Category: उत्तर प्रदेश

  • पोस्टमार्टम हाउस से मुख्तार अंसारी का वायरल वीडियो जांच के घेरे में

    पोस्टमार्टम हाउस से मुख्तार अंसारी का वायरल वीडियो जांच के घेरे में

    बांदा,। माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के बाद मौत से जुड़े वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। इनके माध्यम से कहीं मौत पर सवाल उठाए जा रहे हैं, तो कहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर टिप्पणी वायरल की जा रही है। उधर पोस्टमार्टम हाउस का भी एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई। इस पर कोई जिम्मेदार अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।

    वायरल वीडियो में मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी, उनके भतीजे, एक पुलिसकर्मी व कुछ अन्य कर्मचारी दिखाई पड़ रहे हैं। वीडियो में वीडियोग्राफी करते हुए दिखाई जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा एक अधिकारी भी इस वीडियो में नजर आ रहा है। वायरल होने के बाद यह वीडियो जांच के घेरे में आ गया है। आखिर वहां यह वीडियो किसने बनाया है । किसके लिए बनाया गया है और किसने इसे वायरल किया है, इस पर चर्चा हो रही है।

    इस मामले में रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एस के कौशल का कहना है कि इसके बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी बता सकते हैं। जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.अनिल श्रीवास्तव से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने बार-बार फोन किए जाने के बाद भी फोन रिसीव नहीं किया।

    इधर मुख्तार के पोस्टमार्टम रिपोर्ट से संबंधित एक तस्वीर वायरल हुई है, जिसमें पोस्टमार्टम रिपोर्ट से संबंधित कुछ अंश दर्शाए गए हैं। वीडियो कि वायरल रिपोर्ट में मृत्यु का कारण शॉक और मायोकार्डियल इंफ्रैक्शन (एमआई) दर्शाया गया है। मेडिकल में शॉक का मतलब ब्लड प्रेशर का कम हो जाना है। एमआई का मतलब हार्ट का एक हिस्सा पीला पड़ जाना है।

    सूत्रों के मुताबिक मुख्तार अंसारी के हार्ट का लगभग 2×1.5 सेंटीमीटर हिस्सा पीला पड़ गया था। उस पीले हिस्से में ब्लड के क्लाॅट पाए गए थे। इसी से मौत की वजह मायोकार्डियल इंफ्रैक्शन दिखाई गई है। इसके अलावा आंतें भी फूली मिली हैं। बाएं कान से खून आना भी दिखाया गया है। इस रिपोर्ट की क्या सच्चाई है। इस बारे में भी स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारी अधिकारी कुछ भी बताने से परहेज कर रहे हैं।

  • हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राजबब्बर पर दोष सिद्धि को किया निलम्बित

    हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राजबब्बर पर दोष सिद्धि को किया निलम्बित

    लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के तत्कालीन प्रत्याशी राजबब्बर को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से राहत मिली है। जस्टिस मोहम्मद फैज आलम खान ने राजबब्बर की ओर से दाखिल अर्जी पर आदेश देते हुए दोष सिद्धि के आदेश को निलम्बित कर दिया है।

    बता दें कि लखनऊ के वजीरगंज थाना क्षेत्र में सन 1996 में हुए एक मतदान केन्द्र पर मतदान अधिकारी श्रीकृष्ण सिंह और वहां उपस्थित शिवकुमार से तत्कालीन समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी राजबब्बर और उनके साथी ने मारपीट की थी। जिसके बाद मुकदमे में सात जुलाई 2022 को मजिस्ट्रेट कोर्ट ने राजबब्बर पर दोष सिद्ध करार दिया था और दो वर्षों के कारावास की सजा सुनाई थी।

    हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के जस्टिस मोहम्मद फैज की ओर से इस मामले की अगली सुनवाई एक मई को होनी सुनिश्चित की गयी है। इसके साथ में राज्य सरकार की ओर से मामले में जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश जारी हुआ है।

  • उत्तर प्रदेश में बना तीसरा गठबंधन पीडीएम न्याय मोर्चा

    उत्तर प्रदेश में बना तीसरा गठबंधन पीडीएम न्याय मोर्चा

    लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में पिछड़ा, दलित और मुसलमान (पीडीएम) का नारा देते हुए ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहाद उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, अपना दल कमेरावादी की अध्यक्ष कृष्णा पटेल, अपना दल कमेरावादी की नेता डाॅ. पल्लवी पटेल, प्रगतिशील मानव समाज पार्टी, राष्ट्र उदय पार्टी ने तीसरा गठबंधन पीडीएम न्याय मोर्चा की घोषणा की।

