Category: लखनऊ

  • पीएम उच्चतर शिक्षा योजना के तहत उप्र को मिला सर्वाधिक 740 करोड़ रुपये का अनुदान

    पीएम उच्चतर शिक्षा योजना के तहत उप्र को मिला सर्वाधिक 740 करोड़ रुपये का अनुदान

    लखनऊ। भारत सरकार की योजना प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत उत्तर प्रदेश को देश में सर्वाधिक अनुदान स्वीकृति किया गया है। प्रदेश को विभिन्न मदों में लगभग 740 करोड़ का अनुदान जारी किया गया है। स्वीकृति अनुदान का उपयोग विश्वविद्यालयों में शोध की गुणवत्ता को बढ़ाने तथा जर्जर हो चुके पुराने भवनों के रेनोवेशन करने पर किया जाएगा।

    मुख्यमंत्री योगी की मंशा के अनुरूप सरकार का लक्ष्य प्रदेश में अनुसंधान और नवाचार के लिए एक सक्षम वातावरण बनाना है, जिससे विश्वविद्यालयों और उसके संबद्ध महाविद्यालयों को लाभ होगा। अनुदान का उपयोग उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों हेतु निर्धारित मापदंडों और मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करके उनकी गुणवत्ता बढ़ाने के लिए किया जाएगा

    डिजिटल शिक्षा के बुनयादी ढांचे को किया जाएगा विकसित

    प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान योजना के अन्तर्गत चिन्हित न्यूनतम सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) के क्रम में असेवित क्षेत्रों में नए राजकीय मॉडल महाविद्यालयों के लिए अनुदान प्रदान किया गया है। केंद्र प्रायोजित योजना का उद्देश्य राज्य में उच्च शिक्षण संस्थानों को वित्त पोषण तथा सभी उच्च संस्थानों को समान विकास प्रदान कर उच्च शिक्षा प्रणाली को ठीक करना है। योजना के अन्तर्गत 2026 के अंत तक सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) को 35 फीसद तक बढ़ाना है। उत्तर प्रदेश में इस अनुदान का उपयोग डिजिटल शिक्षा के तरीकों के लिए बुनयादी ढांचे को विकसित करने के लिए किया जाएगा। जिससे राज्य के सामाजिक रूप से वंचित समुदायों के लिए उच्च शिक्षा के विभिन्न अवसर सुनिश्चत हो सकें। प्रदेश में उच्च शिक्षा में महिलाओं, अल्पसंख्यकों, एससी-एसटी-ओबीसी और विशेष योगजन व्यक्तियों को शामिल करने के लिए अनुदान का उपयोग किया जाएगा।

    यूपी के कुल 14 विश्वविद्यालयों को मिला अनुदान

    बहु-अनुशासनात्मक शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय (एमईआरयू) के अन्तर्गत चिन्हित देश भर के 26 विश्वविद्यालयों में से उत्तर प्रदेश के 06 विश्वविद्यालयों को अनुदान दिया गया है। इनमें डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या, महात्मा ज्योतिबा फूले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय बरेली, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर, बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय झांसी, लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ को 100-100 करोड़ की धनराशि दी गई है। इसी तरह विश्वविद्यालयों के सुदृढीकरण के अंतर्गत चिन्हित पूरे देश में 52 विश्वविद्यालयों में से उत्तर प्रदेश के 8 विश्वविद्यालयों को अनुदान दिया गया। इनमें डॉ. भीम राव अम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा, छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर, मां शाकुम्भरी विश्वविद्यालय सहारनपुर और महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी को 20-20 करोड़, जबकि वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर को 19,99,99,000, प्रोफेसर राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) विश्वविद्यालय प्रयागराज को 19,99,97,000, जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया को 13,38,90,000 और सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु को 6,53,11,262 रुपये प्रदान किए गए।

