Category: दिल्ली

  • एमसीडी को भंग करने की चेतावनी, कर्मचारियों के वेतन व बकाया भुगतान को लेकर हाई कोर्ट सख्त

    एमसीडी को भंग करने की चेतावनी, कर्मचारियों के वेतन व बकाया भुगतान को लेकर हाई कोर्ट सख्त

    नई दिल्ली,। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के कर्मचारियों का वेतन और बकाया भुगतान नहीं करने पर एक बार फिर चेतावनी दी है। कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि अगर वर्तमान और पूर्व कर्मचारियों के बकाया वेतन और पेंशन का भुगतान सातवें वेतन आयोग की अनुशंसाओं के मुताबिक नहीं किया जाएगा तो हम दिल्ली नगर निगम को भंग करने का आदेश दे सकते हैं। मामले की अगली सुनवाई 28 मार्च को होगी।

    हाई कोर्ट ने कहा कि हम दिल्ली नगर निगम से त्रस्त आ चुके हैं। दिल्ली नगर निगम के कोर्ट में काफी ज्यादा केस लंबित हैं। अगर आप स्थिति ठीक नहीं कर सकते तो नगर निगम के बिना एक नया सिस्टम बनाना पड़ेगा। हाई कोर्ट ने कहा कि कर्मचारियों के बकाए के लिए हमने पहले भी आपको काफी समय दिया है। अगर आप कर्मचारियों का वेतन नहीं दे सकते हैं तो हम दिल्ली नगर निगम को भंग कर सकते हैं। संविधान में इसका प्रावधान है।

    सुनवाई के दौरान जब केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और नगर निगम ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करना शुरू किया तो कोर्ट ने कहा कि नगर निगम कहता है कि वो बकाये का भुगतान नहीं करेगा, केंद्र सरकार करेगा। लेकिन ये तो नगर निगम के कर्मचारी हैं। ये वो लोग नहीं हैं जिन्हें आतंकियों ने फिरौती के लिए बंधक बना रखा है। ये आपकी संवैधानिक जिम्मेदारी है। कोर्ट ने केंद्र सरकार के वकील को दिल्ली नगर निगम कानून की धारा 490 के तहत कारण बताओ नोटिस जारी करने को कहा। धारा 490 के तहत दिल्ली नगर निगम को भंग करने का प्रावधान है। तब दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम ने इस मसले को सुलझाने के लिए समय देने की मांग की। जिसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई 28 मार्च तक टाल दी।

    इसके पहले 9 फरवरी को भी कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम से नाराजगी जताते हुए कहा था कि अगर वेतन का भुगतान नहीं किया जाएगा तो हम दिल्ली नगर निगम को बंद करने का आदेश दे सकते हैं। कोर्ट ने साफ किया था कि वो दिल्ली नगर निगम के संसाधनों की बढ़ोतरी का इंतजार नहीं करेगा। कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के मुताबिक वेतन देना दिल्ली नगर निगम की वैधानिक जवाबदेही है। अगर दिल्ली नगर निगम इस स्थिति में नहीं है कि वो वेतन का भुगतान कर सके तो उसे इसके नतीजे भुगतने होंगे।

    सुनवाई के दौरान दिल्ली नगर निगम की ओर से कहा गया था कि वो बकाया भुगतान की कोशिश कर रहा है। दिल्ली नगर निगम ने कहा था कि दिल्ली नगर निगम पर वेतन भुगतान का बकाया एक हजार करोड़ रुपये था जो घटकर चार सौ करोड़ रह गया है। दिल्ली नगर निगम के वकील की इस दलील पर गौर करते हुए हाई कोर्ट ने कहा था कि आप निगमायुक्त से कहिए कि कोर्ट कड़ी कार्रवाई करेगा। हम चार साल तक इंतजार नहीं करेंगे। आप चार हफ्ते में फैसला कीजिए।

    सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील सत्यकाम ने कहा था कि 24 जनवरी को दिल्ली सरकार ने दिल्ली नगर निगम के लिए 803 करोड़ रुपये स्वीकृत किया है जो नगर निगम को मिल चुके हैं।

