Category: दिल्ली

  • ट्रिपल तलाक केस में महिला का इंटरव्यू चलाने के मामले में दायर मानहानि याचिका पर एक न्यूज एजेंसी को नोटिस

    ट्रिपल तलाक केस में महिला का इंटरव्यू चलाने के मामले में दायर मानहानि याचिका पर एक न्यूज एजेंसी को नोटिस

    नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने ट्रिपल तलाक के एक मामले में महिला का इंटरव्यू चलाने के मामले में दायर मानहानि याचिका पर सुनवाई करते हुए एक न्यूज एजेंसी को नोटिस जारी किया है। जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 30 मार्च को करने का आदेश दिया।

    याचिका डॉक्टर दानिश हाशिम ने दायर की है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील जयंत भट्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता शिया समुदाय से जुड़ा हुआ है। शिया समुदाय में तलाक लेने के लिए ट्रिपल तलाक को मान्यता नहीं दी गई है। याचिका में कहा गया है कि न्यूज एजेंसी ने उसकी पत्नी का इंटरव्यू चलाया, जिसमें उसकी पत्नी ने झूठ बोला कि लड़का पैदा नहीं होने की वजह से याचिकाकर्ता ने उसे ट्रिपल तलाक के जरिये तलाक दे दिया। याचिका में कहा गया है कि ऐसा दावा झूठा और बेबुनियाद है। ऐसा कर याचिकाकर्ता की मानहानि की गई है।

    कोर्ट ने खबर प्रसारित करने वाले न्यूज एजेंसी के अलावा याचिकाकर्ता की पत्नी हुमा और उनकी पुत्री को भी नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने कहा कि चूंकि ये खबर 2021 से उपलब्ध है, इसलिए कोई भी आदेश पारित करने से पहले प्रतिवादियों का पक्ष सुनेंगे।

    बतादें कि जनवरी 2021 में संबंधित न्यूज एजेंसी ने हुमा का इंटरव्यू प्रकाशित किया था। इंटरव्यू में हुमा ने दावा किया है कि उसकी शादी दानिश हाशिम के करीब 20 साल पहले हुई थी। उसे याचिकाकर्ता ने इसलिए ट्रिपल तलाक दे दिया कि वो लड़का पैदा नहीं कर सकी। इंटरव्यू में हुमा ने कहा था कि उसका कई बार गर्भपात कराया गया और उसके साथ मारपीट भी की गई। इसे लेकर उसने साकेत कोर्ट में शिकायत भी की थी। दानिश हाशिम का कहना है कि उनकी पत्नी से उनका तलाक 2020 में ही हो चुका था और उनकी पत्नी की ओर से दिए गए इंटरव्यू में कोई सच्चाई नहीं है।

  • सार्वजनिक खरीद प्रक्रिया का अग्रदूत बना जेम : प्रशांत कुमार सिंह

    नई दिल्ली। इलेक्ट्रानिक माध्यम से सार्वजनिक खरीद प्रक्रिया की शुरुआत करने वाले गवर्नमेंट ईमार्केटप्लेस (जेम) ने नया रिकार्ड बनाया है। वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही अभी जारी है। फिलहाल इस 11 महीनों के भीतर ही जेम ने 3 लाख करोड़ रुपये सकल मर्चेंडाइज वैल्यू (जीएमवी) के रिकार्ड स्तर को हासिल कर लिया है। इसने पिछले वित्त वर्ष के 2 लाख करोड़ जीएमवी के आंकडे़ को काफी पीछे छोड़ दिया है।

    गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस (जीईएम) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) प्रशांत कुमार सिंह ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि जेम पर खरीद का चलन बढ़ रहा है। इस माध्यम पर सहकारी संस्थाओं सहित ग्राम पंचायतों को अधिक से अधिक जोड़ने की दिशा में काम चल रहा है। जेम पर लोगों का भरोसा बढ़ रहा है। यही कारण है कि वित्त वर्ष 2022-23 में 504 करोड़ रुपये के मुकाबले 12 फरवरी 2024 तक ये 914 करोड़ रुपये तक बढ़ गया है।

