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  • सुभासपा के ओपी राजभर ने सीएम से मुलाक़ात कर चुनाव पर की चर्चा, लिया मार्ग दर्शन

    सुभासपा के ओपी राजभर ने सीएम से मुलाक़ात कर चुनाव पर की चर्चा, लिया मार्ग दर्शन


    लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के पंचायतीराज मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के ओम प्रकाश राजभर ने कल सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से मुलाक़ात की। इस दौरान उनके साथ अरविन्द राजभर भी मौजूद रहे।


    ओम प्रकाश राजभर ने अपने ट्वीटर हैंडल से इस बात की जानकारी शेयर की है। वे मा मुख्यमंत्री के आवास पर लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर विस्तार से चर्चा करते हुए पंचायती राज विभाग एयर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के कार्यो की चर्चा करते हुए इनसे मार्गदर्शन प्राप्त किया।

    बताते चले कि ओम प्रकाश राजभर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष है और इस लोकसभा चुनाव मे भाजपा गठबंधन मे शामिल होकर सूबे के मंत्रिमंडल मे हाल के दिनों मे हुए विस्तार मे पंचायती राज मंत्री के पद पर आसीन हुए है।

  • झारखंड हाई कोर्ट ने सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर लगाई रोक

    झारखंड हाई कोर्ट ने सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर लगाई रोक

    रांची,। झारखंड हाई कोर्ट ने गोवंश तस्करी से जुड़े एक मामले में सांसद निशिकांत दुबे को तत्काल राहत दी है। जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की कोर्ट ने मामले में सोमवार को निशिकांत दुबे की याचिका पर सुनवाई करते हुए उनके खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक लगाई है। मामले में राज्य सरकार की ओर से जवाब दाखिल करने के समय की मांग की गई। कोर्ट ने दो सप्ताह का समय राज्य सरकार को दिया है।

    आरोप है कि निशिकांत दुबे ने एक व्यक्ति को गोवंश की तस्करी मामले में पकड़ा और उसकी पिटाई की। बाद में उसे पुलिस को सौंप दिया था। मामले में उस व्यक्ति का कहना था कि उसके पास लाइसेंस है। इसलिए वह गोवंश ले जा रहा था। वह गोवंश तस्कर नहीं है लेकिन निशिकांत दुबे ने उसे धमकी दी और उसे मारपीट कर पुलिस को सौंप दिया था। मामले को लेकर देवघर के मोहनपुर थाना में निशिकांत दुबे के खिलाफ देवघर के मोहनपुर थाना में दर्ज किया गया था।

  • नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 20 वर्ष सश्रम कारावास, 20 हजार अर्थदंड

    नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 20 वर्ष सश्रम कारावास, 20 हजार अर्थदंड

    पलामू। पलामू जिला व्यवहार न्यायालय के अपर जिला और सत्र न्यायाधीश चतुर्थ व स्पेशल जज पोक्सो एक्ट के न्यायाधीश प्रेमनाथ पांडेय की अदालत ने नाबालिक से दुष्कर्म के दोषी बच्चन यादव को 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। वहीं 20 हजार रुपए अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड की राशि नहीं देने पर 6 माह अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी। इस मामले में हुसैनाबाद थाना अंतर्गत लंगरकोट निवासी सोनम देवी (बदला हुआ नाम) ने हुसैनाबाद थाना अंतर्गत बंशीबीघा नहर मोड़ निवासी बच्चन यादव के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराई थी, जो हुसैनाबाद थाना कांड संख्या 8 सन 2020 तिथि 9 जनवरी 2020 को भारतीय दंड विधान की धारा 363, 376, एवं 4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 3/(1) डब्लू (आर) (एस) अनुसूचित जाति और जनजाति निरसंसता निवारण अधिनियम के तहत दर्ज किया गया था।

    अभियुक्त पर आरोप था कि 8 जनवरी 2020 को पीड़िता को साइकिल से गांव के पोखरा तरफ ले गया और उसका अंडर गारमेंट्स खोलकर गलत काम किया। पीड़िता के साथ दुष्कर्म और प्रवेशन लैंगिक हमला किया। पीड़िता का इलाज हुसैनाबाद व सदर अस्पताल डालटनगंज में हुआ, जिस समय घटनाकारित हुई थी, पीड़िता 6 साल की थी।

  • निष्पक्ष चुनाव को लेकर झारखंड समेत पांच राज्यों के आला पुलिस अधिकारियों ने की बैठक, रोड मैप तैयार

