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  • यूपी बोर्ड : दूसरे दिन 28 हजार बच्चों ने छोड़ी परीक्षा

    यूपी बोर्ड : दूसरे दिन 28 हजार बच्चों ने छोड़ी परीक्षा

    -अब तक साढ़े तीन लाख परीक्षार्थी नहीं पहुंचे परीक्षा केंद्र

    -सख्ती से नकलचियों के हौसले पस्त, एक नकलची पकड़ा गया

    प्र्रयागराज। माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) सचिव दिव्य कांत शुक्ल ने अपने कक्ष में एक बड़ी स्क्रीन लगाकर कंट्रोल रूम पर नजर रखने की व्यवस्था कर दी है। मोबाइल फोन से भी 24 घंटे निगरानी की जा रही है। आज दूसरे दिन हाईस्कूल एवं इंटर की परीक्षा में सख्ती से दूसरे दिन भी 28 हजार बच्चे परीक्षा केंद्र तक नहीं पहुंचे। एक नकलची भी पकड़ा गया।

    यूपी बोर्ड की परीक्षा दूसरे दिन भी शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हुई। शुक्रवार को 4 लाख 47 हजार परीक्षार्थियों को परीक्षा में सम्मिलित होना था। लेकिन 28,513 परीक्षार्थी गैरहाजिर रहे। पहले दिन 3 लाख 33 हजार परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे थे। प्रथम पाली में हाईस्कूल पाली, अरबी, फारसी की परीक्षा 114 केंद्रों एवं इंटर में नागरिकशास्त्र की परीक्षा 7362 केंद्रों पर हुई जिसमें हाईस्कूल में 1003 तथा इंटर में 3,71,938 परीक्षार्थियों को सम्मिलित होना था। इसी प्रकार द्वितीय पाली हाईस्कूल में संगीत गायन 602 केंद्रों एवं इंटर की व्यावासायिक व कृषि वर्ग की परीक्षा 1812 केंद्रों पर हुई। इनमें हाईस्कूल में 10,695 तथा इंटर में 63,865 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। प्रथम पाली में 25,916 परीक्षार्थी तथा द्वितीय पाली 2,597 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। पूरे प्रदेश में मात्र एक नकलची पकड़ा गया।

    सचिव दिब्यकांत शुक्ला ने बताया कि परीक्षा व्यवस्था का लगातार अपडेट किया जा रहा है। सचिव कक्ष में पूरे प्रदेश के कंमाड एवं कंट्रोल रूम की निगरानी के लिए एक नया कंट्रोल रूम बना दिया गया है। यहां से सचिव एवं उनके अधीनस्थ अधिकारी भी नजर रखे हुए हैं। सचिव ने बताया कि परीक्षा केंद्रों के स्ट्रांग रूम पर सीसीटीवी कैमरे से दृष्टि रखी जा रही है। गूगल मीट के माध्यम से जिलों के शिक्षाधिकारियों को लगातार दिशा निर्देश दिया जा रहा है।

    गौरतलब है कि, बोर्ड परीक्षा में 55 लाख से अधिक परीक्षार्थियों ने पंजीकरण कराया है। आठ हजार से अधिक परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। तीन लाख से अधिक कक्ष निरीक्षक की तैनाती हुई है। सभी को क्यूआर कोड वाले आईकार्ड दिए गए हैं। उत्तर पुस्तिका को भी क्यूआर कोर्ड के दायरे में लाया गया है। परीक्षा में नकल रोकने के लिए एसटीएफ, लोकल खुफिया विभाग एवं पुलिस भी सक्रिय है।

  • प्रेमी ने प्रेमिका के भाई को मारी गोली,मौत

    प्रेमी ने प्रेमिका के भाई को मारी गोली,मौत

    झांसी। रक्सा थाना क्षेत्र के ग्राम खैरा में मायके आई विवाहिता के प्रेमी ने उसे भगा कर ले जाने का प्रयास किया। जब विवाहिता के भाई ने उसका विरोध किया तो प्रेमी द्वारा उसे गोली मार दी। गोली लगने से वह गिर गया। उसे परिजन अचेत अवस्था में मेडिकल कॉलेज लाए। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना पर पहुंचीं पुलिस मामले की जांच में जुट गई।

