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  • पोस्टमार्टम हाउस से मुख्तार अंसारी का वायरल वीडियो जांच के घेरे में

    पोस्टमार्टम हाउस से मुख्तार अंसारी का वायरल वीडियो जांच के घेरे में

    बांदा,। माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के बाद मौत से जुड़े वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। इनके माध्यम से कहीं मौत पर सवाल उठाए जा रहे हैं, तो कहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर टिप्पणी वायरल की जा रही है। उधर पोस्टमार्टम हाउस का भी एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई। इस पर कोई जिम्मेदार अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।

    वायरल वीडियो में मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी, उनके भतीजे, एक पुलिसकर्मी व कुछ अन्य कर्मचारी दिखाई पड़ रहे हैं। वीडियो में वीडियोग्राफी करते हुए दिखाई जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा एक अधिकारी भी इस वीडियो में नजर आ रहा है। वायरल होने के बाद यह वीडियो जांच के घेरे में आ गया है। आखिर वहां यह वीडियो किसने बनाया है । किसके लिए बनाया गया है और किसने इसे वायरल किया है, इस पर चर्चा हो रही है।

    इस मामले में रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एस के कौशल का कहना है कि इसके बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी बता सकते हैं। जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.अनिल श्रीवास्तव से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने बार-बार फोन किए जाने के बाद भी फोन रिसीव नहीं किया।

    इधर मुख्तार के पोस्टमार्टम रिपोर्ट से संबंधित एक तस्वीर वायरल हुई है, जिसमें पोस्टमार्टम रिपोर्ट से संबंधित कुछ अंश दर्शाए गए हैं। वीडियो कि वायरल रिपोर्ट में मृत्यु का कारण शॉक और मायोकार्डियल इंफ्रैक्शन (एमआई) दर्शाया गया है। मेडिकल में शॉक का मतलब ब्लड प्रेशर का कम हो जाना है। एमआई का मतलब हार्ट का एक हिस्सा पीला पड़ जाना है।

    सूत्रों के मुताबिक मुख्तार अंसारी के हार्ट का लगभग 2×1.5 सेंटीमीटर हिस्सा पीला पड़ गया था। उस पीले हिस्से में ब्लड के क्लाॅट पाए गए थे। इसी से मौत की वजह मायोकार्डियल इंफ्रैक्शन दिखाई गई है। इसके अलावा आंतें भी फूली मिली हैं। बाएं कान से खून आना भी दिखाया गया है। इस रिपोर्ट की क्या सच्चाई है। इस बारे में भी स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारी अधिकारी कुछ भी बताने से परहेज कर रहे हैं।

  • नेपाल के कीचक वध क्षेत्र के उत्खनन में मिले 2200 वर्ष पुराने पांच भवनों के अवशेष

    नेपाल के कीचक वध क्षेत्र के उत्खनन में मिले 2200 वर्ष पुराने पांच भवनों के अवशेष

    काठमांडू। नेपाल के पुरातत्व विभाग द्वारा विराट नगर के कीचक वध क्षेत्र में कराए गए उत्खनन में 2200 वर्ष पुराने पांच भवनों के अवशेष मिले हैं। कीचक वध क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से उत्खनन का कार्य चल रहा है।

    उत्खनन का नेतृत्व कर रहे प्रमुख पुरातत्वविद् उद्धव आचार्य ने रविवार को मीडियाकर्मियों को बताया कि भद्रपुर नगरपालिका क्षेत्र में महाभारतकालीन कीचक वध क्षेत्र में किए गए उत्खनन में पांच भवनों के अवशेष मिले हैं। इसकी जांच में पता चला है कि यह भवन करीब 2200 वर्ष पुराना है। उद्धव आचार्य ने बताया कि यह दूसरी बार है जब इस क्षेत्र का उत्खनन किया जा रहा है। पहली बार वर्ष 1998 में उत्खनन किया गया था। आचार्य के मुताबिक इस बार के उत्खनन में पांच भवनों के अवशेष मिले हैं। इस अवशेष के महाभारत के समकालीन होने के भी दावे किए जा रहे हैं। इसकी विस्तृत जांच और उत्खनन के लिए भारत सहित अन्य देशों से पुरातत्वविदों को बुलाने की सिफारिश की गई है।

