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  • लोकसभा चुनाव के साथ चार राज्यों में विधानसभा चुनाव की भी घोषणा

    लोकसभा चुनाव के साथ चार राज्यों में विधानसभा चुनाव की भी घोषणा

    नई दिल्ली,। लोकसभा चुनाव 2024 के साथ देश के चार राज्यों में विधानसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा हो गई है। इन राज्यों में ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, आंध्रप्रदेश और सिक्किम शामिल हैं।

    चुनाव आयोग के अनुसार ओडिशा में चार चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे। यहां 13 मई, 20 मई, 25 मई और एक जून को वोट डाले जाएंगे।

    अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए नोटिफिकेशन 20 मार्च को जारी होगा और मतदान 19 अप्रैल को होगा। राज्य की 60 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में चुनाव होंगे।

    सिक्किम विधानसभा के लिए भी एक ही चरण में सभी 32 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। नोटिफिकेशन की तारीख 20 मार्च और वोटिंग 19 अप्रैल को होगी।

    आंध्र प्रदेश की सभी 175 सीटों पर चुनाव के लिए 18 अप्रैल को नोटिफिकेशन जारी होगा और 13 मई को वोट डाले जाएंगे।

    इसके अलावा अलग-अलग राज्यों की 26 विधानसभा सीटों पर भी उप चुनाव होंगे। ये चुनाव भी आम चुनावों के साथ होंगे।

  • आचार संहिता से पहले मुख्यमंत्री सुक्खू ने बिलासपुर के लिए की बड़ी घोषणाएं, भराड़ी को मिला तहसील का दर्जा

    आचार संहिता से पहले मुख्यमंत्री सुक्खू ने बिलासपुर के लिए की बड़ी घोषणाएं, भराड़ी को मिला तहसील का दर्जा

    शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार को लोकसभा चुनाव से पहले आचार संहिता से पहले बिलासपुर जिला के लिए कई अहम घोषणाएं कीं। मुख्यमंत्री ने झंडूता विधानसभा क्षेत्र के लग में आयोजित एक जनसभा में कोटधार में आईटीआई और हिमाचल प्रदेश कॉपरेटिव बैंक की शाखा खोलने की घोषणा की। उन्होंने नखलेड़ा में पीएमसीएच और शाहतलाई से एम्स कोठीपुरा तक बस सेवा चलाने और थापना से बागछाल सड़क को डबल लेन करने की घोषणा की।

    बाद में बिलासपुर के घुमारवीं में एक जनसभा में उन्होंने भराड़ी को तहसील बनाने, घुमारवीं में एक बड़ा प्रोफेशनल तकनीकी संस्थान खोलने तथा त्यूण किला को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए समुचित धनराशि उपलब्ध कराने की भी घोषणा की।

    सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश के लोगों ने दृढ़ता के साथ प्राकृतिक आपदा का सामना किया। उन्होंने कहा कि 75 वर्ष के हिमाचल के इतिहास में प्राकृतिक आपदा के कारण एक ही दिन में सर्वाधिक लोगों की जान चली गई। आपदा के दौरान 500 से ज्यादा लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। आपदा प्रभावित 16 हजार से अधिक परिवारों के पुनर्वास के लिए राज्य सरकार ने नियमों में बदलाव कर 4500 करोड़ रुपये का विशेष राहत पैकेज दिया, जिसके तहत मुआवजा राशि में कई गुणा की बढ़ोतरी की गई। इसके साथ ही आपदा प्रभावित परिवारों को ग्रामीण क्षेत्र में 5 हजार रुपये तथा शहरी क्षेत्र में 10 हजार रुपये प्रतिमाह मकान किराए का प्रावधान किया गया।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जनसमस्याओं से भली-भांति परिचित है, इसलिए लोगों को राहत प्रदान करने के लिए राजस्व लोक अदालतों का आयोजन किया जा रहा है, जिसके तहत 90 हजार के अधिक इंतकाल व सात हजार से अधिक तकसीम के मामले निपटाए गए।

