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  • बैंक धोखाधड़ी मामले में निजी कंपनी और पांच अन्य के खिलाफ मामला दर्ज

    बैंक धोखाधड़ी मामले में निजी कंपनी और पांच अन्य के खिलाफ मामला दर्ज

    नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 48.06 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के आरोप में एक निजी कंपनी और उससे जुड़े पांच अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। सीबीआई की टीम ने गुरुवार को आरोपितों के जयपुर स्थित कारखाने समेत 5 ठिकानों की तलाशी ली। सीबीआई ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर इस कार्रवाई काे अंजाम दिया।

    सीबीआई के मुताबिक जिन लोगों पर मामला दर्ज किया गया है उनमें मैसर्स स्वास्टिक कॉपर्स प्राइवेट लिमिटेड (जयपुर) और कंपनी के निदेशक संदीप जैन, पूर्व निदेशक नीलम जैन, निदेशक इंद्रा जैन, अज्ञात लोकसेवक और एक निजी व्यक्ति शामिल हैं। आरोपित कंपनी बिजली वितरण ट्रांसफार्मर के निर्माण और मरम्मत के व्यवसाय में लगी हुई थी। आरोपितों ने आपराधिक साजिश रचकर बैंक से 48.06 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की। कंपनी ने कथित तौर पर झूठे और बढ़े हुए दस्तावेज़ जमा करके नकद क्रेडिट सीमा का लाभ उठाया। सीबीआई ने आरोप लगाया कि आरोपितों ने लेनदेन के माध्यम से बैंक फंड का दुरुपयोग किया। इस मामले में आगे की जांच जारी है।

  • स्टेट बैंक ने इलेक्टोरल बांड से जुड़ी सारी जानकारी चुनाव आयोग को मुहैया कराई

    स्टेट बैंक ने इलेक्टोरल बांड से जुड़ी सारी जानकारी चुनाव आयोग को मुहैया कराई

    – सुप्रीम कोर्ट में स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने दिया हलफनामा

    नई दिल्ली। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक इलेक्टोरल बांड से जुड़ी सारी जानकारी आज चुनाव आयोग को उपलब्ध करा दी गई है।

    स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने कहा कि इस जानकारी में इलेक्टोरल बांड का नंबर, इलेक्टोरल बांड की कीमत, पार्टी का नाम, पार्टी के बैक अकाउंट की आखिरी चार डिजिट नंबर, भुनाए गए बांड की कीमत और नंबर शामिल है। स्टेट बैंक ने हलफनामे में कहा है कि साइबर सुरक्षा के मद्देनजर राजनीतिक पार्टी का पूरा बैंक खाता नंबर, पार्टी और बांड खरीदने वाले की केवाईसी डिटेल्स सार्वजनिक नहीं की गई है। इस जानकारी के अलावा कोई और जानकारी स्टेट बैंक ने अपने पास नहीं रखी है।

    सुप्रीम कोर्ट ने 18 मार्च को स्टेट बैंक को खरीदे गए और कैश कराए गए बांड नंबरों का पूरा ब्यौरा चुनाव आयोग को देने और चुनाव आयोग को उसे प्रकाशित करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक के चेयरमैन से कहा था कि भविष्य में किसी विवाद की गुंजाइश को खत्म करने के लिए वो 21 मार्च को 5 बजे तक कोर्ट में हलफनामा दायर कर साफ करें कि उनके पास उपलब्ध सारी जानकारी चुनाव आयोग को दे दी गई है। निर्वाचन आयोग स्टेट बैंक से जानकारी मिलते ही उसे तुरंत अपनी वेबसाइट पर डालेगा।

    इससे पहले 16 मार्च को सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने इलेक्टोरल बांड मामले में सीलबंद डाटा निर्वाचन आयोग को सौंप दिया था। इस डाटा में 2019 और नवंबर, 2023 में दिए गए इलेक्टोरल बांड का ब्यौरा है। सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच ने सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री को निर्देश दिया था कि वो 2019 और नवंबर 2023 के डाटा की कॉपी कर उसकी मूल प्रति निर्वाचन आयोग को सौंप दे।

    कोर्ट ने 15 मार्च को निर्वाचन आयोग की अर्जी पर सुनवाई करते हुए सवाल उठाया था कि स्टेट बैंक की ओर से निर्वाचन आयोग को दिए गए आंकड़ों में बांड नंबर का उल्लेख नहीं किया गया है, जबकि इसका साफ आदेश था। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान बेंच ने स्टेट बैंक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