  • हैंडबाल : लखनऊ को हराकर वाराणसी मंडल ने जीता खिताब

    हैंडबाल : लखनऊ को हराकर वाराणसी मंडल ने जीता खिताब

    – प्रदेश स्तरीय खेल समन्वय सब जूनियर बालिका हैंडबॉल प्रतियोगिता

    लखनऊ,। वाराणसी मंडल ने प्रदेश स्तरीय खेल समन्वय सब जूनियर बालिका हैंडबॉल प्रतियोगिता का खिताब फाइनल मुकाबले में लखनऊ मंडल को 12-6 गोल से हराते हुए अपने नाम कर लिया। वहीं प्रयागराज एवं अयोध्या मंडल को संयुक्त तीसरा स्थान मिला।

    उत्तर प्रदेश खेल निदेशालय के तत्वावधान में उत्तर प्रदेश हैंडबॉल संघ के समन्वय से क्षेत्रीय खेल कार्यालय लखनऊ द्वारा केडी सिंह बाबू स्टेडियम में आयोजित इस प्रतियोगिता के फाइनल में वाराणसी मंडल की खिलाड़ियों ने लखनऊ मंडल के खिलाफ तालमेल भरा खेल दिखाया और विजेता ट्रॉफी जीत ली। वाराणसी मंडल इस मुकाबले में मध्यांतर तक 9-1 गोल से आगे थी।

    वाराणसी की ओर से काजल पटेल ने सबसे ज्यादा 4 गोल किए। वहीं प्रीति पटेल व काजल यादव 2-2 गोल करने में सफल हो सकीं। लखनऊ की ओर से डाली ने 4 व शिवानी ने 2 गोल किए। प्रतियोगिता के समापन व पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश हैंडबॉल संघ के महासचिव डा.आनन्देश्वर पाण्डेय व विशिष्ट अतिथि संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवीन दास ने विजेता वाराणसी मंडल को विजेता ट्रॉफी व उपविजेता लखनऊ मंडल को उपविजेता ट्रॉफी प्रदान कर उनका उत्साहवर्द्धन किया। इससे पूर्व मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि का लखनऊ मंडल के क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी अजय कुमार सेठी ने स्वागत किया।

    इस अवसर पर उत्तर प्रदेश हैंडबॉल संघ के कोषाध्यक्ष विनय कुमार सिंह, संघ के आयोजन सचिव अमित पाण्डेय, केडी सिंह बाबू स्टेडियम के हैंडबॉल कोच मो.तौहीद एवं लखनऊ जिला हैंडबॉल संघ के सचिव डॉ. सुमंत कुमार पाण्डेय समेत कई प्रमुख लोग मौजूद रहे।

  • अखिलेश पर मुस्लिमों की उपेक्षा का आरोप लगाकर सलीम शेरवानी ने छोड़ी सपा

    अखिलेश पर मुस्लिमों की उपेक्षा का आरोप लगाकर सलीम शेरवानी ने छोड़ी सपा

    लखनऊ। समाजवादी पार्टी के पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक (पीडीए) अभियान पर एक और गहरी चोट लगी है। पांच बार के सांसद रहे सपा के राष्ट्रीय महासचिव सलीम शेरवानी ने रविवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। शेरवानी ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर मुसलमानों की उपेक्षा का आरोप लगाया है।

    अखिलेश को लिखी चिट्ठी में शेरवानी ने कहा कि पीडीए के नाम पर राजनीति हो रही है। मुसलमानों की उपेक्षा के कारण महासचिव पद से इस्तीफा दे रहा हूं। जल्द ही भविष्य का फैसला लूंगा। राज्यसभा के चुनाव में किसी मुसलमान को नहीं भेजा गया। बेशक मेरे नाम पर विचार नहीं होता लेकिन किसी मुसलमान को भी यह सीट मिलनी चाहिए थी। उन्होंने पत्र में लिखा कि मुझे लगता है सपा में रहते हुए मुसलमान की हालत में बहुत परिवर्तन नहीं हो सकता। इसके लिए मेरा इस्तीफा दे देना ही ठीक है। इसके बाद का निर्णय सोच विचार कर करूंगा।

