Category: दिल्ली

  • बैंक धोखाधड़ी मामले में निजी कंपनी और पांच अन्य के खिलाफ मामला दर्ज

    बैंक धोखाधड़ी मामले में निजी कंपनी और पांच अन्य के खिलाफ मामला दर्ज

    नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 48.06 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के आरोप में एक निजी कंपनी और उससे जुड़े पांच अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। सीबीआई की टीम ने गुरुवार को आरोपितों के जयपुर स्थित कारखाने समेत 5 ठिकानों की तलाशी ली। सीबीआई ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर इस कार्रवाई काे अंजाम दिया।

    सीबीआई के मुताबिक जिन लोगों पर मामला दर्ज किया गया है उनमें मैसर्स स्वास्टिक कॉपर्स प्राइवेट लिमिटेड (जयपुर) और कंपनी के निदेशक संदीप जैन, पूर्व निदेशक नीलम जैन, निदेशक इंद्रा जैन, अज्ञात लोकसेवक और एक निजी व्यक्ति शामिल हैं। आरोपित कंपनी बिजली वितरण ट्रांसफार्मर के निर्माण और मरम्मत के व्यवसाय में लगी हुई थी। आरोपितों ने आपराधिक साजिश रचकर बैंक से 48.06 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की। कंपनी ने कथित तौर पर झूठे और बढ़े हुए दस्तावेज़ जमा करके नकद क्रेडिट सीमा का लाभ उठाया। सीबीआई ने आरोप लगाया कि आरोपितों ने लेनदेन के माध्यम से बैंक फंड का दुरुपयोग किया। इस मामले में आगे की जांच जारी है।

  • स्टेट बैंक ने इलेक्टोरल बांड से जुड़ी सारी जानकारी चुनाव आयोग को मुहैया कराई

    स्टेट बैंक ने इलेक्टोरल बांड से जुड़ी सारी जानकारी चुनाव आयोग को मुहैया कराई

    – सुप्रीम कोर्ट में स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने दिया हलफनामा

    नई दिल्ली। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक इलेक्टोरल बांड से जुड़ी सारी जानकारी आज चुनाव आयोग को उपलब्ध करा दी गई है।

    स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने कहा कि इस जानकारी में इलेक्टोरल बांड का नंबर, इलेक्टोरल बांड की कीमत, पार्टी का नाम, पार्टी के बैक अकाउंट की आखिरी चार डिजिट नंबर, भुनाए गए बांड की कीमत और नंबर शामिल है। स्टेट बैंक ने हलफनामे में कहा है कि साइबर सुरक्षा के मद्देनजर राजनीतिक पार्टी का पूरा बैंक खाता नंबर, पार्टी और बांड खरीदने वाले की केवाईसी डिटेल्स सार्वजनिक नहीं की गई है। इस जानकारी के अलावा कोई और जानकारी स्टेट बैंक ने अपने पास नहीं रखी है।

    सुप्रीम कोर्ट ने 18 मार्च को स्टेट बैंक को खरीदे गए और कैश कराए गए बांड नंबरों का पूरा ब्यौरा चुनाव आयोग को देने और चुनाव आयोग को उसे प्रकाशित करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक के चेयरमैन से कहा था कि भविष्य में किसी विवाद की गुंजाइश को खत्म करने के लिए वो 21 मार्च को 5 बजे तक कोर्ट में हलफनामा दायर कर साफ करें कि उनके पास उपलब्ध सारी जानकारी चुनाव आयोग को दे दी गई है। निर्वाचन आयोग स्टेट बैंक से जानकारी मिलते ही उसे तुरंत अपनी वेबसाइट पर डालेगा।

    इससे पहले 16 मार्च को सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने इलेक्टोरल बांड मामले में सीलबंद डाटा निर्वाचन आयोग को सौंप दिया था। इस डाटा में 2019 और नवंबर, 2023 में दिए गए इलेक्टोरल बांड का ब्यौरा है। सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच ने सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री को निर्देश दिया था कि वो 2019 और नवंबर 2023 के डाटा की कॉपी कर उसकी मूल प्रति निर्वाचन आयोग को सौंप दे।

