Category: इलाहाबाद

  • चयन प्रक्रिया पहले शुरू हो गई तो आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता : हाईकोर्ट

    चयन प्रक्रिया पहले शुरू हो गई तो आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता : हाईकोर्ट

    –69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों की दाखिल याचिका खारिज

    प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि जब चयन प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है तो आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता है। यूपी में 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में भी ऐसा ही है। यूपी सरकार की ओर से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 फीसदी आरक्षण का लाभ देने का शासनादेश 2020 में लागू किया गया। जबकि चयन प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी थी। कोर्ट ने याचियों को राहत देने से इंकार कर दिया।

    यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी शिवम पांडेय सहित 25 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई कर उसे खारिज करते हुए दिया है। याचियों की ओर दाखिल याचिकाओं में भर्ती मामले में आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को 10 फीसदी आरक्षण का लाभ देने की मांग की गई थी। याचियों की ओर से कहा गया कि भर्ती प्रक्रिया 16 मई 2019 से शुरू की गई थी। जबकि, केंद्र सरकार ने इस अधिनियम को 12 जनवरी 2019 को ही लागू कर दिया।

    लिहाजा, इसका लाभ उन्हें मिलना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि यूपी सरकार ने इस अधिनियम को अक्टूबर 2020 में अपनाया। उसके पहले उसने कोई ऐसा अधिनियम लागू नहीं किया था। इसलिए याचियों के तर्क में कोई कानूनी आधार है। लिहाजा, सभी याचिकाओं को खारिज किया जाता है।

  • मऊ मे एसपी रहे अविनाश पाण्डेय के खिलाफ हाई कोर्ट मे मुकदमा

    मऊ मे एसपी रहे अविनाश पाण्डेय के खिलाफ हाई कोर्ट मे मुकदमा

    अविनाश ने खरी दुनिया पर झूठे आरोप लगा दर्ज किया मुकदमा तो, खरी दुनिया ने एसपी के अपराधिक कृत्य का साक्ष्य लगा अदालत मे लगाई अर्जी


    — बतौर एसपी अविनाश पाण्डेय ने मद मे कानून का उल्लंघन कर खरी दुनिया के खिलाफ किया है विद्वेषपूर्ण अभियोजन


    — आई पी एस अविनाश की सजा के लिए अवमान अधिनियम है खरी दुनिया के साथ


    ( ब्रह्मा नंद पाण्डेय – अधिवक्ता हाई कोर्ट इलाहाबाद )


    प्रयागराज/ मऊ। कानून की खिलाफत करने वाला हमेसा “खरी दुनिया” के निशाने पर रहा है। जिसने मे भी कानून तोड़कर अपने “मद” मे जनता के साथ धोखा किया उसको उसके किये की सजा दिलाने के लिए “खरी दुनिया” हमेशा कानून के रास्ते से उसी रास्ता चुनने के लिया बाध्य किया है। खरी दुनिया के प्रयास मे जनपद मऊ मे बतौर पुलिस अधीक्षक तैनात रहे अविनाश पाण्डेय है। ये साहब कानून के खिलाफ जाकर पदीय अधिकारों का दुरूपयोग करने मे अवमान अधिनियम की जद मे गये है।


    बताते चले कि बतौर एसपी अविनाश पाण्डेय को सच पसंद नही होता था। किसी की भी सच बात उनके गले से नीचे नही उतरती थी। इस दौरान् बतौर एसपी अविनाश ने अपने पूरे कार्यकाल सच को झूठ, झूठ को सच बनाने का जो खेल खेला उसमे कई निर्दोषों मे खरी दुनिया भी बदमाश बनती गई।

    एसपी ने लोगो को डरा धमका कर खरी दुनिया के खिलाफ फर्जी मुकदमे कायम करा कर खरी दुनिया को परेशान किया। सच्ची खबरों से खार खाये अविनाश पाण्डेय द्वारा पूरे कार्यकाल मे पदीय अधिकारों का दुरूपयोग करते हुए कई निर्दोष लोगो के खिलाफ तथ्यहीन आरोप लगाकर बदमाश बनाने की कोशिस की है।