    रक्सा थाना के ग्राम खैरा निवासी 22 वर्षीय अंगद पाल के घर शुक्रवार उसके रिश्तेदारी के दो युवक मध्य प्रदेश के जिला दतिया शंकरगढ़ निवासी जितेंद्र तथा बृजकिशोर पहुंचे। किसी बात को लेकर अंगद और युवकों में कहासुनी हो गई। तभी दोनों युवकों ने तमंचा निकाल कर अंगद को गोली मार दी। गोली लगते ही अंगद जमीन पर गिरकर घायल हो गया। घटना को अंजाम देकर दोनों युवक वहां से भागने लगे। तभी ग्रामीणों ने घेराबंदी कर उन्हें दबोच लिया। इधर, घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल को उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलते ही सीओ सदर सहित रक्सा थाना प्रभारी मौके पर पहुंच गए। पुलिस घटना की जांच पड़ताल की।

    एसपी सिटी ज्ञानेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि घटना का कारण मृतक की बहन को जबरदस्ती ले जाना बताया जा रहा है। दरअसल मृतक की बहन रीना की शादी मध्य प्रदेश के डबरा में हुई थी। लेकिन वह ससुराल वालों से अलग जितेंद्र के यहां किराए से मकान लेकर रहती थी। 14 फरवरी को रीना जितेंद्र के साथ भाग गई थी। इसकी शिकायत ससुरालीजनों ने पुलिस से की। पुलिस ने 19 फरवरी को उसे गिरफ्तार कर लिया। उसने अपने बयान में जितेन्द्र के साथ रहना स्वीकार किया। उसके बाद उसके पिता उसे अपने साथ झांसी रक्सा में घर ले आए। आज जितेंद्र और उसका साथी रीना को जबरन अपने साथ ले जा रहे थे। भाई अंगद ने इसका विरोध किया, इसी बात को लेकर हमलावरों ने उसे गोली मार दी। घटना की सत्यता जानने के लिए जांच पड़ताल की जा रही है। तहरीर के आधार पर दोनों आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। दोनों आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर कार्रवाई की जा रही है।

  • दिल्ली विधानसभा से भाजपा विधायकों के निलंबन मामले में अगली सुनवाई 26 को

    दिल्ली विधानसभा से भाजपा विधायकों के निलंबन मामले में अगली सुनवाई 26 को

    नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा ने कहा है कि भाजपा के निलंबित सात विधायकों के खिलाफ चल रही कार्यवाही बिना देरी के खत्म हो जाएगी और उनका निलंबन असहमति के आवाज को खत्म करना कतई नहीं है। दिल्ली विधानसभा ने शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट में ये बातें कही। मामले में अगली सुनवाई 26 फरवरी को होगी।

    आज सुनवाई के दौरान दिल्ली विधानसभा की ओर से पेश वकील सुधीर नंद्राजोग ने जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच से कहा कि विधायकों का निलंबन विपक्षी विधायकों के गलत आचरण के खिलाफ स्व-अनुशासन की एक प्रक्रिया है। नंद्राजोग ने सात विधायकों की ओर से दाखिल याचिका का विरोध करते हुए कहा कि विधानसभा अपनी गरिमा बनाए रखने को लेकर विवेक का इस्तेमाल करता है। उन्होंने कहा कि जब विधायकों ने उप-राज्यपाल को माफी मांगते हुए पत्र लिखा तो उन्हें विधानसभा को भी ऐसा ही पत्र लिखना चाहिए। तब कोर्ट ने विधायकों की ओर से पेश वकील जयंत मेहता से कहा कि इस मामले को सुलझाएं और विधानसभा को सम्मानपूर्वक पत्र लिखें।

    सुनवाई के दौरान नंद्राजोग ने कहा कि निलंबित विधायकों ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि विधायकों को निलंबित किए जाने को आम आदमी पार्टी के बहुमत के राजनीतिक रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले में विपक्ष के नेता भी बराबर के दोषी हैं लेकिन उन्हें निलंबित नहीं किया गया। अगर असहमति की आवाज को बंद करना होता तो विपक्ष के नेता को भी निलंबित कर दिया जाता। नंद्राजोग ने कहा कि विधानसभा की विशेषाधिकार समिति ने अभी कोई कार्यवाही नहीं की है। इस मामले में देरी इसलिए की जा रही है क्योंकि मामला कोर्ट में लंबित है। विशेषाधिकार समिति की देर करने की मंशा नहीं है। किसी भी अंतिम फैसला पर पहुंचने से पहले इन विधायकों का पक्ष सुना जाएगा।