    कोर्ट ने 15 मार्च को निर्वाचन आयोग की अर्जी पर सुनवाई करते हुए सवाल उठाया था कि स्टेट बैंक की ओर से निर्वाचन आयोग को दिए गए आंकड़ों में बांड नंबर का उल्लेख नहीं किया गया है, जबकि इसका साफ आदेश था। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान बेंच ने स्टेट बैंक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

  •  ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को किया गिरफ्तार

     ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को किया गिरफ्तार

    नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित शराब नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार कर लिया है। केंद्रीय जांच एजेंसी की टीम मुख्यमंत्री केजरीवाल को ईडी मुख्यालय ले गई है, जहां मेडिकल जांच कराने बाद शुक्रवार को उन्हें पीएमएलए कोर्ट में पेश किया जाएगा।

    आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित शराब नीति घोटाले मामले में उनके आवास पर करीब दो घंटे तक तलाशी और पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। ईडी की टीम लगातार 9 समन भेजने के बाद 10वें समन के साथ आज शाम केजरीवाल के घर पहुंची थी, जहां उनके आवास पर मुख्यमंत्री से 2 घंटे की पूछताछ हुई। इस दौरान ईडी के संयुक्त निदेशक भी केजरीवाल के आवास पर मौजूद रहे।

    सूत्रों ने बताया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का पीएमएलए की धारा 50 के तहत बयान दर्ज किया गया है। इससे पहले ईडी की टीम केजरीवाल के आधिकारिक अवास पर पहुंच कर स्टाफ को सूचित किया कि उनके पास उत्पाद शुल्क नीति मामले में उनके खिलाफ सर्च वारंट है। फिर करीब 2 घंटे तक तलाशी ली गई और उनका लैपटॉप, मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रिॉनिक समान जब्त कर ईडी की टीम अपने साथ ले गई। केंद्रीय जांच एजेंसी ने केजरीवाल को ईडी मुख्यालय ले गई है, जहां उनका मेडिकल कराने बाद शुक्रवार को पीएमएलए कोर्ट में पेश किया जाएगा।

    इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने के बाद देर रात उनके आवास के बाहर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने आम आदमी पार्टी के विधायकों सहित लगभग उसके दर्जनों कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है, जो सीएम आवास के पास सड़क को अवरुद्ध करने की कोशिश कर रहे थे।

    उल्लेखनीय है कि इससे पहले केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने कथित दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में केजरीवाल को 9वां समन जारी कर आज पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन केजरीवाल ईडी के समक्ष पेश होने से पहले दिल्ली हाईकोर्ट चले गए थे। हालांकि, हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को इस मामले में ईडी को उनसे पूछताछ और गिरफ्तार करने पर कोई रोक लगाने से इंकार कर दिया था।

  • केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद विपक्ष हमलावर, अलोकतांत्रिक कदम की दे रहे दुहाई

    केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद विपक्ष हमलावर, अलोकतांत्रिक कदम की दे रहे दुहाई

    दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर तमाम विपक्षी पार्टियां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ हमलावर हो गईं हैं। जहां कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा ने गिरफ्तारी को असंवैधानिक करार देते हुए इस कदम को अलोकतांत्रिक बताया वहीं, तेजस्वी यादव ने एनडीए सरकार को निशाने पर लेते हुए भाजपा पर लोकतांत्रिक तरीकों के बजाय जांच एजेंसियों के दम पर चुनाव लड़ने का आरोप लगाया।

    कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा है, ”डरा हुआ तानाशाह, एक मरा हुआ लोकतंत्र बनाना चाहता है। मीडिया समेत सभी संस्थाओं पर कब्ज़ा, पार्टियों को तोड़ना, कंपनियों से हफ्ता वसूली, मुख्य विपक्षी दल का अकाउंट फ्रीज़ करना भी ‘असुरी शक्ति’ के लिए कम था, तो अब चुने हुए मुख्यमंत्रियों की गिरफ्तारी भी आम बात हो गई है। INDIA इसका मुंहतोड़ जवाब देगा।”

    प्रियंका गांधी ने भी एक्स पर लम्बा पोस्ट कर भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने लिखा कि चुनाव के चलते दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस तरह टार्गेट करना एकदम गलत और असंवैधानिक है। राजनीति का स्तर इस तरह से गिराना न प्रधानमंत्री जी को शोभा देता है, न उनकी सरकार को।

