Category: देश

  • दिल्ली हिंसा : मेरठ जेल में बंद बाबू वसीम के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट, अगली सुनवाई 7 मार्च को

    दिल्ली हिंसा : मेरठ जेल में बंद बाबू वसीम के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट, अगली सुनवाई 7 मार्च को

    नई दिल्ली। कड़कड़डूमा कोर्ट में मंगलवार को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के मौजपुर इलाके में फरवरी, 2020 में हुई हिंसा मामले की सुनवाई हुई। आज इस मामले के गवाह और दिल्ली पुलिस के एएसआई दीपक दहिया का क्रास-एग्जामिनेशन होना था लेकिन किसान आंदोलन की वजह से ड्यूटी पर लगाये जाने की वजह से वो कोर्ट नहीं आ सके। इस मामले में मेरठ जेल में बंद बाबू वसीम भी पेश नहीं हुआ, जिसके बाद कोर्ट ने बाबू वसीम के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया।

    एडिशनल सेशंस जज समीर बाजपेयी ने हिंसा के दौरान पुलिसकर्मी पर रिवॉल्वर तानने वाले शाहरुख पठान समेत पांच आरोपितों के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई करते हुए इस मामले के सह आरोपित और मेरठ जेल में बंद बाबू वसीम के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया है। कोर्ट ने अगली सुनवाई 7 मार्च को करने का आदेश दिया।

    दिल्ली हिंसा के दौरान शाहरुख का हेड कांस्टेबल दीपक दहिया पर रिवॉल्वर तानने वाला फोटो काफी वायरल हुआ था। फरवरी, 2020 में हुई हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और दो सौ के करीब लोग घायल हुए थे। इसके बाद शाहरुख को उत्तर प्रदेश के शामली से 3 मार्च, 2020 को गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस ने उसका रिवॉल्वर उसके घर से बरामद किया था। पुलिस ने उसके घर से तीन कारतूस और मोबाइल फोन भी बरामद किए थे। कोर्ट ने 24 दिसंबर, 2021 को आरोपितों के खिलाफ हत्या की कोशिश, दंगा फैलाने और गैरकानूनी भीड़ का हिस्सा होने से संबंधित धाराओं के तहत आरोप तय किये थे।

  • मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति मामले में संशोधन पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

    मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति मामले में संशोधन पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

    नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के मामले में किए गए संशोधन पर रोक लगाने से फिर इनकार किया है। जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने नई याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी करते हुए कहा कि इस तरह कानून पर रोक लगा नहीं सकते।

    कोर्ट ने इस मामले को पहले से सुनवाई के लिए लंबित मामलों के साथ टैग कर दिया। आज मामले पर सुनवाई के दौरान एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि नए कानून पर रोक लगाई जानी चाहिए। भूषण का कहना था कि एक चुनाव आयुक्त जल्द ही रिटायर होने वाले हैं और उनकी जगह नई नियुक्ति की जानी है। अगर कानून पर रोक नहीं लगाई गई तो याचिका निष्प्रभावी हो जाएगी। हालांकि कोर्ट ने उनकी इस दलील को मंजूर नहीं किया।

    इसके पहले सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले कुछ वकीलों ने याचिका दायर की है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार की ओर से लाए गए नए कानून को चुनौती देते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्तियों में देश के चीफ जस्टिस को भी पैनल में शामिल करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि चुनाव में पारदर्शिता लाने के मद्देनजर मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति करने वाले पैनल में चीफ जस्टिस को भी शामिल किया जाना जरूरी है।

    दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने 02 मार्च 2023 में अपने एक फैसले में कहा था कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति करने वाले पैनल में चीफ जस्टिस को भी शामिल किया जाएगा। जिसके बाद केंद्र सरकार द्वारा इस फैसले पर एक नया कानून बनाकर नियुक्ति प्रक्रिया में चीफ जस्टिस की बजाय सरकार का एक कैबिनेट मंत्री शामिल कर दिया गया।

