Category: लखनऊ

  • उप्र के अंबेडकरनगर के बसपा सांसद रितेश पांडेय का पार्टी से इस्तीफा

    उप्र के अंबेडकरनगर के बसपा सांसद रितेश पांडेय का पार्टी से इस्तीफा

    लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर लोकसभा क्षेत्र से बसपा के सांसद रितेश पांडेय ने रविवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। पांडेय उन सांसदों में शामिल थे जिन्होंने संसद के हालिया सत्र के दौरान संसद की कैंटीन में प्रधानमंत्री के साथ लंच किया था।

    बसपा अध्यक्ष मायावती को भेजे इस्तीफे में रितेश पांडेय ने कहा, मैंने आपसे तथा शीर्ष पदाधिकारी से संपर्क के लिए अनगिनत प्रयास किए लेकिन उसका कोई परिणाम नहीं निकला। इस अंतराल में मैं अपने क्षेत्र में एवं पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों से निरंतर मिलता-जुलता रहा। क्षेत्र के कार्यों में जुटा रहा। ऐसे में मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि पार्टी को मेरी सेवा और उपस्थिति की अब आवश्यकता नहीं रही। इसलिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देने के अलावा मेरे समक्ष कोई विकल्प नहीं है।

    पांडेय ने मायावती को लिखे पत्र में कहा, बसपा के जरिए सार्वजनिक जीवन में जब से मैंने प्रवेश किया, आपका मार्गदर्शन मिला, पार्टी पदाधिकारी का सहयोग मिला तथा पार्टी के जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं ने मुझे हर कदम पर अंगुली पड़कर राजनीति एवं समाज की गलियों में चलना सिखाया। पार्टी ने मुझे उत्तर प्रदेश विधानसभा और लोकसभा में प्रतिनिधित्व करने का अवसर प्राप्त किया। पार्टी ने मुझे लोकसभा में संसदीय दल के नेता के रूप में कार्य का अवसर भी दिया। इस विश्वास के लिए मैं आपके, पार्टी कार्यकर्ताओं एवं समर्थकों के प्रति हृदय की गहराइयों से आभार व्यक्त करता हूं। लंबे समय से मुझे ना तो पार्टी की बैठक में बुलाया जा रहा था, ना ही नेतृत्व के स्तर पर संवाद किया जा रहा है। पार्टी से नाता तोड़ने का यह निर्णय भावनात्मक रूप से एक कठिन निर्णय है। मैं इस पत्र के माध्यम से बसपा की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देता हूं।

    मायावती ने एक्स पर लिखा-

    मायावती ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा है कि बसपा राजनीतिक दल के साथ ही बाबासाहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के मिशन को समर्पित मूवमेन्ट भी है। इस कारण इस पार्टी की नीति व कार्यशैली देश की पूंजीवादी पार्टियों से अलग है। जिसे ध्यान में रखकर ही चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार भी उतारती है। अब बसपा के सांसदों को इस कसौटी पर खरा उतरने के साथ ही स्वंय जांचना है कि क्या उन्होंने अपने क्षेत्र की जनता का सही ध्यान रखा। मीडिया द्वारा यह सब कुछ जानने के बावजूद इसे पार्टी की कमजोरी के रूप में प्रचारित करना अनुचित है। बसपा का पार्टी हित सर्वोपरि है। हालांकि मायावती ने अपने पोस्ट में रितेश पांडेय के नाम का कहीं भी जिक्र नहीं किया है।

  • पेपर लीक भाजपा सरकार द्वारा नकल माफिया को संरक्षण का परिणाम : कांग्रेस

    लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक होने पर कांग्रेस ने भाजपा योगी आदित्यनाथ सरकार को आड़े हाथों लेते हुए उत्तर प्रदेश के नौजवानों को धोखा देना बताया है और मांग की है कि उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती के अभ्यर्थियों को प्रदेश की भाजपा सरकार मुआवजा दे।

