Category: उत्तर प्रदेश

  • कार्डियक अरेस्ट में सीपीआर देकर बचाई जा सकती है मरीज की जान : डा. एसएसपी द्विवेदी

    कार्डियक अरेस्ट में सीपीआर देकर बचाई जा सकती है मरीज की जान : डा. एसएसपी द्विवेदी

    कानपुर,। कोरोना के बाद कार्डियक अटैक के मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। आजकल व्यायाम और नृत्य करते समय भी लोगों को दिल का दौरा पड़ रहा है। ऐसी घटनाओं में देश के विभिन्न हिस्सों में कई लोगों की जान भी जा चुकी है। ऐसे समय में सीपीआर देने की जानकारी अधिक से अधिक लोगों को होनी चाहिए। कार्डियक अरेस्ट के मरीज के लिए पहला तीन मिनट गोल्डन टाइम होता है। अगर नौ मिनट तक मस्तिष्क को ऑक्सीजन नहीं मिले तो व्यक्ति ब्रेन डेथ का शिकार हो सकता है। इस समय मरीज को सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) दिया जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है। यह बातें गुरुवार को कानपुर पहुंचे वाराणसी के राजकीय चिकित्साधिकारी डा. शिवशक्ति प्रसाद द्विवेदी ने कही।

    जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह के आग्रह पर वाराणसी के राजकीय चिकित्साधिकारी डा. शिवशक्ति प्रसाद द्विवेदी ने कलेक्ट्रेट सभागार में कलेक्ट्रेट के अधिकारियों तथा कर्मचारियों को सीपीआर पर लाइव प्रस्तुतिकरण करते हुए प्रशिक्षण दिया।

    डा. द्विवेदी ने बताया कि सीपीआर एक मेडिकल थेरेपी की तरह है। इससे कार्डियक अरेस्ट आने पर मरीज को सीपीआर देते हुए अस्पताल पहुंचाया जाता है। सीपीआर तब तक देते रहना चाहिए जब तक एंबुलेंस न आ जाए या मरीज अस्पताल या विशेषज्ञ चिकित्सक के पास नहीं पहुंच जाए। ऐसा करने से मरीज के बचने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।

    उन्होंने बताया कि अगर व्यक्ति की सांस सा धड़कन रुक गई है तो ऑक्सीजन की कमी से शरीर की कोशिकाएं बहुत जल्द खत्म होने लगी है। इसका असर मस्तिष्क पर भी पड़ता है। सही समय पर सीपीआर और इलाज शुरू नहीं होने पर व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। इस विधि से व्यक्ति की सांस वापस लाने तक या दिल की धड़कन सामान्य हो जाने तक छाती को विशेष तरीके से दबाया जाता है।

    दी गई लाइव प्रस्तुति

    प्रशिक्षण के दौरान डा.शिवशक्ति प्रसाद द्विवेदी ने मानव शरीर की डमी पर सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) देने की लाइव प्रस्तुति दी। उन्होंने दिखाया कि सीपीआर के लिए सबसे पहले पीड़ित को किसी ठोस जगह पर लिटा दिया जाता है और प्राथमिक उपचार देने वाला व्यक्ति उसके पास घुटनों के बल बैठ जाता है। उसकी नाक और गला चेक कर यह सुनिश्चित किया जाता है कि उसे सांस लेने में कोई रुकावट तो नहीं है। इसके बाद अपने दोनों हाथों की मदद से विशेष तरीके से एक मिनट में 100 से 120 बार छाती के बीच में तेजी से दबाना होता है। हर एक पुश के बाद छाती को वापस अपनी सामान्य स्थिति में आने देना चाहिए। इससे शरीर में पहले से मौजूद रक्त को हृदय पंप करने लगता है। 30 बार पुश करने के बाद मुंह पर साफ रूमाल रखकर दो बार सांसें दी जाती हैं। इससे शरीर में रक्त का प्रवाह शुरू होता है और मस्तिष्क को ऑक्सीजन मिलने लगती है।

    क्या होता है सीपीआर

    कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) एक आपातकालीन प्रक्रिया है जो किसी व्यक्ति की सांस या दिल के रुकने पर उसकी जान बचाने में मदद कर सकती है। जब किसी व्यक्ति का दिल धड़कना बंद कर देता है, तो उसे कार्डियक अरेस्ट कहते हैं। कार्डिएक अरेस्ट के दौरान हृदय, मस्तिष्क और फेफड़ों सहित शरीर के बाकी हिस्सों में रक्त पंप नहीं कर सकता है। इस दौरान इलाज नहीं मिलने पर मिनटों में ही व्यक्ति की मौत हो सकती है।