    उल्लेखनीय है कि शेरवानी चार बार सपा और एक बार कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले वह सपा छोड़कर कांग्रेस में चले गए थे। इसके बाद उनकी घर वापसी हो गई थी।

    इससे पहले वरिष्ठ नेता एवं विधानपरिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि मौर्य ने कहा था कि उन्होंने सिर्फ महासचिव पद से इस्तीफा दिया है, पार्टी से नहीं।

  • उप्र पुलिस भर्ती परीक्षा में अब तक 122 मुन्नाभाई गिरफ्तार

    उप्र पुलिस भर्ती परीक्षा में अब तक 122 मुन्नाभाई गिरफ्तार

    लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस के 60,244 पदों के लिए भर्ती परीक्षा दूसरे दिन जारी है। योगी सरकार के कड़े निर्देश के तहत रविवार को भी नकल बिहीन परीक्षा सम्पन्न कराने के लिए एसटीएफ एवं क्राइम ब्रांच की टीमें सक्रिय हैं। आरक्षी परीक्षा में अब तक कुल 122 मुन्ना भाई गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

    उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश पुलिस आरक्षी परीक्षा प्रदेश के 75 जिलों में कुल 2385 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा हो रही है। शनिवार और रविवार को दो पाॅलियों में सिपाही भर्ती परीक्षा सम्पन्न होगी। सुबह 10 से 12, दोपहर 3 से 5 बजे दो पाॅली की परीक्षा में लगभग 48 लाख से अधिक अभ्यर्थी सिपाही भर्ती परीक्षा में शामिल होंगे। योगी सरकारी की नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए उप्र एसटीएफ की टीमें एवं क्राइम ब्रांच की टीमें सक्रिय है।

    सूत्रों की मानें तो पहले दिन की परीक्षा शनिवार को 96 जालसाज एवं सॉल्वर पकड़े गए थे। हालांकि दूसरे दिन भी एसटीएफ एवं क्राइम ब्रांच की टीमें कड़ी निगरानी में लगी हुई हैं। प्रयागराज एवं एटा में सबसे अधिक सॉल्वर गैंग के सदस्य पकड़े गए। खबर लिखे जाने तक प्रदेश में कुल 122 जालसाज एवं सॉल्वर गैंग के सदस्य पकड़े गए हैं।

    उप्र पुलिस भर्ती में लगभग 15.50 लाख महिलाएं सिपाही भर्ती परीक्षा दे रहीं। बिहार, एमपी, राजस्थान, हरियाणा के अभ्यर्थी भी शामिल। दिल्ली, झारखंड, उत्तराखंड के 6 लाख अभ्यर्थी परीक्षा दे रहे हैं। परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। बाॅयोमेट्रिक वेरिफिकेशन के बाद ही परीक्षा केंद्रों में प्रवेश है। नकल माफियाओं पर यूपी एसटीएफ की विशेष नजर। परीक्षा केंद्रों पर सादी वर्दी में एसटीएफ के लोग लगे हैं। परीक्षा केंद्रों की एसटीएफ निगरानी कर रही है।

    कानपुर पूर्वी जोन के पुलिस उपायुक्त श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि शासन का कड़ा निर्देश जारी किया गया है कि किसी भी कीमत पर परीक्षा में गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि परीक्षा केन्द्रों का निरीक्षण कर सीसीटीवी कैमरों को चेक किया जा रहा है। केन्द्रों पर समस्त व्यवस्थाओं को देख कर संबंधित को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। पुलिस आयुक्त के निर्देश पर सभी पुलिस अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में टीमों के साथ सक्रिय हैं।

  • उप्र परिवहन निगम ने नीलामी से कमाए 31 करोड़ 37 लाख

    उप्र परिवहन निगम ने नीलामी से कमाए 31 करोड़ 37 लाख

    UPSRTC earns Rs 31.37 crore from auction 

    लखनऊ। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की आय में वृद्धि को लेकर राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए विभिन्न तरह के उपाय किए गए हैं,जिनमें पुरानी खटारा बसों और स्क्रैप की नीलामी भी की जा रही है। इसके चलते परिवहन निगम को वर्ष 2023-24 में नीलामी के माध्यम से माह अप्रैल से जनवरी 2024 तक कुल 31 करोड़ 37 लाख रुपये की अतिरिक्त आय हुई है,जो विगत चार वर्षों में नीलामी से हुई आय में सर्वाधिक है।

