Category: राजस्थान

  • पत्नी की हत्या के आरोपित की जमानत हाईकोर्ट ने की खारिज

    पत्नी की हत्या के आरोपित की जमानत हाईकोर्ट ने की खारिज

    जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने पत्नी को जहर देकर मारने के आरोपित पीपाड़ शहर निवासी हरीश कुमार जाजड़ा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।

    परिवादी हरीश चंद्र सांखी ने 23 नवम्बर 2023 को एक रिपोर्ट पुलिस थाना महिला ( ग्रामीण) में इस आशय की दर्ज करवाई कि उसकी पुत्री मीनाक्षी की शादी सन 2009 में आरोपित हरीश कुमार के साथ की थी, उसके एक पुत्री झलक एवं पुत्र जागृत पैदा हुए, जो क्रमश: 12 वर्ष व 10 वर्ष के हैं। शादी के बाद से ही मीनाक्षी के पति, सास एवं ससुर ने दहेज की मांग को लेकर उसे शारीरिक व मानसिक रूप से परेशान करना शुरू कर दिया। 19 व 20 नवम्बर 2023 की रात्रि में उसके सुसराल वालों ने उसे जान से मारने के लिए जहर दे दिया। इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। पुलिस ने पति व सास संतोष को गिरफ्तार कर जेल भिजवाया।

    आरोपित के अधिवक्ता ने जमानत याचिका पर बहस करते हुए तर्क दिया कि घटना के तीन दिन बाद रिपोर्ट दर्ज करवाई गई हैं। मीनाक्षी ने शादी के 14 वर्ष पश्चात सुसाइड नोट लिखकर स्वेच्छा से आत्महत्या की थी, सुसाइड नोट में आत्महत्या के लिए किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराया गया हैं, उन्होंने कहा कि मीनाक्षी के पुत्र व पुत्री के पुलिस एवं कोर्ट में हुए बयानों से स्पष्ट हैं कि आरोपित अथवा अन्य किसी ससुराल वालों द्वारा मीनाक्षी को कभी भी तंग-परेशान नहीं किया गया था, उन्होंने कहा कि आरोपित आठ दिसम्बर 2022 से अभिरक्षा में हैं इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाए। जबकि मीनाक्षी के पिता के अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत ने तर्क दिया कि सुसाइड नोट के अवलोकन से साफ जाहिर होता हैं कि मीनाक्षी के साथ मारपीट करके जबरदस्ती सुसाइड नोट लिखवाया गया हैं, उन्होंने यह भी तर्क दिया कि दोनों बच्चे आरोपित पक्ष की अभिरक्षा में हैं इसलिए बच्चों ने आरोपित पक्ष के दबाव में आकर बयान दिए हैं, जिन पर कतई विश्वास नहीं किया जा सकता हैं इसलिए आरोपित की जमानत खारिज की जावें। दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात न्यायाधीश कुलदीप माथुर ने आरोपित के जमानत प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया।

  • खत्म हुआ बरसों का इंतजार, जयपुर में छह पाकिस्तानियों को मिली भारतीय नागरिकता

    खत्म हुआ बरसों का इंतजार, जयपुर में छह पाकिस्तानियों को मिली भारतीय नागरिकता

    – अतिरिक्त जिला कलक्टर ने 6 पाकिस्तान विस्थापितों को सौंपे नागरिकता प्रमाण पत्र

    जयपुर। बरसों से भारत की नागरिकता प्राप्त करने का प्रयास कर रहे पाकिस्तानी विस्थापितों के लिए शुक्रवार का दिन खुशियां लेकर आया। अतिरिक्त जिला कलक्टर (दक्षिण) शेफाली कुशवाहा ने शुक्रवार को छह पाक विस्थापितों प्रेमलता, संजय राम, बेझल, जजराज, केकू माई, गोमंद राम को भारतीय नागरिकता प्रमाण पत्र सौंपे।