    दरअसल, दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों के वेतन, पेंशन और बकाया भुगतान की मांग को लेकर कई याचिकाओं पर हाई कोर्ट सुनवाई कर रहा है।

  • लखनऊ के अकबरनगर में एलडीए की ध्वस्तीकरण कार्रवाई पर 4 मार्च तक ‘सुप्रीम’ रोक

    लखनऊ के अकबरनगर में एलडीए की ध्वस्तीकरण कार्रवाई पर 4 मार्च तक ‘सुप्रीम’ रोक

    नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ के अकबरनगर में लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) की ध्वस्तीकरण कार्रवाई पर 4 मार्च तक रोक लगा दी है। जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने एलडीए को फिलहाल कार्रवाई न करने का आदेश देते हुए बचे हुए कॉम्प्लेक्स को गिराने पर 4 मार्च तक का समय दिया, जिससे बचे हुए एक कॉम्प्लेक्स का सामान स्थानांतरित किया जा सके।

    दरअसल, लखनऊ के अकबरनगर में कमर्शियल प्लॉट के 24 मालिकों के अवैध निर्माण गिराए जाने पर रोक लगाने से इनकार करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। हालांकि अब एक ही कॉमर्शियल प्रॉपर्टी को गिराया जाना बाकी है। अकबरनगर इलाका लखनऊ के कुकरैल नदी के किनारे बसी एक अवैध बस्ती भी है, जहां 1068 से ज्यादा अवैध मकान और 50 से अधिक दुकानें बनी हुई हैं। उस बस्ती का मामला भी हाई कोर्ट में लंबित है। उत्तर प्रदेश सरकार कुकरैल नदी पर रिवर फ्रंट बनाना चाहती है, जिसके लिए एलडीए कार्रवाई कर रहा है।

  • अवमानना के मामले में दिल्ली बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष राजीव खोसला बरी

    अवमानना के मामले में दिल्ली बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष राजीव खोसला बरी

    नई दिल्ली,। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व डिस्ट्रिक्ट जज सुजाता कोहली की ओर से दायर अवमानना के मामले में दिल्ली बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष राजीव खोसला को बरी कर दिया है। जस्टिस सुरेश कैत की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया।

    कोर्ट ने कहा कि शिकायतकर्ता ने ऐसा कोई तथ्य नहीं दिया जिससे पता चले कि आरोपित के खिलाफ आपराधिक अवमानना का मामला बने। दरअसल शिकायतकर्ता सुजाता कोहली ने याचिका दायर कर राजीव खोसला के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मामला चलाने की मांग की थी। सुजाता कोहली ने कहा था कि जब तीस हजारी कोर्ट के चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दोषी करार देने की कार्यवाही चला रहे थे उस समय दो डिस्ट्रिक्ट जज भी मौजूद थे। इस पर हाई कोर्ट ने आश्चर्य जताते हुए कहा था कि ये असाधारण है कि न्यायिक कार्यवाही के दौरान कोई दूसरा न्यायिक अधिकारी भी वहां मौजूद हो। उसके बाद कोर्ट ने 27 नवंबर 2021 और 30 नवंबर 2021 की कोर्ट की हाईब्रिड और वीडियो कांफ्रेंसिंग की कार्यवाही की रिपोर्ट तलब की थी।

    सुजाता कोहली ने राजीव खोसला पर आरोप लगाया था कि उन्होंने न्याय प्रशासन में सीधे-सीधे हस्तक्षेप किया और कोर्ट को बदनाम करने की कोशिश की। याचिका में कहा गया था कि तीस हजारी कोर्ट में 27 नवंबर 2021 और 30 नवंबर 2021 को कई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं घटीं। 27 नवंबर 2021 को सुजाता कोहली जब वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई में जुड़ीं तो उन्होंने देखा कि पूरा कोर्ट रूम खचाखच भरा हुआ था। कोर्ट रूम में वकील नारे लगा रहे थे और जज पर आरोप लगा रहे थे कि उन्होंने याचिकाकर्ता के दबाव में राजीव खोसला को दोषी करार दिया।