    एसपी की इस करतूत को जब “खरी दुनिया” ने उजागर करना शुरु किया तो बतौर एसपी अविनाश पाण्डेय ने खरी दुनिया के खिलाफ भी तथ्यहीन आरोप लगाकर जेल तक भेजनें मे पदीय अधिकारो का दुरूपयोग करने मे कानून की अवहेलना की। बतौर एसपी अविनाश की यही गलती उनको अदालत तक बुलाने मे खरी दुनिया के साथ हो गई। एसपी अविनाश पाण्डेय को उनके किये की सजा दिलाने के लिए अब “खरी दुनिया” अदालत मे अपने अधिवक्ता साथी सुधीर कुमार सिंह के साथ है।

    “सत्य परेशान होता है पराजित नही”

    “एसपी द्वारा खरी दुनिया के खिलाफ हुए है इस्तेमाल, मे शामिल अन्य लोगो को भी उनके किये की सजा जल्द मिलेगी, क्योकि सत्य परेशान होता है पराजित नही “

  • आचार संहिता उल्लंघन मामले में जया प्रदा ने हाईकोर्ट में दाखिल याचिका ली वापस

    आचार संहिता उल्लंघन मामले में जया प्रदा ने हाईकोर्ट में दाखिल याचिका ली वापस

    –अब नए सिरे से दाखिल करेंगी याचिका

    प्रयागराज। अभिनेत्री जया प्रदा ने रामपुर की विशेष अदालत में (एमपी-एमएलए) लम्बित मामले में जारी गैर जमानती वारंट के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल याचिका को फिलहाल वापस ले लिया है। जया प्रदा के अधिवक्ता ने बेहतर याचिका दाखिल करने के लिए कोर्ट के समक्ष यह अनुरोध किया। जिसके बाद कोर्ट ने नई याचिका दाखिल करने की उन्हें छूट दे दी।

    मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की पीठ कर रही थी। जया प्रदा ने रामपुर की विशेष अदालत की ओर से जारी एनबीडब्ल्यू को रद्द कराने सहित अन्य मांगों को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उन पर लोक सभा चुनाव के मामले में आचार संहिता उल्लंघन करने का आरोप है। रामपुर की विशेष अदालत मामले की सुनवाई कर रही है। उसने जया प्रदा को अदालत के समक्ष उपस्थित होने के लिए छह बार जमानती वारंट जारी किया था। इसके बावजूद वह उपस्थित नहीं हुई तो गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है और पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया है कि छह मार्च को आरोपी को अदालत के समक्ष उपस्थित करें।

    जया प्रदा ने इसी को हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी। बृहस्पतिवार को सुनवाई के दौरान जया प्रदा के अधिवक्ता ने नए सिरे से याचिका दाखिल करने के लिए पीठ से अनुरोध किया। पीठ ने अनुरोध को स्वीकार करते हुए उन्हें नए सिरे से याचिका दाखिल करने की छूट दे दी।

  • दागी हाथ से कोर्ट आने वाले को राहत पाने का अधिकार नहीं : हाईकोर्ट

    दागी हाथ से कोर्ट आने वाले को राहत पाने का अधिकार नहीं : हाईकोर्ट

    -तथ्य छिपाकर दाखिल जनहित याचिका 50 हजार हर्जाने के साथ खारिज

    प्रयागराज, । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि जो कोई व्यक्ति दागी हाथ लेकर न्याय की मांग करने आता है उसे कोई राहत पाने का अधिकार नहीं है। तथ्य छिपाकर याचिका दायर करने वाला वस्तुतः कोर्ट से फ्राड करता है।

    इसी के साथ व्यक्तिगत विवाद में उलझे याची द्वारा अदालत में लम्बित शत्रु सम्पत्ति से विपक्षियों की बेदखली की मांग में दाखिल जनहित याचिका को न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग करार दिया है और याची पर 50 हजार रुपये हर्जाना लगाते हुए याचिका खारिज कर दी है।

