Category: उत्तर प्रदेश

  • कारोबारी से मांगी 20 लाख की रंगदारी, पुलिस से सुरक्षा मांगी

    कारोबारी से मांगी 20 लाख की रंगदारी, पुलिस से सुरक्षा मांगी

    मेरठ। मेरठ में कपड़ा कारोबारी की दुकान में चिट्ठी डालकर बदमाशों ने 20 लाख रुपए की रंगदारी मांगी है। रंगदारी नहीं देने पर परिवार को खत्म करने की धमकी दी है। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

    कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र के सरधना रोड स्थित नगलाताशी गांव निवासी साहिल सैफी ने गुरुवार को थाने में शिकायत की। उसने कहा कि उसकी सरधना रोड पर फैशन विला के नाम से कपड़े की दुकान है। गुरुवार को जब वह दुकान खोलने के लिए पहुंचा तो शटर उठाते ही अंदर एक चिट्ठी मिली है।

    जब उसने चिट्ठी खोली तो उससे 20 लाख रुपए की रंगदारी मांगी गई थी। रंगदारी नहीं देने पर उसे और उसके परिवार को मारने की धमकी दी गई थी। पीड़ित ने पुलिस को कुछ युवकों के हथियार लिए हुए तस्वीरे भी सौंपी और खुद की सुरक्षा की गुहार लगाई। कंकरखेड़ा थाना प्रभारी का कहना है की पीड़ित कपड़ा व्यापारी और आरोपित पक्ष आपस में रिश्तेदार हैं। कपड़ा व्यापारी की तहरीर के आधार पर जांच कर कार्रवाई की जा रही है।

  • चीफ जस्टिस ने पांच जजों को दिलाई शपथ, बने स्थाई जज

    चीफ जस्टिस ने पांच जजों को दिलाई शपथ, बने स्थाई जज

    प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने आज हाईकोर्ट में कार्यरत पांच एडिशनल जजों को बतौर स्थाई जज के रूप में शपथ दिलाई।

    शपथ ग्रहण समारोह चीफ जस्टिस कोर्ट में सुबह 10 बजे सम्पन्न हुआ। चीफ जस्टिस के अलावा इस मौके पर हाईकोर्ट के सभी न्यायाधीश, रजिस्ट्री के सभी न्यायिक अधिकारी तथा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के वरिष्ठ एवं कनिष्ठ अधिवक्ता मौजूद रहे।

    शपथ ग्रहण समारोह चीफ जस्टिस कोर्ट में हुआ। शपथ जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव, जस्टिस ओमप्रकाश शुक्ला, जस्टिस मोहम्मद अजहर हुसैन इदरिसी, जस्टिस ज्योत्सना शर्मा एवं जस्टिस सुरेंद्र सिंह-प्रथम को दिलाई गई। इस अवसर पर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं सचिव, एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष समेत उत्तर प्रदेश सरकार के कई अपर महाधिवक्ता, मुख्य स्थाई अधिवक्ता तथा अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता सहित शपथ ग्रहण कर रहे न्यायमूर्तियों के परिवारीजन एवं रिश्तेदार भी उपस्थित रहे।

  • प्रतापगढ़ में दिनदहाड़े व्यवसाई की गोली मारकर हत्या

    प्रतापगढ़ में दिनदहाड़े व्यवसाई की गोली मारकर हत्या

    प्रतापगढ़। जनपद के पट्टी कोतवाली क्षेत्र के पट्टी कस्बे में बृहस्पतिवार को दोपहर बदमाशों ने घटना को अंजाम देते हुए फर्नीचर कारोबारी को गोलियों से छलनी कर दिया। घटना को उस समय अंजाम दिया गया जब वह बेटे को स्कूल छोड़ने के लिए जा रहा था। बेटे के सामने ही पिता की गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई और बाजार की दुकानें बंद हो गई हैं।

    पट्टी थाना क्षेत्र के पट्टी बाईपास रोड पर सुबह फर्नीचर कारोबारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वारदात को उस समय अंजाम दिया गया जब व्यापारी अपने बेटे को स्कूल छोड़ने के लिए जा रहा था। अज्ञात बदमाशों ने बाईपास रोड पर बेटे के सामने ही पिता को गोलियों से छलनी कर दिया। दुस्साहसिक तरीके से घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी फरार हो गए। घटना के इलाके में सनसनी फैल गई। पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कई जगह पर नाकेबंदी की, परिजन नागरिकों के साथ शव लेकर बैठ गए हैं।