    पाकिस्तान के कराची से वर्ष 2010 में विस्थापित होकर भारत आई 41 वर्षीय प्रेमलता ने नागरिकता प्रमाण-पत्र मिलने के बाद जिला प्रशासन का आभार जताते हुए कहा कि भारत आकर हमें आजादी के असल अहसास हुआ है। संजय राम ने कहा कि मैं 10 साल से भारतीय नागरिकता हासिल करने के लिए प्रयास कर रहा था लेकिन आज कई सालों का लंबा इंतजार खत्म हुआ है। अब हम फक्र के साथ कह सकते हैं कि हम भारतीय हैं।

    इस मौके पर अतिरिक्त जिला कलक्टर शेफाली कुशवाहा ने भारतीय नागरिकता हासिल करने वाले सभी पाक विस्थापितों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन नागरिकता के आवेदनों पर प्राथमिकता से नियमानुसार कार्रवाई कर प्रमाण-पत्र जारी करता है, ताकि आवेदक को किसी भी परेशानी का सामना ना करना पड़े। उन्होंने बताया कि अब तक कुल 319 पात्र आवेदकों को भारतीय नागरिकता प्रमाण पत्र जारी किया जा चुका है।

  • जोधपुर की आबादी क्षेत्र में घुसा लेपर्ड, लोगों में छाया कौतुहल के साथ डर

    जोधपुर की आबादी क्षेत्र में घुसा लेपर्ड, लोगों में छाया कौतुहल के साथ डर

    जोधपुर,। शहर के आबादी क्षेत्र सूरसागर की कालूराम की बावड़ी क्षेत्र में शुक्रवार तडक़े लेपर्ड देखा गया। लोगों में एक तरफ उसको लेकर उत्सुकता हो गई तो कई दहशत में भी आ गए। हालांकि कहीं से कोई जानमाल के नुकसान की जानकारी नहीं मिली है। लेपर्ड की जानकारी मिलने के साथ ही वन विभाग टीम हरकत में आई और तलाशी अभियान चलाया। मगर दोपहर तक उसका कहीं पता नहीं लग पाया। उसके पहाड़ी एरिया में चले जाने की भी संभावना बनी है। लेपर्ड के आबादी क्षेत्र में आने पर उसका सीसीटीवी फुटेज भी तेजी से वायरल हुआ। जिससे लोगों में कौतुहल बन गया।

    जानकारी के अनुसार शुक्रवार तडक़े सूरसागर इलाके के कालूराम की बावड़ी क्षेत्र में कुछ लोगों ने लेपर्ड अथवा चीता जैसा जानवर देखा। कुछ लोगों ने अपने सीसीटीवी कैमरों को ऑन रखा हुआ था। जिसका वीडियो सामने आ गया। सोशल मीडिया पर लेपर्ड का वीडियो सार्वजनिक होने के साथ ही इसको लेकर लोगों में उत्सुकता बढ़ गई और एक डर का माहौल भी बना रहा।

    सुबह फिर वन विभाग की टीम और सूरसागर पुलिस भी हरकत में आई। दोपहर तक लेपर्ड को लेकर सर्च चलता रहा मगर उसका पता नहीं चला। वन विभाग की टीम आसपास की पहाडिय़ों मेंं उसका सर्च करती देखी गई। दूरबीन से लेपर्ड की हलचल पता लगाने का प्रयास चलता रहा, मगर पता नहीं चल पाया। यह भी संभावना जताई जाती है लेपर्ड पहाड़ी इलाके में चला गया होगा साथ ही वह माचिया पार्क से निकल कर आबादी क्षेत्र में आ गया। उसकी हलचल से प्रतीत हुआ कि वह खाने की तलाश में आया होगा।

  • राहुल गांधी के खिलाफ परिवाद में कोर्ट ने 30 तक परिवादी को साक्ष्य पेश करने के दिया आदेश

    राहुल गांधी के खिलाफ परिवाद में कोर्ट ने 30 तक परिवादी को साक्ष्य पेश करने के दिया आदेश

    जयपुर,। स्थानीय कोर्ट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर जातिगत टिप्पणी करने को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ पेश परिवाद में परिवादी को 30 मार्च को अपने साक्ष्य पेश करने को कहा है। कोर्ट ने गुरुवार को यह आदेश अधिवक्ता विजय कलंदर के परिवाद में दिए हैं।

    महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-11, महानगर द्वितीय ने परिवाद में कहा गया कि उसने गत नौ फरवरी को अखबार में पढ़ा कि राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान कहा कि मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी जन्म से ओबीसी वर्ग के नहीं है, बल्कि गुजरात की भाजपा सरकार ने मोदी को ओबीसी बनाया है। वे पिछड़ों के हक और हिस्सेदारी के साथ न्याय नहीं कर सकते। परिवाद में कहा गया कि भाजपा ने जब राहुल गांधी के इस बयान को झूठा बताया तो उन्होंने कहा कि मेरे सच पर मुहर लगाने के लिए धन्यवाद। राहुल गांधी का सार्वजनिक तौर पर दिया गया ऐसा बयान भारतीय नागरिकों के विभिन्न वर्गों और समुदाय के प्रति अपराध करने के लिए उकसाने के लिए दिया गया है। यह बयान देश में अशांति पैदा करने वाला व देश की सुरक्षा को खतरे में डालने के साथ ही देश की अखंडता के खिलाफ भी है।

    परिवाद में यह भी कहा गया कि सार्वजनिक तौर पर राहुल गांधी खुद को कश्मीरी कौल पंडित बताते हैं, जबकि उनके दादाजी फिरोज गांधी गैर हिन्दू परिवार के थे। कोर्ट पूर्व में कई फैसलों में कह चुकी है कि पिता की जाति ही उसे बच्चे की जाति होगी। जाति जन्म से होती है और उसे बदला नहीं जा सकता। ऐसे में उन्होंने खुद की जाति छिपाकर बयान दिया है, जिससे परिवादी की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। परिवादी ने मामले में शास्त्री नगर थाना पुलिस को शिकायत दी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसलिए मामले में कानून कार्यवाही की जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने परिवादी को अपनी साक्ष्य पेश करने को कहा है।

  • लोकसभा चुनाव के लिए कई सीटों पर फंसा पेंच, भाजपा-कांग्रेस कर रही जिताऊ उम्मीदवार के चयन की मशक्कत

    लोकसभा चुनाव के लिए कई सीटों पर फंसा पेंच, भाजपा-कांग्रेस कर रही जिताऊ उम्मीदवार के चयन की मशक्कत

    जयपुर, । राजस्थान की कुल 25 सीटों में से अब तक भाजपा 15 और कांग्रेस 10 लोकसभा सीट पर उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। दोनों ही दलों की बाकी सीटों पर प्रत्याशी चयन को लेकर अभी मशक्कत चल रही है। कांग्रेस जहां कुछ सीट पर गठबंधन को लेकर होमवर्क कर रही है, वहीं भाजपा भी कुछ सीटों पर वर्ग और जन भागीदारी का फेक्टर देख रही है।

    भाजपा ने राजस्थान में 25 लोकसभा सीट में से पन्द्रह पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। बाकी 10 सीटों पर कभी भी प्रत्याशी घोषित हो सकते हैं। बताया जा रहा है कि पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक अगले तीन से चार दिन में होगी। इसमें राजस्थान की बाकी सीटों पर भी मुहर लग सकती है। इनमें अजमेर, भीलवाड़ा, दौसा, श्रीगंगानगर, जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, झुंझुनूं, करौली-धौलपुर, टोंक-सवाईमाधोपुर सीट शामिल हैं। कांग्रेस की पहली सूची के बाद प्रदेश में आठ सीटों पर आमने-सामने के मुकाबले की तस्वीर साफ हो गई है। इन आठ सीट पर भाजपा ने प्रत्याशियों को सक्रिय होने के लिए कहा है। विशेष रूप से चूरू और अलवर सीट को लेकर पार्टी का ज्यादा फोकस है। अजमेर और झुंझुनूं सीट से मौजूदा सांसदों को विधानसभा चुनाव लड़वाया गया था, लेकिन वे हार गए थे। दोनों सीट पर नए प्रत्याशी उतारने की चर्चा है। जबकि, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के प्रदेश सरकार में मंत्री बनने के बाद जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट खाली है। वहीं, टोंक-सवाईमाधोपुर और और करौली-धौलपुर सीट को लेकर भी पार्टी फूंक-फूंक कर कदम बढ़ा रही है। कांग्रेस से हाल ही भाजपा में शामिल हुए नेताओं के नामों पर भी मंथन चल रहा है।