    प्रदेश प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि हर बार की तरह इस बार भी उत्तर प्रदेश में भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सिर्फ मंचों से भाषणों में नकल को रोकने की बात करते रहे, प्रदेश के 50 लाख परिवारों ने अपने पेट काट – काट कर अपने बच्चों को परीक्षा की तैयारी कराई। अपनी आजीविका से पैसे बचाकर कोचिंग कराई, नौजवान सुबह 4:00 बजे उठकर दौड़ लगा रहे थे कि उनको नौकरी मिलेगी, लेकिन भाजपा योगी आदित्यनाथ सरकार ने नौकरी देने के बजाय प्रदेश में नकल माफिया के राज को बढ़ावा दिया। इसीलिए प्रदेश में अधिकांश भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हो गए।

    अंशू अवस्थी ने कहा भाजपा सरकार ने 2017 में प्रदेश के नौजवानों को 70 लाख नौकरियां देने का वादा किया था और वादा किया था कि सरकार बनने के 100 दिन के अंदर खाली पदों की सभी विज्ञप्तियां जारी की जाएगी, लेकिन सरकार बनते ही आलम यह हो गया की अधिकांश परीक्षाओं के पेपर लीक हुए और यहां तक कि अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड के अध्यक्ष को इस्तीफा तक देना पड़ा। 2017 में भाजपा सरकार बनते ही नकल माफिया हावी हो गए और पेपर लीक अभियान शुरू हो गया।

    प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने कहा कि वादा था 70 लाख रोजगार देकर नंबर वन बनाने का लेकिन बना दिया पेपर लीक कराने में उत्तर प्रदेश को नम्बर वन। कांग्रेस पार्टी की मांग करती है,कि नौजवानों ने और उनके परिवारों ने एक अच्छा खासा पैसा इस भर्ती परीक्षा तैयारी में खर्च किया उन्हें उम्मीदें थी, लेकिन सरकार अपने वादे पर खरा नहीं उतर पाई।

  • मुख्यमंत्री की फ्लीट के सामने कुत्ता आने से वाहन अनियंत्रित, 12 घायल

    मुख्यमंत्री की फ्लीट के सामने कुत्ता आने से वाहन अनियंत्रित, 12 घायल

    लखनऊ। लखनऊ के अर्जुनगंज में शनिवार की शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फ्लीट के सामने कुत्ता आ जाने से वाहन अनियंत्रित हो गए। अनियंत्रित वाहनों के आपस में टकराने से उसमें सवार सात पुलिस कर्मी सहित कुल 12 लोग घायल हो गए।

    घायल पुलिसकर्मियों को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना की सूचना मिलती ही प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, डीजीपी प्रशांत कुमार घायलों का हालचाल लेने सिविल अस्पताल पहुंचे।

    इसके बादा ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर उपेंद्र कुमार अग्रवाल, जिलाधिकारी सहित तमाम भी अधिकारी सिविल अस्पताल पहुंच गए हैं। वहीं घायलावस्था में सिविल अस्पताल पहुंचाई गई तीन महिलाओं को ट्रामा सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया है। सिविल अस्पताल के बाहर जुटी भीड़ को पुलिस प्रशासन द्वारा हटाया जा रहा है।

  • सपा के पांच और बसपा के दो पूर्व विधायक भाजपा में शामिल

    सपा के पांच और बसपा के दो पूर्व विधायक भाजपा में शामिल

    लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी एवं उप मुख्यमंत्री द्वय केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक के समक्ष बुधवार को पार्टी के राज्य मुख्यालय पर सपा, बसपा व कांग्रेस के कई नेता भाजपा में शामिल हुए। भाजपा की सदस्यता लेने वालों में कई सपा के एक पूर्व सांसद समेत सपा के पांच एवं बसपा के दो पूर्व विधायक समेत प्रदेश स्तर के कई नेता भाजपा में शामिल हुए। भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने विभिन्न दलों से आए नेताओं का पटका पहनकार स्वागत किया।

    इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि 10 साल केन्द्र और 7 वर्ष उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व व भाजपा सरकार की सेवा, सुशासन तथा गरीब कल्याण की नीति के कारण जनमानस का स्नेह, समर्थन एवं विश्वास लगातार भाजपा के प्रति बढ़ रहा है।

    उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि आज विश्व पटल पर भारत की धाक भी बढ़ी है। धमक भी बढ़ी है। आज मोदी की गारन्टी विश्वास की गारन्टी है। खुशहाली की गारन्टी है। मिशन 2024 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रदेश की सभी 80 सीटों पर कमल खिलाने के लिए मिलकर काम करना है।