    पट्टी कस्बे के चिकपट्टी रहने वाले मोहम्मद नईम इदरीसी (50) पुत्र मोहम्मद राजा की बृहस्पतिवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना को पट्टी बाईपास पर अंजाम दिया गया। नईम अपने बेटे मोहम्मद सैफ को स्कूल छोड़ने के लिए बाइक से भारत सिंह इंटर कॉलेज जा रहे थे। बाईपास के पास पहुंचते ही अज्ञात बदमाशों ने ओवरटेक कर उन्हें रोक लिया और बेटे के सामने ही मोहम्मद नईम को गोलियों से छलनी कर दिया। नईम की मौके पर ही मौत हो गई। जब तक लोग कुछ समझ पाते बदमाश भाग निकले। आससपास के लोग तत्काल नईम को पट्टी सीएचसी ले गए। जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

    घटना के बाद बाजार में आक्रोश फैल गया और सभी दुकानें बंद हो गईं। व्यापारी सीएचसी पर डंटे हुए हैं और पुलिस को शव कब्जे में लेने से मना कर रहे हैं। पुलिस की कई टीमें मौके पर पहुंच गई हैं। फिलहाल हमलावरों का कोई सुराग नहीं लगा है। नईम को गोली सीने में मारी गई है।

  • होली पर्व को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, सीएमओ कार्यालय ने जारी की हेल्थ एडवाइजरी

    होली पर्व को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, सीएमओ कार्यालय ने जारी की हेल्थ एडवाइजरी

    वाराणसी। रंगों के पर्व होली को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सतर्क है। महापर्व पर चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों के साथ ही सभी सरकारी अस्पतालों में आपातकालीन सेवाओं के लिए 24 घंटे अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है।

    गुरुवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि होली के पर्व पर दुर्घटना/मार्ग दुर्घटना की घटनाओं को देखते हुए सभी आकस्मिक सेवायें सुव्यवस्थित एवं संचालित रखी जाएगी। उन्होंने निर्देश दिया कि संबंधित चिकित्सा इकाई की इमरजेंसी में कुछ बेड अतिरिक्त रूप से आरक्षित रखे जायें। समस्त चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ को बिना अपरिहार्य कारणों के अवकाश स्वीकृत न किये जाएं। समस्त चिकित्सकीय इकाईयों पर क्रियाशील एबुलेंस की उपलब्धता समयान्तर्गत सुनिश्चित की जाए। चूंकि होली रंगों का पर्व है, जिसमें प्रायः केमिकल वाले रंगों के उपयोग से नेत्र एवं त्वचा से संबंधित समस्यायें उत्पन्न होती हैं। ऐसे में समस्त इकाइयों पर नेत्र तथा त्वचा रोग से संबंधित औषधियों की पर्याप्त उपलब्धता तथा त्वचा एवं नेत्र रोग विशेषज्ञों की आन-काल उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाए। जिला प्रशासन से समन्वय कर होली के त्योहार को स्वास्थ्य की दृष्टि से सुरक्षित रूप से मनाने के लिए समस्त यथा आवश्यक कदम उठायें जाएं।

    मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि होली पर्व पर दुर्घटनाओं की आशंका अधिक रहती है लिहाजा आपातकालीन सेवा के लिए चिकित्सकों, स्टाफ नर्स और स्वास्थ्य कर्मियों की ड्यूटी लगा दी गई है। एंबुलेंस कर्मियों को भी सक्रिय रहने और समय से कॉल रिसीव करने का निर्देश दिया गया है। मण्डलीय चिकित्सालय, जिला चिकित्सालय व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में बेड आरक्षित किये गये हैं। होली में केमिकल युक्त रंगों के प्रयोग से त्वचा झुलसने के साथ ही श्वास व नेत्र रोग संबंधी मामलों की आशंका अधिक रहती है। इसे देखते हुए सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर नेत्र रोग और त्वचा रोग संबंधी पर्याप्त औषधियों के साथ चिकित्सकों को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।

