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  • बड़ी गिरावट के बाद शेयर बाजार ने लगाई जोरदार छलांग, निफ्टी ने बनाया मजबूती का नया रिकॉर्ड

    बड़ी गिरावट के बाद शेयर बाजार ने लगाई जोरदार छलांग, निफ्टी ने बनाया मजबूती का नया रिकॉर्ड

    – इंट्रा-डे में सेंसेक्स में 1,175 अंक और निफ्टी में 377 अंक की तेजी

    नई दिल्ली। घरेलू शेयर बाजार ने आज आखिरी घंटे में हुई जोरदार खरीदारी के सपोर्ट से एक बार फिर मजबूती के साथ कारोबार का अंत किया। आज के कारोबार की शुरुआत मामूली बढ़त के साथ हुई थी लेकिन पहले सत्र के कारोबार में बाजार में लगातार बिकवाली का दबाव बना रहा। इसकी वजह से सेंसेक्स और निफ्टी दोनों सूचकांक गिर कर लाल निशान में आ गए लेकिन दिन के दूसरे सत्र में खरीदारों ने अपना जोर बनाया। इसकी वजह से इन दोनों सूचकांकों ने हरे निशान में वापसी करने के साथ ही शानदार बढ़त भी बना ली। इस खरीदारी के सपोर्ट से निफ्टी ने आज लगातार चौथे कारोबारी दिन ऑल टाइम हाई का नया रिकॉर्ड बनाया। पूरे दिन के कारोबार के बाद सेंसेक्स और निफ्टी 0.74 प्रतिशत की मजबूती के साथ बंद हुए।

    आज के कारोबार में ऑटोमोबाइल, आईटी और मेटल सेक्टर के शेयरों में जोरदार खरीदारी होती रही। इसके साथ ही कैपिटल गुड्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल, एफएमसीजी, हेल्थकेयर, ऑयल एंड गैस तथा पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज इंडेक्स भी बढ़त के साथ बंद होने में सफल रहे। दूसरी ओर, निफ्टी का बैंड इंडेक्स गिरावट के साथ बंद हुआ। ब्रॉडर मार्केट में भी आज लगातार खरीदारी होती रही, जिसके कारण बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 0.92 प्रतिशत की मजबूती के साथ बंद हुआ। इसी तरह स्मॉलकैप इंडेक्स ने 0.54 प्रतिशत की तेजी के साथ आज के कारोबार का अंत किया।

    आज बाजार में आई तेजी के कारण स्टॉक मार्केट के निवेशकों की संपत्ति में सवा तीन लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हो गई। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन आज के कारोबार के बाद बढ़ कर 392.13 लाख करोड़ रुपये (अस्थाई) हो गया। जबकि पिछले कारोबारी दिन यानी सोमवार को इनका मार्केट कैपिटलाइजेशन 388.87 लाख करोड़ रुपये था। इस तरह निवेशकों को आज के कारोबार से करीब 3.26 लाख करोड़ रुपये का फायदा हो गया।

    आज दिनभर के कारोबार में बीएसई में 3,933 शेयरों में एक्टिव ट्रेडिंग हुई। इनमें 2,077 शेयर बढ़त के साथ बंद हुए, जबकि 1,739 शेयरों में गिरावट का रुख रहा, वहीं 117 शेयर बिना किसी उतार चढ़ाव के बंद हुए। एनएसई में आज 2,145 शेयरों में एक्टिव ट्रेडिंग हुई। इनमें से 1,152 शेयर मुनाफा कमा कर हरे निशान में और 993 शेयर नुकसान उठा कर लाल निशान में बंद हुए। इसी तरह सेंसेक्स में शामिल 30 शेयरों में से 20 शेयर बढ़त के साथ और 10 शेयर गिरावट के साथ बंद हुए। जबकि निफ्टी में शामिल शेयरों में से 36 शेयर हरे निशान में और 14 शेयर लाल निशान में बंद हुए।

