Category: बाँदा

  • मुख्तार अंसारी के मामले में लापरवाही बरतने पर जेलर और दो डिप्टी जेलर निलंबित

    मुख्तार अंसारी के मामले में लापरवाही बरतने पर जेलर और दो डिप्टी जेलर निलंबित

    बांदा। जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के मामले में लापरवाही बरतने पर जेलर और दो डिप्टी जेलरों को निलंबित किया गया है। इनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू हो चुकी। मुख्तार अंसारी के जेल में रहते हुए वर्ष 2016 से अब तक दो जेल अधीक्षक तीन जेलर और छह डिप्टी जेलर निलंबित हो चुके हैं।

    एम्बुलेंस केस में मुख्तार अंसारी को गुरुवार को कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वह कोर्ट नहीं पहुंचा। वकील के माध्यम से जज को प्रार्थना पत्र भेजकर उसने बांदा जेल में अपनी जान को खतरा बताया। पत्र में लिखा कि 19 मार्च को उसे जो भोजन दिया गया था, उसमें विषैला पदार्थ मिला था। इसे खाने के बाद वह बीमार हो गया था। हाथ-पैर की नसों में तेज दर्द उठने लगा और ठंडे होने लगे। हालत ऐसी हो गई थी, जैसे उसके जान चली जाएगी।

    जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने रविवार को इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि पुराने मामले में जेलर योगेश कुमार, डिप्टी जेलर राजेश कुमार और अरविंद कुमार को सस्पेंड किया गया है। बीते माह डीआईजी जेल ने मंडल कारागार का निरीक्षण किया था। उन्होंने निरीक्षण के दौरान तीनों अफसरों की लापरवाही पाई थी। तीनों अफसरों के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। वहीं, इसको लेकर मुख़्तार अंसारी को लाने-ले जाने में लापरवाही बरते जाने को भी वजह बताया गया है।

  • कमीशन की हिस्सेदारी को लेकर दोस्तों ने ही युवक की हत्या की, भाड़े का हत्यारा समेत चार गिरफ्तार

    कमीशन की हिस्सेदारी को लेकर दोस्तों ने ही युवक की हत्या की, भाड़े का हत्यारा समेत चार गिरफ्तार

    बांदा। बैंक लोन पास कराने पर मिलने वाले कमीशन को लेकर हुए विवाद में तीन दोस्तों ने मिलकर हत्या की साजिश रची। साजिश के तहत एक भाड़े के हत्यारे के साथ मिलकर हत्या कर शव को देहात कोतवाली अंतर्गत जौरही गांव के जंगल में फेंक दिया था। शव की शिनाख्त होने के बाद भी पुलिस ने हत्यारों तक पहुंचाने के लिए कई दिनों तक हाथ पैर मरती रही। आखिरकार मोबाइल कॉल और सर्विलांस की मदद से पुलिस हत्यारे तक पहुंच गई। हत्या में शामिल चार अभियुक्तों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से मृतक का मोबाइल व आलाकत्ल बरामद कर लिया है।

    घटना की जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल ने गुरुवार को बताया कि 7 मार्च 2024 को थाना कोतवाली देहात के जौरही में एक व्यक्ति का शव बरामद हुआ था। जिसके संबंध में थाना कोतवाली देहात पर अभियोग पंजीकृत कर घटना के अनावरण के प्रयास किए जा रहे थे। सघन जांच एवं सर्विलांस की मदद से घटना का पुलिस द्वारा अनावरण करते हुए वारदात में शामिल चार अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में अभियुक्तों द्वारा बताया गया कि मृतक मनोज कुमार उर्फ बबली, आसेन्द्र उर्फ पिन्टू चित्रकूट, राज पटेल मरका बांदा व रामेश्वर गर्ग निवासी चित्रकूट एक साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक छावनी व कृषि विश्वविद्यालय में केसीसी लोन दिलाने का काम करते थे। यह लोगों से बदले में 25 प्रतिशत कमीशन लेते थे। मिलने वाले कमीशन में आसेन्द्र उर्फ पिन्टू व राजपटेल ज्यादा हिस्सा अपने पास रखते थे। इसी बात को लेकर मनोज उर्फ बबली नाराज था, जो बराबर हिस्से की मांग करता था। इसको लेकर इनका आपस में काफी विवाद हुआ।