    -होली पर केमिकल युक्त रंगों के प्रयोग से बचे

    सीएमओ ने जनपदवासियों से अपील किया है कि वह होली पर केमिकल युक्त रंगों के प्रयोग से बचें। उन्होंने कहा कि होली में केमिकल युक्त रंगों का प्रयोग आप के लिए घातक हो सकता है। होली खेलने के लिए लोग जिन रंगों का अधिकांशतः प्रयोग करते है वह ऐसे रसायनों से तैयार किये जाते है जो लोगों के लिए बेहद ही हानिकारक होते हैं। होली पर जिन लोगों को इस तरह के रंग लगाये जाते हैं, उन्हें त्वचा रोग होने का सर्वाधिक खतरा रहता है। अगर ये रंग आंखों में चले जाए तो इनसे आंखों को भी क्षति पहुंच सकती है। कई बार सांस के जरिये ये रंग फेफड़ों में भी जमा हो जाते हैं, जिसके कारण वहां भी संक्रमण हो सकता है। इसलिए सभी को केमिकल युक्त रंगों से होली खेलने से बचना चाहिए।

  • फर्जी सर्टिफिकेट पर नियुक्त होने के आरोपी टीचर की गिरफ्तारी पर रोक

    फर्जी सर्टिफिकेट पर नियुक्त होने के आरोपी टीचर की गिरफ्तारी पर रोक

    –हाईकोर्ट ने नियुक्ति में शामिल रहे अधिकारियों को भी विवेचना में शामिल करने का पुलिस को दिया निर्देश

    प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नियुक्त सहायक अध्यापक के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।

    याची अनिल कुमार सिंह बतौर सहायक अध्यापक प्राथमिकी विद्यालय कूड़ी बाजार जिला गोरखपुर में वर्ष 2010 में नियुक्त हुआ था। बेसिक शिक्षा अधिकारी गोरखपुर द्वारा याची समेत 37 सहायक अध्यापकों के विरूद्ध उक्त प्राथमिकी मार्च 2020 में थाना राजघाट गोरखपुर में अन्तर्गत धारा 417, 419, 420, 423, 467, 468, 471 भारतीय दण्ड संहिता दर्ज करायी गयी थी, जिसकी विवेचना आज तक प्रचलित है।

    यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ एवं न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की खण्डपीठ ने याची अध्यापक की याचिका पर पारित किया है। हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए सम्बन्धित पुलिस अधिकारी को निर्देश दिया है कि विवेचना में इन तथ्यों को भी शामिल किया जाए कि याची की नियुक्ति के समय कौन कौन से जिम्मेदार अधिकारी तैनात थे और उन्होने शैक्षिक प्रमाणपत्रों के सत्यापन को लेकर क्या प्रयत्न किया था।

    कोर्ट ने सारे तथ्यों के साथ विभागीय अधिकारियों से जवाब तलब किया है। अदालत ने याचिका पर 24 सितम्बर 2024 की तारीख नियत करते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत करने का कहा है। कोर्ट का कहना है कि इस प्रकार की नियुक्ति विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के बिना सम्भव नहीं है।

    याची के अधिवक्ता अरविन्द कुमार त्रिपाठी का कहना है कि बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा विधिक प्रक्रिया का अनुपालन किए बगैर याची समेत 37 सहायक अध्यापकों को गोरखपुर में बर्खास्त कर दिया गया। याची ने अपनी बर्खास्तगी को चुनौती दी। जिसे हाईकोर्ट ने रद्द कर नये सिरे से आदेश पारित करने का निर्देश दिया था। अधिवक्ता का कहना था कि अधिकारियों की मिलीभगत से कोर्ट के आदेश के अनुपालन के बजाय याची समेत 37 सहायक अध्यापकों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी है। याचिका में कहा गया है कि विभाग ने प्रमाणपत्रों को नियमानुसार सत्यापित कराए बगैर प्राथमिकी दर्ज करायी है जो कि गलत है।

  • 11 राज्यों के 260 प्रतिभागियों ने बिना रुके अपनी-अपनी प्रस्तुति देकर बनाया गिनीज बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड

    11 राज्यों के 260 प्रतिभागियों ने बिना रुके अपनी-अपनी प्रस्तुति देकर बनाया गिनीज बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड

    झांसी। रामोत्सव कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान लखनऊ एवं संस्कृत विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित शौर्य पर्व में भारतवर्ष की शौर्य कलाओं पर आधारित शौर्य पर्व का आयोजन 18 मार्च से 20 मार्च तक किया गया।

