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  • सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर जल्द सुनवाई से किया इनकार

    सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर जल्द सुनवाई से किया इनकार

    नई दिल्ली,। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में सीबीआई की तरफ से एफआईआर दर्ज होने के खिलाफ राज्य सरकार की याचिका पर जल्द सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। आज इस मामले को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष मेंशन करते हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने जल्द सुनवाई की मांग की। उन्होंने कोर्ट से कहा कि इस मामले की सुनवाई नौ बार स्थगित की जा चुकी है। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि इस मामले पर मैं सुनवाई नहीं कर रहा हूं। उस बेंच के समक्ष जाइए जिस बेंच के समक्ष ये मामला लिस्टेड है।

    सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कोई जल्दबाजी नहीं है, कुछ दिनों का इंतजार किया जा सकता है। इस पर सिब्बल ने कहा कि इंतजार नहीं किया जा सकता है, क्योंकि मामला 2021 का है और हम 2024 में हैं। इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से कहा गया है कि राज्य सरकार ने सीबीआई जांच की सामान्य सहमति वापस ले ली है। इसके बावजूद सीबीआई मुकदमा दर्ज कर देश के संघीय ढांचे का उल्लंघन कर रहा है।

    सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि सीबीआई एक स्वतंत्र जांच एजेंसी है। इन मामलों को दर्ज करने में केंद्र की कोई भूमिका नहीं है। मेहता ने कहा था कि अगर सुप्रीम इस मामले को स्वीकार कर लेता है तो कई आदेशों को रद्द करना होगा। ऐसा करना जांच के लिए केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के आदेश पर सवाल उठाना होगा।

    सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा था कि हम जांच में हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि जब राज्य सरकार ने अपनी सामान्य सहमति को पहले ही वापस ले लिया है तब क्या सीबीआई के पास इसकी शक्ति है कि वो एफआईआर दर्ज करे। ऐसा कर सीबीआई देश के संघीय ढांचे का उल्लंघन कर रहा है। उन्होंने कहा था कि कोर्ट के आदेश के द्वारा दर्ज मामलों के अलावा सीबीआई ने कई मामले दर्ज कर लिए हैं। प्रमुख मसला उन मामलों का है।

    सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 6 सितंबर 2021 को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था। पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका में कहा गया है कि कानून और व्यवस्था और पुलिस को संवैधानिक रूप से राज्यों के विशेष अधिकार क्षेत्र में रखा गया है। सीबीआई की ओर से मामले दर्ज करना अवैध है। ये केंद्र और राज्यों के बीच संवैधानिक रूप से वितरित शक्तियों का उल्लंघन है।

  • हाई कोर्ट ने सुनहरी बाग मस्जिद को हटाने के प्रस्ताव के खिलाफ याचिका पर सुनवाई से किया इनकार

    हाई कोर्ट ने सुनहरी बाग मस्जिद को हटाने के प्रस्ताव के खिलाफ याचिका पर सुनवाई से किया इनकार

    नई दिल्ली,। दिल्ली हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने सुनहरी बाग स्थित मस्जिद को हटाने के प्रस्ताव के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि ऐसी ही एक याचिका सिंगल बेंच के समक्ष लंबित है, इसलिए इस पर कोई आदेश देने की जरूरत नहीं है।

    कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आपकी प्रार्थनाएं ठीक वैसी ही हैं जैसी सिंगल बेंच के समक्ष दायर याचिका की हैं। कोर्ट ने कहा कि इस मामले पर दिल्ली वक्फ बोर्ड ने वक्फ संपत्तियों को बचाने के लिए अपनी कानूनी जिम्मेदारियों का वहन करते हुए कदम उठाया है। ऐसे में इस मामले में किसी भी आदेश की जरूरत नहीं है। याचिका वक्फ वेलफेयर फोरम ने दायर की थी।

    सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, दिल्ली वक्फ बोर्ड और नई दिल्ली नगर पालिका परिषद के वकीलों ने याचिका का विरोध किया। प्रतिवादियों ने कहा कि ये याचिका सिंगल बेंच में दाखिल याचिका की कट एंड पेस्ट है। दिल्ली वक्फ बोर्ड की ओर से पेश वकील संजय घोष ने कहा कि दिल्ली वक्फ बोर्ड वक्फ की संपत्तियों को बचाने की अपनी कानूनी जिम्मेदारियों का वहन कर रही है। उन्होंने कहा कि सिंगल बेंच के समक्ष दायर याचिका पर 28 फरवरी को सुनवाई होनी है।