    परिवहन निगम के प्रबंधक (प्राविधिक) अजीत सिंह ने बताया कि वर्ष 2022-23 में उप्र परिवहन निगम को नीलामी से लगभग 10 करोड रुपए, वर्ष 2021-22 में 21 करोड़ 23 लाख रुपये एवं वर्ष 2020-21 में 15 करोड़ 57 लाख रुपये की आय अर्जित हुई थी। योगी सरकार को उम्मीद है कि मार्च 2024 तक पूरे वित्तीय वर्ष 2023-24 में निगम को नीलामी से होने वाली आय का आंकड़ा 40 करोड़ के पार पहुंच जाएगा।

    नीलामी की प्रक्रिया में आएगी तेजी

    अजीत सिंह ने बताया कि पुरानी और खटारा बसों की जगह परिवहन विभाग नई बसों को अपने बेड़े में शामिल कर रहा है। ऐसे में पुरानी खटारा बसों और उससे निकलने वाले स्क्रैप की विभाग द्वारा हर वर्ष नीलामी की जाती है।

    निगम के प्रबंधक के अनुसार, सितंबर 2023 से अभी तक कुल 2050 पुरानी बसों को फ्लीट से अलग किया जा चुका है। इसमें से 1500 बसों की नीलामी हो चुकी है। बाकी बसों की नीलामी की प्रक्रिया भी चल रही है। इन बसों से जो स्क्रैप सामान निकलता है उसको भी नीलाम किया जाता है। उन्होंने बताया कि विगत चार वर्षों में नीलामी से इस बार सबसे ज्यादा आय हुई है। नीलामी के कार्य को अत्यंत तेजी के साथ पूरा किया जा रहा है। पूरी संभावना है की वित्तीय वर्ष के अंत तक निगम को नीलामी के जरिए 40 करोड़ की आय हो सकेगी।

  • हर घर पहुंचने वाला साफ पानी लाएगा शिशु मृत्यु दर में कमी : विनी महाजन

    हर घर पहुंचने वाला साफ पानी लाएगा शिशु मृत्यु दर में कमी : विनी महाजन

     

    -दो दिवसीय राष्ट्रीय जल सम्मेलन का पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय की सचिव ने किया उद्घाटन

    लखनऊ,। पीने के लिए साफ पानी के अभाव में तमाम बच्चे न केवल गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं बल्कि इनमें से एक चौथाई अपनी जान तक गंवा देते हैं। जल जनित बीमारियों की वजह से होने वाली शिशु मृत्यु दर का आंकड़ा देश में फिलहाल 25 प्रतिशत है। पेयजल मिशन से जब हर घर में साफ पानी पहुंचेगा तो इस आंकड़े में कमी आएगी।

    जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय जल सम्मेलन का शुक्रवार को उद्घाटन करते हुए पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय की सचिव विनी महाजन ने इसकी उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा कि राज्यों ने चुनौतियों से निपटते हुए लक्ष्य की तरफ तेजी से कदम बढ़ाया है, इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं।

    विनी महाजन ने इस दौरान पेयजल मिशन की तमाम चुनौतियों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि लक्ष्य प्राप्त करना असल चुनौती नहीं है। इससे बड़ी चुनौती इस बात की है कि उसकी निरंतरता कैसे बनाए रखी जाएगी। कैसे इस योजना में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। कैसे इस परियोजना को आम लोगों को सुपुर्द किया जाएगा और वे इसे हमेशा ही गति देते रहेंगे। उन्होंने कहा कि स्थायी जल प्रबंधन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हर मोर्चे पर हमें ठोस प्रयास करने की जरूरत है। हमें प्रतिबद्ध होना होगा कि हम सप्लाई किए जा रहे पानी की गुणवत्ता बनाए रखेंगे। जल जनित बीमारियों से बचाव के लिए क्लोरीनीकरण प्रोटोकॉल का हमें पालन करना है और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इसी से हम अपेक्षित लक्ष्य को पूरा कर सकेंगे।