    भाजपा में शामिल होने वाले प्रमुख नेता

    प्रदेश अध्यक्ष के समक्ष सपा के पूर्व सांसद शीशराम सिंह रवि, सपा के पूर्व विधायक कालीचरन सोनकर, बसपा के पूर्व एमएलसी अनिल कुमार अवाना, सपा के पूर्व विधायक कमलेश दिवाकर, सपा से पूर्व विधायक अम्बेश कुमारी, सपा के पूर्व विधायक भोनूराम सोनकर व सपा के पूर्व विधायक डॉ. राम प्रकाश कुशवाहा भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। वहीं बसपा के पूर्व पश्चिम उत्तर प्रदेश प्रभारी डॉ. दानिश कमाल और बसपा से तीन बार विधायक छब्बू पटेल भी भाजपा में शामिल हुए।

    भाजपा में शामिल होने वाले अन्य नेतागण

    सपा सरकार में मंत्री रहे स्वर्गीय राजेन्द्र सिंह राणा की पुत्री प्रियम्वदा राणा, सपा से पूर्व विधानसभा प्रत्याशी डॉ. ऋचा सिंह , फेडरेशन ऑफ नोएडा रेजिडेन्टस वेलफेयर ऐसोसिएशन के अध्यक्ष योगेन्द्र शर्मा, उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश महासचिव हरिओम कठेरिया, पूर्व सांसद स्वर्गीय रामनाथ दुबे के पुत्र राजेश कुमार दुबे, लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय महासचिव राजेश कोरी, बहुजन समाज दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुखलाल गौतम, झांसी से बसपा के पूर्व जिलाध्यक्ष आर.के. अहिरवार, बड़ी संख्या में अपने समर्थकों के साथ भाजपा परिवार में शामिल हुए।

    इसके अलावा बसपा के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी संतोष कुमार कुशवाहा (ललितपुर), सपा के पूर्व एमएलसी प्रत्याशी मनोज कुमार यादव (जौनपुर), पूर्व प्रदेश सचिव सपा छात्रसभा विवेक यादव (जौनपुर), सपा के सुल्तानपुर जिला उपाध्यक्ष अफजल अंसारी, सपा महिला मोर्चा की प्रदेश सचिव रेनु बाला, व दीपक कुमार गुप्ता प्रमुख रूप से अपने समर्थकों के साथ सम्मिलित हुए।

    भाजपा में शामिल होने वाले नगर पंचायत अध्यक्ष

    झांसी से डॉ. अरूण मिश्रा, मेंडू हाथरस से सचेन्द्र कुशवाहा, मुण्डरेवा बस्ती से सुनील सिंह, सादाबाद हाथरस से हेमलता, भरगेंन कासगंज से चमन खां, मोहनपुर कासगंज से पुनीत यादव, सिढ़पुरा कासगंज से कंचन गुप्ता, उसावां बदायूं से प्रियंका चौहान अपने समर्थको के साथ भाजपा परिवार में सम्मिलित हुए। इसके साथ ही बड़ी संख्या में ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत सदस्य व पार्षदों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।

  • अंदरूनी कलह से परेशान सपा, बसपा की ओर बढ़ रही कांग्रेस

    अंदरूनी कलह से परेशान सपा, बसपा की ओर बढ़ रही कांग्रेस

    लखनऊ। ‘इंडिया’ गठबंधन से अलग होने की ओर अग्रसर समाजवादी पार्टी अपने लोगों को भी एकजुट करने में विफल होती जा रही है। इस बिखराव से जहां भाजपा खुश है, वहीं कांग्रेस ने अंदरखाने बसपा पर डोरे डालने शुरू कर दिये हैं। समाजवादी पार्टी में अंदरूनी कलह और कांग्रेस से अलग राह अपनाने का असर तो लोकसभा चुनाव परिणाम आने पर पता चलेगा, लेकिन दोनों ही दलों के कार्यकर्ताओं में निराशा है।

    समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच पड़ी दरार बढ़ती जा रही है। सिर्फ दोनों दल यह देख रहे हैं कि इसके टूट की घोषणा हम न करें, वरना दूसरे साथी दल नाराज होंगे। इधर कांग्रेस पिछले एक चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर देख चुकी है, जिसमें उसको कोई फायदा नहीं हुआ था। इस कारण उसका झुकाव ज्यादा बसपा के साथ है, लेकिन बसपा गठबंधन से अलग राह अपना चुकी है।

    सूत्रों का कहना है कि अब भी बसपा के साथ बात चल रही है। उप्र में बसपा के साथ बात बन जाती है तो फिर समाजवादी पार्टी को कांग्रेस किनारे कर देगी। बसपा के साथ जाने में कांग्रेस को फायदा दिख रहा है। प्रियंका गांधी वाड्रा भी समाजवादी पार्टी के बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन पर ज्यादा ध्यान केन्द्रित कर रही हैं।

    उधर समाजवादी पार्टी से राष्ट्रीय लोक दल भी अलग हो चुका है। उसके वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी अलग राह अपना लिया। वहीं पल्लवी पटेल ने राज्यसभा के होने वाले चुनाव के लिए बागी तेवर दिखा दिये। इससे समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता उलझन में आ गये हैं और अपनों को मनाने में जुट गये हैं।

    इस संबंध में राजनीतिक विश्लेषक व वरिष्ठ पत्रकार राजीव मिश्र का कहना है कि कांग्रेस की अहम के कारण क्षेत्रीय पार्टियां गठबंधन से अलग होती जा रही हैं। इससे कांग्रेस को ही नुकसान होगा। उप्र में तो कांग्रेस का गठबंधन नहीं हुआ तो उसको खाता खोलना भी मुश्किल हो जाएगा।

  • आजमगढ़ और कन्नौज में यदुवंश समाज से सम्पर्क में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव

    आजमगढ़ और कन्नौज में यदुवंश समाज से सम्पर्क में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव

    लखनऊ। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव आजकल उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ और कन्नौज के यदुवंश समाज से सम्पर्क में है और 03 मार्च को लखनऊ में यादव महाकुंभ कार्यक्रम को लेकर समाज के लोगों से वार्ता कर रहे हैं। यादव महाकुंभ के आयोजक मनीष यादव ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को महाकुंभ के लिए आमंत्रित किया है। मनीष यादव और उनके टीम के सदस्य दिन-रात एक कर यदुवंश समाज को एकत्रित करने में जुटे हैं।

    श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पक्षकार मनीष यादव ने यदुवंश समाज को एकत्रित करने के लिए महाकुंभ का आयोजन किया है। जिसमें मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव रुचि लेकर अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने उत्तर प्रदेश के भाजपा के सक्रिय नेताओं से भी वार्ता की है। यादव महाकुंभ के माध्यम से मुख्यमंत्री डॉ मोहन यदुवंश समाज के लोगों को सांस्कृतिक संदेश देने वाले हैं।

    मोहन यादव की सक्रियता से समाजवादी पार्टी में मंथन

    उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के वोट बैंक माने जाने वाले यदुवंश समाज के लोगों के बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डाॅ मोहन यादव की सक्रियता बढ़ी है। इससे समाजवादी पार्टी में मंथन का दौर जारी है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के सम्पर्क वाले क्षेत्र में समाजवादी पार्टी ने अभी प्रत्याशी की घोषणा भी नहीं की है, सिर्फ धर्मेन्द्र यादव को प्रभारी बना दिया है।

    आजमगढ़ में डॉ मोहन यादव की लोकप्रियता

    उत्तर प्रदेश के ग्रामीण अंचल वाले यदुवंश बाहुल्य आजमगढ़ जनपद में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की लोकप्रियता सर्वाधिक है। मोहन यादव की लोकप्रियता के कारण आजमगढ़ के भाजपा सांसद दिनेश लाल यादव उर्फ निरहु बेहद प्रसन्न है। दिनेश लाल अपने लोकसभा क्षेत्र में फिर से मैदान में आने के लिए यादव महाकुंभ में अपनी भूमिका निभाने में जुटे हैं।

  • उप्र में 12.80 लाख करोड़ से 26 लाख करोड़ के पार पहुंचा बैंकिंग व्यवसाय : योगी आदित्यनाथ

