Category: मध्य प्रदेश

  • करोड़ों के लेन-देन में फर्जीवाड़े के आरोपों में घिरे आरजीपीवी के कुलपति ने दिया इस्तीफा

    करोड़ों के लेन-देन में फर्जीवाड़े के आरोपों में घिरे आरजीपीवी के कुलपति ने दिया इस्तीफा

    – यूनिवर्सिटी के सभी खाते फ्रीज

    भोपाल,। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) में करोड़ों रुपये के लेनदेन में गड़बड़ी का उजागर होने के बाद विवि के कुलपति डॉ. सुनील कुमार ने बुधवार को राजभवन पहुंचकर अपना इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही विश्वविद्यालय के सभी खातों को भी सीज कर दिया है। सरकार ने कुलपति को हटाने के पहले ही संकेत दिए थे।

    दरअसल, दो दिन पहले आरजीपीवी में करोड़ों रुपये के लेनदेन में गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद कुलपति, रजिस्ट्रार समेत पांच लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई थी। वहीं, राज्य स्तरीय कमेटी को जांच का जिम्मा सौंपा है। इस मामले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने यूनिवर्सिटी में धरना दिया था। इसके बाद सरकार ने मामले को गंभीरता से लेकर जांच कमेटी गठित की। जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही एफआईआर दर्ज की गई।

    यूनिवर्सिटी में एबीवीपी ने करोड़ों रुपये की गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं। अभी मामला जांच में है। हालांकि, तीन सदस्यीय जांच रिपोर्ट में 19.48 करोड़ रुपये निजी खातों में ट्रांसफर होने की बात सामने आई है। इस मामले में कुलपति, पूर्व रजिस्ट्रार, दलित संघ सुहागपुर समेत अन्य पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। जिनके हस्ताक्षर से चेक साइन कर निजी खातों में राशि ट्रांसफर की गई है।

    यूनिवर्सिटी प्रशासन ने सैलरी अकाउंट को छोड़कर बाकी खातों को गड़बड़ी सामने आने के बाद फ्रीज कर दिया है। अब पूरे मामले की जांच की जा रही है। अभी जांच में यह भी सामने आया है कि यूनिवर्सिटी की राशि की पिपरिया ब्रांच और भोपाल की कटारा हिल्स ब्रांच में की गई एफडी का नंबर एक ही है। इसमें एक एफडी नकली होने की संभावना जताई जा रही है। यूनिवर्सिटी के बैंक अकाउंट और उसकी संपत्ति का भी कोई पूरा रिकॉर्ड नहीं मिला है। हालांकि, अभी यह सब जांच में है।

    गांधी नगर थाना प्रभारी प्रवीण त्रिपाठी ने बताया कि आरजीपीवी मामले में कुछ दस्तावेज जब्त किए हैं। इस मामले में आरोपियों को पूछताछ के लिए नोटिस दिया जाएगा। इसके बाद ही गिरफ्तारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि आर्थिक लेनदेन का मामला है। इसलिए पूछताछ की जाएगी। अभी पुलिस ने शासन के आदेश पर बिना जांच के एफआईआर दर्ज की है।

  • मप्रः केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने ओलावृष्टि प्रभावित क्षेत्रों का किया दौरा

    मप्रः केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने ओलावृष्टि प्रभावित क्षेत्रों का किया दौरा

    – कृषकों को मौके पर ही मुआवजे के स्वीकृति पत्र कराये गये वितरित

    भोपाल। केन्द्रीय नागरिक उड्यन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को गुना जिले के इमझरा एवं बेहटाघाट ग्रामों में भ्रमण कर ओला प्रभावित फसल का देखा एवं नुकसान का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने किसानों से कहा कि चिंता मत करो, मैनें सर्वे करा लिया है। उन्होंने सभी किसानों को मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया और कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भी किसान हैं, उनसे मेरी फोन पर चर्चा हुयी हैं। पूरा मध्यप्रदेश शासन इस दु:ख की घडी़ में आपके साथ खड़ा है।

    जिला प्रशासन द्वारा ओलावृष्टि से हुये नुकसान का सर्वे 24 घंटे के अंदर करा लिया गया था, जिसकी सूची भी तैयार करा ली गयी हैं। सिंधिया ने इस कार्य की सराहना की। भ्रमण के दौरान उन्होंने इमझरा एवं बेहटाघाट के 15 कृषकों को लगभग 11 लाख के स्वीकृति पत्र मौके वितरित किये।

    इसके बाद सिंधिया अशोकनगर में कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे। अशोकनगर जिले के ग्राम पहाडा, फुटेरा एवं जनौदा में किसानों से मिले। बेमौसम बारिश के कारण कई ग्रामों में किसानों की फसल को नुकसान हुआ है। उन्होंने किसानों से कहा कि कोई भी परेशान न हो। ओलावृष्टि से जिन किसानों की फसल खराब हुई है। उन्हें फसल क्षति का मुआवजा दिया जाएगा। ईशागढ़ में एसडीएम की टीम ने कई ग्रामों में सर्वे करा लिया है और तत्काल राशि भी किसानों को दी जा रही है।

    उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं जल्दी सर्वे पूरा करें। कोई भी किसान सर्वे न छूटे जिसकी फसल का नुकसान हुआ है। सभी को फसल क्षति का मुआवजा दिया जाएगा। जनौदा में किसानों को उन्होंने मुआवजा राशि के स्वीकृति पत्र प्रदान किए।