    कोर्ट ने हर्जाना राशि प्रयागराज के टैगोर टाउन मोहल्ले में एलआईसी कालोनी में स्थित तारा संस्थान की संस्था रवींद्र नाथ गौर आनंद ओल्ड एज होम के बैंक खाते में जमा करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने याची को तीन हफ्ते में हर्जाना महानिबंधक के समक्ष जमा करने का आदेश दिया है और कहा है जमा न करने पर जिलाधिकारी शामली राजस्व वसूली कर एक माह में जमा कराएं।

    यह आदेश न्यायमूर्ति एम के गुप्ता तथा न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेन्द्र की खंडपीठ ने गांव कालान, कैराना, शामली के निवासी अकबर अब्बास जैदी की जनहित याचिका पर दिया है। याची का कहना था कि वह सोशल वर्कर है। गांव कैराना के प्लाट संख्या 24 जो शत्रु सम्पत्ति घोषित है, उस पर लैंड माफिया तीन विपक्षियों के अवैध निर्माण को हटाने की मांग की थी।

    विपक्षियों ने जवाबी हलफनामा दाखिल कर बताया कि याची और वे एक फर्म के भागीदार थे और कथित शत्रु सम्पत्ति उनकी है। सहायक कलेक्टर ने उनके स्वामित्व के दावे को खारिज कर दिया था। अपर आयुक्त मेरठ ने अपील मंजूर करते हुए जमीन के 1/5 हिस्से पर उनका हक माना। बोर्ड आफ रेवेन्यू में दाखिल द्वितीय अपील रिमांड कर दी गई। जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है जो लम्बित है। जमीन पर दुकानें बनी हैं। याची व विपक्षियों में फर्म भागीदारी थी। जिसको लेकर न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग करते हुए यह जनहित याचिका दायर की गई है।

  • आपराधिक मामलों में ट्रायल कोर्ट के त्वरित रिपोर्ट न भेजने पर हाईकोर्ट खफा

    आपराधिक मामलों में ट्रायल कोर्ट के त्वरित रिपोर्ट न भेजने पर हाईकोर्ट खफा

    -हाईकोर्ट ने महानिबंधक को अनुपालन कराने का दिया ओदश

    प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्टों द्वारा आपराधिक मामलों की रिपोर्ट त्वरित नहीं भेजने पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा कि इससे मुकदमों की सुनवाई में देरी हो रही है और बिना किसी गलती के आरोपित व्यक्तियों की कैद लम्बी हो रही है।

    यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने प्रयागराज फूलपुर के निवासी मनोज तिवारी की ओर से दाखिल जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल से कहा है कि वह यह सुनिश्चित करें कि हाईकोर्ट के आदेश का विधिवत अनुपालन किया जाए।

    मामले में याची के खिलाफ फूलपुर थाने में आठ वर्ष पूर्व आपराधिक षड़यंत्र, हत्या सहित आईपीसी की विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज हुई थी। आरोपित ने हाईकोर्ट के समक्ष जमानत के लिए अर्जी दाखिल कर रखी है। कोर्ट ने अपने पूर्व के आदेश में ट्रायल कोर्ट से मामले में विवरण तलब किया था। लेकिन, अभी तक रिकार्ड न आने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और हाईकोर्ट के महानिबंधक को आदेश दिया है कि वह मामले में ट्रायल कोर्ट से रिकॉर्ड तलब करें।

    कोर्ट ने याची के मामले में कुल आठ बिंदुओं पर रिकॉर्ड तलब किया है। इसमें आरोप पत्र दाखिल करने की तिथि, आरोप तय की तिथि, गवाहों की सूची आदि का विवरण तलब किया है। कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई दो दिन बाद यानी 29 फरवरी को करेगी।

  • ढाई हजार से अधिक अधिवक्ताओं ने मतदाता सूची पर जताई आपत्ति

    ढाई हजार से अधिक अधिवक्ताओं ने मतदाता सूची पर जताई आपत्ति

    –दो दिनों बाद जारी होगी अंतिम सूची, मतदाताओं की संख्या 10 हजार के पार जाने की सम्भावना

