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  • सुशासन की पहली शर्त रुल आफ लॉ है : मुख्यमंत्री योगी

    सुशासन की पहली शर्त रुल आफ लॉ है : मुख्यमंत्री योगी

    उत्तर प्रदेश के सुशासन मॉडल को स्थापित करने में बार और बेंच का हमेशा सहयोग मिला

    –योगी ने कहा, हम सरकार तक पहुंची समस्या को समाधान तक जरुर पहुंचाएंगे

    प्रयागराज,। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सुशासन की पहली शर्त रूल आफ लॉ है। बिना बाॅर और बेंच के सहयोग के यह सम्भव नहीं है। उत्तर प्रदेश के सुशासन मॉडल को स्थापित करने में बाॅर और बेंच का हमेशा सहयोग मिला। उन्होंने कहा कि आम आदमी का न्यायिक जगत पर विश्वास बना रहे हमें इस दिशा में कार्य करना चाहिए। अगर लोकतंत्र में जनता का विश्वास डगमगाया तो फिर उसको सड़कों पर उतरने में देर नहीं लगेगी। हम सबको भारत के लोकतंत्र के सभी स्तम्भों को और मजबूती प्रदान करने के लिए हमेशा प्रयास करना चाहिए।

    मुख्यमंत्री योगी शुक्रवार को मेडिकल ऐसोसिएशन के ऑडिटोरियम में आयोजित डॉ. राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में संवाद का विशेष महत्व होता है। अगर किसी को कोई समस्या होती है तो वह अपनी परेशानी के बारे में सीधे शासन को अवगत करा सकता है। समस्याग्रस्त व्यक्ति के पास शासन तक अपनी बात पहुंचाने के अनेक माध्यम हैं। हम सरकार तक पहुंची समस्या को समाधान तक जरुर पहुंचाएंगे।

    सीएम योगी ने कहा कि 26 जनवरी 1950 को लागू हुए भारत के संविधान ने देश को उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक एकता के सूत्र में बांधने का कार्य किया। यहीं नहीं भारत के संविधान ने दुनिया को भी लोकतांत्रिक तरीके से आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है। उन्होंने कहा कि जब देश का संविधान तैयार हो रहा था तो उस समय प्रस्तावना को लेकर लेकर लंबी चर्चा हुई थी। उस दौरान बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर ने एक बात कही थी कि हमारी चुनौती संविधान के विस्तार और अंत को लेकर नहीं है।

    योगी ने कहा कि हम इति को लेकर परेशान होते हैं कि समारोह कैसा होगा। समारोह अच्छा होगा, उसके परिणाम भी अच्छे आएंगे, बशर्ते हमारी शुरुआत अच्छी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी संसद में तीन नए एक्ट बनें हैं। डॉ. राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रीय विधि को अपने ऊपर यह जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि प्रदेश भर के युवा अधिवक्ताओं के नए एक्ट सहित न्यायिक प्रक्रिया से जुड़ा प्रशिक्षण का एक विशेष कार्यक्रम यहां प्रारंभ हो, राज्य सरकार उसमें पूरा सहयोग करेगी। सीएम योगी ने कहा कि हमारी सरकार ने उत्तर प्रदेश के अधिवक्ताओं के हित में बहुत सारे कार्य किए हैं और आगे भी करेगी।

    कार्यक्रम में भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश मनोज मिश्रा, न्यायाधीश राजेश जिंदल, उच्च न्यायालय इलाहाबाद के मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली, उतर प्रदेश सरकार के महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा व बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा, औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ’नंदी’ सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

  • हर घर पहुंचने वाला साफ पानी लाएगा शिशु मृत्यु दर में कमी : विनी महाजन

    हर घर पहुंचने वाला साफ पानी लाएगा शिशु मृत्यु दर में कमी : विनी महाजन

     

    -दो दिवसीय राष्ट्रीय जल सम्मेलन का पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय की सचिव ने किया उद्घाटन

