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  • गैर इरादतन हत्या के मामले में पिता-पुत्र समेत चार को 10-10 साल की कैद

    गैर इरादतन हत्या के मामले में पिता-पुत्र समेत चार को 10-10 साल की कैद

    – एडीजे नीरज श्रीवास्तव ने सुनाया निर्णय

    चित्रकूट। गैर इरादतन हत्या के मामले में दोष सिद्ध होने पर अपर सत्र न्यायाधीश नीरज श्रीवास्तव ने चार आरोपियों को 10-10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही अर्थदण्ड से भी दण्डित किया है।

    सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील कुमार सिंह ने बताया कि कर्वी कोतवाली क्षेत्र के बरमपुर गांव के निवासी रामचन्द्र कुशवाह ने बीती 28 फरवरी 2021 को कर्वी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। वादी के अनुसार बीती 20 फरवरी 2021 को सबेरे 7:30 बजे रास्ते को लेकर विवाद हुआ था। जिसमें हमलावर शिव प्रसाद ने अपने बेटे प्रकाश चन्द्र व सुरेश, रामलखन आदि के साथ लाठी-डण्डा, कुल्हाड़ी, हसिया से हमला कर दिया। जिसमें वादी रामचन्द्र, राजाराम, भूरी देवी, जियालाल उर्फ लाला भाई घायल हो गए थे। इस घटना में उसका छोटा भाई जियालाल गम्भीर रूप से घायल हो गया था। जिसे लेकर इलाज के लिए वह लोग जिला अस्पताल आए। जहां गम्भीर हालत के चलते चिकित्सकों ने उसे प्रयागराज के लिए रेफर कर दिया, किन्तु इलाज के दौरान 26 फरवरी 2021 को उसकी मौत हो गयी।

    पुलिस ने मामले में रिपोर्ट दर्ज करने के बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इसी मामले में दूसरे पक्ष के शिवप्रसाद ने भी रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस को दी गयी तहरीर में शिव प्रसाद ने बताया था कि घटना के समय वह अपने खेत में पिलर कर रहा था। इस दौरान रामचन्द्र व राजाराम आदि ने आकर उसे गाली-गालौज करते हुए लाठी डण्डों से पीटा। इस मामले में भी पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था।

    बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद शनिवार को अपर सत्र न्यायाधीश नीरज श्रीवास्तव ने निर्णय सुनाया। जिसमें दोष सिद्ध होने पर आरोपी शिव प्रसाद उसके बेटे प्रकाश चन्द्र, सुरेश व रामलखन को 10-10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई। साथ ही अर्थदण्ड से दण्डित किया है। इसी प्रकार दूसरे पक्ष के रामचन्द्र व राजाराम को दो-दो वर्ष कारावास और 6-6 हजार अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया गया है।

  • छेड़छाड़ की पीड़ित की पैरवी करने वाले अधिवक्ता पिता-पुत्र ने आरोपितों पर लगाया धमकी देने का आरोप

    छेड़छाड़ की पीड़ित की पैरवी करने वाले अधिवक्ता पिता-पुत्र ने आरोपितों पर लगाया धमकी देने का आरोप

    – वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने केस दर्ज कर कार्रवाई करने के दिए आदेश

    – बेटे की फेसबुक और इंस्टाग्राम आईडी हैक कर आपत्तिजनक पोस्ट डालने का भी लगाया आरोप

    मुरादाबाद। जिले के अधिवक्ता और उसके बेटे ने शनिवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को दिए शिकायती पत्र में आरोप लगाते हुए कहा कि वह छेड़छाड़ के मामले में पीड़ित की ओर से पैरवी कर रहे हैं। मामले के आरोपितों ने उन्हें और उनके बेटे को धमकी दी। इसके अलावा यह भी आरोप लगाया कि उनके बेटे की फेसबुक और इंस्टाग्राम आईडी हैक कर आपत्तिजनक पोस्ट डाली। शिकायत पर एसएसपी ने केस दर्ज कर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।