    इस पर पिन्टू व राज पटेल ने मनोज को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। चूंकि मृतक मनोज व रामेश्वर गर्ग काफी अच्छे मित्र थे, इसलिए पिन्टू व राज पटेल ने उसे ज्यादा कमीशन का लालच देकर अपनी योजना में शामिल कर लिया और 6 मार्च की रात्रि को मनोज को उनके किराये के कमरे जरैली कोठी में लाने के लिए कहा। योजना के अनुसार समझौता का बहाना कर रामेश्वर, मनोज को लेकर पिन्टू व राज पटेल के कमरे जरैली कोठी पहुंचा। जहां पर उन दोनों ने पहले से ही हत्या के लिए 17000 रुपये देकर वीरेन्द्र उर्फ हलाले निवासी चित्रकूट को बुलाया था। जब मनोज कमरे पर पहुंचा तो सबने मिलकर पूर्वनियोजित तरीके से गमछा से गला कस कर व सिलौटी से सीने में हमला कर उसकी हत्या कर दी। शव को बोलेरो के माध्यम से जौरही के पास जंगल में फेंक दिया।

    पुलिस ने इनकी निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त गमछा, सिलौटी तथा हत्या के बाद शव को फेंकने में प्रयोग की गई बोलेरो गाड़ी बरामद कर ली है। वीरेंद्र उर्फ हलाले और राज पटेल शातिर अपराधी हैं जिनमें कई थानों में पहले से मुकदमे दर्ज है।

  • बीजेपी के सामने हैट्रिक की चुनौती, गठबंधन को बचानी होगी साख

    बांदा। लोकसभा चुनाव की दुंदुभी बज गई है। चुनाव की तारीखें घोषित होते ही सियासी गलियारों में सरगर्मी में बढ़ गई है। प्रशासन ने भी निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए कमर कस ली है। वहीं राजनीतिक पार्टियों ने अपने-अपने प्रत्याशियों के जीत के लिए रणनीति बनाना शुरू कर दी है। चित्रकूट मंडल में लोकसभा की दो सीटें हैं। चित्रकूट बांदा और हमीरपुर महोबा तिंदवारी लोकसभा सीटों पर पिछले 10 वर्षों से भाजपा काबिज है। इस बार पार्टी के सामने हैट्रिक बनाने की चुनौती होगी तो वही सपा कांग्रेस और बसपा को अपनी साख बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा।

    जिले की बांदा लोकसभा के बारे में कहा जाता है कि यहां पर कभी किसी एक दल का लंबे समय तक दबदबा नहीं रहा है। 2019 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को शानदार जीत मिली थी। 2019 के संसदीय चुनाव में बांदा लोकसभा सीट पर बीजेपी के आरके सिंह पटेल और समाजवादी पार्टी के श्यामा चरण गुप्ता के बीच मुकाबला रहा था। जिसमें बीजेपी के प्रत्याशी को जीत मिली।चुनाव में आरके सिंह पटेल ने 477,926 वोट हासिल किए तो श्यामा चरण गुप्ता को 418,988 वोट मिले। कांग्रेस के बालकुमार पटेल को तीसरे स्थान पर रहे और उन्हें 75,438 वोट मिले। इस तरह आरके सिंह पटेल ने 58,938 मतों के अंतर से यह चुनाव जीत लिया था। 2014 के आम चुनाव में भी बीजेपी को जीत मिली थी। बीजेपी की ओर से तब भैरों सिंह मिश्रा मैदान में थै।उन्होंने तब सपा प्रत्याशी रहे आरके सिंह पटेल को एक लाख से अधिक मतों के अंतर से हराया था।

    इस बार परिस्थितियों बदली है। पिछले लोकसभा चुनाव में सपा का बसपा से गठबंधन था। जबकि इस बार कांग्रेस से गठबंधन है। पिछले बार भी चुनाव मैदान में दो कुर्मी प्रत्याशी थे। इस बार भी दो प्रत्याशी मैदान में है। बीजेपी ने अपने सांसद आरके पटेल और गठबंधन में शिव शंकर सिंह पटेल को चुनाव मैदान में उतारा है। अभी तक बसपा ने अपने पत्ते नहीं खोले। तीसरे प्रत्याशी के रूप में बसपा से कोई ब्राह्मण चेहरा चुनाव मैदान में आ सकता है। ऐसी स्थिति में हिंदू मतों का विभाजन होगा और तब समाजवादी पार्टी कांग्रेस गठबंधन मजबूत स्थिति में होगा।