    बतादें कि 30 नवंबर 2021 को तीस हजारी कोर्ट के चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गजेंद्र नागर ने राजीव खोसला पर चालीस हजार रुपये का मुआवजा लगाकर छोड़ने का आदेश दिया था। खोसला को अक्टूबर 2021 में भारतीय दंड संहिता की धारा 323 और धारा 506 के तहत दोषी करार दिया था। महिला वकील सुजाती कोहली बाद में जज बनीं और 2020 में रिटायर हुई थीं। राजीव खोसला पर आरोप था कि जुलाई 1994 में तीस हजारी कोर्ट के दिल्ली बार एसोसिएशन का सचिव रहते हुए कोहली को एक सेमिनार में भाग लेने को कहा था।

    शिकायत के मुताबिक जब कोहली ने इससे इनकार किया था तो खोसला ने धमकी दी कि उनकी बार में मिलने वाली सभी सुविधाएं बंद कर दी जाएंगी और उन्हें उनकी सीट से भी हटा दिया जाएगा। इसके लिए कोहली ने दीवानी याचिका भी दायर किया था। लेकिन कोहली का टेबल और कुर्सी अपनी जगह से हटा दिया गया था। शिकायत में कहा गया था जब कोहली अपनी पहले की सीट के बगल में बैठकर सिविल जज का इंतजार कर रही थी तो राजीव खोसला के साथ 40-50 वकील वहां पहुंचे। वहां राजीव खोसला ने उनके बाल पकड़कर खींचा और बांह मरोड़ते हुए गाली दी।

  • सीबीआई लालू परिवार से संबद्ध लैंड फॉर जॉब मामले में 10 दिन में पूरक चार्जशीट दाखिल करेगी

    सीबीआई लालू परिवार से संबद्ध लैंड फॉर जॉब मामले में 10 दिन में पूरक चार्जशीट दाखिल करेगी

    नई दिल्ली। सीबीआई लैंड फॉर जॉब मामले में दस दिन में पूरक चार्जशीट दाखिल कर देगी। सीबीआई ने यह सूचना राऊज एवेन्यू कोर्ट को दी है। इस पर स्पेशल जज विशाल गोगने ने मामले की अगली सुनवाई 14 मार्च को करने का आदेश दिया।

    आज सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील डीपी सिंह ने पूरक चार्जशीट दाखिल करने के लिए समय देने की मांग की। उन्होंने कहा कि सात से 10 दिन में पूरक चार्जशीट दाखिल हो जाएगी। सीबीआई की इस दलील को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 14 मार्च को करने का आदेश दिया। इसके पहले 30 जनवरी को भी सीबीआई ने पूरक चार्जशीट दाखिल करने के लिए समय मांगा था।

    राऊज एवेन्यू कोर्ट ने पिछले साल 20 दिसंबर को सीबीआई को निर्देश दिया था कि वो आरोपितों को चार्जशीट से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराए। इसके बाद कोर्ट ने 22 दिसंबर को इस मामले के आरोपित और बिहार के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को शासकीय कार्यों के लिए विदेश जाने की अनुमति दी। इससे पहले कोर्ट ने चार अक्टूबर को तेजस्वी यादव, लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी को जमानत प्रदान की थी। कोर्ट ने 22 सितंबर को सीबीआई की दूसरी चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। तीन जुलाई को सीबीआई ने पूरक चार्जशीट दाखिल की थी।

    अदालत ने पिछले साल 15 मार्च को लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती को जमानत दी थी। कोर्ट ने 27 फरवरी को इन तीनों व अन्य सभी आरोपितोंके खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। सीबीआई ने सात अक्टूबर, 2022 को रेलवे भर्ती घोटाला मामले में लालू, राबड़ी, मीसा भारती समेत 16 आरोपितों के खिलाफ राऊज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।