    क्या होता है हार्ट अटैक

    दिल तक खून पहुंचना बंद होने की स्थिति को हार्ट अटैक कहा जाता है। दरअसल, कोलेस्ट्रॉल और फैट के कारण अक्सर दिल तक खून ले जाने वाली धमनी में खून का प्रवाह रुक जाता है और इसके कारण दिल तक खून नहीं पहुंच पाता है। धमनी ब्लॉक होने की वजह से ऑक्सीजन भी इस तक नहीं पहुंच पाती है। हालांकि ऐसी स्थिति में दिल की कार्यप्रणाली बरकरार रहती है यानी कि इंसान का दिल धड़कना बंद नहीं होता है।

    क्या है कार्डियक अरेस्ट

    कार्डियक अरेस्ट उस स्थिति में होता है जब कार्डियक कार्यप्रणाली अचानक रुक जाती है यानी दिल धड़कना बंद कर देता है। इस दौरान फेफड़ों, दिमाग और अन्य महत्वपूर्ण अंगों तक खून पहुंचना रुक जाता है और प्रभावित व्यक्ति की तुरंत मृत्यु हो जाती है। कई बार हार्ट अटैक आने की वजह से भी अचानक कार्डियक अरेस्ट हो सकता है। ऐसी इमरजेंसी में मरीज को कार्डियोपल्मोनरी रिससिटैशन (CPR) और डिफाइब्रिलेटर से बिजली के झटके दिए जाते हैं। इस दौरान अपर ज़िलाधिकारी (नगर) डॉ राजेश कुमार, गौरव द्विवेदी एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारिगण उपस्थित थे।

  • फांसी पर लटका मिला ब्रह्मकुमारी का शव, हत्या का आरोप

    फांसी पर लटका मिला ब्रह्मकुमारी का शव, हत्या का आरोप

    बागपत,। बागपत के टटीरी में स्थित ब्रह्मकुमारी आश्रम में ब्रह्मकुमारी दीदी का शव फांसी के फंदे पर लटका मिला। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है। वहीं पीड़ित परिजनों ने हत्या का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है।

    बागपत कोतवाली क्षेत्र के अग्रवाल मंडी टटीरी में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईस्वरीय विश्वविद्यालय है। गुरुवार को ब्रह्मकुमारी शिल्पा का शव बंद कमरे में फांसी के फंदे पर लटका मिला है। परिजनों ने हत्या का आरोप लगाते हुए पुलिस से कार्रवाई की मांग की है। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम भेजा है, जहां शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।

    पीड़ित परिजनों का कहना है कि लगातार मृतक को प्रताड़ित किया जा रहा था,जिसकी शिकायत मृतक द्वारा परिजनों को दी गयी थी। अब उसकी हत्या कर दी गई। एएसपी नरेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि पुलिस हर एक बिंदु पर गहनता से जांच कर रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का पता चलेगा। मौके पर कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।

  • घोसी लोकसभा क्षेत्र से सुभासपा उम्मीदवार अरविंद राजभर का दावा, अल्पसंख्यकों का मिलेगा समर्थन

    घोसी लोकसभा क्षेत्र से सुभासपा उम्मीदवार अरविंद राजभर का दावा, अल्पसंख्यकों का मिलेगा समर्थन

    बलिया। एनडीए में शामिल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी कितनी और किस सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेगी, अभी इसकी औपचारिक घोषणा बाकी है, तब तक ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर ने घोसी से अपनी उम्मीदवारी का दावा कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि घोसी में उन्हें अल्पसंख्यकों का समर्थन मिलेगा।