  • आईपीएल 2024: एमएस धोनी ने छोड़ी सीएसके की कप्तानी, ऋतुराज गायकवाड़ बने टीम के नए कप्तान

    आईपीएल 2024: एमएस धोनी ने छोड़ी सीएसके की कप्तानी, ऋतुराज गायकवाड़ बने टीम के नए कप्तान

    नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2024 सीजन की शुरुआत शुक्रवार (22 मार्च) से हो रही है। पहला मैच चेन्नई के एम चिदंबरम स्टेडियम में गत चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू (आरसीबी) के बीच खेला जाएगा। मैच से एक दिन पहले सीएसके में कप्तानी को लेकर बड़ा बदलाव हुआ है। टीम को पांच बार चैंपियन बनाने वाले एमएस धोनी ने सीएसके की कप्तानी छोड़ दी है। उनकी जगह युवा बल्लेबाज ऋतुराज गायकवाड़ को टीम का नया कप्तान नियुक्त किया गया है।

    सीएसके की तरफ से गुरुवार को जारी बयान में बताया गया है कि एमएस धोनी ने टाटा आईपीएल 2024 की शुरुआत से पहले चेन्नई सुपर किंग्स की कप्तानी ऋतुराज गायकवाड़ को सौंप दी है। ऋतुराज 2019 से चेन्नई सुपर किंग्स का अभिन्न हिस्सा हैं और उन्होंने इस दौरान आईपीएल में 52 मैच खेले हैं।

    उल्लेखनीय है कि यह पहली बार नहीं है, जब एमएस धोनी कप्तान नहीं रहेंगे। इससे पहले आईपीएल 2022 में भी सीएसके मैनेजमेंट ने कप्तानी में बदलाव किया था। स्टार ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा को धोनी की जगह कप्तान बनाया गया था। हालांकि, उनकी कप्तानी में टीम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई, जिसकी वजह से उन्होंने बीच सीजन में ही कप्तानी छोड़ दी थी। इसके बाद धोनी ने एक बार फिर कप्तानी की जिम्मेदारी संभाली थी। उन्होंने पिछले सीजन (आईपीएल 2023) में टीम को पांचवां खिताब जितवाया था।

  • ईडी ने मल्टीलेवल मार्केटिंग मामले में 84.24 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की

    ईडी ने मल्टीलेवल मार्केटिंग मामले में 84.24 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की

    नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मल्टीलेवल मार्केटिंग स्कीम मामले में 84.24 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति जब्त की है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने यह कार्रवाई धन शोधन निवारण कानून (पीएमएलए), 2002 के तहत की है।

    प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को जारी एक बयान में बताया कि मल्टीलेवल मार्केटिंग स्कीम मामले में 19 मार्च को जांच एजेंसी ने प्रमोटरों भाऊसाहेब छब्बू चव्हाण, आरती भाऊसाहेब चव्हाण और अन्य द्वारा अर्जित की गई 84.24 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्तियों सहित चल-अचल संपत्तियां जब्त की है। ईडी ने कहा कि जब्त की गई यह संपत्तियां महाराष्ट्र और राजस्थान के अन्य क्षेत्रों के अलावा नासिक, ठाणे, सिंधुरगढ़ और पाली जिलों में स्थित हैं।

    ईडी ने कहा कि इन प्रमोटरों भाऊसाहेब छब्बू चव्हाण और आरती भाऊसाहेब चव्हाण की संपत्तियों को धन शोधन निवारण कानून, 2002 के तहत अटैच किया गया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने बताया कि जिन संपत्तियों को अटैच किया गया है, उसमें बेनामी संपत्तियां, डीमैट खाते, डाकघर के बचत खातों में जमा पैसे, चांदी और हीरे के आभूषणों और बैंक अकाउंट में जमा पैसा भी शामिल है।

  •  ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को किया गिरफ्तार

     ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को किया गिरफ्तार

    नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित शराब नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार कर लिया है। केंद्रीय जांच एजेंसी की टीम मुख्यमंत्री केजरीवाल को ईडी मुख्यालय ले गई है, जहां मेडिकल जांच कराने बाद शुक्रवार को उन्हें पीएमएलए कोर्ट में पेश किया जाएगा।

    आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित शराब नीति घोटाले मामले में उनके आवास पर करीब दो घंटे तक तलाशी और पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। ईडी की टीम लगातार 9 समन भेजने के बाद 10वें समन के साथ आज शाम केजरीवाल के घर पहुंची थी, जहां उनके आवास पर मुख्यमंत्री से 2 घंटे की पूछताछ हुई। इस दौरान ईडी के संयुक्त निदेशक भी केजरीवाल के आवास पर मौजूद रहे।

    सूत्रों ने बताया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का पीएमएलए की धारा 50 के तहत बयान दर्ज किया गया है। इससे पहले ईडी की टीम केजरीवाल के आधिकारिक अवास पर पहुंच कर स्टाफ को सूचित किया कि उनके पास उत्पाद शुल्क नीति मामले में उनके खिलाफ सर्च वारंट है। फिर करीब 2 घंटे तक तलाशी ली गई और उनका लैपटॉप, मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रिॉनिक समान जब्त कर ईडी की टीम अपने साथ ले गई। केंद्रीय जांच एजेंसी ने केजरीवाल को ईडी मुख्यालय ले गई है, जहां उनका मेडिकल कराने बाद शुक्रवार को पीएमएलए कोर्ट में पेश किया जाएगा।

    इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने के बाद देर रात उनके आवास के बाहर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने आम आदमी पार्टी के विधायकों सहित लगभग उसके दर्जनों कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है, जो सीएम आवास के पास सड़क को अवरुद्ध करने की कोशिश कर रहे थे।

    उल्लेखनीय है कि इससे पहले केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने कथित दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में केजरीवाल को 9वां समन जारी कर आज पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन केजरीवाल ईडी के समक्ष पेश होने से पहले दिल्ली हाईकोर्ट चले गए थे। हालांकि, हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को इस मामले में ईडी को उनसे पूछताछ और गिरफ्तार करने पर कोई रोक लगाने से इंकार कर दिया था।

  • केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद विपक्ष हमलावर, अलोकतांत्रिक कदम की दे रहे दुहाई

    केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद विपक्ष हमलावर, अलोकतांत्रिक कदम की दे रहे दुहाई

    दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर तमाम विपक्षी पार्टियां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ हमलावर हो गईं हैं। जहां कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा ने गिरफ्तारी को असंवैधानिक करार देते हुए इस कदम को अलोकतांत्रिक बताया वहीं, तेजस्वी यादव ने एनडीए सरकार को निशाने पर लेते हुए भाजपा पर लोकतांत्रिक तरीकों के बजाय जांच एजेंसियों के दम पर चुनाव लड़ने का आरोप लगाया।

    कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा है, ”डरा हुआ तानाशाह, एक मरा हुआ लोकतंत्र बनाना चाहता है। मीडिया समेत सभी संस्थाओं पर कब्ज़ा, पार्टियों को तोड़ना, कंपनियों से हफ्ता वसूली, मुख्य विपक्षी दल का अकाउंट फ्रीज़ करना भी ‘असुरी शक्ति’ के लिए कम था, तो अब चुने हुए मुख्यमंत्रियों की गिरफ्तारी भी आम बात हो गई है। INDIA इसका मुंहतोड़ जवाब देगा।”

    प्रियंका गांधी ने भी एक्स पर लम्बा पोस्ट कर भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने लिखा कि चुनाव के चलते दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस तरह टार्गेट करना एकदम गलत और असंवैधानिक है। राजनीति का स्तर इस तरह से गिराना न प्रधानमंत्री जी को शोभा देता है, न उनकी सरकार को।

    प्रियंका ने आगे कहा कि अपने आलोचकों से चुनावी रणभूमि में उतरकर लड़िये, उनका डटकर मुक़ाबला करिए, उनकी नीतियों और कार्यशैली पर बेशक हमला करिए – यही लोकतंत्र होता है। मगर इस तरह देश की सारी संस्थाओं की ताकत का अपने राजनीतिक मक़सद को पूरा करने के लिए इस्तेमाल करना, दबाव डालकर उन्हें कमज़ोर करना लोकतंत्र के हर उसूल के ख़िलाफ़ है।

    उन्होंने कहा कि देश के विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस के बैंक खाते फ्रीज़ कर दिये गये हैं, तमाम राजनीतिक दलों और उनके नेताओं पर ईडी, सीबीआई और आईटी का दिन रात दबाव है, एक मुख्यमंत्री जेल में डलवा दिये गये हैं, अब दूसरे मुख्यमंत्री को भी जेल ले जाने की तैयारी हो रही है। ऐसा शर्मनाक दृश्य भारत के स्वतंत्र इतिहास में पहली बार देखने को मिल रहा है।