    उन्होंने कहा कि सार्वजनिक खरीद प्रक्रिया में अग्रदूत की भूमिका रखने वाले इस प्लेटफॉर्म का गठन प्रधानमंत्री की परिकल्पना से किया गया, जिसका लक्ष्य डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से ‘मिनिमम गवर्नमेंट मैक्सिमम गवर्नेनंस’ को बढ़ावा देना है। वर्ष 2016 में अपनी शुरुआत के बाद से ही जेम ने सार्वजनिक खरीद प्रक्रिया में नई क्रांति ला दी है। इसने केन्द्र/राज्य सरकार के मंत्रालयों, विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, पंचायतों व सहकारी समितियों द्वारा वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीदारी के लिए पारदर्शी एवं सशक्त ऑनलाइन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान किया है।

    प्रशांत कुमार सिंह ने कहा कि 12 फरवरी, 2024 तक के आंकड़ों के मुताबिक जेम ने देश भर के लाखों विक्रेताओं एवं सेवा प्रदाताओं को 3 लाख से भी ज्यादा सरकारी क्रेताओं (प्राइमरी एवं सेकेंडरी बायर) के साथ प्रत्यक्ष रूप से जोड़ा है। सार्वजनिक खरीद प्रक्रिया में सभी हितधारकों को डिजिटल माध्यम से जोड़ते हुए जेम ने सरकारी खरीद में आपसी सांठ-गांठ, भ्रष्टाचार एवं घूसखोरी जैसी अनैतिकता को खत्म किया है। नतीजतन, सार्वजनिक वित्तीय मामलों में पारदर्शिता बढ़ी है। इस प्लेटफॉर्म पर वर्तमान में लगभग 12,200 से भी अधिक उत्पाद एवं सेवा कैटेगरी को प्रदर्शित किया गया है, जो देश भर के सरकारी क्रेताओं की जटिल एवं आधुनिक आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम है।

    उन्होंने कहा कि जेम पर सेवाओं की खरीद के मामले में तेजी से वृद्धि देखी गई है। पिछले तीन वर्षों में जेम ने अपने प्लेटफार्म पर सेवाओं के दायरे को रणनीतिक रूप से बढ़ाया है। इसके नतीजे में सरकारी विभागों, मंत्रालयों की तरफ से सेवाओं की खरीद मामले में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 के लगभग 66,000 करोड़ रुपये के मुकाबले वित्त वर्ष 2023-24 (12 फरवरी, 2024) में 1,30,984 करोड़ रुपये हो गया है। जारी वित्त वर्ष के अंत तक सेवाओं के खरीद का आंकड़ा 1.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।

  • शुरुआती कारोबार में शेयर बाजार पर बिकवाली का दबाव, सेंसेक्स-निफ्टी लुढ़के

    शुरुआती कारोबार में शेयर बाजार पर बिकवाली का दबाव, सेंसेक्स-निफ्टी लुढ़के

    नई दिल्ली। सप्ताह के पहले कारोबारी दिन ही घरेलू शेयर बाजार में दबाव बना नजर आ रहा है। आज के कारोबार की शुरुआत बढ़त के साथ हुई थी। लेकिन बाजार खुलने के बाद से ही बिकवाल पूरी तरह से हावी हो गए, जिसके कारण सेंसेक्स और निफ्टी दोनों सूचकांक गिरते चले गए। पहले 1 घंटे का कारोबार होने के बाद सेंसेक्स 0.31 प्रतिशत और निफ्टी 0.38 प्रतिशत की कमजोरी के साथ कारोबार कर रहे थे।