    उप्र में 12.80 लाख करोड़ से 26 लाख करोड़ के पार पहुंचा बैंकिंग व्यवसाय : योगी आदित्यनाथ

    लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में बैंकों का सीडी रेशियो (ऋण जमानुपात) 58.59 प्रतिशत होने पर प्रसन्नता जताते हुए आगामी वित्तीय वर्ष में इसे 65 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि 2016-17 में प्रदेश में 12.80 लाख करोड़ का बैंकिंग बिजनेस था जो आज 26.80 लाख करोड़ के पार हो गया है। यह उत्साहजनक है।

    उन्होंने कहा कि लक्ष्य हासिल करने के लिए बैंकों को हर संभव सहायता और सुरक्षा मुहैया कराएगी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने डिजिटल बैंकिंग और वित्तीय साक्षरता का कवरेज सभी 75 जिलों तक करने के लिए मिशन मोड में काम करने का आह्वान किया है।

    मुख्यमंत्री योगी ने बुधवार को अपने सरकारी आवास पर राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में चालू वित्तीय वर्ष के दिसंबर 2023 में समाप्त तिमाही की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि हर जरूरतमंद और ऊर्जावान युवा को ऋण के रूप में वित्तीय प्रोत्साहन उपलब्ध कराने के हमारे प्रयासों में बैंकों ने सराहनीय भूमिका निभाई है। ऋण मेलों का यह क्रम आगे भी सतत जारी रहे। बैंक लोन देने में संकोच न करें। सरकार अपनी हर योजना में ऋण दिलाने से पहले लाभार्थी का प्रशिक्षण, क्षमता वृद्धि जरूर सुनिश्चित करायेगी।

    राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘फैमिली आईडी’ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सभी बैंक, केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों का पूरा डेटा उपलब्ध करायें। ताकि प्रदेश के हर परिवार की स्थिति का सही आकलन किया जा सके। अटल पेंशन, जीवन ज्योति बीमा, जनधन सहित विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में प्रधानमंत्री के विजन के अनुसार हर नागरिक को सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं का लाभ दिलाया जा रहा है।

    विशेष बैठक में मुख्यमंत्री ने वित्तीय समावेशन के प्रयासों में ‘वन जीपी-वन बीसी’ (एक ग्राम पंचायत-एक बीसी सखी) कार्यक्रम की सराहना करते हुए बैंकों को बीसी सखियों को और प्रोत्साहन देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इस एक कार्यक्रम ने महिलाओं को सशक्त और स्वावलम्बन बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है और यह फाइनेंशियल इनक्लूजन का शानदार उदाहरण बनकर उभरा है। वहीं, हालिया पेटीएम पेमेंट बैंक प्रकरण से उपजी स्थितियों से प्रभावित बीसी सखियों की समस्याओं का तत्काल समाधान करने पर जोर दिया। बैंकों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कवरेज बढ़ाने और सीसीटीवी फुटेज को पुलिस व प्रशासन को आवश्यकतानुसार उपलब्ध कराने के लिए सुचारू व्यवस्था बनाने की जरूरत बताई।

    इस विशेष अवसर पर मुख्यमंत्री ने बड़ौदा-यूपी ग्रामीण बैंक और आर्यावर्त ग्रामीण बैंक को राज्यांश प्रदान किया, साथ ही 1.10 लाख किसान क्रेडिट कार्ड, 1111 बैंकिंग आउटलेट का शुभारंभ और 10 बीसी सखियों को टूल किट वितरित किये।

    बैठक में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की सीजीएम निशा नाम्बियार की भी विशेष उपस्थिति रही। उन्होंने डिजिटल बैंकिंग के विस्तार पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने बैंकर्स कमेटी की बैठक राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रत्येक तीन माह में और जनपद में प्रत्येक माह करने के निर्देश भी दिए। इस मौके पर समग्र ग्रामीण विकास कार्यक्रम के तहत एचडीएफसी बैंक द्वारा 150 वनटांगिया गांवों को अपनाने की प्रमाण पत्र भी प्राप्त किया गया। बैंक इन ग्रामों में 75 स्मार्ट क्लासेज का निर्माण के साथ ही ही विकास के अनेक कार्य कराएगा।

