Category: उत्तर प्रदेश

  • भाजपा की चुनावी तैयारियां शुरू, चुनाव संचालन समिति की हुई पहली बैठक

    भाजपा की चुनावी तैयारियां शुरू, चुनाव संचालन समिति की हुई पहली बैठक

    अयोध्या,। लोकसभा चुनाव संचालन समिति की पहली बैठक सोमवार को लोकसभा चुनाव कार्यालय सिविल लाइन आयोजित की गई। लोक सभा प्रभारी श्रीकृष्ण तिवारी, संयोजक डा. बीबी मणि त्रिपाठी व सहसंयोजक ओम प्रकाश सिंह है।

    संचालन समिति में रूदौली विधानसभा के प्रभारी कमला शंकर पाण्डेय व संयोजक ब्लाक प्रमुख राजीव तिवारी, बीकापुर के प्रभारी शोभनाथ वर्मा व संयोजक रामकृष्ण तिवारी, मिल्कीपुर के प्रभारी गोकरन द्विवेदी व संयोजक जर्नादन मौर्या, अयोध्या के प्रभारी अशोक कसौंधन तथा संयोजक रमापति पाण्डेय, दरियाबाद विधान सभा के प्रभारी भुल्लन वर्मा तथा संयोजक अनिल द्विवेदी को बनाया गया है। लोकसभा चुनाव की पहली सूची में सांसद लल्लू सिंह को प्रत्याशी बनाया गया है।

    बैठक में सांसद लल्लू सिंह ने कहा कि योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से जनता में उत्साह का माहौल है। सरकार के दो कार्यकालों में युवाओं को नए अवसर मिले हैं, किसान समृद्ध हुए हैं गरीबों के जीवन स्तर में सुधार आया है, महिलाओं का उत्थान व श्रमिकों को सम्मान मिला है। अयोध्या को विश्व की सर्वोत्तम नगरी बनाने के लिए सरकार कृत संकल्पित है।

    लोक सभा संयोजक डॉ. बांके बिहारी मणि त्रिपाठी संचालन समिति के विधान सभा के पदाधिकारी संगठन के पदाधिकारियों से तालमेल स्थापित करें। बूथ स्तर तक के पदाधिकारियों को चुनाव मोड आ जाएं। देश में सर्वाधिक मतों से अयोध्या लोक सभा सीट को जीतने का लक्ष्य लेकर कार्य करें।

    महानगर प्रभारी विजय प्रताप सिंह ने कहा पार्टी द्वारा चलाए जा रहे अभियानों को शत-प्रतिशत पूर्ण करने की जिम्मेदारी पदाधिकारियों की है। अभियानों के माध्यम से जनता के बीच जाकर सरकार की नीतियों के बारे में चर्चा करें। उन्हें पार्टी की विचारधारा के बारे में बताएं।

    जिला प्रभारी डॉ. मिथलेश त्रिपाठी पार्टी पदाधिकारी बूथ की समिति तथा पन्ना प्रमुख से सम्पर्क में रहें। चुनावों में बूथ समितियों तथा पन्ना प्रमुखों की विशेष भूमिका होती है। सम्पर्क व संवाद चुनाव में विजय का मूल मंत्र है। पार्टी पदाधिकारी व कार्यकर्ता जनता से लगातार सम्पर्क कर संवाद करते रहें।

    बैठक में महानगर अध्यक्ष कमलेश श्रीवास्तव, जिलाध्यक्ष संजीव सिंह, कृष्ण कुमार पाण्डेय खन्नू, गिरीश पाण्डेय डिप्पुल, राधेश्याम त्यागी, शैलेन्द्र कोरी, राम चन्द्र वर्मा, प्रतीक श्रीवास्तव, मोहन अग्रवाल, इंद्रभान सिंह, राजकुमार सचदेवा, सुधीर सिंह मुन्ना, दिवाकर सिंह, राजेश सिंह सहित संचालन समिति के सदस्य मौजूद रहे।