    शुरुआती 1 घंटे का कारोबार होने के बाद स्टॉक मार्केट के दिग्गज शेयरों में डिवीज लेबोरेट्रीज, अपोलो हॉस्पिटल, विप्रो, डॉ रेड्डीज लेबोरेट्रीज और एचसीएल टेक्नोलॉजी के शेयर 2.73 प्रतिशत से लेकर 1.57 प्रतिशत की मजबूती के साथ कारोबार कर रहे थे। दूसरी ओर कोल इंडिया, हीरो मोटोकॉर्प, ओएनजीसी, बीपीसीएल और एनटीपीसी के शेयर 4.11 प्रतिशत से लेकर 2.63 प्रतिशत की गिरावट के साथ कारोबार करते नजर आ रहे थे।

    अभी तक के कारोबार में स्टॉक मार्केट में 2,094 शेयरों में एक्टिव ट्रेडिंग हो रही थी। इनमें से 537 शेयर मुनाफा कमा कर हरे निशान में कारोबार कर रहे थे, जबकि 1,557 शेयर नुकसान उठाकर लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। इसी तरह सेंसेक्स में शामिल 30 शेयरों में से 9 शेयर लिवाली के सपोर्ट से हरे निशान में बने हुए थे। दूसरी ओर 21 शेयर बिकवाली के दबाव में लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। जबकि निफ्टी में शामिल शेयरों में से 18 शेयर हरे निशान में और 32 शेयर लाल निशान में कारोबार करते नजर आ रहे थे।

    बीएसई का सेंसेक्स आज 126.82 अंक की मजबूती के साथ 71,722.31 अंक के स्तर पर खुला। कारोबार की शुरुआत होने के कुछ मिनट बाद ही बाजार पर बिकवाली का दबाव बन गया, जिसके कारण ये सूचकांक लगातार गिरता चला गया। हालांकि खरीदारों ने बीच-बीच में लिवाली का जोर बनाने की भी कोशिश की, लेकिन बिकवाली का दबाव इतना अधिक था कि इस सूचकांक की गिरावट लगातार बढ़ती गई। बाजार में लगातार जारी खरीद बिक्री के बीच पहले 1 घंटे का कारोबार होने के बाद सुबह 10:15 बजे सेंसेक्स 220.70 अंक की कमजोरी के साथ 71,374.79 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहा था।

    सेंसेक्स की तरह ही एनएसई के निफ्टी ने आज 18.30 अंक की बढ़त के साथ 21,800.80 अंक के स्तर से कारोबार की शुरुआत की। बाजार खुलने के तुरंत बाद बिकवाल हावी हो गए, जिसके कारण ये सूचकांक भी लुढ़क कर लाल निशान में पहुंच गया। खरीदारी की छिटपुट कोशिशों के बावजूद इस सूचकांक की कमजोरी लगातार बढ़ती गई। बाजार में लगातार जारी लिवाली और बिकवाली के बीच पहले 1 घंटे का कारोबार होने के बाद सुबह 10:15 बजे निफ्टी 83.35 अंक टूट कर 21,699.15 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहा था।

    मिले-जुले ग्लोबल संकेतों के बीच आज प्री ओपनिंग सेशन में घरेलू शेयर बाजार ने बढ़त के साथ कारोबार की शुरुआत की थी। इस सेशन में बीएसई का सेंसेक्स 80.23 अंक की तेजी के साथ 71,675.72 अंक के स्तर पर था। वहीं, निफ्टी प्री ओपनिंग सेशन में 24.55 अंक मजबूत होकर 21,807.05 अंक के स्तर पर पहुंचा हुआ था।

    इसके पहले पिछले सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को सेंसेक्स 167.06 अंक यानी 0.23 प्रतिशत की मजबूती के साथ 71,595.49 अंक के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं निफ्टी ने 64.55 अंक यानी 0.30 प्रतिशत की छलांग लगा कर 21,782.50 अंक के स्तर पर शुक्रवार के कारोबार का अंत किया था।

