Category: दिल्ली

  • असम कांग्रेस हिमंत बिस्वा सरमा के नियंत्रण में है और कांग्रेस के कद्दावर नेता बीजेपी में शामिल हो रहे हैं: रफीकुल इस्लाम

    असम कांग्रेस हिमंत बिस्वा सरमा के नियंत्रण में है और कांग्रेस के कद्दावर नेता बीजेपी में शामिल हो रहे हैं: रफीकुल इस्लाम

    नई दिल्ली, | असम से ऑल इंडिया यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) विधायक डॉ (हाफिज) रफीकुल इस्लाम ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में कहा है कि असम में 14 सीटें हैं, जिसमें हम 3 पर चुनाव लड़ रहे हैं। हमारी एक छोटी पार्टी है। हमने 2014 में भी 3 सीटें जीती थीं। इस बार भी 3 सीटों पर हम चुनाव लड़ रहे हैं। इन 3 सीटों पर हम बीजेपी और कांग्रेस दोनों को हराएंगे।

    रफीकुल इस्लाम ने आगे कहा कि शेष सभी 11 सीटों पर कांग्रेस को जोर लगाना होगा लेकिन दुर्भाग्य से असम कांग्रेस हिमंत बिस्वा सरमा के नियंत्रण में है और असम कांग्रेस के कद्दावर नेता बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। इन 11 सीटों पर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने होंगी।

  • दिल्ली आबकारी घोटालाः मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका का सीबीआई ने किया विरोध, 22 मार्च को सुनवाई

    दिल्ली आबकारी घोटालाः मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका का सीबीआई ने किया विरोध, 22 मार्च को सुनवाई

    नई दिल्ली,। सीबीआई ने दिल्ली आबकारी घोटाला मामले के आरोपित दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध किया है। सीबीआई ने दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि इस मामले में कुछ हाई प्रोफाइल लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है। जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 22 मार्च को होगी।

    सीबीआई ने कहा कि इस मामले में जांच चल रही है और अगर सिसोदिया को जमानत दी जाती है तो जांच पर असर पड़ेगा। सीबीआई ने कहा कि अधिकारियों की वजह से देरी नहीं हो रही है। सीबीआई का कहना है कि उसके द्वारा उचित प्रक्रिया अपनाई जा रही है और इस मामले में जांच बहुत महत्वपूर्ण चरण में है। सीबीआई ने कहा कि सिसोदिया पूरी साजिश के मुख्य आरोपित और सरगना हैं। उनका संवेदनशील दस्तावेजों और सबूतों से सामना कराया गया है और वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं। सीबीआई ने कहा कि जिस दिन मामले में केस दर्ज किया गया था, उसी दिन उन्होंने फोन नष्ट किए थे। सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि मामले में कुछ हाई प्रोफाइल लोगों को भी गिरफ्तार किया जा सकता है।

    उल्लेखनीय है कि सिसोदिया की ओर से सुप्रीम कोर्ट में उनकी जमानत याचिका खारिज करने के खिलाफ क्यूरेटिव याचिका दाखिल की गई है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।

    सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था। 25 नवंबर 2022 को सीबीआई ने पहली चार्जशीट दाखिल की थी। कोर्ट ने 15 दिसंबर 2022 को पहली चार्जशीट का संज्ञान लिया था। कोर्ट ने आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 7, 7ए और 8 के तहत आरोप तय किए थे। पहली चार्जशीट में कोर्ट ने जिन आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट पर संज्ञान लिया है, उनमें कुलदीप सिंह, नरेंद्र सिंह, विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली, अरुण रामचंद्र पिल्लै, मुत्थू गौतम और समीर महेंद्रू शामिल हैं।

  • दिल्ली पुलिस कालकाजी मंदिर में जागरण के दौरान महिला की मौत की जांच में तेजी लाए: हाई कोर्ट

    दिल्ली पुलिस कालकाजी मंदिर में जागरण के दौरान महिला की मौत की जांच में तेजी लाए: हाई कोर्ट

    नई दिल्ली,। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है कि वो कालकाजी मंदिर में 27 जनवरी को जागरण के दौरान एक महिला की मौत की तेजी से जांच करे। जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वो इस हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें।

