Category: उत्तर प्रदेश

  • दो ट्रकों की टक्कर में लगी आग, खलासी की जिंदा जलकर मौत

    दो ट्रकों की टक्कर में लगी आग, खलासी की जिंदा जलकर मौत

    रायबरेली। लखनऊ-प्रयागराज मार्ग पर मदारीगंज गांव के पास शनिवार की सुबह दो ट्रकों में टक्कर हो गई,जिससे भयावह आग लग गई। ट्रक में फंसे होने की वज़ह से खलासी की जलकर मौत हो गई,जबकि चालक बाहर निकलने में सफल रहा। सूचना पर फायर ब्रिगेड की टीम ने आग पर काबू पाया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेजा है।

    जगतपुर थाना क्षेत्र के जोगमगदीपुर गांव निवासी उमानाथ ट्रक चालक है, जो शनिवार की भोर में अपने साथ खलासी पिंटू 40 वर्ष निवासी कोरांव जिला प्रयागराज को लेकर ट्रक से प्रयागराज की तरफ जा रहा था, ट्रक खलासी चला रहा था,तभी सामने से आ रहे क्लिंकर लदे ट्रक से ट्रक की टक्कर हो गई। टक्कर इतनी तेज थी कि ट्रक के इंजन में आग लग गई। चालक उमानाथ सड़क पर कूदकर घायल हो गया, जबकि खलासी फंस गया, जिसकी जलकर मौके पर ही मौत हो गई।मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने आग बुझाई।

    कोतवाल अनिल कुमार सिंह पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। जिसके बाद शव को बाहर निकलवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है,जबकि घायल चालक को इलाज के लिए सीएचसी में भर्ती कराया गया है।

    कोतवाल अनिल कुमार सिंह ने बताया कि ट्रक में आग लगने पर वजह से खलासी की जलकर मौत हो गई है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। अग्रिम विधिक कार्यवाई की जा रही है।

  • दिल्ली से बिहार जा रही टूरिस्ट बस फतेहपुर में दुर्घटनाग्रस्त, 24 यात्री घायल

    दिल्ली से बिहार जा रही टूरिस्ट बस फतेहपुर में दुर्घटनाग्रस्त, 24 यात्री घायल

    फतेहपुर,। दिल्ली से बिहार को जा रही एक टूरिस्ट बस शनिवार सुबह राष्ट्रीय राजमार्ग पर बेकाबू होकर पलट गई। हादसे में 24 यात्री घायल हैं। पुलिस ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया और क्रेन की मदद से बस को हाइवे से हटवाकर मार्ग से जाम को खुलवाया।

    थरियांव क्षेत्राधिकारी अरुण कुमार राय ने बताया कि एक टूरिस्ट बस दिल्ली से बिहार के औरंगाबाद जा रही थी। शनिवार की सुबह थरियांव थाना क्षेत्र स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग के देहुली गांव के पास यात्रियों से भरी बस अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे के बाद जहां यात्रियों में चीख-पुकार मच गया तो वहीं, हाइवे पर वाहनों का जाम लगने लगा।

    सूचना पर पहुंची पुलिस ने लोगों की मदद से घायलों को बाहर निकलवाकर जिला अस्पताल पहुंचाया। क्रेन से बस को हटवाकर हाइवे के किनारे लगाया। इसके बाद धीरे-धीरे हाइवे से जाम खुला। क्षेत्राधिकारी ने बताया कि इस घटना में किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है। फिलहाल यात्रियों से हादसे की वजह जानने का प्रयास किया जा रहा है।

  • लोकसभा चुनाव: लखनऊ बना कमल का साथी, पसंद नहीं आए साइकिल और हाथी

    लोकसभा चुनाव: लखनऊ बना कमल का साथी, पसंद नहीं आए साइकिल और हाथी

    लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ किसी जमाने में कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी। सपा और बसपा के उभार के बाद प्रदेश में कांग्रेस की राजनीतिक जमीन लगातार सिकुड़ती गई। हालांकि प्रदेश की राजनीति में अग्रणी भूमिका निभाने के बावजूद सपा और बसपा लखनऊ संसदीय सीट जीतने में कामयाब नहीं हुईं। कांग्रेस ने लखनऊ सीट अंतिम बार 1984 में जीती थी।

