Category: छत्तीसगढ़

  • प्रधानमंत्री मोदी 12 मार्च को झारखंड को एक और वंदेभारत ट्रेन की सौगात देंगे,बनारस तक चलेगी

    प्रधानमंत्री मोदी 12 मार्च को झारखंड को एक और वंदेभारत ट्रेन की सौगात देंगे,बनारस तक चलेगी

    रांची,। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी झारखंड को एक और वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेन की सौगात देने जा रहे हैं। यह बनारस तक चलेगी। प्रधानमंत्री 12 मार्च को इसका ऑनलाइन उद्घाटन करेंगे। यह जानकारी रांची रेल मंडल के डीआरएम जसमित सिंह बिंद्रा ने ‘हिन्दुस्थान समाचार’ को दी।

    डीआरएम जसमित सिंह बिंद्रा ने बताया कि रांची- बनारस वंदेभारत एक्सप्रेस आठ चेयरकार कोच होंगे। इसका सबसे बड़ा फायदा झारखंड, बिहार और ओडिशा के रेलयात्रियों को मिलेगा। यह ट्रेन रांची-लोहरदगा-टोरी, डालटनगंज, गढ़वा रोड, गया और पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन होते वाराणसी पहुंचेगी। यह बोकारो स्टील सिटी, हजारीबाग, कोडरमा और गया जंक्शन से गुजरेगी।

    उन्होंने बताया कि यह ट्रेन रांची से सुबह 5:50 बजे खुलेगी और दोपहर 12:10 बजे बनारस पहुंचेगी। बनारस से दोपहर 1:30 बजे खुलेगी और रात 7:50 बजे रांची पहुंचेगी। रांची से बनारस का सफर साढ़े छह घंटे में तय होगा। रांची-वाराणसी तक का किराया 1390 से 2600 रुपये के बीच होगा। पहले इसे मुरी-बोकारो के रास्ते चलाने की योजना थी। रेलवे उपभोक्ता सलाहकार समिति के सुझाव पर इसे लोहरदगा-टोरी के रास्ते चलाने का फैसला लिया गया है।

    इस ट्रेन के चलने से रांची स्टेशन से खुलने वाली वंदेभारत की संख्या तीन हो जाएगी। फिलहाल एक ट्रेन रांची से पटना और दूसरी रांची से हावड़ा के बीच चल रही है। रांची-बनारस वंदेभारत से खासकर उन यात्रियों को लाभ होगा, जो काशी जाकर भगवान शिव के दर्शन करना चाहते हैं। इसके अलावा अयोध्या जानेवाले भी काशी से अयोध्या आसानी से जा सकेंगे।

  • चेक बाउंस मामले में अभिनेत्री अमीषा पटेल पैसे वापस करने को राजी

    चेक बाउंस मामले में अभिनेत्री अमीषा पटेल पैसे वापस करने को राजी

    दो करोड़ 75 लाख पांच किस्तों में करेंगी वापस

    रांची,। चेक बाउंस मामले में बुधवार को न्यायिक दंडाधिकारी डीएन शुक्ला की अदालत में सुनवाई हुई। फिल्म अभिनेत्री अमीषा पटेल बुधवार को चेक बाउंस से जुड़े केस में बकाया राशि देने के लिए तैयार हो गई। उन्होंने आपसी समझौते के आधार पर पांच किस्तों में दो करोड़ पचहत्तर लाख रुपये शिकायतकर्ता अजय सिंह को देने की पेशकश की है। यह जानकारी अभिनेत्री अमीषा के अधिवक्ता जय प्रकाश ने अदालत को दी।

    इसके बाद कोर्ट ने गुरुवार को अभिनेत्री अमीषा पटेल को कोर्ट के समक्ष सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया है। अभिनेत्री के अधिवक्ता ने अदालत से 13 मार्च को अगली सुनवाई की तिथि निर्धारित करने की मांग की लेकिन शिकायतकर्ता अजय कुमार सिंह के अधिवक्ता विजयालक्ष्मी श्रीवास्तव ने बार-बार समय मांगे जाने का विरोध किया। इसके बाद अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि सात मार्च को निर्धारित की है।