    लोकसभा की 10 सीटों पर प्रत्याशी घोषित होने के बाद शेष बची 15 सीटों पर कांग्रेस में प्रत्याशी चयन को लेकर मशक्कत तेज है। पार्टी में शीर्ष स्तर पर प्रत्याशी चयन को लेकर मंथन चल रहा है। माना जा रहा है कि अब होली के आसपास केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक होगी, जिसमें प्रत्याशियों के नामों पर मुहर लगेगी। जिन सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा होना बाकी है, उनमें श्रीगंगानगर, सीकर, जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, दौसा, अजमेर, नागौर, पाली, जैसलमेर-बाड़मेर, डूंगरपुर-बांसवाड़ा, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा-बूंदी और बारां-झालावाड़ सीट शामिल हैं। क्षेत्रीय दलों से गठबंधन को लेकर भी पार्टी ने कुछ लोकसभा सीटों को होल्ड पर रखा हुआ है। इन सीटों को लेकर प्रदेश व केन्द्रीय नेता दूसरे दलों के संपर्क में जुटे हैं। प्रदेश लीडरशिप जहां क्षेत्रीय दलों को एक सीट से ज्यादा देने के मूड में नहीं है, वहीं क्षेत्रीय दल दो-दो सीटों की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस ने गठबंधन के लिए नागौर, सीकर, श्रीगंगानगर और डूंगरपुर-बांसवाड़ा सीट को होल्ड पर छोड़ रखा है। कांग्रेस प्रदेश में सीपीआई (एम), रालोपा और भारतीय आदिवासी पार्टी (बीएपी) से गठबंधन की इच्छुक है। लेकिन इन दलों ने ज्यादा सीटों की डिमांड कर कांग्रेस के थिंक टैंक की परेशानी बढ़ा दी है। वहीं कांग्रेस का भी एक धड़ा क्षेत्रीय दलों से गठबंधन के पक्ष में नहीं है और अंदरखाने भी इसे लेकर विरोध हो रहा है। ऐसे में गठबंधन को लेकर कांग्रेस में अभी भी पेंच फंसा हुआ है।

  • ईओ भर्ती मामले में आरपीएससी पहुंच कुमार विश्वास की पत्नी से एसीबी ने की पूछताछ

    ईओ भर्ती मामले में आरपीएससी पहुंच कुमार विश्वास की पत्नी से एसीबी ने की पूछताछ

    अजमेर, । राजस्थान लोक सेवा आयोग में बुधवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जयपुर की टीम ने कवि कुमार विश्वास की पत्नी और आरपीएससी सदस्य मंजू शर्मा से करीब दो घंटे तक पूछताछ की।

    इससे पहले मंगलवार को पूर्व सीएस की पत्नी डॉ. संगीता आर्य से भी पूछताछ की गई थी। एसीबी टीम ने मेंबर डॉ. संगीता आर्य के घर पर पहुंचकर एग्जीक्यूटिव ऑफिसर भर्ती और कांग्रेस नेता गोपाल केसावत के बारे में पूछताछ की थी। पूछताछ के दौरान आरपीएससी सदस्य संगीता आर्य के पति रिटायर्ड आईएएस और मुख्य सचिव रहे निरंजन आर्य भी मौजूद थे। जयपुर एसीबी की टीम एडिशनल एसपी सुरेंद्र सिंह राठौड़ के निर्देशन में अजमेर पहुंची थी।

    आरपीएससी में कनिष्ठ विधि अधिकारी प्रतियोगी परीक्षा 2023 एवं पशु चिकित्सा अधिकारी भर्ती परीक्षा 2019 के इंटरव्यू चल रहे हैं। आयोग में वर्तमान में सात सदस्य हैं। सभी सदस्य इंटरव्यू बोर्ड में शामिल हैं। आयोग सदस्य मंजू शर्मा से एसीबी की टीम गोपाल केसावत प्रकरण में पूछताछ करने पहुंची। लंच से पूर्व डॉक्टर मंजू शर्मा को इंटरव्यू बोर्ड में शामिल नहीं किया गया। लंच के बाद वह इंटरव्यू बोर्ड में शामिल हुई। एसीबी टीम दो घंटे पूछताछ के बाद रवाना हुई।