    उन्होंने कहा कि स्वच्छ पेयजल की आवश्यकता समझाने के लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाए जाने की आवश्यकता है। हमें यह भी सुनिश्चित करना है कि ग्राउंड वॉटर रीचार्ज होता रहे। ऐसा करके ही हम अपने जलस्रोत को लंबे समय तक इस्तेमाल कर सकेंगे। हमारे जलस्रोत दूषित न हों, इसके लिए हमें खुले में शौच से मुक्त यानी ओडीएफ की प्रवृत्ति को बनाए रखना होगा। सरकार कोई भी काम करती है तो उसके लक्ष्य बड़े होते हैं। लिहाजा सभी विभागों को आपसी समन्वय हर परियोजना के लिहाज से बनाए रखना होगा। विभागों के सहयोग से लक्ष्यों की प्राप्ति आसान हो जाती है।

    उप्र अपना प्लान सबके साथ साझा करे

    विनी महाजन ने उत्तर प्रदेश के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को अपना प्लान सभी के साथ साझा करना चाहिए ताकि और लोग भी उसे देखें और अपनाएं। चुनौतियों से निपटते हुए योजना की पूर्ति और लक्ष्य की निरंतरता किस तरह से बनाए रखी जाए यह काफी अहम पहलू है।

    राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के निदेशक और केंद्र सरकार के अपर सचिव डॉ़ चंद्रभूषण कुमार ने ठाकुर के कुंए के जिक्र के साथ अपना संबोधन शुरू किया। उन्होंने कहा कि साफ पानी की चुनौती शुरू से ही रही है लेकिन जल जीवन मिशन ने इस चुनौती को ही चुनौती दी है।

    भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के मिशन निदेशक और संयुक्त सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव ने जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण को एक दूसरे की पूरक योजना बताया। उन्होंने स्वच्छता के महत्व और उनकी उपयोगिता पर अपने विचार रखे।

    कर्नाटक के ग्राम्य विकास और पंचायतीराज विभाग के अपर मुख्य सचिव अंजुम परवेज ने कहा कि किसी कार्य को बिना दृढ़ संकल्प के पूरा नहीं किया जा सकता। जल जीवन मिशन कई चुनौतियों से पार पाते हुए सफलता की ओर है। इस मौके पर असम के स्पेशल चीफ सेक्रेटरी एस अब्बासी, बिहार के ग्राम्य विकास विभाग के प्रमुख सचिव अरविंद कुमार चौधरी मौजूद थे।

    सर्वोत्तम प्रयोग को साझा करने का मंच बनेगा यह सम्मेलन : अनुराग श्रीवास्तव

    उप्र सरकार के नमामि गंगे और ग्रामीण जल आपूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने इस राष्ट्रीय सम्मेलन में आए अतिथियों का स्वागत किया और उत्तर प्रदेश को इस अहम कॉन्फ्रेंस की मेजबानी दिए जाने पर आभार जताया। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन लोगों को अपनी सर्वोत्तम प्रयोगविधि को साझा करने का मंच बनेगा। सभी लोग एक दूसरे के प्रयासों को जानेंगे और उनकी अच्छी बातें अपने यहां भी लागू करेंगे। इस मौके पर उप्र जल निगम ग्रामीण के एमडी डॉ़ बलकार सिंह भी मौजूद थे।

  • शिक्षा प्रणाली में भारतीय भाषाओं को शामिल कर उनकी अनिवार्यता बढ़ायी जाय : चामू कृष्ण शास्त्री

    शिक्षा प्रणाली में भारतीय भाषाओं को शामिल कर उनकी अनिवार्यता बढ़ायी जाय : चामू कृष्ण शास्त्री

    नेतृत्व समागम : फाइबर आप्टिक कनेक्टिविटी से खुली शिक्षा के बढ़े अवसर : प्रो. डी. सहस्रबुद्धे