    लखनऊ,। पीने के लिए साफ पानी के अभाव में तमाम बच्चे न केवल गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं बल्कि इनमें से एक चौथाई अपनी जान तक गंवा देते हैं। जल जनित बीमारियों की वजह से होने वाली शिशु मृत्यु दर का आंकड़ा देश में फिलहाल 25 प्रतिशत है। पेयजल मिशन से जब हर घर में साफ पानी पहुंचेगा तो इस आंकड़े में कमी आएगी।

    जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय जल सम्मेलन का शुक्रवार को उद्घाटन करते हुए पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय की सचिव विनी महाजन ने इसकी उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा कि राज्यों ने चुनौतियों से निपटते हुए लक्ष्य की तरफ तेजी से कदम बढ़ाया है, इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं।

    विनी महाजन ने इस दौरान पेयजल मिशन की तमाम चुनौतियों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि लक्ष्य प्राप्त करना असल चुनौती नहीं है। इससे बड़ी चुनौती इस बात की है कि उसकी निरंतरता कैसे बनाए रखी जाएगी। कैसे इस योजना में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। कैसे इस परियोजना को आम लोगों को सुपुर्द किया जाएगा और वे इसे हमेशा ही गति देते रहेंगे। उन्होंने कहा कि स्थायी जल प्रबंधन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हर मोर्चे पर हमें ठोस प्रयास करने की जरूरत है। हमें प्रतिबद्ध होना होगा कि हम सप्लाई किए जा रहे पानी की गुणवत्ता बनाए रखेंगे। जल जनित बीमारियों से बचाव के लिए क्लोरीनीकरण प्रोटोकॉल का हमें पालन करना है और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इसी से हम अपेक्षित लक्ष्य को पूरा कर सकेंगे।

    उन्होंने कहा कि स्वच्छ पेयजल की आवश्यकता समझाने के लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाए जाने की आवश्यकता है। हमें यह भी सुनिश्चित करना है कि ग्राउंड वॉटर रीचार्ज होता रहे। ऐसा करके ही हम अपने जलस्रोत को लंबे समय तक इस्तेमाल कर सकेंगे। हमारे जलस्रोत दूषित न हों, इसके लिए हमें खुले में शौच से मुक्त यानी ओडीएफ की प्रवृत्ति को बनाए रखना होगा। सरकार कोई भी काम करती है तो उसके लक्ष्य बड़े होते हैं। लिहाजा सभी विभागों को आपसी समन्वय हर परियोजना के लिहाज से बनाए रखना होगा। विभागों के सहयोग से लक्ष्यों की प्राप्ति आसान हो जाती है।

    उप्र अपना प्लान सबके साथ साझा करे

    विनी महाजन ने उत्तर प्रदेश के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को अपना प्लान सभी के साथ साझा करना चाहिए ताकि और लोग भी उसे देखें और अपनाएं। चुनौतियों से निपटते हुए योजना की पूर्ति और लक्ष्य की निरंतरता किस तरह से बनाए रखी जाए यह काफी अहम पहलू है।

    राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के निदेशक और केंद्र सरकार के अपर सचिव डॉ़ चंद्रभूषण कुमार ने ठाकुर के कुंए के जिक्र के साथ अपना संबोधन शुरू किया। उन्होंने कहा कि साफ पानी की चुनौती शुरू से ही रही है लेकिन जल जीवन मिशन ने इस चुनौती को ही चुनौती दी है।

    भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के मिशन निदेशक और संयुक्त सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव ने जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण को एक दूसरे की पूरक योजना बताया। उन्होंने स्वच्छता के महत्व और उनकी उपयोगिता पर अपने विचार रखे।

    कर्नाटक के ग्राम्य विकास और पंचायतीराज विभाग के अपर मुख्य सचिव अंजुम परवेज ने कहा कि किसी कार्य को बिना दृढ़ संकल्प के पूरा नहीं किया जा सकता। जल जीवन मिशन कई चुनौतियों से पार पाते हुए सफलता की ओर है। इस मौके पर असम के स्पेशल चीफ सेक्रेटरी एस अब्बासी, बिहार के ग्राम्य विकास विभाग के प्रमुख सचिव अरविंद कुमार चौधरी मौजूद थे।

