Category: दिल्ली

  • सर्राफा बाजार में गिरावट जारी, शादी के सीजन में सस्ता हुआ सोना

    सर्राफा बाजार में गिरावट जारी, शादी के सीजन में सस्ता हुआ सोना

    – चांदी में भी 1,500 रुपये तक की कमजोरी

    नई दिल्ली। वैलेंटाइन डे और शादी का सीजन होने के बावजूद देश के सर्राफा बाजार में गिरावट का दौर लगातार जारी है। ज्यादातर सर्राफा बाजारों में आज सोने की कीमत में 600 से 800 रुपये प्रति 10 ग्राम तक की गिरावट दर्ज की गई, जिसकी वजह से देश के सभी प्रमुख सर्राफा बाजारों में 24 कैरेट सोने का भाव आज 62 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब पहुंच गया। इसी तरह 22 कैरेट सोना भी आज गिरकर 57 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब पहुंच कर कारोबार करता रहा। सोना की तरह ही चांदी के भाव में भी आज बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। ज्यादातर सर्राफा बाजारों में चांदी में आज 1,200 से 1,500 रुपये प्रति किलोग्राम तक की कमजोरी आई है। इस गिरावट के कारण आज दिल्ली के सर्राफा बाजार में चांदी 74,000 रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत पर बिक रहा है।

    देश की राजधानी दिल्ली में 24 कैरेट सोना आज 62,310 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर कारोबार कर रहा है जबकि 22 कैरेट सोने की कीमत 57,150 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई। इसी तरह मुंबई में 24 कैरेट सोना 62,180 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना 57,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बिक रहा है। चेन्नई में 24 कैरेट सोने की रिटेल कीमत 62,730 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोने की कीमत 57,500 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई है। इन प्रमुख शहरों के अलावा अहमदाबाद में 24 कैरेट सोना आज 62,210 रुपये प्रति 10 ग्राम की कीमत पर और 22 कैरेट सोना 57,050 रुपये प्रति 10 ग्राम की कीमत पर बिक रहा है। इसी तरह कोलकाता में 24 कैरेट सोना 62,180 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना 57,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंचा हुआ है।

    लखनऊ के सर्राफा बाजार में 24 कैरेट सोना आज 62,310 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर और 22 कैरेट सोना 57,150 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बिक रहा है। पटना में 24 कैरेट सोने की कीमत 62,210 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है जबकि 22 कैरेट सोना 57,050 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बिक रहा है। इसी तरह जयपुर में 24 कैरेट सोना 62,310 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना 57,150 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बिक रहा है।

    देश के अन्य राज्यों की तरह कर्नाटक, तेलंगाना और ओडिशा के सर्राफा बाजार में भी सोने की कीमत में कमजोरी दर्ज की गई है। इन तीनों राज्यों की राजधानियों बेंगलुरु, हैदराबाद और भुवनेश्वर में 24 कैरेट सोना आज 62,180 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इन तीनों शहरों के सर्राफा बाजारों में 22 कैरेट सोना 57,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बिक रहा है।

  • संदेशखाली में हिन्दू महिलाओं पर अत्याचार को लेकर भाजपा ने ममता बनर्जी से मांगा इस्तीफा

    संदेशखाली में हिन्दू महिलाओं पर अत्याचार को लेकर भाजपा ने ममता बनर्जी से मांगा इस्तीफा

    नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में संदेशखाली में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार पर भारतीय जनता पार्टी ने ममता बनर्जी सरकार को घेरते हुए कई सवाल दागे। भाजपा ने ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के गुंडे महिलाओं के खिलाफ अत्याचार कर रहे हैं, जनजाति समाज से आने वाली महिलाओं की जमीनें छीनी जा रही हैं लेकिन वे कोई कदम नहीं उठा रही हैं। इस अराजकता और गुंडा राज को रोकने में नाकाम मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए।

    बुधवार को भाजपा मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में गौरव भाटिया ने कहा कि एक तरफ केन्द्र सरकार महिलाओं को सुरक्षा देने और उनके सशक्तीकरण के लिए कई कदम उठा रही है। पश्चिम बंगाल में महिलाएं असुरक्षित हैं। संदेशखाली की महिलाओं के साथ जो कुछ घट रहा है, उसके लिए ममता बनर्जी जिम्मेदार हैं। उन्होंने ममता बनर्जी से सवाल पूछा कि उन्हें हिन्दुओं से इतनी नफरत क्यों है? जनजाति समाज से इतनी नफरत क्यों है? टीएमसी के गुंडे महिलाओं का शोषण कर रहे हैं और आप चुप क्यों है?