  • 1998 की सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित को 2006 में नियुक्ति पर पुरानी पेंशन देने से इंकार

    1998 की सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित को 2006 में नियुक्ति पर पुरानी पेंशन देने से इंकार

    -कोर्ट ने कहा, बीटीसी प्रशिक्षण योग्यता से चयन प्रक्रिया पूरी नहीं मानी जा सकती

    प्रयागराज, । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्राइमरी स्कूल सहायक अध्यापक भर्ती 1998 में चयनित याची की प्रशिक्षण प्राप्ति के बाद 2006 में हुई नियुक्ति के कारण पुरानी पेंशन का लाभ देने से इंकार कर दिया है।

    कोर्ट ने कहा कि यदि अभ्यर्थी प्रशिक्षण योग्यता हासिल कर रहा हो तो यह नहीं कहा जा सकता की चयन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। नियुक्ति के बाद ही चयन प्रक्रिया पूरी मानी जायेगी। कोर्ट ने कहा याची ने विशेष बीटीसी प्रशिक्षण 2006 में पूरा किया और नई पेंशन स्कीम 1 अप्रैल 2005 को लागू कर दी गई। याची की नियुक्ति 20 मई 2006 को हुई। इसलिए वह भर्ती 1998 की होने के आधार पर पुरानी पेंशन की मांग नहीं कर सकती।

    यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने श्रीमती सुषमा यादव की याचिका को खारिज करते हुए दिया है। याची का कहना था कि उसका चयन 1998 की भर्ती में हुआ है। नियुक्ति में देरी के लिए उसे दोषी नहीं माना जा सकता। कोर्ट के अंतरिम आदेश से याची ने 20 जुलाई 04 को जंगीपुर प्राइमरी स्कूल गाजीपुर में सहायक अध्यापक पद पर ज्वाइन किया। विशेष बीटीसी प्रशिक्षण प्रमाणपत्र जारी होने के बाद उसे 2006 में नियुक्त किया गया। नियुक्ति के 17 साल बाद याची ने बेसिक शिक्षा निदेशक को 17 नवम्बर 23 को पुरानी पेंशन के लिए प्रत्यावेदन दिया। नियुक्ति में देरी पर उसकी गलती नहीं है।

    मुख्य स्थाई अधिवक्ता ने कहा कि बीटीसी प्रशिक्षण नियुक्ति की योग्यता है। जिसे चयन प्रक्रिया का हिस्सा नहीं माना जा सकता। इसलिए याची पुरानी पेंशन की हकदार नहीं हैं। कोर्ट ने जनार्दन राय केस के फैसले का अनुसरण करते हुए पुरानी पेंशन की मांग निराधार करार देते हुए याचिका खारिज कर दी।

  • पत्नी के पास आय के साधन नहीं तो कैसे खरीद ली सम्पत्ति : हाईकोर्ट

    पत्नी के पास आय के साधन नहीं तो कैसे खरीद ली सम्पत्ति : हाईकोर्ट

    -कोर्ट ने गैंगस्टर की पत्नी की ओर से दाखिल अपील को किया खारिज

    -कहा, पति ने अपराध से अर्जित कमाई से ही लिखाई थी सम्पत्ति

    प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट से आजमगढ़ के गैंगस्टर की पत्नी को तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने कहा है कि जब पत्नी के पास आय का स्रोत नहीं है तो वह सम्पत्ति कैसे खरीद सकती है।

    कोर्ट ने मामले में जिलाधिकारी आजमगढ़ की ओर से की गई कार्रवाई को सही मानते हुए विशेष न्यायालय गैंगस्टर के आदेश को सही माना और गैंगस्टर की पत्नी की अपील को खारिज कर दी। यह आदेश न्यायमूर्ति नलिन कुमार श्रीवास्तव ने मीना देवी की याचिका को खारिज करते हुए दिया है।

