Category: लखनऊ

  • उप्र की रिजर्व सीटों पर क्लीन स्वीप की तैयारी में भाजपा

    उप्र की रिजर्व सीटों पर क्लीन स्वीप की तैयारी में भाजपा

    लखनऊ। उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से 17 सीटें अनुसूचित वर्ग के लिए रिजर्व हैं। उप्र में भाजपा ने सभी 80 सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया है। इस लक्ष्य को तय करने में रिजर्व सीटें निर्णायक बन सकती हैं। भाजपा इन सीटों पर अपना दबदबा और बढ़ाना चाहती है तो वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल इन सीटों में भाजपा को कमजोर करने की संभावना देख रहे हैं। 2014 और 2019 के आम चुनाव में दिखा कि भाजपा ने प्रदेश की रिजर्व सीटों पर अव्वल दर्जे का प्रदर्शन किया। भाजपा ने आम सीटों के अलावा रिजर्व सीटों पर शानदार प्रदर्शन कर यह साबित किया प्रदेश की दलित आबादी की पहली पसंद भाजपा है। 2014 में भाजपा ने प्रदेश की सभी 17 रिजर्व सीटों पर जीत दर्ज की थी।

    उल्लेखनीय है कि देश के सबसे बड़े राज्य में 21.1 प्रतिशत अनुसूचित जाति यानी दलितों की आबादी है। आजादी के बाद कांग्रेस के साथ खड़ा रहा दलित तकरीबन ढाई दशक तक बसपा के साथ रहा, लेकिन अब उसमें भाजपा गहरी सेंध लगाते दिख रही है। बसपा से खिसकते दलित वोट बैंक को सपा के साथ ही कांग्रेस भी हथियाने की कोशिश में है। सपा-कांग्रेस गठबंधन को उम्मीद है कि दलित-मुस्लिम गठजोड़ से उन्हें अबकी चुनाव में लाभ होगा।

    पहले चुनाव में भाजपा का ऐसा रहा प्रदर्शन

    6 अप्रैल 1980 को भाजपा का गठन हुआ। अपने गठन के चार साल बाद भाजपा ने देश में पहला संसदीय चुनाव लड़ा। यूपी में भाजपा ने 50 सीटों पर प्रत्याशी उतारे। उसे किसी सीट पर जीत तो नहीं मिली, हालांकि उसके हिस्से में 21 लाख से ज्यादा वोट आए। इस चुनाव में भाजपा ने मोहनलालगंज, लालगंज, सैदपुर, राबर्टसगंज, घाटमपुर, हाथरस और हरिद्वार सात रिर्जव सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। इनमें तीन सीटों पर भाजपा चौथे और चार सीटों पर तीसरे स्थान पर रही। सभी रिजर्व सीटें कांग्रेस ने जीती थी।

    चुनाव दर चुनाव बेहतर हुआ प्रदर्शन

    1989 के आम चुनाव में भाजपा ने यूपी की 18 रिजर्व सीटों सैदपुर और राबर्टसगंज में जीत दर्ज की। जनता दल ने 11, कांग्रेस ने 4 और बसपा ने 1 सीट पर जीत दर्ज की। 1991 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रदर्शन सुधारा और बिजनौर, हरदोई, मोहनलालगंज, बस्ती, बांसगांव, फिरोजाबाद, हाथरस और हरिद्वार आठ सीटें जीती। इस चुनाव में कांग्रेस और जनता पार्टी के हिस्से में 1-1 और जनता पार्टी के खाते में शेष 8 सीटें आई। इस चुनाव में स्वयं को दलित वोटों की ठेकेदार समझने वाली बसपा के हाथ खाली ही रहे। 1996 के आम चुनाव में भाजपा ने अब तक का सबसे उम्दा प्रदर्शन करते हुए 18 रिजर्व सीटों में से 14 पर विजय पताका फहराई। बसपा और सपा के हिस्से में दो-दो सीटें आई। 1998 के चुनाव में भाजपा ने 11 और 1999 में 7 सीटों पर जीत दर्ज की। 1999 के चुनाव में बसपा ने 6, सपा ने 4 और अखिल भारतीय लोकतांत्रिक कांग्रेस ने 1 सीट जीती थी।