    शनिवार को एसएसपी को दिए शिकायती पत्र में अधिवक्ता ने बताया कि वह छजलैट थाने में दर्ज छेड़छाड़ के एक मुकदमे में पीड़िता की ओर से पैरवी कर रहे हैं। अधिवक्ता के अनुसार बिजनौर निवासी आरोपी युवक केस वापसी के लिए पीड़िता पर दबाव बना रहा था, लेकिन वह केस एससीएसटी कोर्ट में विचाराधीन है। आरोपित पर पाक्सो एक्ट भी लगा है। अधिवक्ता ने बताया कि उनका बेटा भी उनके साथ वकालत करता है। आरोपितों ने अधिवक्ता और उनके बेटे को केस की पैरवी बंद करने के लिए कहा और मना करने पर धमकी देना शुरु कर दिया। आरोपित ने अधिवक्ता के बेटे की फेसबुक और इंस्टाग्राम ग्राम आईडी हैक कर ली और परिचितों के जरिए दबाव बनाने की कोशिश की। बेटे की फोटो एडिट कर उसे सोशल मीडिया पर भी वायरल कर दिया ताकि परेशान होकर पैरवी बंद कर दें। परेशान होकर पीड़ित अधिवक्ता ने सिविल लाइंस थाना और साइबर सेल में शिकायत की लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। जिसके बाद अधिवक्ता ने शनिवार को एसएसपी से गुहार लगाई। मामले को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी ने सिविल लाइंस एसएचओ को एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।

  • एससी एसटी एक्ट के चार दोषियों को चार-चार वर्ष का कारावास

    एससी एसटी एक्ट के चार दोषियों को चार-चार वर्ष का कारावास

    फिरोजाबाद। न्यायालय ने शनिवार को मारपीट तथा एससी-एसटी के दोषी चार लोगों को चार-चार वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। उन पर अर्थ दंड भी लगाया है। अर्थ दंड न देने पर उन्हें अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

    असफाबाद निवासी अनार सिंह दलित है। वह 25 सितंबर 2004 को हिमायूंपुर बालू मंडी से लालपुर जा रहा था। सैलई के समीप उसे दबंगो ने रोक लिया। दबंगों ने उसके साथ मारपीट की तथा जाति सूचक शब्दों से अपमानित किया।

    अनार सिंह ने थाने में रोहन सिंह पुत्र भवानी शंकर, रामनाथ पुत्र रामकिशन, दीवारी लाल पुत्र ताराचंद तथा जनक सिंह पुत्र रामकिशन के खिलाफ मारपीट तथा एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने विवेचना के बाद चारों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। मुकदमा अपर सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश एससी एसटी एक्ट इफराक अहमद की अदालत में चला।

    अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र सिंह ने बताया कि मुकदमे के दौरान कई गवाहों ने गवाही दी। कई साक्षी न्यायालय के सामने पेश किए गए। गवाहों की गवाही तथा साक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने सभी को दोषी माना। न्यायालय ने उन्हें चार-चार वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। उन पर सात-सात हजार रुपया का अर्थ दंड लगाया है। अर्थ दंड न देने पर उन्हें अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

  • भाजपा ने जारी की 11 उम्मीदवारों की आठवीं सूची, हंस राज हंस को मिला मौका

    भाजपा ने जारी की 11 उम्मीदवारों की आठवीं सूची, हंस राज हंस को मिला मौका

    नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए 11 उम्मीदवारों की आठवीं सूची जारी की। इस सूची में ओडिशा के लिए तीन, पंजाब के लिए छह और पश्चिम बंगाल के लिए दो उम्मीदवार घोषित किए हैं। इस सूची में हंस राज हंस, पूर्व राजनयिक तरणजीत सिंह संधू और भर्तृहरि महताब का नाम शामिल है।

    पंजाब से आम आदमी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए सुशील रिंकू को पंजाब के जालंधर सीट से तथा कांग्रेस का दामन छोड़कर इस पार्टी में शामिल रवनीत सिंह बिट्टू एवं परनीत कौर को क्रमश: लुधियाना और पटियाला सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। इसके साथ उत्तर पश्चिमी दिल्ली के सांसद रहे हंस राज हंस को फरीदकोट से और सनी देओल का टिकट काट कर दिनेश सिंह बब्बू को गुरुदासपुर से उम्मीदवार बनाया गया है।

