्यागी) ने भारतीय जनसंघ के हरसरन दास को हराकर कराया। मेरठ उत्तर-पूर्व से कांग्रेस के जनरल शाहनवाज खान ने अखिल भारतीय राम राज्य परिषद के सूरज बल स्वामी को हराकर चुनाव जीता।

    1957 में हुए दूसरे आम चुनाव में तीनों सीटों को मिलाकर एक कर दिया गया। इस चुनाव में कांग्रेस के जनरल शाहनवाज खान दूसरी बार चुनाव जीतने में कामयाब रहे। उन्होंने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बृजराज किशोर को हराया था। तीसरे नंबर पर भारतीय जनसंघ के बलबीर सिंह रहे। 1962 में तीसरे आम चुनाव में भी कांग्रेस की जीत का सिलसिला जारी रहा और जनरल शाहनवाज खान ने जीत की हैट्रिक लगाई। उन्होंने क्रांतिकारी सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार महाराज सिंह भारती को हराया। 1967 आते-आते मेरठ लोकसभा सीट का मिजाज बदल गया और पहली बार इस सीट पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। 1962 में शाहनवाज खान से हारने वाले संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के महाराज सिंह भारती ने अपनी हार का बदला ले लिया और उन्होंने शाहनवाज खान को करारी शिकस्त दी। 1971 में हुए चुनाव कांग्रेस के शाहनवाज खान ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (ऑर्गनाइजेशन) के उम्मीदवार हरीकिशन को हराकर चौथी बार सांसद बनने में कामयाबी हासिल की। 1977 में भारतीय लोकदल के कैलाश प्रकाश ने कांग्रेस उम्मीदवार शाहनवाज खान के विजयी रथ को रोक दिया और 124732 वोटों के अंतर से करारी शिकस्त दी। 1980 में मेरठ लोकसभा सीट फिर से कांग्रेस के खाते में चली गई। कांग्रेस उम्मीदवार मोहसिना किदवई ने जनता पार्टी (एस) के उम्मीदवार हरीश पाल को हराकर जीत हासिल की। इसके बाद 1984 में मोहसिना किदवई ने जनता पार्टी की अंबिका सोनी को हराया। 1980 में मोहसिना किदवई से हारने वाले हरीश पाल ने 1989 के लोकसभा चुनाव में मोहसिना किदवई को हरा दिया।

    1991 में पहली बार खुला मेरठ में भाजपा का खाता

    श्रीराम मंदिर आंदोलन के दौर में हुए लोकसभा चुनाव में 1991 में मेरठ लोकसभा सीट पर भाजपा का खाता पहली बार खुला। भाजपा उम्मीदवार अमरपाल सिंह ने यहां से जीत दर्ज की। इसके बाद 1996 और 1998 में भी अमरपाल ने चुनाव जीतकर जीत की हैट्रिक लगाई। 1999 में हुए मध्यावधि चुनाव में कांग्रेस ने यह सीट भाजपा से छीन ली। कांग्रेस उम्मीदवार अवतार सिंह भड़ाना ने भाजपा उम्मीदवार को हराकर जीत हासिल की। 2004 के चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार शाहिद अखलाक ने राष्ट्रीय लोकदल के मलूक नागर को हराया।

    भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने लगाई हैट्रिक

    2009 में हुए चुनाव में भाजपा के राजेंद्र अग्रवाल ने बसपा के मलूक नागर को हराकर चुनाव जीता। इसके बाद 2014 की मोदी लहर में भाजपा उम्मीदवार राजेंद्र अग्रवाल ने बसपा के शाहिद अखलाक को हराकर दूसरी बार लोकसभा में पहुंचने में कामयाबी पाई। 2019 के चुनाव में नजदीकी मुकाबले में राजेंद्र अग्रवाल ने फिर से बसपा के याकूब कुरैशी को शिकस्त देकर जीत की हैट्रिक लगाई। 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने राजेंद्र अग्रवाल का टिकट काटकर अभिनेता अरुण गोविल को चुनाव मैदान में उतारा है। उनके मुकाबले बसपा के देवव्रत त्यागी और सपा के भानु प्रताप चुनाव मैदान में है।