  • मोदी चाहते हैं आप दिनभर मोबाइल पर रहो, जय श्रीराम बोलो और भूखे मर जाओ: राहुल गांधी

    मोदी चाहते हैं आप दिनभर मोबाइल पर रहो, जय श्रीराम बोलो और भूखे मर जाओ: राहुल गांधी

    – शाजापुर में भारत जोड़ो न्याय यात्रा में लगे मोदी-मोदी के नारे

    – भाजपा कार्यकर्ताओं ने राहुल को आलू देकर सोना बनाने को कहा

    भोपाल। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा मंगलवार को मध्य प्रदेश के शाजापुर पहुंची। यहां उन्होंने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्र सरकार पर जमकर प्रहार किए। उन्होंने नुक्कड़ सभा में कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चाहते हैं कि आप दिनभर मोबाइल पर रहो, जय श्रीराम बोलो और भूखे मर जाओ।

    भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान शाजापुर में राहुल गांधी को उस समय असहज स्थिति का सामना करा पड़ा। यहां न्याय यात्रा में भाजपा के कुछ कार्यकर्ता पार्टी का झंडा लेकर पहुंच गए और राहुल गांधी का स्वागत मोदी-मोदी नारे लगाकर किया। जिसे सुनकर राहुल गांधी स्वयं गाड़ी से उतरे और भाजपा कार्यकर्ताओं के पास पहुंचे। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने जमकर जय श्री राम के नारे भी लगाए। भाजपा कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के हाथ में आलू दिए और कहा कि आलू से सोना बना दीजिए।

    मंगलवार को यात्रा ब्यावरा से शुरू होकर पचोर, सारंगपुर होकर शाजापुर पहुंची। इस दौरान राहुल ने शाजापुर में रोड शो किया। इस दौरान उनके साथ मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी भी मौजूद रहे।

    शाजापुर की जनसभा में राहुल गांधी ने कहा कि जब हमारी सरकार थी और डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे तो हमने मनरेगा दिया। मनरेगा में एक साल में 65 हजार करोड़ रुपये देने होते हैं। इससे कई सारे मजदूरों की स्थिति सुधरी, मनरेगा की सफलता के बाद हमारे पास किसान आए और उन्होंने मदद का आग्रह किया तो हमने किसानों का कर्ज माफ कर दिया, 70 हजार करोड़ रुपये उसका खर्च आया। वहीं नरेन्द्र मोदी ने 16 लाख करोड़ रुपये उद्योगपतियों का माफ कर दिया, इसका अर्थ यह हुआ कि उन्होंने 24 साल का मनरेगा का बजट 22 उद्योगपतियों को दे दिया। आज 22 लोग हैं, जिनके पास देश का 50 प्रतिशत धन है। मोदी ने 16 लाख करोड रुपये व्यापारियों के माफ कर दिए हैं, लेकिन किसानों का एक रुपया भी माफ नहीं किया।

    उन्होंने कहा कि 50 प्रतिशत पिछड़े, 15 प्रतिशत दलित एवं 8 प्रतिशत आदिवासी, अल्पसंख्यक एवं सामान्य गरीब मिलाकर 90 प्रतिशत होते हैं, उनकी भागीदारी नगण्य है। किसी बड़ी कंपनी की लिस्ट निकालो जितनी बड़ी कंपनियों की लिस्ट में उनके मालिकों में एक नाम भी इस 90 प्रतिशत वर्ग के लोगों का नहीं है, उनके सीनियर मैनेजमेंट में भी एक नाम नहीं, मीडिया के मालिकों में भी इस 90 प्रतिशत वर्ग का एक भी नाम नहीं, ब्यूरोक्रेसी में देखें तो 90 लोग जो कि आईएएस अधिकारी हैं, उसमें से केवल तीन ओबीसी, एक आदिवासी एवं तीन दलित हैं। जब बजट आता है तो 100 में से छह रुपये का केवल ये लोग फैसला करते हैं।

    उन्होंने कहा कि जीएसटी 90 प्रतिशत लोग देते हैं, लेकिन जेब 20 अमीर उद्योगपतियों की भरती है, इन समस्याओं से निजात पाने का तरीका है, जाति आधारित जनगणना। अग्नि वीर योजना की बजह से आज गरीब के पास सरकारी सेवा में जाने का रास्ता बंद है, पीएसयू कांग्रेस लायी, बीएसएनएल, हिंदुस्तान पेपर यह सब कांग्रेस ने बनाया, मोदी जी ये सब उद्योगपतियों को दे रहे हैं।

    राहुल गांधी ने कहा की जिस तरह हाथ टूट जाए तो उसका एक्स-रे किया जाता है उसी तरीके से जाति आधारित जनगणना समाज का एक्स-रे है, हमने जब इस क्रांतिकारी राजनीतिक कदम की बात की तो मोदी जी ने कहा कि वे सिर्फ चार जातियां जानते हैं, मैं आपसे कहना चाहता हूं कि वे सिर्फ 20-22 उद्योगपतियों की मदद करना चाहते हैं आपकी नहीं।

    उन्होंने कहा कि भाजपा ने लोगों को धर्म, जाति और प्रदेश की राजनीति में बांट दिया है। कांग्रेस पार्टी यह सुनिश्चित कर रही है कि सब लोग एक साथ आए। भाजपा की विचारधारा नफरत की विचारधारा है और हमारी विचारधारा नफरत के खिलाफ मोहब्बत की दुकान की विचारधारा है। उन्होंने आगे कहा कि इस यात्रा में हमने एक और शब्द जोड़ दिया है और वह शब्द है ‘‘न्याय“ क्योंकि हमारी यात्रा का मकसद हर वर्ग को ‘न्याय’ दिलाने का है। इसलिए हम भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाल रहे हैं। राहुल गांधी ने पचोर, सारंगपुर, शाजापुर टंकी चौराहा से एचपी पेट्रोल पंप तक रोड शो किया।

