Category: लखनऊ

  • किसानों को उनकी उपज का अधिकतम मूल्य दिलाना शासन की प्राथमिकता : मुख्य सचिव

    किसानों को उनकी उपज का अधिकतम मूल्य दिलाना शासन की प्राथमिकता : मुख्य सचिव

    लखनऊ, । मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने आलू उत्पादन, भण्डारण व बाजार मूल्य के संबंध में सोमवार को सम्बन्धित अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।

    अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि किसानों को उनकी उपज का अधिकतम मूल्य दिलाना शासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। किसानों को आलू के भण्डारण और विक्रय में किसी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिये। आलू के सीजन से पहले सभी मंडियों को क्रियाशील करा दिया जाये।

    उन्होंने कहा कि आलू के रेट तथा कोल्ड स्टोरेज की क्षमता और उपलब्धता को सम्बन्धित पोर्टल पर प्रतिदिन अपडेट कराया जाये। मुख्यालय स्तर पर भी जनपद स्तर से इसकी प्रतिदिन रिपोर्ट ली जाये। उन्होंने कहा कि पुराने कोल्ड स्टोरेज को पूरी तरह से मार्डनाइजेशन कराया जाये।

    बैठक में बताया गया कि देश में कुल आलू उत्पादन का लगभग 35 प्रतिशत उत्पादन उत्तर प्रदेश में होता है। प्रदेश में छह लाख से अधिक किसानों द्वारा आलू की खेती की जाती है। प्रदेश में गत वर्ष 6.94 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में 243 लाख मीट्रिक टन आलू का उत्पादन हुआ था। वर्तमान में औसत बाजार मूल्य 1039 रुपये प्रति कुन्तल (दिनांक 07 मार्च, 2024), जो गत वर्ष की तुलना में लगभग 63 प्रतिशत अधिक है।

    वर्तमान वर्ष में गत वर्ष की अपेक्षा शीतगृहों की संख्या एवं भण्डारण क्षमता में 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। प्रदेश में कुल 17092355.37 मीट्रिक टन के 2048 शीतगृह उपलब्ध है, जिसमें 11964648.76 भण्डार हेतु स्थान रिक्त है। जनपदों में आलू भण्डारण व्यवस्था सुचारु करने के लिए प्रतिदिन अनुश्रवण एवं मुख्यालय स्तर पर कन्ट्रोल रूम स्थापित किया गया।

    बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव उद्यान बी0एल0मीना सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।

  • उप्र के 43 कम्पनियों को 3.90 करोड़ की स्टाम्प शुल्क प्रतिपूर्ति जारी करने का आदेश

    उप्र के 43 कम्पनियों को 3.90 करोड़ की स्टाम्प शुल्क प्रतिपूर्ति जारी करने का आदेश

    – औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2017 के अंतर्गत स्टाम्प शुल्क प्रतिपूर्ति की है व्यवस्था

    लखनऊ,। उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने प्रदेश के विभिन्न जनपदों में उद्योगों की स्थापना के लिए भूमि की रजिस्ट्री कराने एवं स्टाम्प शुल्क जमा करने वाली 43 कम्पनियों को 3.90 करोड़ की स्टाम्प शुल्क प्रतिपूर्ति प्रदान किए जाने का आादेश दिया है, जिसका सीधा लाभ कम्पनियों को मिलेगा।

    मंत्री नन्दी ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रेरक मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में नए भारत का नया उत्तर प्रदेश आज निवेश का सबसे बेस्ट डेस्टीनेशन साबित हुआ है। उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए ही सबसे बेहतर इण्डस्ट्री पॉलिसी लागू की गई है। जिसका सीधा लाभ उद्यमियों को मिल रहा है। जिसकी वजह से उद्यमी उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए स्वयं आगे आ रहे हैं।

    इन कम्पनियों को मिलेगा स्टाम्प शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ

    बाबा केमिकल्स कानपुर देहात 2.90 लाख, मे.आरके सर्जिकल्स कानपुर देहात 6.23 लाख, सिद्धिविनायक फेलेक्सी पैक कानपुर नगर 6.01 लाख, पशुपति पल्सेज कानपुर नगर 3.14 लाख, चोपड़ा रीटेक रबड़ प्रोडक्ट्स लखनऊ 12.01 लाख, एचआार इण्डस्ट्रीज कानपुर देहात 6.24 लाख, अवनी इण्टरप्राइजेज कानपुर देहात 3.30 लाख, फुल आर्ट इण्डस्ट्रीज अलीगढ़ 01.05 लाख, राकेश इंटर प्राइजेज प्रतापगढ़ 3.07 लाख, नेवोटेक्स प्राइवेट लिमिटेड अलीगढ़ 3.16 लाख, माधव इंटर प्राइजेज कानपुर देहात 5.38 लाख, गोपाल फूड्स प्रोडक्ट्स मथुरा 11.34 लाख, ब्राउन बेकरी एवं फूड प्रोडक्ट्स लखनऊ 32.23 लाख, शंकर फेनेट्रेशन एण्ड ग्लास इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड गाजियाबाद 4.82 लाख, शंकर फेनेट्रेशन एण्ड ग्लास इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड गाजियाबाद 5.64 लाख, दुर्गा फिल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड गाजियाबाद 5.06 लाख, दुर्गा फिल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड गाजियाबाद 6.36 लाख, दुर्गा फिल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड गाजियाबाद 2.28 लाख, सिग्नेचर्स प्रिंटर्स हापुड़ 8.58 लाख, प्रभात प्रोटीन फूड्स कानपुर देहात 55 हजार, शगुन फूड प्रोडक्ट्स ताजोपुर मऊ 4.14 लाख, कृष्णा ट्रेडर्स कानपुर 3.78 लाख, गोयल ग्लास वेयर प्राइवेट लिमिटेड फिरोजाबाद 25.21 लाख, केएस एण्ड संस फिरोजाबाद 3.58 लाख, अनमोल एसोसिएट्स एण्ड मार्केटिंग कम्पनी 4.24 लाख, शनि कारपोरेशन लिमिटेड बुलन्दशहर 10.98 लाख, भारत टेक्सटाइल्स मिल्स हापुड़ 5.66 लाख, केदारनाथ इण्डस्ट्रीज हरदोई 11.82 लाख, मार्स सीमेन्ट वर्क्स लिमिटेड चन्दौली 12.67 लाख, अहमद मेटर वर्क्स गोरखपुर 01.00 लाख, युनिल इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड गौतमबुद्धनगर 26.82 लाख, स्वास्तिक मिनरल्स एण्ड केमिकल्स इण्डस्ट्रीज कानपुर देहात 16.34 लाख, सिंघासिनी इंजीनियरिंग सिस्टम कानपुर देहात 5.61 लाख, सुभाष मसाला इण्डस्ट्रीज कानपुर 3.47 लाख, एलबीएल इलेक्ट्रिकल कम्पनी 1.74 लाख, ओएम सर्जिकल इण्डस्ट्रीज कानपुर देहात 5.70 लाख, आरके स्नैक्स प्राइवेट लिमिटेड कानपुर देहात 4.66 लाख, एनडब्ल्यूएफपी इक्यूपमेंट कानपुर देहात 12.32 लाख, आदित्य फेलेक्सी पैक प्राइवेट लिमिटेड 80.59 लाख, मल्टी बॉक्स प्राइवेट लिमिटेड प्रयागराज 12.60 लाख, आरएमपीएल इण्डस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड बिजनौर 13.92 लाख, एसएन पैकेजिंग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड लखनऊ 5.08 लाख, ओम राज फूडस कानपुर देहात 22.55 लाख।

    उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी वाला राज्य बनाने एवं उत्तर प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2017 लागू की गई है। जिसके अंतर्गत प्रदेश में उद्योग स्थापित करने, उद्योगों के लिए भूमि की रजिस्ट्री कराने वाले उद्यमियों को प्रतिपूर्ति प्रदान किए जाने की व्यवस्था है।

  • उप्र के 69 हजार ग्राम सभाओं को दिये जायेंगे वाद्ययंत्र : जयवीर सिंह

    उप्र के 69 हजार ग्राम सभाओं को दिये जायेंगे वाद्ययंत्र : जयवीर सिंह

    लखनऊ, उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने 18 मण्डलों के 18 ग्राम प्रधानों को ढोलक, हारमोनियम, मजीरा, घुंघरू तथा झींका वाद्ययंत्रों की किट वितरित किया। उन्होंने कहा कि अगले चरण में उत्तर प्रदेश के 69 हजार ग्राम सभाओं को वाद्ययंत्र दिये जायेंगे।

    जयवीर सिंह संगीत नाटक अकादमी गोमतीनगर के परिसर में संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में लोक कलाकार वाद्ययंत्र योजना के तहत ग्राम पंचायतों को वाद्ययंत्र वितरित करने के अवसर पर सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण अंचलों की लोक संगीत एवं विरासत को संवर्धित करने के लिए एक अनूठी पहल की गई है।

    उन्होंने कहा कि भविष्य में प्रदेश के समस्त ग्राम सभाओं को चरणबद्ध रूप से वाद्ययंत्रों का सेट प्रदान किया जायेगा। उन्होंने कहा कि मोबाइल के बढ़ते प्रभाव के कारण ग्रामीण संस्कृति और लोक संगीत की शैली प्रभावित हुई है। इसको जीवंत बनाये रखने के लिए राज्य सरकार ने ग्राम पंचायतों को वाद्ययंत्र उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है।

    पर्यटन मंत्री ने कहा कि सदियों से गांवों में अपनी लोकगायन की अनूठी परम्परा चलती आई है। मोबाइल के आने से धीरे-धीरे लोककला एवं वाद्ययंत्र विलुप्ति की कगार पर पहुंच रहे हैं। इस लोक विरासत एवं समृद्ध संस्कृति को बचाने की जिम्मेदारी हम सभी की है। लोक संस्कृति की बहुत गहरी जड़े हैं। गांव देहात की अपनी अनूठी शैली होती है। इसके माध्यम से सामाजिक एकता, भाईचारा एवं सामाजिक सद्भाव का ताना-बाना बना रहता है। उन्होंने कहा कि आधुनिक दौर में मोबाइल के कारण लोग एकांतवादी होते जा रहे हैं, जो हमारे लोक जीवन एवं लोक संस्कृति के लिए अच्छा संकेत नहीं है।

    जयवीर सिंह ने कहा कि लोक संगीत एवं कलाकार सामाजिक एकता को मजबूत करने का कार्य करते हैं। राज्य सरकार लोक संगीत, कला एवं वाद्ययंत्रों को जीवित रखने के लिए ग्राम पंचायतों को किट प्रदान करने की पहल की है। धीरे-धीरे सभी ग्राम पंचायतों में वाद्ययंत्र उपलब्ध करा दिये जायेंगे। इससे जहां एक ओर सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा मिलेगा, वहीं दूसरी ओर प्राचीन विरासत को जीवंत बनाकर अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का कार्य भी संभव होगा। उन्होंने कहा कि गांव के विकास तथा राष्ट्र की मुख्यधारा में भागीदारी की शुरूआत गांव से ही होती है। गांव में ही भारत की आत्मा बसती है।

    इस अवसर पर प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन मुकेश मेश्राम ने कहा कि मोबाइल के दौर में लोक कलाएं विलुप्त हो रही हैं। पहले के समय में अलग-अलग संस्कारों के अवसर पर गायन वादन होता था। उन्होंने कहा कि ग्रामीण लोक संस्कृति को जीवंत बनाने के लिए वाद्ययंत्रों का वितरण किया जा रहा है।