    ऐसे बेहतर हुई वित्तीय स्थिति

    ● 2016-17 में बैंकों द्वारा प्रदेश में कुल 137452 करोड़ ऋण वितरित किया गया था। जबकि 2022-23 में कुल 300430 करोड़ का ऋण दिया गया। और दिसंबर 2023 तक 298551 करोड़ का ऋण वितरित जा चुका है।

    ● 07 वर्ष में 2,42,097 नए बैंकिंग आउटलेट की स्थापना।

    ● 07 वर्ष में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत 167 लाख नए लाभार्थी जुड़े।

    ● 07 वर्ष में प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत 459 लाख नए लाभार्थी जुड़े।

    ● केंद्र पोषित विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में यूपी नम्बर एक

  • अखिलेश के पीछे हटते सपा-कांग्रेस में गठबंधन होना तय

    अखिलेश के पीछे हटते सपा-कांग्रेस में गठबंधन होना तय

    लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के एक कदम पीछे हटते ही उत्तर प्रदेश में कांग्रेस से गठबंधन होना तय हो गया। कांग्रेस को गठबंधन में 13 सीटें दे रहे अखिलेश यादव ने अब 17 सीटों को लेकर अपनी सहमति दे दी है। इसके साथ ही श्रावस्ती और वाराणसी की सीटों पर समाजवादी पार्टी समझौता कर पीछे हटेगी।

    पश्चिम उत्तर प्रदेश के दौरे पर अखिलेश यादव ने कहा कि अंत भला तो सब भला। गठबंधन में कांग्रेस को 17 सीटें दे रहे हैं। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन होगा। दोनों दल साथ में लोकसभा चुनाव में आयेंगे।

    समाजवादी पार्टी ने वाराणसी में सुरेन्द्र पटेल को पहले से प्रत्याशी बनाकर घोषित किया था। यह सीट गठबंधन में कांग्रेस के खाते में जायेगी। माना जा रहा है कि इस सीट से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय या पूर्व प्रत्याशी राजेश मिश्रा चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। इसी तरह अमरोहा सीट मांग रही कांग्रेस को समाजवादी पार्टी ने सीतापुर सीट देने पर सहमति जतायी है। सीतापुर की तरह ही श्रावस्ती सीट पर भी अब कांग्रेस का प्रत्याशी उतरेगा।

  • सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने राजा भैया से मिलकर मांगा समर्थन

    सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने राजा भैया से मिलकर मांगा समर्थन

    लखनऊ। राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी रूठों को मनाकर वोट पाने की जुगत में हर संभव प्रयास कर रही है। इसी क्रम में मंगलवार को सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल जनसत्ता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया से मिले।

    उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों पर होने वाले मतदान तक सियासी रोमांच खत्म होता नहीं दिख रहा है। इस चुनाव में प्रमुख रूप से भाजपा और सपा के बीच सियासी दांव-पेंच और रणनीति की अग्निपरीक्षा का दौर जारी है। राज्यसभा के लिए भाजपा ने आठ उम्मीदवार उतारे हैं, तो वहीं सपा के तीन उम्मीदवार मैदान में है।

    संख्या बल के लिहाज से भाजपा के सात उम्मीदवारों का तो राज्यसभा जाना लगभग तय था, लेकिन ऐंन वक्त में भाजपा ने समाजवादी पार्टी की गणित बिगाड़ दी। चुनाव में उतारे गए सपा के तीन उम्मीदवारों की जीत में रोड़ा अटकाते हुए भाजपा ने आठवां उम्मीदवार उतारकर सपा के एक उम्मीदवार की नैया डूबाने का पूरी जाल बिछा दिया है। अपनी सियासी रणनीति और तैयारी में बुरी तरह से फंसी सपा और उनके प्रमुख अखिलेश यादव ऐसे में विधानसभा में दूसरे दलों के नेताओं को मनाने में जुट गए हैं ताकि उनके उतारे गए तीनों उम्मीदवार जीतने में कामयाब रहे। इसके लिए उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को दूसरे दलों के प्रमुख और विधायकों से सम्पर्क साधा जा रहा है।