  • संदिग्ध हालात में विवाहिता की मौत,परिवार में कोहराम

    संदिग्ध हालात में विवाहिता की मौत,परिवार में कोहराम

    बदायूं। वजीरगंज थाना क्षेत्र के वजीरगंज कस्बे के वार्ड छह में एक विवाहिता की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। मायके वालों ने पुलिस को तहरीर देकर पोस्टमार्टम कराकर मौत की सही वजह पता करने की अपील की है।

    बिसौली कोतवाली के आलमपुर के रहने वाले विवाहिता के भाई विनोद ने बताया कि उसकी बहन शालिनी उर्फ लता की शादी 12 साल पहले वजीरगंज कस्बे के वार्ड नंबर छह के रहने वाले पुष्पेंद्र के साथ हुई थी। शालिनी के दो बच्चे हैं।

    बुधवार की सुबह आठ बजे उन्हें सूचना मिली कि शालिनी की मौत हो गई है। जब हम लोग बहन के ससुराल पहुंचे तो देखा कि शालिनी की गर्दन पर चोट के निशान थे। हमें आशंका है कि शालिनी के साथ कोई अप्रिय घटना घटी है। विनोद ने वजीरगंज थाना पुलिस को तहरीर देकर शालिनी का पोस्टमार्टम कराकर मौत की सही वजह जानने की अपील की है। मौत की खबर मिलते ही सीओ बिसौली और एसपी देहात भी मौके पर पहुंचे और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी।

    एसपी देहात का कहना है कि पीड़ित परिवार की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। जांच व पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जो भी तथ्य निकल कर आएंगे उसके आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।

  • बांदा : बीमार पिता मुख्तार अंसारी को देखने बेटा उमर अंसारी पत्नी के साथ पहुंचा

    बांदा : बीमार पिता मुख्तार अंसारी को देखने बेटा उमर अंसारी पत्नी के साथ पहुंचा

    बांदा। रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी को देखने के लिए उसका बेटा उमर अंसारी और उसकी बहू मंगलवार को दोपहर में मेडिकल कॉलेज पहुंचे। सीधे आईसीयू में पहुंचकर पिता का हाल-चाल लिया। डॉक्टर ने फिलहाल उनकी स्थिति सामान्य बताई है।

    बताते चलें कि सोमवार की रात मुख्तार अंसारी की अचानक तबियत बिगड़ जाने पर रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। यहां उनका आईसीयू में भर्ती कर सघन इलाज किया जा रहा है। इस बीच जेल प्रशासन द्वारा मुख्तार अंसारी के परिजनों को भी जानकारी दी गई थी। जिसमें परिजनों से कहा गया था कि यहां पहुंचकर उनकी देखभाल करें। जेल प्रशासन द्वारा दी गई सूचना के बाद परिवार के लोगों का आना शुरू हो गया है। दोपहर में बेटा उमर अंसारी अपनी पत्नी के साथ मेडिकल कॉलेज पहुंचा। पति-पत्नी आईसीयू में पहुंचे और बीमार पिता का हाल-चाल दिया। इस बीच मेडिकल कॉलेज के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।

  • बदनामी की डर से छात्रा ने पानी की टंकी से कूदकर दे दी जान

    बदनामी की डर से छात्रा ने पानी की टंकी से कूदकर दे दी जान

    -पिता का आरोप, गांव की ही चार लड़कियों ने सोशल मीडिया पर किया था वीडियो वायरल

    झांसी। मऊरानीपुर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम भदरावारा की रहने वाली बारहवीं की छात्रा ने बदनामी की डर से आहत होकर पानी की टंकी से छलांग लगाकर अपनी जान दे दी। परिजनों ने घटना की सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस मामले की जांच कर रही है।

    भदरवारा की रहने वाले कैलाश की पुत्री सोनिया ने इस साल 12वीं की परीक्षा दी थी। बीते दिनों गांव की ही चार लड़कियों ने एक लड़के के साथ उसका एक गलत वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल किया था। इससे उसकी चारों तरफ से बदनामी हो रही थी। इसके चलते छात्रा ने यह कदम उठाया है।

    इस संबंध एसपी ग्रामीण गोपीनाथ सोनी ने बताया कि पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। तहरीर के आधार पर पुलिस मामले की जांच कर रही है।