  • अमेठी जिले में कांग्रेस पार्टी को बीजेपी ने दिया बड़ा झटका

    अमेठी जिले में कांग्रेस पार्टी को बीजेपी ने दिया बड़ा झटका

    अमेठी एक तरफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकालकर भारत को जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ उनकी पार्टी के ही नेता उनसे टूटते जा रहे हैं, वह अपने ही नेताओं और कार्यकर्ताओं को नहीं जोड़ पा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी आज अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे पर थी। इस दौरान विशेश्वरगंज के काली मैदान में जन समूह को संबोधित करने से पहले अमेठी जिले के कांग्रेस के 14 नेताओं ने कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया, जिसमें अमेठी संसदीय क्षेत्र के थौरी से राजेश्वर प्रताप सिंह प्रमुख हैं। राजेश्वर प्रताप सिंह उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में 10 वर्षों तक प्रदेश महासचिव के पद पर रह चुके हैं। राजेश्वर सिंह के पिता भी ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सदस्य रह चुके हैं। राजेश्वर सिंह ने कहा कि राहुल गांधी अमेठी में 10 लोगों को भी नाम से नहीं जानते हैं। वह भारत जोड़ो यात्रा के दौरान अमेठी आए लेकिन नेताओं और कार्यक्रमों से दूरी बना कर रखा।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश विकास के पद पर अग्रसर है। जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटी, नागरिकता संशोधन कानून का लागू हुआ। जिस पर देश भर से निगाहें टिकी हुई थी, 500 वर्षों बाद भगवान राम लाल टेंट से हटकर अपने भव्य मंदिर में पहुंचे। यही नहीं, पूरे देश के साथ-साथ अमेठी में भी विकास हो रहा है। हम लोग केंद्रीय मंत्री व अमेठी सांसद स्मृति ईरानी के कार्यों से प्रभावित होकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष राम प्रसाद मिश्र ने सभी कांग्रेसियों को के गले में पटका डालकर बीजेपी की सदस्यता दिलाई। सदस्यता लेने वालों में पूर्व ब्लाक प्रमुख शुकुल बाजार दद्दन सिंह, रमेश सिंह , संजय सिंह , अनुराग सिंह, अमित सिंह , सत्यम सिंह, कुलवंत सिंह, आलोक सिंह, धर्मवीर मौर्य, अरविंद अग्रहरि, धर्मेंद्र सिंह, रमेश कुमार चौबे और अजय तिवारी प्रमुख रूप से है। इन सभी कांग्रेसी नेताओं में केंद्रीय मंत्री व अमेठी सांसद स्मृति ईरानी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए। कांग्रेसी नेताओं के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने से कांग्रेस पार्टी में हड़कंप मचा हुआ है। आज शामिल होने वाले नेताओं ने तो यहां तक कह दिया कि कांग्रेस पार्टी को संसदीय क्षेत्र के कई स्थानों से बूथ एजेंट भी नहीं मिल पाएंगे।

  • महाराज ने देहरादून जनपद को दी 11 करोड़ से अधिक की योजनाओं की सौगात

    महाराज ने देहरादून जनपद को दी 11 करोड़ से अधिक की योजनाओं की सौगात

    देहरादून। प्रदेश के सिंचाई मंत्री ने देहरादून जनपद को 1117.03 लाख की सिंचाई विभाग की योजनाओं को उपहार दिया है। मंत्री ने शनिवार को तिलक रोड, साईं मंदिर के समीप आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री घोषणा के तहत सिंचाई विभाग की 383.56 लाख की चन्द्र नगर नाला रोड पर स्थित पुल से त्यागी रोड़ तक नाले के भूमिगत कार्य और 790.47 लाख की लागत से विधानसभा क्षेत्र राजपुर रोड के अंतर्गत मन्नूगंज नाले के निर्माण कार्यों का शिलान्यास किया।

    सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज जनपद को कुल 1117.03 लाख की सिंचाई विभाग की योजनाओं की सौगात देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश में चारों ओर विकास की गंगा बह रही है। सड़क, सिंचाई, पर्यटन, पंचायतों के सशक्तिकरण, महिलाओं के सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, बाल विकास और संस्कृति सहित तमाम क्षेत्रों में जबरदस्त काम हो रहा है।

    कार्यक्रम में राजपुर विधायक खजान दास, राज्य मंत्री विश्वास डाबर, पार्षद अजय सिंघल, अनीता गर्ग, भाजपा मंडल अध्यक्ष पंकज शर्मा, मंडल महामंत्री वैभव अग्रवाल, विशाल गुप्ता सहित सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियंता जयपाल भी उपस्थित थे।

  • तीन साल में पांच बार चोटिल हो चुकी हैं ममता

    तीन साल में पांच बार चोटिल हो चुकी हैं ममता

    कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को देश में अति विशिष्ट लोगों को मिलने वाली सबसे बड़ी जेड प्लस सिक्योरिटी मिली हुई है लेकिन वह लगातार दुर्घटनाओं की शिकार होती रही हैं।

    सीएम के करीबी सूत्रों ने बताया है कि मार्च 2021 से मार्च 2024 के बीच ममता बनर्जी पांच बार चोटिल हो चुकी हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान नंदीग्राम में जब वह उम्मीदवार थीं तो 11 मार्च 2021 को कार के दुर्घटनाग्रस्त होने की वजह से उनका पैर फ्रैक्चर हो गया था। इसके बाद पिछले साल पंचायत चुनाव से पहले ममता बनर्जी घायल हो गई थीं। 27 जून को वह जलपाईगुड़ी से बागडोगरा एयरपोर्ट जाते समय मौसम खराब होने की वजह से हेलीकॉप्टर में सवार हुईं तो उनकी पीठ में चोट लग गई। 23 सितंबर 2023 को स्पेन से कोलकाता लौटने के बाद उन्होंने फिर एसएसकेएम अस्पताल जाकर खुद को दिखाया क्योंकि पैर में चोट लग गई थी। इसके बाद इसी साल 24 जनवरी को पूर्व बर्धमान से लौटने के समय उनकी कार के ड्राइवर ने इतनी जोर से ब्रेक लगाया कि उनके सिर में चोट लग गई थी। अब एक बार फिर घर पर वॉक करने के दौरान गिरने की वजह से उनके सिर और नाक में चोट लग गई है। उनके माथे पर चार टांके लगे हैं।

    राज्य प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री की जिस तरह की सुरक्षा है उसमें उन्हें इस तरह से चोटें लगना साजिश की ओर इशारा करता है। आखिर उनकी सुरक्षा में तैनात रहने वाले लोग किस तरह से उनकी निगरानी अथवा सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं इसकी भी जांच होनी चाहिए। वैसे लाल बाजार स्थित कोलकाता पुलिस मुख्यालय के सूत्रों ने बताया है कि घर पर सीएम के चोटिल होने के मामले में कोलकाता पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम जांच कर रही है।

  • मेरठ से घोषित सपा उम्मीदवार का इंटरनेट मीडिया पर विरोध शुरू

    मेरठ से घोषित सपा उम्मीदवार का इंटरनेट मीडिया पर विरोध शुरू

    मेरठ। समाजवादी पार्टी द्वारा मेरठ से भानु प्रताप सिंह को उम्मीदवार घोषित करते ही विरोध तेज हो गया है। मेरठ में भानु प्रताप सिंह को बाहरी उम्मीदवार बताते हुए पार्टी के कार्यकर्ता विरोध कर रहे हैं। जबकि मुस्लिम समाज के लोग इसे असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएआईएम को लाभ पहुंचाने वाला कदम बता रहे हैं।

    मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र से सपा ने सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता भानु प्रताप सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है। बुलंदशहर जिले से ताल्लुक रखने वाले भानु प्रताप सिंह अनुसूचित जाति से आते हैं और गाजियाबाद जनपद में रहते हैं। सामान्य सीट पर अनुसूचित जाति का उम्मीदवार घोषित करना सपा कार्यकर्ताओं को रास नहीं आ रहा है। इंटरनेट मीडिया पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के इस कदम का खुलकर विरोध किया जा रहा है। इंटरनेट मीडिया पर भानु प्रताप को बाहरी चेहरा बताया जा रहा है और ईवीएम के खिलाफ उनकी लड़ाई पर भी कमेंट किए जा रहे हैं। भानु प्रताप राष्ट्रीय जनहित संघर्ष पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं और ईवीएम को हटाकर बैलेट पेपर के जरिए चुनाव के लिए अभियान चला रहे हैं।

    सपा कार्यकर्ता इंटरनेट मीडिया पर ईवीएम के खिलाफ उनकी लड़ाई के बारे में कह रहे हैं कि अब किस मुंह से ईवीएम पर देने के लिए वोट मांगेंगे। इंटरनेट मीडिया पर सपा के सक्रिय कार्यकर्ता शैंकी वर्मा ने तो पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। एक्स पर अरशद अंसारी आजमी ने लिखा है कि भानु प्रताप को गली का बच्चा भी नहीं जानता है। मुस्लिम समाज को नजरंदाज किए जाने से यहां के लोगों का झुकाव एआईएआईएम की ओर देखा जा रहा है।

    एमएस चौधरी ने लिखा है कि सुबह दस बजे तक घर आ जाएंगे। रिहान ताबिश ने एक्स पर पोस्ट किया है कि अखिलेश यादव ने मेरठ में भानु प्रताप जैसे डमी उम्मीदवार को उतार कर ओवैसी को मौका दे दिया है। भानु प्रताप को कोई जानता ही नहीं है। मेरठ में इस बार ओवैसी का झंडा फहराएगा और वकील साहब की जमानत जब्त होगी।

  • यूपी में जातीय समीकरणों की नैया पर सवार राजनीतिक दल

    यूपी में जातीय समीकरणों की नैया पर सवार राजनीतिक दल

    लखनऊ। देश की संसद को सर्वाधिक 80 सांसद देने वाले उत्तर प्रदेश की बात की जाए तो राष्ट्रीय से लेकर क्षेत्रीय दल जातिगत समीकरणों और गुणा-भाग के आधार पर ही चुनाव की वैतरणी पार करते हैं। 2024 के आम चुनाव में एनडीए और इंडिया गठबंधन सभी का पहला एजेंडा अभी तो जातीय समीकरण साधता हुआ दिखाई दे रहा है।

    यूपी में सपा और बसपा की राजनीति की शुरूआत कांग्रेस के विरोध से हुई। पहले बात सपा की की जाए तो सपा का कोर वोट बैंक यादव और मुस्लिम माना जाता रहा है। दिवंगत सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव से लेकर उनके पुत्र पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तक यादव और मुस्लिम वोट बैंक के सहारे सत्ता में रहे। बहुजन समाज पार्टी का कोर वोट बैंक एससी-एसटी को माना जाता है। बाबा साहब डा. भीमराव आंबेडकर और कांशीराम के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती अपने को दलितों का सबसे बड़ा हितैषी मानती हैं। सपा बसपा का वोट बैंक किसी जमाने में कांग्रेस का वोट बैंक माना जाता था। कांग्रेस को सवर्णों का भी समर्थन हासिल था। लेकिन पिछले तीन दशकों में कांग्रेस यूपी में अपनी सियासी जमीन काफी हद तक खो चुकी है।