  • भारत का औद्योगिक उत्पादन नवंबर के मुकाबले बढ़कर 3.8 प्रतिशत पर पहुंचा

    भारत का औद्योगिक उत्पादन नवंबर के मुकाबले बढ़कर 3.8 प्रतिशत पर पहुंचा

    नई दिल्ली। भारत में औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) के मोर्चे पर एक अच्छी खबर आई है। दिसंबर, 2023 में भारत का औद्योगिक उत्पादन नवंबर के मुकाबले बढ़कर 3.8 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गया है। इसके पहले नवंबर, 2023 में यह आंकड़ा 2.4 प्रतिशत के स्तर पर था। हालांकि, सालाना आधार पर देखें तो आईआईपी के स्तर में गिरावट आई है। दिसंबर, 2022 में भारत का औद्योगिक उत्पादन 5.1 प्रतिशत के स्तर पर था।

    सांख्यिकी और कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक भारत की औद्योगिक विकास दर अप्रैल से लेकर दिसंबर में से लेकर दिसंबर, 2023 के बीच 6.1 प्रतिशत थी, जबकि इसके पहले के साल में यानी 2022 के अप्रैल से लेकर दिसंबर के महीने तक औद्योगिक विकास दर 5.5 प्रतिशत के स्तर पर थी। मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि औद्योगिक विकास दर का आंकड़ा औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आधार पर जारी किया गया है।

    मंत्रालय की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक दिसंबर, 2023 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में उत्पादन 3.5 प्रतिशत बढ़ गया, जबकि 1 साल पहले इसी अवधि में मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र का उत्पादन 3.6 प्रतिशत बढ़ा था। इसके अलावा दिसंबर, 2023 में पावर प्रोडक्शन में 1.2 प्रतिशत की दर से और माइनिंग प्रोडक्शन में 5.1 प्रतिशत की दर से बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह मौजूदा वित्त वर्ष के पहले 9 महीने यानी अप्रैल से लेकर दिसंबर के बीच भारतीय औद्योगिक उत्पादन की कुल वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रही है, जबकि 2022 में अप्रैल से लेकर दिसंबर के बीच की अवधि में ये आंकड़ा 5.5 प्रतिशत का था।

  • मोदी सरकार श्वेत पत्र जारी कर छुपा रही है अपनी विफलताएं : कांग्रेस

    मोदी सरकार श्वेत पत्र जारी कर छुपा रही है अपनी विफलताएं : कांग्रेस

    नई दिल्ली। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने श्वेत पत्र जारी कर अपनी विफलताओं को छुपाने की कोशिश की है।

    कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले दिनों मोदी सरकार एक फर्जी श्वेत पत्र लेकर आई थी। विडंबना ये है कि मोदी सरकार अपना रिपोर्ट कार्ड नहीं दिखा रही बल्कि 10 साल पहले की सरकार का लेखा-जोखा लेकर आई है। सुप्रिया ने कहा कि वह मोदी सरकार को खुली चुनौती देती हैं कि वे अपने बनाए मानक पर कांग्रेस और भाजपा सरकार के 10 साल के आंकड़े रखकर देख लें। इससे सच सामने आ जाएगा।

    श्रीनेत ने कहा कि मोदी सरकार के श्वेत पत्र पर वित्त मंत्रालय से साजिशन वैधता ली गई, जिसमें वित्त मंत्रालय के अफसरों को खुद के किए गए कामों को नकारना पड़ा। हालांकि इन साजिशों के बावजूद यूपीए के 10 वर्षों की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर, भाजपा सरकार के 10 वर्षों से कहीं अधिक थी। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में जीडीपी ग्रोथ रेट 06 फीसदी से नीचे आ गई। लोगों की आय घटी, उपभोग घटा, बेरोजगारी बढ़ी, निवेश घटा, महंगाई बढ़ी और बचत खत्म हो गई।