    इस अवसर पर भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय की कुलपति मांडवी सिंह, सहायक निदेशक संस्कृति रेनू रंग भारती तथा अहिरवार के अलावा विचार परिवार के सामाजिक प्रतिनिधि श्री राम कृपाल सिंह भदौरिया सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

  • एलडीए ने मड़ियांव और हसनगंज में अवैध निर्माण सील

    एलडीए ने मड़ियांव और हसनगंज में अवैध निर्माण सील

    लखनऊ,। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के प्रवर्तन जोन-4 की टीम ने मड़ियांव और हसनगंज क्षेत्र में दो अवैध निर्माण सील किये। प्रवर्तन जोन-4 के जोनल अधिकारी रवि नंदन सिंह ने बताया कि जगनलाल व अन्य द्वारा मड़ियांव में घैला रोड पर पूर्व माध्यमिक विद्यालय गाजीपुर बलराम के पीछे लगभग पांच हजार वर्ग फिट क्षेत्रफल में अवैध रूप से निर्माण कार्य कराये जाने की जानकारी हुई। जिसे सील कर दिया गया।

    रवि नंदन सिंह ने बताया कि हसनगंज में इसरार अहमद, मेहंदी व अन्य द्वारा पुरनिया तिराहा से पक्का पुल को जाने वाली बन्धा रोड पर हमसफर गेस्ट हाउस के बगल में लगभग दो हजार वर्गफिट क्षेत्रफल के भूखण्ड पर निर्माण कार्य कराया जा रहा था। प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत कराये बिना किये जा रहे अवैध निर्माण के विरूद्ध विहित न्यायालय द्वारा वाद योजित करते हुए सीलिंग के आदेश पारित किये गये।

    उन्होंने बताया कि विहित न्यायालय के अनुपालन में सहायक अभियंता अनिल कुमार, अवर अभियंता राकेश कुमार ने प्राधिकरण पुलिस व स्थानीय थाने के पुलिस बल के सहयोग से दोनों अवैध निर्माणों को सील किया है। इसी प्रकार आगे भी अवैध निर्माण की शिकायत पर कार्रवाई की जायेगी।

  • भाजपा के पास युवा बेरोजगार, महंगाई और किसानों की आय का कोई जवाब नहीं : अखिलेश यादव

    भाजपा के पास युवा बेरोजगार, महंगाई और किसानों की आय का कोई जवाब नहीं : अखिलेश यादव

    लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस समन्वय समिति की बैठक के बाद पत्रकारों से बात की। पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने भाजपा सरकार पर जुबानी हमला बोला।

    उन्होंने पत्रकरों से कहा कि हम दुनिया की पांचवीं अर्थव्यवस्था बन गए, विश्व गुरु बन गए। 80 करोड़ लोगों को राशन दे रहे हैं। लेकिन 90 प्रतिशत पढ़ा लिखा लड़का बेरोजगार है। भाजपा के पास महंगाई और नौकरी पर कोई जवाब नहीं है। किसान की आय दोगुनी करने, बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी का भाजपा के पास कोई जवाब नहीं है। बढ़ती बेरोजगारी के कारण परेशान युवा आत्महत्या करने पर विवश है। भाजपा की दस साल की सरकार में कर्ज और गरीबी के कारण एक लाख से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या कर ली है।

    अखिलेश यादव ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर अखिलेश यादव ने कहा कि पूरे देश की जनता को इस बात की खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से कम से कम वह सूची आ जाएगी, जिससे पता लग जाएगा कि इलेक्टोरल बॉन्ड किसने दिए हैं, सवाल यह है कि वह सार्वजनिक हो पाएगा कि नहीं।