    दिल्ली हाई कोर्ट ने 22 फरवरी को दिल्ली विधानसभा की विशेषाधिकार समिति से कहा था कि वो निलंबित किए गए सात भाजपा विधायकों के खिलाफ कार्रवाई स्थगित रखें। कोर्ट ने कहा था कि चूंकि ये मामला कोर्ट में लंबित है इसलिए विशेषाधिकार समिति को कार्रवाई जारी नहीं रखनी चाहिए। सुनवाई के दौरान बीजेपी विधायकों की ओर से पेश वकील जयंत मेहता ने कहा था कि निलंबित विधायक 21 फरवरी को विधानसभा के स्पीकर से मिले थे। कोर्ट के इस आदेश के बाद इन विधायकों ने स्पीकर से मुलाकात की थी। 21 फरवरी को सात निलंबित विधायकों की ओर से कहा गया था कि विधायकों ने उप-राज्यपाल से मिलकर माफी मांग ली है।

    बता दें कि 20 जनवरी को कोर्ट ने भाजपा विधायकों से पूछा था कि क्या वे विधानसभा के स्पीकर से मुलाकात कर और उप-राज्यपाल से माफी मांग सकते हैं। सुनवाई के दौरान विधानसभा स्पीकर ने सुझाव दिया था कि अगर भाजपा विधायक उनसे मुलाकात करें और उप-राज्यपाल से माफी मांग ले तो इस विवाद का हल निकाला जा सकता है। 19 जनवरी को इन विधायकों की ओर से वकील जयंत मेहता ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ये पहले ही कह चुका है कि आप अनिश्चित काल तक किसी को निलंबित नहीं रख सकते हैं। जयंत मेहता ने कहा था कि पहली घटना पर किसी विधायक को तीन दिनों की अधिकतम सजा दी जा सकती है और दूसरी बार सात दिनों की अधिकतम सजा दी जा सकती है। इस मामले में इन विधायकों की ये पहले सजा है, ऐसे में उन्हें तीन दिन से ज्यादा की सजा नहीं दी जा सकती है।

    दरअसल, 15 फरवरी को दिल्ली विधानसभा में उप-राज्यपाल वीके सक्सेना के अभिभाषण के दौरान कथित तौर पर बाधा डालने के आरोप में सात भाजपा विधायकों को निलंबित कर दिया गया। आप विधायक दिलीप पांडेय ने विधानसभा में सातों विधायकों के निलंबन का प्रस्ताव रखा जिसे पारित कर दिया गया। दिल्ली विधानसभा के स्पीकर रामनिवास गोयल ने विधायकों की ओर से बाधा डालने के मामले को विशेषाधिकार समिति को सौंप दिया। जिन सात विधायकों को निलंबित किया गया उनमें मोहन सिंह बिष्ट, अजय महावर, ओपी शर्मा, अभय वर्मा, अनिल वाजपेयी, जीतेंद्र महाजन और विजेंद्र गुप्ता शामिल हैं।

  • कोर्ट ने दहेज हत्या में दोषी पति को दस और व सास-ससुर को आठ साल की सुनाई सजा

    कोर्ट ने दहेज हत्या में दोषी पति को दस और व सास-ससुर को आठ साल की सुनाई सजा

    फतेहपुर। जिले में शुक्रवार को दहेज हत्या के मामले में अपर जिला जज न्यायालय प्रथम के न्यायाधीश अखिलेश कुमार पांडेय की अदालत ने आरोपी पति को दस साल की कारावास व सास-ससुर को 8-8 साल की सजा सुनाई है। साथ ही सभी आरोपियों पर 12 हजार का जुर्माना भी लगाया है।

    अभियोजन कल्पना पांडे ने बताया कि खखरेरू थाना क्षेत्र के भदौहा गांव निवासी बीरन 7 मई 2018 को अपने बेटी रीतू की शादी सुल्तानपुर घोष के सरौली गांव के रहने वाले हरिश्चंद्र उर्फ़ बचानी के बेटे रामबाबू से की थी। शादी में दिए गए दान दहेज से असंतुष्ट पति राम बाबू के साथ ससुर हरिश्चंद्र व सास सोना देवी आए दिन अतिरिक्त दहेज में सोने की चेन, अंगूठी के साथ डेढ़ लाख रुपये नगदी की मांग करते थे।