  • मप्र के शिवपुरी पहुंची राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा, केंद्र सरकार पर लगाए आरोप

    मप्र के शिवपुरी पहुंची राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा, केंद्र सरकार पर लगाए आरोप

    शिवपुरी,। कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा सोमवार को शिवपुरी पहुंची। इस दौरान राहुल गांधी का रोड शो हुआ और इसके बाद शहर के माधव चौक चौराहे पर सभा हुई। कार पर ही बैठकर राहुल गांधी ने सभा को संबोधित किया।

    राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों को निशाना बनाते हुए कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार ने मनरेगा का बजट बंद कर दिया। जबकि मनरेगा के बजट से आम लोगों व ग्रामीणों को रोजगार मिलता है। उन्होंने कहा कि देश में जानबूझकर जातिगत जनगणना नहीं की जा रही है। मैं हर बार कहता हूं कि जातिगत जनगणना कराएं जिससे पिछड़ा वर्ग, एससी, एसटी, आदिवासी लोगों की संख्या साफ तौर पर निकल कर सामने आ सके लेकिन इस पर केंद्र सरकार द्वारा कुछ नहीं बोला जा रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि देश में तीन बड़े मुद्दे हैं- बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार लेकिन इन तीनों मुद्दों को गायब कर दिया गया है।

  • लोस चुनाव 2024 : गढ़ को छोड़ना नहीं चाहते ज्योतिरादित्य सिंधिया

    लोस चुनाव 2024 : गढ़ को छोड़ना नहीं चाहते ज्योतिरादित्य सिंधिया

    -सिंधिया परिवार के गढ़ के रूप में जाना जाता है गुना शिवपुरी-संसदीय क्षेत्र

    -वर्ष 2019 में हारे जरूर लेकिन इस बार मोदी लहर के अलावा पुराने नेटवर्क का मिलेगा फायदा

    – रंजीत गुप्ता

    शिवपुरी।लोकसभा चुनाव के लिए मध्य प्रदेश के 24 भाजपा प्रत्याशियों की घोषणा शनिवार को कर दी गई। इस घोषणा के बीच चर्चित सीट गुना- शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से भाजपा ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव लड़ाने की घोषणा की गई है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस से चुनाव लड़े ज्योतिरादित्य सिंधिया उस समय के भाजपा प्रत्याशी केपी सिंह से सवा लाख मतों से चुनाव हार गए थे लेकिन वर्ष 2020 में हुए दल बदल के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया और राज्यसभा सदस्य बने, इसके बाद केंद्रीय मंत्री बनाए गए। अब एक बार फिर अपने गढ़ पर किसी दूसरे को हावी नहीं होने देने की रणनीति पर काम करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री सिंधिया वर्ष 2024 में भाजपा से लोकसभा टिकट पाने में कामयाब रहे हैं । वह भाजपा के टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ेंगे।

    केपी यादव से ज्योतिरादित्य सिंधिया का तनाव लगातार बरकरार रहा

    वैसे देखा जाए तो वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए कई बार समय उतार-चढ़ाव लेकर आया। वर्ष 2020 में मध्य प्रदेश में हुए राजनीतिक दल बदल के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा और वे राज्यसभा चले गए। तब से ही इस तरह के कयासों का दौर जारी था कि आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा उन्हें पुन: मैदान में उतारेगी कि नहीं ! वहीं दूसरी ओर गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से जीते केपी यादव की वजह से ज्योतिरादित्य सिंधिया का तनाव लगातार बरकरा रहा।

    अनेक अवसरों पर यह खुलकर सामने आता रहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की इस क्षेत्र में सक्रियता व हस्तक्षेप को लेकर सांसद केपी यादव ने कई बार अप्रत्यक्ष तौर पर टिप्पणियां की लेकिन सिंधिया थे जो खामोश रहकर अपनाा समय आने का इंतजार करते रहे । कहना होगा कि एक बार फिर से ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए सिंधिया परिवार के गढ़ के रूप में माने जाने वाली गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से ताल ठोक दी है। उनका समय फिर से शुरू हो गया है।

    सिंधिया परिवार और गुना शिवपुरी संसदीय क्षेत्र का रिश्ता

    देखा जाए तो गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र सिंधिया परिवार का अनेक वर्षों से क्षेत्र रहता आया है। पूर्व में इस संसदीय क्षेत्र से सिंधिया परिवार की राजमाता विजयाराजे सिंधिया, स्वर्गीय माधवराव सिंधिया कई मर्तबा सांसद चुने जाते रहे हैं। वहीं दूसरी ओर ज्योतिरादित्य सिंधिया भी इस संसदीय क्षेत्र से चार बार सांसद रहे हैं। इस तरह से देखा जाए तो इस संसदीय क्षेत्र से लगातार सिंधिया परिवार का कोई ना कोई सदस्य लोकसभा में जाता रहा है।