    याची ने आजमगढ़ के विशेष न्यायालय गैंगस्टर के आदेश को चुनौती दी थी। विशेष न्यायालय ने याची की अपील को इस आधार पर खारिज कर दी थी कि उसके पास आय का कोई जरिया नहीं है। लिहाजा, पति द्वारा ही उसके नाम सम्पत्ति लिखाई गई है। याची ने उसे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

    मामले में डीएम आजमगढ़ ने गैंगस्टर के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसकी पत्नी/याची की दो सम्पत्तियों को भी संलग्न कर दिया था। याची ने जिलाधिकारी की इस कार्रवाई पर आपत्ति जताई लेकिन जिलाधिकारी ने उसे खारिज कर दिया। इसके बाद याची ने विशेष सत्र न्यायाधीश गैंगस्टर आजमगढ़ के समक्ष गुहार लगाई लेकिन वहां से भी उसे झटका लगा। याची ने उसे गैंगस्टर कोर्ट के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी। याची की ओर से कहा गया कि उसकी अपनी मेहनत की कमाई है। उसने अपने मेहनत की कमाई से दोनों सम्पत्ति खरीदी है। जबकि, विरोधी पक्ष के अधिवक्ता ने इसका विरोध किया। कहा कि याची के पास पति की आय के अलावा कोई आय का स्रोत नहीं है।

    कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि याची की जो सम्पत्तियां कुर्क की गईं, वे याची के पति गैंगस्टर राजेंद्र यादव द्वारा अपनी पत्नी के नाम पर लिखाई गई थी।

  • निदेशक स्थानीय निकाय व प्रमुख सचिव नगर आदेश का पालन करें या हाजिर हों : हाईकोर्ट

    निदेशक स्थानीय निकाय व प्रमुख सचिव नगर आदेश का पालन करें या हाजिर हों : हाईकोर्ट

    प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निदेशक स्थानीय निकाय उप्र लखनऊ नितिन बंसल व प्रमुख सचिव नगर विकास उप्र लखनऊ अमृत अभिजात को एक माह में 28 अप्रैल 23 को पारित आदेश का पालन करने या स्पष्टीकरण के साथ हाजिर होने का निर्देश दिया है।

    कोर्ट ने दोनों अधिकारियों को आदेश का पालन न करने की दशा में कारण बताने को कहा है कि क्यों न उन्हें अवमानना आरोप में दंडित किया जाय। याचिका की अगली सुनवाई 8 अप्रैल को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश पाठक ने विनय कुमार सक्सेना की अवमानना याचिका पर दिया है।

    मालूम हो कि बरेली जिले का याची बदायूं जिले के बीसलपुर नगर पालिका परिषद में अवर अभियंता पद से वर्ष 2020 में सेवानिवृत्त हुआ था। उसकी नियुक्ति 7 मार्च 1995 से तदर्थ रूप में की गई थी। सेवा विनियमितीकरण 3 नवम्बर 2015 को किया गया। पेंशन लाभ हेतु अपनी तदर्थ सेवाओं को जोड़ने की मांग की। कोर्ट ने चार माह में विपक्षी को निर्णय लेने का आदेश दिया। जिसका पालन नहीं किया गया तो यह अवमानना याचिका दायर की गई। सरकारी वकील का कहना था कि आदेश के खिलाफ विशेष अपील दायर की गई है।

    इस पर कोर्ट ने कहा केवल अपील दाखिल करने से अपने आप आदेश स्थगित नहीं हो जाता। आदेश पर रोक लगने तक पालन किया जाना अनिवार्य है। इस पर कोर्ट ने आदेश का पालन एक माह में करने या हाजिर होकर कारण बताने को निर्देश दिया है कि क्यों न अवमानना के आरोप में दंडित किया जाय।

  • मऊ मे “खरी दुनिया” की हत्या की साजिस मे जुटा पुलिसिया हिरासत से बदमाशों को भगाने वाला अधिवक्ता

    मऊ मे “खरी दुनिया” की हत्या की साजिस मे जुटा पुलिसिया हिरासत से बदमाशों को भगाने वाला अधिवक्ता