    आज सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने इस बात पर गौर किया कि मंदिर का प्रशासन प्रशासक के अधीन है और 27 जनवरी को हुए आयोजन की अनुमति प्रशासक से नहीं ली गई थी। बतादें कि 20 फरवरी को सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने निर्देश दिया था कि दिल्ली के कालकाजी मंदिर में कोर्ट की ओर से नियुक्ति प्रशासक की अनुमति के कोई भी जागरण या धार्मिक आयोजन नहीं किए जा सकते हैं। सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया था कि 27 जनवरी को सेवादार मित्र मंडल के दो सदस्यों ने कालकाजी मंदिर में जागरण का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में गीतकार बी. पारीक को बुलाया गया था। कोर्ट ने इस आयोजन के दौरान महिला की मौत पर नाखुशी जताते हुए कहा था कि मंदिर का पूरा प्रबंधन और नियंत्रण कोर्ट की ओर से नियुक्त प्रशासक के अधीन होना चाहिए न कि किसी दूसरे व्यक्ति या सोसायटी के अधीन। कोर्ट ने साफ किया था कि मंदिर का महंत प्रशासनिक फैसले नहीं ले सकता है और वो मंदिर परिसर में किसी कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति नहीं दे सकता है। कोर्ट ने मंदिर के प्रशासक को निर्देश दिया कि वो मंदिर परिसर में भीड़ पर नियंत्रण को लेकर कदम उठाएं।

    22 सितंबर 2021 को हाई कोर्ट ने कालकाजी मंदिर की व्यवस्था का काम देखने के लिए हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस एआर मिधा को प्रशासक नियुक्त किया था। कोर्ट ने कहा था कि प्रशासक श्रद्धालुओं, बारीदारों की सुरक्षा और मंदिर की पवित्रता बनाये रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएंगे। प्रशासक के सहयोग के लिए कोर्ट ने मनमीत अरोड़ा की लोकल कमिश्नर के रूप में नियुक्ति की थी। कोर्ट ने प्रशासक को एक सचिव सह कोषाध्यक्ष नियुक्त करने का निर्देश दिया था, जो प्रशासक के रोजाना के कामों में मदद करेंगे।

  • सुप्रीम कोर्ट का इलेक्टोरल बांड के खुलासे के खिलाफ एसोचैम-सीआईआई की दलीलों पर विचार से इनकार

    सुप्रीम कोर्ट का इलेक्टोरल बांड के खुलासे के खिलाफ एसोचैम-सीआईआई की दलीलों पर विचार से इनकार

    नई दिल्ली,। सुप्रीम कोर्ट के पांच सदस्यीय संविधान बेंच ने इलेक्टोरल बांड मामले में 12 अप्रैल 2019 के पहले जारी इलेक्टोरल बांड का खुलासा नहीं करने की मांग खारिज कर दी है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि अप्रैल 2019 में ही सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश में कहा था कि इनका खुलासा करना है।

    याचिका एसोचैम और सीआईआई ने दायर किया था। एसोचैम और सीआईआई की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि इलेक्टोरल बांड स्कीम ही अनाम वित्तीय दानकर्ताओं की ओर से राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले बांड की विस्तृत जानकारी कैसे दी जा सकती है। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि 12 अप्रैल 2019 से आगे की जानकारी दी जाए। उस समय हर कोई इस बात को जानता था। उद्योग संगठन इस बात से वाकिफ थे।

  • तमिलनाडु सरकार ने के. पोनमुडी को दोबारा मंत्री नियुक्त करने से राज्यपाल के इनकार करने को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती

    तमिलनाडु सरकार ने के. पोनमुडी को दोबारा मंत्री नियुक्त करने से राज्यपाल के इनकार करने को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती

    नई दिल्ली। तमिलनाडु सरकार ने डीएमके विधायक के. पोनमुडी को दोबारा मंत्री नियुक्त करने से राज्यपाल आरएन रवि के इनकार करने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। दरअसल, तमिलनाडु राज्यपाल आरएन रवि ने मुख्यमंत्री स्टालिन की सिफारिश के बावजूद विधायक पद पर बहाल हुए के. पोनमुडी को मंत्री पद की शपथ दिलाने से इनकार कर दिया।

    आज तमिलनाडु सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष मेंशन करते हुए जल्द सुनवाई की मांग की, जिसके बाद कोर्ट ने इस पर देखने का भरोसा दिया। दरअसल, आय से अधिक संपत्ति के मामले में के. पोनमुडी को मंत्री पद से हाथ धोना पड़ा था। उनकी विधायकी भी चली गई थी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा पोनमुडी की सजा पर रोक लगाने के बाद भी राज्यपाल ने उन्हें मंत्री पद की शपथ दिलाने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

  • लोकसभा चुनाव के साथ चार राज्यों में विधानसभा चुनाव की भी घोषणा

    लोकसभा चुनाव के साथ चार राज्यों में विधानसभा चुनाव की भी घोषणा

    नई दिल्ली,। लोकसभा चुनाव 2024 के साथ देश के चार राज्यों में विधानसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा हो गई है। इन राज्यों में ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, आंध्रप्रदेश और सिक्किम शामिल हैं।

    चुनाव आयोग के अनुसार ओडिशा में चार चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे। यहां 13 मई, 20 मई, 25 मई और एक जून को वोट डाले जाएंगे।

    अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए नोटिफिकेशन 20 मार्च को जारी होगा और मतदान 19 अप्रैल को होगा। राज्य की 60 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में चुनाव होंगे।