    सिंधिया परिवार के गढ़ के रूप में माने जाने वाली इस सीट पर कोई दूसरा व्यक्ति अपनी पकड़ न बना ले इसलिए सिंधिया परिवार भी इस योजना पर अमल करता रहा कि उनके परिवार का दबदबा इस सीट पर कम न हो। कुल मिलाकर देखा जाए तो इसी रणनीति के तहत ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी उनके सामने मौजूद दो ऑप्शन ग्वालियर और गुना संसदीय सीटों में से गुना सीट को चुना।

  • इंदौर में बना 53वां ग्रीन कॉरिडोर, सड़क हादसे में मृत युवक के अंगों से मिली दो लोगों को नई जिंदगी

    इंदौर में बना 53वां ग्रीन कॉरिडोर, सड़क हादसे में मृत युवक के अंगों से मिली दो लोगों को नई जिंदगी

    – अयोध्या जाते समय हुई युवक की मौत, परिवार ने निभाया मानवता का धर्म

    इन्दौर। देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर अंगदान के मामले में भी पीछे नहीं है। यहां शुक्रवार को एक बार फिर ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। सड़क हादसे में युवक की मौत के बाद परिजनों ने अंगदान का निर्णय लिया। इसके बाद ग्रीन कॉरिडोर बनाकर अंगों को प्रत्यारोपण के लिए दो अलग-अलग अस्पताल पहुंचाया गया, जिससे दो लोगों को नई जिंदगी मिली। इंदौर में पिछले आठ वर्षों यह 53वां ग्रीन कॉरिडोर था।

    जानकारी के अनुसार देवास के रहने वाले देवांश जोशी गत 27 फरवरी को अपने दोस्तों के साथ अयोध्या राम मंदिर दर्शन के लिए निकला था लेकिन रास्ते में वह सड़क हादसे का शिकार हो गया। देवांश की असामयिक मौत के बाद परिजनों ने उसके लीवर एवं किडनी को दान करने का निर्णय लिया। इससे दो जिंदगियों को नया जीवन दिया। शुक्रवार दोपहर 12.36 बजे इंदौर में ग्रीन कॉरिडोर बनाकर देवांश के लीवर को चोइथराम अस्पताल भेजा गया और बाम्बे हास्पिटल में किडनी अन्य मरीज को प्रत्यारोपित की गई। तीन दिन में शहर में यह दूसरा ग्रीन कॉरिडोर बना। इससे पहले 27 फरवरी को यहां ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एक ब्रेनडेथ महिला के अंगों को विभिन्न अस्पताल भेजा गया था। इससे तीन लोगों को नई जिंदगी मिली थी।

    गौरतलब है कि देवास निवासी 21 वर्षीय देवांश पुत्र चंद्रमणि जोशी इंदौर के एसजीएसआईटीएस में इंजीनियरिंग कोर्स के द्वितीय वर्ष का छात्र था। वह अपने 11 दोस्तों के साथ 27 फरवरी को देवास से अयोध्या स्थित राम मंदिर दर्शन के लिए पैदल यात्रा पर निकला था। गत 28 फरवरी की रात सांची (भोपाल के समीप) के आगे अज्ञात वाहन ने देवांश को टक्कर मार दी। इसके बाद दोस्त उसे भोपाल के निजी अस्पताल लेकर गए और फिर वहां से इलाज के लिए उसे इंदौर के बांबे अस्पताल लेकर आए।

    इंदौर के बाम्बे अस्पताल में चार सदस्यीय चिकित्सक दल ने देवांश का पहला ब्रेन डेथ सर्टिफिकेशन 29 फरवरी की रात 1.35 और दूसरा डेथ सर्टिफिकेट शुक्रवार सुबह 7.25 बजे जारी किया। मुस्कान ग्रुप पारमार्थिक ट्रस्ट के जीतू बगानी ने बताया कि ट्रस्ट के संदीपन आर्य के साथ परिजनों से अंगदान के लिए कहा गया। जिस पर मृतक देवांश की माता रश्मि जोशी व अन्य ने सहमति दी। इसके बाद दोपहर 12.36 बजे बांबे अस्पताल से चोइथराम अस्पताल के लिए ग्रीन कॉरिडोर बना। 16 मिनट में यह कॉरिडोर पूरा हुआ। इस दौरान डॉ. दिलीप सिंह चौहान, डॉ. अमित जोशी, डॉ. संतोष आहूजा आदि ने भूमिका निभाई।

    जीतू बगानी ने बताया कि मृतक देवांश को जन्म से एक ही किडनी थी, जिसे बांबे अस्पताल में पंजीकृत 42 वर्षीय महिला रोगी को प्रत्यारोपित की गई। वहीं लीवर चोइथराम अस्पताल में पंजीकृत रोगी को प्रत्यारोपित की गई। इसके साथ आंखों को शंकरा आई अस्पताल और त्वचा स्किन बैंक चोइथराम में दी गई। दिल भी दान किया जाना था लेकिन दिल 30 फीसदी ही काम कर रहा था, इसलिए दान नहीं हो सका। परिजन हाथ भी दान करना चाहते थे लेकिन तकनीकी कारणों से नहीं हो सका।

    एमजीएम मेडिकल कालेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित ने बताया कि अंगदान की एक निश्चित प्रक्रिया है। सड़क हादसे में घायल युवक को 29 फरवरी को बॉम्बे अस्पताल लाया गया था। शुक्रवार को सुबह युवक को मृत घोषित करने के बाद परिजनों की स्वीकृति लेकर अंगदान की प्रक्रिया शुरू हुई। इसके बाद शहर में ग्रीन कॉरिडोर बनाकर अंगों को अस्पताल पहुंचाया गया।