    प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के आगामी होने वाले चुनाव के लिए जारी मतदाता सूची पर ढाई हजार से अधिक अधिवक्ताओं ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। अब इन आपत्तियों पर विचार करने के दो दिन बाद नई मतदाता सूची जारी की जाएगी।

    हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव के लिए एसोसिएशन की ओर से 21 फरवरी को मतदाताओं की सूची जारी की गई थी। इसमें कुल 8208 अधिवक्ताओं को शामिल किया गया था। जिसमें 75 वरिष्ठ अधिवक्ता, 438 महिला अधिवक्ता और 7795 पुरूष अधिवक्ताओं को मतदान के लिए योग्य पाते हुए सूची जारी की गई थी। सूची जारी करने के साथ अधिवक्ताओं से आपत्ति मांगी गई थी। पहले आपत्ति दर्ज कराने के लिए अंतिम समय 23 फरवरी निर्धारित की गई थी लेकिन आपत्तियां अधिक होने के कारण आपत्ति दर्ज करने के समय को सोमवार तक के लिए बढ़ा दिया गया था।

    हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के संयुक्त सचिव प्रेस अमरेंदु सिंह ने बताया कि अधिवक्ताओं की ओर से तकरीबन ढाई हजार आपत्तियां दर्ज कराई गई हैं। अब इन आपत्तियों पर विचार विमर्श किए जाने के दो दिन बाद मतदाताओं की अंतिम सूची जारी की जाएगी। संभावना जताई जा रही है कि नई मतदाता सूची में मतदाताओं की संख्या 10 हजार से अधिक पहुंच सकती हैं। अधिवक्ताओं की ओर से दर्ज कराई गई आपत्तियों में मुकदमों की संख्या पर्याप्त होने के बावजूद नाम न होना, बार सदस्यता शुल्क जमा होने के बावजूद सूची में नाम न आना आदि शामिल है।

    इसको लेकर अधिवक्ताओं की ओर से तीन दिनों तक जमकर आपत्तियां दर्ज कराई गईं। भावी प्रत्याशियों ने भी बहुत से अधिवक्ताओं का नाम शामिल कराने के लिए काउंटर पर खड़े रहे। अधिवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि बार की तरफ से पहले से जारी सूची अधिवक्ताओं को परेशान करने वाली रही। कार्यकारिणी और चुनाव कमेटी को आपत्ति दर्ज कराने वाले अधिवक्ताओं का नाम मतदाता सूची में शामिल कर लेना चाहिए।

  • प्रयागराज मंडल के 91 चयनित अभ्यर्थिंयों को दिया गया नियुक्ति पत्र

    प्रयागराज मंडल के 91 चयनित अभ्यर्थिंयों को दिया गया नियुक्ति पत्र

    प्रयागराज। मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्रो0 प्रीतम दास प्रेक्षागृह में प्रयागराज मंडल के 91 चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित किया गया। इनमें 65 अभ्यर्थी बिजली विभाग, 7 अभ्यर्थी आयुर्वेद विभाग तथा 19 अभ्यर्थी डेंटल सर्जन के थे। कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने सभी को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

    इसके पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लोकभवन सभागार, लखनऊ में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग एवं विद्युत सेवा आयोग द्वारा निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के अन्तर्गत कुल 1782 पदों हेतु चयनित अभ्यर्थिंयों को नियुक्ति पत्र के वितरण कार्यक्रम का सजीव प्रसारण किया गया। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी, सांसद केशरी देवी पटेल, महापौर गणेश केसरवानी, मण्डलायुक्त विजय विश्वास पंत, जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल, मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार, प्राचार्य मेडिकल कालेज डॉ0 एसपी सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 आशु पाण्डेय, विद्युत विभाग के मुख्य अभियंता सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

    इस अवसर पर नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने चयनित अभ्यर्थिंयों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई देते हुए कहा कि आज बिना किसी भेदभाव के निष्पक्ष एवं पारदर्शी ढंग से चयन प्रक्रिया सम्पादित हो रही है। सरकार सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास-सबका प्रयास के सिद्धांत पर कार्य करते हुए पात्र लोगों को योजनाओं से लाभान्वित करा रही है। उन्होंने चयनित अभ्यर्थिंयों से अपनी जिम्मेदारी को पूरी निष्पक्षता व पारदर्शिता के साथ निर्वहन करते हुए लोगों की सेवा करने के लिए कहा।

