Category: देश

  • ईडी ने राबड़ी और मीसा सहित सात आरोपितों को दिया समन

    ईडी ने राबड़ी और मीसा सहित सात आरोपितों को दिया समन

    पटना (बिहार)। रेलवे में नौकरी के बदले जमीन मामले में राजद सुप्रीमो और तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से लंबी पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम बुधवार की दोपहर राबड़ी के दस सर्कुलर रोड आवास पहुंची। ईडी की टीम ने राबड़ी देवी और मीसा भारती समेत सभी सात आरोपितों को नोटिस देकर पूछताछ के लिए दिल्ली स्थित दफ्तर बुलाया है।

    राबड़ी आवास पहुंची तीन सदस्यीय ईडी की टीम ने पिछले दिनों में लालू यादव और तेजस्वी यादव से ईडी कार्यालय में की गयी पूछताछ से संबंधित कागजों की प्रति को रिसीव करवाया। इसके साथ ईडी टीम ने राबड़ी देवी, मीसा भारती और हेमा यादव सहित सात लोगों को पूछताछ के लिए दिल्ली मुख्यालय के ईडी कार्यालय में आने का समन दिया। इनके अलावा उनके सीए अमिल कात्याल और जमीन देकर रेलवे में नौकरी पाने वाले हृदयानंद चौधरी को भी कार्यालय में उपस्थित होने को कहा है।

    राबड़ी आवास पर ईडी की टीम के पहुंचने की जानकारी मिलने के बाद आनन-फानन में राजद के कई वरिष्ठ नेता राबड़ी आवास पहुंचे। इस दौरान ईडी की टीम करीब 10 मिनट तक राबड़ी आवास में रूकी।

  • जज ने कानून की किताब खोलकर पुलिस को पढ़ाई, उसके बाद हत्या का मामला सीआईडी को सौंपा

    जज ने कानून की किताब खोलकर पुलिस को पढ़ाई, उसके बाद हत्या का मामला सीआईडी को सौंपा

    कोलकाता। पश्चिम बंगाल पुलिस को कलकत्ता हाई कोर्ट के जज ने कानून का पाठ पढ़ाया है। हत्या के एक मामले में घोर लापरवाही की वजह से नाराज जस्टिस जॉय सेनगुप्ता ने पुलिस को फटकार लगाई और मामला सीआईडी को सौंप दिया।

    चौंकाने वाली बात थी की हत्या के मामले में पुलिस ने हत्या की धारा ही नहीं लगाई थी। कोलकाता के एमहर्स्ट स्ट्रीट थाना क्षेत्र में एक महिला की असामान्य मौत के मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने संबंधित थाने की पुलिस को फटकार लगाई।

    पिछले साल 24 नवंबर को एमहर्स्ट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन इलाके में शालिनी मित्रा नाम की वधु की उसके ससुराल में जलाकर हत्या कर दी गई थी। पांच दिसंबर को अस्पताल में उनकी मौत हो गई। मृतक के पिता के घर के लोगों का आरोप है कि पति सुशांत चक्रवर्ती समेत ससुरालवालों ने शालिनी को जलाकर मार डाला। आरोप है कि घर के वॉशरूम का दरवाजा तोड़कर शालिनी को बाहर ले जाया गया और आग लगा दी गई। यहां तक कि आग लगाने का दृश्य कथित तौर पर शालिनी की बहन को वीडियो कॉल के जरिए दिखाया गया था। महिला के घर वाले तुरंत ससुराल पहुंचे अस्पताल पहुंचाया लेकिन उसे बचा नहीं पाए थे।

    आरोप है कि पुलिस ने घटना की जांच करते हुए आरोपितों को गिरफ्तार करने के बजाय सबूत मिटाने की कोशिश की। यहां तक कि पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ हत्या की धारा भी नहीं जोड़ी। बुधवार को जस्टिस जॉय सेनगुप्ता की अदालत में मामले की सुनवाई हुई। जज ने अदालत कक्ष में सवाल-जवाब के बीच किताब खोली और जांच अधिकारी को कानून का पाठ करने को कहा। इतना ही नहीं जज ने फटकार के लहजे में सवाल किया कि क्या जांच कानून के तरीके से होगी या आरोपितों के तरीके से ? पुलिस ने अपनी ड्यूटी में लापरवाही बरती है।