    लैंड फॉर जॉब घोटाला केस में सीबीआई ने भोला यादव और हृदयानंद चौधरी को गिरफ्तार किया था। भोला 2004 से 2009 तक लालू यादव के ओएसडी थे। यह घोटाला लालू यादव के रेलमंत्री रहने के दौरान का है। भोला को ही इस घोटाले का मास्टर माइंड माना जा रहा है। आरोप है कि लालू के रेलमंत्री रहते नौकरी के बदले जमीन देने के लिए कहा जाता था। नौकरी के बदले जमीन देने के काम को अंजाम देने का काम भोला यादव को सौंपा गया था।

    भोला यादव 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव में बहादुरपुर से विधायक चुने गए थे। सीबीआई ने मई के तीसरे सप्ताह में इस मामले में लालू यादव के परिजनों से जुड़े 17 ठिकानों पर छापा मारा था। यह छापे लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती के पटना, गोपालगंज और दिल्ली स्थित ठिकानों पर मारे गए थे।

  • भारतीय सेना में शामिल हुआ 46 मीटर का मॉड्यूलर पुल, बढ़ेगी ब्रिजिंग क्षमता

    भारतीय सेना में शामिल हुआ 46 मीटर का मॉड्यूलर पुल, बढ़ेगी ब्रिजिंग क्षमता

    – थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे की मौजूदगी में सेना को सौंपा गया

    – यह मॉड्यूलर पुल मीडियम गर्डर ब्रिज की तुलना में फायदेमंद होंगे

    नई दिल्ली। भारतीय सेना ने मंगलवार को 46 मीटर मॉड्यूलर ब्रिज को शामिल करके अपनी ब्रिजिंग क्षमता बढ़ाई है। इसे डीआरडीओ ने डिजाइन और विकसित एवं लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) ने निर्मित किया है। यह ब्रिजिंग सिस्टम औपचारिक रूप से नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे की मौजूदगी में सेना को सौंपा गया। यह मॉड्यूलर पुल मीडियम गर्डर ब्रिज (एमजीबी) की तुलना में कई गुना फायदेमंद होंगे।

    रक्षा मंत्रालय के अनुसार अगले चार वर्षों में 2,585 करोड़ रुपये मूल्य के कुल 41 सेट धीरे-धीरे सेना में शामिल किए जाएंगे। लॉन्च किया गया सिंगल-स्पैन पूरी तरह से डेक वाला 46-मीटर का असॉल्ट ब्रिज है, जो सेना को नहरों और खाइयों जैसी बाधाओं को आसानी से पार करने में सक्षम बनाता है। यह भारतीय सेना के इंजीनियरों की महत्वपूर्ण ब्रिजिंग क्षमता को बढ़ाएगा, क्योंकि ये पुल अत्यधिक गतिशील, मजबूत और त्वरित तैनाती के लिए डिजाइन किए गए हैं।

    मॉड्यूलर ब्रिज के प्रत्येक सेट में 8×8 हेवी मोबिलिटी वाहनों पर आधारित सात वाहक वाहन और 10×10 हेवी मोबिलिटी वाहनों पर आधारित दो लॉन्चर वाहन शामिल हैं। यह अत्यधिक मोबाइल, पहिएदार और ट्रैक किए गए मशीनीकृत वाहनों के साथ तालमेल रखने में सक्षम है। मॉड्यूलर पुल मैन्युअल रूप से लॉन्च किए गए मीडियम गर्डर ब्रिज (एमजीबी) की जगह लेंगे, जिनका उपयोग इस समय वर्तमान में भारतीय सेना में किया जा रहा है।

    मंत्रालय के अनुसार मॉड्यूलर ब्रिज का शामिल होना भारतीय सेना की ब्रिजिंग क्षमताओं को बढ़ाने में महत्वपूर्ण कदम है। यह उन्नत सैन्य उपकरणों को डिजाइन करने और विकसित करने में भारत के कौशल को उजागर करता है। यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ और रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए देश की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इन पुलों के शामिल होने से न केवल भारतीय सेना की परिचालन प्रभावशीलता बढ़ेगी, बल्कि रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भरता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता भी प्रदर्शित होगी।