  • भारत और यूएई के संबंध अभूतपूर्व ऊंचाईयों पर : प्रधानमंत्री

    भारत और यूएई के संबंध अभूतपूर्व ऊंचाईयों पर : प्रधानमंत्री

    नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत और यूएई के संबंध 21वीं सदी के तीसरे दशक में अभूतपूर्व ऊंचाई पर पहुंच गए हैं। दोनों देश एक दूसरे की प्रगति के भागीदार हैं। हमारा संबंध योग्यता, नवाचार और संस्कृति का है।

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को अबू धाबी के शेख जायद स्टेडियम में ‘अहलान मोदी’ कार्यक्रम में भारतीय समुदाय को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान प्रधानमंत्री ने भारत और यूएई संबंधों और उसमें भारतीय समुदाय की भूमिका को रेखांकित किया। साथ ही दोनों देशों के संबंधों की मजबूती में यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की भूमिका की सराहना की।

    उन्होंने कहा, “भारत और यूएई वक्त की कलम से दुनिया की किताब पर एक बेहतर भाग्य का हिसाब लिख रहे हैं। भारत और यूएई की दोस्ती हमारी साझा दौलत है। हकीकत में हम अच्छे भविष्य की बेहतरीन शुरुआत कर रहे हैं।”

    प्रधानमंत्री ने 2015 की अपनी यूएई की पहली यात्रा को याद किया। उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि यूएई ने उन्हें अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान द ऑर्डर ऑफ जायद से सम्मानित किया है। यह सम्मान केवल उनका नहीं बल्कि करोड़ों भारतीयों का सम्मान है।

    प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत दोनों देशों की दोस्ती के नाम की और कहा कि हर धड़कन, हर सांस कह रही है भारत-यूएई की दोस्ती जिंदाबाद।

    इस दौरान प्रधानमंत्री ने भारत की उपलब्धियों का जिक्र किया और कहा कि आज हर भारतीय का लक्ष्य 2047 तक देश को विकसित बनाना है। उन्होंने कहा कि अपने तीसरे कार्यकाल में वे देश को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की ‘गारंटी’ देते हैं।

    फिनटेक नवाचार में भारत उपलब्धियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत ने यूएई के साथ यूपीआई तथा रुपे कार्ड से जुड़ी तकनीक साझा की है। इससे भारतीयों को अपने देश में पैसा भेजना आसान होगा।

    इस दौरान भारत ने वैश्विक स्तर पर भारत के बढ़ते कद का उल्लेख किया और कहा कि आज भारत को दुनिया विश्व बंधु के तौर पर देख रही है और हर बड़े मंच पर भारत की आवाज सुनी जा रही है।

  • ट्रिपल तलाक केस में महिला का इंटरव्यू चलाने के मामले में दायर मानहानि याचिका पर एक न्यूज एजेंसी को नोटिस

    ट्रिपल तलाक केस में महिला का इंटरव्यू चलाने के मामले में दायर मानहानि याचिका पर एक न्यूज एजेंसी को नोटिस

    नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने ट्रिपल तलाक के एक मामले में महिला का इंटरव्यू चलाने के मामले में दायर मानहानि याचिका पर सुनवाई करते हुए एक न्यूज एजेंसी को नोटिस जारी किया है। जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 30 मार्च को करने का आदेश दिया।

    याचिका डॉक्टर दानिश हाशिम ने दायर की है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील जयंत भट्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता शिया समुदाय से जुड़ा हुआ है। शिया समुदाय में तलाक लेने के लिए ट्रिपल तलाक को मान्यता नहीं दी गई है। याचिका में कहा गया है कि न्यूज एजेंसी ने उसकी पत्नी का इंटरव्यू चलाया, जिसमें उसकी पत्नी ने झूठ बोला कि लड़का पैदा नहीं होने की वजह से याचिकाकर्ता ने उसे ट्रिपल तलाक के जरिये तलाक दे दिया। याचिका में कहा गया है कि ऐसा दावा झूठा और बेबुनियाद है। ऐसा कर याचिकाकर्ता की मानहानि की गई है।