    सपा अध्यक्ष ने कहा कि जो लोग 46 में 56 की बात कहते थे आज बताएं वाइस चांसलर जो अप्वॉइंट हुए उसमें पीडीए कितने हुए? जिलों के अधिकारियों की पोस्टिंग में पीडीए कितने हैं? भाजपा पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) का केवल वोट लेना जानती है पर उन्हें हक और सम्मान नहीं देना चाहती।

    अखिलेश ने कहा कि आप देखना सबसे पहले जीत का जो संदेश आएगा वह सपा और गठबंधन का होगा। यह जो नारा देते हैं सबका साथ सबका विकास, यह सबसे ज्यादा झूठ है। यह चुनाव संविधान बचाने का है।

  • गाजीपुर बस हादसे में विद्युत् विभाग के तीन कार्मिक निलंबित, एक की सेवा समाप्त

    गाजीपुर बस हादसे में विद्युत् विभाग के तीन कार्मिक निलंबित, एक की सेवा समाप्त

    लखनऊ। गाजीपुर जिले में हुई बस हादसे मामले में नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने विद्युत् विभाग के तीन अधिकारियों को निलंबित कर, एक कार्मिक की सेवा समाप्त कर दी है। वहीं ऊर्जा मंत्री ने बस हादसे पर दुःख व्यक्त करते हुए मृतकों की आत्मा को शांति प्रदान करने एवं परिजनों को संबल देने की ईश्वर से प्रार्थना की है।

    उल्लेखनीय है कि गाजीपुर जिले में सोमवार को एक बस के हाई टेंशन बिजली के तार के संपर्क में आने से दुःखद हादसा हुआ है। बस में लगी आग से पांच लोगों की मृत्यु हो गयी, वहीं कई लोग झुलस गए।

    ऊर्जा मंत्री श्री शर्मा ने घटना की जानकारी मिलते ही सख्त कार्रवाई करते हुए सम्बन्धित अधिशासी अभियंता मनीष, एसडीओ संतोष चौधरी और जेई प्रदीप कुमार राय को निलंबित करने और लाइनमैन नरेंद्र (संविदा कर्मी) की सेवा समाप्ति के निर्देश दिए हैं।

    उन्होंने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी, मंडलायुक्त, ज़िलाधिकारी एवं अधीक्षण अभियंता से बात की। सभी अधिकारियों को राहत कार्य में तेजी लाते हुए, घायलों के समुचित उपचार की व्यवस्था सहित प्रभावित लोगों की हर संभव मदद करने का निर्देश दिया। साथ ही मंत्री श्री शर्मा ने पीड़ित परिवारों से स्वयं मिलने के लिए गाजीपुर और मऊ भी पहुंचे।

    उल्लेखनीय है कि गाजीपुर के मरदह थाना के 400 मीटर के पास एचटी तार के संपर्क में आने से बस में आग लग गई, जिसमें कुल पांच लोगों की मौत हो गयी है, वहीं 10 से अधिक लोग घायल बताये जा रहे हैं, जिसमें 03 बच्चे और 02 महिलाएं हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे का शिकार हुई बस बरातियों से भरी बताई जा रही है। बस मऊ से एक वैवाहिक कार्यक्रम में जा रही थी, जिसमें कुल 38 बराती बस में सवार थे।

  • उप्र विधान परिषद चुनाव में सपा के तीन उम्मीदवारों ने नामांकन किया

    उप्र विधान परिषद चुनाव में सपा के तीन उम्मीदवारों ने नामांकन किया

    लखनऊ,। उत्तर प्रदेश विधान परिषद सदस्य के लिए चुनाव में नामांकन का अंतिम दिन है। इस चुनाव में सोमवार को समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपनी पार्टी के तीन उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। तीनों उम्मीदवारों ने विधान भवन पहुंचकर नामांकन पत्र दाखिल किया।