    सिक्किम विधानसभा के लिए भी एक ही चरण में सभी 32 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। नोटिफिकेशन की तारीख 20 मार्च और वोटिंग 19 अप्रैल को होगी।

    आंध्र प्रदेश की सभी 175 सीटों पर चुनाव के लिए 18 अप्रैल को नोटिफिकेशन जारी होगा और 13 मई को वोट डाले जाएंगे।

    इसके अलावा अलग-अलग राज्यों की 26 विधानसभा सीटों पर भी उप चुनाव होंगे। ये चुनाव भी आम चुनावों के साथ होंगे।

  • अरविंद केजरीवाल को ईडी के समन मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट से मिली जमानत

    अरविंद केजरीवाल को ईडी के समन मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट से मिली जमानत

    नई दिल्ली। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने ईडी की ओर से समन पर पेश नहीं होने के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी है। एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा ने केजरीवाल को 15 हजार रुपये के निजी मुचलके और एक लाख रुपये के जमानती के आधार पर जमानत दी है। मामले की अगली सुनवाई एक अप्रैल को होगी।

    शनिवार को अरविंद केजरीवाल कोर्ट में पेश हुए। इसके पहले एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की ओर से जारी समन को केजरीवाल ने सेशंस कोर्ट में चुनौती दी थी। सेशंस कोर्ट ने केजरीवाल की याचिका खारिज करते हुए कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था। उसके बाद केजरीवाल आज कोर्ट में पेश हुए।

    सेशंस कोर्ट में सुनवाई के दौरान केजरीवाल की ओर से पेश वकील रमेश गुप्ता ने कहा था कि केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने से पहले अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 197 के तहत अनुमति लेनी होगी। किसी भी लोकसेवक के खिलाफ मुकदमा चलाने के पहले अनुमति लेनी होती है। एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने दूसरा समन जारी करने के पहले केजरीवाल के पहले समन जारी होने के समय के जवाब पर गौर नहीं किया।

    सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने कहा था कि पेश होने के ठीक पहले याचिका दायर की गई है। ऐसा जानबूझकर किया गया है। बार-बार समन जारी करने के बाद भी वे पेश नहीं होते हैं। 16 मार्च की पेशी का आदेश काफी पहले का है। तब गुप्ता ने कहा कि हम केवल पेशी से छूट चाहते हैं। उन्होंने कहा था कि ये समनिंग ट्रायल है और इस मामले में अधिकतम सजा एक महीने की कैद या जुर्माना या दोनों है। गुप्ता ने कहा था कि एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष जांच अधिकारी ने याचिका दायर की है न कि ईडी ने। जांच अधिकारी ने अपने व्यक्तिगत हैसियत से याचिका दायर की है। गुप्ता ने कहा था कि हम केवल केजरीवाल की कोर्ट में पेशी से छूट की मांग कर रहे हैं। वे केजरीवाल को कोर्ट में बुलाकर केवल पब्लिसिटी लेना चाहते हैं। इस पर राजू ने कहा था कि हम पब्लिसिटी नहीं चाहते हैं। सात फरवरी को आदेश दिया गया और याचिका दायर की गई 14 मार्च को। पेशी से एक दिन पहले। उन्होंने 17 फरवरी के आदेश को पढ़ते हुए कहा कि केजरीवाल वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश हुए और कोर्ट को भरोसा दिया था कि वे 16 मार्च को पेश होंगे।

    राजू ने कहा था कि केजरीवाल अंतरिम राहत के हकदार नहीं हैं। केजरीवाल कहते हैं कि वे आम आदमी के प्रतिनिधि हैं। क्या उन्हें आम आदमी की तरह बेटी बीमार है, उसका एग्जाम है, कह कर बहाने की अनुमति दी जा सकती है। वे पेशी से बचने के लिए कभी कहते हैं कि उन्हें उद्घाटन करना है, कभी कहते हैं कि विपश्यना में जाना है। अगर एक आम आदमी ऐसा करता है तो क्या उसे इसकी अनुमति दी जा सकती है। राजू ने याचिका की प्रति उपलब्ध कराने की मांग की। इस पर गुप्ता ने कहा कि सेशंस कोर्ट में एडवांस प्रति देने की बाध्यता नहीं है।

    ईडी ने केजरीवाल के खिलाफ दो शिकायतें की है। उल्लेखनीय है कि 7 फरवरी को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने ईडी की पहली शिकायत पर संज्ञान लेते हुए केजरीवाल को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया था। दिल्ली आबकारी घोटाले में पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी ने संजय सिंह को 4 अक्टूबर को उनके सरकारी आवास पर पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। ईडी ने इस मामले में मनीष सिसोदिया को 9 मार्च 2023 को पूछताछ के बाद तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। सिसोदिया को पहले सीबीआई ने 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था।