    सर्वोत्तम प्रयोग को साझा करने का मंच बनेगा यह सम्मेलन : अनुराग श्रीवास्तव

    उप्र सरकार के नमामि गंगे और ग्रामीण जल आपूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने इस राष्ट्रीय सम्मेलन में आए अतिथियों का स्वागत किया और उत्तर प्रदेश को इस अहम कॉन्फ्रेंस की मेजबानी दिए जाने पर आभार जताया। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन लोगों को अपनी सर्वोत्तम प्रयोगविधि को साझा करने का मंच बनेगा। सभी लोग एक दूसरे के प्रयासों को जानेंगे और उनकी अच्छी बातें अपने यहां भी लागू करेंगे। इस मौके पर उप्र जल निगम ग्रामीण के एमडी डॉ़ बलकार सिंह भी मौजूद थे।

  • ट्रायल कोर्ट को न कहें निचली अदालत : हाईकोर्ट

    ट्रायल कोर्ट को न कहें निचली अदालत : हाईकोर्ट

    -हाईकोर्ट ने महानिबंधक को सर्कुलर जारी करने का दिया निर्देश

    प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को निचली अदालत न कहने को कहा है। कोर्ट ने हाईकोर्ट के महानिबंधक को निर्देश दिया है और कहा है कि वह इस संबंध में सर्कुलर (परिपत्र) जारी करें। निचली अदालत की बजाय ट्रायल कोर्ट ही कहा जाए। निचली अदालत या लोअर कोर्ट कहने की प्रथा उचित नहीं है। यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल की पीठ ने मेरठ के शमशाद अली नामक व्यक्ति की ओर से दाखिल पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।

    याची ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। ट्रायल कोर्ट ने संबंधित मामले में प्रतिवादी संख्या दो राकेश कुमार को बरी कर दिया है। याची ने उसी को चुनौती दी है। कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए ट्रायल कोर्ट के फैसले संबंधित रिकॉर्ड तलब किया था। रजिस्ट्री ने ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड को लोअर कोर्ट रिकॉर्ड या एलसीआर के रूप में संदर्भित किया था। कोर्ट ने इस पर आपत्ति जताई। कहा कि कोर्ट ने अपने दो आदेशों में ट्रायल कोर्ट के रूप में संदर्भित किया था। जबकि, कार्यालय ने कोर्ट के दोनों आदेशों के अनुपालन में लोअर कोर्ट रिकॉर्ड या एलसीआर के रूप में संदर्भित किया है। कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट को लोअर कोर्ट के रूप में संदर्भित करने की प्रथा उचित नहीं है। हमेशा ट्रायल कोर्ट के रूप में सम्बोधित किया जाना चाहिए।

    इसके अलावा कोर्ट ने पुनरीक्षण याचिका में आरोपी प्रतिवादी संख्या दो राकेश कुमार के उपस्थित न होने पर सीजेएम के जरिए जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है।

  • हाईकोर्ट के जजों को 17 फरवरी को मिल जाएगी अत्याधुनिक लाइब्रेरी

    हाईकोर्ट के जजों को 17 फरवरी को मिल जाएगी अत्याधुनिक लाइब्रेरी

    प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट के जजों को शनिवार को एक अत्याधुनिक लाइब्रेरी मिल जाएगी। वहीं, ड्रमंड रोड स्थित संग्रहालय में वादों के निस्तारण के लिए बनाए गए मध्यस्थता केंद्र भी वादकारियों के लिए उपलब्ध हो जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति डॉ. धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ इस लाइब्रेरी और मध्यस्थता केंद्र दोनों का शनिवार को उद्घाटन करेंगे।