    उद्धव आचार्य ने बताया कि इस बार के उत्खनन में जिस तरह के भवनों के अवशेष मिले हैं वह किसी राजमहल की तरह है। उत्तर-पूर्व दिशा में एक पांच मंजिला भवन के अवशेष मिले हैं। इस बहुमंजिला भवन के कुछ ही दूरी पर दक्षिण दिशा में एक और भवन के अवशेष मिले हैं। इसी मुख्य भवन के दक्षिण पश्चिम दिशा में जिस तरह की संरचना के अवशेष मिले हैं उससे यह प्रतीत होता है कि वह भवन निजी सुरक्षाकर्मियों के लिए बनाया गया होगा। इस भवन के उत्तर पश्चिम में राजभवन की सुरक्षा में रहे सैन्य भवन के अवशेष मिले हैं। इस भवन के पश्चिम दिशा में एक और बहुमंजिला भवन के अवशेष मिले हैं। इसके करीब 200 फुट की दूरी पर एक अलग भवन का अवशेष मिला है जिसको सैन्य अधिकारियों के लिए बनाए जाने का दावा किया गया है।

    आचार्य ने बताया कि विदेशों से विशेषज्ञों के आने के बाद उत्खनन में करीब एक वर्ष का समय लग सकता है। उन्होंने कहा कि यह अवशेष भगवान गौतम बुद्ध से पहले के समय का लगता है। महाभारत काल में यह क्षेत्र विराट राज्य के अन्तर्गत आता था। इसी क्षेत्र में पांडवों ने 12 वर्ष के वनवास के बाद एक वर्ष के अज्ञातवास का समय व्यतीत किया था। इन अवशेषों को लेकर यह दावा किया गया है कि यह भवन विराट नरेश के प्रधान सेनापति कीचक का हो सकता है। महाभारत की कथा के मुताबिक द्रौपदी के साथ अभद्र व्यवहार करने के कारण भीम ने कीचक का वध कर दिया था।

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    Archeology survey in Birat area

    काठमांडू, 31 मार्च (हि.स.)। नेपाल के पुरातत्व विभाग द्वारा विराट नगर के कीचक वध क्षेत्र में कराए गए उत्खनन में 2200 वर्ष पुराने पांच भवनों के अवशेष मिले हैं। कीचक वध क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से उत्खनन का कार्य चल रहा है।

    उत्खनन का नेतृत्व कर रहे प्रमुख पुरातत्वविद् उद्धव आचार्य ने रविवार को मीडियाकर्मियों को बताया कि भद्रपुर नगरपालिका क्षेत्र में महाभारतकालीन कीचक वध क्षेत्र में किए गए उत्खनन में पांच भवनों के अवशेष मिले हैं। इसकी जांच में पता चला है कि यह भवन करीब 2200 वर्ष पुराना है। उद्धव आचार्य ने बताया कि यह दूसरी बार है जब इस क्षेत्र का उत्खनन किया जा रहा है। पहली बार वर्ष 1998 में उत्खनन किया गया था। आचार्य के मुताबिक इस बार के उत्खनन में पांच भवनों के अवशेष मिले हैं। इस अवशेष के महाभारत के समकालीन होने के भी दावे किए जा रहे हैं। इसकी विस्तृत जांच और उत्खनन के लिए भारत सहित अन्य देशों से पुरातत्वविदों को बुलाने की सिफारिश की गई है।

