Category: उत्तर प्रदेश

  • ….तो पांच साल तक टीए के पद पर ही दो जनपदों में मुन्नी लाल ने की है 1 साथ सेवा

    ….तो पांच साल तक टीए के पद पर ही दो जनपदों में मुन्नी लाल ने की है 1 साथ सेवा


    — वर्ष 2005 में वतौर तकनीकी सहायक तैनात मुन्नी लाच चौहान ने वर्ष 2007 में जनपद मऊ के विकास खंड रतनपुरा में इसी पर पहली नियुक्ति् को छुपाकर हथियाई है नौकरी


    —- करीब वर्श 2012 में गाजीपुर जनपद से स्थानांतरित को कर वतौर एडीओं पंचायत अवधेश िंसह से मामले के खुलासे के बाद मुन्नी लाल चौहान ने गाजीपुर की नौकरी से दिया इस्तीफा


    मऊ। विकास खंड रतनपुरा के देवदह ग्राम पंचायत में वतौर तकनीकी सहायक तैनात मुन्नी लाल चौहान ने 5 साल तक अवैध तरीके से नौकरी करते हुए गाजीपुर के इशुपुर मुहम्मदाबाद में नौकरी करते हुए यहां पर भी नौकरी की है। मुन्नी लाल की गाजीपुर में इसी पद पर नियुक्ति वर्ष 2005 में हुई और वे इसी तथ्य को छुपा कर जनपद मऊ में वर्ष 2007 में नियुक्त हो गए। मुन्नी लाल के इस अपराधिक कृत्य का खुलासा उस समय हुआ जब गाजीपुर के इशुपुर मुहम्मादाबाद में वतौर जेई रहे अवधेश िंसह ने विकास खंड रतनपुरा में एडीओ पंचायत बनकर आए।


    विभागीय सूत्रों के अनुसार विकास खंड रतनपुरा के ग्राम पंचायत देवदह में वतौर तकनीकी सहायक तैनात मुन्नी लाल चौहान ने इससे पहले जनपद गाजीपुर के इशुपुर मुहम्मदाबाद मे इसपी पद पर वर्ष 2005 में नियुक्ति ले नौकरी की है। वर्ष 2007 मे मुन्नी लाल चौहान ने इसी पर जनपद मऊ में निकली भर्ती मे हिस्सदारी निभाई और खुद को जनपद गाजीपुर के ब्लाक ईशुपुर मुहम्मदाबाद में इसी पद पर तैनाती की सूचना को छुपाकर यहा पर भी नियुक्ति लेकर विकास खड रतनपुरा में वतौर तकनीकी सहायक के पद नौक्री करनी शुरू की।

    मऊ के विकास खंड रतनपुरा में तकनीकी सहायक रहते हुए मुन्नी लाल चौहान ने जनपद गाजीपुर में करीब पांच साल तक सेवा की।

    मुन्नी लाल के इस अपराधिक कृत्य का खुलासा तब हुआ जब जनपद गाजीपुर के ब्लाक मुहम्मदाबाद से स्थानांतरित होकर यहां पर वतौर एडीओं पंचायत आए अवधेश सिहं ने विकास खंड रतनपुरा में कार्यभार लिया।

    अवधेश िंसह ने मुन्नी लाल चौहान को रतनपुरा में वतौर तकनीकी सहायक के रुप में देखकर आश्चर्य में होते हो गए। मुन्नी लाल से जब अवधेश का सामना हुआ तो वह अगले दिन गाजीपुर जा कर अपने तकनीकी सहायक के पद से त्याग पत्र दिया। इस प्रकार मुन्नी लाल जनपद मऊ मे वतौर तकनीकी सहायक के पद पर रहते हुए गाजीपुर में करीब करीब पांच साल तक अवैध तरीके से नौकरी की गई। खरी दुनिया के द्वारा जनसूचना अधिकार अिध0 2005 में तहत जिलाधिकारी गाजीपुर से मांगी गई सूचना में मुन्नी लाल को वहां पर वर्ष 2005 में तैनाती के रिकार्ड दिए गए है।