    जनरल मनोज पांडे ने कोर ऑफ इंजीनियर्स के द्विवार्षिक सम्मेलन की अध्यक्षता की, जिसमें कोर के इंजीनियर-इन-चीफ और वरिष्ठ नेतृत्व ने भाग लिया। सम्मेलन में भविष्य के परिचालन वातावरण को ध्यान में रखते हुए इंजीनियरों की कोर में प्रौद्योगिकी के समावेश के साथ-साथ प्रशिक्षण, परिचालन तत्परता और मानव संसाधन प्रबंधन की समग्र समीक्षा करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

  • पतंजलि को सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का नोटिस, 3 सप्ताह तक दवाइयों का प्रचार नहीं करेगी कंपनी

    पतंजलि को सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का नोटिस, 3 सप्ताह तक दवाइयों का प्रचार नहीं करेगी कंपनी

    नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि द्वारा अपनी दवाइयों के भ्रामक प्रचार को लेकर अवमानना का नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब मांगा है। जस्टिस हीमा कोहली की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि इन तीन हफ्ते में पतंजलि अपनी दवाइयों का विज्ञापन नहीं करेगी।

    कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस बात का हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया कि उसने पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन के खिलाफ क्या कार्रवाई की। सुनवाई के दौरान इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से पेश वकील पीएस पटवालिया ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले आदेश में कहा था कि भ्रामक विज्ञापन हटाए लेकिन पतंजलि की ओर से आचार्य बालकृष्ण ने अगले ही दिन प्रेस कांफ्रेंस की। पटवालिया ने एक अंग्रेजी अखबार में पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन का जिक्र किया। पटवालिया ने कहा कि पतंजलि अपना व्यापारिक प्रोपेगंडा करे लेकिन इस तरह के भ्रामक विज्ञापन न दे। पटवालिया ने एक विज्ञापन पढ़ते हुए कहा कि योगा की मदद से हमने शुगर और अस्थमा को पूरी तरह ठीक किया।

    सुनवाई के दौरान जस्टिस हीमा कोहली ने कहा कि क्या आयुष मंत्रालय और एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया के बीच करार हुआ था, तब पटवालिया ने कहा कि हां। तब जस्टिस कोहली ने आयुष मंत्रालय का पक्ष पूछा। तब आयुष मंत्रालय की ओर से एएसजी केएम नटराज ने कहा कि ड्रग्स एंड मैजिक रिमेडीज एक्ट की धारा 8 के तहत हम कार्रवाई करते हैं लेकिन हम उसे लागू नहीं करा सकते। नटराज ने कहा कि अगर कोई उल्लंघन हुआ है तो पतंजलि को उसका जवाब देना होगा। तब जस्टिस कोहली ने पूछा कि आपने उन्हें क्या सलाह दी। आप राज्य सरकारों को कैसे सूचना देते हैं।

    जस्टिस अमानुल्लाह ने पूछा कि आपने विज्ञापनों को देखकर क्या किया, जिसमें सीधे-सीधे कानून का उल्लंघन दिख रहा है। पूरे देश को घुमाया जा रहा है। जब कानून कह रहा है कि ये उल्लंघन है तब भी आपने दो साल तक इंतजार किया। जस्टिस कोहली ने कहा कि विज्ञापन में पूरे तरीके से ठीक होने की बात कहना भ्रामक है।

    याचिका इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने दायर की है। याचिका में बाबा रामदेव के कोरोना वैक्सीन और एलोपैथिक दवाइयों को लेकर दिए गए बयान पर नियंत्रण लगाने का दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई है। आईएमए ने याचिका में कहा है कि आयुष कंपनियां भी अपने बयानों से आम जनता को भ्रमित कर रही हैं। वे कहती हैं कि डॉक्टर एलोपैथिक दवाइयां लेते हैं लेकिन उन्हें भी कोरोना ने अपना शिकार बनाया। आईएमए ने कहा है कि इस तरह की भ्रामक बयानबाजी पर रोक लगाने की जरूरत है।

    आईएमए ने अपनी याचिका में केंद्र सरकार, एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया (एएससीआई), सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (सीसीपीए) और पतंजलि आयुर्वेद के अलावा केंद्र सरकार और केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार मंत्रालय को ऐसे विज्ञापन और बयानों पर रोक लगाने का दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की।