    अदालत ने आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 और 201 जोड़ने का आदेश दिया। जज ने कहा कि अब इस मामले की जांच सीआईडी करेगी।

  • आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु 62 साल करने का फैसला बरकरार, राज्य सरकार की एसएलपी खारिज

    आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु 62 साल करने का फैसला बरकरार, राज्य सरकार की एसएलपी खारिज

    नई दिल्ली/ जयपुर। सुप्रीम कोर्ट ने आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु साठ साल से बढाकर 62 साल करने के संबंध में हाईकोर्ट की ओर से 13 जुलाई, 2022 को दिए आदेश को सही माना है। इसके साथ ही अदालत ने हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ दायर राज्य सरकार की विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर दिया है।

    राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए कहा कि एलोपैथी और आयुर्वेद चिकित्सकों का कार्यक्षेत्र अलग-अलग है। एलोपैथी डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु दो साल बढाना राज्य सरकार का नीतिगत निर्णय था और ऐसा एलोपैथी डॉक्टर्स की जरूरत को ध्यान में रखते हुए किया था। इसलिए एलोपैथी डॉक्टर्स की तरह आयुर्वेद डॉक्टर्स की आयु 60 साल से बढाकर 62 साल करने वाले फैसले को रद्द किया जाए। इसके जवाब में आयुर्वेद डॉक्टर्स की ओर से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में भी एनडीएमसी बनाम डॉ. रामनरेश के मामले में आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु भी 62 साल करने की मंजूरी दी है। इसलिए आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु 60 से बढाकर 62 साल करने का हाईकोर्ट का फैसला सही है और ऐसे में राज्य सरकार की एसएलपी खारिज की जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की एसएलपी खारिज कर दी।

    गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने अपने आदेश में ना केवल आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु दो साल बढाई थी, बल्कि यह भी कहा था कि जिन आयुर्वेद डॉक्टर का रिटायरमेंट हाल में हुआ हो और जिनकी आयु 62 साल से कम है उन्हें वापस सेवा लिया जाए। हाईकोर्ट ने कहा कि जब एलोपैथी डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु 62 साल है तो आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु भी 62 साल की जाए और इसमें किसी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए। आयुर्वेद डॉक्टर्स ने हाईकोर्ट में कहा था कि राज्य सरकार ने 31 मार्च 2016 को एलोपैथी डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु 60 से बढाकर 62 साल कर दी, लेकिन आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु 60 साल ही रखी है।

  • केंद्र में सरकार बनने पर पूरे देश में कराएंगे जातिगत सर्वेक्षण : राहुल गांधी

    केंद्र में सरकार बनने पर पूरे देश में कराएंगे जातिगत सर्वेक्षण : राहुल गांधी

    कोलकाता। कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के तहत दूसरी बार पश्चिम बंगाल में रैली कर रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बड़ी घोषणा की है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को जोर देकर कहा कि अगर आगामी लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी केंद्र की सत्ता में आती है तो देशभर में जातिगत जनगणना कराई जाएगी।

    पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के हिस्से के रूप में एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर नफरत और हिंसा फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हम सामाजिक न्याय चाहते हैं। केंद्र की सत्ता में आने के बाद हम दलितों और अन्य पिछड़े समुदायों के लोगों की संख्या का पता लगाने के लिए देशभर में जातिगत जनगणना कराएंगे।

    भाजपा पर नफरत व हिंसा फैलाने का आरोप लगाते हुए राहुल ने यात्रा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यात्रा में न्याय शब्द जोड़ा गया क्योंकि देशभर में अन्याय हो रहा है।