    मायके पक्ष के असमर्थता जताने पर आए दिन रीतू के साथ मारपीट कर प्रताड़ित करते रहते थे। 22 अगस्त 2022 को शाम करीब 4:00 बजे उपरोक्त ससुराल वालों ने रीतू को मिट्टी का तेल डालकर जिंदा जला दिया। इस हादसे में रीतू की इलाज के दौरान उसी दिन मौत हो गई। मृतका के पिता की तहरीर पर सुल्तानपुर घोष पुलिस ने आरोपियों पर दहेज उत्पीड़न के साथ अन्य सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। इसके बाद पुलिस ने अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया।

    मामले की अंतिम सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से छह गवाहों को अदालत के समक्ष पेश किया गया। सबूतों और पत्रावली के आधार पर अदालत ने उपरोक्त अभियुक्तों को घटना का दोषी ठहराते हुए यह फैसला सुनाया है।

  • पूर्व ब्लाक प्रमुख ललित कौशिक को 10 साल की सजा, 56 हजार रूपये का जुर्माना

    पूर्व ब्लाक प्रमुख ललित कौशिक को 10 साल की सजा, 56 हजार रूपये का जुर्माना

    – एडीजे पंचम ने ईंट भट्ठा मजदूर का अपहरण कर हत्या करने की कोशिश के आरोप में सुनाया फैसला

    मुरादाबाद। मुरादाबाद के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संख्या पांच ज्ञानेंद्र सिंह यादव के न्यायालय ने शुक्रवार को भाजपा नेता और पूर्व ब्लाक प्रमुख ललित कौशिक को मजदूर को बंधक बनाने और मारपीट मामले में 10 साल की सजा सुनाई। इसके साथ ही 56 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया है। पूर्व ब्लाक प्रमुख पर सीए श्वेताभ तिवारी हत्याकांड, युवा स्पोटर्स व्यापारी कुशांक गुप्ता हत्याकांड केस और पूर्व ब्लाक प्रमुख भाजपा नेता अनुज चौधरी मर्डर केस का मास्टरमाइंड भी हैं। आरोपति ललित वर्तमान में बलरामपुर जिला कारागार में बंद हैं।

    थाना मूंढापांडे क्षेत्र निवासी ईंट भट्ठा मजदूर ओमप्रकाश ने मूंढापांडे थाने में 25 मार्च 2023 को मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें उसने बताया था कि थाना सिविल लाइन क्षेत्र के दीनदयाल नगर निवासी ललित कौशिक एडवोकेट, मूंढापांडे निवासी सतीश सिंह, मूंढापांडे के प्रधान पति शिवकुमार ने उसका अपहरण कर बंधक बना लिया था। इसके बाद उसके साथ मारपीट करते हुए जान से मारने की धमकी दी थी। इस मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संख्या पांच ज्ञानेंद्र सिंह यादव की अदालत में हुई।

    सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता कौशल गुप्ता ने बताया कि इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से गवाहों ने ललित कौशिक के खिलाफ गवाही दी और अदालत को बताया कि किस प्रकार ललित कौशिक ने एक मजदूर को बंधक बना कर उसे जान से मारने की धमकी दी थी। मामले में हस्ट्रीशीटर ललित कौशिक को दस साल की कैद की सजा सुनाई व 56 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। सजा सुनाए जाने के बाद ललित कौशिक को न्यायिक हिरासत में वापस बलरामपुर जेल भेज दिया गया है। ललित कौशिक पर कुल नौ मुकदमे दर्ज हैं। इसमें थाना सिविल लाइंस में 3, थाना मूंढापांडे में 4 और थाना मझोला में 2 मुकदमे दर्ज हैं।

  • सपा को एक और झटका, राज्यसभा चुनाव में वोट नहीं दे पाएंगे इरफान सोलंकी

    सपा को एक और झटका, राज्यसभा चुनाव में वोट नहीं दे पाएंगे इरफान सोलंकी

    कानपुर। महराजगंज जेल में बंद सपा विधायक इरफान सोलंकी की राज्यसभा चुनाव में मतदान करने के लिए न्यायालय में दाखिल की गई याचिका शुक्रवार को खारिज हो गई। याचिका खारिज होने से समाजवादी पार्टी को एक और झटका लग गया।