    क्या है मामला

    फिल्म मेकर अजय कुमार सिंह ने अभिनेत्री अमीषा पटेल पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है। देशी मैजिक फिल्म बनाने के नाम पर अजय कुमार सिंह से अमीषा पटेल ने रुपये लिये थे लेकिन फिल्म नहीं बनी। अजय कुमार सिंह द्वारा पैसा मांगने पर अमीषा पटेल ने दो चेक दिये थे लेकिन दोनों चेक बाउंस कर गये। इसे लेकर अजय कुमार सिंह ने अमीषा पटेल के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला वर्ष 2018 में दर्ज कराया था। कोर्ट ने मामले में अमीषा पटेल के खिलाफ सात अप्रैल को, 2023 को वारंट जारी किया था। इसके बाद अमीषा ने 17 जून को कोर्ट में सरेंडर कर जमानत ली थी।

  • बिना कारण पति से अलग रहने वाली पत्नी भरण-पोषण की हकदार नहीं: झारखंड हाई कोर्ट

    बिना कारण पति से अलग रहने वाली पत्नी भरण-पोषण की हकदार नहीं: झारखंड हाई कोर्ट

    रांची। झारखंड हाई कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा है कि बिना किसी उचित कारण के अपने पति से अलग रहने वाली पत्नी भरण-पोषण की हकदार नहीं है। हाई कोर्ट ने यह आदेश जमशेदपुर के रहने वाले अमित कुमार कच्छप की क्रिमिनल रिवीजन पर सुनवाई करते हुए दिया है।

    रांची सिविल कोर्ट की फैमिली कोर्ट ने यह आदेश दिया था कि अमित कुमार कच्छप अपनी पत्नी संगीता टोप्पो को भरण-पोषण के रूप में 15 हजार रुपये प्रति माह दें। इस पर फैमिली कोर्ट ने उसके पक्ष में आदेश पारित करते हुए 30 अक्टूबर 2017 से हर माह 15 हजार रुपये का भरण-पोषण भत्ता निर्धारित किया था और पति को इस राशि का भुगतान करने को कहा था।

    फैमिली कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ पति अमित कुमार कच्छप ने हाई कोर्ट में क्रिमिनल रिवीजन पिटीशन दायर किया था। उसका कहना था कि शादी के बाद उसकी पत्नी एक सप्ताह के लिए जमशेदपुर में उसके घर रही। इसके बाद वह अपने परिजनों की कुछ दिनों तक सेवा करने के नाम पर रांची चली गई। उसने कहा था कि 15 दिनों के भीतर वापस आ जाएगी, लेकिन बार-बार अनुरोध करने के बाद भी वह नहीं लौटी। जिसके बाद न्यायाधीश जस्टिस सुभाष चांद की कोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि पत्नी का अपने पति से अलग होने में उचित औचित्य का अभाव था।

    संगीता टोप्पो ने रांची की फैमिली कोर्ट में अपने पति अमित कुमार कच्छप के खिलाफ दायर केस में आरोप लगाया था कि 2014 में आदिवासी रीति-रिवाजों के अनुसार शादी के बाद जब वह ससुराल गई तो उससे कार, फ्रिज और एलईडी टीवी सहित दहेज की मांग शुरू हो गई।

    उसने दावा किया कि पति और उसका परिवार इसके लिए दबाव डालता था। पति छोटी-छोटी बातों पर उसकी उपेक्षा करता था, अक्सर शराब के नशे में उसके साथ दुर्व्यवहार करता था। उसने अपने पति पर एक महिला के साथ विवाहेतर संबंध रखने का भी आरोप लगाया। उसने भरण-पोषण के लिए प्रतिमाह 50 हजार रुपये का दावा ठोका था।

  • झारखंड हाई कोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी मामले में 28 को फिर होगी सुनवाई

    झारखंड हाई कोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी मामले में 28 को फिर होगी सुनवाई

    रांची। झारखंड हाई कोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली क्रिमिनल रिट याचिका की सुनवाई मंगलवार को झारखंड हुई। हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस एस चंद्रशेखर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में सुनवाई जारी रही। मामले में अगली सुनवाई बुधवार को सुबह 10:30 बजे होगी।

    मामले में हेमंत सोरेन की ओर से दाखिल रिट पिटीशन एवं संशोधन पिटीशन पर ईडी की ओर से जवाब दाखिल किया गया। हेमंत सोरेन की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने वर्चुअली मोड में पक्ष रखा। इस दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन एवं अधिवक्ता पियूष चित्रेश ने उन्हें सहयोग किया।