    उल्लेखनीय है कि बाबा रामदेव के एलोपैथिक पर दिए गए बयानों के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में भी याचिका दायर की गई है। हाई कोर्ट सुनवाई के दौरान बाबा रामदेव के बयानों पर आपत्ति जता चुका है।

  • बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने के मामले में दलीलें पूरी

    बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने के मामले में दलीलें पूरी

    नई दिल्ली। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में मंगलवार को महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों के मामले में भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने के मामले में दलीलें पूरी कर ली गईं। एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत ने मामले की अगली सुनवाई 15 मार्च को करने का आदेश दिया।

    आज दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया कि अगर हम चाहते तो आरोपितों के खिलाफ छह अलग-अलग एफआईआर दर्ज कर सकते थे लेकिन इससे ट्रायल में देरी होती। इसका विरोध करते हुए बृजभूषण सिंह के वकील ने कहा कि अगर आरोपों में निरंतरता नहीं है तो अलग-अलग आरोपों में एक एफआईआर दर्ज नहीं हो सकती।

    पहले की सुनवाई के दौरान बृजभूषण सिंह की ओर से इस मामले में आरोप मुक्त करने की मांग की गई थी। बृजभूषण की ओर से पेश वकील ने कोर्ट से कहा था कि अपराध की सूचना देने में काफी देरी की गई। शिकायतकर्ता के बयानों में काफी विरोधाभास है। बृजभूषण की ओर से कहा गया कि विदेश में हुई घटना का क्षेत्राधिकार इस अदालत के पास नहीं है। बृजभूषण की ओर से पेश वकील ने कहा था कि विदेश में हुई घटना इस कोर्ट के क्षेत्राधिकार में नहीं आती है।

    शिकायतकर्ता की ओर से टोक्यो, मंगोलिया, बुल्गारिया, जकार्ता, कजाकिस्तान, तुर्की आदि में हुई घटना का क्षेत्राधिकार इस अदालत के पास नहीं है। उन्होंने कहा था कि देश के बाहर हुए अपराध के ट्रायल का क्षेत्राधिकार इस अदालत के पास नहीं है क्योंकि अपराध देश और उसके बाहर भी हुआ है। ऐसे में मुकदमा चलाने के लिए संबंधित अथॉरिटी से इजाजत लेना होता है।

    कोर्ट ने 20 जुलाई, 2023 को बृजभूषण सिंह और सह आरोपित विनोद तोमर को जमानत दी थी। दिल्ली पुलिस ने 15 जून, 2023 को राऊज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। कोर्ट ने 7 जुलाई, 2023 को दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। चार्जशीट में भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 354डी, 354ए और 506 (1) के तहत आरोप लगाए गए हैं।

  • सुप्रीम कोर्ट का एम्स को न्यूजक्लिक के संस्थापक पुरकायस्थ के स्वास्थ्य जांच का निर्देश

    सुप्रीम कोर्ट का एम्स को न्यूजक्लिक के संस्थापक पुरकायस्थ के स्वास्थ्य जांच का निर्देश

    नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एम्स को निर्देश दिया है कि वो न्यूज क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ के स्वास्थ्य की जांच करे। जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने एम्स को दो हफ्ते में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।

    कोर्ट ने एम्स को निर्देश दिया कि वो प्रबीर पुरकायस्थ के जेल के रिकॉर्ड और मेडिकल हिस्ट्री पर भी विचार करे। कोर्ट का ये निर्देश तब आया जब प्रबीर पुरकायस्थ की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि पुरकायस्थ की तबीयत काफी खराब है।

    22 जनवरी को न्यूज क्लिक के एचआर हेड अमित चक्रवर्ती ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका वापस ले ली थी। इस मामले में अमित चक्रवर्ती सरकारी गवाह बन चुके हैं। पटियाला हाउस कोर्ट अमित चक्रवर्ती को सरकारी गवाह बनने की अनुमति दे चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने 19 अक्टूबर 2023 को दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था। 13 अक्टूबर 2023 को दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि याचिका निराधार है। पुरकायस्थ और चक्रवर्ती को दिल्ली पुलिस ने 3 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था। दोनों को न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी खबर के आधार पर गिरफ्तार किया गया था।