    2004 और 2009 में फीका रहा प्रदर्शन

    2004 के आम चुनाव में भाजपा 17 रिजर्व सीटों में से 3 पर ही जीत सकी। सपा को 7, बसपा को 5 कांग्रेस और रालोद को 1-1 सीट मिली। 2009 के आम चुनाव में भाजपा 2 सीटें ही जीत पाई। इस चुनाव में सपा को 9, बसपा को 3 और रालोद को 1 सीट मिली।

    2014 में बदल गया नजारा

    2014 के लोकसभा चुनाव में यूपी में भाजपा और उसके सहयोगी अपना दल ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया। भाजपा ने 71 और अपना दल ने 2 कुल जमा 73 सीटों पर जीत दर्ज कराई। इस चुनाव में भाजपा ने प्रदेश की सभी 17 रिजर्व सुरक्षित सीटों पर भारी अंतर से जीत दर्ज की। 2014 में सपा और रालोद का गठबंधन था। बसपा और कांग्रेस अकेले मैदान में थी। बसपा के खाते में शून्य सीटें आई। सपा 5 और कांग्रेस 2 सीटों पर सिमट गई।

    2019 में रिजर्व सीटों पर अव्वल प्रदर्शन

    आम चुनाव 2019 में भाजपा और अपना दल ने 64 सीटें जीती। 62 सीटों पर भाजपा और 2 पर अपना दल ने सफलता हासिल की। हालांकि इस चुनाव में कुल 17 रिजर्व सीटों में 15 अपने कब्जे में रखी। भाजपा ने 14 और 1 सीट अपना दल ने जीती। बसपा को लालगंज और नगीना मात्र दो सीटों पर जीत मिली। कांग्रेस, सपा और रालोद के हाथ खाली ही रहे।

    2014 का प्रदर्शन दोहराने की तैयारी में भाजपा

    इस बार भाजपा ने प्रदेश की सभी 80 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। ऐसे में वो रिजर्व सीटों पर 2014 का प्रदर्शन दोहराकर क्लीन स्वीप की तैयारी में है। दलितों को अपने पाले में लाने और लगातार उनके हितों की योजनाएं चलाने वाली मोदी सरकार ने अहम पदों पर दलितों को प्राथमिकता भी दी। नतीजा यह रहा कि रिजर्व सीटों पर बसपा सहित दूसरे दलों की पकड़ ढीली होती जा रही है। भाजपा के पूरी शिद्दत से दलित वोटरों में गहरी सेंध लगाने की कोशिश का नतीजा रहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा एक भी सुरक्षित सीट पर जीत दर्ज नहीं करा सकी। सुरक्षित सीटों पर जीत पक्की करने के लिए अनुसूचित जाति महासम्मेलन, दलित सम्मेलन और दलित बस्तियों में भोजन के जरिए यह बताने में लगी है कि मोदी-योगी की सरकार ही अनुसूचित वर्ग का पूरा ध्यान रख रही हैं। कांग्रेस ने तो आंबेडकर के नाम पर अनुसूचित वर्ग की उपेक्षा की है। लोगों का प्रयोग सिर्फ वोट और सत्ता हथियाने के लिए किया गया।

    विपक्ष भी तैयारी में जुटा

    उत्तर प्रदेश की रिजर्व सीटों पर भाजपा की लगातार बढ़त को रोकने के लिए सपा, कांग्रेस और बसपा भी दलितों को रिझाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। सपा को पीडीए यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक फार्मूले पर पूरा यकीन है। दलितों को अपने पाले में लाने के लिए अखिलेश यादव ने दलितों के श्रद्धा के केंद्र महू जाकर बाबा साहब को श्रद्धांजलि दी, वहीं रायबरेली में बसपा संस्थापक कांशीराम की प्रतिमा का भी अनावरण किया है। दलितों को सपा से जोड़ने के लिए अखिलेश ने बाबा साहब भीमराव आंबेडकर वाहिनी भी बनाई है। कांग्रेस भी दलितों को रिझाने में लगी है। मायावती स्वयं को दलितों का सबसे बड़ा पैरोकार मानती है। बसपा अपने कोर वोट बैंक को बिखरने से रोकने की रणनीति पर फोकस कर रही है।

