Category: राजस्थान

  • पांच लाख घरों को तीन सौ यूनिट फ्री बिजली देगी भजनलाल सरकार

    पांच लाख घरों को तीन सौ यूनिट फ्री बिजली देगी भजनलाल सरकार

    जयपुर। भजनलाल सरकार के पहले लेखानुदान (बजट) में प्रदेश के पांच लाख घरों सोलर ऊर्जा से रोशन करने और पांच लाख घरों को 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने का ऐलान किया गया है। राजस्थान की पहली पूर्णकालिक वित्त मंत्री के रूप में अपना पहला बजट राजस्थान विधानसभा में पेश करते हुए दिया कुमारी ने प्रदेश में बिजली संकट की चर्चा करते हुए सदन को बताया कि प्रदेश की बिजली कंपनियों पर एक लाख 39 हजार से अधिक कर्ज है। वित्त मंत्री दिया कुमारी ने सदन में बताया कि इसके लिए भजन लाल सरकार पीएमयू का गठन करेगी।

    पिछले 20 वर्षों में यह पहला मौका है जब सदन में एक पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री ने बजट पेश किया है। वर्ष 2003 से 2023 तक सीएम द्वारा ही बजट पेश किया जाता रहा है। इससे पहले, वसुंधरा राजे ने बजट पेश किया था, लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में बजट पेश किया था। माना जा रहा है किप्रदेश की बिजली संकट की समस्या और बिजली कंपनियों पर बढ़े कर्जे को देखते हुए भजन लाल सरकार सोलर एनर्जी को प्रदेश में प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रही है. लेखानुदान (बजट) में प्रदेश के पांच लाख घरों को सोलर एनर्जी से कनेक्ट करने से प्रदेश में मौजूदा बिजली आपूर्ति का दवाब कम होना निश्चित है।

    बजट भाषण में वित्त मंत्री ने बताया कि पिछली सरकार की नीतियों, ऊर्जा विभाग व बिजली कंपनियों की कार्यप्रणाली के कारण वर्तमान में डिस्कॉम पर 88 हजार 700 करोड़ का कर्ज है, जबकि समस्त बिजली कंपनियों पर एक लाख 39 हजार 200 रुपए से अधिक का ऋण हो गया है। उन्होंने बताया कि अभी सिर्फ 55 प्रतिशत क्षमता के साथ उत्पादन हो गया है। इसलिए महंगी बिजली बाहर से खरीदनी पड़ रही है। इससे निपटने के लिए सोलर ऊर्जा जैसे कई वैकल्पिक कदम उठाए जाएंगे।

  • पति के दोस्त ने किया महिला से दुष्कर्म, ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर महिला ने आत्महत्या का प्रयास

    पति के दोस्त ने किया महिला से दुष्कर्म, ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर महिला ने आत्महत्या का प्रयास

    जयपुर। शास्त्री नगर थाना इलाके में पति के दोस्त के एक महिला से दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है। पीडिता का आरोप है कि घर आए आरोपित ने नहाते समय उसका चुपचाप वीडियो बना लिया। वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल कर लाखों रुपए के गहने-कैश ऐंठ लिए। आए दिन के ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर थाने में पीड़िता ने आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है।

    थानाधिकारी किशोर सिंह ने बताया कि शास्त्री नगर निवासी 29 वर्षीय की महिला ने मामला दर्ज करवाया है कि उसके पति के साथ मोहसीन कुरैशी काम करता है। पति का दोस्त होने के कारण मोहसिन का उसके घर पर आना-जाना था। 12 अगस्त 2021 को पति की गैरमौजूदगी में आरोपी मोहसीन घर आया। इस दौरान उसने उसका नहाते हुए वीडियो बना लिया। इसके बाद मोबाइल पर वीडियो भेजकर दोस्ती करने के लिए दबाव बनाया और अश्लील वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करने लगा।