    कोर्ट ने खबर प्रसारित करने वाले न्यूज एजेंसी के अलावा याचिकाकर्ता की पत्नी हुमा और उनकी पुत्री को भी नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने कहा कि चूंकि ये खबर 2021 से उपलब्ध है, इसलिए कोई भी आदेश पारित करने से पहले प्रतिवादियों का पक्ष सुनेंगे।

    बतादें कि जनवरी 2021 में संबंधित न्यूज एजेंसी ने हुमा का इंटरव्यू प्रकाशित किया था। इंटरव्यू में हुमा ने दावा किया है कि उसकी शादी दानिश हाशिम के करीब 20 साल पहले हुई थी। उसे याचिकाकर्ता ने इसलिए ट्रिपल तलाक दे दिया कि वो लड़का पैदा नहीं कर सकी। इंटरव्यू में हुमा ने कहा था कि उसका कई बार गर्भपात कराया गया और उसके साथ मारपीट भी की गई। इसे लेकर उसने साकेत कोर्ट में शिकायत भी की थी। दानिश हाशिम का कहना है कि उनकी पत्नी से उनका तलाक 2020 में ही हो चुका था और उनकी पत्नी की ओर से दिए गए इंटरव्यू में कोई सच्चाई नहीं है।

  • मुख्यमंत्री योगी ने बाबा विश्वनाथ दरबार में हाजिरी लगाई, व्यास जी तहखाने में भी किया दर्शन पूजन

    मुख्यमंत्री योगी ने बाबा विश्वनाथ दरबार में हाजिरी लगाई, व्यास जी तहखाने में भी किया दर्शन पूजन

    वाराणसी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार देर शाम श्री काशी विश्वनाथ के दरबार में विधिवत हाजिरी लगाई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रस्तावित दौरे की तैयारियों का जायजा लेने के लिए शहर में आए मुख्यमंत्री ने बाबा विश्वनाथ के स्वर्णिम दरबार में दर्शन पूजन किया।

    मुख्यमंत्री को बाबा के दरबार में देख दर्शन पूजन के लिए आए श्रद्धालु हर-हर महादेव का उद्घोष कर उनका अभिवादन करते रहे। मुख्यमंत्री ने हाथ जोड़ कर शिवभक्तों का अभिवादन स्वीकार किया। बाबा के दरबार में दर्शन पूजन के बाद मुख्यमंत्री ज्ञानवापी स्थित व्यासजी के तहखाने में झांकी दर्शन के लिए पहुंचे। यहां नंदी भगवान का पूजा कर मुख्यमंत्री ने तहखाने में रखी ऐतिहासिक मूर्तियों का दर्शन पूजन किया। यहां के पूर्व मुख्यमंत्री ने काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव के मंदिर में दर्शन पूजन किया।

    श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन के बाद मुख्यमंत्री श्री संकटमोचन मंदिर में गए। यहां दर्शन पूजन के बाद मुख्यमंत्री ने मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र से मुलाकात कर उनकी माता की मृत्यु पर शोक संवेदना भी जताई। मुख्यमंत्री ने रानीपुर में किसान नेता महेंद्र सिंह के घर जाकर उनके परिजनों से भी मुलाकात की।

    मंत्री रविंद्र जायसवाल के आवास पर जाकर वर-वधु को आशीर्वाद दिया

    उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने वाराणसी दौरे के दौरान मंगलवार देर शाम राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल के खोजवा स्थित आवास पर गए। आवास पर मुख्यमंत्री ने रविन्द्र जायसवाल के नवविवाहित पुत्र आयुष जायसवाल व बहू अक्षता को आशीर्वाद दिया और उनके सुखमय गृहस्थ जीवन की कामना की। मुख्यमंत्री ने मंत्री के परिजनों के साथ सामूहिक फोटो भी खिंचवाया।