    सांसद केशरी देवी पटेल ने शुभकामनाएं देते हुए आशा व्यक्त की कि चयनित अभ्यर्थी जनता के लिए अच्छा कार्य करेंगे। सरकार बिना किसी भेदभाव के निष्पक्ष एवं पारदर्शी ढंग से चयन प्रक्रिया सम्पादित करते हुए युवाओं को रोजगार देने का कार्य रही है। महापौर गणेश केसरवानी ने बधाई देते हुए कहा कि निष्पक्ष एवं पारदर्शी चयन प्रक्रिया के कारण ही नवयुवक तेजी के साथ आगे बढ़ रहे हैं तथा देश एवं प्रदेश के विकास में अपना योगदान प्रदान कर रहे है। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के चयनित अभ्यर्थियों के अलावा सम्बंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रभाकर त्रिपाठी ने किया।

  • यूपी बोर्ड परीक्षा : सीएम के निर्देश पर अब तक सात हजार से अधिक परीक्षा केंद्रों की हुई मॉनीटरिंग

    यूपी बोर्ड परीक्षा : सीएम के निर्देश पर अब तक सात हजार से अधिक परीक्षा केंद्रों की हुई मॉनीटरिंग

    – नकलविहीन परीक्षा करवाने को मुख्यमंत्री के कड़े तेवर का दिख रहा असर

    – सौ से अधिक परीक्षा केंद्रों की कमियों को किया गया दूर

    –दो दर्जन से अधिक जिलों के डीआईओएस से बोर्ड सचिव ने ली परीक्षा व्यवस्था की जानकारी

    प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की नकलविहीन परीक्षा कराने को लेकर तैयार व्यूहरचना ने शिक्षाधिकारियों को भी हैरान कर रखा है। शनिवार को हाईस्कूल एवं इंटर की परीक्षा नहीं होने के बावजूद भी बोर्ड मुख्यालय प्रदेश भर के जिला विद्यालय निरीक्षकों के सम्पर्क में बना रहा। बाराबंकी के राजकीय इंटर कालेज में केंद्र व्यवस्थापक की नियुक्ति की एक शिकायत मिलने पर शासन ने तत्काल ने इस मामले को संज्ञान में लिया। कंमाड सेंटर से अब सात हजार परीक्षा केंद्रों की मॉनीटिरिंग की जा चुकी है। वहीं सौ से अधिक परीक्षा केंद्रों की कमियों को कंट्रोल रूम ने सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से पकड़ा है। इन कमियों को दूर कर लिया गया है।

    -परीक्षा केंद्रों को पूरी तरह से साफ सुथरा रखने के निर्देश

    बोर्ड सचिव दिब्यकांत शुक्ला अनुसार कुछ परीक्षा केंद्रों में स्ट्रांग रूम पर सुरक्षा कर्मियों की लापरवाही दिखी, जिसे दूर करने का निर्देश दिया गया है। परीक्षा केंद्रों की साफ सफाई सही तरीके से हो इसके लिए सख्ती से कहा गया। बोर्ड सचिव ने गूगल मीट में सभी अधिकारियों से कहा कि परीक्षा के दौरान परीक्षार्थियों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। परीक्षा शुचितापूर्ण तरीके से हो इसमें बच्चों को सही वातावरण मिले इसे भी सुनिश्चित करने को कहा गया है। नकलविहीन परीक्षा कराने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तेवर भी सख्त हैं। इस मामले में उच्चाधिकारी बोर्ड सचिव से लगातार परीक्षा सम्बंधी व्यवस्थाओं की जानकारी ले रहे हैं।