    प्रियंका ने आगे कहा कि अपने आलोचकों से चुनावी रणभूमि में उतरकर लड़िये, उनका डटकर मुक़ाबला करिए, उनकी नीतियों और कार्यशैली पर बेशक हमला करिए – यही लोकतंत्र होता है। मगर इस तरह देश की सारी संस्थाओं की ताकत का अपने राजनीतिक मक़सद को पूरा करने के लिए इस्तेमाल करना, दबाव डालकर उन्हें कमज़ोर करना लोकतंत्र के हर उसूल के ख़िलाफ़ है।

    उन्होंने कहा कि देश के विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस के बैंक खाते फ्रीज़ कर दिये गये हैं, तमाम राजनीतिक दलों और उनके नेताओं पर ईडी, सीबीआई और आईटी का दिन रात दबाव है, एक मुख्यमंत्री जेल में डलवा दिये गये हैं, अब दूसरे मुख्यमंत्री को भी जेल ले जाने की तैयारी हो रही है। ऐसा शर्मनाक दृश्य भारत के स्वतंत्र इतिहास में पहली बार देखने को मिल रहा है।

    मुख्यमंत्री भगवंत मान का भाजपा पर तंज

    पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक्स पर पोस्ट लिखा कि भाजपा की राजनीतिक टीम यानी ईडी केजरीवाल की सोच को कभी कैद नहीं कर सकती है। आम आदमी पार्टी ही भाजपा को रोक सकती है। आप सोच को कभी नहीं दबा सकते।

    भाजपा अब सत्ता में नहीं आने वालीः अखिलेश यादव

    मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट साझा की। उन्होंने लिखा कि जो ख़ुद हैं शिकस्त के ख़ौफ़ में क़ैद ‘वो’ क्या करेंगे किसी और को क़ैद, भाजपा जानती है कि वो फिर दुबारा सत्ता में नहीं आनेवाली, इसी डर से वो चुनाव के समय, विपक्ष के नेताओं को किसी भी तरह से जनता से दूर करना चाहती है, गिरफ़्तारी तो बस बहाना है। ये गिरफ्तारी एक नयी जन-क्रांति को जन्म देगी।

    इसी तरह राजद नेता तेजस्वी यादव ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को लोकतांत्रिक तरीकों के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल जी की गिरफ्तारी से साफ जाहिर है कि विपक्ष से लोकतांत्रिक तरीके से लड़ने की बजाय भाजपा जांच एजेंसियों एवं अन्य संवैधानिक संस्थानों की आड़ और पुरजोर मदद से चुनाव लड़ना चाहती है। हम सभी मजबूती से दिल्ली के लोगों की अति लोकप्रिय सरकार के साथ खड़े हैं।

    राज्यसभा सांसद और जेएमएम नेता महुआ माजी ने कहा कि जहां-जहां गैर-भाजपा सरकार है, उन राज्यों में ही ये चीजें हो रही हैं। चुनाव होने वाले हैं। आदर्श आचार संहिता लागू है। लेकिन जिस तरह से चीजें चल रही हैं। पहले झारखंड और फिर दिल्ली में ये लोकतंत्र नहीं बल्कि निरंकुशता की तैयारी है।

    जो व्यक्ति जैसा करता है उसे वैसे ही फल की प्राप्ति होती हैः कुमार विश्वास

    अरविंद केजरीवाल के पूर्व सहयोगी डॉ. कुमार विश्वास ने एक्स पर केजरीवाल का नाम लिए बगैर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, ‘कर्म प्रधान विश्व रचि राखा, जो जस करहि सो तस फल चाखा’ दरअसल यह चौपाई रामचरित मानस की है जिसमें गोस्वामी तुलसीदास कर्म के महत्व पर जोर देते हुए वे कहते हैं यह संसार, यह विश्व कर्म प्रधान है। जो व्यक्ति जैसा करता है उसे वैसे ही फल की प्राप्ति होती है।

    दूसरी ओर, अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली के कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित और अरविंदर सिंह लवली उनका समर्थन करने के लिए मौके पर पहुंचे हैं।