    योगी कैबिनेट में जगह मिलने के बाद सुभासपा सुप्रीमो ओमप्रकाश राजभर गुरूवार को पहली बार अपने केंद्रीय कार्यालय रसड़ा पहुंचे। उनके रसड़ा पहुंचने पर पूर्वांचल स्तरीय समीक्षा बैठक में घोसी से अरविंद राजभर को प्रत्याशी घोषित कर दिया गया। इसको लेकर अरविंद राजभर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी अपने हर निर्णय कार्यकताओं से पूछ कर ही लेती है। लखनऊ में मंत्री पद की शपथ लेने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सीधे केंद्रीय कार्यालय आए। जहां विभिन्न मुद्दों पर कार्यकताओं से संवाद हुआ। जिसमें 2027 विधानसभा चुनाव और 2025 में जिला पंचायत के चुनाव की बात आई उसी दौरान आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा हुई। जिसमें कार्यकर्ताओं ने घोसी लोकसभा क्षेत्र से मेरे नाम पर मुहर लगाई। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी में निरन्तर काम करने वाला कार्यकर्ता मेरी तरह अवसर पा सकता है। अब मेरी प्राथमिकता रहेगी कि जिस तरह ओमप्रकाश राजभर कार्यकर्ताओं की सोच को विधानसभा में रखते हैं, मैं लोकसभा में उसे आगे बढ़ाऊंगा। मेरी कोशिश होगी कि यह पीला गमछा दिल्ली में लहराता रहे। परिवारवाद को लेकर कहा कि विपक्ष हमारे ऊपर उंगली उठाने से पहले सोचे कि दूसरी उंगली उसकी तरफ भी जाती है। मऊ और बलिया की समस्याओं को हल करने के लिए हमारी सरकार प्रयासरत है। कहा कि हमें अल्पसंख्यकों का भी समर्थन मिलेगा। क्योंकि हमारे नेता अल्पसंख्यकों की बात करते हैं। सपा पर आरोप लगाया कि मुसलमानों का वोट लेकर चार बार सरकार बनाया लेकिन उनके हित में कोई काम नहीं किया। सपा सरकार के दौरान एक प्रतिशत भी सरकारी नौकरियों में भागीदारी नहीं रह पायी।

  • घोसी लोकसभा सीट से एनडीए के अरविन्द राजभर होंगे उम्मीदवार

    घोसी लोकसभा सीट से एनडीए के अरविन्द राजभर होंगे उम्मीदवार


    अरुण राजभर द्वारा साझा की गई ट्वीट


    मऊ। लोकसभा चुनाव मे भाजपा से टिकट का मनसूबा पाले कइयो को मुह की खानी पड़ी है। पार्टी मे सुभासपा के बढ़ती नजदीकी ने जिले के कई लोगो की राजनीति गड़बड़ा दी है।
    लोक सभा चुनाव को लेकर सूबे की सीटों पर उम्मीदवारों के चयन मे खुद के लिए जोर आजमाइस करने वालों को भाजपा से गुरुवार को झटका लग गया है। NDA मे खुद को शामिल कर सुभासपा ने भाजपा के ही कई स्थानीय दिग्गजो का खेल समाप्त कर दिया है।

    सुभासपा की भाजपा से बढ़ती नजदीकियों ने बड़े बड़े धुरंधरो को धूल चटा दी है। सुभासपा के अरुण राजभर ने अपने ट्विटर हैंडल से अपने ही पार्टी के अरविन्द राजभर को उम्मीदवारा बनाये जाने की जानकारी जैसे ही साझा की , जिले के कई नामचीन राजनितिको के चेहरे पर बल आ गया।

    बीते बुद्धवार को सुभासपा के ओपी राजभर ने भी घोसी लोकसभा सीट पर उम्मीदवार के नाम का खुलासा नही कर प्रयासरत उम्मीदवारों को अवसर जरूर दिया था लेकिन यह अवसर आज बेकस साबित हो गया।

  • यूपी मे ओपी ने “सीएम” के बाद खुद को बताया “पावरफूल”

    यूपी मे ओपी ने “सीएम” के बाद खुद को बताया “पावरफूल”

    सम्बोधन् दौरान ओपी राजभर की तस्वीर

    मऊ। उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद मे मंत्री बनने के बाद सुभासपा के ओम प्रकाश राजभर के तेवर बदल गये है। उनके अनुसार सीएम के बाद यदि किसी के पास पावर है तो वह ओम प्रकाश राजभर के पास है। ओपो ने एक कार्यक्रम मे लोगो को मंच से दी जानकारी।


    उत्तर प्रदेश के मंत्री परिषद मे मंत्री बनने के बाद मऊ की जनता के वीच सुभासपा के ओम प्रकाश राजभर अपने पावर का लोगो को एहसास कराने मे जुट गये है।

    ओम प्रकाश जिले के एक कार्यक्रम मे उपस्थित लोगो को सम्बोधित करते हुए कहा की अब किसी भी थाने मे पीड़ितों की सुनी जाएगी बशर्ते वह थाने मे पिला गमछा लेकर थाने मे जाए।

    इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि सूबे मे मुख्यमंत्री के बाद यदि किसी के पास “पावर” है तो वह ओम प्रकाश राजभर के पास है.। उन्होंने यह भी कहा कि वे सीधे प्रधान मंत्री और गृह मंत्री से जुड़े है।

