Category: दिल्ली

  • आयोग आज करेगा आम चुनाव कार्यक्रम की घोषणा, इसी के साथ लागू हो जाएगी आचार संहिता

    आयोग आज करेगा आम चुनाव कार्यक्रम की घोषणा, इसी के साथ लागू हो जाएगी आचार संहिता

    नई दिल्ली,। चुनाव आयोग आज (शनिवार) यहां देश में होने वाले आम चुनाव की घोषणा करेगा। आयोग इसके साथ ही राज्य विधानसभाओं के चुनाव कार्यक्रम की भी घोषणा करेगा। इसके साथ ही देशभर में आचार संहिता लागू हो जाएगी।

    आयोग ने इस संबंध में प्रेसवार्ता आयोजित की है। कल दोपहर विज्ञान सभा में आयोग चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है। इसके अलावा आयोग आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम के कार्यक्रम की भी घोषणा करेगा। इस बात की भी संभावना जताई जा रही है कि आयोग जम्मू-कश्मीर में भी चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है। उल्लेखनीय है कि वर्तमान लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को समाप्त हो रहा है। वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव की घोषणा 10 मार्च को की गई थी और 11 अप्रैल से 19 मई के बीच सात चरणों में मतदान हुआ था।

    आज सुबह नवनियुक्त चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधु और ज्ञानेश कुमार ने पदभार संभाल लिया ।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली समिति ने कल दोनों के नामों को मंजूरी प्रदान की थी। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने निर्वाचन सदन में नवनियुक्त चुनाव आयुक्तों का स्वागत किया। उन्होंने इस ऐतिहासिक क्षण में उनके शामिल होने के महत्व को रेखांकित किया जब टीम ईसीआई दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में 2024 के आम चुनाव कराने के लिए पूरी तरह तैयार है।

    तीन सदस्यीय चुनाव आयोग अब पूर्ण हो गया है। इससे पहले आयोग के दो पद रिक्त थे। चुनाव आयुक्त अनूप चन्द्र पांडे का पिछले महीने कार्यकाल समाप्त हो गया था और अरुण गोयल ने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

  • अजीत डोभाल की इजरायल यात्रा शांति और स्थिरता के लिए- विदेश मंत्रालय

    अजीत डोभाल की इजरायल यात्रा शांति और स्थिरता के लिए- विदेश मंत्रालय

    नई दिल्ली,। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की हाल की इजरायल यात्रा उस क्षेत्र में शांति और स्थिरता कायम करने के भारत के प्रयासों का एक हिस्सा थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक पत्रकार वार्ता में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की यात्रा के बारे में कहा कि उन्होंने उस दौरान प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की तथा अपने इजरायली समकक्ष एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से विचार-विमर्श किया। वार्ता में गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाए जाने तथा बंधकों की रिहाई के संबंध में भी चर्चा हुई।

    प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री पश्चिम एशिया में शांति और स्थायित्व को बहुत महत्व देते हैं। इस सिलसिले में वे विभिन्न अरब देशों के नेताओं के संपर्क में भी है। लैटिन अमेरिकी देश हैती में जारी संघर्ष के संबंध में प्रवक्ता ने कहा कि आवश्यक होने पर वहां फंसे भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाने के लिए कदम उठाए जायेंगे। इस संबंध में हमारी तैयारी है। विदेश मंत्रालय में इस संबंध में एक नियंत्रण कक्ष बनाया गया है।

  • जानिए यूनेस्को की सूची में शामिल मध्य प्रदेश की 6 ऐतिहासिक विरासतों के बारे में

    जानिए यूनेस्को की सूची में शामिल मध्य प्रदेश की 6 ऐतिहासिक विरासतों के बारे में

    नई दिल्ली,। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश के छह दर्शनीय स्थलों को अपनी अस्थायी सूची में शामिल किया है। आइये जानते हैं वे ऐतिहासिक धरोहर कौन सी हैं और उनकी क्या विशेषताएं हैं–