    सिंगल बेंच के समक्ष मस्जिद के इमाम अब्दुल अजीज की ओर से नई दिल्ली नगरपालिका परिषद की ओर से एक अखबार में जारी उस इश्तेहार को चुनौती दी गई है, जिसमें मस्जिद को हटाने को लेकर लोगों की राय मांगी गई है। याचिका में कहा गया है कि मस्जिद डेढ़ सौ साल पुरानी है और ये दिल्ली की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। याचिका में मांग की गई है कि नई दिल्ली नगरपालिका परिषद, हेरिटेज कंजर्वेशन कमेटी, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस और केंद्रीय गृह और शहरी मामलों के मंत्रालय को इस मस्जिद को कोई भी नुकसान करने से रोका जाए।

    याचिका में कहा गया है कि सुनहरी बाग स्थित इस मस्जिद से ट्रैफिक संचालन में कोई समस्या पैदा नहीं हुई। ये मस्जिद करीब सौ सालों से अपनी जगह पर खड़ी है और कभी भी ट्रैफिक के लिए बाधा नहीं बनी। याचिका में कहा गया है कि ट्रैफिक में कोई भी बाधा मस्जिद के बाद बनी इमारतों की वजह से है। अब जब ट्रैफिक इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी ने काफी प्रगति कर ली है तो सांस्कृतिक विरासत के इस मस्जिद को कोई नुकसान हुए बिना तकनीक से ट्रैफिक की समस्या को दूर किया जा सकता है।

  • हाईकोर्ट बार एसोसिएशन निर्वाचन समिति ने कार्यकारिणी चुनाव के लिए आचार संहिता किया लागू

    हाईकोर्ट बार एसोसिएशन निर्वाचन समिति ने कार्यकारिणी चुनाव के लिए आचार संहिता किया लागू

    –बार चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को नामांकन पत्र के साथ नोटरी हलफनामा देना अनिवार्य

    प्रयागराज, । इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की निर्वाचन समिति ने वर्ष 2024-25 के कार्यकारिणी चुनाव के लिए आचार संहिता जारी कर तत्काल प्रभाव से लागू कर दी है। जिसका सभी सम्भावित प्रत्याशियों, समर्थकों को कड़ाई से पालन करने का अनुरोध किया गया है। अवहेलना करने पर कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

    चुनाव अधिकारी वशिष्ठ तिवारी के अनुसार मुख्य चुनाव अधिकारी वरिष्ठ अधिवक्ता वीएम जैदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई चुनाव समिति की बैठक में अमित कुमार निगम एवं अन्य केस में हाईकोर्ट के निर्देशों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने का फैसला लिया गया है। हाईकोर्ट परिसर, आस पास और पूरे शहर में कोई भी प्रत्याशी या समर्थक पोस्टर, बैनर नहीं लगाएंगे। जिन प्रत्याशियों के पोस्टर, बैनर लगे हैं, वे अपने सभी पोस्टर, बैनर हटवा लें अन्यथा उनका नामांकन निरस्त कर दिया जायेगा। यह भी कहा गया है कि चुनाव के दौरान किसी प्रकार की चुनाव प्रचार सामग्री का वितरण नहीं किया जायेगा।

    प्रत्याशी एवं समर्थक कोर्ट परिसर के गलियारे में चुनाव प्रचार नहीं करेंगे। न कोई पोस्टर या हैंडबिल वितरित करेंगे। इसके अलावा सोशल मीडिया, इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से भी चुनाव प्रचार पूर्णतया वर्जित किया गया है। कोई भी प्रत्याशी या उसके समर्थक किसी भी समारोह के बहाने किसी भी प्रकार की छोटी या बड़ी पार्टी, दावत आयोजित नहीं करेंगे। कोई भी प्रत्याशी या उनके समर्थक द्वारा अन्य किसी प्रत्याशी के विरुद्ध किसी भी प्रकार की अपमानजनक टिप्पणी या शब्दों का प्रयोग किया जाना प्रतिबंधित किया गया है। सभी प्रत्याशियों को नामांकन फार्म के साथ चुनाव आचार संहिता के पालन का नोटरी शपथ पत्र के जरिए इस आशय का घोषणा-पत्र देना होगा।