    सुप्रिया ने कहा कि देश पर कर्ज बढ़ा है। रुपया की वैल्यू कम हुई है। पेट्रोल और डीजल महंगा हुआ। बेरोजगारी सबसे बड़ी त्रासदी बनी, उत्पादन और सर्विसेज में रोजगार घटे, मनरेगा पर ज्यादा खर्च करना पड़ा, शिक्षा और स्वास्थ्य में कम पैसा खर्च हुआ, प्राइवेट निवेश गिरा है। उन्होंने कहा कि कोरोना आने से पहले हमारे देश की जीडीपी ग्रोथ आधी हो गई थी, जिसका कारण नोटबंदी और गलत जीएसटी था। वर्ष 2016 के बाद 2019 में जीडीपी ग्रोथ 3.9 फीसदी पर आकर गिर गई थी और देश में 45 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी थी। यह सरकार की विफल नीतियों का प्रमाण है, जिसका ठीकरा कोरोना पर नहीं फोड़ा जा सकता।

  • सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे अमेरिकी यात्रा पर, मजबूत होगा सैन्य सहयोग

    सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे अमेरिकी यात्रा पर, मजबूत होगा सैन्य सहयोग

    – जनरल रैंडी जॉर्ज के साथ उच्चस्तरीय वार्ता में भाग लेंगे जनरल पांडे

    – भारतीय थल सेनाध्यक्ष पेंटागन का भी करेंगे दौरा

    नई दिल्ली। थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे 13 से 16 फरवरी तक संयुक्त राज्य अमेरिका के आधिकारिक दौरे पर रहेंगे। वह सोमवार को अपनी अमेरिकी यात्रा के लिए रवाना हो गए। उनकी यह यात्रा भारत और अमेरिका के बीच मजबूत सैन्य सहयोग और रणनीतिक साझेदारी को रेखांकित करती है। इस यात्रा का लक्ष्य रक्षा सहयोग तथा दोनों देशों की सेनाओं के बीच संबंधों को और मजबूत करना है।

    कर्नल सुधीर चमोली ने बताया कि अपनी यात्रा के दौरान थल सेनाध्यक्ष जनरल पांडे यूनाइटेड स्टेट्स चीफ ऑफ स्टाफ ऑफ आर्मी (सीएसए) के जनरल रैंडी जॉर्ज और अन्य वरिष्ठ सैन्य प्रमुखों के साथ उच्चस्तरीय वार्ता में भाग लेंगे। ये बातचीत दोनों देशों के बीच वैश्विक शांति और सुरक्षा के प्रति सम्मान एवं आपसी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। संयुक्त राज्य अमेरिका पहुंचने पर उन्हें प्रतिष्ठित अमेरिकी सेना की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर दिया जायेगा। वह आर्लिंगटन राष्ट्रीय कब्रिस्तान में अज्ञात सैनिकों के सम्मान में बने स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे और पेंटागन का भी दौरा करेंगे।

    उन्होंने बताया कि जनरल पांडे की इस यात्रा में ‘भारतीय सेना में बदलाव’, ‘वैश्विक खतरे की धारणा’, ‘2030 एवं 2040 के अनुरूप सेना में बदलाव’, ‘मानव संसाधन संबंधी चुनौतियां’, ‘भविष्य की सेना के विकास और आधुनिकीकरण’ तथा ‘सह-उत्पादन एवं सह-विकास पहल’ जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विचारों का आदान-प्रदान किया जाएगा। इन चर्चाओं का उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच जानकारियां, विचार और सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को साझा करना है।