    तुलसी उद्यान अयोध्या में भारतवर्ष से भारतीय संस्कृति में वैदिक, पौराणिक, ऐतिहासिक शास्त्र एवं शस्त्र पूजा का इतिहास बहुत ही प्राचीन है। इस अवसर पर शौर्य कलाएं जैसे अखाड़ा, बुंदेलखंड, मध्य प्रदेश, आल्हा गायन महोबा उत्तर प्रदेश, ढाली पश्चिम बंगाल, दिवाली नृत्य बांदा उत्तर प्रदेश, गतका पंजाब, कलारिपयट्टू केरल, कर्रा सामु तेलंगाना, मर्दानी खेल महाराष्ट्र, नटुआ नृत्य बंगाल, पाइका झारखंड, पुरुलिया छउ पश्चिम बंगाल, रायबेन्शे पश्चिम बंगाल, शंख वादन उड़ीसा, तलवार रास गुजरात, थांगटा मणिपुर, तुरही, रमतुला, बिगुल के साथ मल्लखम्ब झांसी उत्तर प्रदेश लगभग 11 राज्यों की शौर्य कलाएं एक ही मंच पर बिना रुके अपनी-अपनी प्रस्तुति देकर लगभग 260 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग कर नया कीर्तिमान गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया।

    जिसमें झांसी उत्तर प्रदेश से एमेच्योर मल्लखम्ब एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के खिलाड़ी व प्रशिक्षक रवि प्रकाश परिहार ने भी प्रतिभाग कर नया कीर्तिमान स्थापित करने में मल्लखम्ब का साहित्यिक प्रदर्शन करते हुए सबको अचंभित कर दिया। शौर्य पर्व मनाने एवं विश्व रिकॉर्ड स्थापित करने की महान सोच अतुल द्विवेदी निदेशक उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्कृत संस्थान लखनऊ की थी, जिसमें शिशिर निदेशक संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश व मुकेश कुमार मेश्राम प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश ने अपना भरपूर सहयोग प्रदान किया। इसमें झांसी के खिलाड़ी युवराज, जानवी गुप्ता, रिया साहू, गुनगुन श्रीवास, अगोलू रैकवार, ईश्वरी कुशवाहा, सोनिया कुशवाहा, आस्था, मोहिनी पाल, ओम साहू, उदय भदौरिया, खुशी कुशवाहा, अनुज यादव, अंशुमान कुशवाहा, शुभांशी कुशवाहा, रेणुका वर्मा, मयंक रैकवार, गोविंद देव रिछारिया, किंजल वर्मा, रौनक, लकी कुशवाहा, आरबी सिंह व आरुषि राज प्रशिक्षक रवि प्रकाश परिहार ने कीर्तिमान स्थापित कर झांसी व उत्तर प्रदेश के साथ-साथ भारत का नाम रोशन किया। झांसी लौटने पर मल्लखम्ब खिलाड़ियों एवं प्रशिक्षक का एमेच्योर मल्लखम्ब एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष संजीव कुमार सरावगी, कोषाध्यक्ष अनिल कुमार पटेल, क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी सुरेश बोनकर, डीएसओ राजेश सोनकर, सुनील कुमार, धीरज वर्मा, कृष्ण कुमार त्रिपाठी तथा समस्त खेल प्रेमियों ने स्वागत किया एवं बधाई दी।

  • लोकसभा चुनाव : बड़ी जीत के बाद भी इंदिरा गांधी का रायबरेली से हुआ था मोहभंग

    लोकसभा चुनाव : बड़ी जीत के बाद भी इंदिरा गांधी का रायबरेली से हुआ था मोहभंग

    रायबरेली। अरसे से कांग्रेस की गढ़ रही रायबरेली लोकसभा सीट पर मुकाबले हमेशा रोचक ही रहे हैं, कभी यहां इंदिरा गांधी को हार मिली तो कभी बम्पर जीत के बाद भी उनका यहां से मोहभंग हो गया। रायबरेली के चुनाव में भारतीय राजनीति की दो दिग्गज़ महिलाओं के बीच हुई चुनावी जंग आज भी चुनावी इतिहास में दर्ज है। इसकी चर्चा हमेशा होती रहती है।

    वर्ष 1980 में रायबरेली से इंदिरा गांधी चुनाव लड़ रही थीं। इंदिरा गांधी को टक्कर देने के लिए जनता पार्टी की ओर से रणनीति तैयार की जा रही थी, लेकिन कोई भी यहां से चुनाव लड़ने का इच्छुक नहीं था। ऐसे में खुद ग्वालियर की राजमाता और दिग्गज़ नेत्री विजयाराजे सिंंधिया ने रायबरेली से इंदिरा गांधी को चुनौती देने का मन बनाया। जनता पार्टी ने उन्हें टिकट देते हुए मैदान में उतार दिया। खुद इंदिरा गांधी भी हैरान थीं। इंदिरा लहर तो थी लेकिन राजमाता का आकर्षण जनता में बहुत था। उनकी सभाओं में भारी भीड़ उमड़ रही थी।