    कमोवेश यही स्थिति हमीरपुर महोबा तिंदवारी लोकसभा सीट की है। यहां से लगातार दो बार बीजेपी के पुष्पेंद्र सिंह चंदेल सांसद हैं। पार्टी ने उन्हें तीसरी बार मौका दिया है। 2019 के चुनाव में उन्होंने बसपा के प्रत्याशी दिलीप सिंह को करीब दो लाख मतों से हराया था। अब दिलीप सिंह ने भाजपा का दामन थाम लिया। ऐसी स्थिति में भाजपा पहले से ज्यादा मजबूत है। इस सीट पर भी सपा कांग्रेस प्रत्याशी को अपनी साख बचाने की लड़ाई लड़नी होगी।

    इन दोनों लोकसभा सीटों के लिए पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होगा। पिछले बार भी पांचवें चरण पर मतदान हुआ था। लेकिन हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र का मतदान चौथे चरण में हुआ था। राजनीति विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार सुधीर निगम का मानना है कि मई के महीने में मतदान होने पर चुनाव प्रचार और मतदान पर खासा असर पड़ेगा। क्योंकि बुंदेलखंड में मई और जून के महीने में भीषण गर्मी पड़ती है।

  • हाई स्कूल की छात्रा ने कर लिया सुसाइड, आरोपी युवक गिरफ्तार

    हाई स्कूल की छात्रा ने कर लिया सुसाइड, आरोपी युवक गिरफ्तार

    बांदा,। कालेज जाते समय प्रतिदिन छेड़खानी करने और मोबाइल से बात करने के लिए दबाव देने से परेशान हाईस्कूल की एक छात्रा ने साड़ी के सहारे कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मरने से पहले उसने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें गांव के उस लड़के का उल्लेख किया है। इस कारण वह आत्महत्या के लिए मजबूर हुई है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

    बिसंडा थाना क्षेत्र एक गांव में रहने वाली 18 वर्षीय छात्रा बबेरू के इंटर कॉलेज में हाईस्कूल की छात्रा थी। गांव का ही आलोक नाम का युवक कॉलेज जाते समय उसे रास्ते में रोककर बातचीत करने के लिए मजबूर करता था। यहां तक कि उसने जबरन उसे एक मोबाइल फोन भी दिया था। बात न करने पर तरह-तरह की धमकी देता था। इस बीच घर के लोगों को इस बात की जानकारी हो गई तो उन्होंने उस युवक की घर में शिकायत की थी। बेटी से भी बातचीत न करने की हिदायत दी थी।

    इसके बाद भी युवक आए दिन राह चलते छात्रा के साथ छेड़खानी करता था और बातचीत करने के लिए दबाव डालता रहता था। इसी बात से आजिज आकर आखिर उसने अपने कमरे में साड़ी के सहारे फांसी लगा ली। मंगलवार को आवाज देने के बाद भी जब वह कमरे से बाहर नहीं निकली तब भाई ने कमरे का छप्पर तोड़कर अंदर देखा तो बहन फांसी पर लटकी हुई थी। उसने मरने से पहले छोड़े गए सुसाइड नोट में लिखा है कि आलोक मेरे साथ छेड़खानी करता था और यह भी कहता था कि मेरा नाम अपनी मम्मी पापा से मत लेना, नहीं तुम्हें छोडूंगा नहीं। आलोक की रोज-रोज की धमकी से परेशान होकर मुझे अपने प्राण त्यागने पर मजबूर होना पड़ा है। उसने लिखा है पापा, जिस तरह से मुझे प्राण त्यागने पड़ रहे हैं उसी तरह से आलोक को भी मौत देना।