    बाहर आने के बाद एडिशनल एसपी सुरेंद्र राठौड़ ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जयपुर एसीबी में शिकायतकर्ता विकास ने ईओ भर्ती में आयोग सदस्य मंजू शर्मा और संगीता आर्य के नाम से रिश्वत मांगने की शिकायत दी थी। मामले में पहले चार आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस भर्ती को लेकर आरपीएससी मेंबर मंजू शर्मा से भी पूछताछ की गई है। मामले में हर बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए जांच जारी है। इस मामले में अन्य लोगों से भी पूछताछ की जाएगी।

    उन्होंने बताया कि सीकर एसीबी को दो परिवादियों से सात जुलाई 2023 को शिकायत दी थी। शिकायत में बताया था कि दो अभ्यर्थियों को ईओ भर्ती मेरिट में लाने के लिए आरोपित अनिल कुमार ने 40-40 लाख रुपये मांगे। इसमें 25 लाख रुपये पहले और बचे 15 लाख रुपये काम होने के बाद देने की बात कही गई। दलालों और पीड़ितों के बीच 25 लाख रुपय में बात बनी। शिकायत सही पाए जाने के बाद बाद सीकर टीम के साथ जयपुर की टीम भी सक्रिय हो गई। एसीबी ने 18.50 लाख रुपए रिश्वत लेते सीकर में दलाल अनिल कुमार और ब्रह्मप्रकाश को रंगे हाथों पकड़ा था। गोपाल केसावत को भी पैसे पहुंचने थे। पीड़ित ने अन्य दलाल रविन्द्र शर्मा को 7.50 लाख रुपये दिए। वह 15 जुलाई को जयपुर के प्रताप नगर स्थित केसावत के घर ये रुपये देने पहुंचा था। ऐसे दोनों को एसीबी ने पकड़ लिया।

    एडिशनल एसपी सुरेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि विकास कुमार ने मुकदमा दर्ज करवाया था। शिकायतकर्ता की ओर से ईओ एग्जाम दिया गया था। इसी मामले में दोनों आरपीएससी मेंबर से पूछताछ की जा रही है।

  • विवाहिता से दुष्कर्म व हत्या के अभियुक्त ममेरे भाई को जिंदा रहने तक कैद की सजा

    विवाहिता से दुष्कर्म व हत्या के अभियुक्त ममेरे भाई को जिंदा रहने तक कैद की सजा

    जयपुर। जयपुर मेट्रो-प्रथम की महिला उत्पीड़न मामलों की विशेष कोर्ट ने रिश्ते में लगने वाली विवाहित बहन के साथ दुष्कर्म व हत्या कर उसकी लाश खेत में छिपाने के अभियुक्त ममेरे भाई को जिंदा रहने तक कैद और 90 हजार रुपय जुर्माने की सजा सुनाई है।

    मामले के अनुसार, मृतका के पिता ने 20 दिसंबर 2021 को लवाण थाना, दौसा में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनकी विवाहित बेटी सोने व चांदी के जेवर और कपड़े लेकर मध्य रात्रि को किसी अनजान व्यक्ति के साथ चली गई है। पुलिस ने रिपोर्ट पर कार्रवाई शुरू की। इस दौरान बस्सी के सियाराम गांव के एक खेत में किसी महिला की लाश दबी होने की सूचना मिली। पुलिस ने मौके पर जाकर मृतका की लाश बरामद कर उसकी शिनाख्त कर उसकी पहचान की। पुलिस ने केस की कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए पाया कि जिस खेत से मृतका का शव बरामद हुआ वह अभियुक्त के पिता का था। पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की। पूछताछ में अभियुक्त ने माना कि मृतका उसके बुआ की लड़की थी और उसके साथ पिछले दो साल से अवैध संबंध थे। मृतका उसके साथ शादी का दवाब डाल रही थी। इससे परेशान होकर उसने घटना वाली रात को मृतका को उसके साथ ले जाने के लिए बुलाया। बाद में उसने दुपट्टे से उसका गला दबाकर हत्या कर दी और लाश को खेत में ही दबा दिया। कोर्ट ने सबूतों व गवाहों के बयानों पर अभियुक्त को जिंदा रहने तक कैद व जुर्माने की सजा सुनाई।

