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  • राहुल गांधी के खिलाफ परिवाद में कोर्ट ने 30 तक परिवादी को साक्ष्य पेश करने के दिया आदेश

    राहुल गांधी के खिलाफ परिवाद में कोर्ट ने 30 तक परिवादी को साक्ष्य पेश करने के दिया आदेश

    जयपुर,। स्थानीय कोर्ट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर जातिगत टिप्पणी करने को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ पेश परिवाद में परिवादी को 30 मार्च को अपने साक्ष्य पेश करने को कहा है। कोर्ट ने गुरुवार को यह आदेश अधिवक्ता विजय कलंदर के परिवाद में दिए हैं।

    महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-11, महानगर द्वितीय ने परिवाद में कहा गया कि उसने गत नौ फरवरी को अखबार में पढ़ा कि राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान कहा कि मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी जन्म से ओबीसी वर्ग के नहीं है, बल्कि गुजरात की भाजपा सरकार ने मोदी को ओबीसी बनाया है। वे पिछड़ों के हक और हिस्सेदारी के साथ न्याय नहीं कर सकते। परिवाद में कहा गया कि भाजपा ने जब राहुल गांधी के इस बयान को झूठा बताया तो उन्होंने कहा कि मेरे सच पर मुहर लगाने के लिए धन्यवाद। राहुल गांधी का सार्वजनिक तौर पर दिया गया ऐसा बयान भारतीय नागरिकों के विभिन्न वर्गों और समुदाय के प्रति अपराध करने के लिए उकसाने के लिए दिया गया है। यह बयान देश में अशांति पैदा करने वाला व देश की सुरक्षा को खतरे में डालने के साथ ही देश की अखंडता के खिलाफ भी है।

    परिवाद में यह भी कहा गया कि सार्वजनिक तौर पर राहुल गांधी खुद को कश्मीरी कौल पंडित बताते हैं, जबकि उनके दादाजी फिरोज गांधी गैर हिन्दू परिवार के थे। कोर्ट पूर्व में कई फैसलों में कह चुकी है कि पिता की जाति ही उसे बच्चे की जाति होगी। जाति जन्म से होती है और उसे बदला नहीं जा सकता। ऐसे में उन्होंने खुद की जाति छिपाकर बयान दिया है, जिससे परिवादी की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। परिवादी ने मामले में शास्त्री नगर थाना पुलिस को शिकायत दी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसलिए मामले में कानून कार्यवाही की जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने परिवादी को अपनी साक्ष्य पेश करने को कहा है।

  • बंगाल में वामदलों ने 16 लोकसभा सीटों पर घोषित किया उम्मीदवार

    बंगाल में वामदलों ने 16 लोकसभा सीटों पर घोषित किया उम्मीदवार

    कोलकाता,। पश्चिम बंगाल में भाजपा और तृणमूल के बाद अब कांग्रेस को पीछे छोड़ कर वाम दलों ने भी अपने लोकसभा उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। वाममोर्चा ने पहले चरण की 16 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी।

    गुरुवार को वाम मोर्चा चेयरमैन बिमान बोस ने एक संवाददाता सम्मेलन में कूचबिहार, जलपाईगुड़ी, बालुरघाट, कृष्णानगर, दमदम, जादवपुर, बांकुड़ा, बर्दवान पूर्व, आसनसोल, कोलकाता दक्षिण, हावड़ा सदर, हुगली, श्रीरामपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की। इसमें से माकपा के 13 और घटक दलों के तीन उम्मीदवार हैं।

    माकपा ने दमदम में सुजन चक्रवर्ती, जादवपुर में सृजन भट्टाचार्य, कोलकाता दक्षिण में सायरा शाह हलीम, कृष्णानगर में एसएम सादी, आसनसोल में जहांआरा खान, हावड़ा सदर में सब्यसाची चटर्जी, बर्दवान पूर्व में नीरव खान को मैदान में उतारा है। कृष्णानगर में माकपा उम्मीदवार एसएम सादी उम्मीदवार बने हैं। युवा वकील सायन बनर्जी तमलुक में चुनाव लड़ेंगे। मनोदीप घोष हुगली से, दिप्सिता धर श्रीरामपुर से चुनाव लड़ेंगी। बांकुड़ा में नीलांजन दासगुप्ता, विष्णुपुर में शीतल कैवद्य, जलपाईगुड़ी में देवराज बर्मन मैदान में हैं। आरएसपी के जॉयदेव बालुरघाट, माकपा के बिप्लब भट्ट मेदिनीपुर, फॉरवर्ड ब्लॉक के नीतीश चंद्र रॉय कूचबिहार से चुनाव लड़ेंगे।

    सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस की सहमति के बगैर इन उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया गया है। हालांकि विमान बोस ने ऐसी संभावना से इनकार किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ बंगाल में निश्चित तौर पर गठबंधन है और रहेगा। उन्होंने कहा कि पहले चरण में हमने उम्मीदवारों का ऐलान किया है। बाकी जो सीटें हैं उन पर साझा उम्मीदवारों के बारे में चर्चा हो रही है।

  • ममता बनर्जी को फिर लगी चोट, सिर से गिरते खून के साथ अस्पताल की तस्वीर आई सामने

    ममता बनर्जी को फिर लगी चोट, सिर से गिरते खून के साथ अस्पताल की तस्वीर आई सामने

    कोलकाता, । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक बार फिर गंभीर चोट आई है। गुरुवार को अचानक वह गिर गईं, जिसके बाद उनके माथे (ललाट) पर कट लग गया। उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस की ओर से एक उनकी घायलावस्था में फोटो जारी की गई है, जिसमें अस्पताल के बेड पर ममता बनर्जी लेटी हुई हैं और उनके सिर से खून की एक धार गिरकर सूख गई है।

    पार्टी के सूत्रों ने बताया है कि घर पर ट्रेड मिल पर वॉक करते समय वह अचानक गिर गई हैं, जिसकी वजह से उन्हें चोट लगी है। जब यह घटना हुई तब अभिषेक बनर्जी ममता बनर्जी के घर पर ही मौजूद थे। उन्होंने ही मुख्यमंत्री को ले जाकर कोलकाता के राजकीय एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया है। फिलहाल उनकी स्थिति के बारे में विस्तृत अपडेट नहीं मिल पाया है। तृणमूल कांग्रेस ने अस्पताल के बेड पर ममता बनर्जी की तस्वीर एक्स पर शेयर करते हुए लिखा कि हमारी अध्यक्षा को गंभीर चोट आई है। उनके लिए दुआ करिए।

    उल्लेखनीय है कि इसके पहले भी ममता बनर्जी कई बार चोटिल हो चुकी हैं। इसी साल जनवरी में वह सड़क हादसे का शिकार हो गई थीं जिसकी वजह से उनके सिर में चोट लगी थी। उसके पहले उत्तर बंगाल में भी वह चोटिल हुई थीं और उनके पैर में फैक्चर हो गया था। 2021 के विधानसभा चुनाव में भी अपनी ही गाड़ी से दुर्घटनाग्रस्त होने की वजह से उनका पैर टूट गया था।

  • मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गायत्री प्रजापति के बेटे अनुराग को ईडी ने हिरासत में लिया

    मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गायत्री प्रजापति के बेटे अनुराग को ईडी ने हिरासत में लिया

    -पूछताछ के लिए भारी सुरक्षा के बीच टीम पूछताछ के लिए ले गई दिल्ली

    अमेठी,। प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने गुरुवार की सुबह खनन और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसे समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के आवास और करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी करने पहुंचे। घंटों की जांच पड़ताल के दौरान जांच की जद में फंसे पारिवारिक सदस्यों द्वारा कई नाटकीय घटनाक्रम किए जाते रहे। आखिरकार देर शाम मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसे गायत्री प्रजापति के बेटों को ईडी की टीम ने हिरासत में ले लिया। उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच पूछताछ के लिए टीम दिल्ली लेकर रवाना हो गई है।