    उद्धव आचार्य ने बताया कि इस बार के उत्खनन में जिस तरह के भवनों के अवशेष मिले हैं वह किसी राजमहल की तरह है। उत्तर-पूर्व दिशा में एक पांच मंजिला भवन के अवशेष मिले हैं। इस बहुमंजिला भवन के कुछ ही दूरी पर दक्षिण दिशा में एक और भवन के अवशेष मिले हैं। इसी मुख्य भवन के दक्षिण पश्चिम दिशा में जिस तरह की संरचना के अवशेष मिले हैं उससे यह प्रतीत होता है कि वह भवन निजी सुरक्षाकर्मियों के लिए बनाया गया होगा। इस भवन के उत्तर पश्चिम में राजभवन की सुरक्षा में रहे सैन्य भवन के अवशेष मिले हैं। इस भवन के पश्चिम दिशा में एक और बहुमंजिला भवन के अवशेष मिले हैं। इसके करीब 200 फुट की दूरी पर एक अलग भवन का अवशेष मिला है जिसको सैन्य अधिकारियों के लिए बनाए जाने का दावा किया गया है।

    आचार्य ने बताया कि विदेशों से विशेषज्ञों के आने के बाद उत्खनन में करीब एक वर्ष का समय लग सकता है। उन्होंने कहा कि यह अवशेष भगवान गौतम बुद्ध से पहले के समय का लगता है। महाभारत काल में यह क्षेत्र विराट राज्य के अन्तर्गत आता था। इसी क्षेत्र में पांडवों ने 12 वर्ष के वनवास के बाद एक वर्ष के अज्ञातवास का समय व्यतीत किया था। इन अवशेषों को लेकर यह दावा किया गया है कि यह भवन विराट नरेश के प्रधान सेनापति कीचक का हो सकता है। महाभारत की कथा के मुताबिक द्रौपदी के साथ अभद्र व्यवहार करने के कारण भीम ने कीचक का वध कर दिया था।

  • ममता ने पार्टी नेताओं को दिया निर्देश – ईडी-सीबीआई बुलाए तो मत जाइए, कहिए प्रचार में व्यस्त हैं

    ममता ने पार्टी नेताओं को दिया निर्देश – ईडी-सीबीआई बुलाए तो मत जाइए, कहिए प्रचार में व्यस्त हैं

    कोलकाता। घर में गिरने की वजह से चोट लगने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी रविवार से लोकसभा चुनाव प्रचार का आगाज कर दिया है।

    कृष्णानगर में तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार और घूस लेकर संसद में सवाल पूछने की वजह से बर्खास्त की गई नेता महुआ मोइत्रा के लिए ममता बनर्जी ने धुबुलिया में सभा की। यहां से ममता बनर्जी ने कहा, अगर ईडी या सीबीआई को बुलाया जाए तो अभी जाने की जरूरत नहीं है। मतदान संपन्न होने के बाद जाइए। घर में गिरने के बाद उनके माथे पर टांके लगे थे जो अब ठीक हो गए हैं। यहां धूप में ममता ने 45 मिनट तक भाषण दिया।

    उन्होंने कहा कि इतना डरने की जरूरत नहीं है। अगर ईडी या सीबीआई किसी को पत्र भेजे तो जवाब देना, ”अभी मैं वोटिंग में व्यस्त हूं। हम मतदान के बाद देखेंगे।” बैठक की शुरुआत से ही उन्होंने केंद्रीय निकाय के एक के बाद एक समन और तलाशी का विरोध किया। चुनाव की घोषणा के बाद उन्होंने कहा कि यह केंद्रीय एजेंसी का इस्तेमाल कर विपक्ष को डराने बदनाम करने की कोशिश है। उन्होंने कहा, वोटिंग के दौरान ये सब नहीं किया जा सकता।

    कैबिनेट में मंत्री अरूप विश्वास के भाई स्वरूप विश्वास के घर इनकम टैक्स के अधिकारियों की छापेमारी का जिक्र करते हुए ममता ने कहा कि तीन दिनों तक इनकम टैक्स अधिकारियों की वजह से घर के लोग बाथरूम तक नहीं जा सके। घर में बच्चे थे लेकिन कोई शिष्टाचार नहीं निभाया गया। वे 16 अधिकारियों की टीम लगातार खाना ऑर्डर करते रहे जिसका बिल 25 हजार रुपये है।