    संजय सिंह की जमानत याचिका राऊज एवेन्यू कोर्ट खारिज कर चुका है। संजय सिंह की जमानत याचिका हाई कोर्ट भी खारिज कर चुका है, जिसके बाद संजय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर कर रखी है। सिसोदिया की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट भी खारिज कर चुका है।

  • पूर्व आईएएस नवनीत सहगल प्रसार भारती के चेयरमैन बने

    पूर्व आईएएस नवनीत सहगल प्रसार भारती के चेयरमैन बने

    नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के पूर्व प्रशासनिक अधिकारी (आईएएस) नवनीत सहगल को प्रसार भारती का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। शुक्रवार को सूचना व प्रसारण मंत्रालय ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी। सहगल का यह कार्यकाल 3 वर्षों का होगा।

    1988 बैच के आईएएस अधिकारी रहे नवनीत सहगल, उत्तर प्रदेश की बसपा सरकार में मुख्यमंत्री मायावती के सचिव रहे। इसके साथ वे राज्य की सपा और भाजपा सरकार में भी अहम भूमिका में रहे।

    शनिवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्री द्वारा 15 मार्च के जारी आदेश में कहा गया है कि राष्ट्रपति, चयन समिति की सिफारिश पर नवनीत कुमार सहगल को प्रसार भारती बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। पिछले चार साल से यह पद खाली पड़ा था।

  • देश में आज बजेगी आम चुनाव की डुगडुगी

    देश में आज बजेगी आम चुनाव की डुगडुगी

    नई दिल्ली,। भारत निर्वाचन आयोग आज दोपहर लगभग तीन बजे इस साल देश में होने वाले आम चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन में करेगा । विज्ञान भवन में आयोजित होने वाले संवाददाता सम्मेलन में देश की 543 लोकसभा सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए मतदान की तिथियां घोषित की जाएंगी। इसके अलावा कुछ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की भी घोषणा होगी।

    भारत निर्वाचन आयोग ने संवाददाता सम्मेलन की पूर्व संध्या पर यह जानकारी अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर दी। तीन सदस्यों वाले निर्वाचन आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त (द्वय) सुखबीर सिंह संधु और ज्ञानेश कुमार हैं। आयोग इस अवसर पर आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है। मतदान की तारीखों के ऐलान के साथ आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी।

    उल्लेखनीय है कि मौजूदा लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को खत्म हो रहा है। नई लोकसभा का गठन उससे पहले होना है। पिछली बार (2019) लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा 10 मार्च को की गई थी और 11 अप्रैल से 19 मई के बीच सात चरणों में मतदान हुआ था। मतगणना 23 मई को हुई थी।

  • जम्मू-कश्मीर पीपुल्स लीग के चार गुटों पर गृह मंत्रालय ने लगाया प्रतिबंध, चारों गैरकानूनी संगठन घोषित

    जम्मू-कश्मीर पीपुल्स लीग के चार गुटों पर गृह मंत्रालय ने लगाया प्रतिबंध, चारों गैरकानूनी संगठन घोषित

    नई दिल्ली,। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर पीपुल्स लीग के चार गुटों- जेकेपीएल (मुख्तार अहमद वाजा), जेकेपीएल (बशीर अहमद तोता), जेकेपीएल (गुलाम मोहम्मद खान) और याकूब शेख के नेतृत्व वाली जेकेपीएल (अजीज शेख) को ”गैरकानूनी संगठन” घोषित किया है। इस संबंध में मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर दी है। यह संगठन जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को भड़काने और अलगाववाद को बढ़ावा देने में शामिल रहे हैं।

    गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आतंकवाद के प्रति शून्य-सहिष्णुता की नीति का पालन करते हुए यह फैसला लिया गया है। मोदी सरकार आतंकवाद को कठोरता से कुचलने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अलावा गृह मंत्रालय ने ”जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (मोहम्मद यासीन मलिक गुट)” को अगले पांच साल के लिए ”गैरकानूनी संगठन” घोषित कर दिया है। यह संगठन जम्मू-कश्मीर में आतंक और अलगाववाद को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों में लगा हुआ है।

    इसके अलावा जम्मू-कश्मीर पीपुल्स फ्रीडम लीग को पांच साल के लिए ”गैरकानूनी संगठन” घोषित कर दिया है। इस संगठन ने आतंकवाद के माध्यम से जम्मू-कश्मीर में अलगाव को बढ़ावा देने के साथ देश की अखंडता को खतरा पैदा किया है। शाह ने कहा कि देश की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता को चुनौती देने वाले किसी भी संगठन या व्यक्ति को कठोर कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ेगा। मोदी सरकार आतंकी गतिविधियों में शामिल लोगों और संगठनों को बख्शने से नहीं हिचकेगी।