    बीएसई का सेंसेक्स आज 54.42 अंक की तेजी के साथ 72,677.51 अंक के स्तर पर खुला। कारोबार की शुरुआत होते ही बाजार में बिकवाली का दबाव बन गया, जिसकी वजह से इस सूचकांक में गिरावट आने लगी। लगातार हो रही बिकवाली के कारण ये सूचकांक 541.73 अंक टूट कर 72,081.36 अंक के स्तर तक लुढ़क गया लेकिन दिन के दूसरे सत्र में खरीदारों ने लिवाली का जोर बना दिया, जिसकी वजह से इस सूचकांक की चाल में सुधार होने लगा। कारोबार के आखिरी एक घंटे में बाजार में चौतरफा लिवाली शुरू हो गई, जिसकी वजह से ये सूचकांक निचले स्तर से 1,175.03 अंक उछल कर 633.30 अंक की मजबूती के साथ 73,256.39 अंक के स्तर तक पहुंच गया। हालांकि आखिरी दौर में इंट्रा-डे सेटलमेंट की वजह से हुई बिकवाली के कारण ये सूचकांक ऊपरी स्तर से करीब 100 अंक फिसल कर 535.15 अंक की बढ़त के साथ 73,158.24 अंक के स्तर पर बंद हुआ।

    सेंसेक्स की तरह ही एनएसई के निफ्टी ने आज 26.50 अंक की बढ़त के साथ 22,081.55 अंक के स्तर से कारोबार की शुरुआत की। बाजार खुलने के बाद बिकवाली का दबाव बनने की वजह से ये सूचकांक 179.80 अंक लुढ़क कर 21,875.25 अंक तक गिर गया लेकिन इसके बाद खरीदारों ने एक्टिव होकर लिवाली शुरू कर दी। इसके कारण आज का कारोबार खत्म होने के थोड़ी देर पहले ये सूचकांक निचले स्तर से 377.25 अंक मजबूत होकर 197.45 अंक की तेजी के साथ लगातार चौथे दिन ऑल टाइम हाई का नया रिकॉर्ड बनाते हुए 22,252.50 अंक तक पहुंच गया। हालांकि आखिरी वक्त में हुई बिकवाली के कारण ये सूचकांक इस स्तर पर कायम नहीं रह सका और ऊपरी स्तर से करीब 35 अंक लुढ़क कर 162.40 अंक की मजबूती के साथ 22,217.45 अंक के स्तर पर बंद हुआ।

    पूरे दिन के कारोबार के बाद स्टॉक मार्केट के दिग्गज शेयरों में से बजाज ऑटो 3.23 प्रतिशत, एचसीएल टेक्नोलॉजी 3.06 प्रतिशत, आयशर मोटर्स 3 प्रतिशत, कोल इंडिया 2.82 प्रतिशत और आईटीसी 2.75 प्रतिशत की मजबूती के साथ आज के टॉप 5 गेनर्स की सूची में शामिल हुए। दूसरी ओर इंडसइंड बैंक 1.85 प्रतिशत, एचडीएफसी बैंक 1.36 प्रतिशत, कोटक महिंद्रा 1.22 प्रतिशत, बीपीसीएल 1.15 प्रतिशत और हीरो मोटोकॉर्प 0.88 प्रतिशत की गिरावट के साथ आज के टॉप 5 लूजर्स की सूची में शामिल हुए।

    हिन्दुस्थान समाचार/योगिता/पवन

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  • आईपीएल के पहले दो हफ्तों के कार्यक्रम की घोषणा, 22 मार्च को पहले मैच में सीएसके का सामना आरसीबी से

    आईपीएल के पहले दो हफ्तों के कार्यक्रम की घोषणा, 22 मार्च को पहले मैच में सीएसके का सामना आरसीबी से

    पहले दो हफ्तों में 21 मैच, 10 शहरों में खेले जाएंगे

    शुरुआती दो हफ्तों में दिल्ली कैपिट्ल्स का घरेलू मैदान विजाग होगा

    नई दिल्ली,। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने गुरुवार को टाटा इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2024 के पहले दो हफ्तों के कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। आईपीएल के पहले दो हफ्तों की शुरुआत 22 मार्च से होगी और 7 अप्रैल, 2024 तक चलेगी। इस दौरान, 21 मैच, 10 शहरों में खेले जाएंगे, जिसमें प्रत्येक टीम न्यूनतम तीन और अधिकतम पांच मैच खेलेगी।