    सपा विधायक के अधिवक्ता भास्कर मिश्रा ने बताया कि जाजमऊ आगजनी व फर्जी आधार कार्ड समेत कई अन्य मामलों में महराजगंज जेल में बंद विधायक इरफान सोलंकी ने 27 फरवरी को राज्यसभा में होने वाले मतदान में शामिल होने के लिए एमपीएमएलए सेशन कोर्ट में अर्जी देकर अनुमति मांगी थी। न्यायालय के विशेष न्यायाधीश सत्येंद्र नाथ त्रिपाठी ने अर्जी खारिज कर दी है।

    समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। राज्य सभा के होने वाले चुनाव 27 फरवरी को मतदान करने की अनुमति का एक प्रार्थना पत्र एडीजे 11 में दाखिल किया था। जिसमे न्यायालय ने अपील को खारिज कर कहा की जो दिए गए प्रार्थना पत्र में सेक्शन का उल्लेख नहीं किया गया है कि किस सेक्शन में पत्र दिया गया है। विचरण को ये अधिकार नहीं है। पैरोल का कोई अधिकार नहीं है। यह कहते हुए आवेदन खारिज कर दिया। वही अभियोजन ने इसका विरोध करते हुए कहा की इस प्रार्थना पत्र में वोट देने का अधिकार मांगा है। जिसका अदालत में कोई ऐसा प्रावधान नहीं है की पैरोल या एंटीसेप्ट्री बेल दी जा सके।

  • बच्ची की रेप और हत्या के आरोपी को तीस साल की जेल

    बच्ची की रेप और हत्या के आरोपी को तीस साल की जेल

    –हाईकोर्ट ने फैसले में किया बदलाव, ट्रायल कोर्ट ने सुनाई थी मौत की सजा

    प्र्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तीन साल की बच्ची का रेप कर हत्या करने के मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई मौत की सजा में परिवर्तन करते हुए तीस साल की कारावास की सजा सुनाई है।

    कोर्ट ने कहा कि याची में सुधार की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति सैयद आफताब हुसैन रिजवी की खंडपीठ ने दिनेश पासवान की याचिका को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए दिया है।

    याची के खिलाफ फतेहपुर जिले के खागा थाने में रेप और हत्या सहित आईपीसी और पॉक्सो अधिनियम की विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। ट्रायल कोर्ट ने सुनवाई करते हुए उसे मौत की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने सुनवाई के बाद कहा कि परिस्थितियों को देखते हुए याची के पूरे जीवन के लिए आजीवन कारावास की सजा, बिना किसी छूट व लाभ के 30 साल की अवधि के लिए निश्चित अवधि की सजा में संशोधित की जानी चाहिए। ताकि उसके जीवन का मुख्य समय जेल में व्यतीत हो। याची द्वारा काटी जा चुकी सजा को छोड़कर, 30 साल की पूरी सजा भुगतने के बाद ही जेल से रिहा किया जाएगा।

  • उप्र में अब तक लक्ष्य के सापेक्ष पचहत्तर प्रतिशत ही हो पायी धान की खरीद

    उप्र में अब तक लक्ष्य के सापेक्ष पचहत्तर प्रतिशत ही हो पायी धान की खरीद

    लखनऊ। इस वर्ष उत्तर प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अंतर्गत 70 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य था। अब यह पूर्वी उत्तर प्रदेश में 29 फरवरी तक ही चलना है, जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 31 जनवरी को ही खरीदी बंद कर दी गयी। अब तक लगभग 790487 किसानों से 52.97 लाख मीट्रिक टन खरीद की गयी अर्थात लक्ष्य के सापेक्ष 75 प्रतिशत ही खरीदी हो पायी है। 11334.278 करोड़ रुपये का भुगतान उनके आधार से लिंक्ड बैंक खाते में प्रेषित कराया गया है।

    प्रदेश के विशेष सचिव, खाद्य एवं रसद अभिषेक गोयल ने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जनपदों में एक अक्टूबर, 2023 से 31 जनवरी तक तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश के जनपदों में एक नवम्बर, 2023 से 29 फरवरी, 2024 तक खरीद की कार्यवाही चल रही है। विशेष सचिव ने बताया कि धान खरीद हेतु 70 लाख मी०टन धान क्रय का लक्ष्य निर्धारित है। नामित क्रय एजेन्सी. खाद्य तथा रसद विभाग की विपणन शाखा व पी०सी०एफ०, पी०सी०यू०, यू०पी०एस०एस०, मण्डी परिषद व भा०खा०नि० द्वारा कुल 5206 क्रय केन्द्र स्थापित किये गये हैं, जिनमें धान विक्रय हेतु लगभग 10,45,946 किसानों द्वारा ऑनलाइन पंजीकरण कराया गया। अब तक लगभग 790487 किसानों से 52.97 लाख मी. टन खरीद की गयी, जिसके सापेक्ष 11334.278 करोड़ रूपये का भुगतान उनके आधार से लिंक्ड बैंक खाते में प्रेषित कराया गया है।