    ममता ने यह भी कहा, ”अगर आप बंगाल में ”400 के पार” को लेकर इतने आश्वस्त हैं, तो आपको यहां इतने सारे ईडी, सीबीआई क्यों भेजने की जरूरत है?” राज्य के अधिकारियों का तबादला क्यों कर रहे हैं? भाजपा को किस बात का डर है? इतनी बड़ी राजनीतिक पार्टी वे केवल ईडी, सीबीआई, आयकर भेजते हैं और गरीब लोगों से पैसा लेते हैं।”

    उन्होंने यह भी कहा कि एनआईए भी जांच के नाम पर उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर रही है। 

  • हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राजबब्बर पर दोष सिद्धि को किया निलम्बित

    हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राजबब्बर पर दोष सिद्धि को किया निलम्बित

    लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के तत्कालीन प्रत्याशी राजबब्बर को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से राहत मिली है। जस्टिस मोहम्मद फैज आलम खान ने राजबब्बर की ओर से दाखिल अर्जी पर आदेश देते हुए दोष सिद्धि के आदेश को निलम्बित कर दिया है।

    बता दें कि लखनऊ के वजीरगंज थाना क्षेत्र में सन 1996 में हुए एक मतदान केन्द्र पर मतदान अधिकारी श्रीकृष्ण सिंह और वहां उपस्थित शिवकुमार से तत्कालीन समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी राजबब्बर और उनके साथी ने मारपीट की थी। जिसके बाद मुकदमे में सात जुलाई 2022 को मजिस्ट्रेट कोर्ट ने राजबब्बर पर दोष सिद्ध करार दिया था और दो वर्षों के कारावास की सजा सुनाई थी।

    हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के जस्टिस मोहम्मद फैज की ओर से इस मामले की अगली सुनवाई एक मई को होनी सुनिश्चित की गयी है। इसके साथ में राज्य सरकार की ओर से मामले में जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश जारी हुआ है।

  • उत्तर प्रदेश में बना तीसरा गठबंधन पीडीएम न्याय मोर्चा

    उत्तर प्रदेश में बना तीसरा गठबंधन पीडीएम न्याय मोर्चा

    लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में पिछड़ा, दलित और मुसलमान (पीडीएम) का नारा देते हुए ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहाद उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, अपना दल कमेरावादी की अध्यक्ष कृष्णा पटेल, अपना दल कमेरावादी की नेता डाॅ. पल्लवी पटेल, प्रगतिशील मानव समाज पार्टी, राष्ट्र उदय पार्टी ने तीसरा गठबंधन पीडीएम न्याय मोर्चा की घोषणा की।

    अपना दल कमेरावादी की नेता डाॅ. पल्लवी पटेल ने कहा कि देश में जिसके सम्मान पर लगातार कुठाराघात किया जा रहा है, दलित मुसलमान और पिछड़ा। इसके लिए पीडीएम न्याय मोर्चा लेकर आए है। जब तक पीडीएम को न्याय नहीं मिलेगा, तभी तक न्याय के लिए लड़ेंगे। पीडीएम ही सरकार बनाता और बिगाड़ता रहा है।

    उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि ए में कन्फ्यूजन था, इसके लिए एम हो गया है। अल्पसंख्यक को नहीं समझ पा रहे थे लोग, इसलिए एम लाए हैं। जिन्होंने मुझे विधायक बनाया है, वे चाहें तो फिर मेरा इस्तीफा ले लें।