    मुख्यमंत्री भगवंत मान का भाजपा पर तंज

    पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक्स पर पोस्ट लिखा कि भाजपा की राजनीतिक टीम यानी ईडी केजरीवाल की सोच को कभी कैद नहीं कर सकती है। आम आदमी पार्टी ही भाजपा को रोक सकती है। आप सोच को कभी नहीं दबा सकते।

    भाजपा अब सत्ता में नहीं आने वालीः अखिलेश यादव

    मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट साझा की। उन्होंने लिखा कि जो ख़ुद हैं शिकस्त के ख़ौफ़ में क़ैद ‘वो’ क्या करेंगे किसी और को क़ैद, भाजपा जानती है कि वो फिर दुबारा सत्ता में नहीं आनेवाली, इसी डर से वो चुनाव के समय, विपक्ष के नेताओं को किसी भी तरह से जनता से दूर करना चाहती है, गिरफ़्तारी तो बस बहाना है। ये गिरफ्तारी एक नयी जन-क्रांति को जन्म देगी।

    इसी तरह राजद नेता तेजस्वी यादव ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को लोकतांत्रिक तरीकों के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल जी की गिरफ्तारी से साफ जाहिर है कि विपक्ष से लोकतांत्रिक तरीके से लड़ने की बजाय भाजपा जांच एजेंसियों एवं अन्य संवैधानिक संस्थानों की आड़ और पुरजोर मदद से चुनाव लड़ना चाहती है। हम सभी मजबूती से दिल्ली के लोगों की अति लोकप्रिय सरकार के साथ खड़े हैं।

    राज्यसभा सांसद और जेएमएम नेता महुआ माजी ने कहा कि जहां-जहां गैर-भाजपा सरकार है, उन राज्यों में ही ये चीजें हो रही हैं। चुनाव होने वाले हैं। आदर्श आचार संहिता लागू है। लेकिन जिस तरह से चीजें चल रही हैं। पहले झारखंड और फिर दिल्ली में ये लोकतंत्र नहीं बल्कि निरंकुशता की तैयारी है।

    जो व्यक्ति जैसा करता है उसे वैसे ही फल की प्राप्ति होती हैः कुमार विश्वास

    अरविंद केजरीवाल के पूर्व सहयोगी डॉ. कुमार विश्वास ने एक्स पर केजरीवाल का नाम लिए बगैर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, ‘कर्म प्रधान विश्व रचि राखा, जो जस करहि सो तस फल चाखा’ दरअसल यह चौपाई रामचरित मानस की है जिसमें गोस्वामी तुलसीदास कर्म के महत्व पर जोर देते हुए वे कहते हैं यह संसार, यह विश्व कर्म प्रधान है। जो व्यक्ति जैसा करता है उसे वैसे ही फल की प्राप्ति होती है।

    दूसरी ओर, अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली के कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित और अरविंदर सिंह लवली उनका समर्थन करने के लिए मौके पर पहुंचे हैं।

  • ‘विकसित भारत’ के संदेशों को साझा करना तुरंत बंद करेंः चुनाव आयोग

    ‘विकसित भारत’ के संदेशों को साझा करना तुरंत बंद करेंः चुनाव आयोग

    नई दिल्ली,। चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह ‘विकसित भारत’ के संदेशों को वाट्सऐप पर साझा करना तुरंत बंद करे।

    चुनाव आयोग ने गुरुवार को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव को आदर्श आचार संहिता के दौरान वाट्सऐप पर ‘विकसित भारत’ के संदेशों की डिलीवरी तुरंत रोकने के लिए पत्र लिखा है। आयोग ने मंत्रालय से इस मामले पर तत्काल अनुपालन रिपोर्ट भी मांगी है।

    पत्र में कहा गया है कि आयोग को विभिन्न क्षेत्रों से शिकायतें मिली हैं कि आम चुनाव 2024 की घोषणा और आदर्श आचार संहिता के लागू होने के बावजूद नागरिकों के फोन पर अभी भी ऐसे संदेश भेजे जा रहे हैं। इसलिए आपको यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है कि चुनाव आचार संहिता के दौरान वाट्सऐप संदेशों की आगे कोई डिलीवरी न हो। इस संबंध में अनुपालन रिपोर्ट तुरंत भेजी जाए।