    लखनऊ। देश की शिक्षा प्रणाली में भारतीय भाषाओं को शामिल कर उनकी अनिवार्यता को बढ़ायी जाय। साथ ही भर्ती के दौरान भारतीय भाषाओं को वांछनीय योग्यता के रूप में शामिल किया जाना चाहिए।

    यह बातें भारतीय भाषाओं के लिए उच्चाधिकार प्राप्त समिति के अध्यक्ष चामू कृष्ण शास्त्री ने अखिल भारतीय संस्थागत नेतृत्व समागम में शुक्रवार को लखनऊ विश्वविद्यालय में अपने उद्बोधन के दौरान कही।

    उन्होंने कहा कि इस कदम से इन भाषाओं के अध्ययन में अधिक रुचि पैदा होगी। खासकर यह देखते हुए कि भारत की 90 प्रतिशत आबादी अंग्रेजी में पारंगत नहीं है। उन्होंने 2020 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को भारतीय भाषाओं पर आधारित करने की वकालत की।

    उन्होंने भारतीय भाषाओं को महत्वाकांक्षी भाषाओं में बदलने पर काम करने के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने स्थानीय, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय भाषाओं में अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराने पर जोर दिया। इसने केंद्र सरकार को पाठ्यपुस्तकों,स्वयं पोर्टल और विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्मों और उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा कार्यान्वयन में तीन साल के भीतर इस समावेशन को पूरा करने की नीति शुरू करने के लिए प्रेरित किया। शास्त्री ने सुझाव दिया कि शिक्षकों को बहुभाषी होना चाहिए और इन भाषाओं को पढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए ग्रीष्मकालीन शिविरों की शुरुआत की जानी चाहिए।

    राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी फोरम (एनईटीएफ) के अध्यक्ष प्रोफेसर अनिल डी. सहस्रबुद्धे ने कहा कि आज साढ़े छह लाख गांवों में से साढ़े तीन लाख को अब फाइबर ऑप्टिक कनेक्टिविटी प्राप्त हुई है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में उन्नत ऑनलाइन डिजिटल और खुली शिक्षा के अवसर पैदा हो रहे हैं।

    उन्होंने एआईसीटीई द्वारा ‘अनुवादिनी’ की शुरूआत पर चर्चा की, जो एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता-आधारित उपकरण है। यह अध्ययन सामग्री और पुस्तकों के राष्ट्रीय, स्थानीय और क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद की सुविधा प्रदान करता है।

    उन्होंने बताया कि 35 करोड़ छात्रों में से 25.9 करोड़ छात्रों ने ‘अपार’ आईडी के साथ पंजीकरण कराया है, जो एक बड़ी उपलब्धि है। प्रोफेसर सहस्रबुद्धे ने दक्षता और एकरूपता बढ़ाने के लिए संस्थानों के लिए एकीकृत डेटा सबमिशन पोर्टल का प्रस्ताव करते हुए ‘एक राष्ट्र, एक डेटा’ की अवधारणा पर भी जोर दिया।

    शिक्षा के लिए भारतीय छात्रों के विदेश जाने की प्रवृत्ति में बदलाव पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने विदेशी छात्रों को आकर्षित करने और देश की खोई हुई विरासत को पुनर्जीवित करने के लिए वन-स्टॉप समाधान लागू करने का सुझाव दिया। अंत में उन्होंने स्थानीय स्तर पर छात्रों की शिकायतों के त्वरित समाधान पर जोर दिया।

  • शिक्षकों के आचरण व व्यवहार में दिखना चाहिए आध्यात्म : डॉ. कृष्ण गोपाल

    शिक्षकों के आचरण व व्यवहार में दिखना चाहिए आध्यात्म : डॉ. कृष्ण गोपाल

    भारत की अंतरात्मा अध्यात्म को समृद्ध करें शिक्षक : सह सरकार्यवाह

    लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने कहा कि शिक्षकों व विद्यार्थियों के आचरण व व्यवहार में आध्यात्म दिखना चाहिए। आध्यात्म भारत की आत्मा है। इसलिए शिक्षकों का कर्तव्य है कि वह भारत की अंतरात्मा आध्यात्म को समृद्ध करें।