    न्यूयॉर्क टाइम्स में खबर छपी थी कि न्यूज क्लिक को चीनी प्रोपेगंडा को बढ़ाने के लिए पैसे मिले हैं। खबर के मुताबिक अमेरिकी मिलियनेर नेविली रॉय सिंघम ने न्यूज क्लिक को चीनी प्रोपेगंडा बढ़ावा देने के लिए धन दिए। 3 अक्टूबर 2023 को इस मामले में कई पत्रकारों, यूट्यूबर्स और कार्टूनिस्ट के यहां छापा डाला गया था। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया था।

  • लोकसभा चुनाव के पहले ही हार मान चुका है विपक्ष, इसलिए मुझे दे रहा है गालियां : प्रधानमंत्री

    लोकसभा चुनाव के पहले ही हार मान चुका है विपक्ष, इसलिए मुझे दे रहा है गालियां : प्रधानमंत्री

    तिरुवनंतपुरम/नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि विपक्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में अपनी हार मान चुका है, इसलिए वह मुझे गालियां दे रहा है। उन्होंने दावा किया कि विपक्ष के पास देश की प्रगति के लिए कोई रोडमैप नहीं है।

    प्रधानमंत्री केरल के तिरुवनंतपुरम के सेंट्रल स्टेडियम में भाजपा की राज्य इकाई की पदयात्रा के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केरल आना और केरल के लोगों के प्यार और आशीर्वाद के बीच रहना हमेशा खुशी की बात है। उन्होंने केरल के मतदाताओं से 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को दोहरे अंकों में सीटों के साथ जीत का आशीर्वाद देने का आग्रह किया। केरल 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को दोहरे अंक में सीटें जीतने में सक्षम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने लोकप्रिय जनभावना को दोहराया कि एक बड़ा विश्वास है कि एनडीए 2024 में आगामी लोकसभा चुनावों में 400 सीटों के साथ उभरेगा।

    मोदी ने कहा कि केरल के लोग नकारात्मकता की राजनीति से नफरत करते हैं और भारत को बदलने के लिए भाजपा के एजेंडे में मदद करेंगे। भाजपा को जो समर्थन मिल रहा है, उससे पता चलता है कि भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव में 370 सीटों के साथ उभरने जा रही है।

    प्रधानमंत्री ने कांग्रेस, एलडीएफ और यूडीएफ पर जमकर निशाना साधा। मोदी ने कहा कि वे (कांग्रेस और वामपंथी) केरल में एक-दूसरे के दुश्मन हैं, हालांकि राज्य के बाहर वे बेस्ट फ्रेंड फॉरएवर (बीएफएफ) हैं। तिरुवनंतपुरम में उनकी एक अलग भाषा है और दिल्ली में एक अलग, केरल के लोग इस धोखाधड़ी का जवाब चुनाव में देंगे। उन्होंने कहा कि एलडीएफ और यूडीएफ का कुशासन सबके सामने है। केरल के लोग भाजपा को आशा की किरण के रूप में देखते हैं। एक तरफ जहां भाजपा सरकार केरल के लोगों को प्राथमिकता दे रही है, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस-कम्युनिस्ट गठबंधन का ट्रैक रिकॉर्ड परिवारवाद से घिरा हुआ है। कम्युनिस्ट और कांग्रेस दोनों ‘बेस्ट फ्रेंड्स फॉरएवर’ हैं। उन्होंने कहा, ‘जहां एक ओर केरल की पहचान पर्यटन और प्रतिभा से जुड़ी थी, वहीं कांग्रेस-कम्युनिस्ट के तहत यह भ्रष्टाचार और अराजकता बन गई है। जहां केरल अपनी व्यावसायिक संभावनाओं और निवेश के लिए जाना जाता था, वहां आज बेरोजगारी और उद्योगों की कमी है।