    अपना दल कमेरावादी की अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने कहा कि सभी दलों के पदाधिकारी कार्यकर्ता अपनी आवाज बुलंद करें और नई दिल्ली तक आवाज को पहुंचाएं। राष्ट्र उदय पार्टी के बाबूलाल ने कहा कि पीडीएम का गठन न्याय के लिए किया गया है। भाजपा केवल अति पिछड़ा और पिछड़ा को हक नहीं देना चाहती है। जननायक कर्पूरी ठाकुर को केवल सम्मान देना चाहते हैं, उनके लोगों को न्याय नहीं देना चाहते है।

    एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि मुरादाबाद में हसन साहब की बेइज्जती की गई। इससे क्या मैसेज जा रहा है। फिर रामपुर में क्या किया उन्होंने, सभी ने देखा है। जहां बात चुनाव में सीटों पर है, वह पल्लवी पटेल बताएगी। कोई हमारे गठबंधन में आना चाहता है तो उसका भी स्वागत है।

    असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि 90 प्रतिशत मुसलमान ने समाजवादी पार्टी को मत दिया। उन्हें क्या मिल रहा है। पहले भी क्या मिला है। वे गलती कर नहीं सकते और मुसलमान की बात करने पर हम गलत हैं।

  • सांसद बनने की राह पर झारखंड के माननीय, भाजपा के तीन विधायक आजमा रहे किस्मत

    सांसद बनने की राह पर झारखंड के माननीय, भाजपा के तीन विधायक आजमा रहे किस्मत

    रांची। झारखंड में कई विधायक हैं जो सांसद बनना चाहते हैं। राष्ट्रीय राजनीति में हिस्सेदारी निभाने की चाहत राज्य के क्षेत्रीय दलों के विधायकों से ज्यादा इच्छा राष्ट्रीय दलों से ताल्लुक रखने वाले विधायकों में देखी जा रही है, जो राज्य से निकलकर देश की राजनीति में दखल देना चाहते हैं।

    हालांकि, कई विधायकों को उनकी पार्टी ने टिकट दे दिया है, तो कुछ ने पाला बदल कर टिकट हासिल किया है। कुछ नेता अभी टिकट पाने के लिए इंतजार में हैं। राज्य की 14 लोकसभा सीटों में भाजपा ने अपने हिस्से के 13 सीटों पर उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। भाजपा के टिकट पर वर्तमान विधानसभा के तीन सदस्य लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें से दो भाजपा के विधायक हैं जबकि एक झामुमो छोड़ कर भाजपा ज्वाइन की है।

    कांग्रेस ने तीन उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है। इसमें एक प्रत्याशी वर्तमान में विधायक हैं। इसके अलावा फिलहाल दो से तीन और विधायक के चुनाव मैदान में उतरने की संभावना जतायी जा रही है। इंडिया गठबंधन से अब तक 14 में से तीन सीट पर ही प्रत्याशी की घोषणा हुई। जिन सीटों पर प्रत्याशी की घोषणा नहीं हुई है, उनमें कोडरमा, पश्चिमी सिंहभूम और गोड्डा से वर्तमान विधानसभा के सदस्यों के चुनाव लड़ने की संभावना जतायी जा रही है।

    हजारीबाग लोकसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ने वर्तमान विधायक को मैदान में उतारा है। भाजपा से विधायक मनीष जायसवाल और कांग्रेस से जेपी पटेल चुनाव लड़ रहे हैं। दुमका से सीता सोरेन और धनबाद से विधायक ढुलु महतो भाजपा से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं।

    इंडिया गठबंधन ने जिन सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है, उनमें से कोडरमा से माले विधायक विनोद सिंह, पश्चिमी सिंहभूम से झामुमो के विधायक दशरथ गगरई के चुनाव लड़ने की संभावना है। इसके अलावा गोड्डा से भी कांग्रेस के विधायक चुनाव लड़ने की तैयारी में है। वर्तमान विधायकों के साथ अब तक दो पूर्व विधायकों को भी लोकसभा चुनाव का टिकट मिला है। कांग्रेस ने लोहरदगा से सुखदेव भगत को चुनाव में उतारा है। सुखदेव भगत पूर्व में विधायक रहे हैं। राजमहल से भाजपा प्रत्याशी ताला मरांडी भी पूर्व विधायक हैं।