    पिछले तीन दशकों से लखनऊ सीट पर भाजपा का कब्जा है। लखनऊ भाजपा का वो अभेद्य दुर्ग है जिसे 1991 से 2019 तक हुए सात चुनाव में विपक्ष विजय पताका फहरा नहीं पाया। वर्ष 2007 में बसपा ने और 2012 में सपा ने यूपी में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई, बावजूद इसके सपा और बसपा लखनऊ लोकसभा सीट जीतने का ख्वाब पूरा नहीं कर पाईं।

    लखनऊ में हाथी की चाल सुस्त ही रही-

    बसपा को प्रदेश की सत्ता चार बार संभालने का मौका मिला। वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में बसपा का सोशल इंजीनियरिंग का फार्मूला हिट रहा। बसपा ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। विधानसभा चुनाव के दो साल बाद 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में बसपा के खाते में 20 सीटें ही आईं। सपा ने 23, भाजपा ने 10, कांग्रेस ने 21, रालोद ने 5 और 1 सीट पर निर्दलीय ने जीत दर्ज की। इस चुनाव में बसपा ने लखनऊ सीट से पूर्व मुख्यमंत्री बाबू बनारसी दास के पुत्र डॉ.अलिखेश दास को मैदान में उतारा था। अखिलेश दास ने जीत के लिए कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी, लेकिन उन्हें जीत नसीब नहीं हुई। लखनऊवासियों ने जीत का सेहरा भाजपा प्रत्याशी लालजी टंडन के सिर पर बांधा। कांग्रेस प्रत्याशी रीता बहुगुणा जोशी दूसरे और बसपा प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे। ये वो समय था जब प्रदेश में बसपा की पूर्ण बहुमत की सरकार थी।

    वर्ष 1989 के लोकसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी जगमोहन सिंह वर्मा लखनऊ सीट पर चौथे स्थान पर रहे। ये चुनाव जनता दल के मंदाता सिंह ने जीता था। 1991 के चुनाव में बसपा के बलबीर सिंह सलूजा पांचवें स्थान पर रहे। 1996 में वेद प्रकाश ग्रोवर तीसरे, 1998 में डा. दाऊ जी गुप्ता तीसरे, 1999 में इजहारूल हक और 2004 में नसीर अली सिद्दीकी चौथे स्थान पर रहे। वर्ष 1991 से 2004 तक भाजपा प्रत्याशी अटल बिहारी वाजपेयी ने लगातार लखनऊ सीट पर जीत दर्ज की। वर्ष 2004 के चुनाव में चौथे स्थान पर रहे बसपा प्रत्याशी नसीर अली सिद्दीकी को तो निर्दलीय प्रत्याशी राम जेठमलानी से भी कम वोट हासिल हुए थे। जेठमलानी तीसरे स्थान पर रहे। वर्ष 2014 के चुनाव में बसपा उम्मीदवार नकुल दूबे तीसरे स्थान पर रहे। चुनाव भाजपा प्रत्याशी राजनाथ सिंह ने जीता। वर्ष 2019 के चुनाव में सपा-बसपा का गठबंधन था।

    सपा की साइकिल लखनऊ में दौड़ नहीं पाई

    बसपा की तरह सपा भी अब तक लखनऊ संसदीय सीट जीत नहीं पाई। वर्ष 1996 के चुनाव में सपा प्रत्याशी राज बब्बर दूसरे स्थान पर रहे। वर्ष 1998 में मुजफ्फर अली दूसरे, 1999 में भगवती सिंह तीसरे और 2004 में डॉ. मधु गुप्ता दूसरे स्थान पर रहे। ये सारे चुनाव भाजपा प्रत्याशी अटल बिहारी वाजपेयी ने भारी अंतर से जीते। 2009 के चुनाव में सपा प्रत्याशी नफीसा अली सोढ़ी चौथे स्थान पर रहीं। ये चुनाव भाजपा प्रत्याशी लालजी टंडन ने जीता। बसपा तीसरे स्थान पर थी। 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा ने शानदार जीत दर्ज कर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। विधानसभा चुनाव के दो साल बाद हुए लोकसभा चुनाव में सपा समेत विपक्ष का सूपड़ा लगभग साफ हो गया। सपा के हिस्से में परिवार की पांच सीटें ही आईं। 2014 में सपा प्रत्याशी पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्र चौथे और 2019 में पूनम सिन्हा दूसरे स्थान पर रहीं। ये दोनों चुनाव भाजपा प्रत्याशी राजनाथ सिंह ने बड़े अंतर से जीते।