  • मुख्तार की गवाही रोकने के लिए उन्हें मारने की साजिश : अफजाल अंसारी

    मुख्तार की गवाही रोकने के लिए उन्हें मारने की साजिश : अफजाल अंसारी

    लखनऊ। गाजीपुर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी(सपा) के उम्मीदवार और माफिया मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी ने बड़ा बयान दिया है। अफजाल अंसारी ने मुख्ताार अंसारी की तबियत बिगड़ने की जानकारी मिलने पर कहा कि ऊसरी चट्टी काण्ड में मुख्तार अंसारी की गवाही होनी है। और मुख्तार की गवाही रोकने के लिए उसे मारने की साजिश जारी है।

    समाजवादी पार्टी(सपा) के उम्मीदवार ने कहा अफजाल अंसारी ने कहा कि मुख्तार की गवाही के बाद विपक्ष के लोगों को सजा हो जायेगी। सरकारी महकमा,अफसर सभी आपस में मिले हुए हैं। सभी के मिलीभगत से मुख्तार को मारने की साजिश हो रही है। मौत का एक दिन सभी का निश्चित है लेकिन शैतान तो कभी भी कोशिश कर सकता है।

    उन्होंने कहा कि मुख्तार की तबियत बिगड़ने की सूचना मिली तो पहले तो ऐसा लगा कि कोई अनहोनी हो गयी है। बांदा मेडिकल कालेज से फिर मिली सूचना पर थोड़ी राहत हुई है। पूरा परिवार मुख्तार को देखने बांदा पहुंच रहा है। कुछ रिश्तेदार पहुंच चुके हैं। हम कानून के रास्ते से मुख्तार की सुरक्षा के लिये कोशिश करते रहेंगे। मुख्तार के लिए उनके लोग दुआ कर रहे हैं।

  • मेडिकल कॉलेज में भर्ती मुख्तार अंसारी की हालत स्थिर, इलाज जारी

    मेडिकल कॉलेज में भर्ती मुख्तार अंसारी की हालत स्थिर, इलाज जारी

    बांदा। रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी की हालत इलाज के बाद स्थिर बताई जा रही है। इस बारे में मंगलवार को मेडिकल कॉलेज द्वारा हेल्थ बुलेटिन जारी की गई है। वहीं जेल प्रशासन द्वारा मुख्तार अंसारी के परिवार को भी जानकारी दी गई है, जिससे परिवार के लोग बांदा आ रहै हैं।

    बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी द्वारा इधर कई महीने से लगातार कभी ब्लड प्रेशर बढ़ने, कभी शुगर से हालत बिगड़ने और बाराबंकी कोर्ट में वकील द्वारा मुख्तार अंसारी के खाने में विषाक्त पदार्थ मिलने की शिकायतें हो चुकी हैं। इन तमाम शिकायतों के कारण ही जेल के लगभग 11 अधिकारी निलंबित हो चुके हैं। जिससे मुख्तार अंसारी की सुरक्षा से लेकर स्वास्थ्य की विशेष निगरानी की जा रही है। सोमवार की रात अचानक तबीयत बिगड़ जाने पर अंसारी को पहले जिला अस्पताल लाया गया, फिर मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया। जहां उनका सघन इलाज किया जा रहा है।

    इस बारे में रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर एस के कौशल ने बताया कि रात में मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ने पर मेडिकल कॉलेज में तड़के 3.10 बजे भर्ती किया गया है। पिछले चार-पांच दिनों से उन्हें कब्ज की शिकायत है। जिसके कारण गैस नहीं पास हो पा रही है। इसी तकलीफ के कारण उनकी रात में तबीयत बिगड़ गई। जिसे इलाज के लिए यहां लाया गया है। इलाज के बाद अब पहले से स्थिति बेहतर है। खतरे की कोई बात नहीं है।

    इधर जेल प्रशासन द्वारा मुख्तार अंसारी के बेटे उमर और अब्बास अंसारी को भी लिखित पत्र भेज कर मुख्तार के बीमार होने की जानकारी दी है, साथ ही परिजनों से मेडिकल कॉलेज पहुंचकर उनकी देखभाल करने को भी कहा है। इस बारे में मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल को भी जानकारी दी गई है। पता चला है कि पूरा परिवार यह जानकारी मिलने के बाद मेडिकल कॉलेज आ रहा है।

    उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों बाराबंकी कोर्ट में एंबुलेंस के मामले में कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी पेश नहीं हुए, उनके स्थान पर उनके वकील ने कोर्ट में पहुंचकर एक प्रार्थना पत्र दिया था। जिसमें आरोप लगाया गया था कि 19 मार्च को मुख्तार अंसारी के खाने में स्लो प्वाइजन दिया गया है। जिससे उनकी हालत बिगड़ रही है,उनकी जांच मेडिकल टीम से कराई जाए। मुख्तार अंसारी के इस आरोप पर कोर्ट ने मेडिकल जांच के आदेश दिए थे और जेल प्रशासन ने मुख्तार अंसारी की जांच की थी। डॉक्टर के पैनल ने जांच के बाद बताया था कि मुख्तार अंसारी इस समय रोजा पर रहते हैं। शाम को इफ्तार में खाना खाने से कब्ज की शिकायत रहती है। इधर रात में इसी बीमारी के चलते अंसारी की हालत बिगड़ी जिसके कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। इस बारे में मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी द्वारा फेसबुक में जानकारी दी गई है। मुख्तार अंसारी 7 अप्रैल 2021 से बांदा जेल में बंद हैं, उन्हें पंजाब की जेल से सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बांदा जेल में शिफ्ट किया गया था।

  • ‘आप’ के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया

    ‘आप’ के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया

    नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में मंगलवार को प्रधानमंत्री आवास का घेराव करने जा रहे आम आदमी पार्टी (आप) के कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। दिल्ली पुलिस ने पहले ही चेतावनी दी थी कि किसी को भी प्रदर्शन की इजाजत नहीं है। ना ही किसी भी तरह का मार्च करने दिया जाएगा। फिलहाल पटेल चौक पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

    दिल्ली यातायात पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शन की वजह से नई दिल्ली और मध्य दिल्ली के इलाकों में आवाजाही प्रभावित हो सकती है। दिल्ली पुलिस के अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। हमने क्षेत्र में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए कई स्तर की सुरक्षा व्यवस्था की है।

    पुलिस ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास के आसपास (दंड प्रक्रिया संहिता की) धारा 144 पहले से लागू है और किसी को भी प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी। दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ मंगलवार को प्रधानमंत्री आवास का घेराव करने की योजना का ऐलान किया था।

    ईडी ने आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन से संबंधित मामले में 21 मार्च को केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। वह गुरुवार तक एजेंसी की हिरासत में हैं। केंद्रीय एजेंसी ने आप के राष्ट्रीय संयोजक पर शराब व्यापारियों को लाभ देने के बदले में उनसे रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है।

    दिल्ली पुलिस द्वारा आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को लगातार चेतावनी दी जा रही है कि धारा 144 लागू है। पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस समेत आप के कई नेताओं को भी दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया है।

  • लोस चुनाव : मीरजापुर में अब तक कोई दल नहीं लगा पाया जीत का हैट्रिक

    लोस चुनाव : मीरजापुर में अब तक कोई दल नहीं लगा पाया जीत का हैट्रिक

    वाराणसी। मीरजापुर लोकसभा सीट का अब तक का इतिहास रहा है कि यहां से कोई दल जीत का हैट्रिक नहीं लगा पाया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लहर में लोकसभा के पांचों विधानसभा सीट छानवे, मीरजापुर,मंझवा,चुनार और मड़िहान पर भाजपा और उसके सहयोगी दलों का कब्जा है। ऐसे में वर्तमान सांसद और केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के पास इतिहास रचने कर अवसर है।

    मीरजापुर सीट से चुने पहले सांसद कांग्रेस के जॉन एन विल्सन से लेकर दस्यु सुंदरी फूलन देवी, अजीज इमाम, वीरेंद्र सिंह, उमाकांत मिश्र को भी इस सीट से दो-दो बार जीत मिली है। देश के पहले आम चुनाव 1952 और दूसरे 1957 में कांग्रेस के टिकट पर जॉन एन विल्सन जीते थे। पिछड़ा,दलित,आदिवासी बाहुल्य वाली इस संसदीय सीट पर 1962 में कांग्रेस के पं.श्यामधर मिश्र ने जीत दर्ज कर पार्टी का दबदबा बरकरार रखा। 1967 में जनसंघ के वंश नारायण सिंह ने कांग्रेस से सीट छिन ली। अगले आम चुनाव 1971 में कांग्रेस के अजीज इमाम ने फिर इस सीट को पार्टी के झोली में डाल दिया। फिर इमरजेंसी का दौर आया तो 1977 में जनता पार्टी के फकीर अली अंसारी ने फतह हासिल की। लेकिन जनता पार्टी सीट को अपने कब्जे में नहीं रख पाई।