  • सहायक अध्यापक भर्ती : चयनित अभ्यर्थियों की जारी सूची को रद्द करने की याचिका खारिज

    सहायक अध्यापक भर्ती : चयनित अभ्यर्थियों की जारी सूची को रद्द करने की याचिका खारिज

    प्रयागराज। सहायक अध्यापक भर्ती 2020 में आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिका पर गैर चयनित अभ्यर्थियों को तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने कहा कि अनारक्षित, आरक्षित सीटों के वितरण के साथ-साथ क्षैतिज आरक्षण के लिए सीटों की संख्या प्रासंगिक कानूनों और नियमों के अनुसार निर्धारित की गई है। इसमें गलती नहीं है।

    याची इस बात को स्पष्ट नहीं कर सके कि आरक्षण देने में गड़बड़ी की गई है। साथ ही चयनित उम्मीदवारों को पक्षकार नहीं बनाया गया। लिहाजा, याचिका खारिज की जाती है। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने श्वेता र्मार्या व 21 अन्य सहित कुल 27 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया है।

    याचियों की ओर से कहा गया कि सहायक अध्यापक 2020 भर्ती मामले में अन्य पिछड़ें वर्ग के अभ्यर्थियों (ओबीसी) को दिया गया आरक्षण सही नहीं है। याचियों की ओर से कहा गया कि सहायक अध्यापकों का चयन जिला स्तर पर किया गया था। जबकि, आरक्षण राज्य स्तर पर गलत तरीके से लागू किया गया। इसका प्रतिकूल प्रभाव अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों पर पड़ा। ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों की संख्या और उन पर नियुक्ति की संख्या की सटीक जानकारी नहीं दी गई।

    याचियों ने जनपद शाहजहांपुर, झांसी, हरदोई में चयनित अभ्यर्थियों का हवाला भी दिया। जवाब में कहा गया कि अंतिम मेरिट सूची 1994 अधिनियम के तहत पद के आरक्षण को ध्यान में रखते हुए जिलेवार तैयार की गई है। इसमें किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई है। याचियों की ओर से चयनित उम्मीदवारों को भी पक्षकार नहीं बनाया गया। इस वजह से याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।

  • महुआ मोइत्रा ने ईडी को फेमा उल्लंघन की जांच से जुड़ी जानकारी लीक करने से रोकने को हाई कोर्ट में दायर की याचिका

    महुआ मोइत्रा ने ईडी को फेमा उल्लंघन की जांच से जुड़ी जानकारी लीक करने से रोकने को हाई कोर्ट में दायर की याचिका

    – जस्टिस सुब्रमण्यम की बेंच 22 फरवरी को करेगी सुनवाई

    नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर ईडी को गोपनीय और अपुष्ट सूचनाओं को लीक करने से रोकने की मांग की है। जस्टिस सुब्रमण्यम की बेंच कल यानि 22 फरवरी को सुनवाई करेगी।

    महुआ मोइत्रा ने 19 मीडिया हाऊसेज को ईडी के मामले में अपुष्ट, झूठी औऱ अपमानजनक सूचनाओं को प्रकाशित करने से रोकने की मांग की है। ईडी ने महुआ मोइत्रा को फेमा के उल्लंघन मामले में 14 फरवरी और 20 फरवरी को पूछताछ के लिए समन जारी किया था। याचिका में कहा गया है कि मीडिया हाऊसेज में जो भी खबरें चलायी जा रही हैं, वे ईडी के फेमा के उल्लंघन की जांच से जुड़ी हुई हैं।

    महुआ मोइत्रा ने मांग की है कि मामले के लंबित रहने तक ईडी और मीडिया हाऊसेज को फेमा के उल्लंघन की जांच से जुड़ी सामग्री लीक करने और उन्हें प्रकाशित करने से रोका जाए। याचिका में कहा गया है कि ईडी ने जानबूझकर गलत नीयत से सूचनाएं लीक की है। महुआ ने जो जवाब ईडी को दिए हैं उन्हें लीक किया जा रहा है और मीडिया में प्रकाशित किया जा रहा है। जिस मामले में अभी जांच चल रही है उसमें खबरे प्रकाशित करना याचिकाकर्ता के निष्पक्ष जांच के अधिकार का उल्लंघन है।