    पूर्व मंत्री गिरीश नारायण पांडे कहते हैं कि गांव-गांव में राजमाता के प्रति बड़ी श्रद्धा थी,आमजन विशेषकर महिलाओं में पैर छूने की होड़ लगी रहती थी। बिना किसी बंदोबस्त के ही मीटिंग्स में खूब भीड़ होती थी। राजमाता के जनता से मिलने का तरीका भी अलग था। बावजूद इसके जनता पार्टी के पास न तो मजबूत संगठन था और न ही संसाधन। इस चुनाव में इंदिरा गांधी भारी मतों से जीत गईं। उन्होंने विजयाराजे सिंधिया को 1,73,654 वोटों से हराया। राजमाता विजयाराजे सिंधिया को मात्र 50,249 वोट ही मिल सके। हालांकि इस चुनाव में हारने के बाद भी राजमाता का जुड़ाव रायबरेली से बना रहा और वह यहां के कार्यकर्ताओं से जुड़ी रहीं।

    वर्ष 1980 का रायबरेली से चुनाव इंदिरा गांधी के लिए अंतिम चुनाव रहा, यहां से भारी मतों से जीत दर्ज करने के बाद भी उनका यहां से मोहभंग हो गया और उन्होंने रायबरेली की अपनी सीट से इस्तीफा दे दिया। दरअसल, इंदिरा ने आंध्र प्रदेश की मेंडक सीट से भी चुनाव लड़ा था। यहां भी उनकी जीत हुई थी। उन्होंने मेंडक सीट को बरकरार रखा, जबकि रायबरेली से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद 1980 में इस सीट पर उपचुनाव में अरुण नेहरू समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्र को हराकर सांसद बने।

  • संशोधित- बदायूं हत्याकांड का दूसरा आरोपित जावेद बरेली से गिरफ्तार

    संशोधित- बदायूं हत्याकांड का दूसरा आरोपित जावेद बरेली से गिरफ्तार

    बदायूं। जिले में सगे भाइयों की हत्या करने वाले दूसरे आरोपित 25 हजार के इनामी जावेद को भीड़ ने बरेली जिले के बारादरी थाना क्षेत्र के पास से पकड़ लिया। भीड़ द्वारा पकड़े गए हत्या आरोपित जावेद का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद पुलिस ने जावेद को गिरफ्तार कर लिया।

    एसएसपी आलोक प्रियदर्शी ने पत्रकारों को बताया कि दो बच्चों की हत्या का आरोपित 25 हजार के इनामी जावेद को बरेली की बारादरी थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस टीम जावेद से पूछताछ कर रही है। पुलिस टीम जावेद को बरेली से कुछ घंटे में बदायूं लेकर पहुंचेगी।

    बदायूं पुलिस इस मामले के मुख्य आरोपित साजिद को घटना के कुछ घंटे बाद ही एनकाउंटर में ढेर कर चुकी है। हत्या के दूसरे आरोपित जावेद को लोगों के द्वारा पकड़े जाने पर बच्चों के पिता विनोद ने कहा है कि पुलिस जावेद का एनकाउंटर न करे। क्योंकि जावेद का एनकाउंटर हो गया तो उनके बच्चों की हत्या का राज खत्म हो जाएगा। विनोद ने जिला प्रशासन से अपील की है कि वह जावेद से पूछताछ करे और उनके बच्चों की हत्या का कारण पूछे।

    बुधवार रात में जावेद छिपते छुपाते बरेली पुलिस के पास सरेंडर करने जा रहा था। इसी दौरान सैटलाइट बस अड्डे के पास से भीड़ ने पकड़ लिया। वायरल वीडियो में भीड़ जावेद से उसका आधार कार्ड वगैरह भी देखती दिखाई दे रही है। जावेद वायरल वीडियो में यह भी बता रहा है कि उसके पीड़ित परिवार से अच्छे संबंध थे, लेकिन साजिद ने उनके दोनों बच्चों की हत्या क्यों की इसकी वजह उसे भी नहीं पता है।

  • उप्र से आएगा या नहीं गांधी परिवार, अभी तक संशय बरकरार

    उप्र से आएगा या नहीं गांधी परिवार, अभी तक संशय बरकरार

    -मेनका और वरूण के टिकट पर अटकी तलवार, राहुल और प्रियंका अभी तक नहीं ले पा रहे निर्णय