    अपना दल कमेरावादी की नेता डाॅ. पल्लवी पटेल ने कहा कि देश में जिसके सम्मान पर लगातार कुठाराघात किया जा रहा है, दलित मुसलमान और पिछड़ा। इसके लिए पीडीएम न्याय मोर्चा लेकर आए है। जब तक पीडीएम को न्याय नहीं मिलेगा, तभी तक न्याय के लिए लड़ेंगे। पीडीएम ही सरकार बनाता और बिगाड़ता रहा है।

    उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि ए में कन्फ्यूजन था, इसके लिए एम हो गया है। अल्पसंख्यक को नहीं समझ पा रहे थे लोग, इसलिए एम लाए हैं। जिन्होंने मुझे विधायक बनाया है, वे चाहें तो फिर मेरा इस्तीफा ले लें।

    अपना दल कमेरावादी की अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने कहा कि सभी दलों के पदाधिकारी कार्यकर्ता अपनी आवाज बुलंद करें और नई दिल्ली तक आवाज को पहुंचाएं। राष्ट्र उदय पार्टी के बाबूलाल ने कहा कि पीडीएम का गठन न्याय के लिए किया गया है। भाजपा केवल अति पिछड़ा और पिछड़ा को हक नहीं देना चाहती है। जननायक कर्पूरी ठाकुर को केवल सम्मान देना चाहते हैं, उनके लोगों को न्याय नहीं देना चाहते है।

    एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि मुरादाबाद में हसन साहब की बेइज्जती की गई। इससे क्या मैसेज जा रहा है। फिर रामपुर में क्या किया उन्होंने, सभी ने देखा है। जहां बात चुनाव में सीटों पर है, वह पल्लवी पटेल बताएगी। कोई हमारे गठबंधन में आना चाहता है तो उसका भी स्वागत है।

    असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि 90 प्रतिशत मुसलमान ने समाजवादी पार्टी को मत दिया। उन्हें क्या मिल रहा है। पहले भी क्या मिला है। वे गलती कर नहीं सकते और मुसलमान की बात करने पर हम गलत हैं।

  • लाखों की नकदी बरामद, दो लोग गिरफ्तार

    लाखों की नकदी बरामद, दो लोग गिरफ्तार

    हरिद्वार। लोकसभा चुनाव को लेकर पुलिस पूरी तरह से सजग है। पुलिस ने सघन चेकिंग अभियान चलाया हुआ है। इसी कड़ी में पुलिस ने लाखों की नकदी बरामद करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है।

    जानकारी के अनुसार चेकिंग के दौरान बहादराबाद पुलिस ने रुड़की की ओर से आ रही एक कार से एक लाख साठ हजार की नकदी बरामद की। नकदी के संबंध में पूछे जाने पर कार चालक सन्दीप कुमार पुत्र सतपाल प्रजापति निवासी ग्राम भौरी थाना बहादराबाद ठोस दस्तावेज नहीं दिखा पाया। इस पर पुलिस ने धनराशि को कब्जे में लेकर उसे गिरफ्तार कर लिया। इसके अलावा सचिन उम्र 35 वर्ष पुत्र विरेन्द्र निवासी सहारनपुर उत्तर प्रदेश से बैग से सात लाख रुपये की नकदी बरामद की। पुलिस ने नकदी संबंधी दस्तावेज नहीं दिखाने पर उसे गिरफ्तार कर लिया।

  • पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह की मांग, मुख्तार के मौत की हो सीबीआई जांच

    पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह की मांग, मुख्तार के मौत की हो सीबीआई जांच

    जालौन। उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने मुख्तार अंसारी की मौत पर बड़ा सवाल उठाया है । उन्होंने कहा कि जब उत्तर प्रदेश में फर्जी मुठभेड़ हो सकती है, तो माफिया मुख्तार अंसारी को जेल में जहर क्यों नहीं दिया जा सकता है, यह बयान उसने पेशी के दौरान दिया था, इसीलिए इस मामले की तत्काल सीबीआई जांच उत्तर प्रदेश सरकार कराये, जिससे हकीकत सामने आ सके।

    यह बयान डीजीपी सुलखान सिंह ने जालौन के कोंच नगर में दिया, वह यहां एक निजी कार्य में शामिल होने के लिये आए थे। पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने कहा कि उसकी मौत कैसे हुई है, इसका अंदाजा लगाना संभव नहीं है, उन्होंने कहा कि वह राज्य की अभिरक्षा में था, और उसने न्यायालय में आरोप भी लगाया था कि उसे धीमा जहर दिया जा रहा है, उसकी हत्या की जा सकती है, इसीलिए सरकार को अपना स्टैंड क्लियर करना जरूरी है, जिससे किसी प्रकार का संदेह न रह जाए, इसलिए मामले की सीबीआई जांच करना बहुत जरूर है और जल्द से जल्द इसकी जांच कराई जाए, जिससे साफ हो सके कि मुख्तार की मौत कैसे हुई है।