    ग्वालियर किला- ग्वालियर में अपनी अभेद्य सुरक्षा के लिए जाना जाने ग्वालियर किला एक पहाड़ी पर स्थित है, जहाँ से शहर एवं आसपास का मनमोहक दृश्य नजर आता है। अपनी 10 मीटर ऊंची दीवारों के साथ, यह किला उत्कृष्ट मूर्तियों एवं उल्लेखनीय वास्तुकला से सुसज्जित है। इतिहासकारों के अनुसार, ग्वालियर किले की सबसे पहली नींव छठी शताब्दी ईस्वी में राजपूत योद्धा सूरज सेन द्वारा रखी गई थी। विभिन्न शासकों द्वारा आक्रमण और शासन करने के बाद, तोमरों ने 1398 में किले पर कब्ज़ा किया। तोमरों में सबसे प्रसिद्ध मान सिंह थे। उन्होंने ही किले परिसर के अंदर कई स्मारकों का निर्माण कराया था।

    धमनार ऐतिहासिक समूह- धमनार गुफाएं मंदसौर जिले के धमनार गांव में स्थित हैं। चट्टानों को काटकर बनाई गई इस जगह पर 51 गुफाएं, स्तूप, चैत्य, मार्ग और सघन आवास हैं और इसे 7वीं शताब्दी ईस्वी में बनाया गया था। इस स्थल में बैठे हुए और निर्वाण मुद्रा में गौतम बुद्ध की विशाल प्रतिमा शामिल है। उत्तरी किनारे पर चौदह गुफाएँ ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, जिनमें बारी कचेरी (बड़ा प्रांगण) और भीमा बाज़ार उत्कृष्ट हैं। बारी कचेरी गुफा 20 फीट वर्गाकार है और इसमें एक स्तूप और चैत्य शामिल हैं। बरामदे में लकड़ी की वास्तुकला के साथ एक पत्थर की रेलिंग शामिल है।

    भोजेश्वर महादेव मंदिर, भोजपुर- राजधानी भोपाल से लगभग 28 किमी दूर स्थित, भोजेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। एक ही पत्थर से उकेरा गया, गर्भगृह में विशाल लिंग लगभग 6 मीटर की परिधि के साथ 2.35 मीटर लंबा है। यह 6 मीटर वर्ग में तीन-स्तरीय बलुआ पत्थर के मंच पर स्थापित है। इसकी अद्भुत वास्तुकला की वजह से इसे ‘पूर्व का सोमनाथ’ की उपाधि दी गई। भोजपुर गांव में एक पहाड़ी पर राजा भोज ने 1010 से 1053 ईस्वी के बीच निर्माण का आदेश दिया था। हालाँकि, मंदिर कभी भी अपने पूर्ण निर्माण तक नहीं पहुंच पाया।

    रॉक आर्ट साइट ऑफ द चंबल वेली-चंबल बेसिन और मध्य भारत में विभिन्न ऐतिहासिक काल और सभ्यताओं से उत्पन्न रॉक कला स्थलों की दुनिया की सबसे बड़ी सघनता है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में फैले ये स्थल प्राचीन मानव निवास और सांस्कृतिक विकास की अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं। पुरापाषाण काल से लेकर ऐतिहासिक काल तक फैली, रॉक कला दैनिक जीवन, धार्मिक अनुष्ठानों और शिकार प्रथाओं के दृश्यों को दर्शाती है। चंबल बेसिन में रॉक कला स्थल कलात्मक शैलियों और सांस्कृतिक प्रभावों का मिश्रण प्रदर्शित करते हैं, जो क्षेत्र के गतिशील इतिहास को दर्शाते हैं।

    खूनी भंडारा, बुरहानपुर- अपनी तरह की अनोखी जल आपूर्ति प्रणाली खूनी या कुंडी भंडारा बुरहानपुर में स्थित है, जो 407 साल पहले तैयार की गई थी और भी संचालित है और लोगों के लिये उपयोगी है। इसका निर्माण 1615 में बुरहानपुर के शासक रहे अब्दुर्रहीम खानखाना ने करवाया था।