    भारतीय जनता पार्टी को अपने कोर वोट बैंक के अलावा ओबीसी, दलितों और कम मात्रा में ही सही मुस्लिम वोटरों का समर्थन हासिल है। अपना दल की कुर्मी बिरादरी में अच्छी पकड़ मानी जाती है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के साथ पूर्वांचल के करीब 18-20 प्रतिशत राजभर मतदाता होने का दावा किया जाता रहा है। सुभासपा की बंसी, आरख, अर्कवंशी, खरवार, कश्यप, पाल, प्रजापति, बिंद, बंजारा, बारी, बियार, विश्वकर्मा, नाई और पासवान जैसी उपजातियों पर भी मजबूत पकड़ मानी जाती है।

    निषाद पार्टी के कोर वोट बैंक केवट, बिंद, मल्लाह, कश्यप, नोनिया, मांझी और गोंड की आबादी उत्तर प्रदेश में लगभग 18 फीसदी है। ये जातियां उत्तर प्रदेश की करीब 5 दर्जन विधानसभा सीटों पर प्रभाव रखती है। राष्ट्रीय लोक दल की पश्चिमी यूपी में जाट बिरादरी पर मजबूत अच्छी पकड़ मानी जाती है।

    जातीय समीकरण का बड़ा खेल

    यूपी की राजनीति में जातीय समीकरण का बड़ा खेल हमेशा से माना जाता रहा है। जातीय आंकड़ों पर गौर करें तो ओबीसी यानी पिछड़ों का प्रतिशत 40 पार करता हुआ दिखाई दे रहा है। अनुसूचित जाति और जनजाति की आबादी प्रदेश में 21 प्रतिशत के आसपास बताई जाती है। मुस्लिम मत प्रतिशत करीब 19.5 प्रतिशत के आसपास होता है। एनडीए और इंडिया गठबंधन इस चुनाव में इन्हीं जातीय समीकरणों के आधार पर ही उम्मीदवारी तय कर रहे हैं।

    दोनों खेमों की है तैयारी

    यूपी में एनडीए के बैनर तले भारतीय जनता पार्टी के साथ रालोद, अपना दल सोनेलाल, सुभासपा और निषाद पार्टी का गठबंधन है। बीजेपी 74 सीटों पर चुनाव लड़ रही है तो वहीं गठबंधन में शामिल अपना दल और रालोद को दो-दो और सुभासपा और निषाद पार्टी को एक-एक सीट मिली हैं।

    विपक्ष के इंडिया गठबंधन में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस इंडिया मुख्य रूप से षामिल हैं। सपा के साथ अपना दल कमेरावादी, तृणमूल कांग्रेस और आजाद समाज पार्टी भी है। गठबंधन के बटवारे में 63 सीटें सपा और 17 सीटें कांग्रेस को मिली हैं। सपा ने अपने हिस्से की एक सीट भदोही तृणमूल कांग्रेस को दी है। कहा जा रह है कि सपा अपना दल कमेरावादी और चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी को भी एक-एक सीट दे सकती है।

    बीजेपी ने बदल दिया वोटों का गणित

    भाजपा के पास अपने कोर वोटरों के अलावा सहयोगी दलों रालोद, अपना दल सोनेलाल, सुभासपा और निषाद का भी मजबूत वोट बैंक है। डबल इंजन की सरकार के कार्यों और सबके विकास की नीति ने एनडीए को बढ़त मिलती दिखती है। कई ओपनियन पोल में भी यूपी में एनडीए का पलड़ा भारी बताया गया है। भाजपा के मिशन-80 के विजय रथ को थामने के लिए समाजवादी पार्टी का अबकी पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) पर पूरा भरोसा है। बसपा से खिसकते दलित वोट बैंक को सपा के साथ ही कांग्रेस भी हथियाने की कोशिश में है। सपा-कांग्रेस गठबंधन को उम्मीद है कि दलित-मुस्लिम गठजोड़ से उन्हें अबकी चुनाव में लाभ होगा।