    — पुलिस हिरासत से बदमाशों को भगाने वालों मे अधिवक्ता को नामजद होने का खतरा, इसी अधिवक्ता के बुलाने पर सुरक्षा तोड़ दीवानी मे बदमाशो के घुसने के चर्चे

    — “खरी दुनिया” ने मामले मे कोतवाली मऊ मे दर्ज अपराध संख्या ६७/२०२४ की फेयर इन्वेस्टीगेशन को हाई कोर्ट मे दाखिल कर रखा है “पीआईएल”

    — खरी दुनिया की “पीआईएल” मात्र से अधिवक्ता को है मामले की विवेचना मे नामजद होने का “डर”, जनहित याचिका दाखिल करने वाले खरी दुनिया की हत्या की साजिस मे है अधिवक्ता

    मऊ। दीवानी कचहरी मे पुलिस हिरासत से असलहेधारियों को भगाने वाले एक अधिवक्ता को पुलिस द्वारा उसके गिरोह के सदस्यों के दबाव मे जानबूझकर बचाये जाने की खबर हो। पुलिस की अब तक की कारगुजारियों को लेकर् “खरी दुनिया” ने “फेयर इन्वेस्टीगेशन” के लिए हाई कोर्ट इलाहाबाद मे जनहित याचिका दाखिल किया है।


    पुलिस सूत्रों के अनुसार बीते २८ फरवरी २०२४ को समय करीब 12: 20 बजे दीवानी कचहरी मे एक अधिवक्ता के बुलावे पर तीन अज्ञात असलहेधारी दीवानी कचहरी की सुरक्षा मे लगे पुलिस कर्मचारियों की बिना सहमति के सुरक्षा तोड़कर कर दीवानी परिसर मे घुस गये थे।। पुलिस द्वारा जब इनको हिरासत मे लिया गया तो एक अधिवक्ता द्वारा दबाव बनाकर असलहेधारियों को पुलिस हिरासत से भगा दिया गया।

    अधिवक्ता की यह हरकत कानूनन जुर्म होने के कारण पुलिस द्वारा दो को नामजद करते हुए तीन अज्ञात असलहेधारियों साहित कुल २०५ लोगो के खिलाफ उसी दिन दर शाम को मुकदमा दर्ज कर पुलिस जाँच मे जुट गई लेकिन मामले मे राजीनीति के प्रवेश हो जाने से पुलिस अंशिक कार्यवाही कर घटना के मुताविक कार्यवाही से पल्ला झाड़ने मे विवश होती देखी जाने लगी।

    जनहित याचिका को दाखिल होने के बाद जब पुलिस द्वारा मामले मे सख्ती की जाने लगी तो मामले को दबवाने मे तात्यहींन रिपोर्ट के सहारे मामले की लीपापोती को फिर अधिवक्ता द्वारा राजनिति का संरक्षण लिया जाने लगा जिसके कारण समाचार लिखे जाने तक असलहेधारियो को पुलिस के खिलाफ जाकर दीवानी परिसर मे घुसने का न तो कारण साफ हुआ और न ही उनके नाम पते का ही खुलासा पुलिस द्वारा किया गया। न ही उन असलहेधारियों के असलहो का लाइसेंस ही निरस्त किये जाने की ही कार्रवाई की गई और नही उस अधिवक्ता का ही कास्टोडियन इंट्रोगेशन ही किया गया।

    सूत्रों पर यकीन करे तो पुलिस इस बड़ी घटना मे शामिल उस अधिवक्ता को बचाने मे मनमानी कर रही है जिसके बुलावे पर असलहेधारी दीवानी परिसर मे घुसे थे। पुलिस की संदिग्ध कार्यप्रणाली को देखते हुए “खरी दुनिया” द्वारा इस मामले मे निष्पक्ष जाँच के लिए मा इलाहाबाद उच्च न्यायालय मे जनहित याचिका दाखिल की गई है।