    जब उनसे पूछा कि जब आप आईजी जेल थे, तो जेल में इस तरीके की घटना हो सकती हैं, तो उन्होंने कहा कि होने के लिए सब कुछ हो सकता है, पुलिस वाले फर्जी मुठभेड़ कर सकते हैं, इस वक्त ढाई सौ पुलिस वाले जेल में हैं जो सजायाफ्ता और कुछ पर अंडर ट्रायल चल रहा है, जब पुलिस वाला हत्या कर सकता है, तो क्या नहीं हो सकता है, लेकिन इस तरीके का गैस करना एक पुलिस वाले के लिए सही नहीं है, लेकिन मुख्तार अंसारी ने आरोप लगाया और उसके बाद घटना हुई है इसलिए इस पर संदेह उत्पन्न हुआ है, तो निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई जांच होना जरूरी है।

  • गैर इरादतन हत्या के मामले में पिता-पुत्र समेत चार को 10-10 साल की कैद

    गैर इरादतन हत्या के मामले में पिता-पुत्र समेत चार को 10-10 साल की कैद

    – एडीजे नीरज श्रीवास्तव ने सुनाया निर्णय

    चित्रकूट। गैर इरादतन हत्या के मामले में दोष सिद्ध होने पर अपर सत्र न्यायाधीश नीरज श्रीवास्तव ने चार आरोपियों को 10-10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही अर्थदण्ड से भी दण्डित किया है।

    सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील कुमार सिंह ने बताया कि कर्वी कोतवाली क्षेत्र के बरमपुर गांव के निवासी रामचन्द्र कुशवाह ने बीती 28 फरवरी 2021 को कर्वी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। वादी के अनुसार बीती 20 फरवरी 2021 को सबेरे 7:30 बजे रास्ते को लेकर विवाद हुआ था। जिसमें हमलावर शिव प्रसाद ने अपने बेटे प्रकाश चन्द्र व सुरेश, रामलखन आदि के साथ लाठी-डण्डा, कुल्हाड़ी, हसिया से हमला कर दिया। जिसमें वादी रामचन्द्र, राजाराम, भूरी देवी, जियालाल उर्फ लाला भाई घायल हो गए थे। इस घटना में उसका छोटा भाई जियालाल गम्भीर रूप से घायल हो गया था। जिसे लेकर इलाज के लिए वह लोग जिला अस्पताल आए। जहां गम्भीर हालत के चलते चिकित्सकों ने उसे प्रयागराज के लिए रेफर कर दिया, किन्तु इलाज के दौरान 26 फरवरी 2021 को उसकी मौत हो गयी।

    पुलिस ने मामले में रिपोर्ट दर्ज करने के बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इसी मामले में दूसरे पक्ष के शिवप्रसाद ने भी रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस को दी गयी तहरीर में शिव प्रसाद ने बताया था कि घटना के समय वह अपने खेत में पिलर कर रहा था। इस दौरान रामचन्द्र व राजाराम आदि ने आकर उसे गाली-गालौज करते हुए लाठी डण्डों से पीटा। इस मामले में भी पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था।

    बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद शनिवार को अपर सत्र न्यायाधीश नीरज श्रीवास्तव ने निर्णय सुनाया। जिसमें दोष सिद्ध होने पर आरोपी शिव प्रसाद उसके बेटे प्रकाश चन्द्र, सुरेश व रामलखन को 10-10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई। साथ ही अर्थदण्ड से दण्डित किया है। इसी प्रकार दूसरे पक्ष के रामचन्द्र व राजाराम को दो-दो वर्ष कारावास और 6-6 हजार अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया गया है।

  • छेड़छाड़ की पीड़ित की पैरवी करने वाले अधिवक्ता पिता-पुत्र ने आरोपितों पर लगाया धमकी देने का आरोप

    छेड़छाड़ की पीड़ित की पैरवी करने वाले अधिवक्ता पिता-पुत्र ने आरोपितों पर लगाया धमकी देने का आरोप

    – वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने केस दर्ज कर कार्रवाई करने के दिए आदेश

    – बेटे की फेसबुक और इंस्टाग्राम आईडी हैक कर आपत्तिजनक पोस्ट डालने का भी लगाया आरोप