  • लखनऊ में मिले चचेरे भाई-बहन के शव, जांच में जुटी पुलिस

    लखनऊ में मिले चचेरे भाई-बहन के शव, जांच में जुटी पुलिस

    लखनऊ। राजधानी लखनऊ के इंटौजा थाना क्षेत्र में रविवार को एक युवक और महिला की लाश मिली है। पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

    डीसीपी उत्तरी ने बताया कि इंटौजा पुलिस को सूचना मिली कि चन्द्रपुर गांव में एक युवक का शव मिला है। मौके पर पहुंचकर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच पड़ताल कर ही रही थी, तभी कुछ दूरी पर एक महिला के लाश मिलने की खबर पुलिस को मिली। पुलिस वहां भी पहुंची और शव को कब्जे में ले लिया।

    मृतक युवक की पहचान चन्द्रपुर गांव निवासी रमेश के रूप में हुई है। वहीं, महिला के शव की शिनाख्त नरेश की पत्नी व रमेश की चचेरी बहन विमला के रूप में हुई है।

    डीसीपी ने बताया कि प्रथमदृष्टया पुलिस की जांच में रमेश ने खुदकुशी की है। जबकि विमला के मौत का कारण अभी कुछ पता नहीं चल सका है। फिलहाल शवों को पोस्टमार्टम भेजकर पुलिस सभी बिन्दुओं पर जांच कर रही है।

  • लखनऊ एयरपोर्ट पर सोने व विदेशी सिगरेट के साथ 5 यात्री गिरफ्तार

    लखनऊ एयरपोर्ट पर सोने व विदेशी सिगरेट के साथ 5 यात्री गिरफ्तार

    लखनऊ। चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर शुक्रवार रात को चेकिंग के दौरान कस्टम विभाग ने सोने और विदेशी सिगरेट के साथ 5 यात्रियों को गिरफ्तार किया।

    कस्टम विभाग ने शनिवार को बताया कि होली के त्योहार के मद्देनजर एयरपोर्ट पर सघन चेकिंग की जा रही है। शुक्रवार को अबू धाबी और शारजाह से आए पांच यात्रियों के पास से 600 ग्राम सोना और 1320 सिगरेट जब्त किया गया। इसकी कीमत 71.03 लाख रुपये आंकी गई है। कस्टम विभाग इन लोगों से पूछताछ कर रही है।

  • अखिलेश यादव का नाम भी है ईडी की सूची में : ओमप्रकाश राजभर

    अखिलेश यादव का नाम भी है ईडी की सूची में : ओमप्रकाश राजभर

    लखनऊ। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि वर्तमान वक्त में ईडी स्वतंत्र रुप से कार्य कर रही है। पहली की सरकार में ईडी काम नहीं कर पाती थी। अरविन्द केजरीवाल पर ईडी की कार्यवाही बिल्कुल सही है। इस सूची में अखिलेश यादव का नाम भी शामिल है।

    कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय में शनिवार को एक बयान देते हुए कहा कि अखिलेश यादव को भी ईडी का डर है। अखिलेश जी के लोग भी जानते हैं कि कहीं उनके पर कार्यवाही ना शुरु हो जाये। इसके कारण उनकी पार्टी छोड़कर जा रहे हैं। पल्लवी पटेल, स्वामी प्रसाद मौर्य भी छोड़कर चले गये।

    अल्पसंख्यक विभाग की योजना पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर अल्पसंख्यक विभाग के कुछ मामले रखे हैं। जिसमें विभाग का बजट बढ़ाने का विषय है। इसके साथ ही सामूहिक विवाह का प्रस्ताव रखा है। मदरसा एक्ट पर आये हाईकोर्ट के निर्णय पर उन्होंने कहा कि ये हाईकोर्ट का आदेश है। इसमें अभी कुछ कह नहीं सकते हैं।