    इस याचिका से खिन्न ,असलहेधारियों को पुलिस हिरासत से भगाने वाले अधिवक्ता ने “खरी दुनिया” की हत्या को कुछ लोगो को साथ लेकर साजिस मे है।

  • उत्तर प्रदेश में मिली पांच नए सर्वोदय विद्यालयों की सौगात

    उत्तर प्रदेश में मिली पांच नए सर्वोदय विद्यालयों की सौगात

    लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संत रविदास मिशन के अंतर्गत प्रदेश के पांच असेवित जनपदों में समाज कल्याण विभाग को विद्यालय निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है। इससे गौतमबुद्धनगर, शामली, कन्नौज, बागपत और शाहजहांपुर जिले में समाज कल्याण विभाग द्वारा आवासीय सुविधायुक्त विद्यालय का संचालन किया जाएगा। इसके लिए भूमि भी चिन्हित कर ली गई है। पांच एकड़ में बन रहे सर्वोदय विद्यालयों में छात्रावास, विद्यालय भवन, खेलकूद के मैदान सहित सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध होंगी। प्रत्येक विद्यालय में कक्षा 6 से 12 तक कुल 490 बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा अब गृह जनपद में ही प्राप्त होंगी।

    नई शिक्षा नीति की मंशा के अनुरूप स्टेम एजुकेशन, कंप्यूटेशनल थिंकिंग व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से गुणवत्तापरक, तकनीक आधारित शिक्षा की व्यवस्था नवीन विद्यालयों में की जाएंगी। साथ ही अभ्युदय केंद्र के माध्यम से जेईई, नीट इत्यादि प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क कोचिंग की सुविधा भी इन विद्यालयों के छात्रों को प्राप्त होंगी।

    वर्तमान में समाज कल्याण विभाग द्वारा प्रदेश में समस्त वर्गों के बीपीएल परिवार के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापरक व निःशुल्क आवासीय शिक्षा प्रदान किए जाने के उद्देश्य से 105 जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालय एवं एकलव्य विद्यालय संचालित हैं। इनमें नौ सर्वोदय एवं 02 एकलव्य विद्यालय अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं के लिए संचालित किए जा रहे हैं। यहां पर कक्षा छह से 12 तक के 35 हजार छात्र-छात्राओं को छात्रावास, पाठ्य पुस्तकें, यूनिफॉर्म, मेस, लाइब्रेरी, प्रयोगशाला, कंप्यूटर व टैब-लैब, जेईई, नीट की निःशुल्क कोचिंग, कौशल विकास प्रशिक्षण इत्यादि की समस्त सुविधाएं निःशुल्क प्रदान की जा रही हैं।

    समाज कल्याण विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने बताया कि, डबल इंजन की सरकार समाज के हर वर्ग को अच्छी शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके क्रम में पांच नए सर्वोदय विद्यालय निर्माण की स्वीकृति राज्य सरकार ने प्रदान किया है। यहां बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा गृह जनपद में ही प्राप्त होगी।

  • घोसी लोकसभा सीट पर सिर्फ एक बार खिला भाजपा का ‘कमल’

    घोसी लोकसभा सीट पर सिर्फ एक बार खिला भाजपा का ‘कमल’

    मऊ (एजेंसी.)। उत्तर प्रदेश के घोसी लोकसभा सीट पर आजादी के बाद सिर्फ एक बार भाजपा का कमल खिला है। 2014 में पहली बार इस सीट पर मोदी लहर में कमल का फूल खिला और भारतीय जनता पार्टी के हरि नारायण राजभर ने यहां से चुनाव जीते। 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन में बसपा प्रत्याशी अतुल राय ने भाजपा के हरि नारायण राजभर को हराकर यह सीट गठबंधन के तहत अपने नाम कर ली।