    निष्पक्ष चुनाव को लेकर झारखंड समेत पांच राज्यों के आला पुलिस अधिकारियों ने की बैठक, रोड मैप तैयार

    रांची,। डीजीपी अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को पुलिस मुख्यालय में अंतर्राज्यीय समन्वय समिति की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर झारखंड के सीमावर्ती राज्य छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशकों एवं वरीय पुलिस अधिकारी शामिल हुए।

    डीजीपी अजय कुमार सिंह ने बताया कि चुनाव आयोग के निर्देश पर एक बैठक की गई। हमने उन बिंदुओं पर चर्चा की, जो लोकसभा चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं। बिहार और पश्चिम बंगाल और हमने आपसी सहयोग और आगे क्या होगा, इसके लिए रोडमैप बनाया।

    डीजीपी ने कहा कि उन बिंदुओं पर विमर्श किया गया, जो लोकसभा चुनावों को प्रभावित कर सकते है। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर रोड मैप बनाया गया। निष्पक्ष और शांतिपूर्ण लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति बनाई गई । इस दौरान सुरक्षा की दृष्टि के हर पहलू पर विचार विमर्श किया गया। नक्सली, अपराधी, वारंटी, चेकनाका पर सुरक्षा सहित बॉर्डर पर सख्ती को लेकर मंथन किया गया। सीमावर्ती राज्यों के बॉर्डर इलाके में कड़ी नजर रखने पर जोर दिया गया, ताकि चुनाव के दौरान अवांछित तत्व गड़बड़ी नहीं कर सकें। इनसे सख्ती से निबटा जा सके।

    डीजीपी ने कहा कि बैठक में स- समय सूचना के आदान-प्रदान , सीमावर्ती इलाके में सक्रिय नक्सलियों पर प्रभावी कार्रवाई करने पर रणनीति बनाई गई है। साथ ही

    सीमावर्ती क्षेत्रों में चेक पोस्ट नाका को और अधिक सक्रिय करने पर विशेष जोर दिया गया। इसके अलावा सभी स्तर पर लगातार समन्वय बैठक करने, सीमावर्ती क्षेत्र में सक्रिय अपराधी, हिस्ट्रीशीटर की सूची को एक दूसरे के बीच साझा करने पर भी सहमति बनी।

  • रांची में अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का खुलासा, विदेशी इंटेलिजेंस एजेंसी के नाम पर होती थी ठगी

    रांची में अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का खुलासा, विदेशी इंटेलिजेंस एजेंसी के नाम पर होती थी ठगी

    रांची,। अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) ने अपर बाजार स्थित किशोरगंज चौक में बीएम हाइट्स स्थित ऑफिस में अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का खुलासा किया है। डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि सीआईडी को इस संबंध में गुप्त सूचना मिली थी।

    इसके बाद सत्यापन में पाया गया कि एकरामुल अंसारी और रविकांत की ओर से आरआईसीआई कंसल्टेंसी सर्विस, जीजी इन्फोटेक और आरग्या ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड के नाम से एक फर्जी कॉल सेंटर का संचालन किया जा रहा है। साथ ही यूके और ऑस्ट्रेलिया के सिटिजन को इंटरनेट कॉलिंग सॉफ्टवेयर का प्रयोग कर कॉल करते थे।

    कॉल करने के लिए ये लोग दो शिफ्ट में विदेशी नागरिकों को फोन करने के लिए 15-30 लोगों को नौकरी पर रखे हुए थे। सत्यापन के दौरान करीब 30 कंप्यूटर सिस्टम की जांच की जा रही है जिसमें कई विदेशी नागरिकों का डाटा और प्राइवेट डाटा पाया गया। साथ ही विदेशी नागरिकों को प्रोटोन मेल का प्रयोग कर विदेशी इंटेलिजेंस एजेंसी के नाम पर एक्सटॉर्शन का ईमेल भेजकर रिमोट डेस्कटॉप एप्लीकेशन का प्रयोग कर ठगी करने का काम करते थे। मामले की जांच की जा रही है।

  • चुनाव आयोग ने दिए छह राज्यों के गृह सचिव और बंगाल के डीजीपी को हटाने के निर्देश

    चुनाव आयोग ने दिए छह राज्यों के गृह सचिव और बंगाल के डीजीपी को हटाने के निर्देश

    नई दिल्ली,। चुनाव आयोग ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए छह राज्यों गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के गृह सचिवों को हटाने का निर्देश दिया है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक को भी हटाने के निर्देश दिए गए हैं।