    खनन और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसे समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के आवास और करीबियों के ठिकानों पर ईडी ने गुरुवार तड़के छापेमारी की। इस दौरान टीम के अधिकारी भारी सुरक्षा के बीच अमेठी विधायक महराजी प्रजापति के घर पहुंची और छापेमारी की। ईडी ने विधायक सहित उनके पुत्र और बहू से पूछताछ की और दस्तावेज खंगाले। इस दौरान विधायक, पुत्र और बहू की तबीयत अचानक खराब होने पर उन्हें इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमेठी भेजा गया। जहां पर इलाज के बाद विधायक के बेटे और बहू की हालत सामान्य हो गई। जबकि पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की पत्नी एवं अमेठी से विधायक महराजी प्रजापति को डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के लिए अस्पताल रेफर कर दिया। इस नाटकीय क्रम के बीच भी ईडी के अधिकारी जांच करते रहे। आखिरकार देर शाम जांच में जुटी ईडी की टीम ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले की पूछताछ के लिए गायत्री प्रजापति के बेटे अनुराग प्रजापति को हिरासत में ले लिया और कड़ी सुरक्षा के बीच उसे पूछताछ के लिए ले गई। सूत्रों की मानें तो टीम उसे पूछताछ के लिए दिल्ली ले गई है।

    उल्लेखनीय है कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा खनन घोटाले के मुख्य आरोपित समाजवादी पार्टी के पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति सहित उनकी एक महिला मित्र गुड्डा देवी के घर एक साथ छापा डालकर दस्तावेजों को खंगाल रही है। विधायक के दोनों पुत्र अनुराग प्रजापति एवं अनिल प्रजापति के ऊपर मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी चल रहा है। गायत्री प्रसाद प्रजापति की बेटी ने कहा कि मेरे पिता पिछले 07 सालों से जेल में हैं और कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ईडी की टीम लगातार छापेमारी कर सभी चीजों को सीज कर दिया है। उसके बावजूद भी लगातार टीम आये दिन प्रताड़ित करती है।

  • एक देश एक चुनाव: लोकसभा के साथ ही हों विधानसभाओं के चुनाव, संवैधानिक बदलाव के लिए आधे राज्यों से अनुमति लेने की सिफारिश

    एक देश एक चुनाव: लोकसभा के साथ ही हों विधानसभाओं के चुनाव, संवैधानिक बदलाव के लिए आधे राज्यों से अनुमति लेने की सिफारिश

    – पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति ने राष्ट्रपति को सौंपी रिपोर्ट

    – विधान सभाओं के चुनाव कराने के सौ दिनों के भीतर कराए जाएं नगरपालिकाओं और पंचायतों के चुनाव

    – इन सभी चुनावों के लिए एक ही मतदाता सूची का उपयोग किए जाने की सिफारिश

    नई दिल्ली,। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द की अध्यक्षता में केन्द्र और राज्यों में एक साथ चुनाव कराने संबंधित सिफारिशें देने के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति ने आज अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी। इसमें सिफारिश की गई है कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल पांच साल का हो और किसी कारण से सरकार नहीं बन पाने या सरकार नहीं चल पाने की स्थिति में दोबारा चुनाव केवल बाकी बचे समय के लिए हो।

    रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी सुझावों और दृष्टिकोणों पर सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद समिति एक साथ चुनाव कराने के लिए दो-चरणीय व्यवस्था की सिफारिश करती है। पहले चरण के रूप में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराए जाएंगे। दूसरे चरण में नगरपालिकाओं और पंचायतों के चुनाव लोक सभा और राज्य विधान सभाओं के चुनाव कराने के सौ दिनों के भीतर कराए जायें। इसके लिए होने वाले संवैधानिक बदलाव के लिए कम से कम आधे राज्यों के समर्थन की आवश्यकता होगी।

    समिति ने सिफारिश की है कि सरकार के सभी तीनों स्तरों के निर्वाचनों में प्रयोग के लिए एक ही निर्वाचक नामावली और निर्वाचक फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) होने चाहिए। इन संशोधनों के लिए कम से कम आधे राज्यों की सहमति की आवश्यकता होगी।