    मुरादाबाद। जिले के अधिवक्ता और उसके बेटे ने शनिवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को दिए शिकायती पत्र में आरोप लगाते हुए कहा कि वह छेड़छाड़ के मामले में पीड़ित की ओर से पैरवी कर रहे हैं। मामले के आरोपितों ने उन्हें और उनके बेटे को धमकी दी। इसके अलावा यह भी आरोप लगाया कि उनके बेटे की फेसबुक और इंस्टाग्राम आईडी हैक कर आपत्तिजनक पोस्ट डाली। शिकायत पर एसएसपी ने केस दर्ज कर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।

    शनिवार को एसएसपी को दिए शिकायती पत्र में अधिवक्ता ने बताया कि वह छजलैट थाने में दर्ज छेड़छाड़ के एक मुकदमे में पीड़िता की ओर से पैरवी कर रहे हैं। अधिवक्ता के अनुसार बिजनौर निवासी आरोपी युवक केस वापसी के लिए पीड़िता पर दबाव बना रहा था, लेकिन वह केस एससीएसटी कोर्ट में विचाराधीन है। आरोपित पर पाक्सो एक्ट भी लगा है। अधिवक्ता ने बताया कि उनका बेटा भी उनके साथ वकालत करता है। आरोपितों ने अधिवक्ता और उनके बेटे को केस की पैरवी बंद करने के लिए कहा और मना करने पर धमकी देना शुरु कर दिया। आरोपित ने अधिवक्ता के बेटे की फेसबुक और इंस्टाग्राम ग्राम आईडी हैक कर ली और परिचितों के जरिए दबाव बनाने की कोशिश की। बेटे की फोटो एडिट कर उसे सोशल मीडिया पर भी वायरल कर दिया ताकि परेशान होकर पैरवी बंद कर दें। परेशान होकर पीड़ित अधिवक्ता ने सिविल लाइंस थाना और साइबर सेल में शिकायत की लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। जिसके बाद अधिवक्ता ने शनिवार को एसएसपी से गुहार लगाई। मामले को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी ने सिविल लाइंस एसएचओ को एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।

  • एससी एसटी एक्ट के चार दोषियों को चार-चार वर्ष का कारावास

    एससी एसटी एक्ट के चार दोषियों को चार-चार वर्ष का कारावास

    फिरोजाबाद। न्यायालय ने शनिवार को मारपीट तथा एससी-एसटी के दोषी चार लोगों को चार-चार वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। उन पर अर्थ दंड भी लगाया है। अर्थ दंड न देने पर उन्हें अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

    असफाबाद निवासी अनार सिंह दलित है। वह 25 सितंबर 2004 को हिमायूंपुर बालू मंडी से लालपुर जा रहा था। सैलई के समीप उसे दबंगो ने रोक लिया। दबंगों ने उसके साथ मारपीट की तथा जाति सूचक शब्दों से अपमानित किया।

    अनार सिंह ने थाने में रोहन सिंह पुत्र भवानी शंकर, रामनाथ पुत्र रामकिशन, दीवारी लाल पुत्र ताराचंद तथा जनक सिंह पुत्र रामकिशन के खिलाफ मारपीट तथा एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने विवेचना के बाद चारों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। मुकदमा अपर सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश एससी एसटी एक्ट इफराक अहमद की अदालत में चला।

    अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र सिंह ने बताया कि मुकदमे के दौरान कई गवाहों ने गवाही दी। कई साक्षी न्यायालय के सामने पेश किए गए। गवाहों की गवाही तथा साक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने सभी को दोषी माना। न्यायालय ने उन्हें चार-चार वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। उन पर सात-सात हजार रुपया का अर्थ दंड लगाया है। अर्थ दंड न देने पर उन्हें अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

  • माफिया मुख्तार की मौत के बाद बलिया जिला जेल की व्यवस्था जांची गई !

    माफिया मुख्तार की मौत के बाद बलिया जिला जेल की व्यवस्था जांची गई !