    घोसी लोकसभा सीट के सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के उम्मीदवार व बेटे अरविन्द राजभर पर उन्होंने कहा कि हमारे उम्मीदवार का जीतना तय है। समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार ने पिछली बार जो मत पाये थे, उतना ही तो फिर पायेंगे। क्षेत्र की जनता हमारे साथ है। इतना ही नहीं, यूपी में 80 लोकसभा सीटें और देश में 400 के पार सीटें हमारा एनडीए गठबंधन जीतेगा।

  • भारतीय जनता पार्टी हारेगी तो नौकरी मिलेगी : अखिलेश यादव

    भारतीय जनता पार्टी हारेगी तो नौकरी मिलेगी : अखिलेश यादव

    लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी हारेगी तो लोकतंत्र बचेगा, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का संविधान बचेगा। भारतीय जनता पार्टी हारेगी तो नौकरी मिलेगी, किसानों को एमएसपी मिलेगी। यह बातें समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कही। वे गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों को सम्बोधित कर रहे थे।

    उन्होंने कहा कि देश में किसानों को हक दिलाने के लिए चौधरी चरण सिंह जी से बड़ा नेता कोई नहीं रहा। उन्हीं के रास्ते पर चलने का काम हम सब लोग मिलकर करेंगे, हमें उम्मीद है आने वाले समय में भाजपा का उत्तर प्रदेश से सफाया होगा।

    अखिलेश ने कहा कि भाजपा हटेगी तो देश बचेगा। मतदान तो करना ही पड़ेगा लेकिन मतदान तक हम सबको सावधान रहना पड़ेगा। अकाउंट इसलिए सीज़ हो रहे हैं क्योंकि चंदा चोरी में भाजपा सबसे आगे है।

    सपा अध्यक्ष ने कोरोना कॉल में लगाई गई वैक्सीन को लेकर भाजपा सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि वैक्सीन का प्रचार भारतीय जनता पार्टी कर रही थी। इस देश की भोली भाली जनता को पता ही नहीं चला की वैक्सीन वालों से भी यह चंदा ले लेंगे, पैसा वसूल लेंगे।

  • अनिद्रा की वजह से बढ़ रहे हार्ट की बीमारी के मामले

    अनिद्रा की वजह से बढ़ रहे हार्ट की बीमारी के मामले

    लखनऊ। अनिद्रा की बीमारी की वजह से हार्ट की बीमारी के मामले बढ़ रहे हैं। अनिद्रा की वजह से शुगर, बी.पी व मोटापा अनियन्त्रित हो रहा है। इसके बारे में समाज में जागरूकता और शिक्षित करने की आवश्यकता है। यह बातें किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद ने कही। वह केजीएमयू के पल्मोनरी और क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग की ओर से आयोजित स्लीप समिट 2024 को संबोधित कर रही थीं। स्लीप समिट के उद्घाटन के अवसर एनएचएम की एमडी डॉ. पिंकी जोवेल और लोहिया संस्थान के निदेशक डॉ. सीएम सिंह प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

    केजीएमयू के पल्मोनरी और क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर वेद प्रकाश ने बताया कि स्लीप डे हर वर्ष नींद को विभिन्न प्रकार की बीमारियों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिये मनाया जाता है। इसका उद्देश्य समाज में नींद सम्बन्धित विकारों को कम करना है । यह दिन हर वर्ष शुक्रवार को उस दिन मनाया जाता है जब दिन और रात समय लगभग बराबर होता है।