  • ‘विकसित भारत’ के संदेशों को साझा करना तुरंत बंद करेंः चुनाव आयोग

    ‘विकसित भारत’ के संदेशों को साझा करना तुरंत बंद करेंः चुनाव आयोग

    नई दिल्ली,। चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह ‘विकसित भारत’ के संदेशों को वाट्सऐप पर साझा करना तुरंत बंद करे।

    चुनाव आयोग ने गुरुवार को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव को आदर्श आचार संहिता के दौरान वाट्सऐप पर ‘विकसित भारत’ के संदेशों की डिलीवरी तुरंत रोकने के लिए पत्र लिखा है। आयोग ने मंत्रालय से इस मामले पर तत्काल अनुपालन रिपोर्ट भी मांगी है।

    पत्र में कहा गया है कि आयोग को विभिन्न क्षेत्रों से शिकायतें मिली हैं कि आम चुनाव 2024 की घोषणा और आदर्श आचार संहिता के लागू होने के बावजूद नागरिकों के फोन पर अभी भी ऐसे संदेश भेजे जा रहे हैं। इसलिए आपको यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है कि चुनाव आचार संहिता के दौरान वाट्सऐप संदेशों की आगे कोई डिलीवरी न हो। इस संबंध में अनुपालन रिपोर्ट तुरंत भेजी जाए।

    उल्लेखनीय है कि मंत्रालय ने इससे पहले आयोग को सूचित किया था कि ये संदेश आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले भेजे गए थे, लेकिन सिस्टम आर्किटेक्चर और नेटवर्क सीमाओं के कारण यह संभव है कि कुछ संदेशों की डिलीवरी में देरी हुई हो।

  • स्टेट बैंक ने इलेक्टोरल बांड से जुड़ी सारी जानकारी चुनाव आयोग को मुहैया कराई

    स्टेट बैंक ने इलेक्टोरल बांड से जुड़ी सारी जानकारी चुनाव आयोग को मुहैया कराई

    – सुप्रीम कोर्ट में स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने दिया हलफनामा

    नई दिल्ली। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक इलेक्टोरल बांड से जुड़ी सारी जानकारी आज चुनाव आयोग को उपलब्ध करा दी गई है।

    स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने कहा कि इस जानकारी में इलेक्टोरल बांड का नंबर, इलेक्टोरल बांड की कीमत, पार्टी का नाम, पार्टी के बैक अकाउंट की आखिरी चार डिजिट नंबर, भुनाए गए बांड की कीमत और नंबर शामिल है। स्टेट बैंक ने हलफनामे में कहा है कि साइबर सुरक्षा के मद्देनजर राजनीतिक पार्टी का पूरा बैंक खाता नंबर, पार्टी और बांड खरीदने वाले की केवाईसी डिटेल्स सार्वजनिक नहीं की गई है। इस जानकारी के अलावा कोई और जानकारी स्टेट बैंक ने अपने पास नहीं रखी है।

    सुप्रीम कोर्ट ने 18 मार्च को स्टेट बैंक को खरीदे गए और कैश कराए गए बांड नंबरों का पूरा ब्यौरा चुनाव आयोग को देने और चुनाव आयोग को उसे प्रकाशित करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक के चेयरमैन से कहा था कि भविष्य में किसी विवाद की गुंजाइश को खत्म करने के लिए वो 21 मार्च को 5 बजे तक कोर्ट में हलफनामा दायर कर साफ करें कि उनके पास उपलब्ध सारी जानकारी चुनाव आयोग को दे दी गई है। निर्वाचन आयोग स्टेट बैंक से जानकारी मिलते ही उसे तुरंत अपनी वेबसाइट पर डालेगा।

    इससे पहले 16 मार्च को सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने इलेक्टोरल बांड मामले में सीलबंद डाटा निर्वाचन आयोग को सौंप दिया था। इस डाटा में 2019 और नवंबर, 2023 में दिए गए इलेक्टोरल बांड का ब्यौरा है। सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच ने सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री को निर्देश दिया था कि वो 2019 और नवंबर 2023 के डाटा की कॉपी कर उसकी मूल प्रति निर्वाचन आयोग को सौंप दे।

    कोर्ट ने 15 मार्च को निर्वाचन आयोग की अर्जी पर सुनवाई करते हुए सवाल उठाया था कि स्टेट बैंक की ओर से निर्वाचन आयोग को दिए गए आंकड़ों में बांड नंबर का उल्लेख नहीं किया गया है, जबकि इसका साफ आदेश था। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान बेंच ने स्टेट बैंक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