    इसके अलावा यात्रा के दौरान फोर्ट बेल्वोइर में ‘आर्मी जियोस्पेशियल सेंटर’, फोर्ट मैकनेयर में ‘नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी’ का दौरा और मुख्यालय 1 कोर के प्रमुखों के साथ बातचीत करना शामिल है। वह सैन्य नवाचार और रणनीति में सबसे आगे रहने वाली इकाइयों के साथ भी जुड़ेंगे, जिनमें स्ट्राइकर यूनिट, पहली मल्टी-डोमेन टास्क फोर्स, सिएटल में पहला विशेष सेना समूह और सैन फ्रांसिस्को में रक्षा नवाचार इकाई शामिल हैं। उनके कैलिफोर्निया नेशनल गार्ड के दौरे पर भी जाने की योजना है, जिसका उद्देश्य अधिक महत्वपूर्ण प्रशिक्षण, सह-विकास और सह-उत्पादन गतिविधियों के लिए अवसरों को तलाशना है।

    भारतीय सेना और अमेरिकी सेना की ओर से पिछले साल राजधानी के मानेकशा सेंटर में हुए इंडो-पैसिफिक आर्मी चीफ्स कॉन्फ्रेंस (आईपीएसीसी) में शामिल होने के लिए यूनाइटेड स्टेट्स चीफ ऑफ स्टाफ ऑफ आर्मी जनरल रैंडी जॉर्ज भारत आये थे। इस सम्मेलन में 18 सेनाओं के प्रमुख और 12 देशों के प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुख शामिल हुए थे। आईपीएसीसी के दौरान जनरल रैंडी जॉर्ज और जनरल मनोज पांडे के बीच सकारात्मक बातचीत हुई। दोनों अधिकारियों ने सैन्य सहयोग, एचएडीआर के लिए समन्वित दृष्टिकोण, सेनाओं के बीच प्रयासों को बढ़ाने और आपसी हित के अन्य मुद्दों से संबंधित व्यापक मुद्दों पर चर्चा की थी।

    जनरल पांडे की यह यात्रा भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो सैन्य सहयोग बढ़ाने, वैश्विक खतरे की धारणाओं पर रणनीतिक दृष्टिकोण का आदान-प्रदान करने और भविष्य की सेना के विकास और आधुनिकीकरण की दिशा में मिलकर काम करने की पारस्परिक इच्छा को दर्शाती है। जनरल मनोज पांडे और अमेरिकी सेना के वरिष्ठ प्रतिनिधियों के बीच बातचीत से ठोस परिणाम मिलने, साझे सुरक्षा हितों और रक्षा सहयोग के लिए अनुकूल परिवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। यह यात्रा भारत तथा अमेरिका के बीच साझे मूल्यों और हितों की साझेदारी को रेखांकित करती है।

  • टीएमसी के गुंडे लड़कियों का अपहरण कर रहे हैं: स्मृति ईरानी

    टीएमसी के गुंडे लड़कियों का अपहरण कर रहे हैं: स्मृति ईरानी

    नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में हुई हिंसा को लेकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने ममता बनर्जी सरकार पर तीखा हमला बोला है।

    सोमवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में स्मृति ईरानी ने कहा कि टीएमसी के गुंडे लड़कियों का अपहरण कर रहे हैं। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि ममता बनर्जी टीएमसी कार्यकर्ताओं को यह इजाजत कैसे दे रही हैं कि वो घर-घर जाकर महिलाओं को प्रताड़ित कर रहे हैं। पुलिस भी संदेशखाली हिंसा में मौन है।

    स्मृति ईरानी ने कहा कि आज संदेशखाली में पीड़ित महिलाओं ने प्रेसवार्ता की लेकिन उनकी आवाज को दबाने के लिए वहां धारा 144 लगा दी गई। उन्होंने पूछा कि हम नागरिक के रूप में मूकदर्शक बने रह सकते हैं? यह कौन आदमी है, जिस पर संदेशखाली की महिलाओं ने बंगाली हिंदू महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया है? अब तक हर कोई यही सोच रहा था कि शाहजहां शेख (टीएमसी नेता) कौन हैं? अब, जिस सवाल का जवाब ममता बनर्जी को देना है वह है – शाहजहां शेख कहां हैं?”

    उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में स्थानीय महिलाएं टीएमसी नेताओं द्वारा कथित उत्पीड़न और यातना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही हैं।

  • अब कक्षा 9 से 12 के लिए भी आयोजित होगी शिक्षक पात्रता परीक्षा, एनसीटीई-सीबीएसई तैयार कर रहे हैं सिलेबस

    अब कक्षा 9 से 12 के लिए भी आयोजित होगी शिक्षक पात्रता परीक्षा, एनसीटीई-सीबीएसई तैयार कर रहे हैं सिलेबस

    -पहली बार आयोजित हुआ शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पर केन्द्रित अखिल भारतीय राष्ट्रीय सम्मेलन

    नई दिल्ली। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् (एनसीटीई) ने माध्यमिक स्तर (कक्षा 9 से कक्षा 12 तक) पर शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को शुरू करने की योजना पर काम कर रहा है। अब तक शिक्षकों के लिए टीईटी की परीक्षा सिर्फ 9वीं तक हुआ करती थी। सोमवार को नई दिल्ली में आयोजित एनसीटीई द्वारा केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के सहयोग से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी 2020) के आलोक में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पर अखिल भारतीय राष्ट्रीय सम्मेलन में इसकी अनुशंसा की गई ।

    सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए एनसीटीई की सदस्य सचिव केसांग वाई. शेरपा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में विभिन्न स्तरों पर टीईटी को लागू करने की अनुशंसा की गई है। एनसीटीई माध्यमिक स्तर (कक्षा 9 से कक्षा 12 तक) पर टीईटी को प्रस्तावित एवं कार्यान्वित करने की दिशा में काम कर रहा है। सीबीएसई की अध्यक्ष निधि छिब्बर ने अपने संबोधन में कहा कि एक शिक्षक की क्षमता ही कक्षा में एक स्वस्थ वातावरण का निर्माण करती है, इसलिए शिक्षक पात्रता परीक्षा, एक शिक्षक की क्षमता एवं दक्षता को समझने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

    उन्होंने कहा कि सीबीएसई पिछले लम्बे समय से टीईटी की परीक्षा आयोजित करता रहा है, जिससे उसके पास एक लंबा अनुभव है, हम एनसीटीई के साथ इस संदर्भ का डेटा का साझा करेंगे और भावी योजना को साथ मिलकर क्रियान्वित करेंगे। इनकम टैक्स के प्रिंसिपल कमिश्नर विक्रम सहाय ने कहा कि शिक्षा के अलग-अलग स्तरों पर चुनौतियों के स्तर में भी बदलाव आता है, इसलिए हर स्तर की पात्रता के लिए मानकीकरण भी आवश्यक है।

    एनसीटीई के अध्यक्ष प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था का मुख्य ध्यान अंकों पर केन्द्रित होने के बजाय विद्यार्थियों में मूल्यों को विकसित करने पर भी होना चाहिए। शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए सिंह ने कहा कि समझ की समझ को विकसित करना ही शिक्षा है। टीईटी, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् के समन्वयक अभिमन्यु यादव ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पर प्रजेंटेशन देते हुए स्कूल शिक्षकों की गुणवत्ता और क्षमता के सुधार में टीईटी की यात्रा पर प्रकाश डाला। इस दौरान यादव ने परीक्षा प्रक्रिया, पात्रता मानक व स्कूलों में योग्य टीचिंग प्रोफेशनल्स के चयन को सुनिश्चित करने और इसे स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों तक विस्तारित करने के महत्व जैसे बिंदुओं पर चर्चा की।

  • राज्यसभा चुनाव : भाजपा ने सात राज्यों के 14 उम्मीदवारों की घोषणा की

    राज्यसभा चुनाव : भाजपा ने सात राज्यों के 14 उम्मीदवारों की घोषणा की

    नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आगामी राज्यसभा चुनावों के लिए सात राज्यों के 14 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है।