    कपिल सिब्बल ने हेमंत सोरेन की ओर से पक्ष रखते हुए कहा कि यह मामला शेड्यूल ऑफेंस का नहीं है, उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का कोई मामला नहीं बनता है। बड़गाईं अंचल की जिस विवादित 8.5 एकड़ जमीन की बात कही जा रही है, उसके मूल दस्तावेज में हेमंत सोरेन के नाम का कोई जिक्र नहीं है। वहां कुछ लोगों ने कह दिया कि यह जमीन हेमंत सोरेन की दखल वाली है, इस पर विश्वास करते हुए ईडी अनुसंधान में आगे बढ़ रही है। इस केस में कोई भी साक्ष्य नहीं है और न हीं ईडी अभी तक कोई साक्ष्य जुटा पाई है।

    ईडी विनोद सिंह के साथ उनके जिस व्हाट्सएप चैट का जिक्र कर रही है, वह वर्ष 2020 का है। आर्किटेक्ट विनोद सिंह के साथ हेमंत सोरेन के व्हाट्सएप चैट में बड़गाईं अंचल की उस विवादित 8.5 एकड़ जमीन पर बैंक्विट हॉल बनाने की नक्शा तैयार किए जाने की गलत बात कही जा रही है, इस व्हाट्सएप चैट में सरकार के बड़े अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग में पैसे के खेल के भी बेबुनियाद आरोप लगे हैं, जिसका इस मामले से कोई संबंध नहीं है।

    16 अगस्त, 2023 को अंचलाधिकारी बड़गाईं को राज कुमार पाहन ने एक आवेदन दिया था कि जमीन उनके कब्जे में है, कुछ लोगों ने अवैध तरीके से उक्त जमीन की जमाबंदी करा ली है। इसके बाद 29 जनवरी को एसएआर कोर्ट ने अंतिम रूप से राजकुमार पाहन को उक्त जमीन का मालिकाना हक दे दिया है। यह मामला राजकुमार पाहन एवं एक अन्य व्यक्ति के बीच के विवाद का है। इस विवाद में हेमंत सोरेन कही नहीं है लेकिन ईडी ने इस मामले में हेमंत को गिरफ्तार कर लिया। ईडी उनके खिलाफ जबरदस्ती इस जमीन पर कब्जा किए जाने का सबूत तैयार की है।

    ईडी की ओर से एएसजीआई एसवी राजू ने पक्ष रखा जबकि अधिवक्ता एके दास और सौरभ कुमार ने उनका सहयोग किया।

  • छग विधान सभा :शराब के मुद्दे पर जमकर हंगामा,प्लेसमेंट एजेंसी के खिलाफ जांच की जाएगी

    छग विधान सभा :शराब के मुद्दे पर जमकर हंगामा,प्लेसमेंट एजेंसी के खिलाफ जांच की जाएगी

    रायपुर।छत्तीसगढ़ विधानसभा में शराब के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ ।सदन में मंगलवार को देशी-अंग्रेज़ी शराब की आपूर्ति, ओवर रेट और अवैध विक्रय का मामला उठा। भाजपा विधायक राजेश मूणत ने सवाल किया कि क्या मामले में प्लेसमेंट एजेंसी के खिलाफ एफ़आईआर दर्ज होगी? इस पर मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि प्लेसमेंट एजेंसी के खिलाफ जांच की जाएगी.अनियमितता सामने आने पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाएगा।

    रायपुर: विधायक राजेश मूणत ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में शराब खरीद पर सवाल पूछा। मूणत ने पूछा- क्या शराब खरीद पर सरकार की कोई नीति है।किस नीति के आधार पर सरकार पार्टियों से शराब खरीदती है।राजेश मूणत के सवाल पर लोक स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में शराब नीति के तहत सरकार शराब खरीदती है। साथ ही मांग और बिक्री के अनुसार शराब दुकानों के लिए शराब खरीदी जाती है।

    मूणत ने फिर सवाल किया कि नीति क्या है, क्या टेंडर आमंत्रित किया जाता है। कोटेशन आमंत्रित किया जाता है ? राष्ट्रीय या प्रदेश स्तर पर की जाती है? कौन शराब की सप्लाई कर सकता है, इसका टर्न ओवर क्या है।इस पर मंत्री ने कहा- “रेट ऑफर और टेंडर के माध्यम से शराब की खरीद होती है।

    राजेश मूणत ने पूछा कि 2019 से 23 तक छत्तीसगढ़ में सिर्फ़ तीन कंपनी ही सप्लाई करती रही। देशी और विदेशी शराब में कितनी कंपनियों ने टेंडर में हिस्सा लिया। श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा- राज्य में देशी शराब के तीन ही उत्पादक हैं। इसलिए तीन टेंडर ही आए। राजेश मूणत ने कहा- 2018-19 में 37, 2019-20 में 67 और इसके बाद 21 फ़र्मों ने टेंडर में भाग लिया था।साल 21- 22 में सिर्फ 14 विदेशी फर्मों का आवेदन आया, इसके बाद संख्या कम हो गई। मूणत ने मंत्री को टोकते हुए कहा कि “क्या ये नियम है कि राज्य के लोग ही टेंडर में भागीदारी होंगे ? क्या ऐसा नियम है कि राज्य की डिस्टलरी ही सप्लाई देगी। इसका जवाब दीजिए। इस पर रमन सिंह ने बीच में टोका और कहा कि आपको ना देसी से मतलब है ना विदेशी से। इस पर मूणत ने कहा कि हमें किसी से मतलब नहीं है। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि फिर क्यों सवाल कर रहे हैं।मंत्री ने जवाब दिया कि यह नियम 2013 से है कि सिर्फ प्रदेश के डिस्टलरी वाले ही देसी शराब की सप्लाई करेंगे।मूणत ने फिर सवाल पूछा- “जो तीन शराब सप्लायर है उनके जिले बांटे गए.? मेरा यह सवाल इसलिए है कि सिंडिकेट बनाकर योजनाबद्ध तरीके से प्रदेश को शराब माफियाओं ने लूटने का काम किया है।इस पर मंत्री ने जवाब दिया- “जिले को 8 जोन में बांटकर सप्लाई की जाती थी।. उसके आधार पर तीन दुकान होने के वजह से उन्हें ही बांटा गया।

    मूणत ने आगे पूछा- “क्या 5 साल तक एक व्यक्ति एक ही जिले में शराब की सप्लाई करेगा.? क्या ऐजेंसी ने किसे शराब की सप्लाई की. कहां-कहां की।मंत्री ने बताया कि टेंडर के अनुसार 8 जोन में शराब बांटा गया।

    राजेश मूणत ने कहा कि शराब दुकान पर फर्जी प्रकरण बनाए। साल 2019 में चार प्रकरण दर्ज कराए। एक आदमी जेल गया। 19-20 में 8 प्रकरण बने।. एक आदमी जेल गया।. दुकानों में दो तरह की शराब बिक रही है। एक बिना होलोग्राम की डुप्लीकेट और एक सरकारी। जो डुप्लीकेट के प्रकरण दर्ज किए गए उसमें एक को भी सजा नहीं हुई।. सरकारी दुकान में प्लेटमेंट एजेंसी वहां पर अपने कर्मचारियों के माध्यम से शराब बेचती है। इस पर प्रकरण तो दर्ज हुए लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

    राजेश मूणत के सवाल पर मंत्री ने जवाब देते हुए कहा किअवैध शराब, मिलावटी और बिक्री पर विधिवत कार्यवाही हुई है। दुकानों में काम करने वाले कर्मचारियों पर एफआईआर भी हुई है, जेल भी भेजा गया है।

    राजेश मूणत ने बीच में टोकते हुए कहा कि “सरकारी दुकानों में कोई बाहर से आकर शराब बेच दें इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है। प्रदेश में 568 दुकानों में रेत से ज्यादा कीमत पर शराब बेची गई।सरकार की दुकान में डाका डालकर चली जाए और सरकार हाथ पर हाथ धरी बैठे रहे, ये छत्तीसगढ़ के लिए दुर्भाग्य की बात है।सरकार को राजस्व की बड़ी हानि हुई है। ये मुख्यमंत्री का विभाग है क्या इस पर मंत्री जी जांच कराएंगे।इस पर मंत्री जायसवाल ने जवाब देते हुए कहा कि- “2019-20 में 500 केस बनाए गए।जिसमें प्लेसमेंट एजेंसी के 574 लोगों को सेवा से पृथक किए गए।मूणत ने कहा कि ऐसी प्लेसमेंट एजेंसी पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। छत्तीसगढ़ को जिन लोगों ने लूटा, इस पर क्या कार्रवाई करेंगे।मंत्री ने कहा- इस पर ईडी जांच कर रही है।इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। विपक्ष ने सवाल उठाए कि- पक्ष को ईडी की जांच पर भरोसा नहीं है।राजेश मूणत ने फिर सवाल किया- क्या प्लेसमेंट एजेंसी पर कार्रवाई करेंगे।

    मंत्री ने जवाब दिया कि- इस पर पहले ही काफी कार्रवाई की गई है। सेल्स मैन, चीफ सेल्स मैन, मल्टी पर्पस वर्कर और 30 से ज्यादा विभागीय अधिकारियों पर एसबी ने एफआईआर दर्ज की है, कोई नहीं बचेगा. आखिर में मंत्री ने कहा- प्लेसमेंट एजेंसी ने अपने नीचे के कर्मचारियों को बचाने की कोशिश नहीं की है.

    मंत्री के इस जवाब पर धरमलाल कौशिक ने मंत्री पर प्लेसमेंट एजेंसी को बचाने का आरोप लगाया. जिसके बाद सदन में एक बार फिर हंगामा शुरू हो गया। लगभग 5 मिनट तक सदन में हंगामा होता रहा। जिसके बाद मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि प्लेसमेंट एजेंसी के खिलाफ जांच की जाएगी।अनियमितता सामने आने पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाएगा।

  • छग विधान सभा :शराब के मुद्दे पर जमकर हंगामा,प्लेसमेंट एजेंसी के खिलाफ जांच की जाएगी

    छग विधान सभा :शराब के मुद्दे पर जमकर हंगामा,प्लेसमेंट एजेंसी के खिलाफ जांच की जाएगी

    रायपुर।छत्तीसगढ़ विधानसभा में शराब के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ ।सदन में मंगलवार को देशी-अंग्रेज़ी शराब की आपूर्ति, ओवर रेट और अवैध विक्रय का मामला उठा। भाजपा विधायक राजेश मूणत ने सवाल किया कि क्या मामले में प्लेसमेंट एजेंसी के खिलाफ एफ़आईआर दर्ज होगी? इस पर मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि प्लेसमेंट एजेंसी के खिलाफ जांच की जाएगी.अनियमितता सामने आने पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाएगा।

    रायपुर: विधायक राजेश मूणत ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में शराब खरीद पर सवाल पूछा। मूणत ने पूछा- क्या शराब खरीद पर सरकार की कोई नीति है।किस नीति के आधार पर सरकार पार्टियों से शराब खरीदती है।राजेश मूणत के सवाल पर लोक स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में शराब नीति के तहत सरकार शराब खरीदती है। साथ ही मांग और बिक्री के अनुसार शराब दुकानों के लिए शराब खरीदी जाती है।

    मूणत ने फिर सवाल किया कि नीति क्या है, क्या टेंडर आमंत्रित किया जाता है। कोटेशन आमंत्रित किया जाता है ? राष्ट्रीय या प्रदेश स्तर पर की जाती है? कौन शराब की सप्लाई कर सकता है, इसका टर्न ओवर क्या है।इस पर मंत्री ने कहा- “रेट ऑफर और टेंडर के माध्यम से शराब की खरीद होती है।

    राजेश मूणत ने पूछा कि 2019 से 23 तक छत्तीसगढ़ में सिर्फ़ तीन कंपनी ही सप्लाई करती रही। देशी और विदेशी शराब में कितनी कंपनियों ने टेंडर में हिस्सा लिया। श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा- राज्य में देशी शराब के तीन ही उत्पादक हैं। इसलिए तीन टेंडर ही आए। राजेश मूणत ने कहा- 2018-19 में 37, 2019-20 में 67 और इसके बाद 21 फ़र्मों ने टेंडर में भाग लिया था।साल 21- 22 में सिर्फ 14 विदेशी फर्मों का आवेदन आया, इसके बाद संख्या कम हो गई। मूणत ने मंत्री को टोकते हुए कहा कि “क्या ये नियम है कि राज्य के लोग ही टेंडर में भागीदारी होंगे ? क्या ऐसा नियम है कि राज्य की डिस्टलरी ही सप्लाई देगी। इसका जवाब दीजिए। इस पर रमन सिंह ने बीच में टोका और कहा कि आपको ना देसी से मतलब है ना विदेशी से। इस पर मूणत ने कहा कि हमें किसी से मतलब नहीं है। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि फिर क्यों सवाल कर रहे हैं।मंत्री ने जवाब दिया कि यह नियम 2013 से है कि सिर्फ प्रदेश के डिस्टलरी वाले ही देसी शराब की सप्लाई करेंगे।मूणत ने फिर सवाल पूछा- “जो तीन शराब सप्लायर है उनके जिले बांटे गए.? मेरा यह सवाल इसलिए है कि सिंडिकेट बनाकर योजनाबद्ध तरीके से प्रदेश को शराब माफियाओं ने लूटने का काम किया है।इस पर मंत्री ने जवाब दिया- “जिले को 8 जोन में बांटकर सप्लाई की जाती थी।. उसके आधार पर तीन दुकान होने के वजह से उन्हें ही बांटा गया।

    मूणत ने आगे पूछा- “क्या 5 साल तक एक व्यक्ति एक ही जिले में शराब की सप्लाई करेगा.? क्या ऐजेंसी ने किसे शराब की सप्लाई की. कहां-कहां की।मंत्री ने बताया कि टेंडर के अनुसार 8 जोन में शराब बांटा गया।

    राजेश मूणत ने कहा कि शराब दुकान पर फर्जी प्रकरण बनाए। साल 2019 में चार प्रकरण दर्ज कराए। एक आदमी जेल गया। 19-20 में 8 प्रकरण बने।. एक आदमी जेल गया।. दुकानों में दो तरह की शराब बिक रही है। एक बिना होलोग्राम की डुप्लीकेट और एक सरकारी। जो डुप्लीकेट के प्रकरण दर्ज किए गए उसमें एक को भी सजा नहीं हुई।. सरकारी दुकान में प्लेटमेंट एजेंसी वहां पर अपने कर्मचारियों के माध्यम से शराब बेचती है। इस पर प्रकरण तो दर्ज हुए लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

    राजेश मूणत के सवाल पर मंत्री ने जवाब देते हुए कहा किअवैध शराब, मिलावटी और बिक्री पर विधिवत कार्यवाही हुई है। दुकानों में काम करने वाले कर्मचारियों पर एफआईआर भी हुई है, जेल भी भेजा गया है।

    राजेश मूणत ने बीच में टोकते हुए कहा कि “सरकारी दुकानों में कोई बाहर से आकर शराब बेच दें इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है। प्रदेश में 568 दुकानों में रेत से ज्यादा कीमत पर शराब बेची गई।सरकार की दुकान में डाका डालकर चली जाए और सरकार हाथ पर हाथ धरी बैठे रहे, ये छत्तीसगढ़ के लिए दुर्भाग्य की बात है।सरकार को राजस्व की बड़ी हानि हुई है। ये मुख्यमंत्री का विभाग है क्या इस पर मंत्री जी जांच कराएंगे।इस पर मंत्री जायसवाल ने जवाब देते हुए कहा कि- “2019-20 में 500 केस बनाए गए।जिसमें प्लेसमेंट एजेंसी के 574 लोगों को सेवा से पृथक किए गए।मूणत ने कहा कि ऐसी प्लेसमेंट एजेंसी पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। छत्तीसगढ़ को जिन लोगों ने लूटा, इस पर क्या कार्रवाई करेंगे।मंत्री ने कहा- इस पर ईडी जांच कर रही है।इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। विपक्ष ने सवाल उठाए कि- पक्ष को ईडी की जांच पर भरोसा नहीं है।राजेश मूणत ने फिर सवाल किया- क्या प्लेसमेंट एजेंसी पर कार्रवाई करेंगे।

    मंत्री ने जवाब दिया कि- इस पर पहले ही काफी कार्रवाई की गई है। सेल्स मैन, चीफ सेल्स मैन, मल्टी पर्पस वर्कर और 30 से ज्यादा विभागीय अधिकारियों पर एसबी ने एफआईआर दर्ज की है, कोई नहीं बचेगा. आखिर में मंत्री ने कहा- प्लेसमेंट एजेंसी ने अपने नीचे के कर्मचारियों को बचाने की कोशिश नहीं की है.

    मंत्री के इस जवाब पर धरमलाल कौशिक ने मंत्री पर प्लेसमेंट एजेंसी को बचाने का आरोप लगाया. जिसके बाद सदन में एक बार फिर हंगामा शुरू हो गया। लगभग 5 मिनट तक सदन में हंगामा होता रहा। जिसके बाद मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि प्लेसमेंट एजेंसी के खिलाफ जांच की जाएगी।अनियमितता सामने आने पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाएगा।

  • हेमंत सोरेन के विधानसभा के बजट सत्र में शामिल होने के मामले में झारखंड हाई कोर्ट का फैसला सुरक्षित

    हेमंत सोरेन के विधानसभा के बजट सत्र में शामिल होने के मामले में झारखंड हाई कोर्ट का फैसला सुरक्षित

    रांची। जमीन घोटाला मामले में जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में शामिल होने की अनुमति मामले में सोमवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। मामले में हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की कोर्ट ने दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।

    ईडी कोर्ट की ओर से बजट सत्र में शामिल होने की अनुमति नहीं दिए जाने को हेमंत सोरेन की ओर से हाई कोर्ट में चुनौती दी गयी है। इससे पहले सोमवार को मामले में ईडी की ओर से जवाब दायर किया गया। हेमंत सोरेन की ओर से वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने वर्चुअल मोड में पक्ष रखते हुए कहा कि हेमंत सोरेन चार्जशीटेड नहीं हैं। वे चुने हुए जनप्रतिनिधि हैं और झारखंड के पूर्व सीएम रह चुके हैं।

    सिब्बल ने कहा कि विधानसभा सत्र में भाग लेना उनका संवैधानिक अधिकार है। झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में प्रतिदिन हरेक विभाग का मनी बिल पास होता है। इसलिए हेमंत सोरेन का सदन में रहना जरूरी है। यह बजट सत्र काफी छोटा है। वर्चुअल मोड में सुनवाई में भाग लेते हुए ईडी की ओर से एएसजीआई एसवी राजू ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हेमंत के खिलाफ गंभीर आरोप हैं।

    उल्लेखनीय है कि इससे पहले ईडी की विशेष अदालत ने 22 फरवरी को हेमंत सोरेन को बजट सत्र में शामिल होने की अनुमति नहीं दी थी और हेमंत सोरेन की याचिका खारिज कर दी थी। इसके खिलाफ हेमंत सोरेन की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर कर विधानसभा के बजट सत्र में शामिल होने की अनुमति मांगी गई है। हेमंत सोरेन अभी ईडी की न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में बंद है। इससे पहले हेमंत सोरेन को विश्वास मत के दौरान सदन की कार्यवाही में शामिल होने की एक दिन अनुमति ईडी की विशेष अदालत से मिली थी।

  • प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ के प्रथम माइक्रोबायोलॉजी खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला का किया शुभारंभ

    प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ के प्रथम माइक्रोबायोलॉजी खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला का किया शुभारंभ

    – राजधानी रायपुर में 4.33 करोड़ की लागत से बनी है अत्याधुनिक प्रयोगशाला

    रायपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार शाम राजकोट से राजधानी रायपुर के कालीबाड़ी में स्थित छत्तीसगढ़ के प्रथम माइक्रोबायोलॉजी खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक ही समय में देश के विभिन्न शहरों में अनेक लोकार्पण और शिलान्यास कर नई परंपरा की शुरुआत की। मोदी ने कहा कि ऐसे ही तेज गति से कार्य कर विकसित भारत का संकल्प पूरा होगा।

    कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि, छत्तीसगढ़ शासन मोदी जी की गारंटी को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। हम प्रत्येक नागरिक को शुद्ध, गुणवत्तापूर्ण सुरक्षित एवं पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने हेतु प्रतिबद्ध हैं। बेहतर स्वास्थ्य की संकल्पना पूरी हो सके इसके लिए यह लैब खाद्य सुरक्षा के लिए एक कवच का काम करेगी।

    कार्यक्रम में विधायक रायपुर ग्रामीण मोतीलाल साहू, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य रेणु जी. पिल्ले, नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन दीपक सोनी, एमडी एनएचएम डॉ. जगदीश सोनकर, आयुक्त नगर निगम अबिनाश मिश्रा, उप सचिव भारत सरकार पुलकेश, एफएसएसएआई के अधिकारी शरद राव तथा बड़ी संख्या में कर्मचारी अधिकारी उपस्थित रहे।

    दिसंबर 2006 से कालीबाड़ी रायपुर स्थित नवीन भवन में खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला का संचालन किया जा रहा है। जिसमें आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा माइक्रोबायोलॉजी खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला की सौगात दी गई। यह प्रयोगशाला खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण, नई दिल्ली की अतिरिक्त वित्तीय सहायता 4 करोड़ 33 लाख से तैयार की गई है। यह प्रदेश की प्रथम खाद्य माइक्रोबायोलॉजी प्रयोगशाला है।

    खाद्य पदार्थों एवं पेयजल को हानिकारक सूक्ष्म-जीवाणुओं द्वारा दूषित कर दिया जाता है, जिससे जन-सामान्य को कई तरह की बीमारियां होने की संभावना रहती है। खाद्य जनित बीमारियां जैसे उल्टी, डायरिया, टाईफाईड, बुखार, हैजा, त्वचा संबंधित बीमारियां आदि होती है। पूर्व में प्रयोगशाला में रासायनिक परीक्षण, हैवी मैटल, पेस्टीसाईड, विटामिन्स की परीक्षण होती थी, परन्तु माइक्रोबायोलॉजिकल मानकों की जॉच नहीं होती थी। अब आधुनिक मशीनों से सुसज्जित माइक्रोबायोलॉजी प्रयोगशाला प्रारंभ होने से खाद्य पदार्थाे को दूषित करने वाले बैक्टीरिया, फंगस, यीस्ट, मोल्ड आदि की जांच हो सकेगी।

  • छत्तीसगढ़: सुकमा में पुलिस की नक्सलियों से मुठभेड़, एक नक्सली मारा गया

    छत्तीसगढ़: सुकमा में पुलिस की नक्सलियों से मुठभेड़, एक नक्सली मारा गया

    सुकमा/रायपुर,। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के बुर्कालंका में शनिवार सुबह पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में एक नक्सली मारा गया। बताया जा रहा है कि नक्सली का शव बरामद कर लिया गया है। मुठभेड़ के बाद इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने मुठभेड़ की पुष्टि की है।

    पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बुर्कालंका में कोंटा एरिया कमेटी के नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पुलिस को मिली थी। ऑपरेशन के लिए डीआरजी जवानों को एक दिन पहले ही चिन्हित जगह के लिये रवाना किया गया। शनिवार सुबह करीब 5 बजे जवान बतायी गई जगह पर पहुंच कर नक्सलियों पर धावा बोल दिया। मुठभेड़ में एक नक्सली मारा गया। हालांकि, मारे गए नक्सली की शिनाख्त नहीं हुई है। मौके से नक्सल सामग्री व कुछ विस्फोटक पदार्थ बरामद होने की जानकारी मिली है।

  • हाई कोर्ट में सिपाही नियुक्ति नियमावली को चुनौती देने वाली याचिका पर 29 फरवरी को अगली सुनवाई

    हाई कोर्ट में सिपाही नियुक्ति नियमावली को चुनौती देने वाली याचिका पर 29 फरवरी को अगली सुनवाई

    रांची,। झारखंड हाई कोर्ट में सिपाही नियुक्ति नियमावली-2014 को चुनौती देने वाली याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। एक्टिंग चीफ जस्टिस एस चंद्रशेखर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में राज्य सरकार एवं सफल अभ्यर्थियों की ओर से पक्ष रखा गया।

    राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि सरकार को अधिकार है कि वह नियमावली में परिवर्तन कर सकती है और रूल फ्रेम कर सकती है। जो भी नियुक्ति की गई है वह नियम संगत है। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 29 फरवरी की तिथि निर्धारित की है। इस संबंध में सुनील टुडू सहित 60 याचिकाएं अदालत में दाखिल की गयी हैं। झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल, प्रिंस कुमार एवं राकेश रंजन ने पैरवी की। पुलिस मेंस एसोसिएशन की ओर से दिवाकर उपाध्याय ने पैरवी की।

    याचिका में कहा गया है कि झारखंड सरकार की ओर से बनायी गई नियुक्ति नियमावली पुलिस मैनुअल के विपरीत है। नई नियमावली में लिखित परीक्षा के लिए निर्धारित न्यूनतम क्वालिफाइंग मार्क्स की शर्त लगाना भी गलत है। ऐसे में उक्त नियमावली को रद कर देना चाहिए। हालांकि इस मामले में अदालत ने पूर्व में ही कहा है कि अदालत के अंतिम आदेश से नियुक्ति प्रक्रिया प्रभावित होगी।

    वर्ष 2015 में सभी जिलों में सिपाही और जैप के जवानों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। वर्ष 2018 में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। पूर्व के आदेश के तहत इस मामले में नियुक्त हुए सभी सिपाहियों को पक्ष रखने के लिए अदालत ने मौका दिया था। इसके लिए सार्वजनिक नोटिस भी जारी किया गया था, जिसके बाद से करीब सात हजार सिपाही इस मामले में प्रतिवादी बने हैं।