    यह लाइब्रेरी सिर्फ जजों के लिए विकसित की गई है। यहां एक साथ 50 जज बैठकर अध्यन कर सकेंगे। इसके अलावा वीडियो कांफेंसिंग रूम भी बनाया गया है। इस कांफेंसिंग रूम में बैठकर जज लखनऊ खंडपीठ या दूसरे हाईकोर्ट के जजों से कानूनी मुद्दों पर वार्ता कर सकेंगे। लाइब्रेरी को पहले के मुकाबले और विस्तृत रूप दिया गया है। पहले यह लाइब्रेरी जहां भूतल पर ही थी वहीं इसे तीन फ्ललोर में पूरा विस्तार दिया गया है। यहां तकरीबन डेढ़ लाख जर्नल्स और एक लाख किताबें उपलब्ध हैं।

    उधर, ड्रमंड रोड पर स्थित संग्रहालय में मध्यस्थता केंद्र का भी उद्घाटन होगा। मध्यस्थता केंद्र पर सुबह 10 बजे से उद्घाटन कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कार्यक्रम में यूपी की अदालतें पुस्तक का विमोचन भी होगा।

    कार्यक्रम में मुख्य न्यायमूर्ति डॉ. चंद्रचूड़ के अलावा सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति पंकज मित्तल, न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा, न्यायमूर्ति राजेश बिंदल, छत्तीसगढ़ के मुख्य न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा, मुम्बई हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति देवेंद्र उपाध्याय, इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति अरूण भंसाली, इलाहाबाद और लखनऊ खंडपीठ के जज, वरिष्ठ अधिवक्ता आदि मौजूद रहेंगे।

  • गाजीपुर में पुलिस आरक्षी परीक्षा से पूर्व नकल कराने वाले गिरोह के आठ सदस्य गिरफ्तार

    गाजीपुर में पुलिस आरक्षी परीक्षा से पूर्व नकल कराने वाले गिरोह के आठ सदस्य गिरफ्तार

    गाजीपुर। गाजीपुर जनपद पुलिस ने शुक्रवार को एक बड़ी सफलता हासिल किया। जब उसने उत्तर प्रदेश पुलिस आरक्षी परीक्षा के दो दिन पूर्व ही पेपर आउट कराकर नकल कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया। जिसमें आठ अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। जिनके पास से भारी मात्रा में नगदी रकम के साथ ही ब्लैंक चेक व अभ्यर्थियों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र बरामद किए गए।

    पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 17 व 18फरवरी को आयोजित होने वाली उ0प्र0 पुलिस आरक्षी परीक्षा 2023 में पेपर आउट कराकर नकल कराने वाले सक्रिय गिरोह का भंडाफोड़ स्वाट व सर्विलांस टीम तथा थाना नोनहरा व नन्दगंज पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा किया गया।

    टीम द्वारा मुखबिरी सूचना पर भंडाफोड़ कर ग्राम मिरदादपुर थाना नोनहरा से 08 नफर अभियुक्तों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 06 लाख रूपये नगद, 21 लाख रूपये का चेक, भारी मात्रा में कूटरचित दस्तावेज तथा मोबाईल व इलेक्ट्रानिक डिवाईस बरामद किया गया। गिरफ्तारशुदा अभियुक्तों के विरुद्ध थाना नोनहरा पर मुकदमा पंजीकृत कर नियमानुसार अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है।

    हिरासत में लिये गये व्यक्तियों द्वारा बताया गया कि उनका एक संगठित गिरोह है। जिसमें वाराणसी डीएलडब्ल्यू के रहने वाले किशन मिश्रा व सुनील मिश्रा भी शामिल हैं। इनके गिरोह द्वारा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में परीक्षा केन्द्रों व अन्य स्त्रोतों के माध्यम से सेटिंग कर परीक्षा से पहले ही प्रश्न पत्रों के अलग-अलग सेट को व्हाट्सएप के माध्यम से प्राप्त करके उनके उत्तर सेटवार तैयार कर पूर्व से सेट किये गये परीक्षार्थियों को परीक्षा शुरू होने के लगभग 02 घण्टे पहले ही भेज दिया जाता है।