    इसमें बिहार से धर्मशिला गुप्ता और भीम सिंह, छत्तीसगढ़ से राजा देवेंद्र प्रताप सिंह, हरियाणा से सुभाष बराला, कर्नाटक से नारायण कृष्णासा भांडगे, उत्तर प्रदेश से आरपीएन सिंह, सुधांशु चौधरी, तेजवीर सिंह, साधना सिंह, अमरपाल मौर्य, संगीता बलवंत, नवीन जैन, उत्तराखंड से महेंद्र भट्ट और पश्चिम बंगाल से सामिक भट्टाचार्य का नाम शामिल है।

  • किसी प्रमुख मद में नहीं घटाया आवंटन, कम हुई है बेरोजगारी दर : सीतारमण

    किसी प्रमुख मद में नहीं घटाया आवंटन, कम हुई है बेरोजगारी दर : सीतारमण

    – लोकसभा से विनियोग लेखानुदान विधेयक 2024 ध्वनिमत से मंजूर

    नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि अंतरिम केंद्रीय बजट 2024 में किसी प्रमुख मद के आवंटन में कोई कटौती नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी दर पांच साल में घटकर 3.2 फीसदी रह गई है। सीतारमण अंतरिम केंद्रीय बजट 2024 पर सदन में चर्चा का जवाब दे रही थीं।

    वित्त मंत्री के जवाब के बाद लोकसभा ने वित वर्ष 2024-45 के लिए लेखानुदानों की मांगों, वित वर्ष 2023-24 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों सहित वित्त वर्ष 2024-25 से संबंधित जम्मू-कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र के लिए लेखानुदानों की मांगों के साथ-साथ वित्त वर्ष 2023-24 से संबंधित जम्मू-कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों को ध्वनिमत से मंजूरी दी।

    इसके अलावा लोकसभा ने विनियोग (लेखानुदान) विधेयक, 2024 और विनियोग विधेयक, 2024 को भी मंजूरी दी। संसद के निचले सदन ने जम्मू कश्मीर विनियोग (संख्या-2) विधेयक, 2024 और जम्मू कश्मीर विनियोग विधेयक, 2024 को भी ध्वनिमत से पारित पास कर दिया।

    वित्त मंत्री ने अंतरिम केंद्रीय बजट पर चर्चा के दौरान सदन को बताया कि किसी प्रमुख मद में आवंटन घटाया नहीं गया है, बल्कि इसमें बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए सदन को बताया कि बेरोजगारी दर वित्त वर्ष 2017-18 के छह फीसदी से घटकर वित्त वर्ष 2022-23 में 3.2 फीसदी रह गई है। सीतारमण ने कहा कि सरकार के उठाए गए कदमों से जरूरी खाद्य वस्तुओं के दाम कम हुए हैं।

    उन्होंने निचले सदन में श्रम शक्ति 49 फीसदी से बढ़कर 57 फीसदी होने का आंकड़ा पेश करते हुए कहा कि बेरोजगारी दर में कमी आई है। यह वित्त वर्ष 2017-18 के छह फीसदी से घटकर वित्त वर्ष 2022-23 में 3.2 फीसदी रह गई है। सीतारमण ने कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में 18 से 25 साल की आयु के लोगों का पंजीकरण बढ़ा है। इसमें 55 फीसदी पंजीकरण नए हैं।

    निर्मला सीतारमण ने कहा कि महिला श्रम शक्ति भी बढ़ी है। ई-श्रम पोर्टल पर असंगठित क्षेत्र के 29 करोड़ कामगार में 53 फीसदी महिलाएं हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही हैं। उन्होंने कुछ सदस्यों के दावों को खारिज करते हुए कहा कि कर्नाटक समेत अन्य राज्यों के संबंध में वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार राशि दी गई है। कर्नाटक को धन नहीं मिलने का दावा सही नहीं है। उन्होंने सदन को बताया कि मैं राज्यों को धन अंतरण के लिए वित्त आयोग की रिपोर्ट का अंतिम शब्द तक पालन करती हूं।