  • बंगाल में एक साथ 46 आईपीएस अधिकारियों का तबादला

    बंगाल में एक साथ 46 आईपीएस अधिकारियों का तबादला

    कोलकाता। लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल के शीर्ष पुलिस अधिकारियों का बड़े पैमाने पर तबादला हुआ है। एक साथ 46 आईपीएस अधिकारियों का तबादला हुआ है। एडीजी कानून व्यवस्था के पद पर मनोज वर्मा को लाया जा रहा है। जावेद शमीम लंबे समय से इस पद पर थे। जावेद को खुफिया विभाग और एडीजी (सुरक्षा) पद पर तैनात किया जा रहा है। इसके साथ उत्तर 24 परगना के तीन पुलिस जिलों बशीरहाट, बनगांव और बारासात में फेरबदल किया गया है।

    इस महीने की शुरुआत में उत्तर 24 परगना के बशीरहाट पुलिस जिले के अंतर्गत संदेशखाली में ईडी अधिकारियों पर हुए हमले ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया था। उस घटना का मुख्य आरोपित शाहजहां शेख अब भी लापता है। अब इस जिले में जोबी थॉमस के स्थान पर हुसैन मेहदी रहमान को बशीरहाट पुलिस जिले का अधीक्षक बनाया गया है। वे सीआईएफ राज्य पुलिस अधीक्षक के पद पर थे। थॉमस को इस्लामपुर में एसपी बनाया गया है। कोलकाता पुलिस के डीसी सेंट्रल दिनेश कुमार को बनगांव पुलिस जिले का अधीक्षक बनाकर भेजा गया है। इतने लंबे समय तक इस पद पर रहीं जयिता बोस को दार्जिलिंग रेंज का डीआईजी बनाकर भेजा गया है। प्रतीक्षा झारखड़िया बारासात पुलिस जिले की अधीक्षक बनीं हैं। वह हावड़ा सिटी पुलिस के डीसी साउथ थीं। बारासात पुलिस जिले के अधीक्षक पद पर कार्यरत भास्कर मुखर्जी को मालदह रेंज के डीआईजी पद पर भेजा गया है। सिद्धनाथ गुप्ता, जो दक्षिण बंगाल के डीजी-आईजीपी थे, को राज्य पुलिस के राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो में स्थानांतरित कर दिया गया है।

    कोलकाता पुलिस के डीसी नॉर्थ के पद पर कार्यरत तरुण हलधर को सीआईडी का डीआईजी बनाकर भेजा गया है। दक्षिण-पूर्व के डीसी शुभंकर भट्टाचार्य को कोलकाता पुलिस का संयुक्त आयुक्त बनाया गया है। बिधाननगर कमिश्नरेट की डीसी ट्रैफिक इंदिरा मुखर्जी को डीसी सेंट्रल, कोलकाता पुलिस के पद पर तैनात किया गया है। डब्ल्यूबीपीएस अधिकारी सुमंत कविराज को डायमंड हार्बर पुलिस जिले के अतिरिक्त अधीक्षक के पद से बनगांव पुलिस जिले के अतिरिक्त अधीक्षक के रूप में स्थानांतरित किया गया है।

  • झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिया इस्तीफा, राज्यपाल ने किया मंजूर

    झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिया इस्तीफा, राज्यपाल ने किया मंजूर

    रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुख्यमंत्री आवास में बुधवार को ईडी ने करीब सात घंटे पूछताछ की। इसके बाद ईडी की हिरासत में हेमंत सोरेन राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को इस्तीफा देने गए। उन्होंने राज्यपाल को इस्तीफा सौंपा। राज्यपाल ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया। उनकी जगह अब झामुमो के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन नये नेता चुने गये हैं। इस बात की पुष्टि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, मंत्री बन्ना गुप्ता और राज्यसभा सांसद महुआ माजी सहित कई विधायकों ने की है।

    हेमंत सोरेन से पहले महागठबंधन के विधायक राजभवन पहुंचे थे लेकिन महागठबंधन के पांच मिनट के बाद ही बाहर कर दिया गया। सभी विधायक राजभवन के बाहर हंगामा कर रहे हैं। वे मांग कर रहे हैं कि चंपई सोरेन को बुधवार रात में ही मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलायी जाए।

