Category: उत्तर प्रदेश

  • कृत्रिम आंख भी लगा रहे केजीएमयू के दंत चिकित्सक

    कृत्रिम आंख भी लगा रहे केजीएमयू के दंत चिकित्सक

    -केजीएमयू में आई प्रोस्थेसिस बनाने का प्रशिक्षण ले रहे चिकित्सक

    लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के दंत चिकित्सा संकाय के प्रोस्थोडॉन्टिक्स विभाग में कम पैसे में चेहरे के विकृतियों को दूर देखने लायक बनाने का काम किया जाता है। यहां तक कि प्रोस्थोडॉन्टिक्स विभाग के चिकित्सक कृत्रिम आँख भी लगाने का काम करते हैं।

    केजीएमयू के प्रोस्थोडॉन्टिक्स विभाग के विभागाध्यक्ष डा. पूरनचंद ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि आई प्रोस्थेसिस एक कृत्रिम आंख होती है। इसे ऐसे पदार्थों से बनाई जाती है कि देखने में सही आंख जैसी लगती है। इस कृत्रिम आंख की पुतली भी चलती है, लेकिन दिखाई नहीं पड़ता है।

    डा. पूरनचंद ने बताया कि मैक्सिलोफेशियल प्रोस्थेसिस चेहरे के हिस्सों को प्रतिस्थापित करने के लिए कृत्रिम विकल्प यानी तालू, कान, आंख या नाक के अंगों को बनाने का काम होता है।

    केजीएमयू के प्रोस्थोडॉन्टिक्स और क्राउन एंड ब्रिजेस विभाग एवं माहीडोल विश्व विद्यालय की ओर से अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला चल रही है। इस कार्यशाला में देश के करीब 15 राज्यों से 100 से अधिक दंत चिकित्सक सहभाग कर रहे हैं।

    शुक्रवार को डॉ. तीर्थवज श्रीथवज ने चेहरे के विकृतियों के प्राकृतिक रूप में पुन: निर्मित करने के बारे में बताया। डॉ. नाथधनई ने कृत्रिम अंग की मूल बातें समझाईं और डॉ. बिनित श्रेष्ठ ने इम्प्लांट रिटेन्ड नेत्र जैसे कृत्रिम अंग के बारे में बात की।

    कार्यशाला तीन सत्रों में आयोजित की गई जिसमें नेत्र प्रोस्थेसिस बनाना सिखाया गया जिसमें आईरिस स्टेनिंग, नेत्र प्रोस्थेसिस का मोम पैटर्न और स्टेनिंग के साथ सिलिकॉन पैकिंग शामिल थी।

    प्रतिभागियों ने इस कार्यशाला के माध्यम से उपयोग की जाने वाली नई तकनीक के बायोकॉम्पेटिबल सामग्रियों और उनके प्रयोग विधि के बारे में सीखा।

    डॉ. पूरन चंद ने कहा कि भारत में अधिक रोगियों को इम्प्लांट रिटेन्ड आई प्रोस्थेसिस जैसे उन्नत उपचारों का लाभ मिलना चाहिए। इसके लिए हमें अधिक संख्या में प्रशिक्षित प्रोस्थोडोंटिस्ट की आवश्यकता है और इसलिए देश के विभिन्न हिस्सों में ऐसे शिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए।

    मरीजों को कम लागत और विश्वअस्तरीय चिकित्सा आम भारतीय नागरिकों तक उपलब्ध कराना हमारा प्राथमिक लक्ष्य है।

    डॉ. सुनीत जुरैल ने इस बात पर जोर दिया कि बढ़ती प्रौद्योगिकियों के साथ तालमेल बिठाने और हमारे डॉक्टरों के वर्तमान ज्ञान को उच्चक्रित करने के लिए ऐसी कार्यशालाएं अक्सर आयोजित की जानी चाहिए।

    डॉ. बलेन्द्र प्रताप सिंह, डॉ. रघुबर दयाल सिंह,डॉ. भास्कर अग्रवाल और डॉ. शुचि त्रिपाठी ने प्रतिभागी चिकित्सकों को प्रशिक्षित करने में सहयोग किया।

  • चयन प्रक्रिया पहले शुरू हो गई तो आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता : हाईकोर्ट