    अभियुक्तों ने बताया कि परीक्षार्थियों की सेटिंग हमलोग पहले ही अपने-अपने स्रोतों से व्यक्तिगत सम्पर्क कर उन्हें सफल होने का पूर्ण विश्वास दिलाकर लेते हैं। जिनसे 07-08 लाख रुपये की मोटी रकम वसूल कर हम लोग आपस में बांट लेते हैं। कुछ परीक्षार्थी पहले ही पूरी रकम दे देते हैं,जबकि कुछ नहीं दे पाते तो उनसे हम लोग 01 लाख रूपये नगद तथा ब्लैंक चेक व उनका मूल शैक्षिक अंकपत्र व प्रमाणपत्र लेकर अपने पास रख लेते हैं। जब उनके द्वारा पूरा पैसा चुका दिया जाता है,तो उनका शैक्षिक प्रमाण पत्र व ब्लैंक चेक वापस कर दिया जाता है।

    गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में पिन्टू यादव उर्फ गोपेश यादव उर्फ नीरज यादव उर्फ मास्टर उर्फ सिपाही पुत्र नंन्दलाल यादव उर्फ विनोद यादव निवासी ग्राम खिदिराबाद थाना कोतवाली जनपद गाजीपुर। सोनू यादव पुत्र अमेरिका यादव निवासी ग्राम खुर्दपुर थाना नोनहरा जनपद गाजीपुर। रामकरन यादव पुत्र स्व0 रामसूरत यादव निवासी ग्राम रसूलपुर कन्थवारा थाना नोनहरा गाजीपुर। रमाकान्त यादव पुत्र सुरेश सिंह यादव निवासी ग्राम सहबाजकुली थाना नोनहरा जनपद गाजीपुर। कपिलदेव सिंह यादव पुत्र जगदीश सिंह यादव निवासी ग्राम पीथापुर थाना जंगीपुर जनपद गाजीपुर। अभिमन्यु यादव पुत्र दुखन्ती सिंह यादव निवासी ग्राम लोकवापुर (अन्धऊ) थाना कोतवाली जनपद गाजीपुर। इन्द्रजीत यादव पुत्र रामबचन यादव निवासी ग्राम वार्ड नं0-04 गुरु सेवक नगर थाना जंगीपुर जनपद गाजीपुर। अमित यादव पुत्र इन्द्रजीत सिंह यादव निवासी ग्राम नगवा उर्फ नौपुरा थाना नोनहरा जनपद गाजीपुर शामिल हैं।

    इन लोगों के पास से 06 लाख रुपये नगद व 21 लाख रुपये का चेक, 17 अदद मूल शैक्षिक अंकपत्र व प्रमाण पत्र व 29 अदद उ0प्र0 पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड परीक्षा 2023 प्रवेश पत्र छायाप्रति, 05 अदद नमूना नकल चीट छायाप्रति व 08 अदद कूटरचित आधार कार्ड, 14 अदद मोबाईल,01अदद वाईफाई राऊटर जियो कम्पनी व 01 अदद प्रिन्टर एचपी कम्पनी, 01अदद चार पहिया वाहन टाटा नेक्सान व 03 अदद मोटरसाईकिल बरामद किया गया।

  • रोहनिया मड़ाव में ट्रेन की चपेट में आने से दो युवकों की दर्दनाक मौत, परिजनों में कोहराम

    रोहनिया मड़ाव में ट्रेन की चपेट में आने से दो युवकों की दर्दनाक मौत, परिजनों में कोहराम

    वाराणसी। रोहनिया थाना क्षेत्र के मड़ाव गांव के सामने स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर शुक्रवार शाम रेलवे लाइन पार करते समय दो युवक विभूति एक्सप्रेस की चपेट में आ गए। हादसे में दोनों युवकों की मौत हो गई। ट्रेन के जाने के बाद राहगीरों की नजर रेलवे लाइन पर पड़ी तो चौक गए। ग्रामीणों से घटना की जानकारी मिलते ही रोहनिया पुलिस के साथ आरपीएफ भी मौके पर पहुंच गई।