  • प्रधानमंत्री 10 मार्च को जबलपुर एयरपोर्ट की नवनिर्मित टर्मिनल बिल्डिंग का करेंगे लोकार्पण

    प्रधानमंत्री 10 मार्च को जबलपुर एयरपोर्ट की नवनिर्मित टर्मिनल बिल्डिंग का करेंगे लोकार्पण

    भोपाल। जबलपुर में लगभग 450 करोड़ की लागत से निर्मित जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट की नई टर्मिनल बिल्डिंग एवं अन्य निर्माण कार्यों का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 10 मार्च को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से करेंगे। कार्यक्रम में केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव वीसी के माध्यम से जुड़ेंगे। कार्यक्रम में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल, लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह के साथ सभी जनप्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे।

    यह जानकारी शुक्रवार को प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने दी है। उन्होंने बताया किसी भी शहर के सर्वांगीण विकास के लिए कनेक्टीविटी अत्यंत आवश्यक है, जिसमें सड़क, रेल और एयर कनेक्टीविटी शामिल है और कनेक्टीविटी में भी हवाई सेवा का महत्वपूर्ण स्थान होता है। मेरे सांसद बनने की शुरुआत में मैंने देखा कि जबलपुर वर्षो से एयर कनेक्टीविटी की राह देख रहा है तब मैने उस दिशा में प्रयास प्रारंभ किए और जबलपुर में एयर डेक्कन की नियमित उड़ान प्रारंभ कराई, उसके बाद स्पाइस जेट, किंगफिशर, एलायंस एयर, इंडिगो और जूम से भी बात करके उड़ान प्रारंभ कराई और उसका परिणाम हुआ कि जबलपुर सीधे तौर पर दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, पुणे, अहमदाबाद, बैंगलोर, बिलासपुर जैसे प्रमुख शहरों से हवाई सेवा के माध्यम से जुड़ गया।

    उन्होंने बताया उड़ान प्रारंभ होने के बाद उसकी संख्या में उतार चढाव आते रहे लेकिन उसके साथ जरूरी था, कि जबलपुर का एयरपोर्ट अत्याधुनिक और सर्व सुविधायुक्त बने और मैने सांसद रहते हुए नई टर्मिनल बिल्डिंग के साथ अत्याधुनिक सुविधा युक्त एयरपोर्ट बनाने के लिए प्रयास प्रारंभ किए और मुझे खुशी है कि केंद्र में हमारी सरकार ने इसके लिए लगभग 450 करोड़ की राशि स्वीकृत की और जबलपुर के एयरपोर्ट में नई टर्मिनल बिल्डिंग के साथ अन्य सुविधाओं से युक्त निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ और मुझे प्रसन्नता है कि आगामी 10 मार्च को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्चुअल माध्यम से नई टर्मिनल बिल्डिंग, नए रनवे के साथ देश के अन्य नव निर्मित एयरपोर्टस का भी लोकार्पण किया जाएगा।

    उन्होंने बताया नए एयरपोर्ट में नई टर्मिनल बिल्डिंग में आधुनिक चेक इन काउंटर्स, 2 बेगेज बेल्ट, एलीवेटर्स, एस्केलेटर, आधुनिक पेसेंजर बोर्डिंग ब्रिज, फायर फाइटिंग, फायर अलार्मस सिग्नल्स, डिस्प्ले बोर्ड, सीसीटीवी कैमरा, बैगेज स्केनर, चाइल्ड केयर रूम, व्हीआईपी रूम, स्नैक्स बार, एटीएम, चिकित्सा सुविधा के साथ ही पब्लिक एमेनिटीज की सारी सुविधाएं उपलब्ध होंगी साथ ही 300 कारों की पार्किंग एवं व्ही.आईपी. व बस पार्किंग की व्यवस्था भी होगी।

    मंत्री सिंह ने बताया नई टर्मिनल बिल्डिंग के अलावा एटीसी टॉवर, टैक्निकल ब्लॉक एवं फायर स्टेशन कार्य भी किया गया है। साथ ही रनवे एवं एप्रन का निर्माण के लिये वर्तमान 1988 मी. के रनवे मरम्मत के साथ ही एक्सटेंशन करते हुए 2750 मी. का रनवे बनाया गया है। जिससे ए320/321 जैसे बड़े एयरक्रॉफ्ट भी आसानी से अब लैंड हो सकेंगे। इसी के साथ नाइट लैंडिंग में अब किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी।

    मंत्री सिंह ने जबलपुर को मिली इस सौगात के लिए प्रधानमन्त्री मोदी, केंद्रीय विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं केंद्र सरकार के प्रति जबलपुर की जनता की ओर से आभार व्यक्त किया है।

  • प्रधानमंत्री मोदी आज करेंगे विश्व की पहली ‘वैदिक घड़ी’ का उद्घाटन

    प्रधानमंत्री मोदी आज करेंगे विश्व की पहली ‘वैदिक घड़ी’ का उद्घाटन

    भोपाल। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर की नगरी उज्जैन स्थित जीवाजीराव वेधशाला में स्थापित दुनिया की पहली ‘वैदिक घड़ी’ स्थापित की गई है। इस काल गणना की घड़ी से अब मुहूर्त भी देखे जा सकेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज (गुरुवार) शाम चार बजे भोपाल के लाल परेड ग्राउंड से उज्जैन में स्थापित इस विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का वर्चुअली उद्घाटन करेंगे।