    ये विधायक बन चुके हैं सांसद

    राज्य में लोकसभा चुनाव में सांसद बनने वाले नेता, जो पहले विधायक रह चुके हैं, उनमें खूंटी से सांसद सह केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, कोडरमा सांसद सह केंद्रीय राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी, पश्चिमी सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा, गिरिडीह के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी, धनबाद के सांसद पीएन सिंह, लोहरदगा विधायक सुदर्शन भगत, विद्युत वरण महतो आदि विधायक के नाम शामिल हैं। इनमें से भाजपा ने धनबाद और लोहरदगा में इस चुनाव में अपना प्रत्याशी बदल दिया है।

    कई विधायकों की उम्मीदें टूटीं

    भाजपा से इस वर्ष लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले जिन माननीयों की हसरतें पूरी नहीं हो सकी उसमें पांकी से विधायक शशिभूषण मेहता, धनबाद से भाजपा विधायक राज सिन्हा और पूर्व मंत्री भानु प्रताप शाही का नाम हैं। ये लोकसभा चुनाव लड़कर दिल्ली जाना चाहते थे लेकिन टिकट न देकर पार्टी ने दिल्ली की उनकी चाह पर विराम लगा दिया है।

    इंडिया गठबंधन में कई विधायक लोकसभा टिकट पाने की रेस में

    लोकसभा चुनाव 2024 के लिए इंडिया गठबंधन की ओर से कांग्रेस ने तीन लोकसभा क्षेत्र हजारीबाग, लोहरदगा और खूंटी के लिए उम्मीदवार के नाम की घोषणा की है। इसमें भाजपा से कांग्रेस में आये मांडू विधायक जेपी पटेल को हजारीबाग से टिकट मिल भी गया है। बाकी जिन जिन विधायकों ने लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है उसमें गोड्डा लोकसभा के लिए कांग्रेसी विधायक दीपिका पांडे सिंह और प्रदीप यादव के नाम आगे हैं।

    इसी तरह गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनने की इच्छा पूर्व मंत्री और टुंडी से झामुमो विधायक मथुरा महतो की रही है। इस बार कोडरमा लोकसभा सीट माले के खाते में जाने की संभावना को देखते हुए विधायक विनोद सिंह भी कोडरमा से लोकसभा के लिए किस्मत आजमाना चाहते हैं। बिशुनपुर से झामुमो विधायक चमरा लिंडा, लोहरदगा से उम्मीदवारी के लिए अभी तक अड़े हुए हैं, तो सिंहभूम सीट से उम्मीदवार बनने की इच्छा झामुमो के विधायक दशरथ गगराई, सुखराम उरांव और जोबा मांझी की रही हैं।

    ऐसे में इंडिया गठबंधन की ओर से लोकसभा उम्मीदवारों का फाइनल लिस्ट आने के बाद ही यह तय हो पायेगा कि लोकसभा चुनाव जीत कर सेंट्रल विस्टा की ओर कदम बढ़ाने का मौका किन-किन माननीयों को मिलता है और किसे अभी दिल्ली की राजनीति के लिए इंतजार करना पड़ता है।

  • लाखों की नकदी बरामद, दो लोग गिरफ्तार

    लाखों की नकदी बरामद, दो लोग गिरफ्तार

    हरिद्वार। लोकसभा चुनाव को लेकर पुलिस पूरी तरह से सजग है। पुलिस ने सघन चेकिंग अभियान चलाया हुआ है। इसी कड़ी में पुलिस ने लाखों की नकदी बरामद करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है।