    ंगाजीपुर के ईशुपर मुहम्मदाबाद के ग्राम पंचायत बैजलपुर में भी मुन्नी लाल चौहान ने सेवा दी है। यहां का कार्यकाल भी मुन्नीलाल के कार्यो का गवाह है।

    बहरहाल मुन्नी लाल चौहान खुद को नियम बदघ होने की बात कहते हुए खुद को जिले का पहला ईमानदार टीए बताया जा रहा है।

  • लोकसभा 2024 के चुनाव में वाराणसी सबसे हाई प्रोफाइल सीट, पीएम मोदी के जीत के अंतर पर निगाहें

    लोकसभा 2024 के चुनाव में वाराणसी सबसे हाई प्रोफाइल सीट, पीएम मोदी के जीत के अंतर पर निगाहें

    —विरोधी दलों के उम्मीदवारों के लिए जमानत बचा पाना ही उपलब्धि होगी

    वाराणसी। केंद्रीय चुनाव आयोग ने शनिवार को लोकसभा चुनाव 2024 का ऐलान कर दिया। सर्वाधिक 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में सात चरणों में चुनाव सम्पन्न कराया जाएगा। सातवें और आखिरी चरण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में चुनाव होगा। वाराणसी में एक जून को मतदान होगा। चुनाव की घोषणा होते ही चुनावी सरगर्मी भी दिखने लगी है। भाजपा से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वाराणसी से लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ रहे है।

    प्रधानमंत्री मोदी के जीत की हैट्रिक लगनी तय है। बाकी, कांग्रेस सपा गठबंधन दल के उम्मीदारों के लिए अपनी जमानत बचा पाना ही उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती रहेगी। चुनावी जंग में देश के सबसे हाई प्रोफाइल सीट पर प्रधानमंत्री के जीत के अंतर ही लोगों की निगाहें रहेगी। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी संसदीय सीट पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तब भाजपा प्रत्याशी को कुल 581022 मत मिला था।

    दूसरे स्थान पर आप के अरविन्द केजरीवाल अब दिल्ली के मुख्यमंत्री को कुल 209238 मत मिला था । केजरीवाल को छोड़ बाकि दलों के प्रत्याशियों की जमानत भी नही बची थी। कांग्रेस के अजय राय (अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष)को 75614,बसपा के सीए विजय प्रकाश को 60579 तथा सपा के कैलाश चौरसिया को 45291 मत मिला था। इसी तरह वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 674,664 लगभग 63.62 फीसदी मत पाकर जीत का रिकार्ड बनाया था। दूसरे स्थान पर समाजवादी पार्टी की शालिनी यादव (अब भाजपा में )195,159 कुल 18.40 फीसदी मत और कांग्रेस के अजय राय ने 152,548 लगभग 14.38 फीसदी मत प्राप्त किया था। चुनावी नजरिए से देखे तो वाराणसी संसदीय सीट पर परिणाम को लेकर सभी आश्वस्त है।

    वाराणसी में कुल आठ विधानसभा क्षेत्र आते है। इसमें रोहनिया, वाराणसी उत्तरी, वाराणसी दक्षिण, वाराणसी कैंट और सेवापुरी वाराणसी लोकसभा में हैं। वहीं,पिंडरा विधानसभा क्षेत्र मछलीशहर और शिवपुर और अजगरा विधानसभा क्षेत्र चंदौली संसदीय क्षेत्र में आता है। देश में वर्ष 1951-52 में पहली बार आम चुनाव हुए थे तो उस वक्त वाराणसी जिले में लोकसभा की 3 सीटें थी। इनमें बनारस मध्य, बनारस पूर्व और बनारस-मीरजापुर थी।

    वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में काशी के 19 लाख 39 हजार 255 मतदाता प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। जिले में पुरुष मतदाता कुल 10 लाख 53 हजार 293 और महिला मतदाता आठ लाख 85 हजार 827 हैं। इसके अलावा ट्रांसजेंडर वोटर्स 135 हैं।

  • अमेठी जिले में कांग्रेस पार्टी को बीजेपी ने दिया बड़ा झटका

    अमेठी जिले में कांग्रेस पार्टी को बीजेपी ने दिया बड़ा झटका

    अमेठी एक तरफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकालकर भारत को जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ उनकी पार्टी के ही नेता उनसे टूटते जा रहे हैं, वह अपने ही नेताओं और कार्यकर्ताओं को नहीं जोड़ पा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी आज अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे पर थी। इस दौरान विशेश्वरगंज के काली मैदान में जन समूह को संबोधित करने से पहले अमेठी जिले के कांग्रेस के 14 नेताओं ने कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया, जिसमें अमेठी संसदीय क्षेत्र के थौरी से राजेश्वर प्रताप सिंह प्रमुख हैं। राजेश्वर प्रताप सिंह उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में 10 वर्षों तक प्रदेश महासचिव के पद पर रह चुके हैं। राजेश्वर सिंह के पिता भी ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सदस्य रह चुके हैं। राजेश्वर सिंह ने कहा कि राहुल गांधी अमेठी में 10 लोगों को भी नाम से नहीं जानते हैं। वह भारत जोड़ो यात्रा के दौरान अमेठी आए लेकिन नेताओं और कार्यक्रमों से दूरी बना कर रखा।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश विकास के पद पर अग्रसर है। जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटी, नागरिकता संशोधन कानून का लागू हुआ। जिस पर देश भर से निगाहें टिकी हुई थी, 500 वर्षों बाद भगवान राम लाल टेंट से हटकर अपने भव्य मंदिर में पहुंचे। यही नहीं, पूरे देश के साथ-साथ अमेठी में भी विकास हो रहा है। हम लोग केंद्रीय मंत्री व अमेठी सांसद स्मृति ईरानी के कार्यों से प्रभावित होकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष राम प्रसाद मिश्र ने सभी कांग्रेसियों को के गले में पटका डालकर बीजेपी की सदस्यता दिलाई। सदस्यता लेने वालों में पूर्व ब्लाक प्रमुख शुकुल बाजार दद्दन सिंह, रमेश सिंह , संजय सिंह , अनुराग सिंह, अमित सिंह , सत्यम सिंह, कुलवंत सिंह, आलोक सिंह, धर्मवीर मौर्य, अरविंद अग्रहरि, धर्मेंद्र सिंह, रमेश कुमार चौबे और अजय तिवारी प्रमुख रूप से है। इन सभी कांग्रेसी नेताओं में केंद्रीय मंत्री व अमेठी सांसद स्मृति ईरानी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए। कांग्रेसी नेताओं के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने से कांग्रेस पार्टी में हड़कंप मचा हुआ है। आज शामिल होने वाले नेताओं ने तो यहां तक कह दिया कि कांग्रेस पार्टी को संसदीय क्षेत्र के कई स्थानों से बूथ एजेंट भी नहीं मिल पाएंगे।

  • मेरठ से घोषित सपा उम्मीदवार का इंटरनेट मीडिया पर विरोध शुरू

    मेरठ से घोषित सपा उम्मीदवार का इंटरनेट मीडिया पर विरोध शुरू

    मेरठ। समाजवादी पार्टी द्वारा मेरठ से भानु प्रताप सिंह को उम्मीदवार घोषित करते ही विरोध तेज हो गया है। मेरठ में भानु प्रताप सिंह को बाहरी उम्मीदवार बताते हुए पार्टी के कार्यकर्ता विरोध कर रहे हैं। जबकि मुस्लिम समाज के लोग इसे असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएआईएम को लाभ पहुंचाने वाला कदम बता रहे हैं।

    मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र से सपा ने सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता भानु प्रताप सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है। बुलंदशहर जिले से ताल्लुक रखने वाले भानु प्रताप सिंह अनुसूचित जाति से आते हैं और गाजियाबाद जनपद में रहते हैं। सामान्य सीट पर अनुसूचित जाति का उम्मीदवार घोषित करना सपा कार्यकर्ताओं को रास नहीं आ रहा है। इंटरनेट मीडिया पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के इस कदम का खुलकर विरोध किया जा रहा है। इंटरनेट मीडिया पर भानु प्रताप को बाहरी चेहरा बताया जा रहा है और ईवीएम के खिलाफ उनकी लड़ाई पर भी कमेंट किए जा रहे हैं। भानु प्रताप राष्ट्रीय जनहित संघर्ष पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं और ईवीएम को हटाकर बैलेट पेपर के जरिए चुनाव के लिए अभियान चला रहे हैं।

    सपा कार्यकर्ता इंटरनेट मीडिया पर ईवीएम के खिलाफ उनकी लड़ाई के बारे में कह रहे हैं कि अब किस मुंह से ईवीएम पर देने के लिए वोट मांगेंगे। इंटरनेट मीडिया पर सपा के सक्रिय कार्यकर्ता शैंकी वर्मा ने तो पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। एक्स पर अरशद अंसारी आजमी ने लिखा है कि भानु प्रताप को गली का बच्चा भी नहीं जानता है। मुस्लिम समाज को नजरंदाज किए जाने से यहां के लोगों का झुकाव एआईएआईएम की ओर देखा जा रहा है।

    एमएस चौधरी ने लिखा है कि सुबह दस बजे तक घर आ जाएंगे। रिहान ताबिश ने एक्स पर पोस्ट किया है कि अखिलेश यादव ने मेरठ में भानु प्रताप जैसे डमी उम्मीदवार को उतार कर ओवैसी को मौका दे दिया है। भानु प्रताप को कोई जानता ही नहीं है। मेरठ में इस बार ओवैसी का झंडा फहराएगा और वकील साहब की जमानत जब्त होगी।

  • यूपी में जातीय समीकरणों की नैया पर सवार राजनीतिक दल

    यूपी में जातीय समीकरणों की नैया पर सवार राजनीतिक दल

    लखनऊ। देश की संसद को सर्वाधिक 80 सांसद देने वाले उत्तर प्रदेश की बात की जाए तो राष्ट्रीय से लेकर क्षेत्रीय दल जातिगत समीकरणों और गुणा-भाग के आधार पर ही चुनाव की वैतरणी पार करते हैं। 2024 के आम चुनाव में एनडीए और इंडिया गठबंधन सभी का पहला एजेंडा अभी तो जातीय समीकरण साधता हुआ दिखाई दे रहा है।

    यूपी में सपा और बसपा की राजनीति की शुरूआत कांग्रेस के विरोध से हुई। पहले बात सपा की की जाए तो सपा का कोर वोट बैंक यादव और मुस्लिम माना जाता रहा है। दिवंगत सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव से लेकर उनके पुत्र पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तक यादव और मुस्लिम वोट बैंक के सहारे सत्ता में रहे। बहुजन समाज पार्टी का कोर वोट बैंक एससी-एसटी को माना जाता है। बाबा साहब डा. भीमराव आंबेडकर और कांशीराम के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती अपने को दलितों का सबसे बड़ा हितैषी मानती हैं। सपा बसपा का वोट बैंक किसी जमाने में कांग्रेस का वोट बैंक माना जाता था। कांग्रेस को सवर्णों का भी समर्थन हासिल था। लेकिन पिछले तीन दशकों में कांग्रेस यूपी में अपनी सियासी जमीन काफी हद तक खो चुकी है।

    भारतीय जनता पार्टी को अपने कोर वोट बैंक के अलावा ओबीसी, दलितों और कम मात्रा में ही सही मुस्लिम वोटरों का समर्थन हासिल है। अपना दल की कुर्मी बिरादरी में अच्छी पकड़ मानी जाती है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के साथ पूर्वांचल के करीब 18-20 प्रतिशत राजभर मतदाता होने का दावा किया जाता रहा है। सुभासपा की बंसी, आरख, अर्कवंशी, खरवार, कश्यप, पाल, प्रजापति, बिंद, बंजारा, बारी, बियार, विश्वकर्मा, नाई और पासवान जैसी उपजातियों पर भी मजबूत पकड़ मानी जाती है।

    निषाद पार्टी के कोर वोट बैंक केवट, बिंद, मल्लाह, कश्यप, नोनिया, मांझी और गोंड की आबादी उत्तर प्रदेश में लगभग 18 फीसदी है। ये जातियां उत्तर प्रदेश की करीब 5 दर्जन विधानसभा सीटों पर प्रभाव रखती है। राष्ट्रीय लोक दल की पश्चिमी यूपी में जाट बिरादरी पर मजबूत अच्छी पकड़ मानी जाती है।

    जातीय समीकरण का बड़ा खेल

    यूपी की राजनीति में जातीय समीकरण का बड़ा खेल हमेशा से माना जाता रहा है। जातीय आंकड़ों पर गौर करें तो ओबीसी यानी पिछड़ों का प्रतिशत 40 पार करता हुआ दिखाई दे रहा है। अनुसूचित जाति और जनजाति की आबादी प्रदेश में 21 प्रतिशत के आसपास बताई जाती है। मुस्लिम मत प्रतिशत करीब 19.5 प्रतिशत के आसपास होता है। एनडीए और इंडिया गठबंधन इस चुनाव में इन्हीं जातीय समीकरणों के आधार पर ही उम्मीदवारी तय कर रहे हैं।

    दोनों खेमों की है तैयारी

    यूपी में एनडीए के बैनर तले भारतीय जनता पार्टी के साथ रालोद, अपना दल सोनेलाल, सुभासपा और निषाद पार्टी का गठबंधन है। बीजेपी 74 सीटों पर चुनाव लड़ रही है तो वहीं गठबंधन में शामिल अपना दल और रालोद को दो-दो और सुभासपा और निषाद पार्टी को एक-एक सीट मिली हैं।

    विपक्ष के इंडिया गठबंधन में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस इंडिया मुख्य रूप से षामिल हैं। सपा के साथ अपना दल कमेरावादी, तृणमूल कांग्रेस और आजाद समाज पार्टी भी है। गठबंधन के बटवारे में 63 सीटें सपा और 17 सीटें कांग्रेस को मिली हैं। सपा ने अपने हिस्से की एक सीट भदोही तृणमूल कांग्रेस को दी है। कहा जा रह है कि सपा अपना दल कमेरावादी और चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी को भी एक-एक सीट दे सकती है।

    बीजेपी ने बदल दिया वोटों का गणित

    भाजपा के पास अपने कोर वोटरों के अलावा सहयोगी दलों रालोद, अपना दल सोनेलाल, सुभासपा और निषाद का भी मजबूत वोट बैंक है। डबल इंजन की सरकार के कार्यों और सबके विकास की नीति ने एनडीए को बढ़त मिलती दिखती है। कई ओपनियन पोल में भी यूपी में एनडीए का पलड़ा भारी बताया गया है। भाजपा के मिशन-80 के विजय रथ को थामने के लिए समाजवादी पार्टी का अबकी पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) पर पूरा भरोसा है। बसपा से खिसकते दलित वोट बैंक को सपा के साथ ही कांग्रेस भी हथियाने की कोशिश में है। सपा-कांग्रेस गठबंधन को उम्मीद है कि दलित-मुस्लिम गठजोड़ से उन्हें अबकी चुनाव में लाभ होगा।

    लोकसभा चुनाव 2019 में किस पार्टी को मिली कितनी सीट

    2019 के आम चुनाव में एनडीए में बीजेपी और अपना दल सोनेलाल एक साथ मिलकर लड़ा था और एनडीए का 51.19 प्रतिशत वोट शेयर रहा था। जिसमें बीजेपी के खाते में 49.98 प्रतिशत और अपना दल (एस) को 1.21 प्रतिशत वोट शेयर मिला था। वहीं महगठबंधन (बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल) को 39.23 प्रतिशत वोट शेयर मिला था। जिसमें बसपा को 19.43 प्रतिशत, सपा को 18.11 प्रतिशत और रालोद को 1.69 प्रतिशत वोट मिला था। इसके अलावा कांग्रेस को इस चुनाव में 6.36 वोट शेयर मिला था। इस बार समीकरण बदल हुआ है। एनडीए में बीजेपी, अपना दल सोनेलाल, रालोद, सुभासपा और निषाद पार्टी है। इंडिया गठबंधन में सपा और कांग्रेस है। रालोद इस बार एनडीए के साथ है, और फिलवक्त बसपा किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं है। ऐसे में हर लिहाज से भाजपानीत एनडीए का पलड़ा भारी दिखाई देता है।

  • लौन में पुलिसकर्मी ने साथी महिला कर्मी से किया दुष्कर्म, गिरफ्तार

    लौन में पुलिसकर्मी ने साथी महिला कर्मी से किया दुष्कर्म, गिरफ्तार

    जालौन,। उत्तर प्रदेश के जनपद जालौन में पुलिस विभाग को शर्मसार करने की घटना सामने आई है। नदी गांव थाना में तैनात सिपाही कर्मवीर पर एक महिला सिपाही ने दुष्कर्म का आरोप लगाया है। इस पूरे घटनाक्रम को पीड़ित महिला सिपाही ने उच्च अधिकारियों को अवगत कराया। मामला संज्ञान में आने के बाद आरोपित सिपाही के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर उसे जेल भेज दिया गया।

    नदीगांव थाना में तैनात सिपाही कर्मवीर ने अपने महिला सहकर्मी के साथ रेप की वारदात को अंजाम दिया है। इस पूरे मामले में जब महिला पुलिसकर्मी ने उच्च अधिकारियों से शिकायत की बात की तो उसने जान से मारने की धमकी दे डाली। इस बीच जब महिला सिपाही का तबादला हुआ तो पीड़ित ने पूरे प्रकरण की शिकायत उच्च अधिकारियों से की। इसके बाद मुकदमा पंजीकृत कर आरोपी सिपाही को जेल भेज दिया गया है।

    आरोपी सिपाही कर्मवीर वर्तमान में लाइन हाजिर चल रहा था और वह पहले से ही शादीशुदा था। किसी बात का फायदा उठाकर उसने महिला पुलिसकर्मी के साथ रेप की वारदात को अंजाम दिया। महिला सिपाही का आरोप है कि कर्मवीर ने उसके साथ कई बार दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया है।

    इस पूरे प्रकरण में अपर पुलिस अधीक्षक असीम ने बताया कि महिला सिपाही की तरफ से तहरीर प्राप्त हुई थी, जिसके बाद कमेटी ने जांच पड़ताल शुरू की। इसके साथ ही आरोपी सिपाही के खिलाफ विभागीय जांच हो गई हैं। फिलहाल सेक्सुअल की सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया है और विभागीय जांच की जा रही है।

  • हमीरपुर कारागार में विचाराधीन कैदी ने की आत्महत्या

    हमीरपुर कारागार में विचाराधीन कैदी ने की आत्महत्या

    हमीरपुर। हमीरपुर के दोसडका स्थित कारागार में एक विचाराधीन कैदी के आत्महत्या मामले को लेकर परिजनों ने पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाए। शनिवार दोपहर के समय कारागार के बाहर परिजनों ने जमकर हंगामा किया हांलाकि पुलिस ने परिजनों व ग्रामीणों को शांत करने की कोशिश की लेकिन फिर भी परिजनों ने जमकर गुब्बार निकाला । वहीं परिजनों व ग्रामीणों ने कारागार परिसर में पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाकर न्याय की गुहार लगाई।

    बता दे कि हमीरपुर के दोसडका स्थित कारागार में विचाराधीन कैदी दीप चंद सपुत्र मदन लाल गांव पथलयार तहसील बडसर ने शुक्रवार देर रात को फंदा लगाकर आत्महत्या कर दी है। उक्त कैदी पोस्को एक्ट के चलते कारागार में विचाराधीन है । वहीं इस अवसर पर एसएचओ हमीरपुर हरीश गुलेरिया के अलावा काफी संख्या में पुलिस बल भी मौजूद रहा।

    बीडीसी सीमा भारद्वाज ने कहा कि जेल में ही आत्मत्या करने पर सभी हैरान हो गए हैऔर इस तरह जेल के अंदर आत्महत्या करने पर सवाल उठ रहे हैं । उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस के पहरे में ही जेल में आत्महत्या मामले की जांच की जानी चाहिए।

    ग्राम पंचायत प्रधान प्रदीप कुमार ने बताया कि पिछले दो महीनों से हमीरपुर जेल में दीप चंद सजा काट रहा है और अचानक ही रात के समय दीप चंद ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली है। उन्होंने कहा कि एक छोटी बच्ची के साथ छेडछाड के मामले में दीप चंद जेल में विचाराधीन रहा है। उन्होंने बताया कि सुबह ही जेलमें आत्महत्या करने का पता चला है और उसके बाद सारा गांव के लोग जेल में पहुंचे है और न्याय की गुहार कर रहे है।

    इस घटनाक्रम पर एसडीएम हमीरपुर मनीष कुमार सोनी ने बताया कि हमीरपुर कारागार में पोस्को एक्ट के तहत विचाराधीन कैदी ने रात के समय आत्महत्या की है। उन्होंने बताया कि उक्त कैदी पिछले दो महीनों से जेल में रह रहा था और आत्महत्या मामले में कैदी के शव का पोस्टर्माटम करवाया जा रहा हैं। उन्होंने बताया कि मंडी से फारेसिंक टीम भीपहुंच कर आत्महत्या के कारणों का पता लगा रही है।

  • घोसी लोकसभा सीट पर सुभासपा की जीत पक्की – ओमप्रकाश राजभर

    घोसी लोकसभा सीट पर सुभासपा की जीत पक्की – ओमप्रकाश राजभर

    लखनऊ। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष और यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी के नेता, कार्यकर्ता पूरी तरह से तैयार हैं। घोसी लोकसभा सीट पर सुभासपा उम्मीदवार की जीत पक्की है और इसके साथ एनडीए गठबंधन के 80 उम्मीदवारों को हमारे कार्यकर्ता दिनरात मेहनत कर जितायेंगे।

    सुभासपा के कार्यालय पर पहुंचे कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर का पार्टी कार्यकर्ताओं ने पुष्प गुच्छ देकर अभिनन्दन किया। प्रदेश के जनपदों से आये पदाधिकारियों ने अपनी भावनाओं को जाहिर करते हुए पार्टी अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को बधाईयां दी। साथ ही घोसी लोकसभा सीट के जीत के लिए सुनिश्चित भी किया।

    सुभासपा कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाते हुए कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश ने कहा कि मेरे कार्यकर्ता ही मेरी ताकत है। मेरे कार्यकर्ताओं के दम पर हर सीट जीतेंगे। यूपी में एनडीए गठबंधन की 80 सीटों पर जीत होगी। हर सीट हमारे लिए घोसी लोकसभा सीट है, हर सीट को जीतना हमारा लक्ष्य है।

    उन्होंने पत्रकारों के प्रश्न के उत्तर में कहा कि यूपी में किसी से लड़ाई नहीं है। विकास के मुद्दे पर हम चुनाव मैदान में उतर चुके है। देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विकास की गंगा बहा दी है। हर क्षेत्र में पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए विकास कार्य कराये गये है। कार्यकर्ताओं के काम हुए है और आगे भी होंगे।

  • सुभासपा के फर्रुखाबाद जिलाध्यक्ष ने पार्टी से इस्तीफा दिया

    सुभासपा के फर्रुखाबाद जिलाध्यक्ष ने पार्टी से इस्तीफा दिया

    फर्रुखाबाद,। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर का प्रदेश में योगी सरकार में मंत्री बनने के बाद से लगातार पार्टी का जनाधार प्रदेश में बढ़ा है। लेकिन इन सब के बीच लोकसभा चुनाव तैयारियों के दौरान उनकी पार्टी के पदाधिकारियों में अंसतुष्ट हैं और पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं। इसी क्रम में फर्रुखाबाद के जिलाध्यक्ष ने पार्टी से इस्तीफा दिया है।

    फर्रुखाबाद के संजेश कश्यप ने बीते चार वर्ष पूर्व सुभासपा से जुड़े थे और उन्हें संगठन ने जनपद का जिलाध्यक्ष बनाया था। जिलाध्यक्ष बनने के बाद से वह पार्टी को मजबूत कर रहे थे। इधर पार्टी अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के योगी सरकार में मंत्री पद की शपथ लेने के बाद पदाधिकारियों में जोश भर गया। इस बीच मंत्री के एक बयान के बाद जिलाध्यक्ष संजेश कश्यप एक कार्यकर्ता के साथ हुए किसी मामले की पैरवी को लेकर कायमगंज थाने पहुंच गए। आरोप है कि थानेदार ने उन्हें गंभीरता से नहीं लिया। इस मामले का सोशल मीडिया में वीडियो खूब वायरल हुआ। इस बीच मामला जब मंत्री ओमप्रकाश राजभर तक पहुंचा तो उन्होंने जिलाध्यक्ष को पहचानने से इंकार कर दिया। मंत्री और पार्टी अध्यक्ष के बयान से आहत होकर संजेश कश्यप ने जिलाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है।

  • स्टेडियम के विकास पर क्रिकेट संघ जताया आभार

    स्टेडियम के विकास पर क्रिकेट संघ जताया आभार



    मऊः प्रदेश सरकार द्वारा डॉ भीमराव स्पोर्ट स्टेडियम मऊ में एस्ट्रोटर्फ सहित बुनियादी सुविधाओं का विकास किए जाने पर जिला क्रिकेट संघ में हर्ष का माहौल है। सुविधाओं के उदघाटन के अवसर पर क्रिकेट संघ ने इस बाबत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं नगव विकास व उर्जा मंत्री एके शर्मा जी का आभार व्यक्त किया। संघ अध्यक्ष डॉ संजय सिंह ने कहा कि विगत वर्षों में इस कमी से जुझते स्टेडियम में इन सुविधाओं के होने से खिलाडियों में गुणात्मक परिवर्तन आएगा। इन सुविधाओं की मांग बहुत पहले से की जाती रही है। ग्रामीण व नगरीय क्षेत्र की प्रतिभाओं के विकास के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के प्रयास को नगर विकास एवं उर्जा मंत्री एके शर्मा जी सकार रुप दे रहे हैं। जिले के कई खिलाड़ी राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेल रहे हैं। एस्ट्रोटर्फ सहित अन्य सुविधाओं के होने से खिलाड़ियों का उच्चस्तरीय विकास होगा। डा सिंह ने कहा कि क्रिकेट खिलाड़ियों को प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के मंच प्रदान करने के लिए संघ प्रतिबद्ध है।