    उल्लेखनीय है कि मंत्रालय ने इससे पहले आयोग को सूचित किया था कि ये संदेश आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले भेजे गए थे, लेकिन सिस्टम आर्किटेक्चर और नेटवर्क सीमाओं के कारण यह संभव है कि कुछ संदेशों की डिलीवरी में देरी हुई हो।

  • स्टेट बैंक ने इलेक्टोरल बांड से जुड़ी सारी जानकारी चुनाव आयोग को मुहैया कराई

    स्टेट बैंक ने इलेक्टोरल बांड से जुड़ी सारी जानकारी चुनाव आयोग को मुहैया कराई

    – सुप्रीम कोर्ट में स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने दिया हलफनामा

    नई दिल्ली। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक इलेक्टोरल बांड से जुड़ी सारी जानकारी आज चुनाव आयोग को उपलब्ध करा दी गई है।

    स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने कहा कि इस जानकारी में इलेक्टोरल बांड का नंबर, इलेक्टोरल बांड की कीमत, पार्टी का नाम, पार्टी के बैक अकाउंट की आखिरी चार डिजिट नंबर, भुनाए गए बांड की कीमत और नंबर शामिल है। स्टेट बैंक ने हलफनामे में कहा है कि साइबर सुरक्षा के मद्देनजर राजनीतिक पार्टी का पूरा बैंक खाता नंबर, पार्टी और बांड खरीदने वाले की केवाईसी डिटेल्स सार्वजनिक नहीं की गई है। इस जानकारी के अलावा कोई और जानकारी स्टेट बैंक ने अपने पास नहीं रखी है।

    सुप्रीम कोर्ट ने 18 मार्च को स्टेट बैंक को खरीदे गए और कैश कराए गए बांड नंबरों का पूरा ब्यौरा चुनाव आयोग को देने और चुनाव आयोग को उसे प्रकाशित करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक के चेयरमैन से कहा था कि भविष्य में किसी विवाद की गुंजाइश को खत्म करने के लिए वो 21 मार्च को 5 बजे तक कोर्ट में हलफनामा दायर कर साफ करें कि उनके पास उपलब्ध सारी जानकारी चुनाव आयोग को दे दी गई है। निर्वाचन आयोग स्टेट बैंक से जानकारी मिलते ही उसे तुरंत अपनी वेबसाइट पर डालेगा।

    इससे पहले 16 मार्च को सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने इलेक्टोरल बांड मामले में सीलबंद डाटा निर्वाचन आयोग को सौंप दिया था। इस डाटा में 2019 और नवंबर, 2023 में दिए गए इलेक्टोरल बांड का ब्यौरा है। सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच ने सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री को निर्देश दिया था कि वो 2019 और नवंबर 2023 के डाटा की कॉपी कर उसकी मूल प्रति निर्वाचन आयोग को सौंप दे।

    कोर्ट ने 15 मार्च को निर्वाचन आयोग की अर्जी पर सुनवाई करते हुए सवाल उठाया था कि स्टेट बैंक की ओर से निर्वाचन आयोग को दिए गए आंकड़ों में बांड नंबर का उल्लेख नहीं किया गया है, जबकि इसका साफ आदेश था। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान बेंच ने स्टेट बैंक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

  • लोकसभा चुनाव : बड़ी जीत के बाद भी इंदिरा गांधी का रायबरेली से हुआ था मोहभंग

    लोकसभा चुनाव : बड़ी जीत के बाद भी इंदिरा गांधी का रायबरेली से हुआ था मोहभंग

    रायबरेली। अरसे से कांग्रेस की गढ़ रही रायबरेली लोकसभा सीट पर मुकाबले हमेशा रोचक ही रहे हैं, कभी यहां इंदिरा गांधी को हार मिली तो कभी बम्पर जीत के बाद भी उनका यहां से मोहभंग हो गया। रायबरेली के चुनाव में भारतीय राजनीति की दो दिग्गज़ महिलाओं के बीच हुई चुनावी जंग आज भी चुनावी इतिहास में दर्ज है। इसकी चर्चा हमेशा होती रहती है।