    सीओ बबेरू ने बताया कि मंगलवार को थाना बिसंडा क्षेत्र के रहने वाले एक व्यक्ति द्वारा थाना बिसंडा पर आकर प्रार्थना पत्र दिया गया कि उसकी पुत्री को उसके गांव के ही रहने वाले एक युवक द्वारा परेशान किया जाता है। जिससे परेशान होकर उसकी पुत्री ने फांसी लगा लिया। है।

    थाना बिसंडा पुलिस द्वारा अभियुक्त के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया गया है। आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है।

  • दबंग महिला ने पहले 25 लाख में बेच दी जमीन, फिर उसी जमीन में कर लिया कब्जा

    दबंग महिला ने पहले 25 लाख में बेच दी जमीन, फिर उसी जमीन में कर लिया कब्जा

    बांदा,। एक दबंग महिला ने 25 लाख 25 हजार में अपनी जमीन बेच दी। जमीन खरीदने वाले व्यक्ति ने जमीन को समतल करा कर उस पर चारों ओर से बाउंड्री बनाकर गेट लगवाया। तीन माह बाद इस महिला ने उस प्लांट पर अपना ताला लगाकर कब्जा कर लिया। जमीन का असली मालिक जमीन में कब्जे को लेकर अधिकारियों के दरवाजे पर दस्तक देकर जमीन वापस दिलाने की गुहार लगा रहा है।

    शहर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला सेढू तलैया निवासी वजीर खान पुत्र स्व नजीर खान ने जिला अधिकारी और डीआईजी चित्रकूट धाम परिक्षेत्र को प्रार्थना पत्र देकर बताया कि मेरा पुत्र अब्दुल रहमान सऊदी अरब में कई वर्षों से रहकर मजदूरी कर अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करता है। जिसने सऊदी अरब से आने के बाद भूरागढ़ की रहने वाली महिला से लगभग दो विस्वा से ज्यादा भूमिधरी जमीन लेकर 25 लाख 25 हजार में जमीन का बैनामा कराया, जिनकी रजिस्ट्री 25 अक्टूबर 2023 को हुई थी।

    रजिस्ट्री करवाने में लगभग साढे़ चार लाख रुपए का खर्च आया। रजिस्ट्री के बाद जमीन को समतलीकरण कर कर चारों ओर से बाउंड्री कराकर एक दरवाजा भी लगाया गया। इस पर लगभग ढाई लाख रुपए का खर्चा आया। जब मैं अपने परिवार के साथ उस प्लाॅट में रहने के उद्देश्य से गया तो उक्त दबंग महिला ने मुझे गाली-गलौज कर जान से मारने की धमकी देते हुए किसी गंभीर अपराध में फंसाने की चेतावनी देते हुए भगा दिया,जिससे मेरा पूरा परिवार परेशान है। महिला ने उक्त प्लाॅट पर अपना ताला लगाकर कब्जा कर लिया है।

    वजीर खान ने आरोप लगाया कि उक्त दबंग महिला शातिर व बदमाश किस्म की है। इसके पूर्व में भी कई लोगों को अपने जाल में फंसा कर पैसे ऐंठ चुकी है तथा कई लोगों को अपने चंगुल में फंसा कर उनकी हत्या भी कर चुकी है।उक्त महिला के पास आय का कोई स्रोत भी नहीं है। इसके बावजूद आय से अधिक संपत्ति अर्जित किए हुए हैं। उसने अपना आलीशान बंगला बना रखा है।

    वजीर खान ने आशंका व्यक्त की है कि अगर उक्त महिला के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो महिला द्वारा मेरे परिवार के ऊपर जानलेवा हमला कराया जा सकता है। पीड़ित व्यक्ति ने इस मामले में सोमवार को जिला अधिकारी से मिलकर महिला के खिलाफ कार्रवाई करने और जमीन वापस दिलाने की मांग की है।

  • नगर पालिका में बाबू ने फर्जी रसीदें थमाकर वसूले लाखों रुपये

    नगर पालिका में बाबू ने फर्जी रसीदें थमाकर वसूले लाखों रुपये

    बांदा,। नगर पालिका परिषद में गृह स्वामियों से लाखों रुपए वसूलकर उन्हें 100-200 रुपए की फर्जी रसीद थमाई जा रही हैं। इस बात का खुलासा उस समय हुआ जब मर्दननाका निवासी एक व्यक्ति से दो किस्तों में एक लाख रुपए लेकर बाबू ने दो फर्जी रसीदें थमा दी। पीड़ित व्यक्ति ने सोमवार को इस मामले की शिकायत जिलाधिकारी से की है।