    विशेष सचिव ने बताया कि क्रय केन्द्रों से राइस मिलों को धान का प्रेषण ऑटोमेटेड सॉफ्टवेयर के माध्यम से कराया जा रहा है। इसमें मानवीय हस्तक्षेप समाप्त कर दिया गया है, जिसके कारण धान प्रेषण एवं सी०एम०आर० डिलीवरी की स्थिति में गुणवत्तापरक सुधार आया है। क्रय केन्द्रों से राइस मिलों को धान का प्रेषण में प्रथम बार अधिक खरीद वाले 40 जनपदों में जी०पी०एस० युक्त वाहनों का प्रयोग किया जा रहा है तथा इसकी सतत् मॉनिटरिंग भी की जा रही है, ताकि इस प्रक्रिया को पूर्ण रूप से पारदर्शी किया जा सके। सी०एम० हेल्प लाईन, खाद्य विभाग के कॉल सेन्टर/टोल फ्री नम्बर, प्रदेश, मण्डल व जनपद स्तर पर स्थापित कन्ट्रोल रूम द्वारा धान क्रय में आने वाली किसी भी कठिनाई का त्वरित गति से समाधान कराया जा रहा है। सी०एम० हेल्पलाईन से 91,842 किसानों को कॉल कर फीडबैक प्राप्त कर धान बिक्री व भुगतान से सम्बन्धित समस्याओं का निराकरण कराया गया। खाद्य विभाग के कॉल सेन्टर पर धान खरीद से सम्बन्धित कुल 1118 प्राप्त शिकायतों में से 1090 निस्तारित हैं, शेष 28 का निस्तारण कराया जा रहा है।

    क्रय धान से निर्मित कस्टम चावल के रूप में शत-प्रतिशत फोर्टीफाइड चावल का केन्द्रीयपूल में सम्प्रदान कराया जा रहा है। अब तक कुल 26.39 लाख मी०टन फोर्टीफाइड चावल केन्द्रीय पूल में सम्प्रदान कराया गया है, जिसका वितरण एन०एफ०एस०ए०, आई०सी०डी०एस० व पी०एम० पोषण योजना के लाभार्थियों के मध्य कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री द्वारा निर्देशित किया गया कि धान विक्रय में कृषकों को कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए एवं क्रय व्यवस्था से जुड़े अधिकारियों को आगाह किया कि कृषक का हित सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

  • यूपी बोर्ड : सख्ती से खलबली, सवा तीन लाख परीक्षार्थी नहीं पहुंचे परीक्षा केंद्र

    यूपी बोर्ड : सख्ती से खलबली, सवा तीन लाख परीक्षार्थी नहीं पहुंचे परीक्षा केंद्र

    -पहले दिन सात मुन्ना भाई एवं पांच नकलची पकड़े गए, एक केंद्र व्यवस्थापक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

    -सोशल मीडिया पर भी रही निगरानी, कंट्रोल रूम से रखी गई नजर

    प्रयागराज,। माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की शुचितापूर्ण तरीके से परीक्षा कराने की रणनीति पहले दिन से कारगर हो गई। गुरुवार को हाईस्कूल एवं इंटर की परीक्षा में करीब सवा तीन लाख से अधिक परीक्षार्थी परीक्षा केंद्रों तक नहीं पहुंचे। प्रदेश भर में सोशल मीडिया पर नजर रखे जाने की वजह से भी नकलचियों में भय व्याप्त रहा। हिन्दी की परीक्षा में नकल कराने का प्रयास करने वाले सात मुन्ना भाई भी पकड़े गए। इन सबके खिलाफ एफआरआई दर्ज कराई गई है। एक केंद्र व्यवस्थापक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। परीक्षा केंद्रों पर निगहबानी की वजह से पांच नकलची भी पकड़े गए हैं।

    बोर्ड मुख्यालय एवं लखनऊ कें कंट्रोल रूम से सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से परीक्षा के दौरान एक टीम परीक्षा केंद्रों पर नजर रखे रही। जहां भी कुछ गड़बड़ी दिखी उस केंद्रों को चेतावनी भी दी गई। यूपी बोर्ड ने इस वर्ष की परीक्षा में और सख्त कदम उठाए हैं। इसका नतीजा आज पहले दिन ही परीक्षा में देखने को मिला।