  • त्योहारों के मद्देजनर चलेगी दिल्ली-वाराणसी और एसवीडी कटरा-वाराणसी 4 फेस्टिवल ट्रेन

    त्योहारों के मद्देजनर चलेगी दिल्ली-वाराणसी और एसवीडी कटरा-वाराणसी 4 फेस्टिवल ट्रेन

    मुरादाबाद। उत्तर रेलवे के मुरादाबाद रेल मंडल में वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सुधीर सिंह ने गुरुवार को बताया कि आगामी त्योहारों के मद्देनजर मुरादाबाद रेल मंडल अप एंड डाउन की चार विशेष एक्सप्रेस ट्रेनें चलाई जाएंगी। इसमें एक फेस्टिवल स्पेशल सुपरफास्ट एक्सप्रेस दूसरी फेस्टिवल स्पेशल एक्सप्रेस शामिल है।

    सीनियर डीसीएम ने बताया कि ट्रेन संख्या 04080/04079 दिल्ली-वाराणसी-दिल्ली आरक्षित फेस्टिवल स्पेशल सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन 21 मार्च से 31 मार्च के बीच चलेगी। दोनों ट्रेनें पांच पांच फेरे लगाएगी। ट्रेन संख्या 04080 दिल्ली से सोमवार, गुरुवार और शनिवार को चलेगी। ट्रेन संख्या 04079 मंगलवार, शुक्रवार और रविवार को वाराणसी से चलेगी।

    ट्रेन संख्या 04080 दिल्ली स्टेशन से शाम 7 बजकर 30 मिनट पर चलेंगी और गाजियाबाद, मुरादाबाद, लखनऊ, मां बेला देवी धाम होते हुए अगले दिन सुबह 9:45 बजे वाराणसी पहुंचेगी। वहीं वापसी में ट्रेन संख्या 04079 वाराणसी से शाम 6:20 बजे चलेगी। यह मां बेला देवी धाम लखनऊ, मुरादाबाद, गाजियाबाद होते हुए अगले दिन सुबह 8:50 बजे दिल्ली स्टेशन पहुंचेगी।

    सीनियर डीसीएम ने बताया कि ट्रेन संख्या 01654/01653 एसवीडी कटरा-वाराणसी- एसवीडी कटरा फेस्टिवल स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेन 24 मार्च से 2 अप्रैल के बीच चलेगी। दो-दो फेरे लगाएगी। ट्रेन संख्या 01654 एसवीडी कटरा से प्रत्येक रविवार को और 01653 वाराणसी से प्रत्येक मंगलवार को चलेगी।

    उन्होंने बताया कि ट्रेन संख्या 01654 एसवीडी कटरा से रात 11:35 बजे चलेगी जो अगले दिन रात 11:55 बजे वाराणसी पहुंचेगी। वहीं ट्रेन संख्या 01653 वाराणसी से सुबह 5:30 बजे चलेगी जो अगले दिन सुबह 11:25 बजे एसवीडी कटरा पहुंचेगी।

  • हिन्दू बन प्रेमजाल में फंसाकर धर्म बदलने का दबाव डालने के आरोपी शाहरूख की जमानत अर्जी खारिज

    हिन्दू बन प्रेमजाल में फंसाकर धर्म बदलने का दबाव डालने के आरोपी शाहरूख की जमानत अर्जी खारिज

    प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाम बदल प्रेम जाल में फंसाकर शारीरिक शोषण करने व धर्म परिवर्तन का दबाव बनाकर खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोपी शाहरूख को जमानत पर रिहा करने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा आरोप गम्भीर है, इसलिए आरोपी जमानत पाने का अधिकारी नहीं है।

    यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने कानपुर नगर के शाहरुख की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए दिया है। मालूम हो कि शिकायतकर्ता की बहन रेनू ने 24 अप्रैल 23 को खुदकुशी कर ली। छोटी बहन रेशू ने बताया कि वह सौरभ से प्रेम करती थी, जो बाद में शाहरुख निकला। उसने धर्म बदलने व निकाह करने का दबाव बनाया और कहा कि धर्म बदल लो या इज्जत बचाने को खुदकुशी कर लो।

    याची का कहना था कि वह पड़ोसी हैं। दोनों एक-दूसरे को जानते हैं। आरोप झूठे लगाये गये हैं। कोर्ट ने कहा हिन्दू बनकर प्रेम जाल में फंसाकर कर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाना गम्भीर अपराध है। कोर्ट ने यह कहते हुए जमानत अर्जी खारिज कर दी।

  • धर्म परिवर्तन के मामले में दोषी को आजीवन कारावास, 04.56 लाख रुपये का जुर्माना

    धर्म परिवर्तन के मामले में दोषी को आजीवन कारावास, 04.56 लाख रुपये का जुर्माना

    बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश के जनपद बुलंदशहर में एससी-एसटी कोर्ट ने बुधवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए धर्म परिवर्तन के मामले में दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उस पर चार लाख 56 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

    एससी-एसटी कोर्ट में विशेष अभियोजक पद पर तैनात विपुल राघव ने बताया कि यह पूरा मामला मार्च 2022 का है। गुलावठी थाना में अनीता (काल्पनिक नाम) नाम की एक महिला ने तहरीर देते हुए कहा कि अनीश नाम के युवक ने आकाश बनकर उसे बहला फुसलाकर धोखाधड़ी करते हुए उसका धर्म परिवर्तन कराया। उसे अनीता से आयशा बनाकर उसके साथ दुष्कर्म किया।

    इस दौरान उसने उससे ढाई लाख रुपये की नकदी और उसकी एक गले की चेन भी लेकर फरार हो गया। जब महिला के संज्ञान में आया कि आरोपित युवक आकाश नहीं बल्कि अनीश है। वह पहले से शादीशुदा है तो उसने कानून का सहारा लिया। पुलिस ने घटना की रिपोर्ट धर्म परिवर्तन में दर्ज कर मामले में जांच की। आरोपित की गिरफ्तारी हुई। मामले में आरोपित की तरफ से भी कोर्ट में अपना पक्ष रखा गया।

    उधर पीड़ित महिला ने भी अपने ऊपर धर्म परिवर्तन, बलात्कार के संबंध में और एससी-एसटी के होने के साक्ष्य पेश किये। कोर्ट ने बुधवार को दोनों पक्षों की दलीलों को सुनकर सभी धाराओं में दोषी करार देते हुए ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए दोषी अनीश को आजीवन कारावास (मरते दम तक) की सजा सुनाई है। साथ ही इस मामले में अलग-अलग आरोपों में चार लाख 56 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

    वहीं आरोप तय होने पर दोषी का कहना है कि वह वह निर्दोष है, उस पर बेवजह मुकदमे लगाए गए हैं। वह आदेश के विरुद्ध ऊपरी अदालत में अपील करेगा।

  • सपा विधायक इरफान पर कोर्ट में आरोप तय, फर्जी आधार कार्ड से की थी हवाई यात्रा

    सपा विधायक इरफान पर कोर्ट में आरोप तय, फर्जी आधार कार्ड से की थी हवाई यात्रा

    कानपुर, । महाराजगंज जेल में बंद सीसामऊ विधानसभा सीट से सपा विधायक इरफान सोलंकी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक ओर जहां उनके व उसके साथियों के ऊपर महिला के प्लाट पर आगजनी का आरोप है तो वहीं इसी मामले में पुलिस के खौफ से इरफान हवाई यात्रा कर मुंबई भाग गया था। इस यात्रा में उसने फर्जी आधार कार्ड का प्रयोग किया था, जिस पर बुधवार को एमपी-एमएलए कोर्ट ने आरोप तय कर दिया।

    इरफान के वकील शिवकांत दीक्षित ने बताया कि एमपी-एमएलए कोर्ट ने इरफान पर फर्जी आधार कार्ड से हवाई यात्रा मामले में सपा विधायक इरफान सोलंकी समेत सात आरोपितों के खिलाफ कोर्ट ने आरोप तय किये हैं। अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी।

    वहीं, जाजमऊ में महिला के प्लाट पर आगजनी मामले में इरफान के साथ अन्य छह लोगों पर न्यायलय द्वारा आरोप तय कर दिए गए। महाराजगंज जेल में बंद विधायक इरफान सोलंकी के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के केस में अभी फैसला नहीं आया।

    इरफान के वकील ने बताया कि राज्य सरकार ने इस मामले में हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है। याचिका पर फैसला होने के बाद ही कानपुर कोर्ट से फैसला आएगा। फिलहाल इरफान को अभी जेल में ही रहना होगा।

  • हाईकोर्ट बार एसोसिएशन चुनाव की दोगुनी हुई जमानत राशि

    हाईकोर्ट बार एसोसिएशन चुनाव की दोगुनी हुई जमानत राशि

    -लोकसभा, विधानसभा चुनाव से महंगा है बार एसोसिएशन का चुनाव

    -एक दिसम्बर 2022 से लागू बाईलाज को पूरे साल का मानकर मांगा केसों का विवरण, वकीलों में आक्रोश

    प्रयागराज,। इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन का चुनाव लोक सभा और विधान सभा चुनाव से भी महंगा हो गया है। मतदाता सूची को लेकर जहां विवाद है, वहीं जमानत राशि और केसों की संख्या सहित अन्य मामलों को लेकर अधिवक्ताओं में रोष देखा जा रहा है। तीन दिनों में सैकड़ों अधिवक्ताओं ने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों, एल्डर कमेटी और चुनाव कमेटी से शिकायत कर इसे वापस लेने की मांग की है। बुधवार को भी बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं ने इस सम्बंध में मांग पत्र सौंपा।

    हाईकोर्ट बार एसोसिएशन कार्यकारिणी, एल्डर कमेटी, चुनाव कमेटी को सौंपे गए ज्ञापन में अधिवक्ताओं का कहना है कि पिछले दो सालों में प्रत्याशियों की ओर से जो जमानत राशि जमा कराई गई। वह रकम वर्तमान में जमा कराई जा रही सिक्योरिटी मनी से आधी थी। यानी इस साल दोगुनी जमानत राशि ली जा रही है। जैसे अध्यक्ष के लिए यह रकम एक लाख रूपये कर दी गई है। वहीं महासचिव के लिए 70 हजार रूपये ली जा रही है। जबकि, लोक सभा प्रत्याशियों की जमानत राशि अध्यक्ष पद के प्रत्याशी से चार गुना कम है। लोक सभा प्रत्याशी को 2019 के चुनाव में 25 हजार रूपये जमा करना पड़ा था। जबकि, 2022 के विधानसभा के चुनाव में प्रत्याशियों को 10 हजार रूपये जमानत राशि के रूप में जमा करनी पड़ी। जबकि, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव में गवर्निंग काउंसिल के पदाधिकारियों को विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों के बराबर की जमानत राशि जमा करनी पड़ रही है।

    सौंपे गए मांग पत्र में अधिवक्ता मृत्यंजय तिवारी, वेणु गोपाल, पारिजात तिवारी, आनंद श्रीवास्तव, सुधीर, प्रखर श्रीवास्तव सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं का कहना है कि चुनाव कमेटी ने केसों का विवरण भी गलत मांगा है। उनका कहना है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट का संशोधित बाईलॉज एक दिसम्बर 2022 से लागू हुआ है। संशोधित बाईलॉज जब से लागू हुआ चुनाव कमेटी को उसी के अनुसार काम करना चाहिए था। जबकि, चुनाव कमेटी ने संशोधित बाईलॉज को उसके पहले भी लागू कर दिया है। जबकि, कोरोना का दौर 2020 से लेकर 2022 तक चला। उस दौर में अधिवक्ता परेशान थे। लिहाजा, प्रत्याशियों से पिछले वर्ष की तरह एक वर्ष का ही केसों का विवरण लिया जाना चाहिए। इन अधिवक्ताओं ने चुनाव कमेटी पर पर आरोप लगाया कि कमेटी ने जमानत राशि और केसों की संख्या तय करते समय अधिवक्ताओं से आम राय भी नहीं ली।

    इसके अलावा मतदाता सूची को लेकर आपत्तियों को दर्ज कराने के बावजूद पूरी सूची नहीं जारी हुई। अधिवक्ताओं का कहना है कि सदस्यता शुल्क और पांच केस होने के बावजूद उनका नाम सूची में शामिल नहीं है। जबकि, उन्होंने आपत्ति भी दर्ज कराई। इसी तरह की शिकायत सैकड़ों अधिवक्ताओं की है। अधिवक्ताओं का यह भी कहना है कि चुनाव कमेटी ने आचार संहिता लागू कर प्रत्याशियों द्वारा सभी तरह के चुनाव प्रचार सामग्री के प्रयोग पर रोक लगा दी है लेकिन यह नहीं बताया कि प्रत्याशी अपना प्रचार किस तरह से करें। जबकि, नामांकन पत्र की बिक्री के दो दिन हो गए हैं। लिहाजा, जमानत राशि कम की जाए। कोविड के दौर को देखते हुए पिछले साल की तरह ही एक साल का ही केसों का विवरण लिया जाय। साथ ही मतदाता सूची में आपत्ति दर्ज करने वाले अधिवक्ताओं का नाम शामिल किया जाए।