    लखनऊ का जातीय समीकरण-

    लखनऊ लोकसभा क्षेत्र में 5 विधानसभा सीटें आती हैं। ये सीटें- लखनऊ पश्चिम, लखनऊ उत्तरी, लखनऊ पूर्वी, लखनऊ मध्य और लखनऊ कैंट हैं। लखनऊ के जातीय समीकरणों की बात करें तो यहां करीब 71 फीसदी आबादी हिंदू है। इसमें से भी 18 फीसदी आबादी राजपूत और ब्राह्मण हैं। ओबीसी 28 फीसदी और मुस्लिम 18 फीसदी हैं। साल 2022 में हुए चुनाव में पांच विधानसभा सीटों में से तीन पर भाजपा जीती थी।

    राजनाथ सिंह तीसरी बार मैदान में-

    भाजपा की ओर से तीसरी बार राजनाथ सिंह मैदान में हैं। इस बार सपा-कांग्रेस का गठबंधन है। गठबंधन के सीट बंटवारे में लखनऊ सीट सपा के खाते में है। सपा ने लखनऊ मध्य विधानसभा सीट के विधायक रविदास मेहरोत्रा को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। बसपा ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। वर्ष 2014 के चुनाव में राजनाथ सिंह 5,61,106 (54.27 फीसदी) वोट पाकर विजयी हुए। जीत का अंतर 2 लाख 72 हजार से ज्यादा था। कांग्रेस की रीता बहुगुणा जोशी 2,88,357 (27.89 फीसदी) वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहीं। तीसरे स्थान पर रहे नकुल दूबे को 64,449 (6.23 फीसदी) और चौथे स्थान पर रहे सपा प्रत्याशी अभिषेक मिश्र को 56,771 (5.49 फीसदी) वोट मिले।

    पिछले चुनाव में राजनाथ को 6,33,026 (56.70 फीसदी) वोट मिले। दूसरे स्थान रही सपा प्रत्याशी पूनम सिन्हा के खाते में 2,85,724 (25.59 फीसदी) वोट आए। जीत का अंतर लगभग साढे़ तीन लाख वोट का था। कांग्रेस प्रत्याशी आचार्य प्रमोद कृष्णन 1,80,011 (16.12 फीसदी) वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे। इस बार सपा-कांग्रेस का गठबंधन है बावजूद इसके भाजपा जीत को लेकर आश्वस्त है। हालांकि इस बार उसका फोकस जीत के अंतर को बढ़ाने पर है।

  • श्रावस्ती सांसद राम शिरोमणि बसपा से निष्कासित

    श्रावस्ती सांसद राम शिरोमणि बसपा से निष्कासित

    श्रावस्ती,। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बलरामपुर जिले के जिलाध्यक्ष लालचन्द कोरी और जिलाध्यक्ष अम्बेडकर नगर सुनील सावंत गौतम ने एक साथ विज्ञप्ति जारी कर सांसद राम शिरोमणि को अनुशासनहीनता और बसपा विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाये जाने के बाद निष्कासित किया। जिलाध्यक्षों ने सांसद राम शिरोमणि के निष्कासन की जानकारी लखनऊ के प्रदेश कार्यालय और मीडिया को दे दी है।