    सू्त्रों के अनुसार इसके अलावा बृहन् मुंबई नगर आयुक्त इकबाल सिंह चहल, अतिरिक्त आयुक्त और उपायुक्त को भी पद से हटाया गया है। इसी तरह

    मिजोरम और हिमाचल प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग के सचिवों को भी पद से हटाया गया है।

    आयोग का मानना है कि कुछ अधिकारी मुख्यमंत्री कार्यालय में पदभार संभाल रहे थे। इसके चलते चुनावी प्रक्रिया के दौरान उनसे अपेक्षित आवश्यक निष्पक्षता और तटस्थता खासकर कानून और व्यवस्था, बल तैनाती से संबंधित मामलों में समझौता हो सकता है।

  • दिल्ली आबकारी घोटालाः मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका का सीबीआई ने किया विरोध, 22 मार्च को सुनवाई

    दिल्ली आबकारी घोटालाः मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका का सीबीआई ने किया विरोध, 22 मार्च को सुनवाई

    नई दिल्ली,। सीबीआई ने दिल्ली आबकारी घोटाला मामले के आरोपित दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध किया है। सीबीआई ने दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि इस मामले में कुछ हाई प्रोफाइल लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है। जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 22 मार्च को होगी।

    सीबीआई ने कहा कि इस मामले में जांच चल रही है और अगर सिसोदिया को जमानत दी जाती है तो जांच पर असर पड़ेगा। सीबीआई ने कहा कि अधिकारियों की वजह से देरी नहीं हो रही है। सीबीआई का कहना है कि उसके द्वारा उचित प्रक्रिया अपनाई जा रही है और इस मामले में जांच बहुत महत्वपूर्ण चरण में है। सीबीआई ने कहा कि सिसोदिया पूरी साजिश के मुख्य आरोपित और सरगना हैं। उनका संवेदनशील दस्तावेजों और सबूतों से सामना कराया गया है और वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं। सीबीआई ने कहा कि जिस दिन मामले में केस दर्ज किया गया था, उसी दिन उन्होंने फोन नष्ट किए थे। सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि मामले में कुछ हाई प्रोफाइल लोगों को भी गिरफ्तार किया जा सकता है।

    उल्लेखनीय है कि सिसोदिया की ओर से सुप्रीम कोर्ट में उनकी जमानत याचिका खारिज करने के खिलाफ क्यूरेटिव याचिका दाखिल की गई है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।

    सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था। 25 नवंबर 2022 को सीबीआई ने पहली चार्जशीट दाखिल की थी। कोर्ट ने 15 दिसंबर 2022 को पहली चार्जशीट का संज्ञान लिया था। कोर्ट ने आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 7, 7ए और 8 के तहत आरोप तय किए थे। पहली चार्जशीट में कोर्ट ने जिन आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट पर संज्ञान लिया है, उनमें कुलदीप सिंह, नरेंद्र सिंह, विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली, अरुण रामचंद्र पिल्लै, मुत्थू गौतम और समीर महेंद्रू शामिल हैं।

  • पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक को हटाए जाने के फैसले का भाजपा-कांग्रेस ने किया स्वागत

    पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक को हटाए जाने के फैसले का भाजपा-कांग्रेस ने किया स्वागत

    नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा) और कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार को हटाए जाने के चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत किया है।

    भाजपा की नेता अग्नि मित्रा पॉल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह खुशी की बात है कि राजीव कुमार जैसे पुलिस अधिकारी को हटा दिया गया है। वह पक्षपात कर रहे थे। उन्होंने संदेशखाली मामले में वे राज्य सरकार के कहे अनुसार निर्णय लेते थे।

    अग्नि मित्रा पॉल ने यह भी कहा कि संदेशखाली मामले में शेख शाहजहां को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन उसके गिरोह को नहीं किया गया। यही वजह है कि संदेशखाली की महिलाओं पर पुलिस अत्याचार कर रही है हमें अभी भी फोन आ रहे हैं। अग्नि मित्रा पॉल ने कहा कि एक आईपीएस अधिकारी जो अपनी वर्दी का सम्मान नहीं कर सकता, मुझे खुशी है कि उसे हटा दिया गया।’