    घोसी लोकसभा सीट का पौराणिक और ऐतिहासिक इतिहास रहा है। मऊ बुनकर बहुल क्षेत्र होने के नाते इसे ताने-बाने का शहर भी कहा जाता है। तमसा नदी के तट पर मऊ शहर बसा हुआ है और इसी के अंतर्गत घोसी लोकसभा क्षेत्र आता है,जिसमें पांच विधानसभा क्षेत्र हैं। चार विधानसभा मऊ जिले के हैं और एक विधानसभा बलिया जिले के रसड़ा विधानसभा से आता है।

    मतदाताओं की संख्या

    घोसी लोकसभा क्षेत्र में पांचों विधानसभाओं में जनवरी 2024 तक कुल 20 लाख, 55 हज़ार, 880 मतदाता सम्मिलित हैं। इसमें पुरुष मतदाता 10 लाख, 90 हज़ार, 327 महिला मतदाता 09 लाख, 65 हज़ार 407 व थर्ड जेंडर 84 हैं।

    विधानसभा वार मतदाताओं की सूची

    – 353 मधुबन विधानसभा- 4 लाख, 04 हजार, 385

    – 354 घोसी विधानसभा- 4 लाख, 36 हजार, 721

    – 355 मोहम्मदाबाद गोहाना विधानसभा- 3 लाख, 78 हजार, 772

    – 356 सदर विधानसभा- 4 लाख, 72 हजार, 641

    – रसड़ा विधानसभा- 3 लाख, 63 हजार, 361

    मऊ की साक्षरता दर की बात करें तो यहां के औसत साक्षरता दर 75.6 प्रतिशत है। यहां की लगभग 77 प्रतिशत जनता ग्रामीण इलाकों में है, जबकि 23 प्रतिशत जनता शहरों में निवास करती है।

    घोसी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत पांच विधानसभाओं में एक विधानसभा बलिया जिला के रसड़ा विधानसभा जुड़ा हुआ है। इस लोकसभा क्षेत्र में 1952 से लेकर 1999 तक कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया का दबदबा रहा है। 1999 से सपा और बसपा के बीच यह सीट रही। 2014 में भाजपा का कमल खिला।

    लोकसभा के ये हैं प्रमुख मुद्दे

    अगर हम घोसी लोकसभा सीट पर 2024 चुनाव को लेकर मुद्दे की बात करें तो मऊ में विकास पुरुष कहे जाने वाले कल्पनाथ राय के निधन के बाद से विकास कार्यों का टोटा लगा हुआ है और यहां पर बंद पड़े दो कताई मील धूल चाट रही हैं। मतदाताओं का कहना है कि यहां उच्च शिक्षा संस्थानों का अभाव है। बाहरी प्रतिनिधित्व के कारण विकास के मामले में मऊ उपेक्षा का शिकार है। वर्तमान सांसद अतुल राय का पूरा 5 वर्ष का कार्यकाल जेल में ही बीत गया। इस बार स्थानीय प्रतिनिधित्व भी एक अहम मुद्दा है। बुनकरों के लिए अपना माल बेचने के लिए कोई बाजार नहीं। देवांचल में बारिश के मौसम में बाढ़ का कहर और गर्मी के मौसम में आग का तांडव मधुबन विधानसभा के ग्रामीणों को झेलना पड़ता है

    1952 से लेकर अब तक कौन रहा इस सीट के सांसद

    देश के आजादी के बाद पहली बार हुए लोकसभा चुनाव 1952 में इस सीट पर इंडियन नेशनल कांग्रेस से अलगू राय शास्त्री को जीत मिली थी। इनका योगदान देश को आजादी दिलाने में अहम था और यह आजादी की लड़ाई में कई बार जेल भी जा चुके थे। 1957 में दूसरी बार लोकसभा के चुनाव में उमराव सिंह भी नेशनल इंडियन कांग्रेस से चुनाव लड़कर जीत हासिल किया। 1962 के लोकसभा चुनाव में यह सीट वामपंथी के कब्जे में चली गई और यहां से पहली बार जय बहादुर सिंह चुनाव जीत कर संसद में पहुंचे। 1969 में सीपीआई से झारखंडे राय सांसद बने। 1971 में वह दूसरी बार सांसद बने और उसके बाद 1977 में जनता पार्टी से शिवराम राय ने चुनाव में जीत हासिल की।