    बीसीसीआई की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 17वें सीज़न की शुरुआत 22 मार्च शुक्रवार को चेन्नई में गत चैंपियन और पांच बार की विजेता चेन्नई सुपर किंग्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के बीच मैच से होगी। पहले सप्ताहांत में दो डबल हेडर होंगे, जिसकी शुरुआत शनिवार दोपहर को पंजाब किंग्स द्वारा दिल्ली कैपिटल्स की मेजबानी से होगी, इसके बाद शाम को कोलकाता नाइट राइडर्स सनराइजर्स हैदराबाद की मेजबानी करेगा। रविवार दोपहर (24 मार्च) को लीग जयपुर में स्थानांतरित हो जाएगी, जहां घरेलू टीम राजस्थान रॉयल्स का सामना लखनऊ सुपर जायंट्स से होगा। रविवार शाम घरेलू टीम गुजरात टाइटंस की टीम, 2022 चैंपियन और पिछले सीज़न की फाइनलिस्ट पांच बार की विजेता मुंबई इंडियंस के सामने होगी।

    विशाखापत्तनम में अपने पहले दो घरेलू मैच खेलने का फैसला करने के बाद, दिल्ली कैपिटल्स की टीम पहले रविवार, 31 मार्च को चेन्नई सुपर किंग्स की मेजबानी करेगी और फिर बुधवार, 3 अप्रैल को उसी स्थान पर कोलकाता नाइट राइडर्स का सामना करेगी।

    पहले की तरह, बीसीसीआई भारत में आगामी लोकसभा चुनावों से संबंधित सभी आवश्यक प्रोटोकॉल और सलाह का पालन करते हुए सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर काम करेगा। एक बार 18वीं लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा हो जाने के बाद, बोर्ड पहले दो सप्ताह के कार्यक्रम से संबंधित किसी भी मुद्दे की समीक्षा करेगा और उसका समाधान करेगा। इसके बाद, बीसीसीआई मतदान की तारीखों को ध्यान में रखते हुए शेष सत्र के कार्यक्रम को अंतिम रूप देने के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर काम करेगा।

  • सीबीआई ने पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के परिसर सहित देश में 30 स्थानों पर की छापेमारी

    सीबीआई ने पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के परिसर सहित देश में 30 स्थानों पर की छापेमारी

    नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को किरू जलविद्युत परियोजना में कथित भ्रष्टाचार के मामले में जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के परिसर सहित देश भर में 30 स्थानों की तलाशी ली।

    सीबीआई ने देश के विभिन्न शहरों में 30 स्थानों पर छापेमारी के लिए 100 अधिकारियों के साथ सुबह अपना अभियान शुरू किया। सीबीआई प्रवक्ता के मुताबिक यह मामला किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (एचईपी) के 2,200 करोड़ रुपये के सिविल कार्यों के आवंटन में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित है।

    सत्यपाल मलिक 23 अगस्त, 2018 और 30 अक्टूबर, 2019 के बीच जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल थे। उस दौरान उन्होंने दावा किया था कि उन्हें परियोजना से संबंधित दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ की रिश्वत की पेशकश की गई थी।

  • पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर वापस लेने का जम्मू कश्मीर पीपल्स फोरम ने लिया संकल्प

    पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर वापस लेने का जम्मू कश्मीर पीपल्स फोरम ने लिया संकल्प

    नई दिल्ली। मीरपुर बलिदान भवन समिति और जम्मू कश्मीर पीपल्स फोरम, नई दिल्ली ने आज पीओके वापस लेने का “संकल्प दिवस” मनाया।

    कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित कार्यक्रम में उच्च न्यायालय जम्मू द्वारा 1947 में पीओजेके से विस्थापित 5300 परिवारों के पक्ष में दिए गए फैसले का स्वागत किया गया, जो वर्तमान में जम्मू-कश्मीर के बाहर बसे हुए हैं और उन्हें प्रधानमंत्री पुनर्वास विकास पैकेज, 2015 के अंतर्गत पैकेज में शामिल किया गया है।