    उप्र विधान परिषद चुनाव के लिए सपा ने बलराम यादव, किरण पाल ने नामांकन कराया। जबकि तीसरे उम्मीदवार के रूप में हाल में पार्टी में शामिल हुए गुड्डू जमाली को भी सपा नेतृत्व ने विधान परिषद भेजने का निर्णय लिया है। सपा उम्मीदवारों के नामांकन के दौरान पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव साथ नहीं थे। हालांकि नामांकन की इस पूरी प्रक्रिया के दौरान मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी के साथ पार्टी के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी, नेतागण उपस्थित थे।

  • कांग्रेस के प्रदेश चुनाव समिति की हुई बैठक, जल्दी होगी नामों की घोषणा

    कांग्रेस के प्रदेश चुनाव समिति की हुई बैठक, जल्दी होगी नामों की घोषणा

    लखनऊ। प्रदेश के अपने हिस्से आये 17 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारने के लिए प्रदेश कार्यसमिति ने मंथन तेज कर दिया है। रविवार को प्रदेश कार्यालय पर चुनाव कार्यसमिति की बैठक हुई, जिसमें एक-एक लोकसभा सीट पर उम्मीदवार उतारने के लिए मंथन किया गया। उम्मीद जतायी जा रही है कि इसी सप्ताह केन्द्रीय चुनाव समिति से भी नामों को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।

    रविवार को हुए मंथन में राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश के प्रभारी अविनाश पांडेय मौजूद थे। इसके साथ ही प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी, पूर्व सांसद पी.एल. पुनिया, विधानमंडल दल के नेता अराधना मिश्रा, विधायक वीरेन्द्र चौधरी, पूर्व सांसद जफर अली नकवी, सुप्रिया श्रीनेत्र शामिल थे। चुनाव समिति ने 17 लोकसभा सीटों पर एक-एक नाम का मंथन किया। इसके बाद उनमें से लगभग तीन नामों का चयन करने की प्रक्रिया पूरी की गयी, जो केन्द्रीय चुनाव समिति को भेजा जाएगा। इस चुनाव समिति में अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीटों पर भी चर्चा की गयी।

    कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने बताया कि तीन नामों का ही कोई नियमावली नहीं है। एवरेज तीन का रहता है, लेकिन किसी लोकसभा सीट पर चार तो किसी पर दो या एक भी नाम हो सकता है। उन्होंने कहा कि जल्द ही केन्द्रीय चुनाव समिति द्वारा नामों को फाइनल किये जाने की संभावना है। अंशु ने बताया कि हमारे पदाधिकारी और कार्यकर्ता क्षेत्र में लगे हुए हैं। चारों तरफ प्रचार अभियान चल रहा है। इस बार उप्र से भाजपा साफ हो जाएगी।

  • उप्र में 2018 से लेकर 2023-24 तक 2.57 लाख आवासों का आवंटन हुआ

    उप्र में 2018 से लेकर 2023-24 तक 2.57 लाख आवासों का आवंटन हुआ

    लखनऊ,। मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 2018-19 से लेकर 2023-24 तक कुल 2.57 लाख आवासों का आवंटन किया जा चुका है। खास बात यह है कि योजना के अंतर्गत खासतौर पर पिछड़ी जातियों का विशेष ध्यान रखा गया है। बड़ी संख्या में मुसहर, कोल, वनटांगिया, थारू, सहरिया, चेरो, बैगा, नट और बोक्सा जातियों से जुड़े लोगों को आवास प्रदान किए गए हैं। इसके साथ ही दिव्यांग और दैवीय आपदा से प्रभावित लोगों को भी योजना का भरपूर लाभ मिला है, जबकि कुष्ठ रोग, कालाजार और जापानी इंसेफेलाइटिस/एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम जैसी बीमारियों से ग्रसित लोगों को भी आवास उपलब्ध कराए गए हैं।

    मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत सरकार ने 2018-19 से 2023-24 तक मुसहर जाति से जुड़े लोगों को 47,795 आवास, कोल को 29,923, वनटांगिया को 4,838, थारू को 3,233, सहरिया को 6,979, चेरो को 5,367, बैगा को 1,584, नट को 2,220, बोक्सा को 164, और पछइया लोहार को 17 व गढ़इया लोहार को 11 आवास प्रदान किए गए हैं। जबकि 71,257 आवास दिव्यागंजन को प्रदान किए गए हैं तो दैवीय आपदा से अपना मकान गंवाने वालों को भी 78,101 आवास दिया गया। इसके अलावा कुष्ठ रोग से पीड़ित 5,021, जेई/एईएस को 674 और कालाजार पीड़ितों को 249 आवास आवंटित किए गए।

    20 मार्च तक सभी जनपदों को लक्ष्य हासिल करने के निर्देश

    राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री आवास योजना- ग्रामीण के तहत वर्ष 2018-19 से 2023-24 तक कुल 2,57,433 आवासों का आवंटन किया गया है। इसमें 2.57 लाख आवास निर्माण के लक्ष्य के सापेक्ष 2.27 लाख आवास पूर्ण भी कर लिए गए हैं, जबकि शेष 30,150 आवास निर्माणाधीन हैं। तय लक्ष्य को पूरा करने के लिए आवश्यक 3136.04 करोड़ रुपये की धनराशि भी सरकार की ओर से जारी कर दी गई है, जिसमें 2964.36 रुपये व्यय भी किए जा चुके हैं जो प्राप्त राशि का 94.52 फीसद है।

    संभावना है कि जल्द ही निर्माणाधीन आवासों को भी पूर्ण कर सरकार आवंटियों को घर की चाबी सौंप देगी। अमरोहा, शामली, बरेली, बिजनौर और भदोही जनपद लक्ष्य के सापेक्ष सर्वाधिक आवास पूर्ण करने वाले जनपदों में शीर्ष पर हैं। वहीं अन्य जनपदों को भी 20 मार्च तक लक्ष्य की प्राप्ति के निर्देश दिए गए हैं।

    मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण पूरी तरह राज्य सहायतित योजना है, जो दो फरवरी 2018 को प्रारम्भ की गई थी। इसके तहत वो लोग या परिवार योजना का लाभ लेने के पात्र हैं, जिन्होंने प्राकृतिक आपदा के कारण अपना घर गंवा दिया हो। इसके अलावा कालाजार से प्रभावित आवासविहीन परिवार, वनटंगिया एवं मुसहर, सहरिया, कोल, थारू, नट, चेरों, पछइया लोहार/ गढ़झ्या लोहार एवं बैगा (जनजाति), बोक्सा वर्ग एवं बंजारा (अन्य पिछड़ा वर्ग) के आवासविहीन परिवार और जेई/एईएस/कुष्ठ रोग से प्रभावित आवासविहीन परिवार एवं दिव्यांगजन परिवार भी पात्र श्रेणी में आते हैं। इसमें वो आवासविहीन परिवार भी आते हैं जो पात्र हैं, लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की पात्रता सूची में सम्मिलित होने से वंचित रह गए हैं। हालांकि वर्तमान में सरकार प्रथम चार श्रेणियों में ही आवास आंवटन कर रही है।

  • अमेठी से भाग रहे राहुल, ललकार रही भाजपा

    अमेठी से भाग रहे राहुल, ललकार रही भाजपा

    मऊ/लखनऊ। कांग्रेस की पहली सूची में ही राहुल गांधी को वायनाड से टिकट मिलने और नेहरू गांधी परिवार की पारिवारिक सीट रायबरेली और अमेठी पर उम्मीदवार की घोषणा नही होने से चचा्र्रओ का बाजार गरम हो गया है। दूसरी तरफ भाजपा नेता बार-बार उन्हें अमेठी से चुनाव लड़ने के लिए चुनौती दे रहे हैं।