    वहीं पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने आज (सोमवार) मीडिया से बातचीत में कहा कि पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) खासकर सरकार की चापलूसी कर रहे थे। अधीर चौधरी ने कहा कि पुलिस महानिदेशक होने के बाद वे लोगों की शिकायतें नहीं सुन रहे थे। यह एक अच्छा निर्णय है।

    पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी माने जाने वाले राजीव कुमार 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। राजीव कुमार को दिसंबर 2023 में मनोज मालवीय के रिटायर होने के बाद राज्य का पुलिस महानिदेशक बनाया गया।

  • दिल्ली पुलिस कालकाजी मंदिर में जागरण के दौरान महिला की मौत की जांच में तेजी लाए: हाई कोर्ट

    दिल्ली पुलिस कालकाजी मंदिर में जागरण के दौरान महिला की मौत की जांच में तेजी लाए: हाई कोर्ट

    नई दिल्ली,। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है कि वो कालकाजी मंदिर में 27 जनवरी को जागरण के दौरान एक महिला की मौत की तेजी से जांच करे। जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वो इस हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें।

    आज सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने इस बात पर गौर किया कि मंदिर का प्रशासन प्रशासक के अधीन है और 27 जनवरी को हुए आयोजन की अनुमति प्रशासक से नहीं ली गई थी। बतादें कि 20 फरवरी को सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने निर्देश दिया था कि दिल्ली के कालकाजी मंदिर में कोर्ट की ओर से नियुक्ति प्रशासक की अनुमति के कोई भी जागरण या धार्मिक आयोजन नहीं किए जा सकते हैं। सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया था कि 27 जनवरी को सेवादार मित्र मंडल के दो सदस्यों ने कालकाजी मंदिर में जागरण का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में गीतकार बी. पारीक को बुलाया गया था। कोर्ट ने इस आयोजन के दौरान महिला की मौत पर नाखुशी जताते हुए कहा था कि मंदिर का पूरा प्रबंधन और नियंत्रण कोर्ट की ओर से नियुक्त प्रशासक के अधीन होना चाहिए न कि किसी दूसरे व्यक्ति या सोसायटी के अधीन। कोर्ट ने साफ किया था कि मंदिर का महंत प्रशासनिक फैसले नहीं ले सकता है और वो मंदिर परिसर में किसी कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति नहीं दे सकता है। कोर्ट ने मंदिर के प्रशासक को निर्देश दिया कि वो मंदिर परिसर में भीड़ पर नियंत्रण को लेकर कदम उठाएं।

    22 सितंबर 2021 को हाई कोर्ट ने कालकाजी मंदिर की व्यवस्था का काम देखने के लिए हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस एआर मिधा को प्रशासक नियुक्त किया था। कोर्ट ने कहा था कि प्रशासक श्रद्धालुओं, बारीदारों की सुरक्षा और मंदिर की पवित्रता बनाये रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएंगे। प्रशासक के सहयोग के लिए कोर्ट ने मनमीत अरोड़ा की लोकल कमिश्नर के रूप में नियुक्ति की थी। कोर्ट ने प्रशासक को एक सचिव सह कोषाध्यक्ष नियुक्त करने का निर्देश दिया था, जो प्रशासक के रोजाना के कामों में मदद करेंगे।

  • सुप्रीम कोर्ट का इलेक्टोरल बांड के खुलासे के खिलाफ एसोचैम-सीआईआई की दलीलों पर विचार से इनकार

    सुप्रीम कोर्ट का इलेक्टोरल बांड के खुलासे के खिलाफ एसोचैम-सीआईआई की दलीलों पर विचार से इनकार

    नई दिल्ली,। सुप्रीम कोर्ट के पांच सदस्यीय संविधान बेंच ने इलेक्टोरल बांड मामले में 12 अप्रैल 2019 के पहले जारी इलेक्टोरल बांड का खुलासा नहीं करने की मांग खारिज कर दी है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि अप्रैल 2019 में ही सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश में कहा था कि इनका खुलासा करना है।

    याचिका एसोचैम और सीआईआई ने दायर किया था। एसोचैम और सीआईआई की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि इलेक्टोरल बांड स्कीम ही अनाम वित्तीय दानकर्ताओं की ओर से राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले बांड की विस्तृत जानकारी कैसे दी जा सकती है। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि 12 अप्रैल 2019 से आगे की जानकारी दी जाए। उस समय हर कोई इस बात को जानता था। उद्योग संगठन इस बात से वाकिफ थे।