    मड़ाव गांव के रेलवे क्रॉसिंग पर शुक्रवार शाम लगभग सात बजे चोलापुर के चमरहा अल्लोपुर गांव निवासी शिवम पटेल 18 वर्ष और जयप्रकाश उर्फ महेश पटेल 26 वर्ष रेलवे लाइन पार कर रहे थे। इसी दौरान इलाहाबाद की तरफ से बनारस की ओर जा रही विभूति एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में दोनों आ गए । हादसे में दोनों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। मृतक जयप्रकाश उर्फ महेश मजदूरी का काम करता था। हादसे की जानकारी पर महेश के पिता रमेश उर्फ कल्लू ,मां सुशीला देवी, पत्नी तारा देवी सहित अन्य परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल रहा। जयप्रकाश को पुत्र भी है। दूसरा मृत युवक शिवम पटेल करौदी से आईटीआई कर रहा था।

  • स्वर्ण व्यवसायी से लूट मामले का पुलिस ने किया उद्भेदन

    स्वर्ण व्यवसायी से लूट मामले का पुलिस ने किया उद्भेदन

    -एक देशी पिस्तौल, एक जिंदा कारतूस, मोबाइल, तीन हजार रुपये के साथ दो अपराधी गिरफ्तार

    पूर्वी चंपारण। जिले के पताही थाना क्षेत्र में 10 फरवरी को स्वर्ण व्यवसायी से हुई लूट कांड का पुलिस ने उद्वेदन कर लिया है। इस मामले को लेकर एसपी कांतेश कुमार मिश्र के निर्देश पर पकड़ीदयाल डीएसपी सुबोध कुमार के नेतृत्व गठित एसआईटी टीम ने तकनीकी अनुसंधान से लूट कांड में शामिल दो अभियुक्त को एक देशी पिस्तौल, एक जिंदा कारतूस,मोबाइल एवं लूट गए 3 हजार रुपये के साथ गिरफ्तार किया है।

    जानकारी देते हुए डीएसपी सुबोध कुमार ने बताया कि गिरफ्तार अपराधियों की पहचान राहुल कुमार ,ग्राम पचटकी राम, थाना- बैरगनिया, जिला सीतामढ़ी व दिलीप कुमार ठाकुर,ग्राम अख्ता, थाना सूप्पी जिला सीतामढ़ी के रूप में हुई है। पुलिस इनकी निशानदेही लूट के समान की बरामदगी और घटना में शामिल अन्य फरार अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है। पकड़े गये अपराधी दिलीप ठाकुर का आपराधिक इतिहास सामने आया है।इस पर सीतामढ़ी जिले सूप्पी थाने में मामला दर्ज है।

  • 26 रेल ई टिकट के साथ सीएससी संचालक को आरपीएफ ने गिरफ्तार किया

    26 रेल ई टिकट के साथ सीएससी संचालक को आरपीएफ ने गिरफ्तार किया

    सहरसा।गुप्त सूचना के आधार पर पर्सनल यूजर आईडी से रेल ई टिकट बनाते आरपीएफ ने एक सीएससी संचालक को गिरफ्तार किया है।जिसकी पहचान 29 वर्षीय मोहम्मद आरिफ आलम के रूप में हुई है। आरपीएफ ने छापामारी के दौरान आरोपी के पास से लंबी दूरी के ट्रेनों की 26 रेल ई टिकट बरामद की है, जिसमें 10 अग्रिम रेल ई टिकट एवं 16 पूर्व मे रेल ई टिकट बनी हुई है। सभी एसी और स्लीपर श्रेणी के टिकट है।वही इनमें कुछ तत्काल टिकट भी शामिल है।