    बतादें कि 8 दिसंबर 2023 को लोकसभा ने महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता खत्म कर दिया था। संसद की एथिक्स कमेटी ने महुआ मोइत्रा को पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोप को सही मानते हुए संसद की सदस्यता खत्म करने की अनुशंसा की थी। महुआ मोइत्रा पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने पैसे लेकर सवाल पूछने का आरोप लगाया था। मोइत्रा पर आरोप था कि उन्होंने एक कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेकर अडाणी के बारे में सवाल पूछे थे और अपना लॉग-इन पासवर्ड भी हीरानंदानी से साझा किया था।

  • दादा साहेब फाल्के अवार्ड मिलने के बाद शाहरुख खान ने व्यक्त कीं अपनी भावनाएं

    पिछले साल यानी 2023 में शाहरुख खान ने एक के बाद एक तीन ब्लॉकबस्टर फिल्में देकर एक बार फिर साबित कर दिया कि वह बॉक्स ऑफिस के असली किंग हैं। ”पठान”, ”जवान” और ”डंकी” शाहरुख के करियर की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्में बनीं। इनमें से एटली द्वारा निर्देशित फिल्म ”जवान” ने बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ कमाई की थी। इस फिल्म ने करीब 1100 करोड़ का बिजनेस किया था। इस फिल्म के लिए शाहरुख को हाल ही में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

    इस अवॉर्ड को स्वीकार करते हुए शाहरुख ने बेहद दमदार स्पीच देकर दर्शकों का दिल जीत लिया। इसी पुरस्कार समारोह में नयनतारा को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। ”जवान” में शाहरुख डबल रोल में नजर आए थे। खासकर बूढ़े शाहरुख के रोल की खूब चर्चा हुई थी। साउथ की ब्लॉकबस्टर इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अनोखा इतिहास रचा।

    पुरस्कार स्वीकार करते हुए शाहरुख ने कहा, ”कई सालों के बाद मुझे सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला है। इस बीच मुझे लगा कि अब मुझे ये अवॉर्ड कभी नहीं मिलेगा। लेकिन मैं यह पुरस्कार पाकर खुश हूं, मुझे अवार्ड्स पसंद हैं।”

    शाहरुख ने कहा कि इस मामले में मैं थोड़ा स्वार्थी और लालची हूं। मेरे काम को पसंद करने और मेरी कड़ी मेहनत की सराहना करने के लिए मैं हमेशा लोगों का आभारी रहूंगा।

    शाहरुख ने आगे कहा, ”एक बात जिसका जिक्र करना जरूरी है वो ये कि सिर्फ एक एक्टर का काम काफी नहीं है। कलाकृति तब और भी बेहतर हो जाती है जब उसके आस-पास की मंडली भी इसमें भाग लेती है। मुझे भी कई लोगों की मेहनत और मदद की बदौलत यह पुरस्कार मिला।”

    उन्होंने कहा कि मैं दर्शकों से वादा करता हूं कि मैं कड़ी मेहनत करना जारी रखूंगा। मैं भारतीय और गैर-भारतीय दोनों दर्शकों का इसी तरह मनोरंजन करता रहूंगा। इसके लिए मैं जो कुछ भी कर सकता हूं, करूंगा।

  • इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट के लिए बुमराह को आराम, केएल राहुल बाहर

    इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट के लिए बुमराह को आराम, केएल राहुल बाहर

    नई दिल्ली। इंग्लैंड के खिलाफ 23 फरवरी से रांची में शुरू होने वाले चौथे टेस्ट से जसप्रीत बुमराह को आराम दिया गया है। केएल राहुल, जो दूसरे और तीसरे टेस्ट में चूक गए थे, चौथे टेस्ट से भी चूकने वाले हैं, जबकि धर्मशाला में अंतिम टेस्ट में उनकी भागीदारी फिटनेस पर निर्भर है।

    भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने मंगलवार रात एक आधिकारिक बयान में कहा कि बुमराह को ब्रेक देने का फैसला उनके कार्यभार को ध्यान में रखते हुए किया गया है – उन्होंने पहले तीन टेस्ट मैचों में 80.5 ओवर फेंके हैं – आईपीएल सीज़न के बाद 1 जून से 2024 टी 20 विश्व कप शुरू होगा। ऐसी अटकलें थीं कि बुमराह राजकोट में तीसरे टेस्ट के लिए आराम दिया जाने वाला था, लेकिन श्रृंखला 1-1 से बराबर होने के बाद, उन्होंने अंततः मैच खेला।