  • मद्रास उच्च न्यायालय ने राजीव गांधी की हत्या के दोषी संथन की याचिका पर केंद्र से रिपोर्ट मांगी, अगली सुनवाई 29 फरवरी को

    चेन्नई (तमिलनाडु) । मद्रास उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोषी संथन को श्रीलंका सरकार द्वारा जारी किए गए अस्थायी यात्रा दस्तावेज पर की गई कार्रवाई रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। संथन ने अपनी मां की देखभाल के लिए उसे श्रीलंका भेजने के लिए एमएचसी से संपर्क किया। मामला न्यायमूर्ति आर सुरेश कुमार और न्यायमूर्ति के कुमारेश बाबू की खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था। राज्य सरकार ने प्रस्तुत किया कि श्रीलंका उच्चायोग ने संथन को श्रीलंका में प्रवेश करने की अनुमति देते हुए केंद्र सरकार के विदेश विभाग को अस्थायी यात्रा दस्तावेज भेजे हैं। केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एआरएल सुंदरेशन ने कहा कि अभी भी उन्हें यात्रा दस्तावेज नहीं मिले हैं।

    सुंदरेशन ने कहा, यात्रा दस्तावेज प्राप्त होने के एक सप्ताह में संसाधित किया जाएगा, फिर याचिकाकर्ता श्रीलंका की यात्रा कर सकता है। उन्होंने कहा कि यात्रा दस्तावेजों को संसाधित करने के लिए समय मांगा गया है। प्रस्तुतीकरण के बाद पीठ ने विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय , चेन्नई को कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले को आगे प्रस्तुत करने के लिए 29 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया। संथन ने अपनी याचिका में कहा कि हत्या के मामले से रिहाई के बाद उसे त्रिची कैंप भेज दिया गया था। वहां उनके कैंप से बाहर जाने पर रोक लगा दी गई थी । उन्होंने यह भी दलील दी कि उनकी मां महेश्वरी श्रीलंका में रह रही हैं और उन्हें गंभीर स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं हैं। इसलिए, वह अपनी मां की देखभाल के लिए श्रीलंका की यात्रा करना चाहता था और उसने केंद्र और राज्य सरकारों को उसे श्रीलंका भेजने का निर्देश देने की मांग की थी।

  • पॉक्सो के दोषी को 4 वर्ष के कठोर कारावास की सजा

    पॉक्सो के दोषी को 4 वर्ष के कठोर कारावास की सजा

    फिरोजाबाद। न्यायालय ने मंगलवार को पॉक्सो एक्ट के एक दोषी को 4 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उस पर अर्थ दंड भी लगाया है, जिसे न देने पर उसे अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

    थाना रसूलपुर क्षेत्र में 20 जुलाई 2019 को एक 10 वर्षीय बालिका बकरी चराने गई थी। इस दौरान अशोक कुमार पुत्र भरत सिंह निवासी सती नगर असफाबाद उसके साथ गाली-गलौज करने लगा। उसके साथ छेड़छाड़ करने लगा। बदनीयती से उसके कपड़े उतार दिए और रेप का भी प्रयास किया। बालिका के चिल्लाने पर वह भाग गया। बालिका ने घर पहुंच कर अपनी मां को घटना के बारे में बताया। बालिका को लेकर उसके माता-पिता युवक के घर पहुंचे। उनका कहना है शिकायत करने पर उन लोगों ने मारपीट तथा गाली गलौज की। बालिका के पिता ने थाने में मुकदमा दर्ज कराने का प्रयास किया। पुलिस ने उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की। हारकर उसने न्यायालय की शरण ली। न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने अशोक कुमार, भोला तथा फूलवती के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। विवेचना के बाद पुलिस ने न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया।