    जमीन फर्जीवाड़ा मामले में इससे पूर्व 20 जनवरी को मुख्यमंत्री से ईडी ने करीब सात घंटे पूछताछ की थी।मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी की तरफ से आठवीं बार समन जारी किया गया था। ईडी के अधिकारियों ने उन्हें समय और तारीख दोनों बताने का ऑफर दिया था, ताकि उनसे पूछताछ की जा सके। मुख्यमंत्री ने आठवां समन भेजे जाने के बाद पूछताछ के लिए सहमति दी थी। इसके बाद ईडी ने जमीन घोटाले में पूछताछ के लिए एक बार फिर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिख कर 27 से 31 जनवरी के बीच पूछताछ के लिए तिथि, समय और स्थान बताने को कहा। इसके बाद मुख्यमंत्री ने 31 जनवरी को पूछताछ के लिए सहमति दी थी।

    ईडी ने 29 जनवरी को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास पर छापेमारी की थी। करीब 13 घंटे चली इस छापेमारी में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास से बीएमडब्ल्यू कार और 35 लाख रुपये नकद सहित दस्तावेज बरामद किया था। ईडी की टीम जमीन घोटाले में हुई कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए हेमंत सोरेन के बंगले पर पहुंची थी। हालांकि मुख्यमंत्री नहीं मिले।

    इन वजहों से हेमंत सोरेन पर ईडी ने कसा शिकंजा

    अवैध तरीके से जमीन खरीद-फरोख्त के मामले में झारखंड, बंगाल व बिहार के 22 ठिकानों पर 13 अप्रैल 2023 को ईडी ने छापेमारी की थी। दूसरे दिन जारी इस छापेमारी में हिरासत में लिए गए सात आरोपितों बड़गाईं अंचल का अंचलाधिकारी भानु प्रताप प्रसाद, फर्जी कागजात तैयार करने वाले अफसर अली, सद्दाम, इम्तियाज अहमद, तल्हा खान, प्रदीप बागची व फैयाज खान को ईडी ने गिरफ्तार किया था। छापेमारी के दौरान सेना के कब्जे वाली जमीन के मूल कागजात को भी ईडी ने जब्त कर पुराने व नये कागजात की फॉरेंसिक जांच करायी तो पता चला कि जमीन के कागजात में हेराफेरी कर रैयत के नाम में भी फेरबदल किया गया है। बड़गाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के आवास और मोबाइल फोन से बरामद दस्तावेज बरामद हुए थे। इन दस्तावेज की छानबीन और उनसे जुड़े तथ्यों के सत्यापन को लेकर ईडी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछताछ कर रही है। जमीन घोटाले के मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी अब तक 236 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को कुर्क कर चुकी है।

    मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद की परिस्थितियों को देखते हुए राज्य में कानून-व्यवस्था न बिगड़े इसको लेकर वित्त विभाग के सचिव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है। कानून-व्यवस्था बनाये रखने के लिए पूरे राज्य में सुरक्षा के लिए 7,000 अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की तैनाती की गयी है। मुख्यमंत्री आवास, राजभवन और ईडी कार्यालय के 100 मीटर के दायरे में धारा 144 लगा दिया गया है।

  • यूपी बोर्ड परीक्षा : केंद्र व्यवस्थापकों को मास्टर्स ट्रेनर दे रहे प्रशिक्षण

    यूपी बोर्ड परीक्षा : केंद्र व्यवस्थापकों को मास्टर्स ट्रेनर दे रहे प्रशिक्षण

    लखनऊ। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की परीक्षाओं को लेकर एक बार फिर योगी सरकार ने कमर कस ली है। पिछले वर्ष की तरह ही इस बार भी लक्ष्य नकलविहीन परीक्षाओं का आयोजन कराना है। इसके लिए पुरानी व्यवस्थाओं के साथ-साथ नवीन पहल भी की जा रही है। इसी क्रम में इस बार केंद्र व्यवस्थापकों को परीक्षाओं की समुचित व्यवस्था देखने के लिए मास्टर्स ट्रेनर्स के माध्यम से ट्रेन्ड किया जा रहा है।

    बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बताया कि केंद्र व्यवस्थापकों को परीक्षाओं से जुड़ी एक से एक बारीक बातों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि परीक्षा में किसी तरह की त्रुटि न हो। उल्लेखनीय है कि यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 22 फरवरी से शुरू हो रही हैं, जो 09 मार्च तक चलेंगी। इस बार हाईस्कूल में 29,47,325 और इंटरमीडिएट में 25,77,965 कुल 55,25,290 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। वहीं बोर्ड की ओर से प्रदेश भर में कुल 8265 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें राजकीय परीक्षा केंद्रों की संख्या 566 है। सवित्त परीक्षा केंद्र 3479 और वित्तविहीन 4220 परीक्षा केंद्र हैं।

    प्रत्येक जनपद में तीन मास्टर ट्रेनर्स दे रहे ट्रेनिंग

    सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बताया कि प्रदेश के सभी 75 जनपदों में यह प्रशिक्षण कार्य चल रहा है। प्रत्येक जिले के लिए तीन मास्टर्स ट्रेनर्स की नियुक्ति की गई है, जो ऑडियो-वीडियो प्रेजेंटेशन के माध्यम से केंद्र व्यवस्थापकों को परीक्षाओं से संबंधित हर बारीक जानकारी मुहैया करा रहे हैं। इसमें उन्हें नकल रोकने, व्यवस्था बनाए रखने, प्रश्नपत्रों की सिक्योरिटी, उत्तर पुस्तिकाओं की देखरेख समेत अन्य सभी महत्वपूर्ण विषयों के बारे में प्रशिक्षित किया जा रहा है।

    कक्ष निरीक्षकों को मिलेगा कंप्यूटराइज्ड आईडी

    उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त इस बार कुछ और नई व्यवस्थाएं लागू की जा रही है। इनमें पहली बार उत्तर पुस्तिकाओं में सुरक्षात्मक क्यूआर कोड, लोगो, कवर पेज पर उनकी कोडिंग की गई है, जबकि पेज नंबर के साथ-साथ इस बार पिछले वर्ष में उपयोग किए गए कलर्स से अलग चार कलर्स में इन्हें पब्लिश कराया गया है। इसके अलावा पहली बार कक्ष निरीक्षकों के लिए एक सुरक्षित क्यूआर कोड भी जारी किया जा रहा है। साथ ही इस बार उन्हें क्रमांक युक्त कंप्यूटराइज्ड परिचय पत्र भी प्रदान किया जा रहा है, जिससे कक्ष निरीक्षकों के साथ समन्वय स्थापित करने में आसानी होगी।

  • ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाना में पूजा की अनुमित हरगिज स्वीकार्य नहीं: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

    ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाना में पूजा की अनुमित हरगिज स्वीकार्य नहीं: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

    -मुस्लिम पक्षकार इलाहाबाद हाई कोर्ट में देगा चुनौती

    नई दिल्ली। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस बात पर गहरी चिंता व्यक्त की है कि वाराणसी जिला जज ने आज अपनी सर्विस के अंतिम दिन ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाना में एक हिंदू पक्षकार को पूजा की इजाजत दे दी है। अदालत ने अपने फैसले में जिला मजिस्ट्रेट से कहा है कि वह हिंदू पक्षकार और काशी विश्वनाथ ट्रस्ट के जरिए नामजद किए गए पुजारी के जरिए पूजा राजभोग की व्यवस्था कराएं। जिला जज का यह फैसला मुसलमानों के लिए हरगिज भी काबिले-कबूल नहीं है और वह इसे इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती देंगे।

    ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता डॉ कासिम रसूल इलियास ने वाराणसी जिला जज के फैसले पर कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि यह फैसला बेहद गलत और बेबुनियाद दलीलों पर दिया गया है। अदालत ने इसको आधार बनाकर फैसला दिया है कि ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाना में 1993 तक सोमनाथ व्यास का परिवार पूजा करता था और उस वक्त की राज्य सरकार के आदेश पर इसे बंद कर दिया गया था, जबकि यह बेबुनियाद है। 24 जनवरी को जिला इंतजामिया ने तहखाने को अपने कंट्रोल में ले लिया था। अदालत में उस वक्त अपने ऑर्डर में यह भी कहा था कि यथास्थिति बनाई रखी जाएगी। आज इस फैसले को बदलते हुए पूजा की इजाजत दे दी गई है। निराशाजनक बात यह है कि मुस्लिम पक्षकार को इसमें अपील का मौका भी नहीं दिया गया। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को भी ताक पर रख दिया गया है कि पहले यह फैसला किया जाए कि यह केस 1991 के कानून के तहत चल भी सकता है या नहीं?

    अफसोसनाक बात यह है कि मीडिया इस फैसले को गलत अंदाज में पेश करके आम जनता को गुमराह कर रहा है कि हिंदू पक्षकारों को मस्जिद में पूजा की इजाजत दे दी गई है। हम यह बात स्पष्ट कर देना जरूरी समझते हैं कि इस तहखाना में कभी भी पूजा नहीं होती थी। एक आधारहीन बात को बुनियाद बनाकर जिला जज ने अपनी सर्विस के आखिरी दिन आपत्तिजनक और बेबुनियाद फैसला देते हुए कहा है कि 7 दिनों के अंदर पूजा का प्रबंध कराया जाए। मस्जिद इंतेजामिया कमेटी इस फैसले को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चैलेंज कर रही है।

    उन्होंने कहा कि है निराशाजनक बात है कि निचली अदालत टुकड़ों-टुकड़ों में फैसला करके इस केस को हिंदू पक्षकारों के पक्ष में मजबूत करती जा रही है। पहले पांच हिंदू महिलाओं ने अगस्त 2021 में अदालत में यह आवेदन देकर कहा कि एक हिंदू मंदिर था, जहां पर पूजा होती थी। जिसे औरंगजेब ने गिराकर मस्जिद निर्माण करा दिया था। इसलिए हमें पूजा की अनुमति दी जाए। जब मस्जिद इंतेजामिया ने इसे यह कहकर सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया कि धार्मिक स्थल से संबंधित 1991 के कानून के तहत इस मस्जिद को सुरक्षा हासिल है तो सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को जिला अदालत के हवाले कर दिया और डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने फैसला दिया कि इस पर ना तो धार्मिक स्थल से संबंधित 1991 का कानून और ना ही इस पर वक्फ एक्ट लागू होता है। इसके बाद अदालत ने मस्जिद के अंदर सर्वे का आदेश दे दिया, जिसमें सर्वे टीम ने वजूखाने के फव्वारे को शिवलिंग करार देकर वजूखाने के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी। अभी मामला यहां पर थमा नहीं था कि एक और ऑर्डर में मस्जिद के सर्वे का आदेश पुरातत्व सर्वेक्षण संस्थान को दे दिया गया, जिसने अपनी रिपोर्ट में मस्जिद के नीचे एक बड़े मंदिर के आसार बरामद कर लिए और अब एक तीसरे फैसले में मस्जिद के तहखाना में पूजा की इजाजत दी जा रही है।

    डॉ इलियास ने कहा है कि बाबरी मस्जिद के स्थान पर मंदिर निर्माण कर लेने के बाद ऐसा लगता है कि अब देश के विभिन्न इलाकों के विभिन्न मस्जिदों को टारगेट किया जा रहा है, चाहे वह कितनी ही पुरानी मस्जिद ही क्यों ना हों। दिल्ली में सुनहरी मस्जिद का मामला अभी थमा नहीं था कि कल सुबह महरौली के इलाके में एक पुरानी मस्जिद को बुलडोजर से गिरा दिया गया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि वह धार्मिक स्थलों से संबंधित 1991 के कानून को सख्ती से पालन कराने का आदेश सरकार को दें और निचली अदालतों को इस बात का पाबंद बनाएं कि वह इस कानून की मौजूदगी में मस्जिदों से संबंधित नई याचिका को स्वीकार ना करें।