    वर्ष 1980 में रायबरेली से इंदिरा गांधी चुनाव लड़ रही थीं। इंदिरा गांधी को टक्कर देने के लिए जनता पार्टी की ओर से रणनीति तैयार की जा रही थी, लेकिन कोई भी यहां से चुनाव लड़ने का इच्छुक नहीं था। ऐसे में खुद ग्वालियर की राजमाता और दिग्गज़ नेत्री विजयाराजे सिंंधिया ने रायबरेली से इंदिरा गांधी को चुनौती देने का मन बनाया। जनता पार्टी ने उन्हें टिकट देते हुए मैदान में उतार दिया। खुद इंदिरा गांधी भी हैरान थीं। इंदिरा लहर तो थी लेकिन राजमाता का आकर्षण जनता में बहुत था। उनकी सभाओं में भारी भीड़ उमड़ रही थी।

    पूर्व मंत्री गिरीश नारायण पांडे कहते हैं कि गांव-गांव में राजमाता के प्रति बड़ी श्रद्धा थी,आमजन विशेषकर महिलाओं में पैर छूने की होड़ लगी रहती थी। बिना किसी बंदोबस्त के ही मीटिंग्स में खूब भीड़ होती थी। राजमाता के जनता से मिलने का तरीका भी अलग था। बावजूद इसके जनता पार्टी के पास न तो मजबूत संगठन था और न ही संसाधन। इस चुनाव में इंदिरा गांधी भारी मतों से जीत गईं। उन्होंने विजयाराजे सिंधिया को 1,73,654 वोटों से हराया। राजमाता विजयाराजे सिंधिया को मात्र 50,249 वोट ही मिल सके। हालांकि इस चुनाव में हारने के बाद भी राजमाता का जुड़ाव रायबरेली से बना रहा और वह यहां के कार्यकर्ताओं से जुड़ी रहीं।

    वर्ष 1980 का रायबरेली से चुनाव इंदिरा गांधी के लिए अंतिम चुनाव रहा, यहां से भारी मतों से जीत दर्ज करने के बाद भी उनका यहां से मोहभंग हो गया और उन्होंने रायबरेली की अपनी सीट से इस्तीफा दे दिया। दरअसल, इंदिरा ने आंध्र प्रदेश की मेंडक सीट से भी चुनाव लड़ा था। यहां भी उनकी जीत हुई थी। उन्होंने मेंडक सीट को बरकरार रखा, जबकि रायबरेली से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद 1980 में इस सीट पर उपचुनाव में अरुण नेहरू समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्र को हराकर सांसद बने।

  • संशोधित- बदायूं हत्याकांड का दूसरा आरोपित जावेद बरेली से गिरफ्तार

    संशोधित- बदायूं हत्याकांड का दूसरा आरोपित जावेद बरेली से गिरफ्तार

    बदायूं। जिले में सगे भाइयों की हत्या करने वाले दूसरे आरोपित 25 हजार के इनामी जावेद को भीड़ ने बरेली जिले के बारादरी थाना क्षेत्र के पास से पकड़ लिया। भीड़ द्वारा पकड़े गए हत्या आरोपित जावेद का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद पुलिस ने जावेद को गिरफ्तार कर लिया।

    एसएसपी आलोक प्रियदर्शी ने पत्रकारों को बताया कि दो बच्चों की हत्या का आरोपित 25 हजार के इनामी जावेद को बरेली की बारादरी थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस टीम जावेद से पूछताछ कर रही है। पुलिस टीम जावेद को बरेली से कुछ घंटे में बदायूं लेकर पहुंचेगी।

    बदायूं पुलिस इस मामले के मुख्य आरोपित साजिद को घटना के कुछ घंटे बाद ही एनकाउंटर में ढेर कर चुकी है। हत्या के दूसरे आरोपित जावेद को लोगों के द्वारा पकड़े जाने पर बच्चों के पिता विनोद ने कहा है कि पुलिस जावेद का एनकाउंटर न करे। क्योंकि जावेद का एनकाउंटर हो गया तो उनके बच्चों की हत्या का राज खत्म हो जाएगा। विनोद ने जिला प्रशासन से अपील की है कि वह जावेद से पूछताछ करे और उनके बच्चों की हत्या का कारण पूछे।

    बुधवार रात में जावेद छिपते छुपाते बरेली पुलिस के पास सरेंडर करने जा रहा था। इसी दौरान सैटलाइट बस अड्डे के पास से भीड़ ने पकड़ लिया। वायरल वीडियो में भीड़ जावेद से उसका आधार कार्ड वगैरह भी देखती दिखाई दे रही है। जावेद वायरल वीडियो में यह भी बता रहा है कि उसके पीड़ित परिवार से अच्छे संबंध थे, लेकिन साजिद ने उनके दोनों बच्चों की हत्या क्यों की इसकी वजह उसे भी नहीं पता है।