    मुकदमा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट संख्या तीन संजय कुमार यादव द्वितीय की अदालत में चला। अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक कमल सिंह ने बताया कि मुकदमे के दौरान कई गवाहों ने गवाही दी। कई साक्ष्य न्यायालय के सामने पेश किए गए। न्यायालय ने तीनों को मारपीट, धमकी के मामले में दोष मुक्त कर दिया। वहीं अशोक कुमार को पॉक्सो के तहत दोषी माना। न्यायालय ने अशोक कुमार को 4 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने उस पर 15000 रुपये का अर्थ दंड भी लगाया है, जिसे जमा नहीं कराने पर उसे 2 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

  • 17 एवं 18 फरवरी को चार पालियों में 16 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित होगी यूपीपी आरक्षी भर्ती परीक्षा

    17 एवं 18 फरवरी को चार पालियों में 16 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित होगी यूपीपी आरक्षी भर्ती परीक्षा

    -30,240 परीक्षार्थी होंगे शामिल, 6 सेक्टर व 16 स्टेटिक मजिस्ट्रेट तैनात

    -बायोमेट्रिक जांच के बाद मिलेगा प्रवेश, सभी परीक्षा केंद्रों पर लगेंगे जैमर

    -शुचितापूर्ण एवं नकलविहीन परीक्षा कराना प्राथमिकता: डीएम

    देवरिया। जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह की अध्यक्षता एवं पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा की उपस्थिति में आज कलेक्ट्रेट सभागार में आगामी 17 एवं 18 फरवरी को उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा आयोजित होने वाली उत्तर प्रदेश पुलिस आरक्षी नागरिक पुलिस सीधी भर्ती परीक्षा-2023 के संबन्ध में सेक्टर मजिस्ट्रेट, स्टेटिक मजिस्ट्रेट एवं केंद्र व्यवस्थापक सहित समस्त अधिकारियों की समीक्षा बैठक आयोजित हुई।

    बैठक में डीएम ने परीक्षा को शुचितापूर्ण एवं नकलविहीन बनाने के संबन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नागरिक आरक्षी भर्ती परीक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण परीक्षा है। इसमें किसी भी स्तर पर कोताही क्षम्य नहीं होगी।

    जिलाधिकारी ने बताया कि यूपीपी नागरिक आरक्षी भर्ती परीक्षा 17 एवं 18 फरवरी को जनपद के 16 परीक्षा केंद्रों पर चार पालियों में आयोजित होगी, जिसमें 30,240 परीक्षार्थी शामिल होंगे। प्रथम पाली की परीक्षा 10 से 12 तथा द्वितीय पाली की परीक्षा अपराह्न 3 से 5 बजे तक आयोजित होगी। परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने के लिए 6 सेक्टर, 16 स्टेटिक एवं 16 केंद्र व्यवस्थापक तैनात किए गए हैं। प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर पुलिस इंस्पेक्टर रैंक का अधिकारी की भी तैनाती की गई है।

    जिलाधिकारी ने बताया कि परीक्षा कक्षा में सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य रूप से होंगे। सभी परीक्षा केंद्रों पर जैमर की व्यवस्था भी की जाएगी। किसी भी तरह के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को परीक्षा केंद्र के अंदर ले जाने की अनुमति नहीं होगी। परीक्षा शुरू होने से दो घण्टे पूर्व परीक्षार्थियों का प्रवेश प्रारंभ हो जाएगा। प्रवेश पत्र, पहचान पत्र और बायोमेट्रिक जांच के उपरांत ही परीक्षार्थी को प्रवेश की अनुमति मिलेगी।

    जिलाधिकारी ने कहा कि समस्त केंद्र व्यवस्थापक परीक्षा केंद्र के मुख्य गेट पर दृश्य स्थलों पर सीटिंग प्लान चस्पा करना सुनिश्चित करेंगे। परीक्षार्थियों की सुविधा के लिए गेट पर ही क्लॉक रूम बनाया जाए। उन्होंने कहा कि परीक्षा केंद्र पर परीक्षार्थियों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाए। पेयजल, प्रकाश व्यवस्था एवं शौचालय इत्यादि की जांच करा लें। जांच के उपरांत ही परीक्षार्थी को प्रवेश दिया जाए। दो फ्लाइंग स्क्वायड का भी गठन किया गया है जो परीक्षा की अवधि में भ्रमणशील रहेगी।

    पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा ने कहा कि परीक्षा की मॉनिटरिंग शीर्ष स्तर से की जा रही है। अतः किसी भी तरह के लापरवाही की गुंजाइश नहीं है। सभी अधिकारी अपने दायित्वों का निर्वहन शासन की मंशा के अनुरूप करना सुनिश्चित करें।

    बैठक में एडीएम प्रशासन गौरव श्रीवास्तव, अपर पुलिस अधीक्षक दीपेंद्रनाथ चौधरी सहित समस्त सेक्टर मजिस्ट्रेट, स्टेटिक मजिस्ट्रेट एवं केंद्र व्यवस्थापक मौजूद रहे।

  • मंदिर परिसर में बुजुर्ग महिला की गला रेतकर हत्या

    मंदिर परिसर में बुजुर्ग महिला की गला रेतकर हत्या

    गाजियाबाद। नगर कोतवाली इलाके में रेलवे स्टेशन के पास स्थित एक मंदिर में 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला की गला रेतकर हत्या की दी गयी। बुजुर्ग का शव मंदिर में तख्त पर पड़ा मिला। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर जांच पड़ताल शुरू कर दी है।

    डीसीपी नगर ज्ञानंजय सिंह ने बताया कि शहर कोतवाली इलाके में रेलवे स्टेशन के पास शिव हरी मंदिर में रहने वाली शीला देवी शर्मा का शव मंगलवार को मंदिर में ही तख्त पर पड़ा मिला। महिला की गला रेत कर हत्या की गई है। सूचना पर नगर कोतवाली पुलिस मौके पर जांच में जुटी है। अभी तक हत्यारे पुलिस पकड़ से बाहर हैं।

    उन्होंने बताया कि शीला देवी मंदिर में ही अपने सचिन नाम के बेटे के साथ रहती थी। सचिन सुरक्षाकर्मी है। सचिन ड्यूटी से आज लौटे तो उन्हें मां का शव तख्त पर खून से लथपथ मिला। सचिन ने पुलिस को सूचना दी।शुरुआती जांच में पता चला कि कुछ समय पहले एक युवक महिला के पास रहने आया था। उसकी तलाश की जा रही है।

  • मप्र: निगम, मंडल और प्राधिकरणों के अध्यक्ष-उपाध्यक्षों की नियुक्तियां निरस्त

    मप्र: निगम, मंडल और प्राधिकरणों के अध्यक्ष-उपाध्यक्षों की नियुक्तियां निरस्त

    – पूर्ववर्ती शिवराज सरकार में हुई थी नियुक्तियां, कैबिनेट और राज्य मंत्रियों का प्राप्त था दर्जा

    भोपाल। डॉ. मोहन यादव सरकार ने मंगलवार देर रात बड़ा फैसला लेते हुए प्रदेश में संचालित 46 निगम, मंडल, बोर्ड और आयोग के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्षों की नियुक्ति को रद्द कर दिया है। इन सभी भाजपा नेताओं की नियुक्तियां शिवराज सिंह चौहान सरकार के समय की गई थी और इनमें अध्यक्षों को कैबिनेट और उपाध्यक्षों को राज्यमंत्रियों का दर्जा प्राप्त था। माना जा रहा है कि अब लोकसभा चुनाव के बाद नए सिरे से इन पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी।

    लोकसभा चुनावों से पहले राज्य सरकार ने निगम, मंडल और प्राधिकरणों में राजनीतिक नियुक्तियों को निरस्त करने का सैद्धांतिक निर्णय लिया है। सरकार के निर्णय के बाद मध्य प्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड के अध्यक्ष शैलेंद्र शर्मा, उपाध्यक्ष नरेंद्र बिरथरे और राज्य वन विकास निगम के उपाध्यक्ष सत्येंद्र भूषण सिंह की नियुक्ति निरस्त कर दी गई। वहीं, नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने भोपाल, इंदौर, उज्जैन, देवास सहित अन्य विकास प्राधिकरणों में नियुक्त किए गए अशासकीय सदस्यों की नियुक्ति निरस्त करने की तैयारी कर ली है।