    अनिद्रा के लक्षण

    -दिन में अधिकाधिक सोना।

    -नींद पडने में कठिनाई।

    -रात में बार-बार जागना।

    -नींद पूरी ना होना।

    -खर्राटे आना।

    -सरदर्द।

    -थकान एवं चिडचिडापन।

    -याद्दाश्त में कमी।

    -नींद में चलना बोलना और हाथ पैर चलना।

    बचाव

    -नियमित व्यायाम

    -मोटापा कम करना

    -योग करना

    -सर्जरी

    -आक्सीजन थिरेपी इत्यादि।

    इस बीमारी का पता देर से चलता है

    डा. वेद प्रकाश ने बताया कि पूरे विश्व में 10 प्रतिशत वयस्क अनिद्रा से ग्रसित हैं। ज्यादातर वयस्कों में यह बीमारी पता नहीं चल पाती है। एक अनुमान के मुताबिक 80 प्रतिशत के मरीजों में इस बीमारी का पता देर से चलता है। स्लीप समिट को पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. सूर्यकांत, प्रास्थोडेन्टिस्ट विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. पूरनचंद, लोहिया संस्थान के डॉ. हेमंत कुमार, एसजीपीजीआई लखनऊ की डाॅ. मानसी गुप्ता ने अनिद्रा की बीमारी की बीमारी की जटिलताओं पर प्रकाश डाला।

  • उप्र से आएगा या नहीं गांधी परिवार, अभी तक संशय बरकरार

    उप्र से आएगा या नहीं गांधी परिवार, अभी तक संशय बरकरार

    -मेनका और वरूण के टिकट पर अटकी तलवार, राहुल और प्रियंका अभी तक नहीं ले पा रहे निर्णय

    लखनऊ। लोकसभा प्रथम चरण का नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गयी है। चुनावी हलचल भी तेज है, लेकिन गांधी परिवार के उप्र में चुनाव लड़ने को लेकर संशय बरकरार है। उधर राज्यसभा सदस्य हो जाने के कारण रायबरेली से चुनाव न लड़ने की घोषणा पहले कर चुकी हैं। अमेठी या रायबरेली से चुनाव लड़ने की घोषणा न तो प्रियंका गांधी की तरफ से की गयी है और न ही राहुल गांधी की तरफ से। दूसरी तरफ पीलीभीत और सुलतानपुर में मेनका गांधी और वरूण गांधी के भी चुनाव लड़ने के लिए भाजपा ने अभी तक उम्मीदवार घोषित नहीं किया है।

    पीलीभीत में चुनाव प्रथम चरण में होने हैं। वहां मेनका गांधी 1989 से 2004 तक लगातार पांच बार सासंद रहीं। पहली बार 2009 में उन्होंने अपने पुत्र वरूण गांधी के लिए पीलीभीत को छोड़ा। 2014 में फिर मेनका पीलीभीत से सासंद हुईं। इसके बाद 2019 में पुन: पुत्र के लिए पीलीभीत छोड़कर सुलतानपुर चलीं आयीं। 2017 के बाद से ही वरूण गांधी ने बगावती तेवर अख्तियार कर लिये। इससे भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ता और प्रदेश स्तर से भी उनके खिलाफ आवाजें आ रही हैं।

    इसी कारण अभी तक भाजपा ने पीलीभीत से अपने पत्ते नहीं खोले। हालांकि वरूण गांधी ने नामांकन के लिए पर्चा मंगवा लिया है। अब उनके चुनाव के लिए यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ही अंतिम फैसला करेंगे। वे अपना डिटो लगाते हैं, तभी वरूण को टिकट मिल सकता है। दूसरी तरफ मेनका गांधी चाहती हैं कि पहले बेटे का टिकट कंफर्म हो, उसके बाद ही वह चुनाव लड़ने या न लड़ने का निर्णय करेंगी।

    दूसरी तरफ कांग्रेस से राहुल गांधी के भी उप्र से चुनाव लड़ने का संशय बरकरार है। अभी तक प्रियंका गांधी वाड्रा को भी यहां से आने या न आने का कोई फैसला नहीं हुआ है। इसको लेकर गांधी परिवार के समर्थक भी उहापोह की स्थिति में हैं।

  • लखनऊ: जवाहर भवन के पाचवें तल में लगी आग

    लखनऊ: जवाहर भवन के पाचवें तल में लगी आग

    लखनऊ। हजरतगंज थाना क्षेत्र स्थित जवाहर भवन में आग लगने से हड़कम्प मच गया। सूचना पर पहुंची फायर बिग्रेड की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग को काबू में कर लिया गया हैं। किसी भी तरह की जनहानि नहीं हुई।