    गोंड स्मारक, मंडला, रामनगर- मंडला जिले का रामनगर गोंड राजाओं का गढ़ हुआ करता था। सन् 1667 में गोंड राजा हृदय शाह ने नर्मदा नदी के किनारे मोती महल का निर्माण करवाया था। सीमित संसाधन और तकनीक के बावजूद पांच मंजिला महल राजा की इच्छाशक्ति की गवाही देता है। समय के साथ दो मंजिलें जमीन में दब गई हैं लेकिन तीन मंजिलें आज भी देखी जा सकती हैं।

  • दिल्ली शराब घोटाले में पूर्व सीएम केसीआर की बेटी कविता गिरफ्तार

    दिल्ली शराब घोटाले में पूर्व सीएम केसीआर की बेटी कविता गिरफ्तार

    – बीआरएस ने कविता की गिरफ्तारी के विरोध में तेलंगाना में विरोध-प्रदर्शन करने का किया ऐलान

    हैदराबाद,। तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारत राष्ट्र समिति के अध्यक्ष केसीआर की बेटी एवं एमएलसी कविता को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली शराब घोटाला मामले में संयुक्त निदेशालय के नेतृत्व में आठ अधिकारियों ने शुक्रवार दोपहर बंजार हिल्स स्थित उनके आवास की तलाशी ली। इसके बाद अधिकारियों ने उनको गिरफ्तार कर लिया। इसको लेकर एमएलसी कविता ने ईडी के अधिकारियों से सवाल किया कि वे उन्हें किस आधार पर गिरफ्तार कर रहे हैं और ईडी के अधिकारियों से ट्रांजिट वारंट मांगा।

    मीडिया को जारी प्रेस विज्ञप्ति और कविता को दिए गए मेमो में ईडी अधिकारियों ने कहा कि उन्हें दिल्ली शराब मामले में गिरफ्तार किया गया है। ईडी के मुताबिक शुक्रवार शाम 5.20 बजे उन्हें गिरफ्तार किया गया है। ईडी ने . गिरफ्तारी का कारण बताते हुए कविता को 14 पेज का मेमो दिया। ईडी ने खुलासा किया है कि कविता के साथ-साथ उनके पति अनिल को भी सूचित किया गया है और कविता पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 3 के तहत आरोप लगाए गए हैं और निदेशालय ने दोषी पाया। इसके बाद कड़ी सुरक्षा के बीच कविता को हैदराबाद के शमशाबाद एयरपोर्ट ले जाया गया, जहां पार्टी के कार्यकर्ता के विरोध के बीच पुलिस को हल्का लाठीचार्ज भी करना पड़ा।

    कविता ने भारत राष्ट्र समिति के कार्यकर्ताओं से कहा कि ऐसे कितने भी जुल्म हों वे लड़ेंगी और कार्यकर्ताओं से मनोबल मजबूत रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि वह कानून में विश्वास के साथ विरोधियों का सामना करेंगी।

    इससे पहले पार्टी कार्यकर्ताओं के बड़ी संख्या में कविता के आवास पर पहुंचने से तनाव हो गया। उन्होंने केंद्र सरकार और ईडी के खिलाफ नारे लगाए। भारत राष्ट्र समिति के लीगल सेल की महासचिव सोमा भरत ने कहा कि उन्होंने यह नहीं बताया गया कि कविता को क्यों गिरफ्तार किया जा रहा है। उन्होंने पूछा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है तो चुनाव से पहले ही क्यों गिरफ्तारियां हुईं?

    पार्टी के कानून विशेषज्ञ ने कल सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के बात कही है और कानूनी कार्रवाई करने की घोषणा की है। फिलहाल समाचार लिखे जाने तक कविता नई दिल्ली के लिए रवाना हो चुकी हैं। जहां कल राऊज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया जाएगा।

    इधर, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने शनिवार को कविता की गिरफ्तारी के विरोध में तेलंगाना में विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।

  • एक देश एक चुनाव: लोकसभा के साथ ही हों विधानसभाओं के चुनाव, संवैधानिक बदलाव के लिए आधे राज्यों से अनुमति लेने की सिफारिश

    एक देश एक चुनाव: लोकसभा के साथ ही हों विधानसभाओं के चुनाव, संवैधानिक बदलाव के लिए आधे राज्यों से अनुमति लेने की सिफारिश

    – पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति ने राष्ट्रपति को सौंपी रिपोर्ट

    – विधान सभाओं के चुनाव कराने के सौ दिनों के भीतर कराए जाएं नगरपालिकाओं और पंचायतों के चुनाव

    – इन सभी चुनावों के लिए एक ही मतदाता सूची का उपयोग किए जाने की सिफारिश

    नई दिल्ली,। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द की अध्यक्षता में केन्द्र और राज्यों में एक साथ चुनाव कराने संबंधित सिफारिशें देने के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति ने आज अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी। इसमें सिफारिश की गई है कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल पांच साल का हो और किसी कारण से सरकार नहीं बन पाने या सरकार नहीं चल पाने की स्थिति में दोबारा चुनाव केवल बाकी बचे समय के लिए हो।

    रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी सुझावों और दृष्टिकोणों पर सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद समिति एक साथ चुनाव कराने के लिए दो-चरणीय व्यवस्था की सिफारिश करती है। पहले चरण के रूप में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराए जाएंगे। दूसरे चरण में नगरपालिकाओं और पंचायतों के चुनाव लोक सभा और राज्य विधान सभाओं के चुनाव कराने के सौ दिनों के भीतर कराए जायें। इसके लिए होने वाले संवैधानिक बदलाव के लिए कम से कम आधे राज्यों के समर्थन की आवश्यकता होगी।

    समिति ने सिफारिश की है कि सरकार के सभी तीनों स्तरों के निर्वाचनों में प्रयोग के लिए एक ही निर्वाचक नामावली और निर्वाचक फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) होने चाहिए। इन संशोधनों के लिए कम से कम आधे राज्यों की सहमति की आवश्यकता होगी।

    समिति का कहना है कि त्रिशंकु सदन, अविश्वास प्रस्ताव या ऐसी किसी घटना की स्थिति में लोक सभा के समाप्त न हुए कार्यकाल के लिए नई लोक सभा या राज्य विधान सभा के गठन के लिए नए सिरे से चुनाव कराए जाने चाहिए। समिति की सिफारिश है कि साजो-सामान संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भारत का चुनाव आयोग राज्य चुनाव आयोगों के परामर्श से पहले से योजना बनाएगा और अनुमान लगाएगा और जनशक्ति, मतदान कर्मियों, सुरक्षा बलों, ईवीएम व वीवीपीएटी आदि की तैनाती के लिए कदम उठाएगा। ताकि एक साथ सरकार के तीनों स्तरों पर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित हों।

    समिति का मानना है कि एक साथ चुनाव मतदाताओं की पारदर्शिता, समावेशिता, सहजता और विश्वास को बढ़ाएंगी। एक साथ चुनाव कराने के लिए भारी समर्थन विकास प्रक्रिया और सामाजिक सामंजस्य को प्रोत्साहित करेगा, लोकतांत्रिक ढांचे की नींव को मजबूत करेगा और भारत की आकांक्षाओं को साकार करेगा।

    पैनल ने कहा कि सभी चुनावों को एक साथ कराने के लिए एक बार का अस्थायी उपाय आवश्यक होगा। आम चुनावों के बाद लोकसभा का गठन किया जाएगा और राष्ट्रपति पहली बैठक की उसी तारीख को अधिसूचना द्वारा परिवर्तन के प्रावधानों को लागू करेंगी। यह तिथि नियत तिथि कहलाएगी। एक बार प्रावधान लागू हो जाते हैं, तो नियत तिथि के बाद किसी भी चुनाव में गठित सभी विधानसभाओं का कार्यकाल लोकसभा के पूर्ण कार्यकाल की समाप्ति पर समाप्त हो जाएगा। भले ही विधानसभा का गठन कब हुआ हो।

    पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता में गठित समकालिक चुनावों पर उच्च स्तरीय समिति ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। 18,626 पृष्ठों वाली रिपोर्ट, 2 सितंबर को अपने गठन के बाद से 191 दिनों के हितधारकों और विशेषज्ञों के साथ व्यापक परामर्श और अनुसंधान कार्य का परिणाम है।