    इस संबंध में विभागीय अधिकारी बिन्दु सुनील ने बताया कि भारतीय कालगणना विश्व की प्राचीनतम, सूक्ष्म, शुद्ध, त्रुटिरहित, प्रामाणिक एवं विश्वसनीय पद्धति है। काल-परिमाण की इस सर्वाधिक विश्वसनीय पद्धति का पुनर्स्थापित विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के रूप में उज्जैन में प्रारंभ किया जा रहा है। उज्जयिनी की स्थापना सृष्टि के आरंभ से ही मान्य की जाती रही है।

    उन्होंने कहा, दुनियाभर में उज्जयिनी से निर्धारित और प्रसारित कालगणना नियामक रही है। भारतीय खगोल सिद्धांत और ब्रम्हाण्ड के ग्रह नक्षत्रों की गति पर आधारित भारतीय काल गणना में समय के न्यूनतम अंश का भी समावेश किया जाता है। इसकी गणना में परमाणु से लेकर कल्प तक का विचार है। मुहूर्त, घटी, पल, कास्ता, प्रहर, दिन-रात, पक्ष, अयन, सम्वत्सर, दिव्यवर्ष, मन्वन्तर, युग, कल्प, ब्रम्हा मुख्य आधार है। हमारे द्रष्टा ऋषियों ने काल की चक्रीय अवधारणा को प्रतिपादित किया है जिसमें सतयुग, त्रेता, द्वापर, कलियुग की व्यवस्था निरंतर है और यह चक्र शाश्वत रूप से आते-जाते हैं तथा इनकी आवृत्ति-पुनरावृत्ति होती रहती है।

    विक्रमादित्य वैदिक घड़ी भारतीय काल गणना पर आधारित विश्व की पहली घड़ी है जिसे वैदिक काल गणना के समस्त घटकों को समवेत कर बनाया गया है। इस घड़ी में भारतीय पंचांग समाहित रहेगा। विक्रम सम्वत् मास, ग्रह स्थिति, योग, भद्रा स्थिति, चंद्र स्थिति, पर्व, शुभाशुभ मुहूर्त, घटी, नक्षत्र, जयंती, व्रत, त्यौहार, चौघडि़या, सूर्य ग्रहण, चन्द्र ग्रहण, आकाशस्थ, ग्रह, नक्षत्र, ग्रहों का परिभ्रमण इसमें स्वाभाविक रूप से समाहित होंगे। विक्रमादित्य वैदिक घड़ी (वीटीएस) =1.25 टाइम जोन- सूर्योदय पर आधारित है जो कि वैदिक आधार है। इसका मापन डोंगला स्थित वेधशाला को आधार बनाकर किया गया है।

    विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के ग्राफिक्स में सभी ज्योतिर्लिंग, नवग्रह, नक्षत्र, सूर्योदय, सूर्यास्त आदि समाहित हैं। देश और दुनिया में बलपूर्वक आरोपित ग्रीनवीच मीन टाइम ग्रेगोरियन कैलेण्डर की दुरभिसंधि से अंतरराष्ट्रीय समय की गणना में कोई व्यवधान न करते हुए विक्रमादित्य वैदिक घड़ी भारतीय काल गणना की परंपरा के पुनर्स्थापन का छोटा सा प्रयास है।

  • मप्र के 33 रेलवे स्टेशनों का होगा पुनर्विकास, प्रधानमंत्री मोदी ने किया शिलान्यास

    मप्र के 33 रेलवे स्टेशनों का होगा पुनर्विकास, प्रधानमंत्री मोदी ने किया शिलान्यास

    – देशभर के 554 रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास कार्यों की शुरुआत

    भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को अमृत भारत रेलवे स्टेशन योजना के अंतर्गत देशभर के 554 रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास कार्यों की शुरुआत की। इनमें मध्यप्रदेश के 33 रेलवे स्टेशन भी शामिल हैं। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली से वर्चुअली जुड़े और भारतीय रेलवे के 41 हजार करोड़ रुपये की इन रेल परियोजनाओं का रिमोट के जरिए लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इनमें 554 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास एवं 1500 रोड़ ओवर ब्रिजों, अंडरपास का लोकार्पण-शिलान्यास शामिल है।

    इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारत ने छोटे-छोटे सपने देखना छोड़ दिया है। हम बड़े सपने देखते हैं और पूरे करने के लिए दिनरात एक कर देते हैं। यही संकल्प इस विकसित भारत, विकसित रेलवे कार्यक्रम में दिख रहा है। दशकों तक रेलवे को स्वार्थ भरी राजनीति का शिकार होना पड़ा, लेकिन अब भारतीय रेलवे देशवासियों की यात्रा में आसानी कर रही है। आज रेलवे इज ऑफ ट्रैवलिंग का हिस्सा बन गई है। जिस रेलवे के हमेशा घाटे में रहने का रोना रोया जाता था, आज वह परिवर्तन के सबसे बड़े दौर से गुजर रही है।

    उन्होंने कहा कि देश में तेजी से काम हो रहा है। आज एक साथ रेलवे से जुड़ी दो हजार से अधिक परियोजनाओं का शिलान्यास-लोकार्पण हुआ है। अभी तो इस सरकार के तीसरे टर्म की शुरुआत जून से शुरू होने वाली है। अभी से जिस स्पीड से काम हो रहा है, वह सबको हैरत में डालने वाला है। उन्होंने कहा कि आपका सपना, आपकी मेहनत और मोदी का संकल्प विकसित भारत की गारंटी है। वंदे भारत जैसी सेमी हाईस्पीड ट्रेन के बारे में किसी सरकार ने नहीं सोचा। इसकी कल्पना एक दशक तक पहले मुश्किल थी। एक दशक पहले तक ट्रेन में स्वच्छता स्टेशन पर सफाई बड़ी बात मानी जाती थी। आज ये सब रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गए हैं।