    जिलाध्यक्ष लालचन्द कोरी ने बताया कि बसपा के टिकट पर पिछली बार लोकसभा चुनाव जीतने वाले सांसद राम शिरोमणि के विरुद्ध पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कई बार शिकायतें की। इसके बाद सांसद की मौजूदा गतिविधियों की जांच करायी गयी तो उनके दूसरे राजनीतिक दल से सम्पर्क में होने की बात सामने आयी। बसपा विरोधी गतिविधि में लिप्त होने की पूरी सच्चाई जानने के बाद ही निष्कासन किया गया है।

    उन्होंने बताया कि राम शिरोमणि वर्मा के भाई सुरेश वर्मा को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण निष्कासित कर दिया गया है। पहले भी इनकी शिकायतें आती रही, इस बार जांच पड़ताल कर कार्रवाई की गयी है। बसपा की अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती एवं राष्ट्रीय पदाधिकारियों को निष्कासन संबंधित जानकारी दे दी गयी है।

    अम्बेडकर नगर जिले के बसपा जिलाध्यक्ष सुनील सावंत गौतम ने बताया कि सांसद राम शिरोमणि एवं उनके भाई पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने एवं अनुशासनहीनता का आरोप सही पाया गया।

    जिलाध्यक्ष ने बतया कि आरोपों की जांच में जिला कमेटी के कार्यकर्ताओं को लगाया गया, जिसके बाद आरोप सही पाये जाने पर निष्कासन की कार्रवाई की गयी। कई बार चेतावनी के बावजूद सांसद एवं उनके भाई के कार्यशैली में सुधार आता नहीं मिला। आने वाले लोकसभा चुनाव में श्रावस्ती लोकसभा सीट से बसपा अब सांसद राम शिरोमणि को अपना उम्मीदवार नहीं बनायेगी।

  • वाराणसी: हीट वेव व स्ट्रोक को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क, शुरू की तैयारियां

    वाराणसी: हीट वेव व स्ट्रोक को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क, शुरू की तैयारियां

    —जलवायु परिवर्तन एवं मानव स्वास्थ्य पर जिला टास्क फोर्स की बैठक

    वाराणसी। आगामी ग्रीष्म ऋतु में हीट वेव व स्ट्रोक को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी है। समुदाय को जागरूक करने और स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला टास्क फोर्स की बैठक हुई। जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत हुई बैठक में अपर जिलाधिकारी (सिटी) आलोक वर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन एवं मानव स्वास्थ्य कार्यक्रम, भारत सरकार का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है, जिसके अंतर्गत जलवायु परिवर्तन के कारण हीट वेव (लू), हीट स्ट्रोक (तापघात), कोल्ड वेव, अतिवृष्टि और सुखा जैसी परिस्थितियों और वायु प्रदूषण के कारण मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव से व्यापक बचाव का कार्यक्रम संचालित किया जाना है। इससे बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि ग्रीष्म ऋतु के दौरान भीषण गर्मी, सम्भावित हीट वेव (लू), हीट स्ट्रोक (तापघात) तथा वायु प्रदूषण के कारण उत्पन्न होने वाली बीमारियों के लक्षणों, निदान, उपचार तथा बचाव को लेकर चिकित्सकों, पैरा मेडिकल स्टाफ व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इस दौरान नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ राजेश प्रसाद ने बदलते मौसम में फैलने वाली बीमारियों की समय पर सूचना प्राप्त करने एवं बचाव संबंधी गतिविधियां आयोजित करने की बात कही। उन्होंने बताया कि गर्मी के मौसम में बच्चों से लेकर वृद्धजन को बेहोशी, मांसपेशियों में जकड़न, मिर्गी दौरा पड़ना, चिड़चिड़ापन, सिरदर्द, अधिक पसीना आना, कमजोरी, चक्कर आना, सांस व दिल की धड़कन तेज होना, मिचली और उल्टी आना, नींद पूरी न होना आदि परेशानी हो सकती है। इससे बचाव के लिए प्राथमिक उपचार बेहद जरूरी है। इसके साथ ही लोगों को घर से निकलने से पहले पानी पीकर निकलना चाहिए और थोड़े-थोड़े समय पर पानी पीते रहना चाहिए। इससे शरीर में पानी की कमी नहीं हो पाती। शुद्ध व ताजा भोजन का प्रयोग करने के अलावा भोजन बनने के तीन घंटे बाद बचे हुये भोजन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