    गौरव भाटिया ने कहा कि यह लड़ाई हर उस महिला की है, जिसने किसी भी पार्टी के लिए वोट क्यों न किया हो लेकिन उन्होंने संविधान में आस्था रखी। प्रदेश की सरकार को ठोस कार्रवाई करनी चाहिए। भाजपा अपनी पूरी ताकत से यह लड़ाई लड़ेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश की सरकार हर उस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, जो महिलाओं की मदद कर रहा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को भी पुलिस हिरासत में ले लिया गया। पीड़ित परिवार से मिलने गईं राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्यों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जनता सब देख रही है।

  • यासिन मलिक को फांसी की सजा पर दिल्ली हाई कोर्ट मई में करेगा सुनवाई

    यासिन मलिक को फांसी की सजा पर दिल्ली हाई कोर्ट मई में करेगा सुनवाई

    नई दिल्ली, 14 फरवरी (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट ने हत्या और टेरर फंडिंग के मामले में दोषी करार दिए गए यासिन मलिक को फांसी की सजा पर सुनवाई टाल दी। हाई कोर्ट ने इस याचिका पर अगली सुनवाई मई में करने का आदेश दिया।

    दरअसल, इस मामले की सुनवाई करने वाली बेंच आज सुनवाई के लिए उपलब्ध नहीं थी, जिसकी वजह से सुनवाई टली है। हाई कोर्ट ने एनआईए की याचिका पर सुनवाई करते हुए 29 मई, 2023 को यासिन मलिक को नोटिस जारी किया था। सुनवाई के दौरान एनआईए की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने यासिन मलिक के ऊपर लगे आरोपों को सही पाया था। उन्होंने कहा था कि यह अजीब है कि कोई भी देश की अखंडता को तोड़ने की कोशिश करे और बाद में कहे कि मैं अपनी गलती मानता हूं और ट्रायल का सामना न करे। यह कानूनी रूप से सही नहीं है। एनआईए के पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि मलिक ने कश्मीर के माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की।

    पटियाला हाउस कोर्ट ने 25 मई, 2022 को हत्या और टेरर फंडिंग के मामले में दोषी करार दिए गए यासिन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। पटियाला हाउस कोर्ट ने यासिन मलिक पर यूएपीए की धारा 17 के तहत उम्रकैद और दस लाख रुपये का जुर्माना, धारा 18 के तहत दस साल की कैद और दस हजार रुपये का जुर्माना, धारा 20 के तहत दस वर्ष की सजा और 10 हजार रुपये का जुर्माना, धारा 38 और 39 के तहत पांच साल की सजा और पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। कोर्ट ने यासिन मलिक पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी के तहत दस वर्ष की सजा और दस हजार रुपये का जुर्माना, धारा 121ए के तहत दस साल की सजा और दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। कोर्ट ने कहा था कि यासिन मलिक को मिली ये सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। इसका मतलब की अधिकतम उम्रकैद की सजा और दस लाख रुपये की सजा प्रभावी होगी।

    एनआईए के मुताबिक हाफिद सईद ने हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के साथ मिलकर हवाला और दूसरे चैनलों के जरिये आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन का लेन-देन किया। इस धन का उपयोग वे घाटी में अशांति फैलाने, सुरक्षा बलों पर हमला करने, स्कूलों को जलाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम किया। इसकी सूचना गृह मंत्रालय को मिलने के बाद एनआईए ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121, 121ए और यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18, 20, 38, 39 और 40 के तहत केस दर्ज किया था।

  • दिल्ली के अस्पतालों में सुविधा व इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी, हाई कोर्ट ने 7 विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमेटी बनाई

    दिल्ली के अस्पतालों में सुविधा व इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी, हाई कोर्ट ने 7 विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमेटी बनाई

    नई दिल्ली,। दिल्ली के अस्पतालों में सुविधा और इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी से जुड़े मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने सात विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमेटी का गठन किया है। हाई कोर्ट के कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया।

    हाई कोर्ट ने इस कमेटी में जिन विशेषज्ञों को शामिल किया है उनमें डॉ. एसके सरीन, डॉ. दीपक, डॉ. एस रामजी, डॉ. उर्मिल झांब, डॉ. बीएस शेरवाल, डॉ. आरएस रौतेला और डॉ. विकास डोगिया शामिल हैं। हाई कोर्ट ने इस कमेटी को दिल्ली के अस्पतालों में इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थिति को बेहतर करने के उपायों पर सुझाव देने का निर्देश दिया। कमेटी अस्पतालों में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों, बिना किसी रुकावट के अस्पतालों में दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने, टेक्निकल-नॉन टेक्निकल डिपार्टमेंट में भर्ती के लिए सुझाव देगी। कमेटी बेड की उपलब्धता को लेकर रियल टाइम जानकारी उपलब्ध कराने समेत अन्य मुद्दों पर सुझाव देगी। हाई कोर्ट ने कमेटी को चार हफ्ते में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।