    -अधिकारियों को बांटा गया है जिलेवार काम

    बोर्ड के सभी अधिकारियों को जिलेवार काम बांटा गया है। गत वर्ष प्रश्नपत्र के प्रारूप में बदलाव के बाद बोर्ड उनकी सुरक्षा को लेकर इस बार भी चिंतित है। इसी को लेकर कई जिलों के परीक्षा केंद्रों के स्ट्रांग रूम में रात्रि में जांच को जिले के शिक्षाधिकारी पहुंच रहे हैं। बोर्ड सचिव के निर्देश पर अब तक सात हजार से अधिक परीक्षा केंद्रों के स्ट्रांग रूमों की जांच हो चुकी हैं। परीक्षा केंद्रों को बनाने में भी इस बार काफी सर्तकता बरती गई है। बदनाम रहे कालेजों को परीक्षा केंद्र बनाने से परहेज किया गया है। जहां भी बोर्ड को गड़बड़ी की शिकायत मिली है वहां सीसीटीवी कैमरे से विशेष निगाह रखी जा रही है।

    -जिलों में गठित हैं विशेष निगरानी दस्ता

    बोर्ड के सचिव ने बताया कि परीक्षा केंद्रों में प्रश्नपत्र की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जिलों में विशेष जांच दस्ता गठित किया गया है। इस दस्ते के अफसरों का नाम गोपनीय रखा गया है। यह दस्ता किसी भी समय परीक्षा केंद्रों पर जांच के लिए पहुंचने के लिए अधिकृत है। हालांकि जांच के लिए जाने के पहले जिलाविद्वालय निरीक्षक को इसकी जानकारी दी जाएगी। गत वर्ष भी बोर्ड ने ऐसी ही व्यवस्था बनाई थी जो काफी कारगर रही थी।

  • बार एसोसिएशन : मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर अधिवक्ताओं में आक्रोश

    बार एसोसिएशन : मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर अधिवक्ताओं में आक्रोश

    -बार को ज्ञापन सौंपकर मतदाता सूची सुधारने की उठाई मांग

    प्रयागराज। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से 20 फरवरी को जारी की गई अनंतिम प्रकाशित मतदाता सूची में बड़ी खामियां मिली है। इसे लेकर अधिवक्ताओं में भारी आक्रोश व्याप्त है। शुक्रवार को बार के पूर्व कार्यवाहक महासचिव अधिवक्ता राजेश खरे की अगुवाई में तमाम अधिवक्ताओं ने बार एसोसिएशन को ज्ञापन सौंपकर मतदाता सूची सुधारने की मांग की है। साथ ही मांग की है कि मतदाता सूची में जिन अधिवक्ताओं को नहीं शामिल किया गया है उन्हें भी शामिल किया जाय।

    अधिवक्ता राजेश खरे ने बार के अध्यक्ष और महासचिव की अनुपस्थिति में संयुक्त सचिव प्रेस अमरेंदु सिंह को ज्ञापन देते हुए मांग की है कि जिन अधिवक्ताओं ने 31 जनवरी तक अपना एफिडेविट के माध्यम से सदस्यता शुल्क जमा किया है उनको मतदाता सूची में जोड़ा जाए तथा जो अधिवक्ता राज्य विधि अधिकारी मई 2023 तक थे तथा अन्य अधिवक्ताओं ने जिन्होंने 26 फरवरी तक बार एसोसिएशन कार्यालय में आपत्ति दाखिल कर अपना सदस्यता शुल्क जमा किया है उनका भी नाम मतदाता सूची में जोड़ा जाए। जिससे अधिक से अधिक अधिवक्ता मतदान कर सकें और चुनाव पारदर्शी तथा निष्पक्ष हो सके। उन्होंने कहा महिलाओं की जो सूची जारी की गई है, उसमें महिला मतदाता की फोटो की जगह पुरुष अधिवक्ता की फोटो लगा दी गई है। ऐसे सैकड़ों अधिवक्ताओं के नाम और फोटो गलत लगाई गई है। मांग की गई है कि सूची में जो गड़बड़ी है इसे अविलम्ब सुधारा जाए।