    सभी रेल ई टिकट पर्सनल यूजर आईडी से बनाए गए थे। सभी रेल ई टिकट 30 हजार रुपए मूल्य के करीब है।आरपीएफ ने छापामारी के दौरान आरोपी के घर से लैपटॉप और मोबाइल भी जब्त किया है, जिसे विशेषज्ञ के द्वारा जांच किया जा रहा है। आरपीएफ ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर शुक्रवार को खगड़िया रेल न्यायालय भेज दिया गया।

    मोहम्मद आरिफ आलम पिता मोहम्मद जमाल सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज थाना के मटकुरिया गांव का निवासी है।साथ ही आरिफ आलम सीएससी के माध्यम से एजेंट आईडी ले रखा हैजो घर बैठकर ही रेल ई टिकट बनाता था। इसकी आड़ में आरिफ ने चार पर्सनल यूजर आईडी बनाकर फर्जी तरीके से रेल ई टिकट बनाता था।वही यात्रियों को महंगे दामों में बिक्री कर देता था। गुरुवार को सहरसा आरपीएफ को दिल्ली से प्रबल डाटा के माध्यम से सूचना मिली कि मोहम्मद आरिफ फर्जी तरीके से पर्सनल यूजर आईडी से आरक्षित श्रेणी के रेल ई टिकट बनाता है।

    सूचना मिलते ही आरपीएफ इंस्पेक्टर वंदना कुमारी और सब इंस्पेक्टर सुजीत कुमार मिश्रा के नेतृत्व में एक टीम त्रिवेणीगंज पहुंच कर मोहम्मद आरिफ के घर छापामारी की। इस दौरान पर्सनल यूजर आईडी से बनाए गए 26 रेल ई टिकट बरामद किए गए।इसके बाद आरोपी को गिरफ्तार सहरसा आरपीएफ पोस्ट पर लाया गया। छापामारी के दौरान त्रिवेणीगंज स्थानीय थाना पुलिस के सहयोग से की गई थी।

  • कोचिंग सेंटरों के भ्रामक विज्ञापनों पर नकेल की तैयारी, मसौदा दिशानिर्देश जारी

    कोचिंग सेंटरों के भ्रामक विज्ञापनों पर नकेल की तैयारी, मसौदा दिशानिर्देश जारी

    नई दिल्ली। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम के लिए मसौदा दिशानिर्देश जारी किए हैं। इन पर लोग अपने सुझाव एवं प्रतिक्रिया 30 दिनों के भीतर 16 मार्च तक केंद्रीय प्राधिकरण को दे सकते हैं।

    उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अनुसार कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम के लिए दिशानिर्देशों का मसौदा कोचिंग संस्थानों, कानून फर्मों, सरकार और स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठनों (वीसीओ) सहित सभी हितधारकों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया है।

    गाइडलाइंस के तहत विज्ञापन से जुड़ी शर्तें रखी गई हैं, जिनका अनुपालन न होने की स्थिति में कोचिंग से जुड़े व्यक्ति को भ्रामक विज्ञापन से जोड़ा जाएगा।

    विज्ञापन को भ्रामक माना जाएगा अगर सफल उम्मीदवार के पाठ्यक्रम और अवधि की जानकारी छिपाए जाए, मनमाने ढंग से सफलता की दर निर्धारित की जाए, चयन और रैंकिंग से जुड़े झूठे दावे किए जायें, छात्र के व्यक्तिगत प्रयासों को नकारते हुए सारा श्रेय कोचिंग सेंटर को दिया जाए।

    कोचिंग सेंटर को बताना होगा कि सफलता में कोचिंग की भूमिका क्या रही। अत्यावश्यकता की झूठी भावना या छूट जाने का डर पैदा करने वालों और पाठ्यक्रम की अवधि से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी या कोई अन्य महत्वपूर्ण जानकारी छिपाने वाले कोचिंग सेंटर को भ्रामक विज्ञापन के दायरे में लाया जाएगा।

    मंत्रालय का कहना है कि कोचिंग से जुड़े हर व्यक्ति पर दिशानिर्देश लागू होंगे। दिशानिर्देशों का उद्देश्य उपभोक्ताओं को कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापनों से बचाना है।