    इस संबंध में मर्दन नाका के रहने वाले रज्जन खान पुत्र याकूब खां ने दिए गए शिकायती पत्र में आरोप लगाया कि मेरे दो मकान खुटला व छावनी में है। मैंने हाउस टैक्स के संबंध में नगर पालिका जाकर वहां तैनात क्लर्क गौरव पुत्र राघवेंद्र से संपर्क किया। उन्होंने बताया था कि तुम्हारे मकान का 19000 रुपये हाउस टैक्स बकाया है। यह राशि जमा करने के बाद ही मकान का नामांतरण हो सकता है। दोनों मकानों का खर्च करीब एक लाख रुपए बताया था। जिससे मैंने अलग-अलग दो किस्तों में उन्हें एक लाख रुपए दे दिए। रसीद मांगने पर कई दिनों तक इधर-उधर टहलाते रहे। बाद में 325 और 110 रुपए की फर्जी रसीद दी, जब मैंने क्लर्क गौरव को दिए गए रुपए के संबंध में नगरपालिका में अभिलेखों में जांच कराई तो पता चला कि मुझसे ली गई धनराशि की एंट्री कहीं भी नहीं है।

    इस बारे में पूछने पर उसने रसीद देने को कहा लेकिन कई दिन तक कार्यालय के चक्कर लगाने के बाद भी रसीद नहीं दी। भुक्त भोगी रज्जन खान ने बताया कि उक्त बाबू मेरे ही तरह कई गृह स्वामियों को चूना लगा चुका है। इसी कारण वह दो बार निलंबित भी हो चुका है। बहाल होने के बाद फिर भ्रष्टाचार में लिप्त हो जाता है। भुक्त भोगी गृह स्वामी ने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर इस मामले की जांच कराते हुए दोषी बाबू के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

  • कोर्ट ने गैंगस्टर के चार अपराधियों को चार-चार साल की सजा सुनाई

    कोर्ट ने गैंगस्टर के चार अपराधियों को चार-चार साल की सजा सुनाई

    बांदा,। जिले में गिरोह बनाकर समाज में भय व आतंक फैलाकर अपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने वाले चार गैंगस्टर एक्ट के आरोपियों को न्यायालय ने दोषी पाते हुए चार-चार साल की कड़ी सजा सुनाई है। साथ ही इन्हें छह-छह हजार रुपये जुर्माना से भी दंडित किया गया है।

    आरोपी गुड्ड उर्फ इस्लाम पुत्र जफर निवासी गुलाब बाग, शिव प्रसाद उर्फ बौरा पुत्र गेंदा लाल लोधी निवासी किलेदार का पुरवा, अमीर हसन उर्फ कारिया पुत्र इमामी निवासी निम्नी पार व परवेज उर्फ विचखापर पुत्र जुम्मन निवासी मयूर टाकीज के पास छावनी थाना कोतवाली नगर बांदा के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट का अभियोग पंजीकृत किया गया था। अभियोजन विभाग से समन्वय करके समयबद्ध रूप से साक्षियों का साक्ष्य कराकर प्रभावी पैरवी किए जाने के फलस्वरूप आज अपर सत्र न्यायाधीश एडीजे पंचम गैंगस्टर कोर्ट द्वारा आरोपियों 4-4 वर्ष के कठोर कारावास एवं सभी आरोपियों को छह-छह हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

    उल्लेखनीय है कि कोतवाली नगर थाना में गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज कर विवेचना निरीक्षक राजीव यादव द्वारा की गई थी। जिस पर न्यायालय में प्रभावी पैरवी पैरोंकर दिनेश कुमार, कोर्ट मोहर्रिर शांति व विशेष लोक अभियोजक गैंगस्टर एक्ट सौरभ सिंह के द्वारा कड़ी मेहनत करने के बाद आरोपियों को सजा दिलाई गई। यह फैसला अपर सत्र न्यायालय पंचम विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर एक्ट गुणेंद् प्रकाश ने सुनाया है।