    ज्ञापन देने वालों में अधिवक्ता राजेश खरे, मनीष द्विवेदी, बृजेश सिंह सेंगर, सुधीर केसरवानी, रवि नाथ तिवारी, राजेंद्र कुमार राठौर, डी. एस. मणि त्रिपाठी, सुरेश कुमार मौर्य, सुनील कुमार सहगल, राजेश यादव, डी. के. त्रिपाठी, आदर्श चौधरी शिव बाबू मौर्य, महावीर वर्मा, बृजेश कुमार श्रीवास्तव, राकेश कुमार सिंह, राम दुलारे, संतोष कुमार राव, अर्जुन कुमार, रोमिल गुप्ता, धर्मेंद्र कुमार यादव, अशोक कुमार सिंह आदि उपस्थित रहे।

  • यूपी बोर्ड : दूसरे दिन 28 हजार बच्चों ने छोड़ी परीक्षा

    यूपी बोर्ड : दूसरे दिन 28 हजार बच्चों ने छोड़ी परीक्षा

    -अब तक साढ़े तीन लाख परीक्षार्थी नहीं पहुंचे परीक्षा केंद्र

    -सख्ती से नकलचियों के हौसले पस्त, एक नकलची पकड़ा गया

    प्र्रयागराज। माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) सचिव दिव्य कांत शुक्ल ने अपने कक्ष में एक बड़ी स्क्रीन लगाकर कंट्रोल रूम पर नजर रखने की व्यवस्था कर दी है। मोबाइल फोन से भी 24 घंटे निगरानी की जा रही है। आज दूसरे दिन हाईस्कूल एवं इंटर की परीक्षा में सख्ती से दूसरे दिन भी 28 हजार बच्चे परीक्षा केंद्र तक नहीं पहुंचे। एक नकलची भी पकड़ा गया।

    यूपी बोर्ड की परीक्षा दूसरे दिन भी शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हुई। शुक्रवार को 4 लाख 47 हजार परीक्षार्थियों को परीक्षा में सम्मिलित होना था। लेकिन 28,513 परीक्षार्थी गैरहाजिर रहे। पहले दिन 3 लाख 33 हजार परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे थे। प्रथम पाली में हाईस्कूल पाली, अरबी, फारसी की परीक्षा 114 केंद्रों एवं इंटर में नागरिकशास्त्र की परीक्षा 7362 केंद्रों पर हुई जिसमें हाईस्कूल में 1003 तथा इंटर में 3,71,938 परीक्षार्थियों को सम्मिलित होना था। इसी प्रकार द्वितीय पाली हाईस्कूल में संगीत गायन 602 केंद्रों एवं इंटर की व्यावासायिक व कृषि वर्ग की परीक्षा 1812 केंद्रों पर हुई। इनमें हाईस्कूल में 10,695 तथा इंटर में 63,865 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। प्रथम पाली में 25,916 परीक्षार्थी तथा द्वितीय पाली 2,597 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। पूरे प्रदेश में मात्र एक नकलची पकड़ा गया।

    सचिव दिब्यकांत शुक्ला ने बताया कि परीक्षा व्यवस्था का लगातार अपडेट किया जा रहा है। सचिव कक्ष में पूरे प्रदेश के कंमाड एवं कंट्रोल रूम की निगरानी के लिए एक नया कंट्रोल रूम बना दिया गया है। यहां से सचिव एवं उनके अधीनस्थ अधिकारी भी नजर रखे हुए हैं। सचिव ने बताया कि परीक्षा केंद्रों के स्ट्रांग रूम पर सीसीटीवी कैमरे से दृष्टि रखी जा रही है। गूगल मीट के माध्यम से जिलों के शिक्षाधिकारियों को लगातार दिशा निर्देश दिया जा रहा है।

    गौरतलब है कि, बोर्ड परीक्षा में 55 लाख से अधिक परीक्षार्थियों ने पंजीकरण कराया है। आठ हजार से अधिक परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। तीन लाख से अधिक कक्ष निरीक्षक की तैनाती हुई है। सभी को क्यूआर कोड वाले आईकार्ड दिए गए हैं। उत्तर पुस्तिका को भी क्यूआर कोर्ड के दायरे में लाया गया है। परीक्षा में नकल रोकने के लिए एसटीएफ, लोकल खुफिया विभाग एवं पुलिस भी सक्रिय है।