    राजकोट में तीसरे टेस्ट के लिए टीम से रिलीज किए गए मुकेश कुमार रांची में टीम में शामिल हो गए हैं। रिलीज होने के बाद उन्होंने बिहार के खिलाफ बंगाल के लिए रणजी ट्रॉफी मैच खेला, जहां उन्होंने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 50 रन देकर 10 विकेट लेकर बंगाल को बड़ी जीत दिलाई।

    राजकोट में रिकॉर्ड 434 रनों की जीत के बाद भारत अब पांच मैचों की श्रृंखला 2-1 से आगे है, और उन्हें बुमराह की अनुपस्थिति की भरपाई करने का रास्ता खोजना होगा: वह श्रृंखला में 13.64 के औसत से 17 विकेट लेकर अग्रणी विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। वह विशाखापत्तनम में दूसरे टेस्ट में भारत की जीत में प्लेयर ऑफ द मैच थे, जहां उन्होंने दोनों पारियों में 91 रन देकर 9 विकेट लिए।

    भारत और इंग्लैंड के बीच चौथा टेस्ट तीसरे टेस्ट की समाप्ति के ठीक चार दिन बाद इस शुक्रवार से शुरू हो रहा है, जबकि 27 फरवरी को चौथे टेस्ट की समाप्ति और पांचवें और अंतिम टेस्ट की शुरुआत के बीच आठ दिन का अंतर है। पांचवां मैच 7 मार्च से शुरु हो रहा है।

    चौथे टेस्ट के लिए भारतीय टीम: रोहित शर्मा (कप्तान), यशस्वी जयसवाल, शुभमन गिल, रजत पाटीदार, सरफराज खान, ध्रुव जुरेल (विकेटकीपर), केएस भरत (विकेटकीपर), देवदत्त पडिक्कल, आर अश्विन, रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल, वॉशिंगटन सुंदर ,कुलदीप यादव, मोहम्मद सिराज, मुकेश कुमार, आकाश दीप।

  • कोहली दूसरी बार बने पिता, पत्नी अनुष्का ने 15 फरवरी को दिया बेटे को जन्म

    कोहली दूसरी बार बने पिता, पत्नी अनुष्का ने 15 फरवरी को दिया बेटे को जन्म

    नई दिल्ली। व्यक्तिगत कारणों से इंग्लैंड के खिलाफ चल रही टेस्ट सीरीज से चूकने के बाद, विराट कोहली ने खुलासा किया है कि उनकी पत्नी अनुष्का शर्मा ने अपने दूसरे बच्चे को जन्म दिया है। कोहली ने मंगलवार को एक इंस्टाग्राम पोस्ट में बताया कि उनके बेटे का जन्म 15 फरवरी को हुआ था, जिसका नाम इस जोड़ी ने अकाय रखा है।

    कोहली, जो इंग्लैंड के खिलाफ चल रही श्रृंखला के पहले टेस्ट से पहले हैदराबाद में थे, अपने परिवार के साथ रहने के लिए चले गए और अंततः पूरी श्रृंखला के लिए अपनी अनुपलब्धता व्यक्त की। प्रारंभ में, उन्होंने स्वयं को केवल पहले दो मैचों के लिए अनुपलब्ध रखा था। पांच मैचों की श्रृंखला में 2-1 से आगे चल रहे भारत ने एक सप्ताह पहले ही अंतिम तीन टेस्ट मैचों के लिए अपनी टीम की घोषणा की।

    जब कोहली और अनुष्का का पहला बच्चा होने वाला था, तो उन्होंने 2020-21 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चार टेस्ट मैचों में से आखिरी तीन से नाम वापस ले लिया था। उस समय कोहली भारत के कप्तान थे, इसके बाद अजिंक्या रहाणे ने शेष तीन टेस्ट मैचों के लिए टीम का नेतृत्व किया था।

    कोहली ने आखिरी बार भारत के लिए जनवरी के मध्य में खेला था, जब उन्हें 1 जून को होने वाले विश्व कप को ध्यान में रखते हुए अफगानिस्तान के खिलाफ श्रृंखला के लिए टी20 टीम में वापस लाया गया था।

  • राहुल गांधी की यात्रा में संवाददाता की पिटाई के विरोध में पत्रकार संगठनों ने जंतर-मंतर पर किया प्रदर्शन