  • अपात्रों को बंदूक लाइसेंस जारी करने के मामले में सीबीआई ने 15 आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दायर की

    अपात्रों को बंदूक लाइसेंस जारी करने के मामले में सीबीआई ने 15 आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दायर की

    नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में अपात्रों को बंदूक के लाइसेंस जारी करने के एक मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार काे 15 आरोपितों के खिलाफ दो आरोप-पत्र दायर किए हैं। यह आरोप पत्र सीबीआई द्वारा श्रीनगर स्थित विशेष न्यायाधीश की अदालत दायर किए गए। मामला वर्ष 2012-16 के दौरान का है। जब इस अवधि के दौरान नियमों का उल्लंघन करके अपात्र व्यक्तियों को जम्मू-कश्मीर में बड़ी संख्या में फायर आर्म्स लाइसेंस जारी किया गया। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है।

    अपात्र व्यक्तियों को बड़ी संख्या में ऐसे लाइसेंस जारी करने के मामले में तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट कुपवाड़ा इतरत हुसैन रफीकी, 4 गन हाउस डीलरों एवं मध्यस्थ व्यक्तियों सहित 10 आरोपितों के विरुद्ध आरपीसी, पीसी अधिनियम व शस्त्र अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत एक आरोप पत्र दायर किया गया।

    एक अन्य आरोप पत्र तत्कालीन एडीएम कुपवाड़ा रविंदर कुमार भट्ट एवं 4 अन्य गन हाउस डीलर और मध्यस्थ व्यक्तियाें के विरुद्ध उक्त धाराओं के तहत दायर किया गया। सीबीआई के मुताबिक जांच में तत्कालीन लाइसेंसिंग प्राधिकारी व जिला मजिस्ट्रेट की बिचौलियों और अन्य गन हाउस डीलरों के साथ सांठगांठ का खुलासा हुआ।

    सीबीआई ने जांच में पाया कि आपराधिक साजिश को आगे बढ़ाते हुए गन हाउस डीलरों ने देश में दूर-दराज के स्थानों पर तैनात रक्षा कर्मियों को लालच दिया। बैगर पुलिस सत्यापन के अवैध तरीके से जिला कुपवाड़ा से उनके हथियार लाइसेंस जारी करवा लिए। इसके एवज में गन हाउस डीलरों और बिचौलियों द्वारा कथित तौर पर प्रति लाइसेंस अवैध रकम की उगाही की गई ।

    सीबीआई के मुताबिक कुपवाड़ा जैसे सीमावर्ती जिले में अपात्र व्यक्तियों को अवैध तरीके से बड़ी संख्या में हथियार लाइसेंस जारी करना गंभीर चिंता का विषय है और कानून-व्यवस्था और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। इस मामले में आगे की जांच जारी है।

  • आयकर निदेशालय ने लोकसभा चुनाव के लिए शुरू किया कंट्रोल रूम, जारी किया टोल-फ्री मोबाइल नंबर

    आयकर निदेशालय ने लोकसभा चुनाव के लिए शुरू किया कंट्रोल रूम, जारी किया टोल-फ्री मोबाइल नंबर

    नई दिल्ली। आयकर निदेशालय जांच, दिल्ली ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर एक 24×7 नियंत्रण कक्ष और टोल-फ्री मोबाइल नंबर 9868168682 जारी किया है। इस नियंत्रण कक्ष के माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली-एनसीआर के अंदर नकदी, सोना-चांदी और अन्य कीमती वस्तुओं के संदिग्ध आवागमन या वितरण को रोकने तथा निगरानी करने में मदद मिलेगी। ये नियंत्रण कक्ष दिल्ली में आदर्श आचार संहिता की पूरी अवधि के दौरान कार्यरत रहेगा।