    जानकारी के अनुसार चेकिंग के दौरान बहादराबाद पुलिस ने रुड़की की ओर से आ रही एक कार से एक लाख साठ हजार की नकदी बरामद की। नकदी के संबंध में पूछे जाने पर कार चालक सन्दीप कुमार पुत्र सतपाल प्रजापति निवासी ग्राम भौरी थाना बहादराबाद ठोस दस्तावेज नहीं दिखा पाया। इस पर पुलिस ने धनराशि को कब्जे में लेकर उसे गिरफ्तार कर लिया। इसके अलावा सचिन उम्र 35 वर्ष पुत्र विरेन्द्र निवासी सहारनपुर उत्तर प्रदेश से बैग से सात लाख रुपये की नकदी बरामद की। पुलिस ने नकदी संबंधी दस्तावेज नहीं दिखाने पर उसे गिरफ्तार कर लिया।

  • प्रधानमंत्री मोदी चार अप्रैल को बिहार के जमुई में पहले चरण के चुनाव प्रचार का करेंगे शंखनाद

    प्रधानमंत्री मोदी चार अप्रैल को बिहार के जमुई में पहले चरण के चुनाव प्रचार का करेंगे शंखनाद

    पटना (बिहार)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चार अप्रैल को बिहार के जमुई जिले में आयेंगे। प्रधानमंत्री जमुई के खैरा प्रखंड अंतर्गत नरियाना पुल के समीप खाली भूखंड पर चुनावी सभा को संबोधित कर लोकसभा चुनाव के पहले चरण में एनडीए के जीत का शंखनाद करेंगे।

    भाजपा के जिलाध्यक्ष कन्हैया कुमार सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी निर्धारित कार्यक्रम के तहत एनडीए उम्मीदवार अरुण कुमार भारती के समर्थन में जमुई जिले के खैरा प्रखंड अंतर्गत नरियाना पुल के समीप खाली भूखंड पर चुनावी रैली को संबोधित करेंगे। चुनावी सभा के बाद वे अन्यत्र स्थान के लिए रवाना होंगे।

    उल्लेखनीय है कि एनडीए समर्थित लोजपा रामविलास के उम्मीदवार अरुण कुमार भारती का चुनावी मुकाबला महागठबंधन समर्थित राजद प्रत्याशी अर्चना कुमारी से है। पीएम मोदी अरुण कुमार भारती के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को लेकर जिला प्रशासन भी अलर्ट है।

  • टीपीसी को हथियार सप्लाई करने के दो आरोपित गिरफ्तार

    टीपीसी को हथियार सप्लाई करने के दो आरोपित गिरफ्तार

    -कार्बाइन, एसएलआर मैगजीन और गोलियां बरामद

    पलामू। उग्रवादी संगठन तृतीय प्रस्तुति कमेटी को हथियार सप्लाई करने वाले दो आरोपितों को पुलिस ने हरिहरगंज से गिरफ्तार किया है। इनके पास से एक लोकल मेड कार्बाइन, 8 एसएलआर का पुराना मैगजीन, 3 एलएमजी का पारदर्शी मैगजीन, तीन जिंदा गोली बरामद की गई है।

    गिरफ्तार सप्लायरों में हरिहरगंज थाना क्षेत्र के कटैया कुरहत के रहने वाले 28 वर्षीय गोविंद कुमार एवं औरंगाबाद जिला अंतर्गत टंडवा थाना क्षेत्र के लहंगकर्मा बरईखाप उपाध्याय बिगहा के 48 वर्षीय घनश्याम चौबे शामिल हैं।

    जिले की एसपी रिष्मा रमेशन ने रविवार को अपने कार्यालय कक्ष में पत्रकारों को बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि उग्रवादी संगठन तृतीय प्रस्तुति कमेटी को हथियार सप्लाई देने के लिए गोविंद कुमार अपने घर में हथियार, मैगजीन रखे हुए हैं और अपने सहयोगियों से अन्य कई तरह के हथियार, गोली, मैगजीन मंगाने वाला है। छतरपुर के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी नौशाद आलम के नेतृत्व में टीम बनाई गई और त्वरित कार्रवाई की गई। ग्राम कुरहत में गोविंद के घर पर छापेमारी की गई। यहां से मोबाइल फोन, एसएलआर का पुराना दो मैगजीन और दो जिंदा गोली बरामद की गई। उसकी निशानदेही पर उसके सहयोगी टीएसपीसी के सदस्य घनश्याम चौबे को हरिहरगंज से ही गिरफ्तार किया गया।