    लखनऊ। लोकसभा प्रथम चरण का नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गयी है। चुनावी हलचल भी तेज है, लेकिन गांधी परिवार के उप्र में चुनाव लड़ने को लेकर संशय बरकरार है। उधर राज्यसभा सदस्य हो जाने के कारण रायबरेली से चुनाव न लड़ने की घोषणा पहले कर चुकी हैं। अमेठी या रायबरेली से चुनाव लड़ने की घोषणा न तो प्रियंका गांधी की तरफ से की गयी है और न ही राहुल गांधी की तरफ से। दूसरी तरफ पीलीभीत और सुलतानपुर में मेनका गांधी और वरूण गांधी के भी चुनाव लड़ने के लिए भाजपा ने अभी तक उम्मीदवार घोषित नहीं किया है।

    पीलीभीत में चुनाव प्रथम चरण में होने हैं। वहां मेनका गांधी 1989 से 2004 तक लगातार पांच बार सासंद रहीं। पहली बार 2009 में उन्होंने अपने पुत्र वरूण गांधी के लिए पीलीभीत को छोड़ा। 2014 में फिर मेनका पीलीभीत से सासंद हुईं। इसके बाद 2019 में पुन: पुत्र के लिए पीलीभीत छोड़कर सुलतानपुर चलीं आयीं। 2017 के बाद से ही वरूण गांधी ने बगावती तेवर अख्तियार कर लिये। इससे भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ता और प्रदेश स्तर से भी उनके खिलाफ आवाजें आ रही हैं।

    इसी कारण अभी तक भाजपा ने पीलीभीत से अपने पत्ते नहीं खोले। हालांकि वरूण गांधी ने नामांकन के लिए पर्चा मंगवा लिया है। अब उनके चुनाव के लिए यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ही अंतिम फैसला करेंगे। वे अपना डिटो लगाते हैं, तभी वरूण को टिकट मिल सकता है। दूसरी तरफ मेनका गांधी चाहती हैं कि पहले बेटे का टिकट कंफर्म हो, उसके बाद ही वह चुनाव लड़ने या न लड़ने का निर्णय करेंगी।

    दूसरी तरफ कांग्रेस से राहुल गांधी के भी उप्र से चुनाव लड़ने का संशय बरकरार है। अभी तक प्रियंका गांधी वाड्रा को भी यहां से आने या न आने का कोई फैसला नहीं हुआ है। इसको लेकर गांधी परिवार के समर्थक भी उहापोह की स्थिति में हैं।

  • पीलीभीत : श्रमिकों से भरी बस ट्रक से टकराई, एक की मौत 13 घायल

    पीलीभीत : श्रमिकों से भरी बस ट्रक से टकराई, एक की मौत 13 घायल

    पीलीभीत। जनपद के पूरनपुर थाना क्षेत्र में देहरादून से श्रमिकों को लेकर लखीमपुर जा रही एक बस ट्रक में पीछे से जा टकराई। इस भीषण हादसे में बस में सवार एक श्रमिक की मौत हो गई जबकि 13 लोग घायल हो गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायलों को अस्पताल में भर्ती कराते हुए कार्रवाई की।

    जानकारी के मुताबिक, लखीमपुर खीरी जनपद के रहने कुछ श्रमिक काम करने के लिए उत्तराखण्ड के देहरादून कुछ माह पूर्व गए थे। होली के पर्व पर 70 श्रमिक एक बस में सवार होकर वापस लखीमपुर के निघासन पलिया लौट रहे थे। जैसे ही बस नेशनल हाईवे 730 पीलीभीत पूरनपुर के सोनू ढाबा से गुरुवार की सुबह करीब चार बजे गुजर रही थी तभी आगे चल रहे एक ट्रक से श्रमिकों की बस टकरा गई। बस की रफ्तार के चलते परखच्चे उड़ गए। इस हादसे में बस में सवार लखीमपुर के ढकवा गांव निवासी 18 वर्षीय सुशील पुत्र छुटई की मौत हो गई। जबकि बस में सवार 13 सवारियां घायल हो गई।

    हादसे की सूचना मिलने पर कोतवाली पूरनपुर पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को बस से निकालकर अस्पताल भिजवाया गया। पुलिस ने बताया कि बस की ट्रक से टक्कर में एक श्रमिक सुशील की मौत हो गई। उसके शव को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं 13 श्रमिक घायल हैं जिन्हें पूरनपुर स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टर ने सभी को पीलीभीत रेफर कर दिया है।