    राजनीतिक गलियारों से छन कर आ रही खबरों के मुताबिक राहुल गांधी नेहरू के पारिवारिक सीटों से चुनाव लड़ना नहीं चाह रहे है ,जबकि उप्र कांग्रेस बार-बार उन्हें यहां लाने का प्रयास कर रही है। राहुल को अमेठी से चुनाव नही लडने के पीछे के कारणों में पिछली बार के चुनाव में उनके हाथ लगी बड़ी हार है जिसने उन्हें हिलाकर रख दिया है। पिछली बार के चुनाव में राहुल बसपा और सपा के समर्थन के बावजूद स्मृति ईरानी से हार गये थे। इस बार यही की सीट पर बसपा को खुद चुनावी मैदान में होने के आसार है। ऐसे में उन्हें जीतना मुश्किल होगा।

    उल्लेखनीय है कि अमेठी के 1966 में लोकसभा क्षेत्र बनने के बाद ही यह नेहरु-गांधी परिवार का ही संसदीय क्षेत्र रहा है। यहां अब तक हुए 16 लोकसभा चुनावों और दो उपचुनाव में कांग्रेस ने 16 बार जीत दर्ज की है। इस लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत चार तहसील और पांच विधान सभा क्षेत्र आते हैं। राहुल गांधी के सासंद बनने के बाद से वे स्वयं चुनाव तो जीतते थे, लेकिन विधानसभाओं में वे अधिकांश अपने उम्मीदवारों को जीताने में असफल रहे। पिछले चुनाव में स्मृति ईरानी ने उन्हें भी हरा दिया। इसके बाद से उनका दौरा भी अमेठी में न के बराबर रहा।

    2019 में अमेठी के लोकसभा चुनाव पर गौर करें तो वहां 27 प्रत्याशी मैदान में थे, लेकिन राहुल गांधी के समर्थन में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने समर्थन किया था। इसके बावजूद स्मृति ईरानी ने 55,120 वोट से राहुल गांधी को हरा दिया, लेकिन इन दोनों के अलावा निर्दलीय अथवा छोटे दलों को मिलाकर 60540 वोट मिले थे। इसमें सात प्रत्याशी तो एक हजार से भी कम मत पाये थे, जिनका कुला मिलाकर 5183 मत मिले थे। उसमें नोट पर भी 3940 मतदाताओं ने बटन दबाया था। अर्थात ये मतदाता राहुल, स्मृति अथवा किसी अन्य को पसंद नहीं करते रहे। उस चुनाव में स्मृति को 4,68,514 वोट मिले थे। वहीं राहुल गांधी को 4,13,394 मत मिले थे। कुल पड़े वोट का स्मृति ईरानी का वोट शेयर 49.71 प्रतिशत था। वहीं राहुल गांधी का 43.86 प्रतिशत वोट मिले थे।

    राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो किसी लोकसभा चुनाव में 55,120 मतों से हार कोई मायने नहीं रखता, लेकिन उसके बाद राहुल गांधी ने अमेठी में आना ही छोड़ दिया। वे सिर्फ भारत जोड़ों यात्रा को मिलाकर पांच साल में तीन बार अमेठी आये हैं, जबकि स्मृति ईरानी लगभग हर माह वहां आती रही हैं। अमेठी में उन्होंने अपना आवास भी ले लिया है। ऐसे में राहुल गांधी वहां की जनता के साथ कैसे स्वयं को जोड़ पाएंगे। स्मृति इरानी के जवाब में वे कैसे मुखर हो पाएंगे।

    राजनीतिक विश्लेषक राजीव रंजन सिंह की मानें तो उन्हें भय भी सता रहा है कि पिछली बार तो समाजवादी पार्टी और बसपा दोनों ने रायबरेली और अमेठी की सीट से अपना प्रत्याशी सोनिया और राहुल के समर्थन में नहीं उतारा। इस तरह राहुल तीन दलों के संयुक्त उम्मीदवार थे,लेकिन इस बार बसपा वहां से प्रत्याशी उतार सकती है,क्योंकि मायावती के किसी के साथ समझौता नहीं है। इस स्थिति में अमेठी से राहुल गांधी को हार का पुनः सामना करना पड़ सकता है।