    1980 में फिर तीसरी बार सीपीआई से झारखंडे राय चुनाव जीतने में सफल हुए। 1984 में इंडियन नेशनल कांग्रेस से राजकुमार राय ने बाजी मारी और 1989 में इंडियन नेशनल कांग्रेस से पहली बार कल्पनात राय चुनाव में विजयी हुए। 1991 में कल्पनाथ का दूसरी बार इंडियन नेशनल कांग्रेस से विजयी हुए। लोकसभा चुनाव 1996 में कल्पनाथ राय को कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया तो वह निर्दल के रूप में चुनाव मैदान में पहुंचकर चुनाव जीते और फिर 1998 में कल्पना राय समता पार्टी से चुनाव जीतने में सफल रहे। 1999 मध्यवर्ती चुनाव हुआ, जिसमें बसपा से बालकृष्ण चौहान विजयी हुए। 2004 में इस सीट पर सपा से चंद्रदेव राजभर चुनाव जीते और 2009 में यह सीट बसपा के खाते में पहुंची और दारा सिंह चौहान चुनाव जीते। 2014 में पहली बार इस सीट पर मोदी लहर में कमल का फूल खिला और भारतीय जनता पार्टी के हरि नारायण राजभर ने यहां से चुनाव जीता। 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन में बसपा प्रत्याशी अतुल राय ने भाजपा के हरि नारायण राजभर को हराकर यह सीट गठबंधन के तहत अपने नाम बसपा से कर ली।

  • यूपी बोर्ड : उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन 13 दिवसों में होगा

    यूपी बोर्ड : उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन 13 दिवसों में होगा

    –3.01 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में 1,47,0़97 परीक्षक नियुक्त

    प्रयागराज,। यूपी बोर्ड हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन 16 से 31 मार्च तक यानि कुल 13 दिवसों में करायेगा। कुल 3.01 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए 1,47,097 परीक्षकों को नियुक्त किया गया है।

    यूपी बोर्ड सचिव दिव्य कांत शुक्ल ने सोमवार को बताया कि होली के मद्देनजर 24 से 26 मार्च तक मूल्यांकन कार्य स्थगित रहेगा। इस वर्ष हाईस्कूल परीक्षा में 29,47,311 एवं इण्टर में 25,77,997 यानि कुल 55,25,308 अभ्यर्थी पंजीकृत हैं। हाईस्कूल की 1.76 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए 94,802 तथा इण्टर की 1.25 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए 52,295 परीक्षकों को नियुक्त किया गया है।

    बोर्ड सचिव ने बताया कि हाईस्कूल मूल्यांकन कार्य के लिए 131 एवं इण्टर के लिए 116 मूल्यांकन केन्द्र निर्धारित किये गये हैं। 13 मिश्रित मूल्यांकन केन्द्रों पर हाईस्कूल व इण्टर दोनों की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य होगा। इस प्रकार कुल 260 केन्द्रों में से 83 राजकीय तथा 177 अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों को मूल्यांकन केन्द्र बनाया गया है।

  • मुख्यमंत्री योगी को बम से उड़ाने की मिली धमकी,पुलिस जांच में जुटी

    मुख्यमंत्री योगी को बम से उड़ाने की मिली धमकी,पुलिस जांच में जुटी

    लखनऊ। राजधानी लखनऊ के पुलिस कंट्रोल रूम में आए एक कॉल से हड़कंप मच गया है। यह कॉल के जरिये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। सुरक्षा मुख्यालय में तैनात मुख्य आरक्षी ने महानगर थाना में इसकी शिकायत दर्ज करायी है।