    वर्ष 1980 में इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की वापसी हुई तो यहां अजीज इमाम फिर से सांसद चुने गए। अगले साल उपचुनाव में कांग्रेस के ही उमाकांत मिश्र ने सीट जीती। 1984 में उमाकांत मिश्र दूसरी बार सांसद बने। विश्वनाथ प्रताप सिंह की लहर में 1989 में जनता दल के युसूफ बेग यहां से सांसद चुने गए। फिर आया राममंदिर आंदोलन का दौर तो ये सीट 1991 में भाजपा के खाते में आ गई और वीरेंद्र सिंह सांसद बने। 1996 में सपा सरंक्षक मुलायम सिंह यादव ने दस्यु सुंदरी फूलन देवी को यहां से उतारा और वह सांसद बनीं। दो साल बाद ही दोबारा चुनाव होने पर भाजपा के वीरेंद्र सिंह ने यह सीट सपा से छीन ली। एक साल बाद 1999 में सपा की फूलन देवी ने फिर जीत हासिल की। फिर 2002 में रामरति बिंद सांसद बने। 2004 के चुनाव में बसपा के नरेंद्र कुशवाहा सांसद चुने गए। 2007 में रमेश दुबे और 2009 में सपा के बाल कुमार पटेल सांसद बने।

    इसके बाद मोदी लहर में 2014 और 2019 में इस सीट पर अपना दल सोनेलाल की अनुप्रिया पटेल ने जीत का परचम लहराया। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा बसपा के गठबंधन के बाद भी भाजपा गठबंधन की अनुप्रिया पटेल को 5 लाख 91 हजार 564 वोट मिला। सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी रामचरित्र निषाद को 3 लाख 59 हजार 556 मत और कांग्रेस के प्रत्याशी ललितेश पति त्रिपाठी को केवल 91 हजार 501 मत ही मिल पाया था। इस चुनाव में अनुप्रिया पटेल को 53.34 प्रतिशत मत मिला था। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में अनुप्रिया पटेल को 4,36,536 मत कुल 42.32 फीसदी मत मिला था। दूसरे स्थान पर बसपा की समुद्रा बिंद को 2,17,457 लगभग 21.58 फीसदी मत मिला था। तीसरे स्थान पर कांग्रेस के ललितेशपति त्रिपाठी रहे। ललितेश को 1,52,666 कुल 15.15 फीसदी मत मिला था।

  • भाजपा को इलेक्टोरल बांड के रूप में सबसे अधिक चंदा  देने वाले सैटियागो कभी थे मजदूर

    भाजपा को इलेक्टोरल बांड के रूप में सबसे अधिक चंदा देने वाले सैटियागो कभी थे मजदूर


    –ईडी की सख्ती के बाद इलेक्टोरल बांड से राहत लिए, सैंटियागो मजदूरी के बाद लाटरी किंग बने, बेहिसाब दौलत बाद ईडी ने जब शिकंजा कसा तो भाजपा के करीबी बने


    मऊ/नई दिल्ली। भाजपा को इलेक्टोरल बांड दान करने वाली पहली कंपनी ’’फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज’’ के संचालक सैंटियागो मार्टिन कभी मजदूर थे। मजदूरी के बाद उन्होंने लॉटरी का कारोबार कर लॉटरी किंग कहलाए। जब बेहिसाब दौलत आई तो ईडी ने शिंकजा कसा, जिसके कारण मार्टिन चर्चा में आ गए। दुबारा मार्टिन भाजपा को सबसे अधिक चंदा देने वालों में शामिल हो कर चर्चा में है। बताते चले कि सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद एसबीआई ने बॉन्ड खरीदने की जानकारी चुनाव आयोग को दी है। इसके बाद इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वालों की सूची भारत निर्वाचन आयोग ने जारी की है।