    समिति के अन्य सदस्यों में केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह, राज्यसभा में पूर्व नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद, 15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव डॉ सुभाष सी. कश्यप, हरीश साल्वे, और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी और विधि एवं न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल विशेष आमंत्रित थे। उच्च स्तरीय समिति के सचिव डॉ. नितेन चन्द्र थे।

    समिति ने विभिन्न हितधारकों के विचारों को समझने के लिए व्यापक परामर्श किया। 47 राजनीतिक दलों ने अपने विचार और सुझाव प्रस्तुत किए, जिनमें से 32 ने एक साथ चुनाव कराने का समर्थन किया। कई राजनीतिक दलों ने इस मामले पर एचएलसी के साथ व्यापक चर्चा की थी। सभी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के समाचार पत्रों में प्रकाशित सार्वजनिक सूचना के उत्तर में पूरे भारत के नागरिकों से 21,558 प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई थीं। 80 फीसदी लोगों ने एक साथ चुनाव कराने का समर्थन किया। समिति द्वारा विधि विशेषज्ञों, जैसे भारत के चार पूर्व मुख्य न्यायाधीशों और प्रमुख उच्च न्यायालयों के बारह पूर्व मुख्य न्यायाधीशों, भारत के चार पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्तों, आठ राज्य निर्वाचन आयुक्तों और भारत के विधि आयोग के अध्यक्ष को व्यक्तिगत रूप से बातचीत के लिए आमंत्रित किया गया था। भारत निर्वाचन आयोग से भी विचार मांगे गए थे।

    सीआईआई, फिक्की और एसोचैम जैसे शीर्ष व्यापारिक संगठनों और प्रख्यात अर्थशास्त्रियों से भी पृथक चुनावों के आर्थिक नतीजों पर अपने विचार प्रस्तुत करने के लिए परामर्श किया गया था। उन्होंने मुद्रास्फीति को बढ़ावा देने और अर्थव्यवस्था को धीमा करने पर पृथक चुनावों के प्रभाव के कारण एक साथ चुनाव की आर्थिक अनिवार्यता की वकालत की। इन निकायों द्वारा समिति को जानकारी दी गई कि बीच-बीच में होने वाले चुनावों का सामाजिक सौहार्द्र बिगाड़ने के अलावा आर्थिक विकास, सार्वजनिक व्यय की गुणवत्ता, शैक्षिक और अन्य परिणामों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

  • ‘एक देश एक चुनाव’ पर कमेटी ने राष्ट्रपति को सौंपी रिपोर्ट

    ‘एक देश एक चुनाव’ पर कमेटी ने राष्ट्रपति को सौंपी रिपोर्ट

    नई दिल्ली,। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी ने ‘एक देश एक चुनाव’ पर अपनी विस्तृत रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी है। इस बात की जानकारी कमेटी के सदस्य व केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दी।

    गुरुवार को एक्स हैंडल पर राष्ट्रपति को रिपोर्ट सौंपने की तस्वीर साझा करते हुए अर्जुन राम मेघवाल ने लिखा- “आज पूर्व राष्ट्रपति आदरणीय रामनाथ कोविंद जी की अध्यक्षता में गठित ‘एक देश एक चुनाव’ कमेटी के सदस्य के रूप में महामहिम राष्ट्रपति आदरणीया द्रौपदी मुर्मू जी को अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपी। इस अवसर पर माननीय गृहमंत्री श्री अमित शाह सहित कमेटी के सभी सम्माननीय सदस्यगण उपस्थित रहे।”

    राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को रिपोर्ट सौंपे जाने के समय कमेटी के सभी 7 सदस्य उपस्थित थे। इसमें गृहमंत्री अमित शाह, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन.के.सिंह, संविधानविद् सुभाष कश्यप और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी उपस्थित थे। वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे विदेश में रहने के कारण उपस्थित नहीं रह सके। इस कमेटी में लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को भी सदस्य बनाया गया था, पर उन्होंने असहमति जताते हुए उसी समय इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया था।