    प्रधानमंत्री ने कहा कि एयरपोर्ट जैसी आधुनिक सेवाएं सिर्फ पैसे वालों खाते में है। आज रेलवे स्टेशन पर एयरपोर्ट जैसी सुविधा गरीब लाभ ले सकता है। रेलवे लाइन बिछाने की गति दोगुनी हो गई। आज ऐसी जगहों पर रेल पहुंच रही है। जिसकी लोगों ने कल्पना भी नहीं की। जैसे बैंक में जमा पैसे पर ब्याज मिलता है, वैसे इंफ्रास्ट्रक्चर पर लगी पाई से रोजगार के साधन बनते हैं। हमारी रेल छोटे किसानों को बढ़ावा देने वाली है। इसके लिए स्टेशनों पर विशेष दुकानें बनाई गई हैं। रेल की गति बढ़ेगी और उत्पादन तेजी से मार्केट पहुंचेंगे और उद्योगों की लागत कम होगी। आज पूरी दुनिया में भारत को निवेश के लिए सबसे आकर्षक माना जा रहा है। इसका कारण आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर है।

    रेलवे के लिए अभूतपूर्व कार्यक्रमः रेल मंत्री

    कार्यक्रम में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्वागत उद्बोधन में इसे रेलवे के लिए सबसे बड़ा कार्यक्रम बताया। उन्होंने कहा कि यह अभूतपूर्व कार्यक्रम है। देश के दो हजार 21 स्थानों पर यह कार्यक्रम हो रहा है। वंदे भारत ट्रेन आज विश्व स्तर की रेल यात्रा का आनंद दे रही है। वैष्णव ने इस अवसर पर अमृत भारत स्टेशन योजना का भी उल्लेख किया। इस मौके पर रेलवे पर आधारित एक लघु फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया।

    डबल इंजन सरकार करेगी विकासः मुख्यमंत्री

    सीहोर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने संबोधित किया। उन्होंने इस अवसर पर वंदे भारत एक्सप्रेस और मेट्रो ट्रेन का उल्लेख किया। उन्होंने नई सौगातों का भी उल्लेख किया। उन्होंने आशा जताई कि डबल इंजन की सरकार देश और प्रदेश का बेहतर विकास करेगी।

    मप्र के 33 रेलवे स्टेशनों का चयन

    उल्लेखनीय है कि देश के 544 रेलवे स्टेशन पुनर्विकास के लिए चुने गए हैं। इसमें मध्य प्रदेश के 33 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास भी शामिल किया गया है। मध्य प्रदेश में रेल अधोसंरचना के विकास के अंतर्गत वर्तमान वर्ष में 15 हजार 143 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है। प्रदेश में 77 हजार 800 करोड़ से अधिक की 32 परियोजनाएं क्रियान्वित हो रही हैं। मध्य प्रदेश के जिन 33 रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास के लिए शिलान्यास हुआ है, उनमें जबलपुर और भोपाल रेल मंडल के पांच-पांच स्टेशन शामिल हैं।

    पुनर्विकास के लिए चयनित स्टेशनों में सीहोर, जबलपुर, बीना, अशोकनगर, खिरकिया, सांची, शाजापुर, ब्यौहारी, बरगवां, नरसिंहपुर, पिपरिया, इंदौर, उज्जैन, मंदसौर, मक्सी, नागदा, नीमच, शुजालपुर, खाचरोद, बालाघाट, छिंदवाड़ा, खंडवा, मंडला फोर्ट, नैनपुर, सिवनी, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, बिजुरी, मुरैना, हरपालपुर, दतिया और भिंड स्टेशन शामिल हैं। आरओबी में जबलपुर रेल मंडल के दो और भोपाल रेल मंडल के चार आरओबी शामिल हैं। अंडरपास के अंतर्गत जबलपुर में एक एवं भोपाल मंडल में दो स्थानों पर कार्य होंगे।

  • खजुराहो नृत्य समारोह: लयशाला में भरतनाट्यम एवं कथक के विविध आयामों से रूबरू हुए कला रसिक

    खजुराहो नृत्य समारोह: लयशाला में भरतनाट्यम एवं कथक के विविध आयामों से रूबरू हुए कला रसिक

    भोपाल। खजुराहो नृत्य समारोह की अनुषांगिक गतिविधि “लयशाला” में शनिवार की शाम कला रसिक और नई पीढ़ी के कलाकार भरतनाट्यम एवं कथक जैसी महत्वपूर्ण शैलियों के विविध आयामों से रूबरू हुए। भरतनाट्यम के सुप्रसिद्ध गुरु मनु मास्टर ने दक्षिण भारत की प्रमुख नृत्य विधा पर संवाद सह प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि भरतनाट्यम को सिर्फ प्रदर्शन कला समझना ही काफी नहीं है, यह अनुष्ठानिक नृत्य शैली है, जिसका आध्यात्मिक महत्व अधिक है।