    पीड़िता ने आरोप लगाया कि मार्च 2022 में आरोपित ने उसे मिलने बुलाकर दुष्कर्म किया और अश्लील वीडियो वायरल की धमकी देकर एक लाख रुपये की डिमांड रखी। जैसे-तैसे 60 हजार रुपए की व्यवस्था कर आरोपित मोहसीन को दिए। आरोपित ने मार्च 2023 में दोबारा धमकी देकर 2 लाख रुपए मांगे। उसने धमकाया कि वीडियो वायरल करने में 1 मिनट लगता है। रुपयों की व्यवस्था नहीं होने पर शादी के गहने देकर पीछा छुड़वाया। इसके बाद भी लगातार ब्लैकमेल कर परेशान करता रहा। ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर उसने 10 जनवरी 2024 की रात थिनर पी लिया। तबीयत खराब होने पर परिजनों ने उसे कांवटिया हॉस्पिटल में भर्ती करवाया। हालत गंभीर होने पर डॉक्टर्स ने उसे एसएमएस हॉस्पिटल रेफर कर दिया। तीन दिन इलाज के बाद उसे हॉस्पिटल से छुट्टी मिली। इसके बाद उसने परिजनों को पूरी बात बताई और आरोपित के खिलाफ मामला दर्ज करवाया।

  • आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु 62 साल करने का फैसला बरकरार, राज्य सरकार की एसएलपी खारिज

    आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु 62 साल करने का फैसला बरकरार, राज्य सरकार की एसएलपी खारिज

    नई दिल्ली/ जयपुर। सुप्रीम कोर्ट ने आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु साठ साल से बढाकर 62 साल करने के संबंध में हाईकोर्ट की ओर से 13 जुलाई, 2022 को दिए आदेश को सही माना है। इसके साथ ही अदालत ने हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ दायर राज्य सरकार की विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर दिया है।

    राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए कहा कि एलोपैथी और आयुर्वेद चिकित्सकों का कार्यक्षेत्र अलग-अलग है। एलोपैथी डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु दो साल बढाना राज्य सरकार का नीतिगत निर्णय था और ऐसा एलोपैथी डॉक्टर्स की जरूरत को ध्यान में रखते हुए किया था। इसलिए एलोपैथी डॉक्टर्स की तरह आयुर्वेद डॉक्टर्स की आयु 60 साल से बढाकर 62 साल करने वाले फैसले को रद्द किया जाए। इसके जवाब में आयुर्वेद डॉक्टर्स की ओर से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में भी एनडीएमसी बनाम डॉ. रामनरेश के मामले में आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु भी 62 साल करने की मंजूरी दी है। इसलिए आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु 60 से बढाकर 62 साल करने का हाईकोर्ट का फैसला सही है और ऐसे में राज्य सरकार की एसएलपी खारिज की जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की एसएलपी खारिज कर दी।

    गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने अपने आदेश में ना केवल आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु दो साल बढाई थी, बल्कि यह भी कहा था कि जिन आयुर्वेद डॉक्टर का रिटायरमेंट हाल में हुआ हो और जिनकी आयु 62 साल से कम है उन्हें वापस सेवा लिया जाए। हाईकोर्ट ने कहा कि जब एलोपैथी डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु 62 साल है तो आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु भी 62 साल की जाए और इसमें किसी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए। आयुर्वेद डॉक्टर्स ने हाईकोर्ट में कहा था कि राज्य सरकार ने 31 मार्च 2016 को एलोपैथी डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु 60 से बढाकर 62 साल कर दी, लेकिन आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु 60 साल ही रखी है।

  • 13 आईपीएस के तबादले : राजीव शर्मा एसीबी में डीजी, श्रीवास्तव मुख्यमंत्री की सुरक्षा में नियुक्त

    13 आईपीएस के तबादले : राजीव शर्मा एसीबी में डीजी, श्रीवास्तव मुख्यमंत्री की सुरक्षा में नियुक्त

    जयपुर। राज्य की भजनलाल सरकार ने 13 आईपीएस अधिकारियों के तबादले किए हैं। लंबे समय बाद एसीबी में डीजी की नियुक्ति हुई हैं। महानिदेशक (डीजी) लॉ एंड ऑर्डर राजीव कुमार शर्मा को एसीबी में महानिदेशक नियुक्त किया गया है। वहीं, आईजी गौरव श्रीवास्तव अब मुख्यमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे।

    सूची में आईपीएस गौरव श्रीवास्तव को आईजी मुख्यमंत्री सुरक्षा एवं मुख्यमंत्री सर्तकता लगाया गया हैं। आईपीएस विकास कुमार का जोधपुर रेंज आईजी, राहुल प्रकाश को भरतपुर रेंज आईजी और आईपीएस ओमप्रकाश द्वितीय को डीआईजी पाली रेंज लगाया गया है। अंशुमन भोमिया को आईजी एटीएस, प्रसन्न कुमार खमेसरा को आईजी सीआईडी (क्राइम ब्रांच), एचजी राघवेन्द्र सुहासा को आईजी रेलवे, हिंगलाजदान को आईजी पुलिस रूल्स, जय नारायण को आईजी इंटेलिजेंस औऱ आईजी अनिल कुमार टांक को लॉ एंड ऑर्डर लगाया गया है।