  • लोस चुनाव के लिए भाजपा-लोजपा ने बिहार में सीट बंटवारे को दिया अंतिम रूप: चिराग पासवान

    लोस चुनाव के लिए भाजपा-लोजपा ने बिहार में सीट बंटवारे को दिया अंतिम रूप: चिराग पासवान

    नई दिल्ली,। लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) रामविलास के अध्यक्ष चिराग पासवान ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की।

    मुलाकात के बाद चिराग पासवान ने एक्स पर तस्वीरें साझा करते हुए कहा कि एनडीए के सदस्य के रूप में आज भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा जी के साथ बैठक में हमने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए बिहार में सीट बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया है। उचित समय आने पर इसकी सूचना दी जाएगी।

    राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं थी कि चिराग पासवान आईएनडीआई गठबंधन में शामिल हो सकते हैं। हालांकि चिराग पासवान के सोशल मीडिया पोस्ट से ऐसा दावा किया जा रहा है कि बिहार में उनके लिए सीट फाइनल हो गई है। वे हाजीपुर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं।

  • लोकसभा चुनावः भाजपा की दूसरी सूची जारी- गडकरी, अनुराग ठाकुर, खट्टर और अनिल बलूनी समेत 72 को टिकट

    लोकसभा चुनावः भाजपा की दूसरी सूची जारी- गडकरी, अनुराग ठाकुर, खट्टर और अनिल बलूनी समेत 72 को टिकट

    नई दिल्ली, । आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 72 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है। इस सूची में केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी, अनुराग ठाकुर, प्रह्लाद जोशी, पीयूष गोयल, भारती पवार, शोभा करंदलाजे, अनिल बलूनी और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के नाम शामिल हैं। इस सूची में 15 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है। इसके साथ 10 अनुसूचित जाति और 9 अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों को भी टिकट दिया गया है।

    दिल्ली के सात में से दो लोकसभा सीटों के उम्मीदवारों की भी घोषणा की गई है। पूर्वी दिल्ली से हर्ष मल्होत्रा और उत्तर पश्चिम दिल्ली से योगेन्द्र चांदोलिया को उम्मीदवार बनाया गया है। भाजपा पांच सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा पहले ही कर चुकी है। उल्लेखनीय है कि 11 मार्च को भाजपा केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक में इन 72 उम्मीदवारों के नामों को तय किया गया था।

  • एचएएल के साथ 34 नए एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर ‘ध्रुव’ खरीदने का सौदा फाइनल

    एचएएल के साथ 34 नए एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर ‘ध्रुव’ खरीदने का सौदा फाइनल

    – रक्षा मंत्रालय ने 8073.17 करोड़ रुपये के दो अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए

    – भारतीय सेना को 25 और तटरक्षक बल को नौ ध्रुव हेलीकॉप्टर मिलेंगे

    नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने 34 नए एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) ध्रुव खरीदने के लिए बुधवार को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ 8073.17 करोड़ रुपये का सौदा फाइनल कर दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (सीसीएस) से 07 मार्च को मंजूरी मिलने के बाद आज दो अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए गए। इनमें से 25 ध्रुव हेलीकॉप्टर भारतीय सेना को और नौ भारतीय तटरक्षक बल को मिलेंगे।

    इन हेलीकॉप्टरों का निर्माण सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड स्वदेशी रूप से करेगी। भारतीय नौसेना, वायु सेना, सेना और तटरक्षक बल के पास फिलहाल कुल 325 से अधिक एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर हैं। एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टरों को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने डिजाइन और विकसित किया है। इन हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी 2001-02 से शुरू हुई थी। यह 5.5 टन वजन वर्ग में जुड़वां इंजन के साथ बहु-भूमिका वाला बहु-मिशन हेलीकॉप्टर है।