    बीजू जनता दल (बीजद) छोड़कर भाजपा में शामिल हुए भर्तृहरि महताब को ओडिशा के कटक से टिकट दिया गया है। वह कटक से निवर्तमान सांसद और बीजद के संस्थापक सदस्य हैं। कंधमाल से सुंकात कुमार पाणिग्रही को उम्मीदवार बनाया गया है। जाजपुर से डॉ रविन्द्र नारायण बेहरा को उम्मीदवार बनाया गया है।

    पश्चिम बंगाल की बीरभूम संसदीय सीट से भाजपा ने पूर्व आईपीएस अधिकारी देवाशीष धर को टिकट दिया है। पार्टी ने झाड़ग्राम से प्रणत टुडू को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने अब तक 411 उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं।

  • माफिया मुख्तार की मौत के बाद बलिया जिला जेल की व्यवस्था जांची गई !

    माफिया मुख्तार की मौत के बाद बलिया जिला जेल की व्यवस्था जांची गई !

    – जिला जज, डीएम और एसपी ने जिला कारागार का किया औचक निरीक्षण

    बलिया। बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की कार्डिक अरेस्ट से मौत के बाद यहां जिला जेल की व्यवस्था परखने शुक्रवार को जिला जज अशोक कुमार सप्तम, जिलाधिकारी रवींद्र कुमार और एसपी देवरंजन वर्मा ने संयुक्त रूप से औचक पहुंचे। आलाधिकारियों ने जेलर को निर्देश दिया कि जेल मैनुअल के हिसाब से ही यहां की पूरी व्यवस्था संचालित होनी चाहिए।

    निरीक्षण के दौरान जिला जज और जिलाधिकारी ने कारागार के बैरक में रहने वाले कैदियों से उनकी समस्याओं के बारे में पूछताछ की। कुछ कैदियों ने अपनी समस्या भी सुनाई, जिसका तत्काल समाधान करने के निर्देश कारागार अधीक्षक को दिए गए। इसके बाद अधिकारी जेल अस्पताल में पहुंचे और वहां उपलब्ध दवा आदि के बारे में विस्तृत जानकारी ली। किचन में जाकर कैदियों को मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता को परखा कि जेल में कैदियों को सही भोजन व नास्ता मिल रहा है की नहीं। हवालात कार्यालय में जाकर अभिलेखों की जांच की। महिला और अल्पवयस्क बैरक में जाकर उनसे बातचीत कर आश्वस्त हुए कि उनकी कोई समस्या तो नहीं है।

    जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने कारागार अधीक्षक को निर्देश दिया कि यहां की व्यवस्था का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराएं। किसी भी स्तर पर लापरवाही संज्ञान में आने पर संबंधित अधिकारी व कर्मचारी पर ठोस कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। जिला जज ने कारागार अधीक्षक को निर्देशित किया कि बंदियों से संपर्क स्थापित करते हुए उनकी समस्याओं को सुने और विधिक सहायता द्वारा उनका निराकरण सुनिश्चित करवाएं। निरीक्षण के दौरान अपर जिला न्यायाधीश सुरेंद्र प्रसाद, सीजेएम शांभवी यादव व जेलर राजेन्द्र सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

  • तीन जिलों में 3070 वर्ग किमी. तक फैली हैं अमेठी लोकसभा की जड़ें

    तीन जिलों में 3070 वर्ग किमी. तक फैली हैं अमेठी लोकसभा की जड़ें

    अमेठी। उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट एक ऐसी सीट है जिसकी जड़ें आसपास के तीन जिलों तक फैली हुई हैं। अमेठी, रायबरेली और सुलतानपुर, इन्हीं तीन जिलों से मिलकर अमेठी लोकसभा सीट बनी है। जिसमें अमेठी जिले की गौरीगंज, जगदीशपुर, अमेठी और तिलोई कुल चार विधानसभा और रायबरेली जिले की सलोन विधानसभा भी अमेठी लोकसभा क्षेत्र का ही हिस्सा है। इस प्रकार कुल पांच विधानसभाएं अमेठी लोकसभा क्षेत्र में आती हैं। हाई प्रोफाइल अमेठी संसदीय क्षेत्र का दायरा 3070 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। जिसके लिए चुनाव में पुलिस प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है।