    इस अवसर पर आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस को दिल्ली उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल (सेवानिवृत्त) भारत गुप्ता और सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति विद्याभूषण ने संबोधित किया। प्रेस कांफ्रेंस में 1947 में पीओजेके से विस्थापित परिवारों के सदस्यों ने विभाजन की व्यथा व कबायलियों द्वारा किये गए अत्याचारों के बारे में बताया।

    जम्मू कश्मीर पीपल्स फोरम द्वारा बताया गया कि 22 फरवरी, 1994 को भारतीय संसद ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर कहा कि भारत के लोगों की ओर से दृढ़ता से घोषणा की जाती है कि जम्मू और कश्मीर राज्य भारत का एकीकृत हिस्सा रहा है और रहेगा और अलग करने के किसी भी प्रयास का देश के बाकी हिस्सों से इसका हर तरह से विरोध किया जाएगा। आज हम पाकिस्तान को भारत सरकार के कड़े फैसले की याद दिलाने के लिए एकत्र हुए हैं।

    मीरपुर बलिदान भवन समिति और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स फोरम, 1947 में पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) से विस्थापित होकर वर्तमान में जम्मू और कश्मीर के बाहर रहने वाले 5300 परिवारों को प्रधानमंत्री राहत पैकेज 2015 के तहत 5.5 लाख रुपये पैकेज का लाभ दिए जाने के महत्वपूर्ण फैसले पर जम्मू और कश्मीर के उच्च न्यायालय का स्वागत करते हैं। उच्च न्यायालय ने उनके पक्ष में दर्जा और अधिकार देने का भी निर्देश दिया, जो पूर्ववर्ती जम्मू और कश्मीर राज्य में बसे 1947 के पीओजेके के 26319 परिवारों को प्राप्त था और उनका पैकेज लाभ जल्द 6 महीने के भीतर दिया जाना चाहिए।

    इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर पीपुल्स फोरम महिदर मेहता, डॉ. सुदेश रतन, मदन मोहन गुप्ता, श्याम सुन्दर गुप्ता विशेष रूप से उपस्थति रहे। उन्होंने 1947 के पीओजेके के विस्थापित परिवारों की और से जम्मू-कश्मीर के न्यायालय के प्रति आभार व्यक्त किया। इस दौरान भारत सरकार और जम्मू-कश्मीर सरकार से यथाशीघ्र अपेक्षित अधिसूचना जारी करने का भी आग्रह किया गया। विस्थापन के समय के वास्तविक पीड़ितों में अभी केवल 2 से 3 प्रतिशत व्यक्ति जीवित हैं, जिनकी आयु भी 80 वर्ष से अधिक हो गयी है, वर्तमान सरकार इस मामले में शीघ्र कार्यवाही करे तो जीवन के अंतिम समय में मान्यता मिलने से इन बुजुर्गों को संतोष होगा। कार्यक्रम के समापन पर पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर वापस लेने का जम्मू कश्मीर पीपल्स फोरम तथा मीरपुर बलिदान भवन समिति ने संकल्प लिया।

  • कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे को मिलेगी जेड प्लस सुरक्षा

    कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे को मिलेगी जेड प्लस सुरक्षा

    नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को जेड प्लस सुरक्षा प्रदान की जाएगी। केन्द्रीय एजेंसियों की ओर से खतरे का आकलन करने के बाद यह फैसला लिया गया है।

    सूत्रों के मुताबिक मल्लिकार्जुन खड़गे को अब सीआरपीएफ की ओर से दी जाने वाली देश की सबसे उच्च स्तर का सुरक्षा कवर दिया जाएगा। इसके बाद केवल एसपीजी की सुरक्षा का स्थान आता है, जिसे केवल प्रधानमंत्री को दिया जाता है।

    इस सुरक्षा कवर में सीआरपीएफ कमांडो के साथ 55 कर्मी शामिल हैं, जो चौबीस घंटे सुरक्षा देते हैं। इस कवर में एक बुलेटप्रूफ गाड़ी और तीन शिफ्ट में एस्कॉर्ट भी शामिल है।

  • सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने लॉन्च किए चार परिवर्तनकारी पोर्टल

    सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने लॉन्च किए चार परिवर्तनकारी पोर्टल

    -समाचार पत्रों, पत्रिकाओं के लिए पंजीकरण प्रक्रिया हुई सरल, ‘प्रेस सेवा पोर्टल’ का शुभारंभ

    नई दिल्ली। सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने गुरुवार को चार परिवर्तनकारी पोर्टल लॉन्च किए। इस पहल का उद्देश्य समाचार पत्र प्रकाशकों और टीवी चैनलों के लिए अधिक अनुकूल कारोबारी माहौल को बढ़ावा देकर व्यापार करने में आसानी सुनिश्चित करना, सरकारी संचार में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाना, प्रामाणिक सरकारी वीडियो तक आसान पहुंच प्रदान करना और स्थानीय केबल ऑपरेटरों (एलसीओ) का एक व्यापक डेटाबेस बनाना है। इसके साथ सरकार को भविष्य में केबल टेलीविजन क्षेत्र में नियामक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने में सक्षम बनाना है।

    इन पोर्टल सेवा में पत्रिकाओं एवं समाचार पत्रों के पंजीकरण में एक आदर्श बदलाव लाने के लिए प्रेस सेवा पोर्टल, पारदर्शी एम्पैनलमेंट मीडिया योजना और ई-बिलिंग प्रणाली, सरकारी वीडियो के लिए एकीकृत हब और एलसीओ के लिए राष्ट्रीय रजिस्टर शामिल है।

    इस अवसर पर अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत को निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य के रूप में देखा जाता है, जहां वैश्विक कंपनियां व्यवसाय स्थापित करने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने परिवर्तनकारी शासन और आर्थिक सुधारों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व का जिक्र करते हुए कहा कि इससे भारत में व्यापार करने में आसानी में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि इससे मौजूदा व्यवसायों और नए उद्यमियों दोनों से निवेश में वृद्धि हुई है। विशेष रूप से स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र फला-फूला है, जिसमें स्टार्टअप और यूनिकॉर्न की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

    व्यापार करने में आसानी में सुधार की दिशा में सरकार की उपलब्धियों की मान्यता के बारे में विस्तार से बताते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि इन्हें विश्व स्तर पर मान्यता मिली है, जैसा कि विश्व बैंक के व्यापार करने में आसानी सूचकांक और लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक जैसे अंतरराष्ट्रीय सूचकांकों में इसकी बेहतर रैंकिंग से पता चलता है। उन्होंने आगे कहा कि सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) जैसे प्लेटफार्मों की सफलता एमएसएमई और छोटे व्यवसायों के लिए समान अवसर बनाने के सरकार के प्रयासों को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व ने न केवल आर्थिक सुधारों पर ध्यान केंद्रित किया है बल्कि मानसिकता परिवर्तन को बढ़ावा देने, उद्यमियों को राष्ट्रीय विकास में भागीदार के रूप में मान्यता देने पर भी ध्यान केंद्रित किया है। इस दृष्टिकोण से धन सृजन, नौकरी के अवसर और उच्च आय में वृद्धि हुई है, जिससे देश के समग्र कल्याण और विकास को लाभ हुआ है।

    सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू ने अपने संबोधन में कहा कि इन पहलों से हमें मीडिया के साथ अपने जुड़ाव को सुव्यवस्थित करने और बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे न केवल पारदर्शिता और नवप्रवर्तन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि विभागों की कार्यप्रणाली में सुधार लाने में भी मदद मिलेगी।

  • ईडी ने केजरीवाल को सातवीं बार समन भेजा, सोमवार को पूछताछ के लिए बुलाया

    ईडी ने केजरीवाल को सातवीं बार समन भेजा, सोमवार को पूछताछ के लिए बुलाया

    नई दिल्ली, 22 फरवरी (हि.स.)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब घोटाले में सातवीं बार समन भेजा है। ईडी ने केजरीवाल को सोमवार को पूछताछ के लिए बुलाया है।