    समिति का कहना है कि त्रिशंकु सदन, अविश्वास प्रस्ताव या ऐसी किसी घटना की स्थिति में लोक सभा के समाप्त न हुए कार्यकाल के लिए नई लोक सभा या राज्य विधान सभा के गठन के लिए नए सिरे से चुनाव कराए जाने चाहिए। समिति की सिफारिश है कि साजो-सामान संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भारत का चुनाव आयोग राज्य चुनाव आयोगों के परामर्श से पहले से योजना बनाएगा और अनुमान लगाएगा और जनशक्ति, मतदान कर्मियों, सुरक्षा बलों, ईवीएम व वीवीपीएटी आदि की तैनाती के लिए कदम उठाएगा। ताकि एक साथ सरकार के तीनों स्तरों पर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित हों।

    समिति का मानना है कि एक साथ चुनाव मतदाताओं की पारदर्शिता, समावेशिता, सहजता और विश्वास को बढ़ाएंगी। एक साथ चुनाव कराने के लिए भारी समर्थन विकास प्रक्रिया और सामाजिक सामंजस्य को प्रोत्साहित करेगा, लोकतांत्रिक ढांचे की नींव को मजबूत करेगा और भारत की आकांक्षाओं को साकार करेगा।

    पैनल ने कहा कि सभी चुनावों को एक साथ कराने के लिए एक बार का अस्थायी उपाय आवश्यक होगा। आम चुनावों के बाद लोकसभा का गठन किया जाएगा और राष्ट्रपति पहली बैठक की उसी तारीख को अधिसूचना द्वारा परिवर्तन के प्रावधानों को लागू करेंगी। यह तिथि नियत तिथि कहलाएगी। एक बार प्रावधान लागू हो जाते हैं, तो नियत तिथि के बाद किसी भी चुनाव में गठित सभी विधानसभाओं का कार्यकाल लोकसभा के पूर्ण कार्यकाल की समाप्ति पर समाप्त हो जाएगा। भले ही विधानसभा का गठन कब हुआ हो।

    पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता में गठित समकालिक चुनावों पर उच्च स्तरीय समिति ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। 18,626 पृष्ठों वाली रिपोर्ट, 2 सितंबर को अपने गठन के बाद से 191 दिनों के हितधारकों और विशेषज्ञों के साथ व्यापक परामर्श और अनुसंधान कार्य का परिणाम है।

    समिति के अन्य सदस्यों में केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह, राज्यसभा में पूर्व नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद, 15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव डॉ सुभाष सी. कश्यप, हरीश साल्वे, और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी और विधि एवं न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल विशेष आमंत्रित थे। उच्च स्तरीय समिति के सचिव डॉ. नितेन चन्द्र थे।

    समिति ने विभिन्न हितधारकों के विचारों को समझने के लिए व्यापक परामर्श किया। 47 राजनीतिक दलों ने अपने विचार और सुझाव प्रस्तुत किए, जिनमें से 32 ने एक साथ चुनाव कराने का समर्थन किया। कई राजनीतिक दलों ने इस मामले पर एचएलसी के साथ व्यापक चर्चा की थी। सभी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के समाचार पत्रों में प्रकाशित सार्वजनिक सूचना के उत्तर में पूरे भारत के नागरिकों से 21,558 प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई थीं। 80 फीसदी लोगों ने एक साथ चुनाव कराने का समर्थन किया। समिति द्वारा विधि विशेषज्ञों, जैसे भारत के चार पूर्व मुख्य न्यायाधीशों और प्रमुख उच्च न्यायालयों के बारह पूर्व मुख्य न्यायाधीशों, भारत के चार पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्तों, आठ राज्य निर्वाचन आयुक्तों और भारत के विधि आयोग के अध्यक्ष को व्यक्तिगत रूप से बातचीत के लिए आमंत्रित किया गया था। भारत निर्वाचन आयोग से भी विचार मांगे गए थे।