    विशेष लोक अभियोजक गैंगस्टर एक्ट सौरभ सिंह ने बताया कि इसका एक संगठित गिरोह हैं। इस गैंग का गैंग लीडर गुड्डू उर्फ इस्लाम हैं। इसके गैंग में 4 सदस्य हैं, गैंग लीडर गुड्डू उर्फ इस्लाम एक हिस्ट्रीशीटर अपराधी हैं। इसके विरुद्ध जनपद में दर्जनों मुकदमें पंजीकृत हैं व गैंग के सक्रिय सदस्य अमीर हसन की भी जनपद का हिस्ट्री सीटर अपराधी हैं। इसके विरूद्ध अन्य जनपदों व बांदा में कुल 16 मुकदमे पंजीकृत हैं। जिसमे हत्या का प्रयास, लूट, राहजनी, बंद घरों में चोरी जैसे जघन्य अपराध शामिल है।

    इस गिरोह का समाज मे भय व आतंक तथा दहशत व्याप्त हैं। जिस कारण इनके विरूद्ध जनता का कोई भी व्यक्ति गवाही नहीं देता और न ही रिपोर्ट लिखाता हैं। यह गिरोह अन्य जनपदों में भी गैंग बना कर अपराध करता है। अपर सत्र न्यायाधीश गैंगस्टर एक्ट गुणेंद् प्रकाश ने अपने 38 पेज के आदेश में सभी आरोपियों को गैंगस्टर एक्ट में दोषी पाते हुए सजा सुनाई है।

  • हिरन का शिकार करते एक शिकारी गिरफ्तार, दो साथी फरार

    हिरन का शिकार करते एक शिकारी गिरफ्तार, दो साथी फरार

    बांदा। हिरनों का शिकार करना प्रतिबंधित है। इसके बाद भी जिन क्षेत्रों में बहुतायत हिरन पाए जाते हैं वहां अक्सर चोरी-छिपे शिकारी शिकार करते हैं। तमाम प्रयासों के बाद भी शिकारियों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। शुक्रवार को भी एक हिरन का शिकार किया गया। इस मामले में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। जबकि उसके दो साथी फरार होने में सफल हो गए हैं।

    अपर पुलिस अधीक्षक लक्ष्मी निवास मिश्रा ने इस सम्बंध में बताया कि एक फरवरी की रात्रि को तिंदवारी पुलिस गस्त कर रही थी। तभी मुखबिर की सूचना पर प्रताप निषाद उर्फ नब्बू निवासी रमपुरवा मुरवल थाना बबेरू को गिरफ्तार किया गया। जिसके कब्जे से एक मृत मादा हिरन का शव बरामद हुआ। आरोपी के पास एक सूत का जाल था और एक मोटरसाइकिल भी बरामद की गई है। पूछताछ पर उसने अपने दो साथियों के नाम भी बताएं, जो मौके से भागने में सफल रहे हैं। फरार अभियुक्त में राम सिंह उर्फ करिया व सुरेश निषाद उर्फ करिया निवासी मुरवल थाना बबेरू हैं। जिन्हें पकड़ने के लिए दबिश दी जा रही है।

    बताते चलें कि चित्रकूट धाम मंडल के बांदा में हिरणों की संख्या अच्छी है। यहां के किसानों का कहना है कि मिरगहनी, तिंदवारी, पिपरहरी, तेरहीमाफी, महोखर, पपरेन्दा, चिल्ला, दहौत्रारा, रेहुनता, खपटिहा, लामा, लुकतरा, पथरी, करहिया, मोहन पुरवा, गोयरा मुगली,अछरौड, मरौली, मौदहा में सैकड़ों काले हिरन खेतों और जंगलों में आराम से देखे जा सकते हैं। यही कारण हैं कि यहां हिरनों का शिकार लोग आसानी से कर लेते हैं। जिसको देखते हो वन विभाग भी अब पहले के मुकाबले काफी सतर्क हो गया है। यहां काले हिरनों संख्या 600 बताई जा रही है।