    – जिला जज, डीएम और एसपी ने जिला कारागार का किया औचक निरीक्षण

    बलिया। बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की कार्डिक अरेस्ट से मौत के बाद यहां जिला जेल की व्यवस्था परखने शुक्रवार को जिला जज अशोक कुमार सप्तम, जिलाधिकारी रवींद्र कुमार और एसपी देवरंजन वर्मा ने संयुक्त रूप से औचक पहुंचे। आलाधिकारियों ने जेलर को निर्देश दिया कि जेल मैनुअल के हिसाब से ही यहां की पूरी व्यवस्था संचालित होनी चाहिए।

    निरीक्षण के दौरान जिला जज और जिलाधिकारी ने कारागार के बैरक में रहने वाले कैदियों से उनकी समस्याओं के बारे में पूछताछ की। कुछ कैदियों ने अपनी समस्या भी सुनाई, जिसका तत्काल समाधान करने के निर्देश कारागार अधीक्षक को दिए गए। इसके बाद अधिकारी जेल अस्पताल में पहुंचे और वहां उपलब्ध दवा आदि के बारे में विस्तृत जानकारी ली। किचन में जाकर कैदियों को मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता को परखा कि जेल में कैदियों को सही भोजन व नास्ता मिल रहा है की नहीं। हवालात कार्यालय में जाकर अभिलेखों की जांच की। महिला और अल्पवयस्क बैरक में जाकर उनसे बातचीत कर आश्वस्त हुए कि उनकी कोई समस्या तो नहीं है।

    जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने कारागार अधीक्षक को निर्देश दिया कि यहां की व्यवस्था का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराएं। किसी भी स्तर पर लापरवाही संज्ञान में आने पर संबंधित अधिकारी व कर्मचारी पर ठोस कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। जिला जज ने कारागार अधीक्षक को निर्देशित किया कि बंदियों से संपर्क स्थापित करते हुए उनकी समस्याओं को सुने और विधिक सहायता द्वारा उनका निराकरण सुनिश्चित करवाएं। निरीक्षण के दौरान अपर जिला न्यायाधीश सुरेंद्र प्रसाद, सीजेएम शांभवी यादव व जेलर राजेन्द्र सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

  • तीन जिलों में 3070 वर्ग किमी. तक फैली हैं अमेठी लोकसभा की जड़ें

    तीन जिलों में 3070 वर्ग किमी. तक फैली हैं अमेठी लोकसभा की जड़ें

    अमेठी। उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट एक ऐसी सीट है जिसकी जड़ें आसपास के तीन जिलों तक फैली हुई हैं। अमेठी, रायबरेली और सुलतानपुर, इन्हीं तीन जिलों से मिलकर अमेठी लोकसभा सीट बनी है। जिसमें अमेठी जिले की गौरीगंज, जगदीशपुर, अमेठी और तिलोई कुल चार विधानसभा और रायबरेली जिले की सलोन विधानसभा भी अमेठी लोकसभा क्षेत्र का ही हिस्सा है। इस प्रकार कुल पांच विधानसभाएं अमेठी लोकसभा क्षेत्र में आती हैं। हाई प्रोफाइल अमेठी संसदीय क्षेत्र का दायरा 3070 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। जिसके लिए चुनाव में पुलिस प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है।

    देश में उत्तर प्रदेश की सबसे हॉट सीट कही जाने वाली लोकसभा क्षेत्र अमेठी की भौगोलिक स्थिति इस प्रकार है। जिसमें संपूर्ण अमेठी जनपद के साथ-साथ पड़ोसी जनपद रायबरेली की सलोन विधानसभा भी अमेठी लोकसभा का हिस्सा है। यही नहीं पड़ोसी जनपद सुलतानपुर की बल्दीराय तहसील के 29 राजस्व गांव जगदीशपुर विधानसभा क्षेत्र में आते हैं। जिसके कारण बूथों की संख्या के साथ ही साथ मतदाताओं की वास्तविक स्थिति आसानी से स्पष्ट नहीं हो पाती है।

    तीनों जिलों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार अमेठी लोकसभा क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या 1786115 है। यही नहीं चुनाव के समय मतदान से लेकर मतगणना तक तीनों जनपदों से डाटा कलेक्शन करना पड़ता है। क्योंकि रायबरेली जिले की सलोन विधानसभा में कुल 357799 और सुल्तानपुर जनपद के हलियापुर क्षेत्र के 56000 मतदाता अमेठी लोकसभा में ही शामिल हैं। मतदान के लिए 1492 बूथ अमेठी जिले में, 62 बूथ सुलतानपुर और 369 बूथ रायबरेली जनपद में बनेंगे। रायबरेली और अमेठी जिले से रवाना हुई पोलिंग पार्टियां वापस अपने जिलों में जाएगी। वहीं पर सुलतानपुर जनपद से अमेठी लोकसभा क्षेत्र में मतदान कराने आई 62 पोलिंग पार्टियों को अपनी वोटिंग मशीन जमा करने के लिए अमेठी जनपद मुख्यालय गौरीगंज पहुंचना होगा। ऐसे में यदि हम मतगणना की बात करते हैं तो अमेठी लोकसभा सीट के मतों की गिनती भी अमेठी और रायबरेली दोनों जनपदों में होगी।