    हजरतगंज के थाना प्रभारी विक्रम सिंह ने बताया कि जवाहर भवन की पाचवीं मंजिल पर रखे कूड़े-कबाड़ में आग लगी थी। इस पर फायर बिग्रेड की दो गाड़ियों की मदद से काबू पाया गया है। किसी प्रकार की जनहानि की सूचना नहीं है। पुलिस बल मौके पर मौजूद और शांति व्यवस्था क़ायम है।

  • उप्र में अब-तक हटायी गई करीब 21 लाख प्रचार-प्रसार सामग्री : मुख्य निर्वाचन अधिकारी

    उप्र में अब-तक हटायी गई करीब 21 लाख प्रचार-प्रसार सामग्री : मुख्य निर्वाचन अधिकारी

    उप्र में आदर्श आचार संहिता का हो रहा प्रभावी क्रियान्वयन और सख्ती से अनुपालन : मुख्य निर्वाचन अधिकारी

    लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बुधवार को बताया कि आदर्श आचार संहिता का अनुपालन सुनिश्चित कराने में अब तक सार्वजनिक एवं निजी स्थानों से कुल 20,86,614 प्रचार-प्रसार सामग्री हटायी गयी। इसमें सार्वजनिक स्थानों से 12,40,658 तथा निजी स्थानों से 8,45,956 प्रचार-प्रसार सामग्री हटायी गयी। इस दौरान सार्वजनिक स्थानों से वालराइटिंग के 1,45,075, पोस्टर के 6,19,739, बैनर के 3,99,221 एवं अन्य 1,75,623 मामलों में कार्यवाही की गयी। इसी प्रकार निजी स्थानों में से वालराइटिंग के 97,702, पोस्टर के 3,95,284, बैनर के 2,42,866 एवं अन्य 1,19,104 मामलों में कार्यवाही की गयी। इसी प्रकार वाहनों के दुरूपयोग पर 98 कार्यवाही, लाउडस्पीकर के दुरूपयोग पर 285 कार्यवाही की गयी। गैर कानूनी सभा, भाषण एवं अन्य मामलों में 04 एफआईआर दर्ज की गयी।

    मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि आदर्श आचार संहिता के प्रभावी अनुपालन में पुलिस, आयकर, आबकारी एवं नार्काटिक्स व अन्य विभागों द्वारा कार्यवाही की जा रही है। सघन जॉच के लिए 508 इंटरस्टेट नाके तथा 1653 इंट्रास्टेट नाके संचालित हैं। पुलिस विभाग द्वारा 19 मार्च तक 2,23,902 लाइसेंसी शस्त्र जमा कराये गये। इसके अलावा 271 लाइसेंस भी जब्त किये गये। 3,391 लाइसेंस निरस्त किये गये।

    इसी प्रकार सीआरपीसी के तहत निरोधात्मक कार्यवाही करते हुए 3,68,471 लोगों को पाबन्द किया गया। इसके अतिरिक्त पुलिस विभाग द्वारा 748 शस्त्र, 767 कारतूस, 04 किग्रा0 विस्फोटक व 62 बम बरामद किये गये। पुलिस द्वारा रेड डालकर अवैध शस्त्र बनाने वाले 135 केन्द्रों को सीज़ किया गया।

    मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि आबकारी, आयकर, पुलिस एवं नार्कोटिक्स विभाग एवं विभिन्न एजेंसियों द्वारा 19 मार्च तक लगभग 1314.81 लाख रूपये कैश जब्त किया गया। 19 मार्च को जनपद बदायूं में 130 लाख रूपये कीमत की 12 हजार ग्राम ड्रग्स पकड़ी गई।