    ईडी मुख्यमंत्री को इससे पहले भी छह बार समन भेज चुकी है, लेकिन वह किसी न किसी वजह से ईडी के समक्ष पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए।

    उल्लेखनीय है कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने अरविंद केजरीवाल को पिछले साल 2 नवंबर, 21 दिसंबर और इस वर्ष 3 जनवरी, 18 जनवरी और 2 फरवरी को भी पूछताछ के लिए समन भेजा था। इस मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह अभी जेल में हैं।

  • केन्द्र सरकार चुनाव से पहले कांग्रेस को आर्थिक तौर पर पंगु बनाना चाहती है: कांग्रेस

    केन्द्र सरकार चुनाव से पहले कांग्रेस को आर्थिक तौर पर पंगु बनाना चाहती है: कांग्रेस

    नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार चुनाव से पहले पार्टी को आर्थिक तौर पर पंगु बनाना चाहती है। पार्टी का दावा है कि मोदी सरकार और आयकर अधिकारियों ने कांग्रेस के बैंक खातों से 65.8 करोड़ रुपए चोरी किए।

    कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने पार्टी महासचिवों जयराम रमेश और केसी वेणुगोपाल के साथ आज पत्रकार वार्ता कर कई गंभीर आरोप लगाये। पूरे मामले की जानकारी देते हुए माकन ने कहा कि कांग्रेस को 2018-19 में 142.83 करोड़ रुपये का चंदा मिला था। इसमें से सिर्फ 14.49 लाख रुपये हमारे विधायकों और सांसदों की एक महीने की सैलरी से मिले थे। 14 लाख रुपये कैश में आने की वजह से हमारे ऊपर 210 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगा दी गई।

    हमें 31 दिसंबर तक अपने खातों की जानकारी आयकर विभाग को देनी थी। हमने 2 फरवरी 2019 को यह जानकारी दी। ऐसे में सारे पैसे पर यह पेनल्टी लगाई गई। ऐसा आज तक कभी नहीं हुआ। मामले में 5 साल बाद सरकार और आयकर विभाग जागा है और वे भी तब जब चुनाव सिर पर हैं। ये कहां का न्याय है? ये कांग्रेस पार्टी को आर्थिक रूप से तोड़ने की कोशिश है ताकि हमलोग चुनाव न लड़ पाएं। अगर हमारे खाते फ्रीज हो जाएंगे तो हम चुनाव कैसे लड़ेंगे, प्रचार कैसे करेंगे?

    कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नोटबंदी कर दी गई थी। मोदी सरकार चाहती थी कि पार्टियां चुनाव न लड़ पाएं। ठीक उसी तरह 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी पार्टियों पर ‘कर हमला’ किया गया है। इसका एक ही मकसद है- कांग्रेस पार्टी को आर्थिक रूप से कमजोर कर दिया जाए और हम चुनाव न लड़ पाएं।

  • मनीष सिसोदिया की नियमित जमानत पर सुनवाई को लेकर फैसला दो मार्च को

    मनीष सिसोदिया की नियमित जमानत पर सुनवाई को लेकर फैसला दो मार्च को

    नई दिल्ली। दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में आरोपित और पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की नियमित जमानत पर ट्रायल कोर्ट सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका लंबित रहने के दौरान सुनवाई कर सकता है कि नहीं, इस पर राऊज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला टाल दिया है। स्पेशल जज एमके नागपाल ने इस मसले पर अब दो मार्च को फैसला सुनाने का आदेश दिया।

    दरअसल, पहले की सुनवाई के दौरान ईडी और सीबीआई ने कहा था कि जमानत याचिका पर एक साथ दो कोर्ट में सुनवाई कैसे हो सकती है। दोनों जांच एजेंसियों ने कहा कि मनीष सिसोदिया की सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका पर फैसले के खिलाफ क्यूरेटिव याचिका लंबित है। ऐसे में ट्रायल कोर्ट कैसे सुनवाई कर सकता है।

    सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी, 2023 को गिरफ्तार किया था। 25 नवंबर, 2022 को सीबीआई ने पहली चार्जशीट दाखिल की थी। कोर्ट ने 15 दिसंबर, 2022 को पहले चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। कोर्ट ने आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 7, 7ए और 8 के तहत आरोप तय किए थे। पहले चार्जशीट में कोर्ट ने जिन आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट पर संज्ञान लिया है, उनमें कुलदीप सिंह, नरेंद्र सिंह, विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली, अरुण रामचंद्र पिल्लै, मुत्थू गौतम और समीर महेंद्रू शामिल हैं। ईडी ने इस मामले में सिसोदिया को 9 मार्च, 2023 को पूछताछ के बाद तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। ईडी ने संजय सिंह को 4 अक्टूबर को उनके सरकारी आवास पर पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था।

  • हाई कोर्ट की सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ तरुण तेजपाल की याचिका पर पूर्व सैन्य अधिकारी को नोटिस

    हाई कोर्ट की सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ तरुण तेजपाल की याचिका पर पूर्व सैन्य अधिकारी को नोटिस

    नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट की डिवीजन ने तहलका के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल और अनिरुद्ध बहल की 2001 में सेना के एक पूर्व अधिकारी को बदनाम करने के मामले में सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सेना के पूर्व अधिकारी मेजर जनरल एमएस अहलूवालिया को नोटिस जारी किया है। कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने नोटिस जारी किया।

    सुनवाई के दौरान आज तेजपाल और बहल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि कोर्ट के पहले के आदेश के मुताबिक दोनों ने एक अंग्रेजी अखबार में बिना शर्त माफी मांगी थी। इसके अलावा दोनों ने दस-दस लाख रुपये जमा भी कर दिए हैं। सुनवाई के दौरान जनरल एमएस अहलूवालिया की ओर से कोई मौजूद नहीं था। तब कोर्ट ने कहा कि वो याचिकाकर्ताओं की याचिका मंजूर कर सकता है, अगर दूसरा पक्ष भी मौजूद हो। तब लूथरा ने कहा कि वो कोशिश करेंगे कि दूसरा पक्ष उपस्थित हो जाए लेकिन जनरल अहलूवालिया की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। उसके बाद कोर्ट ने अहलूवालिया को नोटिस जारी कर पेश होने का निर्देश दिया।

    12 जनवरी को तरुण तेजपाल और अनिरुद्ध बहल ने दिल्ली हाई कोर्ट से कहा था कि इस मामले में एक राष्ट्रीय अंग्रेजी दैनिक में बिना शर्त माफी मांगेंगे। दरअसल, हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने 21 जुलाई 2023 को सेना के पूर्व अधिकारी मेजर जनरल एमएस अहलूवालिया की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए तरुण तेजपाल और अनिरुद्ध बहल को आदेश दिया था कि वो मेजर जनरल अहलूवालिया को बदनाम करने की एवज में दो करोड़ रुपये का मुआवजा दें।

    सुनवाई के दौरान तरुण तेजपाल और अनिरुद्ध बहल ने हाई कोर्ट से कहा था कि वे दस-दस लाख रुपये हाई कोर्ट में जमा कराने को तैयार हैं। हाई कोर्ट ने कहा था कि दस-दस लाख रुपये की रकम दो हफ्ते में जमा कराएं। मार्च 2001 में तहलका में एक खबर चलाई थी कि अहलूवालिया ने नए रक्षा उपकरणों को आयात किए जाने वाली डील में एक भ्रष्ट बिचौलिये की भूमिका निभाई। सिंगल बेंच ने अपने फैसले में कहा था कि अहलूवालिया की छवि न केवल आम लोगों की नजर में खराब हुई बल्कि उन आरोपों से वे उबर नहीं पाए। सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ तेजपाल और बहल ने पुनर्विचार याचिका के रूप में चुनौती दी। सिंगल बेंच ने दोनों की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी।

    उल्लेखनीय है कि मेजर जनरल अहलूवालिया ने मानहानि याचिका में जी टेलीफिल्म लिमिटेड, इसके चेयरमैन सुभाष चंद्रा और पूर्व सीईओ संदीप गोयल को भी आरोपित बनाया था लेकिन कोर्ट ने उन्हें बरी करने का आदेश दिया।