  • लोकसभा चुनाव : बिजनौर से निर्विरोध निर्वाचित हो गए थे कांग्रेस के रामदयाल

    लोकसभा चुनाव : बिजनौर से निर्विरोध निर्वाचित हो गए थे कांग्रेस के रामदयाल

    मेरठ,। अक्सर चुनाव जीतने के लिए राजनैतिक दलों के महारथियों के बीच कांटे की टक्कर होती है, लेकिन 1974 के लोकसभा चुनाव में बिजनौर लोकसभा सीट पर टक्कर देने के लिए कोई उम्मीदवार ही नहीं उतरा और कांग्रेस के रामदयाल निर्विरोध निर्वाचित हो गए। इसी तरह से बिजनौर सीट पर 1962 में प्रकाशवीर त्यागी शास्त्री ने निर्दलीय ही जीत का परचम लहरा दिया था।

    बिजनौर लोकसभा सीट की गिनती पश्चिमी उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण सीट के रूप में होती है। इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवारों को सात बार जीत हासिल हुई तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार चार बार सांसद बनने में कामयाब हुए हैं। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और जनता पार्टी को दो-दो बार, समाजवादी पार्टी (सपा) एक बार तो एक बार निर्दलीय उम्मीदवार को कामयाबी मिली है। इस सीट पर 1974 में ऐसा वाकया हुआ, जो राजनीति में अपवाद स्वरूप ही दिखाई देता है। कांग्रेस के उम्मीदवार रामदयाल के सामने नामांकन करने के लिए कोई उम्मीदवार ही नहीं उतरा और उन्हें निर्विरोध ही निर्वाचित घोषित कर दिया। 1962 में बिजनौर की जनता ने निर्दलीय उम्मीदवार को चुनाव जिताकर संसद में भेजा। आर्य समाज के बड़े विद्वान प्रकाशवीर त्यागी शास्त्री ने उस समय निर्दलीय चुनाव जीतकर सभी को चौंका दिया था। 1967 में प्रकाशवीर ने गाजियाबाद सीट पर भी दिग्गज नेता बीपी मौर्य को हराकर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत कर अपना परचम लहराया।

    मीरा कुमार ने रामविलास पासवान को दी थी पटखनी

    बिजनौर लोकसभा सीट 1985 में सुरक्षित सीट थी। 1984 के आम चुनावों में कांग्रेस के गिरधारी लाल यहां से सांसद चुने गए। उनके असमय निधन के कारण 1985 के उपचुनाव में इस सीट से दिग्गजों ने भाग्य आजमाया। कांग्रेस नेत्री मीरा कुमार के सामने रामविलास पासवान जैसी हस्ती चुनाव लड़ी। इस रोचक मुकाबले में मीरा कुमार ने रामविलास पासवान को करारी शिकस्त दी। 1989 में इस सीट से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) नेत्री मायावती चुनाव जीतकर संसद में पहुंची थी, लेकिन 1991 में हुए चुनाव में मायावती को भाजपा के मंगलराम प्रेमी के हाथ करारी हार झेलनी पड़ी।

    रालोद-भाजपा के चंदन चौहान चुनावी मैदान में

    बिजनौर लोकसभा सीट मेरठ, बिजनौर और मुजफ्फरनगर जनपद में फैली हुई है। बिजनौर लोकसभा सीट में पांच विधानसभा आती है। इसमें मुजफ्फरनगर जनपद की पुरकाजी सुरक्षित और मीरापुर सीट है तो बिजनौर जनपद की बिजनौर सदर सीट व चांदपुर और मेरठ जनपद की हस्तिनापुर सुरक्षित सीट शामिल हैं। इनमें से पुरकाजी और मीरापुर से राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) विधायक है। हस्तिनापुर और बिजनौर सदर से भारतीय जनता पार्टी विधायक है, जबकि चांदपुर सीट पर समाजवादी पार्टी के स्वामी ओमवेश का कब्जा है। इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा-रालोद गठबंधन से मीरापुर विधायक चंदन चौहान चुनाव मैदान में है। बसपा ने विजेंद्र सिंह पर दांव खेला हुआ है।