    देश के समग्र विकास पर प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा कभी भी किसी व्यक्ति को वोट-बैंक के नजरिए से नहीं देखती है और उसका लक्ष्य सभी को सशक्त बनाना है। यह केरल के लोगों के लिए भी यही मंत्र है क्योंकि भाजपा राज्य के विकास पर अत्यधिक ध्यान केंद्रित कर रही है, जिससे केरल के लोगों में आत्मविश्वास पैदा हो सके। मोदी ने दावा किया कि पिछले 10 वर्षों में केरल को अन्य भाजपा शासित राज्यों की तरह विकास से लाभ हुआ है।

    प्रधानमंत्री ने कहा कि मोदी 3.0 के दौरान भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरेगा। पिछले दशक में भारत में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। मोदी 3.0 भारत के सेमीकंडक्टर उद्योग और हरित हाइड्रोजन को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित होगा।

    केरल के विकास को प्राथमिकता देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के समर्थन की कमी के बावजूद केंद्र की भाजपा सरकार ने हमेशा केरल के विकास को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि इसके लिए केरल सहित पूरे भारत में भागीदारी को सक्षम करने के लिए स्थानीय माध्यम में विभिन्न परीक्षाएं आयोजित की गई हैं।

    प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भाजपा सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास और सबका विश्वास की भावना के साथ काम करती है। भाजपा का उद्देश्य सभी को सशक्त बनाना है। उन्होंने विश्वास जताया कि केरल के लोग आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा का समर्थन करेंगे।

  • संजय सिंह की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का ईडी को नोटिस

    संजय सिंह की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का ईडी को नोटिस

    नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए ईडी को नोटिस जारी किया। जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने नोटिस जारी किया।

    सुप्रीम कोर्ट ने सिंह की जमानत याचिका को उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका के साथ ही टैग करने का आदेश दिया है। संजय सिंह की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए। सिंह ने दिल्ली हाई कोर्ट के जमानत याचिका खारिज करने के आदेश को चुनौती दी है। सात फरवरी को दिल्ली हाई कोर्ट ने संजय सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

    ईडी ने सिंह की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि संजय सिंह के पास जांच से जुड़े कुछ गोपनीय दस्तावेज हैं जो कि सार्वजनिक नहीं हैं। चार अक्टूबर 2023 को छापे के दौरान संजय सिंह के आवास से कुछ ईडी के दफ्तर से खींचे गए फोटो मिले थे। ये फोटो गैरकानूनी तरीके से खींचे गए थे। संजय सिंह इस मामले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक हैं।

    इससे पहले हाई कोर्ट ने आठ जनवरी को ईडी को नोटिस जारी किया था। संजय सिंह ने ट्रायल कोर्ट की ओर से जमानत याचिका खारिज करने के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 22 दिसंबर 2023 को संजय सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया संजय सिंह मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीधे-सीधे या परोक्ष रूप से शामिल हो सकते हैं। कोर्ट ने कहा था कि जो तथ्य रिकॉर्ड पर रखे गए हैं, वह यह मानने के लिए पर्याप्त है कि संजय सिंह दोषी हैं।

    राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कहा था कि अगर एफआईआर में नाम नहीं है और अगर कोई आरोपित एफआईआर में नाम दर्ज होने के बावजूद अगर बरी भी हो जाता है तो उसे मनी लॉन्ड्रिंग कानून से छूट नहीं मिल सकती। कोर्ट ने कहा था कि संजय सिंह को उनके पीए रह चुके सर्वेश मिश्रा के जरिये सरकारी गवाह बन चुके दिनेश अरोड़ा ने दो करोड़ रुपये पहुंचाए। दिनेश अरोड़ा ने इस संबंध में 14 अगस्त को अपने बयान में इस बात की स्वीकारोक्ति की थी। इसके अलावा गवाह अल्फा (छद्म नाम) ने भी दिनेश अरोड़ा के बयान की पुष्टि की थी। उल्लेखनीय है कि ईडी ने संजय सिंह को चार अक्टूबर को उनके सरकारी आवास पर पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था।