  • शिक्षा प्रणाली में भारतीय भाषाओं को शामिल कर उनकी अनिवार्यता बढ़ायी जाय : चामू कृष्ण शास्त्री

    शिक्षा प्रणाली में भारतीय भाषाओं को शामिल कर उनकी अनिवार्यता बढ़ायी जाय : चामू कृष्ण शास्त्री

    नेतृत्व समागम : फाइबर आप्टिक कनेक्टिविटी से खुली शिक्षा के बढ़े अवसर : प्रो. डी. सहस्रबुद्धे

    लखनऊ। देश की शिक्षा प्रणाली में भारतीय भाषाओं को शामिल कर उनकी अनिवार्यता को बढ़ायी जाय। साथ ही भर्ती के दौरान भारतीय भाषाओं को वांछनीय योग्यता के रूप में शामिल किया जाना चाहिए।

    यह बातें भारतीय भाषाओं के लिए उच्चाधिकार प्राप्त समिति के अध्यक्ष चामू कृष्ण शास्त्री ने अखिल भारतीय संस्थागत नेतृत्व समागम में शुक्रवार को लखनऊ विश्वविद्यालय में अपने उद्बोधन के दौरान कही।

    उन्होंने कहा कि इस कदम से इन भाषाओं के अध्ययन में अधिक रुचि पैदा होगी। खासकर यह देखते हुए कि भारत की 90 प्रतिशत आबादी अंग्रेजी में पारंगत नहीं है। उन्होंने 2020 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को भारतीय भाषाओं पर आधारित करने की वकालत की।

    उन्होंने भारतीय भाषाओं को महत्वाकांक्षी भाषाओं में बदलने पर काम करने के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने स्थानीय, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय भाषाओं में अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराने पर जोर दिया। इसने केंद्र सरकार को पाठ्यपुस्तकों,स्वयं पोर्टल और विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्मों और उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा कार्यान्वयन में तीन साल के भीतर इस समावेशन को पूरा करने की नीति शुरू करने के लिए प्रेरित किया। शास्त्री ने सुझाव दिया कि शिक्षकों को बहुभाषी होना चाहिए और इन भाषाओं को पढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए ग्रीष्मकालीन शिविरों की शुरुआत की जानी चाहिए।

    राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी फोरम (एनईटीएफ) के अध्यक्ष प्रोफेसर अनिल डी. सहस्रबुद्धे ने कहा कि आज साढ़े छह लाख गांवों में से साढ़े तीन लाख को अब फाइबर ऑप्टिक कनेक्टिविटी प्राप्त हुई है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में उन्नत ऑनलाइन डिजिटल और खुली शिक्षा के अवसर पैदा हो रहे हैं।

    उन्होंने एआईसीटीई द्वारा ‘अनुवादिनी’ की शुरूआत पर चर्चा की, जो एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता-आधारित उपकरण है। यह अध्ययन सामग्री और पुस्तकों के राष्ट्रीय, स्थानीय और क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद की सुविधा प्रदान करता है।

    उन्होंने बताया कि 35 करोड़ छात्रों में से 25.9 करोड़ छात्रों ने ‘अपार’ आईडी के साथ पंजीकरण कराया है, जो एक बड़ी उपलब्धि है। प्रोफेसर सहस्रबुद्धे ने दक्षता और एकरूपता बढ़ाने के लिए संस्थानों के लिए एकीकृत डेटा सबमिशन पोर्टल का प्रस्ताव करते हुए ‘एक राष्ट्र, एक डेटा’ की अवधारणा पर भी जोर दिया।

    शिक्षा के लिए भारतीय छात्रों के विदेश जाने की प्रवृत्ति में बदलाव पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने विदेशी छात्रों को आकर्षित करने और देश की खोई हुई विरासत को पुनर्जीवित करने के लिए वन-स्टॉप समाधान लागू करने का सुझाव दिया। अंत में उन्होंने स्थानीय स्तर पर छात्रों की शिकायतों के त्वरित समाधान पर जोर दिया।