    सीआईआई, फिक्की और एसोचैम जैसे शीर्ष व्यापारिक संगठनों और प्रख्यात अर्थशास्त्रियों से भी पृथक चुनावों के आर्थिक नतीजों पर अपने विचार प्रस्तुत करने के लिए परामर्श किया गया था। उन्होंने मुद्रास्फीति को बढ़ावा देने और अर्थव्यवस्था को धीमा करने पर पृथक चुनावों के प्रभाव के कारण एक साथ चुनाव की आर्थिक अनिवार्यता की वकालत की। इन निकायों द्वारा समिति को जानकारी दी गई कि बीच-बीच में होने वाले चुनावों का सामाजिक सौहार्द्र बिगाड़ने के अलावा आर्थिक विकास, सार्वजनिक व्यय की गुणवत्ता, शैक्षिक और अन्य परिणामों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

  • किडनी के प्रति लापरवाही हो सकती जानलेवाः डा संजय सिंह

    किडनी के प्रति लापरवाही हो सकती जानलेवाः डा संजय सिंह



    शारदा नारायण हास्पिटल में हुआ जागरूक कार्यक्रम
    विश्व किडनी दिवस
    मऊः किडनी शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में एक है। रक्त को परिष्कृत करने के साथ ही विषाक्त पदार्थों को छानकर वह अलग करती है। प्रतिदिन दो सौ लीटर तरल पदार्थ को फिल्टर करने वाली किडनी की सुरक्षा को लेकर व्यक्ति को सचेत रहने की नितांत आवश्यकता होती है। इसके ठीक ढंग से कार्य न करने की स्थिति में कई प्रकार की बिमारियां घेर लेती हैं। ब्लडप्रेशर और शुगर का बढना तथा बार-बार पेशाब का आना गुर्दा खराब होने के प्राथमिक लक्षण हैं। ऐसी स्थिति होते ही चिकित्सकीय परामर्श से त्वरित किडनी की जांच कराना चाहिए। जांच और उपचार में बिलंब होने पर जान का खतरा बना रहता है। प्रसिद्ध चिकित्सक डा संजय सिंह ने यह बातें बताई। विश्व किडनी दिवस पर गुरुवार को शारदा हास्पिटल में आयोजित कार्यक्रम में वह बोल रहे थे। इस दौरान डा सिंह ने किडनी खराब होने पर होने वाली परेशानियों और डायलिसिस के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान किया।

  • एकता कपूर की फिल्म ‘लव सेक्स और धोखा-2’ से उर्फी जावेद करेंगी बॉलीवुड में डेब्यू

    एकता कपूर की फिल्म ‘लव सेक्स और धोखा-2’ से उर्फी जावेद करेंगी बॉलीवुड में डेब्यू

    राजकुमार राव, नुसरत भरूचा की फिल्म ‘लव सेक्स और धोखा’ हिट रही थी। नई पीढ़ी की प्यार की अजीब व्याख्या और उससे पैदा होने वाली समस्याओं पर आधारित यह फिल्म दर्शकों को खूब पसंद आई। अब इसके सीक्वल यानी ‘लव सेक्स और धोखा-2’ की चर्चा सोशल मीडिया पर देखने को मिल रही है। इस फिल्म से उर्फी जावेद बड़े पर्दे पर डेब्यू करेंगी।

    उर्फी अपने आउटफिट के कारण हमेशा चर्चा में रहती हैं। उनकी काफी आलोचना भी होती है लेकिन वह इन सबका बहादुरी से सामना करती हैं और वही करती हैं जो वह चाहती हैं। ‘बिग बॉस ओटीटी’ से ज्यादा पॉपुलर हुईं उर्फी इससे पहले एक्टिंग में भी अपनी किस्मत आजमा चुकी हैं। उर्फी टेलीविजन के कई सीरियल्स में एक आदर्श बहू के किरदार में नजर आ चुकी हैं।

    यह साफ है कि फिल्म ‘लव सेक्स और धोखा-2’ की कहानी उर्फी की पर्सनैलिटी से मेल खाती है। इस फिल्म का निर्देशन दिबाकर बनर्जी करेंगे और एकता कपूर की प्रोडक्शन कंपनी बालाजी टेलीफिल्म्स इसे प्रोड्यूस करेगी। पहले इस फिल्म में तुषार कपूर और मौनी रॉय नजर आने वाले थे लेकिन कहा जाता है कि दोनों ने इसके लिए मना कर दिया।