    इसी क्रम में आज (मंगलवार) को सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल जनसत्ता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया के राजधानी में स्थित आवास पर पहुंचे। चर्चा है कि इस दौरान उन्होंने राज भैया से मिलकर राज्यसभा चुनाव में अपना और अपने दल के विधायकों का समर्थन दिए जाने का प्रस्ताव रखा। यह मुलाकात राजनीतिक गलियारों में तेजी से सुर्खियों में छा गई। हालांकि दोनों ही दलों के नेताओं ने इस मुलाकात को केवल शिष्टाचार का हिस्सा बताया है लेकिन सियासत में इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं।

    वरिष्ठ पत्रकार अंजनी निगम ने बताया कि इन दिनों सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव विपक्षी गठबंधन के बिखराव से जूझ रहे हैं। लोकसभा चुनाव में उनकी तैयारियों के बीच पार्टी के सहयोगी दल रहे राष्ट्रीय लोकदल के बाद अपना दल कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल ने तो अखिलेश यादव के पीडीए के दावे तक पर सवाल उठाते हुए राज्यसभा में वोट न करने की बात कही है। वहीं सपा के कई नेता जैसे स्वामी प्रसाद मौर्य ने तो पार्टी और विधान परिषद की सदस्यता तक से त्यागपत्र दे दिया है। वहीं एक अन्य नेता ने भी राज्यसभा चुनाव में खुलकर बगावती तेवर अपना लिए हैं। इसके साथ ही अंतर्कलह के चलते सपा के कई विधायकों के अखिलेश यादव के खिलाफ जाकर क्रास वोटिंग तक किए जाने के आसार हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव से पूर्व राज्यसभा के लिए हो रहे चुनाव भी सपा अध्यक्ष के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगी। ऐसे में दूसरों दलों से समर्थन मांगना राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए कोई गलत नहीं है। सियासत में सब संभव है। हालांकि भाजपा के लिए अपने आठवें उम्मीदवार को जीतना आसान नहीं है लेकिन सत्ता पक्ष में होने के नाते कुछ भी संभव है।

  • सपा ने जारी की पांच लोकसभा उम्मीदवारों की सूची, शिवपाल बदायूं से लड़ेंगे चुनाव

    सपा ने जारी की पांच लोकसभा उम्मीदवारों की सूची, शिवपाल बदायूं से लड़ेंगे चुनाव

    लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) में लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी उम्मीदवारों को घोषित किए जाने का क्रम जारी है। पार्टी ने मंगलवार को एक संशोधित उम्मीदवारों की सूची जारी की है। इसमें पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव को बदायूं लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया है।

    सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी के सोशल मीडिया अकाउंट एक्स से लोकसभा उम्मीदवारों की सूची आज देर शाम जारी की है। इसमें कुल पांच सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की गई है। अखिलेश ने इसमें चाचा शिवपाल यादव को बदायूं सीट से चुनाव मैदान में उतारने का निर्णय लिया है। कैराना से इकरा हसन, बरेली से प्रवीण सिंह ऐरन, हमीरपुर से अजेंद्र सिंह राजपूत और यूपी की सबसे खास और चर्चित सीट वाराणसी से सुरेन्द्र सिंह पटेल को उम्मीदवार बनाकर प्रधानमंत्री और काशी के सांसद नरेन्द्र मोदी के सामने उतारा है।

    इन्हें बनाया लोकसभा प्रभारी

    अखिलेश यादव ने धर्मेन्द्र यादव को आजमगढ़ लोकसभा सीट का प्रभारी बनाया है। इसी तरह अमरोहा महबूब अली और बागपत में मनोज चौधरी को लोकसभा प्रभारी की जिम्मेदारी दी है। प्रदेश की इत्र नगरी कन्नौज लोकसभा सीट रामअवतार सैनी को लोकसभा प्रभारी की अहम दायित्व सौंपा गया है।

    तमिलनाडु की सपा इकाई भंग

    लोकसभा चुनाव तैयारियों के बीच में राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी के तमिलनाडु इकाई के लिए बड़ा निर्णय लिया है। सपा अध्यक्ष के निर्देश पर आज तमिलनाडु के प्रदेश अध्यक्ष सहित पूरी की पूरी इकाई को तत्काल भंग कर दिया गया है। इसके पीछे विपक्षी गठबंधन में लगातार बढ़ती नाराजगी और सियासी असंतुष्टता है।