    सह सरकार्यवाह शुक्रवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान द्वारा आयोजित अखिल भारतीय संस्थागत नेतृत्व समागम को संबोधित कर रहे थे।

    डॉ. कृष्ण गोपाल ने कहा कि राष्ट्र का अर्थ नेशन नहीं होता है। इसलिए राष्ट्र का समझे बिना हम भारत की शिक्षा को नहीं समझ सकते। नेशन की आधारभूमि घृणा पर खड़ी होती है। भारत अपनी आध्यात्मिक भावनाओं और अनंत विविधताओं की भावभूमि पर खड़ा है। अध्यात्म ने ही भारत की विविधताओं को एकत्व का रूप दिया। उन्होंने कहा कि आध्यात्म को समझने की आवश्यकता है। आध्यात्म भारत को प्रतिष्ठा देता है। धर्म के प्रति धरती माता के प्रति श्रद्धा का भाव कैसे आयेगा।

    सह सरकार्यवाह ने कहा कि हमारी शिक्षा पद्धति ऐसी हो जो बैरभाव न बढ़ाये। जो इस देश के मौलिक तत्वों का संरक्षण व संवर्धन करे। उन्होंने कहा कि आज की शिक्षा मनुष्य को सहनशील नहीं बना रही है। समाज में जब तक एक दूसरे के प्रति दया करूणा व सम्मान का भाव नहीं होगा तो वह शिक्षा किस काम की। विश्व आज अनेक समस्याओं से ग्रस्त है। क्योंकि वह मानते हैं कि सारी धरती हमारे भोग के लिए है। जबकि आध्यात्म कहता है सारा परमात्मा का है। हम धरती के सेवक हैं। इसलिए जितना आवश्यक है उतना ही लेना।

    डॉ. कृष्ण गोपाल ने कहा कि आज हमारे देश में कुछ शिक्षण संस्थान विश्व स्तर के हैं। इसके अलावा दुनिया का कोई भी ऐसा संस्थान नहीं है जहां भारत के विद्यार्थी न हों। हमारे देश में एससी,एसटी व ओबीसी की भागीदारी धीरे-धीरे बढ़ रही है। उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि वर्तमान में साढे़ आठ लाख बच्चे भारत के बाहर शिक्षा ग्रहण करने जाते हैं। इसमें भारत का ढाई लाख करोड़ रूपया बाहर चला जाता है। इसलिए इस पर विचार करने की आवश्यकता है कि ऐसी कौन सी शिक्षा है जो हम भारत में नहीं दे सकते।

    सह सरकार्यवाह ने कहा कि भारत दुनिया के बच्चों के लिए शिक्षा का आकर्षण बनना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि भारत में विशेष क्या है। विश्व क्या जानना चाहता है। योग,आयुर्वेद व संगीत जैसी कई विधाएं हैं जिनको जानने के लिए विश्व उत्सुक है। पहले नालंदा,तक्षशिला व काशी के विश्वविद्यालयों में पूरे विश्व के विद्यार्थी अध्ययन करने लिए आते थे। वह भारत में अनेक वर्षों तक रहकर अनेक विषयों का अध्ययन करते थे।

    उत्तर प्रदेश सरकार के शिक्षा सलाहकार प्रो.डी.पी.सिंह ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि शिक्षा का ताना-बाना विद्यार्थी केन्द्रित होना चाहिए। भारतीय मनीषा राष्ट्र की संचेतना को लेकर हमेशा सजग रहा है। उन्होंने कहा कि आज भारत आर्थिक समृद्धि की ओर बढ़ रहा है लेकिन सामाजिक दृष्टि से हम कहां हैं, यह भी देखने की आवश्यकता है। सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल का स्वागत लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.आलोक राय ने किया।