    बिजनौर लोकसभा से चुनाव जीतने वाले सांसद

    1952 में कांग्रेस के स्वामी रामानंद शास्त्री सांसद चुने गए। 1957 में कांग्रेस के अब्दुल लतीफ गांधी, 1962 में निर्दलीय प्रकाशवीर त्यागी शास्त्री, 1967 और 1971 में कांग्रेस के स्वामी रामानंद शास्त्री, 1974 में कांग्रेस के रामदयाल निर्विरोध चुने गए। 1977 में जनता पार्टी के माहीलाल, 1980 में जनता पार्टी के मंगलराम प्रेमी, 1984 में कांग्रेस के गिरधारी लाल, 1985 में कांग्रेस की मीरा कुमार, 1989 में बसपा की मायावती, 1991 और 1996 में भाजपा के मंगलराम प्रेमी, 1998 में सपा की ओमवती देवी, 1999 में भाजपा के शीशराम सिंह रवि, 2004 में रालोद के मुंशीराम पाल, 2009 में बिजनौर सामान्य सीट हो गई तो रालोद के संजय चौहान, 2014 में भाजपा के भारतेंद्र सिंह और 2019 में बसपा के मलूक नागर चुनाव जीतकर सांसद बने।

  • आपराधिक केस वापसी दस्तावेज सचिवालय से गायब

    आपराधिक केस वापसी दस्तावेज सचिवालय से गायब

    -प्रमुख सचिव गृह से व्यक्तिगत हलफनामा तलब, क्या की कार्रवाई

    प्रयागराज,। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी के राजकुमार सिंह के खिलाफ आपराधिक केस वापसी अर्जी मंजूर होने के बाद सचिवालय से दस्तावेज गायब होने के मामले में एक्शन न लेने पर नाराजगी जताई है। और प्रमुख सचिव गृह से तीन हफ्ते में व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है।

    कोर्ट ने पूछा है कि दस्तावेज गायब होने में लापरवाही बरतने वाले सी बी सी आई डी वाराणसी के एसपी सुरेंद्र नाथ तिवारी के खिलाफ क्या ऐक्शन लिया गया है। याचिका की अगली सुनवाई 15 अप्रैल को होगी। कोर्ट ने याची के पक्ष में पारित अंतरिम आदेश बढ़ा दिया है।

    यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने राजकुमार सिंह की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने 28 फरवरी 2024 को तीन हफ्ते में जवाब मांगा था। विशेष सचिव गृह राकेश कुमार मालपानी ने जानकारी उपलब्ध कराई। कहा कि याची के खिलाफ आपराधिक केस वापसी के दस्तावेज गृह विभाग में नहीं हैं। विधि विभाग में पता किया जा रहा है। शासकीय अधिवक्ता ए के सण्ड ने कहा कि 1 फरवरी 14 के आदेश से याची के खिलाफ केस वापस ले लिया गया है। किंतु दस्तावेज गायब है। कोर्ट ने कहा सचिवालय से दस्तावेज गायब है, किंतु सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। जिस पर प्रमुख सचिव गृह से हलफनामा मांगा है।

  • उप्र में बूंदाबांदी के साथ तेज हवाएं चलने की संभावना

    उप्र में बूंदाबांदी के साथ तेज हवाएं चलने की संभावना

    कानपुर। उत्तर प्रदेश का मौसम इन दिनों रोजाना बदल रहा है। कभी तेज धूप से तापमान में बढ़ोत्तरी हो जाती है तो कभी आसमान में बादलों की आवाजाही शुरु हो जाती है। यही नहीं कभी तेज हवाओं के साथ बूंदाबांदी भी होती है, जिससे गुलाबी सर्दी महसूस होने लगती है। शुक्रवार को भी मौसम ऐसा रहा और बादलों की आवाजाही से तापमान सामान्य से नीचे रहा।