    सूची में राजीव कुमार शर्मा को महानिदेशक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो राजस्थान जयपुर, एचजी, रविदत्त गौड़ को महानिरीक्षक कोटा रेंज कोटा, विकास कुमार को महानिरीक्षक पुलिस जोधपुर रेंज जोधपुर, राजेन्द्र सिंह को पुलिस आयुक्त जोधपुर, जय नारायण को महानिरीक्षक पुलिस इन्टेलिजेंस राजस्थान जयपुर, राहुल प्रकाश को महानिरीक्षक पुलिस भरतपुर रेंज भरतपुर के पद पर पदस्थापित किया गया है।

  • जेडीए की जमीन-रेलवे का कब्जा, आमजन भुगतेंगे सजा

    जेडीए की जमीन-रेलवे का कब्जा, आमजन भुगतेंगे सजा

    जयपुर। राजधानी के टोंक फाटक क्षेत्र के पास स्थित एक जमीन का विवाद आमजन के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। रेलवे और जयपुर विकास प्राधिकरण के बीच चल रहे जमीनी विवाद के चलते सडक़ चौड़ी नहीं हो पा रही है। इस कारण आमजन को रोजाना जाम से दो-चार होना पड़ रहा है। सरकारी रिकॉर्ड में जमीन को जेडीए के नाम दर्शाया गया है, जबकि जमीन पर रेलवे का कब्जा है। इस बेशकीमती जमीन को खाली करवाने के लिए जेडीए ने उत्तर-पश्चिम रेलवे प्रशासन को पत्र भी लिखा है, लेकिन रेलवे प्रशासन कब्जा खाली करने को तैयार नहीं है। रेलवे का यह कब्जा आमजन के यातायात को सुगम बनाने के काम में बाधा बन रहा है।

    जेडीए से प्राप्त जानकारी के अनुसार यातायात को सुगम बनाने के लिए जेडीए लक्ष्मी मंदिर तिराहे पर दो अंडरपास बना रहा है। इस तिराहे को ट्रेफिक लाइट मुक्त करवाने की दिशा में किए जा रहे काम के तहत गांधी नगर की तरफ से आने वाला यातायात टोंक फाटक पुलिया के नीचे से होकर सहकार मार्ग पर जाएगा। इसके लिए टोंक फाटक पुलिया के नीचे सडक़ मार्ग को चौड़ा किया जाना है। लेकिन इस जमीन पर लम्बे समय से रेलवे प्रशासन ने कब्जा कर रखा है। इसके चलते जेडीए द्वारा किए जा रहे यातायात सुगम बनाने के काम में बाधा आ रही है।

    साढे तेरह सौ स्क्वायर मीटर जमीन की जरुरत

    यातायात को सुगम बनाने की दिशा में रोड चौड़ी करने के लिए जेडीए को यहां 1350 स्क्वायर मीटर जमीन की जरुरत है। खास बात यह है कि गांधी नगर स्टेशन को वल्र्ड क्लास स्टेशन बनाने का काम भी चल रहा है। यहां पर जब पूरी तरह से लोगों का आवागमन शुरू हो जाएगा तो जमीन नहीं मिलने की सूरत में टोंक फाटक पुलिया के नीचे लगने वाले जाम की समस्या और विकराल रूप धारण कर लेंगी।

    रेलवे से मांगे स्वामित्व संबंधी दस्तावेज, कई पत्र लिखे लेकिन मिला जबाब

    जेडीए ने रेलवे को पत्र लिखकर स्वामित्व संबंधी दस्तावेज मांगे हैं। जेडीए द्वारा लिखे गए पत्र में बताया गया है कि रामपुरारूपा के खसरा नम्बर 280/490 और 280/291 टोंक पुलिया से रेलवे लाइन के बीच का भाग आता है। सरकारी रिकॉर्ड में यह जमीन जेडीए के नाम दर्ज है। जबकि लम्बे समय से इस पर जमीन रेलवे ने कब्जा कर रखा है। स्वामित्व संबंध दस्तावेज जमा करवाने को लेकर जेडीए कई बार रेलवे को पत्र लिख चुके है, लेकिन रेलवे ने एक भी पत्र का जवाब नहीं दिया।