    लोकसभा चुनाव 2019 में किस पार्टी को मिली कितनी सीट

    2019 के आम चुनाव में एनडीए में बीजेपी और अपना दल सोनेलाल एक साथ मिलकर लड़ा था और एनडीए का 51.19 प्रतिशत वोट शेयर रहा था। जिसमें बीजेपी के खाते में 49.98 प्रतिशत और अपना दल (एस) को 1.21 प्रतिशत वोट शेयर मिला था। वहीं महगठबंधन (बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल) को 39.23 प्रतिशत वोट शेयर मिला था। जिसमें बसपा को 19.43 प्रतिशत, सपा को 18.11 प्रतिशत और रालोद को 1.69 प्रतिशत वोट मिला था। इसके अलावा कांग्रेस को इस चुनाव में 6.36 वोट शेयर मिला था। इस बार समीकरण बदल हुआ है। एनडीए में बीजेपी, अपना दल सोनेलाल, रालोद, सुभासपा और निषाद पार्टी है। इंडिया गठबंधन में सपा और कांग्रेस है। रालोद इस बार एनडीए के साथ है, और फिलवक्त बसपा किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं है। ऐसे में हर लिहाज से भाजपानीत एनडीए का पलड़ा भारी दिखाई देता है।

  • पत्नी की हत्या के आरोपित की जमानत हाईकोर्ट ने की खारिज

    पत्नी की हत्या के आरोपित की जमानत हाईकोर्ट ने की खारिज

    जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने पत्नी को जहर देकर मारने के आरोपित पीपाड़ शहर निवासी हरीश कुमार जाजड़ा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।

    परिवादी हरीश चंद्र सांखी ने 23 नवम्बर 2023 को एक रिपोर्ट पुलिस थाना महिला ( ग्रामीण) में इस आशय की दर्ज करवाई कि उसकी पुत्री मीनाक्षी की शादी सन 2009 में आरोपित हरीश कुमार के साथ की थी, उसके एक पुत्री झलक एवं पुत्र जागृत पैदा हुए, जो क्रमश: 12 वर्ष व 10 वर्ष के हैं। शादी के बाद से ही मीनाक्षी के पति, सास एवं ससुर ने दहेज की मांग को लेकर उसे शारीरिक व मानसिक रूप से परेशान करना शुरू कर दिया। 19 व 20 नवम्बर 2023 की रात्रि में उसके सुसराल वालों ने उसे जान से मारने के लिए जहर दे दिया। इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। पुलिस ने पति व सास संतोष को गिरफ्तार कर जेल भिजवाया।

    आरोपित के अधिवक्ता ने जमानत याचिका पर बहस करते हुए तर्क दिया कि घटना के तीन दिन बाद रिपोर्ट दर्ज करवाई गई हैं। मीनाक्षी ने शादी के 14 वर्ष पश्चात सुसाइड नोट लिखकर स्वेच्छा से आत्महत्या की थी, सुसाइड नोट में आत्महत्या के लिए किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराया गया हैं, उन्होंने कहा कि मीनाक्षी के पुत्र व पुत्री के पुलिस एवं कोर्ट में हुए बयानों से स्पष्ट हैं कि आरोपित अथवा अन्य किसी ससुराल वालों द्वारा मीनाक्षी को कभी भी तंग-परेशान नहीं किया गया था, उन्होंने कहा कि आरोपित आठ दिसम्बर 2022 से अभिरक्षा में हैं इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाए। जबकि मीनाक्षी के पिता के अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत ने तर्क दिया कि सुसाइड नोट के अवलोकन से साफ जाहिर होता हैं कि मीनाक्षी के साथ मारपीट करके जबरदस्ती सुसाइड नोट लिखवाया गया हैं, उन्होंने यह भी तर्क दिया कि दोनों बच्चे आरोपित पक्ष की अभिरक्षा में हैं इसलिए बच्चों ने आरोपित पक्ष के दबाव में आकर बयान दिए हैं, जिन पर कतई विश्वास नहीं किया जा सकता हैं इसलिए आरोपित की जमानत खारिज की जावें। दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात न्यायाधीश कुलदीप माथुर ने आरोपित के जमानत प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया।