    राहुल गांधी की यात्रा में संवाददाता की पिटाई के विरोध में पत्रकार संगठनों ने जंतर-मंतर पर किया प्रदर्शन

    नई दिल्ली, 21 फरवरी (हि.स.)। नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया), दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन और एनयूजे उत्तर प्रदेश ने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में एक पत्रकार की पिटाई के विरोध में बुधवार को दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। पत्रकार संगठनों ने रायबरेली (उप्र) में इंडिया न्यूज के संवाददाता शिवप्रसाद यादव की पिटाई करने वाले कांग्रेसियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

    एनयूजे (आई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष रास बिहारी, महासचिव प्रदीप तिवारी, राष्ट्रीय संगठन मंत्री प्रमोद गोस्वामी, दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश थपलियाल और एनयूजे उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष वीरेंद्र सक्सेना ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि इंडिया न्यूज संवाददाता ने कांग्रेस के नेता राहुल गांधी से समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के यात्रा में शामिल न होने पर सवाल पूछा था। हो सकता है कि अखिलेश यादव से राहुल गांधी की नाराजगी हो, पर उसका गुस्सा पत्रकार पर क्यों उतारा गया।

    रास बिहारी ने कहा कि लोकतंत्र में राजनैतिक दलों के नेताओं को बयानबाजी की स्वतंत्रता मिली है तो मीडिया को प्रश्न पूछने का अधिकार मिला है। उन्होंने कहा कि लगता है कि कांग्रेस के नेता अपने खिसकते जनाधार के कारण बौखलाकर बार-बार मीडिया को अपमानित कर रहे हैं। कांग्रेस आलाकमान को अपने प्रवक्ताओं और नेताओं को प्रश्न पूछने पर सही जबाव देने के लिए प्रशिक्षण देने की जरूरत है।

    एनयूजे महासचिव प्रदीप तिवारी ने कहा कि भोपाल में कांग्रेस कार्यालय में भी पत्रकारों की पिटाई की गई। एनयूजे उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष वीरेंद्र सक्सेना ने कहा कि मीडियाकर्मियों पर हमलों के खिलाफ उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर आंदोलन चलाया जाएगा।

    एनयूजे के राष्ट्रीय संगठन मंत्री प्रमोद गोस्वामी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मीडियाकर्मियों पर हमलों को लेकर भारतीय प्रेस परिषद में मामले उठाए जाएंगे। डीजेए अध्यक्ष राकेश थपलियाल ने कहा कि पत्रकारों पर बढ़ते हमलों को लेकर जल्दी ही केंद्रीय गृह मंत्री को ज्ञापन देकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जाएगी।

  • राहुल गांधी ने दो करोड़ नौकरी के वादे पर मोदी सरकार को घेरा

    राहुल गांधी ने दो करोड़ नौकरी के वादे पर मोदी सरकार को घेरा

    कानपुर। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने हर साल दो करोड़ युवाओं को नौकरी देने के वादे पर बुधवार को मोदी सरकार को जमकर घेरा। राहुल ने कहा कि नौकरी का वादा करने वाले लोग सत्ता में आने के बाद युवाओं को ही भूल गए। रोजगार के नाम पर लाई गई अग्निवीर योजना भी युवाओं और सैनिकों के साथ एक धोखा है।

    शहर के घंटाघर में राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा की एक सभा में कहा कि अग्निवीर योजना युवाओं को सेना में शामिल होने का रास्ता बंद कर रही है। यह योजना युवाओं को धोखा दे रही है। उन्होंने कहा कि देश के युवा रोते और चिल्लाते हुए रोजगार मांग रहे हैं लेकिन उन्हें बदले में लाठियों से इनाम दिया जा रहा है।

    कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में दलित, पिछड़े नहीं जा सके, यही इनकी सामाजिक समरसता है। कांग्रेस आएगी तो इन्हीं दलित-पिछड़ों व अल्पसंख्यकों यानी 90 प्रतिशत का राज हो जाएगा। आज करीब 90 प्रतिशत वही आबादी परेशान है और इनकी बड़ी जगहों पर कहीं भी भागीदारी नहीं है। उन्होंने कहा कि नफरत की बाजार में मोहब्बत की दुकान लेकर आए हैं। यह देश नफरत नहीं, भाईचारा, मोहब्बत एक-दूजे की मदद का है। वर्तमान दौर में पिछड़े, दलित, आदिवासियों को न्याय नहीं मिल रहा।