    https://www.martinfoundation.com/blog/the-story-of-santiago-martin-from-an-improverished-labourer-to-india-lottery-king.php मार्टिन के चैरिटेबल ट्रस्ट की वेबसाइट के अनुसार मार्टिन म्यांमार के यांगोन में मजदूर थे। वर्ष 1988 में वह भारत लौट कर दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु में लॉटरी का बिजनेस शुरू कर लाटरी किंग बने। मार्टिन कर्नाटक और केरल के बाद पूर्वोत्तर पहुंच गए। पूर्वोत्तर में उन्होंने सरकारी लॉटरी योजनाओं पर काम करना शुरू किया। इसके बाद उन्होंने काम को भारत से बाहर भूटान और नेपाल में भी बढ़ाया। लॉटरी के अलावा सेंटियागो ने कंस्ट्रक्शन, रियल ऐस्टेट, टेक्सटाइल्स और हॉस्पिटैलिटी जैसे क्षेत्रों में भी विस्तार किया। मार्दिन ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ लॉटरी ट्रेड एंड एलायज इंडसट्रीज के अध्यक्ष भी हैं। यह संगठन भारत में लॉटरी के कारोबार को बेहतर बनाने और विश्वसनीयता को बढ़ाने का काम करता है। उनकी अगुवाई में फ्यूचर गेमिंग सोल्यूशंस इंडिया प्रा.लि. वर्ल्ड लॉटरी एसोसिएशन की सदस्य बन गई और ऑनलाइन गेमिंग और कैसीनो और स्पोर्ट्स बैटिंग में विस्तार कर रही है।
    चल रही है ईडी की जांच

    आंकड़े बताते है कि कंपनी ने साल 2019 और 2024 के बीच 1368 करोड़ रुपये का दान दिया है। साल 2019 से ही ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय पीएमएलए कानून के उल्लंघन के आरोपों को लेकर कंपनी की जांच कर रहा है। मई 2023 में कंपनी के कोयंबटूर और चेन्नई ठिकानों पर रेड भी हुई थी। कंपनी एशिया पेसिफिक लॉटरी एसोसिएशन की भी सदस्य है। साल 2001 से फ्यूचर गेमिंग वर्ल्ड लॉटरी एसोसिएशन का भी हिस्सा है।
    वर्ष 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इसकी जांच भी की थी। इसने दो अलग-अलग कंपनियों के जरिए 1350 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे थे। लिस्ट में दूसरे स्थान पर मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड का नाम है। इसने कुल 966 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे हैं। तीसरे स्थान पर क्विक सप्लाई चैन प्राइवेट लिमिटेड है, जिसने 410 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे। चौथे पर 400 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदने वाली वेदांता लिमिटेड और पांचवे स्थान पर हल्दिया एनर्जी लिमिटेड है। कंपनी ने 377 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे। निजी तौर पर इलेक्टोरल बांड के जरिए दान देने वालों में लक्ष्मी निवास मित्तल के अलावा, किरण मजूमदार शॉ, वरुण गुप्ता, बी के गोयनका, जैनेंद्र शाह और मोनिका जैसे व्यक्ति भी शामिल हैं।
    इन पार्टियों को मिला दान
    दान पाने वालों में भाजपा, कांग्रेस, एआईएडीएमके, बीआरएस, शिवसेना, टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस, डीएमके, जेडी-एस, एनसीपी, तृणमूल कांग्रेस, जेडीयू, आप, राजद, समाजवादी पार्टी, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस, बीजेडी, गोवा फॉरवर्ड पार्टी, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, जेएमएम, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट और अन्य पार्टी शामिल शामिल हैं।
    10 बड़े डोनर्स की सूची
    1- फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज- 1350 करोड़ रुपये
    2- मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड- 966 करोड़ रुपये
    3- क्विक सप्लाई चेन- 410 करोड़ रुपये
    4- वेदांता लिमिटेड- 400 करोड़ रुपये
    5- हल्दिया एनर्जी लिमिटेड- 377 करोड़ रुपये
    6- भारतीय ग्रुप- 247 करोड़ रुपये
    7 एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज- 224 करोड़ रुपये
    8- वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड- 220 करोड़ रुपये
    9- केवेंटर फूडपार्क इंफ्रा लिमिटेड- 195 करोड़ रुपये
    10- मदनलाल लिमिटेड- 185 करोड़ रुपये

    टॉप 10 चंदा लेने वाली पार्टी (करोड़ रुपये में)
    बीजेपी 6,060
    टीएमसी 1,609
    कांग्रेस 1,421
    बीआरएस 1,214
    बीजेडी 775
    डीएमके 639
    वायएसआर कांग्रेस 337
    टीडीपी 218
    शिवसेना 158
    आरजेडी 72.50