  • बसपा ने राजस्थान की दो सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा

    बसपा ने राजस्थान की दो सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा

    जयपुर। लोकसभा चुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी ने बुधवार को राजस्थान की दो सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की है। इनमें अलवर लोकसभा सीट से चौधरी फजल हुसैन और श्रीगंगानगर लोकसभा सीट से देवकरण नायक को उम्मीदवार बनाया है।

    बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी के राज से जनता परेशान हो चुकी है। दोनों ही पार्टियों के नेता जनता से सिर्फ झूठे वादे करते हैं। पिछली दो बार से 25 की 25 सीटें बीजेपी जीत रही है। बावजूद इसके आम जनता को मूलभूत सुविधाओं के लिए परेशान होना पड़ रहा है।

    इसके साथ ही गरीब दलित और वंचितों के साथ लगातार अन्याय हो रहा है। इसके खिलाफ बसपा ना सिर्फ राजस्थान की दो लोकसभा सीट बल्कि, दूसरी सीटों पर भी चुनाव लड़ कांग्रेस और बीजेपी को सीधी टक्कर देगी।

  • कुमार विश्वास की पत्नी और आरपीएससी सदस्य मंजू शर्मा से पूछताछ के लिए पहुंची एसीबी

    कुमार विश्वास की पत्नी और आरपीएससी सदस्य मंजू शर्मा से पूछताछ के लिए पहुंची एसीबी

    अजमेर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के जयपुर शाखा के अधिकारियों ने बुधवार को फिर से आयोग भवन में धमक कर आयोग सदस्य मंजू शर्मा से पूछताछ शुरू की है। एसीबी के अधिकारी एक दिन पहले सदस्य संगीता आर्य के निवास पर सर्च कर लौटी थी।

    दरअसल, वर्ष 2020 में तत्कालीन मुख्य मंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) में एक साथ चार सदस्यों की नियुक्ति की थी। इनमें आयोग की दो सदस्यों संगीता आर्य और मंजू शर्मा पर स्थानीय निकाय के ईओ पद की भर्ती के मामले में गंभीर आरोप हैं। दोनों सदस्यों ने ही आरएएस और एसआई 2021 भर्ती परीक्षा के इंटरव्यू भी लिए थे। यह परीक्षा भी जांच के दायरे में है। मंजू शर्मा जाने-माने कवि कुमार विश्वास की पत्नी और संगीता आर्य राजस्थान के मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री के सलाहकार रहे निरंजन आर्य की पत्नी हैं।

    एसीबी की टीम आज सुबह राजस्थान लोक सेवा आयोग कार्यालय के बाहर पहुंची और अपने वाहन बाहर खड़ा करके अधिकारी पैदल ही किसी विजिटर की तरह आरपीएससी के मुख्य दरवाजे से भीतर प्रवेश कर गए। यहां विजिटर बुक में अधिकारियों ने एंट्री भी की। एसीबी की टीम के आयोग कार्यालय में पहुंचते ही वहां कर्मचारियों और अधिकारियों में खलबली मच गई।

    इससे पहले 12 मार्च को जब एसीबी ने संगीता आर्य से सिविल लाइन स्थित सरकारी आवास पर पूछताछ की थी तो निरंजन आर्य भी मौजूद थे। यानी आयोग के काम काज में निरंजन आर्य का भी दखल है। आयोग के दो अन्य सदस्यों में से एक बाबूलाल कटारा शिक्षक भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र बेचने के आरोप में जेल में है। गहलोत के शासन में घुमंतू जाति कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष रहे गोपाल केसावत की गिरफ्तारी के बाद मिली जानकारी के आधार पर दोनों महिला सदस्यों पर लगे आरोपों की सच्चाई जांच के बाद ही पता चलेगी।

  • पेपर लीक केस में गिरफ्तार 14 ट्रेनी एसआई कोर्ट में पेश: कोर्ट ने छह दिन की रिमांड पर भेजा

    पेपर लीक केस में गिरफ्तार 14 ट्रेनी एसआई कोर्ट में पेश: कोर्ट ने छह दिन की रिमांड पर भेजा

    जयपुर, एसआई भर्ती परीक्षा 2021 में पेपर लीक कर पास 14 प्रशिक्षु एसआई को मंगलवार को स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने एसओजी स्पेशल कोर्ट में पेश किया। एसओजी ने कोर्ट से सभी आरोपितों की नौ दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने छह दिन की रिमांड दी।

    इससे पहले कोर्ट ने सभी आरोपितों को छह दिन के रिमांड पर भेजा था। रिमांड अवधि पूरी होने पर मंगलवार को फिर से सभी आरोपितों को कोर्ट में पेश किया गया। सभी आरोपितों की छह दिन की रिमांड पूरी होने के बाद एसओजी की टीम पहले छह महिला ट्रेनी एसआई को कोर्ट लेकर पहुंची। इस दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। मामले में गिरफ्तार एसआई चंचल विश्नोई की मां अपनी तीन महीने की नातिन के साथ कोर्ट में मौजूद रहीं। महिला एसआई को कोर्ट में पेश करने के बाद 8 पुरुष एसआई को भी कोर्ट में पेश किया गया। पिछली सुनवाई में महिला और पुरुष एसआई से कोर्ट में हुई मारपीट के चलते इस बार सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई।

    गौरतलब है कि 29 फरवरी को एसओजी की गिरफ्त में आए जेईएन भर्ती पेपर लीक के मास्टरमाइंड जगदीश विश्नोई (41) से हुई पूछताछ के बाद कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आई थी। जगदीश ने बताया था कि एसआई भर्ती 2021 में भी तमाम कैंडिडेट्स को पेपर उपलब्ध कराए थे। जांच करने पर आरपीए में ट्रेनिंग कर रहे सब-इंस्पेक्टर (एसआई) संदिग्ध पाए गए। उनके दस्तावेज की जांच शुरू की गई और फिर उनको पकड़ा गया। जयपुर में एसओजी ने इन 14 एसआई के शैक्षणिक दस्तावेजों की प्रारंभिक जांच की तो डिग्रियों के रिकॉर्ड में हेरफेर होना पाया है। ऐसे में एसओजी ने 40 एसआई को चिह्नित किया, इनमें से 23 एसआई की डिग्रियां फर्जी मिली हैं। अब एसओजी अन्य दस्तावेज की भी जांच कर रही है। वहीं एफएसएल की टीम ने गिरफ्तार 14 एसआई के हस्ताक्षर व हैंडराइटिंग के नमूने लिए। जयपुर में जांच के दौरान सभी से खुद के 32 हस्ताक्षर करवाने के साथ पैराग्राफ लिखवाया गया। जिन प्रशिक्षु उप निरीक्षक की गिरफ्तारी हुई है उनमें नागौर के पुलिस उपाधीक्षक ओमप्रकाश गोदारा का बेटा भी है। गिरफ्तार एसआई करणपाल गोदारा की 22वीं रैंक थी। बेटे की गिरफ्तारी के दिन से ओमप्रकाश अवकाश पर है।

    पेपर लीक मामले में भाई बहन गिरफ्तार, एक की तलाश जारी

    एसओजी के अतिरिक्त महानिदेशक वी.के.सिंह ने बताया कि पेपर लीक मामले में भाई-बहन को अरेस्ट किया गया है। 2014 बैंच का एसआई जगदीश सिहाग वर्तमान में भरतपुर एसपी के पास कार्यरत था और उसकी बहन इंदू बाला ट्रेनिंग कर रही थी। इन दोनों को अरेस्ट किया गया है। जबकि भगवती देवी की तलाश की जा रही है। भगवती देवी के स्थान पर वर्षा कुमारी ने परीक्षा दी थी। वर्षा कुमारी को पहले ही पुलिस अरेस्ट कर चुकी है। वर्षा कुमारी ने इंदुबाला के स्थान पर भी परीक्षा दी थी। वर्षा कुमारी से पूछताछ के बाद ही इनकों गिरफ्तार किया गया है। जगदीश सिहाग के तीन रिश्तेदार पेपर लीक और डमी कैंडिडेट की मदद से परीक्षा पास की थी। वर्षा कुमारी ने एसआई परीक्षा पास कर ली थी, लेकिन ज्वाइन नहीं किया था।