    भारतीय सेना के लिए 25 और भारतीय तटरक्षक बल के लिए 09 एएलएच ऑपरेशनल रोल उपकरण के साथ खरीदने का यह सौदा रक्षा विनिर्माण में स्वदेशीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारतीय सेना के लिए तैयार किया गया एएलएच ध्रुव मार्क-III यूटिलिटी संस्करण राहत एवं बचाव, सैन्य परिवहन, आंतरिक कार्गो, रेकी, हताहत निकासी आदि के लिए डिजाइन किया गया है। इस हेलीकॉप्टर ने सियाचिन ग्लेशियर और लद्दाख जैसे अधिकतम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन साबित किया है।

    इसी तरह भारतीय तटरक्षक के लिए तैयार किया गया एएलएच ध्रुव मार्क-III का समुद्री संस्करण समुद्र में निगरानी, तलाशी व बचाव तथा कार्गो ले जाने की क्षमता और चिकित्सा हताहत निकासी का उपयोग करके प्रदूषण प्रतिक्रिया के लिए तैयार किया गया है। इस हेलीकॉप्टर ने समुद्र और जमीन पर प्रतिकूल वायुमंडलीय परिस्थितियों में भी अपनी क्षमता साबित की है। यह परियोजना अनुमानित 190 लाख मानव घंटे का रोजगार पैदा करेगी। इसमें 200 से अधिक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम से उपकरणों की आपूर्ति होगी और 70 स्थानीय विक्रेता शामिल होंगे।

  • सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने दो हाई कोर्ट के लिए सात जजों के नामों की सिफारिश सरकार को भेजी

    सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने दो हाई कोर्ट के लिए सात जजों के नामों की सिफारिश सरकार को भेजी

    – दो हाई कोर्ट के 16 एडिशनल जजों को स्थायी जज नियुक्त करने की सिफारिश

    – दिल्ली हाई कोर्ट के दो जजों का ट्रांसफर करने की भी कॉलेजियम ने अनुशंसा की

    नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने दो हाई कोर्ट के लिए सात जजों की नियुक्ति की अनुशंसा की है। कॉलेजियम ने दो हाई कोर्ट के 16 एडिशनल जजों को स्थायी जज के रूप में नियुक्त करने की अनुशंसा की है। कॉलेजियम ने दिल्ली हाई कोर्ट के दो जजों का ट्रांसफर करने की भी अनुशंसा की है।

    सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस वी कामेश्वर राव को कर्नाटक हाई कोर्ट और जस्टिस संजीव सचदेवा को मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ट्रांसफर करने की अनुशंसा की है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने केरल हाई कोर्ट के लिए छह, इलाहाबाद हाई कोर्ट के लिए पांच और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट के लिए एक जज की नियुक्ति की अनुशंसा की है।

    कॉलेजियम ने केरल हाई कोर्ट के जज के लिए अब्दुल हकीम मुल्लापल्ली अब्दुल अजीज, श्याम कुमार वडक्के मुदावाक्कट, हरिशंकर विजयन मेनन, मनु श्रीधरन नायर, ईश्वरण सुब्रमणी और मनोज पुलम्बी माधवन के नाम की अनुशंसा की है। कॉलेजियम ने मोहम्मद युसूफ वानी को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट के जज के रूप में नियुक्त करने की अनुशंसा की है।

    कॉलेजियम ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के जिन एडिशनल जजों को स्थायी जज के रूप में नियुक्त करने की अनुशंसा की है, उनमें जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव, जस्टिस ओमप्रकाश शुक्ला, जस्टिस मोहम्मद अजहर हुसैन इदरीस, जस्टिस ज्योत्सना शर्मा और जस्टिस सुरेंद्र सिंह प्रथम हैं। कॉलेजियम ने बांबे हाई कोर्ट के जिन एडिशनल जजों को स्थायी जज के रूप में नियुक्त करने की अनुशंसा की है, उनमें जस्टिस उर्मिला सचिन जोशी, जस्टिस भरत पांडुरंग देशपांडे, जस्टिस किशोर चंद्रकांत संत , जस्टिस वाल्मिकी एसए मेंजेस, जस्टिस कमल रश्मि खाटा, जस्टिस शर्मिला उत्तमराव पेडनेकर, जस्टिस संदीप विष्णुपंत मार्ने, जस्टिस राजेश शांताराम पाटिल और जस्टिस आरिफ सालेह डॉक्टर हैं।