    सूत्रों का कहना है कि पार्टी संगठन से विचार-विमर्श करने के बाद सभी निगम, मंडल और प्राधिकरणों की राजनीतिक नियुक्तियों को निरस्त करने का निर्णय कर संबंधित विभागों को आगामी कार्रवाई करने के लिए निर्देशित कर दिया गया है। तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग ने मंगलवार को इसकी शुरुआत भी कर दी।

    कौन कहां पदस्थ

    – निगम. मंडल, प्राधिकरण- अध्यक्ष/ उपाध्यक्ष

    – तीर्थ स्थान एवं मेला प्राधिकरण- माखन सिंह चौहान

    – भंडार गृह निगम- राहुल सिंह लोधी

    – जन अभियान परिषद- विभाष उपाध्याय

    – महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान- भरतदास बैरागी

    – गौपालन एवं पशु संवर्धन बोर्ड- अखिलेश्वरानंद गिरी

    – सामान्य वर्ग कल्याण आयोग- शिवनारायाण चौबे

    – पाठ्य पुस्तक निगम- शैलेंद्र बरूआ

    – खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड- जितेंद्र लिटोरिया

    – ऊर्जा विकास निगम- गिर्राज दंडोतिया

    – संत रविदास हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम- रणवीर जाटव

    – पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम- जसमंत जाटव

    – बीज एवं फार्म विकास निगम- मुन्नालाल गोयल

    – हाउसिंग बोर्ड- आशुतोष तिवारी

    – पर्यटन विकास निगम- विनोद गोटिया

    – इंदौर विकास प्राधिकरण- जयपाल चावड़ा

    – महिला एवं वित्त विकास निगम- अमिता चपरा

    – पाठ्य पुस्तक निगम- प्रहलाद भारती

    – बीज एवं फार्म विकास निगम- राजकुमार कुशवाह

    – पर्यटन विकास निगम- नरेंद्र सिंह तोमर

    – खनिज विकास निगम- राजेंद्र सिंह मोकलपुर

    – नागरिक आपूर्ति निगम- राजेश अग्रवाल

    – राज्य कर्मचारी कल्याण समिति- रमेशचंद्र शर्मा

    – जन अभियान परिषद- जितेंद्र जामदार

    – क्रिस्प- श्रीकांत पाटिल

    – भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण- एपी श्रीवास्तव

    – श्रम कल्याण मंडल- भगवान दास गौराने

    – माटी कला बोर्ड- रामदयाल प्रजापति

    – वन विकास निगम- सत्येंद्र भूषण सिंह

    – इलेक्ट्रानिक्स विकास निगम- शैतान सिंह पाल

    – भोपाल विकास प्राधिकरण- कृष्ण मोहन सोनी, सुनील पांडे, अनिल अग्रवाल

    – योग आयोग- वेदप्रकाश शर्मा

    – भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल- हेमंत तिवारी

    – शहरी एवं ग्रामीण असंगिठत कर्मकार मंडल (संबल)- सुल्तान सिंह शेखावत

    – राज्य प्रवासी श्रमिक आयोग- भागचंद्र उइके

    – रतलाम विकास प्राधिकरण- अशोक पोरवाल

    – युवा आयोग- डा.निशांत खरे

    – उज्जैन विकास प्राधिकरण- श्याम बंसल

    – कटनी विकास प्राधिकरण- पीतांबर टोपनानी

    – देवास विकास प्राधिकरण-राजेश यादव

    – विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण पचमढ़ी-कमल धूत

    – माध्यमिक शिक्षा मंडल- रमा मिश्रा