    उन्होंने तंजावुर वाणी के अड़वों का सूक्ष्म रूप से विवरण प्रस्तुत किया, साथ ही नृत्य की ताल और अभिनय पक्ष को भी रेखांकित किया। जयदेव रचित अष्टपदी और बालमुरली कृष्ण द्वारा रचित तिल्लाना में स्वयं द्वारा कोरियोग्राफिक प्रस्तुति का प्रदर्शन भी किया। उन्होंने भरतनाट्यम की परम्पराओं और उसके इतिहास का विवरण भी प्रस्तुत किया। प्रदर्शन के लिए उनका साथ शिष्य प्रणव प्रदीप और कीर्तना अनिल ने दिया।

    इसके बाद कथक पर संवाद सह प्रदर्शन का सिलसिला शुरू हुआ। जिसे सुप्रसिद्ध नृत्यांगना और गुरु शमा भाटे ने प्रस्तुत किया। शमा भाटे ने लय की कथा की बात की। उनका संवाद गुरु वंदना से प्रारंभ होकर कोरोग्राफिक प्रस्तुति तक चला। गुरु वंदना के विषय में उन्होंने बताया कि जो भी सत्य और सुंदर है, वह वंदना है। इसके बाद अभिनय पक्ष की कथा कहने कवित्त की बात हुई। उन्होंने अपनी शिष्याओं के सहयोग से पारंपरिक और स्वरचित कवित्त का प्रदर्शन किया। गत भाव पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि भाव में सेंस ऑफ टाइमिंग पता होना आवश्यक है। अगले क्रम में तराना, कजरी और अंत में नंदनार, जो एक शिवभक्त की कहानी पर आधारित थी, का प्रदर्शन किया।

    समारोह के दौरान शनिवार को कलावार्ता की सभा में देश की प्रख्यात कथक नृत्यांगनाएं पद्मश्री नलिनी कमलिनी के साथ कलाविदों को संवाद का अवसर प्राप्त हुआ। नृत्य संसार की ऐसी जीवंत जोड़ी जिसने न सिर्फ नृत्य किया, बल्कि उसे जिया। यह कला समाज का सौभाग्य था कि खजुराहो के इस नृत्य समागम के बहाने उन्हें नलिनी कमलिनी जैसी विभूतियों को सुनने का अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने संवाद में नई पीढ़ी के कलाकारों को संबोधित करते हुए कहा कि कला से प्रेम कीजिए, उसके हिस्से का एक-एक पल भी उसे दीजिए, यदि ऐसा करेंगे तो कला आपको वो एक-एक पल लौटाएगी, उसके साथ बेईमानी मत कीजिए, वरना कभी कुछ प्राप्त नहीं होगा। एक कलाकार निराकार को आकार देकर साकार करता है। कलाकार कृष्ण नहीं, राधा नहीं, लेकिन वह उन्हें आत्मसात करता है तो वही भाव उसके नृत्य में से उमड़ कर आते हैं।

    उन्होंने अपने गुरु जितेंद्र महाराज को याद करते हुए कहा कि हम अपने गुरु की फिक्र सबसे पहले करते थे। एक वाकया याद करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे गुरुजी दिल्ली के करोल बाग की एक बस्ती में रहा करते थे। हम दोनों बहनें अपने गुरुजी के भोजन हेतु अपने घर से नमक, मसाले इत्यादि लेकर जाते थे। उन्होंने कहा कि गुरु के शिष्य नहीं बल्कि उनका विश्वास बनिए, फिर देखिए वह कैसे इसे सार्थक करता है। जीवन में तृप्ति का नहीं, तृष्णा का भाव होना चाहिए, क्योंकि तृप्ति विराम देती है और तृष्णा अग्रसर करती है।

    समारोह के दौरान लोकरंजन की सभा में महाराष्ट्र का सोंगी मुखौटा एवं भाविक दान एवं साथी, गुजरात द्वारा गढ़वी गायन की प्रस्तुति दी गई जिसमें उन्होंने सोनबाई आई के गीत…,पीठड आई के गीत…, शिवाजी महाराणा प्रताप और चारणी भाषा में दोहा और छंद प्रस्तुति दी। समारोह की शुरुआत सौंगी मुखौटा नृत्य से की गई। सौंगी मुखौटा नृत्य महाराष्ट्र और गुजरात के बीच सीमांत गांवों में निवास करने वाले जनजातियों का मूल नृत्य है। यह अत्यन्त आकर्षक रंग-बिरंगी वेशभूषा और हाथ में रंगीन डंडे लेकर प्रस्तुत किया जाता है।

    “नेपथ्य”

    भारतीय नृत्य के उन महत्पूर्ण घटकों को प्रदर्शित करने के उद्देश्य नेपथ्य प्रदर्शनी का संयोजन किया गया है, जिनका उद्देश्य कला को संपूर्णता प्रदान करना है। इन घटकों में वेशभूषाएं, मंच सज्जा, वेशभूषा-परिधान और रूप सज्जा, वाद्ययंत्र, साहित्य इत्यादि शामिल है। इस प्रदर्शनी का संयोजन अनूप जोशी ‘बंटी’ ने किया है। यह प्रदर्शनी विभिन्न भारतीय नृत्यों का सांस्कृतिक परिदृश्य और उनकी यात्रा पर आधारित है। यहां आने वाले कलाप्रेमियों के लिए यह प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। इसमें कथक, भरतनाट्यम, ओडिसी, मोहिनीअट्टम, मणिपुरी, कथकली, सत्रिया, कुचिपुड़ी, छाऊ जैसी नृत्य शैलियां शामिल हैं। प्रदर्शनी में नृत्यों के सुप्रसिद्ध नृत्य कलाकारों के छायाचित्र भी प्रदर्शित किए गए हैं ताकि कला रसिक नृत्य के साधकों को भी जान पाएं।