    देश में उत्तर प्रदेश की सबसे हॉट सीट कही जाने वाली लोकसभा क्षेत्र अमेठी की भौगोलिक स्थिति इस प्रकार है। जिसमें संपूर्ण अमेठी जनपद के साथ-साथ पड़ोसी जनपद रायबरेली की सलोन विधानसभा भी अमेठी लोकसभा का हिस्सा है। यही नहीं पड़ोसी जनपद सुलतानपुर की बल्दीराय तहसील के 29 राजस्व गांव जगदीशपुर विधानसभा क्षेत्र में आते हैं। जिसके कारण बूथों की संख्या के साथ ही साथ मतदाताओं की वास्तविक स्थिति आसानी से स्पष्ट नहीं हो पाती है।

    तीनों जिलों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार अमेठी लोकसभा क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या 1786115 है। यही नहीं चुनाव के समय मतदान से लेकर मतगणना तक तीनों जनपदों से डाटा कलेक्शन करना पड़ता है। क्योंकि रायबरेली जिले की सलोन विधानसभा में कुल 357799 और सुल्तानपुर जनपद के हलियापुर क्षेत्र के 56000 मतदाता अमेठी लोकसभा में ही शामिल हैं। मतदान के लिए 1492 बूथ अमेठी जिले में, 62 बूथ सुलतानपुर और 369 बूथ रायबरेली जनपद में बनेंगे। रायबरेली और अमेठी जिले से रवाना हुई पोलिंग पार्टियां वापस अपने जिलों में जाएगी। वहीं पर सुलतानपुर जनपद से अमेठी लोकसभा क्षेत्र में मतदान कराने आई 62 पोलिंग पार्टियों को अपनी वोटिंग मशीन जमा करने के लिए अमेठी जनपद मुख्यालय गौरीगंज पहुंचना होगा। ऐसे में यदि हम मतगणना की बात करते हैं तो अमेठी लोकसभा सीट के मतों की गिनती भी अमेठी और रायबरेली दोनों जनपदों में होगी।

  • मुख्तार अंसारी की मौत मामले की न्यायिक जांच के आदेश

    मुख्तार अंसारी की मौत मामले की न्यायिक जांच के आदेश

    बांदा। माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के बांदा जेल में रहते हुए जेल प्रशासन और शासन पर तरह-तरह के आरोप लगते रहे हैं। अब जब मुख्तार अंसारी की मौत हो गई तो इस मामले में रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज भी सवालों के घेरे में आ गया है। इलाज के लिए भर्ती कराए गए मुख्तार अंसारी को 14 घंटे बाद स्वस्वस्थ बताकर मेडिकल कॉलेज से हटाकर जेल में शिफ्ट करना और इसके एक दिन बाद हार्ट अटैक से मौत होना, मामले को संदेहास्पद बना रहा है। हालांकि इस मामले में सीजेएम ने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं।

    मुख्तार अंसारी के वकील ने 19 मार्च को बाराबंकी कोर्ट में मुख्तार को खाने में जहर दिए जाने का आरोप लगाया था। इसके बाद 25 मार्च को रात में अचानक मुख्तार अंसारी की जेल में तबीयत बिगड़ी। इसे 26 मार्च को तड़के चार बजे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। मेडिकल कॉलेज द्वारा जारी की गई बुलेटिन में उसे साधारण कब्ज की बीमारी से पीड़ित बताया गया। 14 घंटे बाद उसे स्वस्थ बताते हुए पुनः शाम को लगभग 6.15 बजे मेडिकल कॉलेज से डिस्चार्ज कर दिया गया।

    मेडिकल कॉलेज से मुख्तार को लाकर उसे जेल के अस्पताल में रखने के बजाय तन्हाई वाले बैरक में शिफ्ट किया गया। 27 मार्च को डॉक्टरों की टीम ने जेल में पहुंचकर मुख्तार की जांच की और उसकी हालत में सुधार बताया। इसके बाद 28 मार्च को अचानक मुख्तार अंसारी की तबीयत फिर बिगड़ गयी। बीमारी की जानकारी मिलने पर प्रशासनिक अधिकारी जेल पहुंचे। करीब 40 मिनट तक जेल में प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी रही। इसके बाद एंबुलेंस से उसे मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां देर रात हार्ट अटैक से मुख्तार की मौत हो गई।