    इस संबंध में जेडीए में डायरेक्टर (इंजीनियरिंग) अजय गर्ग का कहना है कि ट्रेफिक मूवमेंट के लिए टोंक फाटक पुलिया और रेलवे लाइन के बीच का हिस्से की जमीन चाहिए। इस सम्बंध में जोन डीसी से जानकारी ली थी तो उनका कहना था कि यह जमीन रिकॉर्ड में जेडीए के नाम है। जबकि इस जमीन पर कब्जा रेलवे का है। जमीन को लेकर विवाद क्यों है इस में बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता है।

    उधर इस मामले में पूछे जाने पर सीपीआरओ, उत्तर-पश्चिम रेलवे कैप्टन शशि किरण ने बताया कि जमीन को लेकर रेलवे और जेडीए का क्या विवाद है, इसकी मुझे जानकारी नहीं है। मैं पता करके बताता हूं।

  • किसानों की जमीन को उपजाऊ बना रहा स्लज

    किसानों की जमीन को उपजाऊ बना रहा स्लज

    जयपुर। शहर में चल रहे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में बनने वाली स्लज से किसानों की जमीन उपजाऊ हो रही है। स्लज के उपयोग से किसानों को उनके खेतों से ज्यादा उपज मिल रही है। शहर में विभिन्न स्थानों पर बने एसटीपी का संचालन जयपुर विकास प्राधिकरण और नगर निगम द्वारा किया जा रहा है।

    शहर में जेडीए द्वारा करीब सात एसटीपी का संचालन किया जा रहा है। इसमें पांच एसटीपी द्रव्यवती नदी और एक गजाधरपुरा तथा दूसरा रलावता में है। इसके अलावा नगर निगम द्वारा देहलावास और ब्रह्मपुरी में एसटीपी का संचालन किया जा रहा है। खास बात यह है कि एसटीपी से निकल रहे इस खाद के लिए किसानों से कोई खास खर्चा नहीं करना पड़ रहा है।

    चार माह में 220 डम्पर स्लज पहुंचा खेतों में

    जेडीए द्वारा द्रव्यवती पर पांच एसटीपी बनाए गए है इनमें चार एसटीपी चल रहे है और एक बंद है। पिछले चार माह में इन एसटीपी से निकले वाला 60 फीसदी स्लज आमजन और किसानों के खेतों में पहुंच गया और इससे उनकी जमीन उपजाऊ हो रही है। 100 एमएलडी के एसटीपी से रोजाना 7 से 8 ट्रक स्लज निकलता है। द्रव्यवती नदी पर 170 एमएलडी के एसटीपी बने हुए है।

    द्रव्यवती नदी पर आमजन के लिए तीन पार्क बनाए गए है और साथ द्रव्यवती के दोनों और एक ग्रीन पट्टी भी विकसित की गई है। खाद के रूप में पार्कों के साथ इन ग्रीन पट्टी में स्लज का उपयोग किया जा रहा है। पार्कों सहित करीब 5 लाख वर्गमीटर एरिया में स्लज खाद के रूप में डाला जा रहा है।

    कृषि विश्वविद्यालय ने भी मंगवाया स्लज

    जोबनेर स्थित कृषि विश्वविद्यालय ने भी अपने खेतों में खाद के रूप में स्लज का उपयोग किया है। इसके लिए जेडीए के एसटीपी से विश्वविद्यालय ने स्लज मंगवाया था। विशेष बात यह है कि इस खाद की गुणवत्ता को लेकर फिलहाल किसी भी प्रकार की कोई स्टडी नहीं की गई है।

    उपयोग के बाद बचा शेष स्लज डालते सेवापुरा डिपो में

    शहर में चल रहे एसटीपी से रोजाना भारी मात्रा में स्लज निकलता है। किसानों और आमजन द्वारा ले जाने के बाद जो स्लज बचता है उसे सेवापुरा में बनाए गए निगम के डिपो में डाल दिया जाता है।

    एक्सईएन द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट दीपक माथुर ने बताया कि द्रव्यवती नदी पर चल रहे एसटीपी से निकलने वाले स्लज का उपयोग किसान खेतों में खाद के रूप में कर रहे है। किसानों ने स्लज के उपयोग से खेती की उपज में बढ़ोत्तरी की बात कहीं है।

    नगर निगम ग्रेटर एक्सईएन, देहलावास एसटीपी उमंग राजवंशी का कहना है कि देहलावास एसटीपी में स्लज लेने के लिए आमजन के साथ किसान भी आ रहे है। इस स्लज का उपयोग खाद के रूप में किया जा रहा है।