    प्रथम पाली में हाईस्कूल हिन्दी एवं प्रारम्भिक हिन्दी की परीक्षा 8273 केंद्रों पर एवं इंटर सैन्य विज्ञान की परीक्षा 244 केंद्रों पर आयोजित हुई। हाईस्कूल में 29,38,663 तथा इंटर में 5,123 परीक्षार्थी सम्मिलित होना था। द्वितीय पाली में इंटर हिंदी एवं सामान्य हिंदी की परीक्षा 8,232 केंद्रों पर हुई। हाईस्कूल में वाणिज्य की परीक्षा 1619 सेंटरों पर हुई। इंटर में 24,29,278 तथा हाईस्कूल में 38,437 परीक्षार्थी सम्मिलित होना था। पर हाईस्कूल में कुल 2,03,299 एवं इंटर में 1,30,242 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे।

    बोर्ड सचिव दिब्यकांत शुक्ला ने बताया कि हाईस्कूल एवं इंटर में कुल 3,33,541 परीक्षार्थी गैरहाजिर रहे। इसी प्रकार प्रथम पाली की परीक्षा में सात छद्म परीक्षार्थी भी पकड़े गए। इनमें चार देवरिया, एक-एक आजमगढ़, जौनपुर, अलीगढ़ का मुन्ना भाई है। एटा में एक केंद्र व्यवस्थापक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। पांच बच्चे नकल करते भी पकड़े गए हैं। बोर्ड सचिव ने बताया कि प्रदेश के सभी केंद्रों की लगातार मानिटरिंग की जाती रही। गौरतलब है कि बोर्ड की परीक्षा 55 लाख से अधिक परीक्षार्थियों ने पंजीकरण कराया है। आठ हजार से अधिक परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। तीन लाख से अधिक कक्ष निरीक्षक की तैनाती हुई है। सभी को क्यूआर कोड वाले आईकार्ड दिए गए हैं। उत्तरपुस्तिका को भी क्यूआर कोर्ड के दायरे में लाया गया है। परीक्षा में नकल रोकने के लिए एसटीएफ, लोकल खुफिया विभाग एवं पुलिस भी सक्रिय है।

    सचिव ने बताया कि शुक्रवार को 4 लाख 47 हजार परीक्षार्थी एक्जाम में सम्मिलित होंगे। प्रथम पाली में हाईस्कूल पाली, अरबी, फारसी की परीक्षा 114 केंद्रों एवं इंटर में नागरिकशास्त्र की परीक्षा 7362 केंद्रों पर होगी। जिसमें हाईस्कूल में 1003 तथा इंटर में 3,71,938 परीक्षार्थी सम्मिलित होंगे। इसी प्रकार द्वितीय पाली हाईस्कूल में संगीत गायन 602 केंद्रों एवं इंटर की व्यावासायिक व कृषि वर्ग की परीक्षा 1812 केंद्रों पर होगी। इनमें हाईस्कूल में 10,695 तथा इंटर में 63,865 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं।

  • मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट का बैंक खाता सीज मामले में बैंक को आदेश के पालन का निर्देश

    मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट का बैंक खाता सीज मामले में बैंक को आदेश के पालन का निर्देश

    -कोर्ट ने पालन के लिए दिया छह हफ्ते का अतिरिक्त समय

    प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट के बैंक खाते सीज करने के खिलाफ ट्रस्ट की जवाब पर जिला सहकारी बैंक रामपुर को निर्णय लेने के आदेश का पालन करने का छह हफ्ते का अतिरिक्त मौका दिया है।

    कोर्ट ने कहा है कि याची को निर्णय की सूचना दी जाय। हालांकि कोर्ट ने कहा कि विपक्षी के खिलाफ 19 दिसम्बर 23 के कोर्ट आदेश की अवहेलना कर प्रथम दृष्टया अवमानना में दंडित करने का केस बनता है। किंतु कोई नोटिस जारी करने के बजाय आदेश के पालन का अवसर दिया है और कहा है कि फिर भी आदेश का पालन नहीं किया जाता तो दुबारा अवमानना याचिका दायर की जा सकती है। यह आदेश न्यायमूर्ति विकास बुधवार ने मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट की तरफ से दाखिल अवमानना याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।