    अब सवाल उठता है कि जब 26 मार्च को सवेरे मुख्तार अंसारी को गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज लाया गया था। तब केवल 14 घंटे में कैसे इतना स्वस्थ हो गया कि उसे फिर से जेल में शिफ्ट करना उचित समझा गया। स्वास्थ्य विभाग के कुछ विशेषज्ञ बताते हैं कि अगर बीमारी गंभीर थी तो उसे इलाज के लिए एक-दो दिन मेडिकल कॉलेज में ही भर्ती करके इलाज करना चाहिए था। लेकिन इसमें लापरवाही बरती गई। जिससे जेल में पहुंचकर मुख्तार अंसारी की हालत बिगड़ी और फिर उसकी मौत हो गई।

    इतना ही नहीं, मुख्तार अंसारी के भाई सांसद अफजाल अंसारी जब 26 मार्च को उन्हें देखने मेडिकल कॉलेज आए थे तो उन्होंने मांग की थी कि अगर मुख्तार का समुचित इलाज यहां नहीं हो पा रहा तो उन्हें रेफर कर दिया जाए। हम अपने खर्च पर उनका इलाज करायेंगे। इस पर ध्यान नहीं दिया गया। इस तरह देखा जाए तो इसमें मेडिकल कॉलेज की लापरवाही साफ नजर आती है।

    वहीं, इस मामले में एमपीएमएलए कोर्ट ने जेल अधीक्षक से मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ने की रिपोर्ट 27 मार्च को मांगी थी, जिसमें 29 मार्च तक रिपोर्ट देने की बात कही गई थी। अब सीजेएम ने मुख्तार की मौत की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। इसके लिए एमपी एमएलए कोर्ट की मजिस्ट्रेट गरिमा की अध्यक्षता में चार सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। इस टीम को एक माह के अंदर जांच रिपोर्ट देने को कहा गया है।

  • मुख्तार के अंतिम संस्कार में पत्नी अफसा बेगम और पुत्र अब्बास की उपस्थिति पर संशय बरकरार

    मुख्तार के अंतिम संस्कार में पत्नी अफसा बेगम और पुत्र अब्बास की उपस्थिति पर संशय बरकरार

    गाजीपुर,। मऊ सदर विधानसभा क्षेत्र से पांच बार के विधायक रहे पूर्व विधायक व माफिया मुख्तार अंसारी का शव बांदा से उनके पैतृक गांव गाजीपुर जनपद के यूसूफपुर मोहम्मदाबाद लाया जा रहा है। यहां पर उनके पुस्तैनी कब्रिस्तान काली बाग में उनको दफनाया जायेगा। दुनिया को मुट्ठी में कैद करने की ख्वाहिश रखने वाले डॉन मुख्तार अंसारी को अंत में काली बाग के कब्रिस्तान में सात गुणे तीन फीट की जमीन मिली है। उनको सुपुर्दे खाक किए जाने के समय उनकी पत्नी अफसा बेगम और पुत्र अब्बास अंसारी मौजूद रहेंगे या नहीं इस पर अभी तक संशय बरकरार है।

    मुख्तार अंसारी की पत्नी अफसा बेगम काफी लंबे अरसे से फरार चल रही है। प्रशासन ने उस पर पचास हजार रुपये का इनाम रखा है। ऐसे में अब यह कयास लगाया जाने लगा है कि मिट्टी देने के लिए मुख्तार की पत्नी कब्रिस्तान आएगी या नहीं। वहीं, मुख्तार अंसारी के बड़े पुत्र मऊ सदर से विधायक अब्बास अंसारी फिलहाल जेल में बंद है। उनकी हाई कोर्ट में पैरोल की सुनवाई नहीं हो पाई है। फिलहाल उनके तरफ से सुप्रीम कोर्ट में भी अर्जी लगाई जाने की बात आ रही है। अब ऐसे में विधायक की पत्नी और बड़े पुत्र उनके अंत्येष्टि में शामिल होते हैं या नहीं यह संशय अभी भी बरकरार है।

    पारिवारिक सूत्रों के अनुसार मुख्तार अंसारी के शव को दफनाने के लिए उनके पिता सुभानुल्लाह अंसारी के कब्र के पीछे कब्र खोदी गई है। मुख्तार के निधन की सूचना के बाद से ही उनके आवास और कब्रिस्तान में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