    उल्लेखनीय है कि पिछली सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों को मिलाकर केवल छह सीटी स्कैन मशीनों की उपलब्धता पर कड़ी आपत्ति जताई थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की जरूरत है और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सभी पदों पर नियुक्ति जरूरी है।

    हाई कोर्ट ने 8 फरवरी को कहा था कि दिल्ली में लोगों की जान इसलिए जा रही है कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों को अटेंड करने वाला कोई नहीं होता। ऐसा इसलिए है, क्योंकि सुविधाएं और स्टाफ नहीं हैं। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज की ओर से दाखिल स्टेटस रिपोर्ट पर गौर करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में स्वास्थ्य क्षेत्र में काफी कमियां हैं। डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ और दवाइयों की कमी है।

    दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील संतोष त्रिपाठी ने कहा कि दिल्ली के वर्तमान अस्पतालों में डॉक्टरों के स्वीकृत पदों में से करीब 33 फीसदी से ज्यादा पद खाली हैं। पैरामेडिकल के स्वीकृत पदों में से 20 फीसदी पद खाली हैं। इसकी वजह से इंफ्रास्ट्रक्चर का पूरा-पूरा इस्तेमाल नहीं हो पाता है।

    सौरभ भारद्वाज की स्टेटस रिपोर्ट में कहा गया था कि उन्होंने दिल्ली के उप-राज्यपाल को 2 जनवरी को पत्र लिखकर डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती के लिए यूपीएससी को निर्देशित कर नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाने का अनुरोध किया था।

    दरअसल, 2017 में हाई कोर्ट ने दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में आईसीयू बेड की उपलब्धता और वेंटिलेटर की सुविधा पर स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू की थी।

  • सीबीआई ने एमसीडी के मलेरिया इंस्पेक्टर सहित दो लोगों को रंगे हाथों किया गिरफ्तार

    सीबीआई ने एमसीडी के मलेरिया इंस्पेक्टर सहित दो लोगों को रंगे हाथों किया गिरफ्तार

    नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली नगर निगम ( एमसीडी) पश्चिमी क्षेत्र राजा गार्डन के मलेरिया इंस्पेक्टर मुकेश और एक पूर्व-संविदा कर्मचारी रोहित को 10,000 रुपये रिश्वत लेने के आरोप में रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।

    शिकायतकर्ता की शिकायत पर पूर्व-संविदा कर्मचारी रोहित के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। सीबीआई के मुताबिक आरोपित के खिलाफ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में भी शिकायत दर्ज है।

    आरोपित (पूर्व संविदा कर्मचारी) ने शिकायत को बंद करने और आगे कानूनी कार्रवाई न करने के लिए शिकायतकर्ता से 10,000 रु. रुपये की रिश्वत की मांग की थी। इसे सीबीआई ने रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया। कार्यवाही के दौरान पूर्व संविदा कर्मचारी ने खुलासा किया कि एमसीडी मलेरिया इंस्पेक्टर ने उससे रिश्वत की मांग की थी।

    इसके बाद सीबीआई ने पश्चिमी क्षेत्र राजा गार्डन के मलेरिया इंस्पेक्टर को पूर्व संविदा कर्मचारी से रिश्वत लेते हुए इस रकम के साथ गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई मामले की गहनता से जांच कर रही है। इस क्रम में आरोपितों के परिसरों की तलाशी ली जा रही है।

  • प्रधानमंत्री ने आईआईटी दिल्ली-अबू धाबी कैंपस के छात्रों के पहले बैच के साथ बातचीत की

    प्रधानमंत्री ने आईआईटी दिल्ली-अबू धाबी कैंपस के छात्रों के पहले बैच के साथ बातचीत की

    नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की यात्रा के दौरान वहां आईआईटी दिल्ली-अबू धाबी कैंपस के छात्रों के पहले बैच के साथ बातचीत की। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह न केवल भारत और यूएई के बीच द्विपक्षीय सहयोग में एक नया अध्याय शुरू करता है बल्कि दोनों देशों के युवाओं को एक साथ लाता है।