  • लौन में पुलिसकर्मी ने साथी महिला कर्मी से किया दुष्कर्म, गिरफ्तार

    लौन में पुलिसकर्मी ने साथी महिला कर्मी से किया दुष्कर्म, गिरफ्तार

    जालौन,। उत्तर प्रदेश के जनपद जालौन में पुलिस विभाग को शर्मसार करने की घटना सामने आई है। नदी गांव थाना में तैनात सिपाही कर्मवीर पर एक महिला सिपाही ने दुष्कर्म का आरोप लगाया है। इस पूरे घटनाक्रम को पीड़ित महिला सिपाही ने उच्च अधिकारियों को अवगत कराया। मामला संज्ञान में आने के बाद आरोपित सिपाही के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर उसे जेल भेज दिया गया।

    नदीगांव थाना में तैनात सिपाही कर्मवीर ने अपने महिला सहकर्मी के साथ रेप की वारदात को अंजाम दिया है। इस पूरे मामले में जब महिला पुलिसकर्मी ने उच्च अधिकारियों से शिकायत की बात की तो उसने जान से मारने की धमकी दे डाली। इस बीच जब महिला सिपाही का तबादला हुआ तो पीड़ित ने पूरे प्रकरण की शिकायत उच्च अधिकारियों से की। इसके बाद मुकदमा पंजीकृत कर आरोपी सिपाही को जेल भेज दिया गया है।

    आरोपी सिपाही कर्मवीर वर्तमान में लाइन हाजिर चल रहा था और वह पहले से ही शादीशुदा था। किसी बात का फायदा उठाकर उसने महिला पुलिसकर्मी के साथ रेप की वारदात को अंजाम दिया। महिला सिपाही का आरोप है कि कर्मवीर ने उसके साथ कई बार दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया है।

    इस पूरे प्रकरण में अपर पुलिस अधीक्षक असीम ने बताया कि महिला सिपाही की तरफ से तहरीर प्राप्त हुई थी, जिसके बाद कमेटी ने जांच पड़ताल शुरू की। इसके साथ ही आरोपी सिपाही के खिलाफ विभागीय जांच हो गई हैं। फिलहाल सेक्सुअल की सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया है और विभागीय जांच की जा रही है।

  • मुख्यमंत्री ने सुनी समस्याएं, बोले-लोगों को अनावश्यक परेशानी न उठाना पड़े, यह सुनिश्चित करें

    मुख्यमंत्री ने सुनी समस्याएं, बोले-लोगों को अनावश्यक परेशानी न उठाना पड़े, यह सुनिश्चित करें

    देहरादून। मुख्यमंत्री ने शनिवार को विभिन्न क्षेत्रों से आये लोगों की समस्याएं को सुनते हुए शीघ्र समाधान के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि लोगों को समस्याओं के समाधान के लिए अनावश्यक परेशानियों का सामना न करना पड़े,यह सुनिश्चित किया जाए।

    मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आये लोगों की समस्याएं सुनीं। इस दौरान सड़क, पेयजल, स्वास्थ्य, आर्थिक सहायता व अन्य समस्याएं रखी।

    इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कैम्प कार्यालय में तैनात अधिकारियों को जन समस्याओं के जल्द समाधान के लिए जन शिकायतों को यथाशीघ्र संबंधित विभागों को भेजने के निर्देश दिए। साथ ही विभाग की ओर से शिकायतों और समस्याओं पर की गई कार्रवाई की जानकारी ली जाए।

    उन्होंने कहा कि जन समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए राज्य सरकार की ओर से अनेक प्रयास किये गये हैं। लोगों को घर बैठे ही अधिकांश सेवाएं उपलब्ध कराने के प्रयास किये गये हैं। मुख्यमंत्री ने लोगों को उनकी समस्याओं का शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया।