Category: बिहार

  • राजनीति सियासत के ”मैला आंचल” में टिक नहीं पाए रेणु, साहित्य के नाम कर दी जिंदगी

    राजनीति सियासत के ”मैला आंचल” में टिक नहीं पाए रेणु, साहित्य के नाम कर दी जिंदगी

    फारबिसगंज/अररिया। हिंदी साहित्य के चमकते सितारे रहे अमर कथा शिल्पी फणीश्वर नाथ रेणु की आज पुण्यतिथि है फणीश्वर नाथ ”रेणु” का जन्म 4 मार्च 1921 को और निधन 11 अप्रैल 1977 को हुआ। रेणु जी का जन्म बिहार के फारबिसगंज के पास औराही हिंगना नामक गांव में हुआ था। उस समय यह गांव पूर्णिया जिले में था। पर अब यह गांव अररिया जिले में पड़ता है।

    फणीश्वर नाथ ”रेणु” की शिक्षा भारत और नेपाल में हुई थी। 1942 में वे स्वतंत्रता संग्राम के आंदोलन में कूद पड़े। रेणु के पिता शिलानाथ मंडल एक संपन्न व्यक्ति थे। भारत के स्वाधीनता संघर्ष में उन्होंने भाग लिया था। रेणु के पिता कांग्रेसी थे।इस मौके पर उनसे जुड़ी बेहद रोचक बातें आपको बता रहा हूँ। जयंती पर फणीश्वर नाथ रेणु के चुनाव लड़ने से लेकर उनके साहित्य की बातों को जानना बेहद जरूरी है।

    वैसे देश में अभी चुनाव की हवा चल रही है लोकसभा चुनाव कुछ महीनों में होने को है। इसके बाद अगले वर्ष बिहार में विधानसभा चुनाव भी होने को है। ऐसे समय में ”मैला आंचल और ”परती: परिकथा” जैसी बड़ी रचनाओं के लेखक फणीश्वरनाथ रेणु के जन्म जयंती वर्ष में याद करना बेहद ज़रूरी रहेगा। आज से लगभग 51 वर्ष पहले इस लेखक ने भी एक बार विधानसभा चुनाव लड़ने का हिम्मत कहें या दुस्साहस किया था। उन्होंने आपसी भाईचारे को बांटने वाली सियासत, भुखमरी और बेरोज़गारी से तंग आकर फणीश्वरनाथ रेणु ने बिहार के फारबिसगंज से निर्दलीय चुनाव लड़ा था और वही हुआ, जो एक निर्दलीय उम्मीदवार के साथ अक्सर होता आया है।

    रेणु 1952 तक वह सोशलिस्ट पार्टी के जरिये राजनीति में सक्रिय हुए थे। मगर उन्हें जल्दी ही समझ में आ गया कि राजनीति में लेखक की स्थिति दूसरे दर्जे की होती है। हर पार्टी का अपना एक ”तबेला” होता है। इसके चारों तरफ दीवारें खींच कर वह अपने ”कमअक्ल” सहकर्मी को इधर-उधर आकर्षित होने से बचाती है। मानवेन्द्रनाथ राय जो की भारत के स्वतंत्रता-संग्राम के राष्ट्रवादी क्रान्तिकारी तथा विश्वप्रसिद्ध राजनीतिक सिद्धान्तकार थे। उनके विचारधारा से जुड़े एक कलाकार के साथ उन्हें देख लिया गया तो अगले दिन पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने उन्हें बुलाया और एमएन राय के विरुद्ध भाषण देने के लिए उनके दिमाग़ में डाल दिया ।

    अपने एक अच्छे मित्र और कम्युनिस्ट छात्र नेता से वह मिला करते थे। एक बार रामवृक्ष बेनीपुरी जी ने भी उन्हें देख लिया तो समझाया कि क्यों उन्हें कम्युनिस्टों से बातें नहीं करनी चाहिए। रेणु ने देखा कि नेता आत्म प्रचार से ऊपर नहीं उठ पाते। यह भी समझ में आया कि दलगत राजनीति में बुद्धिजीवी से भी अपेक्षा रहती है कि वह अपनी बुद्धि गिरवी रख कर पार्टी का काम करे। वहां किसी व्यक्ति, किसी गुट का होना भी आवश्यक है। ये सब पाबंदियां उन्हें रास नहीं आ रही थीं। वह 1952 के प्रथम आम चुनाव से पहले ही दलगत राजनीति को विदा कहने का मन बना चुके थे रेणु। वही, इन सब कारणों से रेणु को उस पार्टी से भी भरोसा उठ गया था, जिसके लिए बरसों उन्होंने लगन से काम किया था। इसके बावजूद उनका विश्वास समाजवादी आदर्शों और जयप्रकाश नारायण में अंत तक बना रहा।

    वह सक्रिय राजनीति से दूर थे, लेकिन इससे बिल्कुल अलग-थलग नहीं। रेणु अपने अनेक उपन्यासों को इसका प्रमाण मानते थे। रेणु राजनीति के प्रति आभारी थे कि उसने उन्हें गांव- गांव जाने का मौका दिया, लोगों को, उनकी संस्कृति और भाषा को जानने का अवसर दिया। बतौर एक लेखक उन्हें बनाया।

    इन सब के बीच रेणु ने पटना में एक संवाददाता सम्मेलन में निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी फिर तो बुद्धिजीवियों में हलचल सी मची गई। उन्हें जानने वाले इस फैसले से चकित थे तभी हर कोई कह रहा था कि रेणु के सिर पर यह क्या भूत सवार हो गया है जब वे राजनीति में थे, तब तो चुनाव लड़ा नहीं, अब क्यों लड़ रहे हैं? जिस पार्टी-पॉलिटिक्स से घबरा कर इन्होंने उससे दूरी बनाई थी, उसमें फिर से क्यों पड़ रहे हैं? और चुनाव लड़ना ही था तो किसी पार्टी से टिकट मांगते। इतने बड़े लेखक को कोई भी पार्टी टिकट दे देती। इस तरह कई सवाल तब उठ रहे थे और रेणु जी अपने फ़ैसले पर अटल थे वही, उन्हें बेहद क़रीब से जानने वाले लोग नामांकन पत्र भरने के बाद से इसे वापस लेने की आखिरी तारीख तक इंतजार करते रहे कि शायद उनका मन बदल जाए। कुछ दलों उन्हें अपना समर्थन देने की पेशकश भी की। रेणु ने ऐसे सभी प्रस्ताव ठुकरा दिए। इस बीच वह पटना से अपने चुनाव क्षेत्र फारबिसगंज में पर्चा दाखिल करने और अपनी उम्मीदवारी का प्रचार करने चले आएं ।

    वही, रेणु ने चुनाव लड़ने के चार बड़े कारण बताए थे। एक तो उनके क्षेत्र में पहली बार राजनीति हिंदू-मुसलमानों को बांटने में सफल हुई थी। इस संघर्ष में बहुत से लोग जख्मी हुए थे। कुछ गिरफ्तारियां हुई थीं, मुकदमे चले थे। गांव के सैकड़ों लोग महीनों कचहरी में परेशान किए गए थे। एक और घटना ने उन्हें विचलित किया था। उनके गांव में भूख से दो ग़रीबों की मौत हो गई थी।। क्षेत्र के विधायक ने इसे भूख से हुई मौत बताया, लेकिन राज्य सरकार ने हमेशा की तरह इसे मानने से इनकार कर दिया।

    वही, दूसरा कारण, एम. ए. तक जिस नौजवान ने सर्वप्रथम स्थान प्राप्त किया था, उसे कहीं नौकरी नहीं मिल रही थी। चुने हुए प्रत्याशियों में उसका नाम पहले स्थान पर होते हुए भी उसे नौकरी नहीं दी जाती थी। रेणु के यह सलाह देने पर कि उसे क्षेत्र के विधायक और सांसद से इस बारे में मिलने चाहिए। उसका जवाब था कि इनकी वजह से ही यह सब हो रहा है। गुस्से में आकर उसने रेणु को भी नहीं बख्शा। उसने कहा कि आप जैसे लोग राजनीति से निर्विकार हो गए, उसी कारण यह सब हो रहा है। उनके क्षेत्र में 14 निरपराध आदिवासी संथाल मार मार दिए गए थे। इसके बाद उन्हें लगा कि अब भी वह कुछ नहीं करते तो वे अपनी ही निगाह में गिर जाएंगे।

    उस वक्त़ लाठी, पैसे और जाति के जोर से चुनाव जीते जाते थे। और रेणु इनके बगैर चुनाव लड़कर दुनिया के सामने नज़ीर कायम करना चाहते थे। वह अपनी चुनाव सभाओं में दिनकर, अज्ञेय, शमशेर बहादुर सिंह, सुमित्रा नंदन पंत और रघुवीर सहाय की कविताएं पढ़ते। वह कहते थे कि अकेला और निर्दलीय होने के कारण उनकी आवाज़ कोई बंद नहीं कर पाएगा।

    वैसे तो चुनाव लड़ते समय ही यह स्पष्ट हो गया था कि वह जीतेंगे नहीं, लेकिन उस समय लिए गए साक्षात्कारों में जाहिर है कि उन्होंने यह नहीं कहा। जिस समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधि उनके घर आकर अपनी पार्टी का समर्थन उन्हें देने की पर्ची लिखकर छोड़ गया था, वही उनके खिलाफ खड़ा हुआ था।

    चुनाव की डुगडुगी बजते ही आदमी किस तरह बदल जाता है, इसका अनुभव उन्हें चुनाव के दौरान हुआ। वह कहते हैं, आप मूंगफली वाले से बात कीजिए, आप उससे मूंगफली ले लीजिए, लेकिन वो वोट आपको देगा या नहीं देगा, इसके बारे में वह एकदम चुप रहेगा। उनके बारे में यह भी कहा जाने लगा था कि इनकी तो कोई पार्टी नहीं है और अकेला चना भांड़ नहीं फोड़ सकता। उनके विरोधियों ने नारा लगाया कि पद्मश्री टाइटल वाले लेखक हैं लेकिन विधानसभा में जाकर क्या करेंगे?

    और जिस दिन वोट पड़े, उस दिन देखा कि मधुबनी में जो प्रयोग छोटे पैमाने पर हुआ था, वह वहां व्यापक रूप से हो रहा है। गांव- गांव लोग वोट देने जा रहे हैं और खाली वापस आ रहे हैं क्योंकि लाठी लेकर वहां गुंडे खड़े हैं। रेणु को कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार से भी कम वोट मिले।

    तब उन्हें लगा था कि नहीं, ये लड़के ठीक कहते हैं कि चेंज बैलट से नहीं होगा। बैलट की डेमोक्रेसी भ्रमजाल है। तब जो निराशा बढ़ी, उसकी तुलना वह प्रेम में असफल हुए उस व्यक्ति से करते हैं, जो कविता करने लगता है। उन्होंने कहा, ‘राजनीति में असफल होकर मैं उपन्यास लिखने लगा लेकिन चुनाव हारने के बाद मैं क्या करूंगा? चुनाव हारने वाला व्यक्ति घर में बीवी तक की निगाह में गिर जाता है।’ थोड़ा कर्ज उन पर चढ़ गया था। लोगों ने कहा कि चुनाव में अनुभव पर लिखो तो उन्होंने कहा कि मेरा चुनाव चिन्ह नाव था, इसलिए कागज की नाव शीर्षक से एक रिपोर्ताज लिखूंगा। लेकिन लगा कि अब कलम छूने का अधिकार उन्हें नहीं है। अगर कुछ थामना है तो दो ही चीजें थाम सकते हैं या तो बंदूक या कलेजा। अब कलेजा थाम कर बैठो। अब कहीं से कुछ नहीं होने वाला, लेकिन एक बार फिर उन्हें बिहार आंदोलन में रोशनी दिखी और वह इसका अटूट हिस्सा बन गए।

    वही, 4 नवंबर 1974 को लोकनायक जयप्रकाश नारायण पर पटना में अर्ध सैनिक बलों ने लाठी चला दी। नानाजी देशमुख ने उस लाठी को अपनी बांह पर रोक लिया था। इस घटना से बिहार के आन्दोलनकारी काफी आहत थे। वही, फणीश्वरनाथ रेणु ने नौजवानों से खचाखच भरे गांधी मैदान में मंच पर पहुंचकर ने जेपी के सामने पद्मश्री को पापश्री कहकर लौटा दिया।

  • पुलिस ने मिनी गन फैक्ट्री का उद्भेदन कर भारी मात्रा में हथियार व गोली बरामद किया

    पुलिस ने मिनी गन फैक्ट्री का उद्भेदन कर भारी मात्रा में हथियार व गोली बरामद किया

    सहरसा,। लोकसभा चुनाव से पहले जिला पुलिस की सक्रियता के कारण बहुत बड़ी कामयाबी हासिल हुई है।

    पुलिस की कार्रवाई में जहां एक अवैध मिनी गन फैक्ट्री के साथ साथ गन बनाने की मशीन अर्द्ध निर्मित अवैध हथियार एवं भारी मात्रा में गोली बरामद किया। संचालक पिता पुत्र सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया।इस संबंध में गुरुवार को पुलिस अधीक्षक हिमांशु कुमार ने प्रेस वार्ता आयोजित कर मीडिया कर्मियों को जानकारी दी।

    उन्होंने कहा कि गुरुवार सुबह करीब 01:00 बजे में गुप्त सूचना प्राप्त हुई कि बनमा ईटहरी थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम लक्ष्मनियां नियाजी महदूम आलम के घर में एक अवैध मिनी गन संचालित हो रहा है। उक्त सूचना पर पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सिमरी बख्तियारपुर के नेतृत्व में मानवीय, वैज्ञानिक एवं तकनीकि सूचना के आधार पर त्वरीत कार्रवाई करते हुएमहबूब आलम पे कलीमउदीन, लक्षमिनियां, थाना बनमा ईटहरी जिला सहरसा के घर पर छापेमारी किया गया। जहां से 11 अवैध देशी आग्नेयास्त्र एंव 152 जिन्दा कारतूस एवं हथियार निर्माण व मरम्मती में प्रयुक्त की जाने वाले अन्य अवैध समाग्री उपकरण बराममद किया गया। पुलिस अधीक्षक ने टीम में शामिल सभी पुलिस पदाधिकारियों को बेहतर कार्य के लिए पुरस्कृत किये जाने की घोषणा कर हौसला अफजाई की।

  • मोतिहारी में लूट कांड के वांछित समेत एक नक्सली गिरफ्तार

    मोतिहारी में लूट कांड के वांछित समेत एक नक्सली गिरफ्तार

    पूर्वी चंपारण। लोकसभा चुनाव को लेकर पकड़ीदयाल डीएसपी सुबोध कुमार के नेतृत्व में चलाये गये अभियान के दौरान लूट कांड में वांछित एक अपराधी व एक वांछित नक्सली को अलग-अलग जगह से गिरफ्तार किया गया। पकड़े गये दोनो से पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत भेज दिया गया है।

    ते पकड़ीदयाल डीएसपी सुबोध कुमार ने बताया कि पुलिस अधीक्षक के निर्देश के अनुसार शराब कारोबारी,अपराधी एवं लंबित कांडों के वांछित अभियुक्त वारंटी की गिरफ्तारी के लिए की जा रही छापेमारी के दौरान गुप्त सूचना के आधार पर पकड़ीदयाल थाना क्षेत्र से दो लूट कांड में वांछित अभियुक्त टकलू सहनी उर्फ रितेश पिता सुखारी सहनी ग्राम- मझार थाना पकड़ीदयाल को गिरफ्तार किया गया है।साथ ही पताही थाना अध्यक्ष कैलाश कुमार के नेतृत्व में गुप्त सूचना के आधार पर पटखौलिया गांव निवासी कामेश्वर राम पिता स्वर्गीय रामचंद्र राम को गिरफ्तार किया गया है।

    गिरफ्तार आरोपी दो नक्सली कांड में वांछित अभियुक्त था जो फरार चल रहा था। गिरफ्तार अभियुक्त कामेश्वर राम पर पताही थाने में दो एवं मधुबन थाने में चार नक्सली मामले दर्ज है। उन्होंने बताया कि कामेश्वर राम का नक्सलियों से बेहतर संबंध रहा है पूर्व के दिनों में नक्सली गतिविधियों में इसकी भूमिका सामने आई थी। अन्य जिलों से भी इसके बारे में जानकारी मुहैया कराई जा रही है। छापेमारी अभियान में पुलिस निरीक्षक सह थाना अध्यक्ष शकुंतला कुमारी, पुलिस निरीक्षक सह थाना अध्यक्ष कैलाश कुमार, अजय कुमार सिंह, धनंजय कुमार ,अनीश कुमार सहित सैफ व बीएमपी के जवान शामिल थे।

  • प्रधानमंत्री मोदी चार अप्रैल को बिहार के जमुई में पहले चरण के चुनाव प्रचार का करेंगे शंखनाद

    प्रधानमंत्री मोदी चार अप्रैल को बिहार के जमुई में पहले चरण के चुनाव प्रचार का करेंगे शंखनाद

    पटना (बिहार)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चार अप्रैल को बिहार के जमुई जिले में आयेंगे। प्रधानमंत्री जमुई के खैरा प्रखंड अंतर्गत नरियाना पुल के समीप खाली भूखंड पर चुनावी सभा को संबोधित कर लोकसभा चुनाव के पहले चरण में एनडीए के जीत का शंखनाद करेंगे।

    भाजपा के जिलाध्यक्ष कन्हैया कुमार सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी निर्धारित कार्यक्रम के तहत एनडीए उम्मीदवार अरुण कुमार भारती के समर्थन में जमुई जिले के खैरा प्रखंड अंतर्गत नरियाना पुल के समीप खाली भूखंड पर चुनावी रैली को संबोधित करेंगे। चुनावी सभा के बाद वे अन्यत्र स्थान के लिए रवाना होंगे।

    उल्लेखनीय है कि एनडीए समर्थित लोजपा रामविलास के उम्मीदवार अरुण कुमार भारती का चुनावी मुकाबला महागठबंधन समर्थित राजद प्रत्याशी अर्चना कुमारी से है। पीएम मोदी अरुण कुमार भारती के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को लेकर जिला प्रशासन भी अलर्ट है।

  • बिहार इंटरमीडिएट का रिजल्ट जारी, सिवान के मृत्युंजय बने साइंस टॉपर

    बिहार इंटरमीडिएट का रिजल्ट जारी, सिवान के मृत्युंजय बने साइंस टॉपर

    पटना। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने शनिवार को 12वीं के नतीजे घोषित कर दिए। बीएसईबी के अध्यक्ष आनंद किशोर ने दोपहर 01:30 बजे रिजल्ट जारी किया। सीवान के रहने वाले मृत्युंजय कुमार 12वीं की परीक्षा में साइंस टॉपर बने हैं। मृत्युंजय कुमार को 481 नंबर मिले हैं। कॉमर्स में शेखपुरा की रहने वाली कॉलेज ऑफ कॉमर्स की स्टूडेंट प्रिया कुमारी हैं। इन्हें कुल 478 अंक हासिल हुए हैं। आर्ट्स में पटना के कॉमर्स कॉलेज के स्टूडेंट तुषार ने बाजी मारी है। तुषार कुमार को 482 अंक मिले हैं।

    12वीं के साइंस संकाय में छपरा की रहने वाली सिमरन गुप्ता सेकेंड टॉपर बनी हैं। सिमरन को 477 अंक मिले हैं। सीतामढ़ी के रहने वाले वरुण कुमार थर्ड साइंस टॉपर बने हैं। वरुण ने भी 477 अंक हासिल किए हैं। पटना के सौरव कुमार कॉमर्स के सेकेंड टॉपर बने हैं। सौरव को 470 अंक मिले हैं। पटना के ही गुलशन कुमार कॉमर्स के थर्ड टॉपर बने हैं, जिन्हें 469 अंक मिले हैं।

    आर्ट्स संकाय में पटना की रहने वाली निशी सिन्हा सेकेंड टॉपर बनी हैं। निशी ने 473 अंक हासिल किया है जबकि पटना की रहने वाली तनु कुमारी 472 अंक के साथ आर्ट्स की थर्ड टॉपर बनी हैं। इसके साथ साइंस टॉपर्स की लिस्ट में टॉप फाइव में जगह बनाने वालों में 11 छात्र-छात्राएं शामिल हैं जबकि आर्ट्स में टॉप फाइव में पांच छात्र-छात्राएं हैं। टॉप तीन में जगह बनाने वाले तीनों स्टूडेंट पटना के रहने वाले हैं। कॉमर्स संकाय में टॉप फाइव में आठ छात्र-छात्राओं ने बाजी मारी है।

  • बिहार के भोजपुर में बेकाबू ट्रक ने बाइक सवारों को रौंदा, चार की मौत, दो की हालत गंभीर

    बिहार के भोजपुर में बेकाबू ट्रक ने बाइक सवारों को रौंदा, चार की मौत, दो की हालत गंभीर

    पटना (बिहार),। राज्य के भोजपुर जिले में बेकाबू ट्रक ने शुक्रवार को बाइक सवार छह लोगों को रौंद दिया, जिसमें चार की मौत हो गई जबकि दो की हालत गंभीर बनी हुई है।

    पुलिस के मुताबिक भोजपुर जिले के बिहिया-बिहटा स्टेट हाइवे पर दो बाइक पर छह लोग सवार होकर जा रहे थे। इसी दौरान बेकाबू ट्रक ने दोनों बाइकों को टक्कर मार दी और रौंदते हुए आगे बढ़ गया। बाइक सड़क पर कई मीटर तक घिसटती रही। दुर्घटना में मौके पर ही दो लोगों ने दम तोड़ दिया जबकि अन्य दो की मौत इलाज के दौरान हुई। मृतकों में पिरों थाना क्षेत्र के धनौली नौआ गांव निवासी बीर कुंवर राम (40), उनकी बेटी शिवानी कुमारी (06), तरारी थाना क्षेत्र के तिरोजतिरोजपुर गांव निवासी अंटू कुमार (17 साल) और अभिषेक कुमार (18) हैं।

    पीरो के डीएसपी राहुल सिंह के अनुसार पहले दो बाइक के बीच टक्कर होने के बाद पीछे से ट्रक द्वारा कुचले जाने की बात सामने आ रही है। घटनास्थल पर पीरो थाना के अलावा सिकरहटा और इमादपुर थाना की पुलिस पहुंचकर सड़क जाम कर रहे लोगों को समझाने बुझाने में लगी हुई है। हादसा पूर्वाह्न साढ़े ग्यारह बजे के आसपास की है। डीएसपी ने बताया कि पुलिस हादसे की जांच-पड़ताल कर रही है।

  • मोतिहारी में 80 किलो चरस व एक किलो गांजा के साथ तीन तस्कर गिरफ्तार

    मोतिहारी में 80 किलो चरस व एक किलो गांजा के साथ तीन तस्कर गिरफ्तार

    पूर्वी चंपारण। जिला पुलिस टीम ने सुगौली थाना क्षेत्र में गुरुवार शाम मादक पदार्थों की तस्करी की योजना को नाकाम करते हुए तीन तस्करों को 80 किलो चरस के साथ गिरफ्तार किया है।

    इस संबंध में एसपी कांतेश कुमार मिश्रा ने बताया कि गुप्त सूचना के सत्यापन एवं कार्रवाई के लिए सहायक पुलिस अधीक्षक सदर के नेतृत्व में थानाध्यक्ष, सुगौली एवं जिला आसूचना इकाई दल ने नाकाबंदी कर सुगौली थानाक्षेत्र अंतर्गत अर्द्धनिर्मित टॉल प्लाजा के पास सघन वाहन चेकिंग अभियान चलाया। इसी दौरान जांच क्रम में दो मोटरसाईकिल पर सवार दो व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया। जिनके पास से करीब 15-15 किलो ग्राम चरस जैसा मादक पदार्थ बरामद किया गया।

    पूछताछ के क्रम में पकड़े गए व्यक्तियों की निशानदेही पर सुगौली थानाक्षेत्र के ग्राम छोटा बंगरा स्थित राज किशोर सिंह के दलान से 50 किलो ग्राम चरस जैसा मादक पदार्थ एवं 01 किलो ग्राम गांजा जैसा मादक पदार्थ बरामद कर राजकिशोर सिंह को गिरफ्तार किया गया।

    बरामद मादक पदार्थ के संबंध में पूछने पर बताया कि उक्त मादक पदार्थ को नेपाल के रास्ते लाकर अपने घर पर रखा था। इस संदर्भ में सुगौली थाना अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। गिरफ्तार तस्करों में बेतिया जिले के मझौलिया थाना क्षेत्र निवासी आलम मियां, ओम प्रकाश कुमार राम एवं सुगौली थाना क्षेत्र का राज किशोर सिंह शामिल है। जिसमें आलम मियां वर्ष 2023 में बेतिया जिला अंतर्गत मझौलिया थाना से मारपीट के मामले में जेल जा चुका है।

    छापामारी दल में सहायक पुलिस अधीक्षक शिखर चौधरी, सुगौली थानाध्यक्ष मुन्ना कुमार, तकनीकी शाखा के प्रभारी मनीष कुमार व सिपाही नित्यानंद दुबे सहित सुगौली थाना के सशस्त्र बल शामिल थे।

  • अपराधी-माफिया से घिरे रहे लालू प्रसाद, ईडी की कार्रवाई पर खेल रहे विक्टिम कार्ड: सुशील मोदी

    पटना। पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद हमेशा ऐसे लोगों से घिरे रहे, जिनके लिए अपराध, भ्रष्टाचार और माफियागिरी सामान्य व्यवहार है। राजद के लिए भ्रष्टाचार कोई मुद्दा नहीं है।

    मोदी ने बुधवार को यहां कहा कि विधायक शम्भू नाथ यादव, सुभाष यादव, अरुण यादव, राजबल्लभ यादव (पूर्व विधायक) जैसे लोगों को लालू प्रसाद संरक्षण देते रहे। जब इनके खिलाफ कार्रवाई हुई और ईडी के छापे पड़े तब विक्टिम कार्ड खेला जाने लगा। लालू परिवार भ्रष्टाचारियों को पीड़ित बता कर उनका राजनीतिक बचाव कर रहा है।

    मोदी ने कहा कि बालू-शराब माफिया के लोग राजद की पॉलिटिकल फंडिंग करते रहे और लालू परिवार के कालेधन को सफेद करने में भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने कहा जिस सुभाष यादव की कंपनी पर ईडी का छापा पड़ा, उसने राबड़ी देवी के तीन फ्लैट एक ही दिन खरीदे थे। क्या इस पर जांच एजेंसियों को पूछताछ नहीं करनी चाहिए? राजद की राजनीति हर तरह के अपराध को संरक्षण देती है।

  • बिहार में आकाशीय बिजली से अब तक दो लोगों की मौत

    बिहार में आकाशीय बिजली से अब तक दो लोगों की मौत

    पटना। बिहार के लगभग सभी जिलों में बीते 24 घंटे से कही हल्की तो कही भारी बारिश हो रही है। इसके साथ गरजन भी हो रही है।

    इस बीच अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है। बीते मंगलवार पटना में बारिश के दौरान आकाशीय की चपेट में आने से एयरपोर्ट के पास निर्माणाधीन बिल्डिंग के सुपरवाइजर की मौत हो गयी थी। वहीं बुधवार को बिहार के मुंगेर जिले में एक मजदूर की मौत आकाशीय बिजली की चपेट में आने से हो गयी है।

    मुंगेर में असरगंज थाना क्षेत्र के चोरगांव पंचायत स्थित पुरुषोत्तमपुर निवासी स्वर्गीय लुखो यादव के 28 वर्षीय पुत्र दिलीप कुमार की आकाशीय बिजली से मौत हो गई। ये हादसा उस वक्त हुआ, जब दिलीप अपनी छत पर सो रहा था। इसी दौरान गरज के साथ बारिश होने लगी। बारिश से बचने में लिए वो छत से नीचे जाने लगा। तभी वह आकाशीय बिजली की चपेट में आ गया और उसकी मौत हो गई।

    दिलीप हरियाणा में मजदूरी का काम करता था और 3 दिनों पूर्व ही अपने परिवार के साथ गांव आया था। घटना की सूचना मिलते ही असरगंज बीडीओ तान्या और थाना अध्यक्ष अमित प्रकाश कौशिक पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। तत्काल कबीर अंत्येष्टि के तहत मुखिया बॉबी देवी की ओर से 3 हजार रुपया दाह संस्कार के लिए दिया गया है। बीडीओ तान्या ने पीड़ित परिवार को सरकार की ओर से आपदा के तहत हर संभव मदद दिलाने का आश्वासन दिया है।

  • एसटीएफ ने दियारा का कुख्यात नक्सली मनोज सादा को धड़ दबोचा

    एसटीएफ ने दियारा का कुख्यात नक्सली मनोज सादा को धड़ दबोचा

    सहरसा। कोसी के दियारा क्षेत्र फरकिया के कुख्यात नक्सली मनोज सादा को एसटीएफ ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया।

    प्राप्त सूचना के मुताबिक एसटीएफ ने सलखुआ थाना क्षेत्र के फनगो हॉल्ट के समीप से गिरफ्तार कर चिड़ैया थाना पुलिस को सुपुर्द कर दिया। गिरफ्तार नक्सली मनोज सादा के खिलाफ सहरसा, खगड़िया जिले के विभिन्न थाना में करीब एक दर्जन मामला दर्ज है। कोसी दियारा फरकिया के कुख्यात रामानंद पहलवान को चिड़ैया थाना क्षेत्र में गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था। रामानंद यादव उर्फ पहलवान हत्याकांड में भी नक्सली शामिल था।

    रामानंद यादव हत्या के बाद कोसी दियारा में नक्सली मनोज सादा का अपराध की दुनिया पर राज करने लगा और तब से काफी सुर्खियों में आ गया। कोसी दियारा के कुख्यात नक्सली मनोज सादा ने कुख्यात रामानंद यादव उर्फ पहलवान की गोलियों से छलनी कर मौत के घाट उतार दिया था।

    रामानंद यादव की हत्या करने के बाद उसका दियारा इलाके में वर्चस्व कायम कर अपराध की कमान संभालने लगा। दियारा के दुरूह इलाके में रहकर दियारा क्षेत्र में अपराध को आगे बढ़ा रहा था। इस बाबत चिड़ैया थानाध्यक्ष कर्मवीर सिंह ने बताया कि फनगो हॉल्ट के समीप से नक्सली मनोज सादा की गिरफ्तारी की गई है।