    जनपद मीरजापुर के विधानसभा मनिहारन से 49.07 लाख रूपये कीमत की 8410 ली0 शराब पकड़ी गयी। इसी प्रकार जनपद मैनपुरी की भोगांव विधानसभा से 79.50 लाख रूपये कीमत की 318000 ग्राम ड्रग्स पकड़ी गई। प्रदेश स्तर पर 1904 फ्लाइंग स्कॉट टीमें और प्रवर्तन एजेन्सियों की कुल 732 टीमें निगरानी कार्य कर रहीं हैं।

  • होली पर्व की खरीदारी से लखनऊ के अमीनाबाद बाजार में रौनक

    होली पर्व की खरीदारी से लखनऊ के अमीनाबाद बाजार में रौनक

    लखनऊ। लखनऊ के अमीनाबाद बाजार का नाम उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े बाजार के रुप में आता है। होली पर्व की खरीदारी से इसी अमीनाबाद बाजार में आज-कल रौनक हो गयी है। होली की टीशर्ट, साड़ियां, घरेलू सामान, चप्पल जूते, सजावटी सामान, चटपटी चाट, कुल्फी, बैग, बच्चों की सामग्री, लेदर सामान, शीशा के सामान, बर्तन की दुकानों पर शाम होते ही चहल पहल बढ़ी हुई मिल रही है।

    शीशा की सामग्री बेचने वाला दुकानदार कलीम ने कहा कि होली एक बड़ा त्यौहार है, जिसमें खरीदारी करने के लिए महिलाएं बड़ी संख्या में बाजार तक आती है। अमीनाबाद का बाजार महिलाओं को बेहद पसंद है। यहां उनके कम मूल्य पर सामग्री मिलती है तो मनपसंद व सुंदर सामग्री भी मिल जाती है। वह शीशे के सामान बेचते हैं। उनकी दुकान पर शीशा के गिलास, कप, प्लेट की बिक्री बढ़ गयी है। जिसका कारण होली की खरीदारी ही है।

    अमीनाबाद बाजार में महिलाओं के वस्त्र बेचने वाले हनीफ ने कहा कि होली आते ही उनके यहां बिक्री बढ़ जाती है। वैसे तो वर्ष के हर माह में महिलाओं के वस्त्र को वह बेचते है। त्यौहारों के मौसम में बिक्री दोगुनी हो जाती है। बाजार में महिलाओं के लिए रंग बिरंगे, आकर्षक, अच्छे कपड़ों की मांग रहती है, जिसके लिए हम भी वैसी वैरायटी लेकर बाजार में आते हैं।

    आचार को साइकिल पर रखकर अमीनाबाद में घूम-घूमकर बेचने वाले गोस्वामी ने बताया कि अमीनाबाद बाजार में बहुत सारे वस्तुओं की दुकानें है. तो उन्होंने यहां पर आचार बेचकर अपना गुजारा करना सही समझा। बीते सात वर्षो से वह आचार बेच रहे है। बाजार में खरीदारी करने आने वाली महिलाओं आचार खरीदने में विशेष रुचि रखती है। होली के मौसम में आचार की बिक्री होती है।

    पापड़ की बिक्री करने वाले दुकानदार के बारे में गोस्वामी ने कहा कि वर्तमान समय में पापड़ की बिक्री भी खुब होती है। उनके पार्टनर पापड़ बेचने में लगे हैं। किलो की दर से पापड़ की बिक्री होती है। पापड़ का मूल्य 200 रुपये किलो, आचारों में मिर्चा का आचार का मूल्य 350 रुपये किलो, आम का आचार दो सौ रुपये किलो, लेहसुन का आचार 240 रुपये किलो की दर से बेच रहे हैं।

    अमीनाबाद बााजर में होली पर रौनक होने से चाट, कुल्फी, चना, छोला बन, पकौड़ी, जूस बेचने वाले छोटे-बड़े दुकानदारों के चेहरे भी खिल आये हैं। बाजार में खरीदारी करने के बाद परिवार के साथ हल्का नाश्ता करने पर खाद्य सामग्री बेचने वाले दुकानदारों को आर्थिक लाभ हो रहा है। होली के एक दिन पहले तक बाजार में भीड़ रहेगी और दुकानदारों को उसका लाभ मिलता रहेगा।