    वित्त मंत्रालय ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि लोकसभा (आम चुनाव), 2024 के लिए अन्य उपायों के तहत आयकर निदेशालय ने सिविक सेन्टर, नई दिल्ली में 24X7 नियंत्रण कक्ष खोला है। इसके साथ ही निदेशालय ने सिविक सेंटर, नई दिल्ली में एक टोल-फ्री नंबर भी जारी किया है, जिसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति एनसीटी दिल्ली में बेहिसाब नकदी, बूलियन और अन्य मूल्यवान वस्तुओं की संदिग्ध आवाजाही या वितरण के संबंध में आयकर विभाग से बातचीत कर सकता है और जानकारी भी दे सकता है।

    मंत्रालय के मुताबिक इस नियंत्रण कक्ष का विवरण इस प्रकार है :- कमरा नंबर 17, भूतल, सी-ब्लॉक, सिविक सेंटर, नई दिल्ली-110002 तथा टोल फ्री नंबर:- 1800112300, लैंडलाइन नंबर: 011-23232312/31/67/76 और मोबाइल नंबर:- 9868168682 है। मंत्रालय ने कहा कि इसके जरिए कोई निवासी टोल-फ्री नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। फोन करने वाले को नियंत्रण कक्ष के समक्ष किसी भी व्यक्तिगत विवरण, जैसे नाम या पहचान के अन्य विवरण का खुलासा करने की जरूरत नहीं है लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि प्राप्त जानकारी विश्वसनीय और कार्रवाई योग्य हो।

    आयकर विभाग का नियंत्रण कक्ष आदर्श आचार संहिता की संपूर्ण अवधि के दौरान दिल्ली में क्रियाशील रहेगा। यह आम चुनाव, 2024 की घोषणा की तारीख से जब तक दिल्ली में चुनाव खत्म नहीं हो जाते जारी रहेगा। विभाग ने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की भावना के साथ नागरिकों से अनुरोध किया जाता है कि वे दिल्ली एनसीटी के संबंध में प्रासंगिक जानकारी उपर्युक्त नंबरों के माध्यम से आयकर निदेशालय से साझा करके अपनी सहायता प्रदान करे। सूचना देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी।

  • केन्द्र ने पीआईबी के तहत तथ्य जांच इकाई को आधिकारिक इकाई के रूप में किया अधिसूचित

    केन्द्र ने पीआईबी के तहत तथ्य जांच इकाई को आधिकारिक इकाई के रूप में किया अधिसूचित

    नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय के प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) के तहत गठित तथ्य जांच इकाई (फैक्ट चेक यूनिट) को आधिकारिक तथ्य जांच इकाई के रूप में अधिसूचित किया है।

    बुधवार को इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार सूचना और प्रसारण मंत्रालय के प्रेस सूचना ब्यूरो के तहत फैक्ट चेक यूनिट केंद्र सरकार की आधिकारिक तथ्य-जांच इकाई के रूप में काम करेगी।

    उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने अपने संचालन से संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर सामग्री की निगरानी के लिए आधिकारिक तौर पर एक तथ्य-जांच इकाई (एफसीयू) की स्थापना की है। यह कदम हाल ही में संशोधित सूचना प्रौद्योगिकी नियमों के अनुरूप है।

  • रिश्वत मामले में गिरफ्तार ईडी अधिकारी अंकित तिवारी को सुप्रीम कोर्ट ने दी अंतरिम जमानत

    रिश्वत मामले में गिरफ्तार ईडी अधिकारी अंकित तिवारी को सुप्रीम कोर्ट ने दी अंतरिम जमानत

    नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में गिरफ्तार ईडी अधिकारी अंकित तिवारी को अंतरिम जमानत दे दी है। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया। कोर्ट ने अंकित तिवारी की याचिका पर तमिलनाडु सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

    कोर्ट ने अंकित तिवारी को निर्देश दिया कि वो गवाहों को प्रभावित करने और साक्ष्यों से छेड़छाड़ की कोशिश नहीं करेंगे। अंकित तिवारी ने मद्रास हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर किया था। मद्रास हाईकोर्ट ने अंकित तिवारी की जमानत याचिका खारिज कर दिया था जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

    इस मामले में ईडी ने याचिका दायर कर कहा है कि उसके अधिकारी अंकित तिवारी के खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़े आरोपों की जांच तमिलनाडु पुलिस से हटाकर सीबीआई को दी जाए। ईडी ने कहा है कि तमिलनाडु पुलिस एफआईआर की प्रति उपलब्ध नहीं करा रही है।