    इतना ही नहीं, यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि यह फिल्म 19 अप्रैल को रिलीज होगी। उर्फी जावेद इससे पहले ऐ मेरे हमसफर, चंद्र नंदिनी, मेरी दुर्गा, साथ फेरो की हेरा फेरी, बेपना, डियान जैसे कई टेलीविजन सीरियल्स में नजर आ चुकी हैं। इसके साथ ही उन्होंने रिश्ता क्या कहलाता है, बड़े भैया जैसे सीरियल्स में भी काम किया है। उर्फी इन दिनों पैपराजी के सामने अपने अनोखे और ग्लैमरस फैशन के लिए ही जानी जाती हैं।

  • ‘एक देश एक चुनाव’ पर कमेटी ने राष्ट्रपति को सौंपी रिपोर्ट

    ‘एक देश एक चुनाव’ पर कमेटी ने राष्ट्रपति को सौंपी रिपोर्ट

    नई दिल्ली,। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी ने ‘एक देश एक चुनाव’ पर अपनी विस्तृत रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी है। इस बात की जानकारी कमेटी के सदस्य व केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दी।

    गुरुवार को एक्स हैंडल पर राष्ट्रपति को रिपोर्ट सौंपने की तस्वीर साझा करते हुए अर्जुन राम मेघवाल ने लिखा- “आज पूर्व राष्ट्रपति आदरणीय रामनाथ कोविंद जी की अध्यक्षता में गठित ‘एक देश एक चुनाव’ कमेटी के सदस्य के रूप में महामहिम राष्ट्रपति आदरणीया द्रौपदी मुर्मू जी को अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपी। इस अवसर पर माननीय गृहमंत्री श्री अमित शाह सहित कमेटी के सभी सम्माननीय सदस्यगण उपस्थित रहे।”

    राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को रिपोर्ट सौंपे जाने के समय कमेटी के सभी 7 सदस्य उपस्थित थे। इसमें गृहमंत्री अमित शाह, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन.के.सिंह, संविधानविद् सुभाष कश्यप और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी उपस्थित थे। वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे विदेश में रहने के कारण उपस्थित नहीं रह सके। इस कमेटी में लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को भी सदस्य बनाया गया था, पर उन्होंने असहमति जताते हुए उसी समय इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया था।

  • आम आदमी पार्टी ने पांच मंत्रियों को चुनाव मैदान में उतारा, पंजाब से 8 उम्मीदवारों का ऐलान

    आम आदमी पार्टी ने पांच मंत्रियों को चुनाव मैदान में उतारा, पंजाब से 8 उम्मीदवारों का ऐलान

    चंडीगढ़,। पंजाब की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने गुरुवार को लोकसभा चुनाव के लिए पंजाब से आठ उम्मीदवारों का ऐलान करते हुए पहली सूची जारी कर दी है। इस सूची में पंजाब के पांच कैबिनेट मंत्रियों समेत दो विधायक शामिल है।

    इस सूची में आम आदमी पार्टी ने अमृतसर से मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल, खडूर साहिब लोकसभा से कैबिनेट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर, जालंधर से मौजूदा सांसद सुशील कुमार रिंकू, फतेहगढ़ साहब से गुरप्रीत सिंह जीपी, फरीदकोट से गायक एवं अदाकार करमजीत अनमोल, बठिंडा से मंत्री गुरमीत सिंह खुड़िया, संगरूर से मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर और पटियाला से मंत्री बलवीर सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। इस सूची के बाद अब आम आदमी पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए पंजाब से पांच और उम्मीदवारों की एक सूची जारी करेगी।

  • लोकसभा चुनाव के लिए कई सीटों पर फंसा पेंच, भाजपा-कांग्रेस कर रही जिताऊ उम्मीदवार के चयन की मशक्कत

    लोकसभा चुनाव के लिए कई सीटों पर फंसा पेंच, भाजपा-कांग्रेस कर रही जिताऊ उम्मीदवार के चयन की मशक्कत