    उल्लेखनीय है कि यह कॉल शनिवार को पुलिस कंट्रोल रूम के सीयूजी नंबर पर आया था। इसके बाद कंट्रोल रूम में तैनात हेड कांस्टेबल ने तुरंत धमकी वाले नंबर की शिकायत दर्ज कराई। अब पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।

    थाना प्रभारी अखिलेश कुमार ने सोमवार को बताया कि सुरक्षा मुख्यालय में तैनात मुख्य आरक्षी उधम सिंह की ओर से शिकायत दर्ज कराई गई है। उसने बताया कि दो मार्च को उनके मोबाइल पर एक अंजान नम्बर से फोन आया। सिपाही द्वारा फोन उठाते ही सामने वाले व्यक्ति ने बताया कि आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बम से उड़ा दिया जाएगा। नाम पता पूछने पर उसने फौरन फोन काट दिया। इसके बाद सिपाही ने महानगर थाना में अज्ञात के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी को जान से मारने की धमकी के मामले में शिकायत दर्ज करायी है। पुलिस ने आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है।

  • जिलाधिकारी ने गुंडा नियंत्रण अधिनियम के तहत कुल 17 लोगों के खिलाफ की कार्यवाही

    जिलाधिकारी ने गुंडा नियंत्रण अधिनियम के तहत कुल 17 लोगों के खिलाफ की कार्यवाही

    11 अपराधी 6 माह एवं एक को 3 माह के लिए जिला बदर, पांच अपराधियों को देनी होगी थाने पर हाजिरी।

    मऊ । जिलाधिकारों प्रवीण मिश्र ने कुल 17 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की, जिसमें 11 अपराधियों को 6 माह के लिए तथा एक अपराधी को तीन माह के लिए जिला बदल किया गया। साथ ही 5 अपराधियों को थाने पर नियमित हाजिरी लगाने के आदेश जिलाधिकारी द्वारा दिए गए। 6 माह के लिए जिला बदर किए गए।

    अपराधियों में नितिन राय उर्फ प्रद्युम्न राय ग्राम मादी सिपाह थाना दोहरीघाट, सुनील राजभर ग्राम सिया बस्ती थाना मोहम्मदाबाद गोहाना, अनूप यादव ग्राम मुरादपुर थाना दोहरीघाट, जकी अहमद ग्राम हमीन पुरा अहमदनगर नई बस्ती थाना दक्षिण टोला, रजी अनवर ग्राम हमीन पुरा अहमदनगर नई बस्ती थाना दक्षिण टोला, गोलू हरिजन उर्फ प्रियांशु ग्राम अच्छार थाना सराय लखंसी, जनार्दन हरिजन ग्राम मुस्किया थाना घोसी मोहम्मद अब्बास ग्राम अलीनगर बड़ी कमहरिया थाना कोतवाली नगर, अमीरुद्दीन ग्राम अलीनगर बड़ी कमहरिया थाना कोतवाली नगर, साजिद ग्राम अलीनगर बड़ी कमहरिया थाना कोतवाली नगर,विशाल यादव भैंसाखरग थाना दोहरीघाट शामिल है।

    इसके अलावा एक अपराधी भानु प्रताप ग्राम गुलौरी थाना हलधरपुर को 3 माह के लिए जिला बदर के आदेश जिलाधिकारी द्वारा दिए गए। साथ ही अमित यादव उर्फ पुल्लू ग्राम दसई पोखरा थाना दक्षिण टोला, संजय यादव दसई पोखरा थाना दक्षिण टोला, रंजीत कुमार लखनी बनही थाना घोसी आबिद उर्फ आबिद कुरैशी ग्राम अलाउद्दीनपुर थाना कोतवाली नगर,संतोष सिंह बरई पार मियांपुर थाना दोहरीघाट को थाने पर नियमित हाजिरी के आदेश जिलाधिकारी द्वारा दिए गए। इस प्रकार माह फरवरी में कुल 17 लोगों के खिलाफ गुंडा नियंत्रण अधिनियम के तहत कार्यवाही की गई।