  • हाकी : लखनऊ के स्पोर्ट्स हास्टल ने वाराणसी को हराया, सैफई ने रामपुर को दी मात

    हाकी : लखनऊ के स्पोर्ट्स हास्टल ने वाराणसी को हराया, सैफई ने रामपुर को दी मात

    लखनऊ,। स्वर्गीय पं. राम औतार मिश्रा राज्य स्तरीय पुरुष हाकी प्रतियोगिता में दोनों अंतिम लीग खेले गये। इस प्रतियोगिता में खिलाड़ियों ने सेमी फाइनल में पहुंचने के लिए जमकर पसीने बहाये। स्पोर्ट्स हास्टल लखनऊ की टीम ने स्पोर्ट्स हास्टल वाराणसी को 9-1 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया।

    स्पोर्ट्स हास्टल लखनऊ और वाराणसी के बीच पहला मैच हुआ। इस मैच में 13वें मिनट में ही लखनऊ की टीम ने पहला गोल दागकर बढ़त बना ली। पहले हाफ में लखनऊ ने दो गोल दागे, जबकि वाराणसी की टीम एक गोल भी नहीं कर सकी। वहीं दूसरे हाफ में लखनऊ की टीम ने चार गोल किये। इस समय तक वाराणसी की टीम कोई गोल नहीं कर सकी थी और लखनऊ की टीम छह-शून्य से आगे चल रही थी। तीसरे हाफ में वाराणसी की टीम ने भी एक गोल किये लेकिन लखनऊ की टीम ने भी तुरंत एक गोल पुन: कर दी। चौथे हाफ में दो गोल कर लखनऊ की टीम 9-1 से मैच जीत गयी।

    वहीं दूसरा मैच रामपुर के स्पोर्ट्स हास्टल और सैफई के मेजर ध्यान चंद स्पोर्ट्स कालेज के बीच हुआ। इस मैच में भी सैफई ने एक तरफा जीत दर्ज की। पहले हाफ के नौवें मिनट में ही सैफई की टीम ने पहला गोल दाग दिया। दूसरे हाफ में दो गोल किये, वहीं तीसरे हाफ में कोई भी टीम गोल नहीं कर सकी, जबकि चौथे हाफ में सैफई की टीम ने चार गोल दागकर मैच को 7-0 से जीत लिया। शनिवार को एस.ए.आई. लखनऊ और स्पोर्ट्स कालेज सैफई तथा स्पोर्ट्स हास्टल लखनऊ और स्पोर्ट्स कालेज लखनऊ के बीच पहला सेमी फाइनल मैच होगा।

  • चाचा शिवपाल यादव पर दांव लगायेंगे अखिलेश, समीकरण वाली सीट की तलाश

    चाचा शिवपाल यादव पर दांव लगायेंगे अखिलेश, समीकरण वाली सीट की तलाश

    लखनऊ, । समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव पर दांव लगायेंगे। शिवपाल यादव के कद को देखते हुए समीकरण वाली लोकसभा सीट की तलाश की जा रही है। जिसमें आजमगढ़, इटावा और मैनपुरी की लोकसभा सीटों की चर्चा हो रही है।

    शिवपाल सिंह यादव को लोकसभा चुनाव में उतारने के एक प्रश्न पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मीडिया से कहा कि चाचा और मैं दोनों ही लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरेंगे। लोकसभा सीटों का चयन होना बाकी है। समाजवादी पार्टी की सूची जल्द ही जारी होगी।

    उत्तर प्रदेश में लोकप्रिय नेता के रुप में पहचाने जाने वाले शिवपाल सिंह यादव ने जब अपनी राजनीतिक पार्टी बना ली थी। उस वक्त इटावा क्षेत्र में शिवपाल सिंह यादव की सर्वाधिक लोकप्रियता थी, जो आज भी बरकरार है। वैसे आजमगढ़ लोकसभा सीट, जिस पर कभी अखिलेश यादव खुद चुनाव लड़कर जीते थे, उसे भी अपने हाथ में फिर से लाने के लिए समाजवादी पार्टी की कोर कमेटी विचार कर रही है।