    जयपुर, । राजस्थान की कुल 25 सीटों में से अब तक भाजपा 15 और कांग्रेस 10 लोकसभा सीट पर उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। दोनों ही दलों की बाकी सीटों पर प्रत्याशी चयन को लेकर अभी मशक्कत चल रही है। कांग्रेस जहां कुछ सीट पर गठबंधन को लेकर होमवर्क कर रही है, वहीं भाजपा भी कुछ सीटों पर वर्ग और जन भागीदारी का फेक्टर देख रही है।

    भाजपा ने राजस्थान में 25 लोकसभा सीट में से पन्द्रह पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। बाकी 10 सीटों पर कभी भी प्रत्याशी घोषित हो सकते हैं। बताया जा रहा है कि पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक अगले तीन से चार दिन में होगी। इसमें राजस्थान की बाकी सीटों पर भी मुहर लग सकती है। इनमें अजमेर, भीलवाड़ा, दौसा, श्रीगंगानगर, जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, झुंझुनूं, करौली-धौलपुर, टोंक-सवाईमाधोपुर सीट शामिल हैं। कांग्रेस की पहली सूची के बाद प्रदेश में आठ सीटों पर आमने-सामने के मुकाबले की तस्वीर साफ हो गई है। इन आठ सीट पर भाजपा ने प्रत्याशियों को सक्रिय होने के लिए कहा है। विशेष रूप से चूरू और अलवर सीट को लेकर पार्टी का ज्यादा फोकस है। अजमेर और झुंझुनूं सीट से मौजूदा सांसदों को विधानसभा चुनाव लड़वाया गया था, लेकिन वे हार गए थे। दोनों सीट पर नए प्रत्याशी उतारने की चर्चा है। जबकि, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के प्रदेश सरकार में मंत्री बनने के बाद जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट खाली है। वहीं, टोंक-सवाईमाधोपुर और और करौली-धौलपुर सीट को लेकर भी पार्टी फूंक-फूंक कर कदम बढ़ा रही है। कांग्रेस से हाल ही भाजपा में शामिल हुए नेताओं के नामों पर भी मंथन चल रहा है।

    लोकसभा की 10 सीटों पर प्रत्याशी घोषित होने के बाद शेष बची 15 सीटों पर कांग्रेस में प्रत्याशी चयन को लेकर मशक्कत तेज है। पार्टी में शीर्ष स्तर पर प्रत्याशी चयन को लेकर मंथन चल रहा है। माना जा रहा है कि अब होली के आसपास केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक होगी, जिसमें प्रत्याशियों के नामों पर मुहर लगेगी। जिन सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा होना बाकी है, उनमें श्रीगंगानगर, सीकर, जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, दौसा, अजमेर, नागौर, पाली, जैसलमेर-बाड़मेर, डूंगरपुर-बांसवाड़ा, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा-बूंदी और बारां-झालावाड़ सीट शामिल हैं। क्षेत्रीय दलों से गठबंधन को लेकर भी पार्टी ने कुछ लोकसभा सीटों को होल्ड पर रखा हुआ है। इन सीटों को लेकर प्रदेश व केन्द्रीय नेता दूसरे दलों के संपर्क में जुटे हैं। प्रदेश लीडरशिप जहां क्षेत्रीय दलों को एक सीट से ज्यादा देने के मूड में नहीं है, वहीं क्षेत्रीय दल दो-दो सीटों की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस ने गठबंधन के लिए नागौर, सीकर, श्रीगंगानगर और डूंगरपुर-बांसवाड़ा सीट को होल्ड पर छोड़ रखा है। कांग्रेस प्रदेश में सीपीआई (एम), रालोपा और भारतीय आदिवासी पार्टी (बीएपी) से गठबंधन की इच्छुक है। लेकिन इन दलों ने ज्यादा सीटों की डिमांड कर कांग्रेस के थिंक टैंक की परेशानी बढ़ा दी है। वहीं कांग्रेस का भी एक धड़ा क्षेत्रीय दलों से गठबंधन के पक्ष में नहीं है और अंदरखाने भी इसे लेकर विरोध हो रहा है। ऐसे में गठबंधन को लेकर कांग्रेस में अभी भी पेंच फंसा हुआ है।