    मौसम विभाग का कहना है कि 23 मार्च को पहाड़ों पर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने जा रहा है और तेज पछुआ हवाओं के चलने से आगामी दो दिन फिर मौसम बदला रहेगा और कुछ जनपदों पर स्थानीय स्तर पर बूंदाबांदी की भी संभावना है।

    चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस एन सुनील पाण्डेय ने शुक्रवार को बताया कि विदर्भ के पश्चिमी भागों और उससे जुड़े इलाकों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। उत्तरी झारखंड और इससे सटे इलाकों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। एक ट्रफ रेखा उपरोक्त चक्रवाती परिसंचरण से उत्तरी झारखंड से लेकर उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और मेघालय से गुजरते हुए मणिपुर तक फैली हुई है। एक ट्रफ रेखा पूर्व मध्य और दक्षिण पूर्व अरब सागर से लेकर उत्तरी केरल और कर्नाटक तट से गुजरते हुए निचले स्तर पर उत्तरी महाराष्ट्र तट तक फैली हुई है। पश्चिमी विक्षोभ को मध्य क्षोभमंडलीय पश्चिमी हवाओं में एक गर्त के रूप में देखा जा सकता है, जिसकी धुरी समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर है, जो 66 डिग्री पूर्व देशांतर से लेकर 32 डिग्री उत्तर अक्षांश के उत्तर तक चल रही है। पहला पश्चिमी विक्षोभ 23 मार्च की रात से पश्चिमी हिमालय क्षेत्र को प्रभावित करने की संभावना है।

    मौसम की इन गतिविधियों से उत्तर प्रदेश का मौसम शनिवार से फिर एक बार करवट लेगा और हल्की बूंदाबांदी के साथ तेज हवाएं चलने का पूर्वानुमान है। इसका असर पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर यूपी के पूर्वी भाग में देखने के लिए मिलेगा। इसके बाद मौसम साफ हो जाएगा और अधिकतम न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी होगी।

    उन्होंने बताया कि कानपुर में अधिकतम तापमान 30.6 और न्यूनतम तापमान 14.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह की सापेक्षिक आर्द्रता 66 और दोपहर की सापेक्षिक आर्द्रता 44 प्रतिशत रही। हवाओं की दिशाएं उत्तर पश्चिम रहीं जिनकी औसत गति 6.1 किमी प्रति घंटा रही। मौसम पूर्वानुमान के अनुसार कानपुर में अगले पांच दिनों मे हल्के से मध्यम बादलों की आवाजाही बने रहने आसार हैं किन्तु वर्षा होने की कोई संभावना नहीं है।

  • लोहता थाने में तैनात दरोगा 40 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

    लोहता थाने में तैनात दरोगा 40 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

    वाराणसी। लोहता थाने में तैनात एसएसआई आशीष कुमार पटेल और उसके निजी सहयोगी मासूम अली को 40 हजार रुपये रिश्वत लेते भ्रष्टाचार निवारण संगठन की वाराणसी इकाई ने शुक्रवार शाम रंगे हाथों पकड़ लिया। टीम ने दोनों के खिलाफ राजातालाब थाने में मुकदमा दर्ज कराने के बाद जेल भेज दिया।

    लोहता थाने में चांदपुर (मंडुवाडीह) निवासी सुधीर कुमार द्विवेदी ने बीते 14 मार्च को चेतगंज जियापुर निवासी बुनकर अनीस अहमद के पुत्र कासिफ, कारखाने के कर्मचारी शाहरुख सहित अज्ञात के खिलाफ धमकी, मारपीट और लूट का तहरीर दिया था। इस मामले की विवेचना एसएसआई आशीष कुमार पटेल कर रहे थे।

    विवेचना के बीच आरोप है कि लूट के केस में धारा कम करने के लिए दरोगा ने अनीस से 75 हजार रुपये मांगे थे। दरोगा रुपये न देने पर अनीस के छोटे बेटे को भी इस मामले में फंसाने की धमकी दे रहा था। अनीस का पक्ष था कि वह इतने रुपये नहीं दे सकता। इसके बावजूद दरोगा रुपयों के लिए अनीस पर दबाव बना रहा था।