    विदेश मंत्रालय के अनुसार यूएई में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली के एक कैंपस के उद्घाटन की कल्पना फरवरी 2022 में दोनों देशों के नेतृत्व द्वारा की गई थी। यह परियोजना आईआईटी-दिल्ली और अबू धाबी शिक्षा और ज्ञान विभाग (एडीईके) के बीच एक संयुक्त सहयोग है। इसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर छात्रों को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करना है। यह अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकी, अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच साझेदारी को भी बढ़ावा देगा। पहला शैक्षणिक कार्यक्रम – ऊर्जा संक्रमण और स्थिरता में परास्नातक – इस जनवरी में शुरू हुआ।

  • एनआईए की विशेष अदालत ने चार माओवादियों को उम्रकैद की सजा सुनाई

    एनआईए की विशेष अदालत ने चार माओवादियों को उम्रकैद की सजा सुनाई

    नई दिल्ली । राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) छत्तीसगढ़ की एक विशेष अदालत ने 2014 में राज्य में घात लगाकर किए गए हमले में शामिल प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) के चार सदस्यों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ( सीआरपीएफ) के 11 और चार पुलिस कर्मियों सहित 16 लोग मारे गए थे। एनआईए के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को बताया कि इस मामले में जगदलपुर की अदालत ने राज्य के बस्तर और सुकमा जिलों के महादेव नाग, कवासी जोगा, दयाराम बघेल और मनीराम माड़िया को दोषी ठहराया।

    एनआईए के एक अधिकारी के मुताबिक ये माओवादी वरिष्ठ सीपीआई (माओवादी) नेताओं की देखरेख और निर्देशों के तहत काम करने वाले एक “गैरकानूनी संघ” के सदस्य थे। मार्च 2014 में सुकमा जिले के तहकवाड़ा इलाके में 100 सशस्त्र माओवादियों ने एक संयुक्त सड़क उद्घाटन दल पर घात लगाकर हमला किया था, जिसमें 11 सीआरपीएफ कर्मी, चार राज्य पुलिस कर्मी और एक नागरिक की मौत हो गई थी।

    एनआईए के मुताबिक जांच से पता चला है कि आरोपितों ने हमले के लिए “जन मिलिशिया”, स्थानीय ग्रामीणों और “संगम” सदस्यों को भी संगठित किया था। उन्होंने प्रतिबंधित संगठन के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर घात लगाकर किए गए हमले का नेतृत्व किया। इस दौरान आईईडी विस्फोट किया और सुरक्षा कर्मियों पर गोलीबारी की। हमलावरों ने सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर दी और उनके हथियार लूट लिये।

    यह मामला तोंगपाल पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता, शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत दर्ज किया गया था। एनआईए ने 28 मार्च, 2014 को मामले को दोबारा दर्ज करने के बाद इसकी जांच अपने हाथ में ले ली थी और 18 अगस्त, 2015 को 11 आरोपितों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था।

  • दिल्ली हिंसा : मेरठ जेल में बंद बाबू वसीम के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट, अगली सुनवाई 7 मार्च को

    दिल्ली हिंसा : मेरठ जेल में बंद बाबू वसीम के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट, अगली सुनवाई 7 मार्च को

    नई दिल्ली। कड़कड़डूमा कोर्ट में मंगलवार को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के मौजपुर इलाके में फरवरी, 2020 में हुई हिंसा मामले की सुनवाई हुई। आज इस मामले के गवाह और दिल्ली पुलिस के एएसआई दीपक दहिया का क्रास-एग्जामिनेशन होना था लेकिन किसान आंदोलन की वजह से ड्यूटी पर लगाये जाने की वजह से वो कोर्ट नहीं आ सके। इस मामले में मेरठ जेल में बंद बाबू वसीम भी पेश नहीं हुआ, जिसके बाद कोर्ट ने बाबू वसीम के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया।

    एडिशनल सेशंस जज समीर बाजपेयी ने हिंसा के दौरान पुलिसकर्मी पर रिवॉल्वर तानने वाले शाहरुख पठान समेत पांच आरोपितों के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई करते हुए इस मामले के सह आरोपित और मेरठ जेल में बंद बाबू वसीम के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया है। कोर्ट ने अगली सुनवाई 7 मार्च को करने का आदेश दिया।

    दिल्ली हिंसा के दौरान शाहरुख का हेड कांस्टेबल दीपक दहिया पर रिवॉल्वर तानने वाला फोटो काफी वायरल हुआ था। फरवरी, 2020 में हुई हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और दो सौ के करीब लोग घायल हुए थे। इसके बाद शाहरुख को उत्तर प्रदेश के शामली से 3 मार्च, 2020 को गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस ने उसका रिवॉल्वर उसके घर से बरामद किया था। पुलिस ने उसके घर से तीन कारतूस और मोबाइल फोन भी बरामद किए थे। कोर्ट ने 24 दिसंबर, 2021 को आरोपितों के खिलाफ हत्या की कोशिश, दंगा फैलाने और गैरकानूनी भीड़ का हिस्सा होने से संबंधित धाराओं के तहत आरोप तय किये थे।

  • मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति मामले में संशोधन पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

    मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति मामले में संशोधन पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

    नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के मामले में किए गए संशोधन पर रोक लगाने से फिर इनकार किया है। जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने नई याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी करते हुए कहा कि इस तरह कानून पर रोक लगा नहीं सकते।

    कोर्ट ने इस मामले को पहले से सुनवाई के लिए लंबित मामलों के साथ टैग कर दिया। आज मामले पर सुनवाई के दौरान एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि नए कानून पर रोक लगाई जानी चाहिए। भूषण का कहना था कि एक चुनाव आयुक्त जल्द ही रिटायर होने वाले हैं और उनकी जगह नई नियुक्ति की जानी है। अगर कानून पर रोक नहीं लगाई गई तो याचिका निष्प्रभावी हो जाएगी। हालांकि कोर्ट ने उनकी इस दलील को मंजूर नहीं किया।

    इसके पहले सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले कुछ वकीलों ने याचिका दायर की है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार की ओर से लाए गए नए कानून को चुनौती देते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्तियों में देश के चीफ जस्टिस को भी पैनल में शामिल करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि चुनाव में पारदर्शिता लाने के मद्देनजर मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति करने वाले पैनल में चीफ जस्टिस को भी शामिल किया जाना जरूरी है।

    दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने 02 मार्च 2023 में अपने एक फैसले में कहा था कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति करने वाले पैनल में चीफ जस्टिस को भी शामिल किया जाएगा। जिसके बाद केंद्र सरकार द्वारा इस फैसले पर एक नया कानून बनाकर नियुक्ति प्रक्रिया में चीफ जस्टिस की बजाय सरकार का एक कैबिनेट मंत्री शामिल कर दिया गया।

  • भारत और यूएई के संबंध अभूतपूर्व ऊंचाईयों पर : प्रधानमंत्री

    भारत और यूएई के संबंध अभूतपूर्व ऊंचाईयों पर : प्रधानमंत्री

    नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत और यूएई के संबंध 21वीं सदी के तीसरे दशक में अभूतपूर्व ऊंचाई पर पहुंच गए हैं। दोनों देश एक दूसरे की प्रगति के भागीदार हैं। हमारा संबंध योग्यता, नवाचार और संस्कृति का है।

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को अबू धाबी के शेख जायद स्टेडियम में ‘अहलान मोदी’ कार्यक्रम में भारतीय समुदाय को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान प्रधानमंत्री ने भारत और यूएई संबंधों और उसमें भारतीय समुदाय की भूमिका को रेखांकित किया। साथ ही दोनों देशों के संबंधों की मजबूती में यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की भूमिका की सराहना की।

    उन्होंने कहा, “भारत और यूएई वक्त की कलम से दुनिया की किताब पर एक बेहतर भाग्य का हिसाब लिख रहे हैं। भारत और यूएई की दोस्ती हमारी साझा दौलत है। हकीकत में हम अच्छे भविष्य की बेहतरीन शुरुआत कर रहे हैं।”

    प्रधानमंत्री ने 2015 की अपनी यूएई की पहली यात्रा को याद किया। उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि यूएई ने उन्हें अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान द ऑर्डर ऑफ जायद से सम्मानित किया है। यह सम्मान केवल उनका नहीं बल्कि करोड़ों भारतीयों का सम्मान है।

    प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत दोनों देशों की दोस्ती के नाम की और कहा कि हर धड़कन, हर सांस कह रही है भारत-यूएई की दोस्ती जिंदाबाद।

    इस दौरान प्रधानमंत्री ने भारत की उपलब्धियों का जिक्र किया और कहा कि आज हर भारतीय का लक्ष्य 2047 तक देश को विकसित बनाना है। उन्होंने कहा कि अपने तीसरे कार्यकाल में वे देश को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की ‘गारंटी’ देते हैं।

    फिनटेक नवाचार में भारत उपलब्धियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत ने यूएई के साथ यूपीआई तथा रुपे कार्ड से जुड़ी तकनीक साझा की है। इससे भारतीयों को अपने देश में पैसा भेजना आसान होगा।

    इस दौरान भारत ने वैश्विक स्तर पर भारत के बढ़ते कद का उल्लेख किया और कहा कि आज भारत को दुनिया विश्व बंधु के तौर पर देख रही है और हर बड़े मंच पर भारत की आवाज सुनी जा रही है।