  • 11 दिनों तक झांसी जिला कारागार में भी रहा था माफिया मुख्तार

    11 दिनों तक झांसी जिला कारागार में भी रहा था माफिया मुख्तार

    जिला कारागार में उसने पूरे समय एकांत में गुजारा था

    झांसी,। कुख्यात अपराधी माफिया मुख्तार अंसारी का बीती रात हृदयाघात के चलते निधन हो गया है। आधिकारिक सूचना के मुताबिक बांदा जेल में दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हुई। मुख्तार अंसारी का लंबा आपराधिक इतिहास रहा है। पिछले 18 साल से वह लगातार जेल में बंद था। इस दौरान मुख्तार अंसारी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग कारागार में बंद रहा। पंजाब की जेल में भी उसका लंबा समय बीता। झांसी भी उससे अछूता नहीं रहा। 18 साल तक जेल में बंद रहने के दौरान मुख्तार अंसारी का 11 दिनों का छोटा सा समय झांसी के जिला कारागार में भी निकला है।

    झांसी जिला कारागार के आंकड़ों के अनुसार साल 2007 में 29 अप्रैल से लेकर 9 मई तक मुख्तार अंसारी बंद रहा था। कुल 11 दिन का समय मुख्तार अंसारी ने यहां बिताया था। इन 11 दिनों में वह पूरी तरह एकांत में रहा था। जेल रिकॉर्ड में मुख्तार अंसारी का नाम दर्ज है। झांसी जिला जेल से मुख्तार अंसारी को गाजीपुर के कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया गया था। इसके बाद वह लौट कर झांसी नहीं आया।

    इनका है कहना

    झांसी जिला जेल के अधीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि मुख्तार अंसारी 29 अप्रैल 2007 से लेकर 9 मई 2007 तक झांसी जेल में बंद रहा था। यहां से उसे गाजीपुर ले जाया गया था। गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी कई अलग-अलग मामलों में आरोपी था। कुछ मामलों में सजा हो चुकी थी और कुछ मामले कोर्ट में चल रहे थे। इसी दौरान बीते रोज 28 मार्च 2024 को रात करीब 8.25 बजे दिल का दौरा पड़ने से मुख्तार अंसारी की मौत हो गई थी।

  • अवैध शस्त्र बनाने की फैक्टरी का भंडाफोड़, व्यक्ति गिरफ्तार

    अवैध शस्त्र बनाने की फैक्टरी का भंडाफोड़, व्यक्ति गिरफ्तार

    बाराबंकी,। देवा पुलिस ने अवैध शस्त्र फैक्टरी का भंडाफोड़ करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। वह असलहा बनाकर ढाई से तीन हजार रुपये में बेचता था।

    पुलिस अधीक्षक दिनेश सिंह ने शुक्रवार को बताया कि गुरुवार की आधी रात को थाना देवा पुलिस टीम ने जनपद लखीमपुर खीरी के ग्राम कोहना निवासी कालिका प्रसाद को टीपहार के जंगल से गिरफ्तार किया। उसके कब्जे से दस अदद बारह बोर तमंचा, छह अदद 315 बोर तमंचा, पांच अदद अर्द्धनिर्मित, तीन अदद जिन्दा व तीन अदद खोखा कारतूस, शस्त्र बनाने के उपकरण, एक साइकिल व अन्य चीजें बरामद हुई है।

    कालिका अपने साथी जय सिंह के साथ मिलकर काफी दिनों से अवैध असलहा बनाकर उसे बेचने का काम करता है। जनपद खीरी, सीतापुर, बाराबंकी समेत अन्य जनपदों में अगर कोई असलहा बनाने के लिए बुलाता है तो ये लोग किसी सूनसान जगह पर जाकर रात्रि में असलहा बनाने का कार्य करते थे। नया असलहा बनाने का ढाई से तीन हजार रुपये लेते हैं। गिरफ्तार अभियुक्त कालिका प्रसाद यहां पर अपने साथी जयसिंह के कहने पर असलहा बनाने के लिए आया था, तभी उसे धर दबोचा। पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर फरार उसके साथी जयसिंह की गिरफ्तारी के लिए प्रयास किया जा रहा है।