    बाद में घनश्याम चौबे की निशानदेही पर मोबाइल फोन, लोकल मेड कार्बाइन हथियार, 6 एसएलआर का पुराना मैगजीन, एलएमजी का पारदर्शी मैगजीन 3, एक गोली बरामद की गई। जानकारी मिली है कि पिछले 10 साल से दोनों उग्रवादी संगठन टीपीसी को अवैध हथियार एवं मैगजीन सप्लाई करते थे। कभी नाम सामने नहीं आने के कारण इनके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं हुआ था। छानबीन में यह भी सामने आया है कि दोनों आरोपित सिर्फ उग्रवादियों को ही हथियार की आपूर्ति करते थे।

    करवाई टीम में छतरपुर के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के अलावा हरिहरगंज के थाना प्रभारी इंस्पेक्टर चंदन कुमार, पुलिस अवर निरीक्षक लाल बहादुर हरिजन, सहायक अवर निरीक्षक संजय कुमार सिंह, मनोज दास सहित जवान शामिल थे।

  • पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह की मांग, मुख्तार के मौत की हो सीबीआई जांच

    पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह की मांग, मुख्तार के मौत की हो सीबीआई जांच

    जालौन। उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने मुख्तार अंसारी की मौत पर बड़ा सवाल उठाया है । उन्होंने कहा कि जब उत्तर प्रदेश में फर्जी मुठभेड़ हो सकती है, तो माफिया मुख्तार अंसारी को जेल में जहर क्यों नहीं दिया जा सकता है, यह बयान उसने पेशी के दौरान दिया था, इसीलिए इस मामले की तत्काल सीबीआई जांच उत्तर प्रदेश सरकार कराये, जिससे हकीकत सामने आ सके।

    यह बयान डीजीपी सुलखान सिंह ने जालौन के कोंच नगर में दिया, वह यहां एक निजी कार्य में शामिल होने के लिये आए थे। पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने कहा कि उसकी मौत कैसे हुई है, इसका अंदाजा लगाना संभव नहीं है, उन्होंने कहा कि वह राज्य की अभिरक्षा में था, और उसने न्यायालय में आरोप भी लगाया था कि उसे धीमा जहर दिया जा रहा है, उसकी हत्या की जा सकती है, इसीलिए सरकार को अपना स्टैंड क्लियर करना जरूरी है, जिससे किसी प्रकार का संदेह न रह जाए, इसलिए मामले की सीबीआई जांच करना बहुत जरूर है और जल्द से जल्द इसकी जांच कराई जाए, जिससे साफ हो सके कि मुख्तार की मौत कैसे हुई है।

    जब उनसे पूछा कि जब आप आईजी जेल थे, तो जेल में इस तरीके की घटना हो सकती हैं, तो उन्होंने कहा कि होने के लिए सब कुछ हो सकता है, पुलिस वाले फर्जी मुठभेड़ कर सकते हैं, इस वक्त ढाई सौ पुलिस वाले जेल में हैं जो सजायाफ्ता और कुछ पर अंडर ट्रायल चल रहा है, जब पुलिस वाला हत्या कर सकता है, तो क्या नहीं हो सकता है, लेकिन इस तरीके का गैस करना एक पुलिस वाले के लिए सही नहीं है, लेकिन मुख्तार अंसारी ने आरोप लगाया और उसके बाद घटना हुई है इसलिए इस पर संदेह उत्पन्न हुआ है, तो निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई जांच होना जरूरी है।