    इसके बाद अनीस ने पूरे मामले की जानकारी एंटी करप्शन टीम को दी। योजना के अनुसार अनीस ने 40 हजार रुपये देने के लिए दरोगा को फोन किया। दरोगा ने अपने आदमी मासूम अली को रुपये लेने के लिए अनीस के पास भेजा। हरकत में आई एंटी करप्शन की टीम थाने पहुंची और दरोगा और उसके सहयोगी को घूस लेते पकड़ लिया। इसके बाद दोनों को लेकर पुलिस राजातालाब थाने पहुंची और उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई की।

  • ग्राम देवदह की जाँच मे आई तेजी, अभिलेखो के लिए ग्राम सचिव को लिखा गया पत्र

    ग्राम देवदह की जाँच मे आई तेजी, अभिलेखो के लिए ग्राम सचिव को लिखा गया पत्र

    — विकास खंड रतनपुरा के ग्राम देवदह मे विकास मे बिना निर्माण निकाले गये धनों के साथ ग्राम प्रधान द्वारा सरकारी खाते से अपने खाते मे उतारे गये धनों की भी जाँच शुरु

    — ग्राम पंचायतो के टेंडर प्रकाशन के बदले मे भी ग्राम प्रधान ने सरकारी खाते से अपने खाते मे उतारी है विज्ञापन की रकम

    मऊ। विकास खंड रतानपुरा के ग्राम सभा मे बिना निर्माण कराये मजदूरी, मरम्मत आदि के नाम पर ग्राम प्रधान द्वारा लाखो की रकम को अपने खाते मे उतारने आदि की जाँच ने शुक्रवार को गति पकड़ ली है। उच्च न्यायालय ने खरी दुनिया की याचिका पर सुनवाई कर मामले की जाँच को ६ हफ्ते मे पुरा करने का आदेश दिया है। ६ हफ्ते का दिन ऑर्डर की तारीख से गिना जायेगा। ऑर्डर २८ फ़रवरी २०२४ का है।


    विभागीय सूत्रों के अनुसार विकास खंड रतनपुरा के ग्राम पचांयत देवदह मे विकास कार्यो को बिना कराये ग्राम प्रधान द्वारा कही खुद को मजदूर बताकर धन की निकासी होने खाते मे की गई है तो कही, फर्म बताकर धन निकाल लिया गया है।

    ग्राम प्रधान के द्वारा किये गये इस अपराधिक कृत्यो को लेकर खरी दुनिया ने जब सपथ पत्र के माध्यम से जिलाधिकारी से शिकायत किया तो मामले अभिलेख नही मिलने का बहना कर जाँच अधिकारी ने मामले की जाँच नही की।

    28 फरवरी 2024 को हाई कोर्ट ने डीएम को छ हफ्ते मे जाँच पुरी करने का दिया है आदेश,

    शिकायत किये जब साल भर से अधिक का समय बित गया और विभाग ने जांच पुरी नही की तो बतौर शिकायतकर्ता खरी दुनिया द्वारा उच्च न्यायालय मे अर्जी लगा कर मामले मे जाँच की मांग की गई। बीते २८ फ़रवरी २०२४ को अदालत ने मामले की जांच को आदेश की तारीख से ६ हफ्ते के अंदर जाँच को पुरा करने का आदेश जारी है। इधर आज शुक्रवार को विभाग मे इस आदेश को लेकर हलचल देखी गई।

    ..ग्राम प्रधान ने विज्ञापन की भी धनराशि को लिया है अपने खाते मे

    ग्राम प्रधान ने २०१८से २०२० के बींच खुद को अख़बार का मालिक भी बता कर प्रकाशित टेंडर का भुगतान खुद के खाते मे उतारा है।
    विभागीय सूत्रों की माने तो जिस बिल के माध्यम से २५०० और ३००० की धनराशि प्रकाशित विज्ञापन के बदले मे है या बिना प्रकाशन ही सरकारी खाते से धन उतारा गया है ? यह जाँच का विषय है, जाँच हुई तो यह भी खुलासा होगा की इतना ग्राम प्रधान किस किस अख़बार का खुद को स्वामी बताया है।