    अगर ऐसा नहीं होता है तो न तो धार्मिक स्थल सुरक्षित रह पाएंगे और ना ही देश में अमन और शांति बाकी रहेगी।

  • वाराणसी प्रशासन ने रोका लेकिन भगवान ने परिक्रमा स्वीकार कर ली : स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद

    वाराणसी प्रशासन ने रोका लेकिन भगवान ने परिक्रमा स्वीकार कर ली : स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद

    वाराणसी। वाराणसी जिला न्यायालय ने बुधवार को ज्ञानवापी के व्यास जी तहखाने में पूजा करने की इजाजत दे दी है। व्यास जी के तहखाने में वर्ष 1993 से पूजा-पाठ बंद था। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि काशी-विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट बोर्ड पुजारी का नाम तय करेगा। न्यायालय ने वाराणसी जिलाधिकारी को 7 दिन के अंदर पूजा-पाठ के लिए जरूरी इंतजाम करने का भी निर्देश दिया।

    जिला अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया जताते हुए ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि प्रशासन ने मूल काशी विश्वनाथ की परिक्रमा को रोक दिया, लेकिन भगवान् विश्वनाथ ने हमारी परिक्रमा को स्वीकार कर लिया। आज न्यायालय में विश्वनाथ मन्दिर के पक्ष में आया फैसला समस्त सनातनधर्मियों की जीत है। हम समस्त सनातनधर्मियों को इसके निमित्त बधाई देते हैं। शंकराचार्य ने कहा कि अब मूल विश्वनाथ को लोहे के अवरोध से मुक्त किया जाएगा। व्यास जी का कमरा भी खुलेगा जिसमे ज्योतिर्मठ की ज्योति प्रज्ज्वलित रहती थी। अब पुनः ज्योतिर्मठ की ज्योति प्रज्ज्वलित होगी।

  • उप्र : 21 फरवरी तक भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव का आगाज, 1.59 करोड़ रुपये स्वीकृत

    उप्र : 21 फरवरी तक भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव का आगाज, 1.59 करोड़ रुपये स्वीकृत

    भारत-नेपाल सीमावर्ती जनपद में आयोजित होगा महोत्सव, 1000 कलाकारों को मिलेगा रोजगार

    लखनऊ। उत्तर प्रदेश के भारत-नेपाल सीमावर्ती जनपद में योगी सरकार की ओर से भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव-2023 का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए संस्कृति विभाग की ओर से एक करोड़ 59 लाख 96 हजार रुपये स्वीकृत किए गए हैं। महोत्सव से लगभग 1000 कलाकारों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।

    पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि सीमावर्ती आठ जनपदों में महोत्सव के भव्य आयोजन के लिए संस्कृति विभाग उप्र की ओर से तिथियां निर्धारित कर दी गई है। जिला प्रशासन एवं सहयोगी संस्थाओं से विचार-विमर्श के बाद कार्यक्रम की तिथियों में परिवर्तन की अनुमति दी जा सकती है। पर्यटन मंत्री ने बताया कि प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार एक से तीन फरवरी तक सिद्धार्थ विश्वविद्यालय सिद्धार्थनगर में महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इसी प्रकार पांच व छह फरवरी को जवाहर लाल नेहरू पीजी कालेज महराजगंज, आठ फरवरी को बुद्ध पीजी महाविद्यालय कुशीनगर व 10-11 फरवरी को राजकीय एमएलके महाविद्यालय बलरामपुर में महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।

    13 फरवरी को सत्यनारायण उच्च शिक्षण संस्थान तुलसीपुर श्रावस्ती, 15-16 फरवरी लार्डबुद्धा इंटर कालेज बहराइच, 18 फरवरी को राजकीय एकलव्य आश्रम पद्धति इंटर कालेज लखीमपुर खीरी व 20-21 फरवरी को राजकीय एलबीएस महाविद्यालय/बेनहर इंटर कालेज/गांधी स्टेडियम प्रेक्षागृह पीलीभीत में महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।