  • प्रशासन की तमाम कोशिशें नाकाम, नाबालिग लड़की की 35 वर्षीय युवक से हो गई शादी

    प्रशासन की तमाम कोशिशें नाकाम, नाबालिग लड़की की 35 वर्षीय युवक से हो गई शादी

    बांदा। जनपद में एक नाबालिग लड़की की 35 वर्षीय युवक से शादी हो गई। इस दौरान पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी तमाम कोशिशों के बाद भी बेमेल शादी रोकने में नाकाम रहे। पहले पुलिस ने लड़की की मां से शादी न करने संबंधी कागज़ात में हस्ताक्षर करा लिए थे। बाद में यह कहकर शादी की इजाजत दी गई कि लड़की आधार कार्ड में 18 साल यानि बालिग हो चुकी है। जबकि लड़की की बुआ व ताई ने थाने में तहरीर देकर लड़की को नाबालिग बताते हुए उम्र 16 साल बताया था।

    जिले के जसपुरा थाना क्षेत्र अंतर्गत एक गांव में लड़की की मां अपनी नाबालिग बेटी की शादी कर रही थी। बारात मंगलवार 30 जनवरी को आने वाली थी। इधर पत्रकारों की एक टीम को जब इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने इस बारे में कमिश्नर चित्रकूट मंडल और पुलिस अधीक्षक को जानकारी दी। इस पर लिखित शिकायत दर्ज कराने की बात कही गई। तब लड़की की ताई और बुआ ने जसपुरा थाने में लिखित शिकायत दी। जिसमें बताया गया कि लड़की की मां नाबालिग बेटी की जबरन शादी कर रही है। परिवार रजिस्टर में उसकी उम्र 16 साल दर्ज है। इस शिकायत पर थानाध्यक्ष राजेंद्र सिंह राजावत सक्रिय हुए। उन्होंने लड़की की मां और बेटी के बयान दर्ज किया, साथ ही मां से लिखित आश्वासन लिया कि वह अपनी बेटी की शादी नहीं करेगी। इसके बाद जिला प्रोबेशन अधिकारी मीनू सिंह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचकर, लड़की और उसकी मां के बयान दर्ज करने के बाद मां से लिखित लिया कि वह अपनी बेटी की शादी नहीं करेगी।

    इस बीच लड़की की मां इस बात का दावा करती रही कि हमारी लड़की बालिग हो चुकी है, जनवरी 2024 में 18 वर्ष की हो गई है। साक्ष्य के रूप में आधार कार्ड दिखाया गया। इधर पुलिस प्रशासन की चहलकदमी से गांव में शाम तक हड़कंप मचा रहा। अंततः देर शाम आधार कार्ड को उम्र का सही सर्टिफिकेट मानते हुए पुलिस ने शादी की इजाजत दे दी और इस तरह प्रशासन की तमाम कोशिश नाकाम हो गई।

    इस बारे में अपर पुलिस अधीक्षक अधीक्षक लक्ष्मी निवास मिश्र का कहना है कि एसडीम और थाना प्रभारी ने गांव जाकर जांच पड़ताल की, जिसमें लड़की के बालिग होने की बात सामने आई है। वन स्टाप केंद्र ने भी जांच पड़ताल की है। इसी तरह निदेशक उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी चित्रकूट धाम मंडल पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि लड़की पढ़ी-लिखी नहीं है। परिवार रजिस्टर में 16 साल जबकि आधार कार्ड में 18 साल उम्र दर्ज है। जिला बाल संरक्षण अधिकारी व वन स्टाप सेंटर, बाल कल्याण अधिकारी ने इस मामले की जांच की है। वही एसडीएम पैलानी शशि भूषण मिश्र का कहना है कि गांव वालों, लड़की और उसके मां के बयान लिए गए हैं। सभी के बयानों के आधार पर लड़की के बालिग होने की बात सामने आई है। आधार कार्ड के हिसाब से लड़की जनवरी में 18 साल की हो चुकी है।

    बता दें कि उम्र के दावे को लेकर सिर्फ आधार कार्ड और परिवार रजिस्टर को लेकर प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस उलझी रही। जबकि मेडिकल टीम से जांच कराई जानी चाहिए थी, पर इसे पुलिस व प्रशासन ने जरूरी नहीं समझा। लड़की बालिग है या नाबालिग है इस पर किसी भी अधिकारी को दावे से बात नहीं कर रहा है। कुल मिलाकर तमाम कोशिशों के बाद भी एक नाबालिग लड़की की शादी रुक नहीं सकी है।