    चयन प्रक्रिया पहले शुरू हो गई तो आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता : हाईकोर्ट

    –69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों की दाखिल याचिका खारिज

    प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि जब चयन प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है तो आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता है। यूपी में 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में भी ऐसा ही है। यूपी सरकार की ओर से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 फीसदी आरक्षण का लाभ देने का शासनादेश 2020 में लागू किया गया। जबकि चयन प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी थी। कोर्ट ने याचियों को राहत देने से इंकार कर दिया।

    यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी शिवम पांडेय सहित 25 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई कर उसे खारिज करते हुए दिया है। याचियों की ओर दाखिल याचिकाओं में भर्ती मामले में आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को 10 फीसदी आरक्षण का लाभ देने की मांग की गई थी। याचियों की ओर से कहा गया कि भर्ती प्रक्रिया 16 मई 2019 से शुरू की गई थी। जबकि, केंद्र सरकार ने इस अधिनियम को 12 जनवरी 2019 को ही लागू कर दिया।

    लिहाजा, इसका लाभ उन्हें मिलना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि यूपी सरकार ने इस अधिनियम को अक्टूबर 2020 में अपनाया। उसके पहले उसने कोई ऐसा अधिनियम लागू नहीं किया था। इसलिए याचियों के तर्क में कोई कानूनी आधार है। लिहाजा, सभी याचिकाओं को खारिज किया जाता है।

  • काशी के नागरिकों ने बनास काशी डेयरी संकुल में किया भ्रमण, ली सेल्फी

    काशी के नागरिकों ने बनास काशी डेयरी संकुल में किया भ्रमण, ली सेल्फी

    – अस्सी, शिवाला, भदैनी, रविन्द्रपुरी, लंका आदि क्षेत्रों के नागरिकों ने देखी कार्यप्रणाली

    वाराणसी,। काशी के सांसद एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23 फरवरी को करखियांव स्थित बनास काशी डेयरी संकुल का लोकार्पण किया था। इसके बाद संकुल का आकर्षण लोगों में दिखने लगा है। शुक्रवार को शहर के अस्सी, शिवाला, भदैनी, रविन्द्रपुरी, लंका आदि क्षेत्र के नागरिकों ने अमूल प्लांट में भाजपा नेताओं के साथ भ्रमण किया। अमूल प्लांट पर लगभग एक हजार की संख्या में पहुंचे नागरिकों का बनास काशी डेयरी संकुल की प्रबंध समिति ने अगवानी की। इसके बाद उन्हें प्लांट में भ्रमण कराया गया।

    बिना हाथ लगाए उत्पादन व पैकेजिंग आधुनिक व कंप्यूटराइज्ड मशीनों से होता देख नागरिक अचरज में दिखे। प्रबंध समिति ने काशी वासियों को बताया कि दुग्ध की क्वालिटी के हिसाब से मूल्यांकन कर बाजार भाव से अधिक दामों पर दूध क्रय किया जाता है ताकि लोगों को उच्च गुणवत्ता का दूध उपलब्ध हो सके और किसानों की आय में बढ़ोतरी हो। लोगों ने गोपालन के साथ दूध कलेक्शन,दूध से निर्मित होने वाली विभिन्न वस्तुओं की आधुनिक तकनीक द्वारा पैकेजिंग को नजदीक से देखा। प्लांट के अवलोकन के दौरान लोग काफी उत्साहित दिखे और उन्होंने वहां सेल्फी भी ली।

    अमूल प्लांट के अवलोकन के दौरान लोगों को वाराणसी के विकास कार्यों को प्लांट परिसर के हॉल में लगी एक बड़ी एलईडी स्क्रीन के माध्यम से दिखाया गया। प्लांट भ्रमण के पश्चात सभी लोगों को सर्टिफिकेट भी दिया गया। प्लांट भ्रमण में महिलाओं ने भी बढ़चढ़कर भाग लिया। नागरिकों के प्लांट भ्रमण के दौरान भाजपा एमएलसी एवं वाराणसी लोकसभा के समन्वयक अश्वनी त्यागी मुख्य रूप से उपस्थित थे।

  • मऊ मे पुलिस से बदमाशों को छुड़ाने वाले अधिवक्ता की घटना के ४८ घंटे बाद भी नही लगा सुराग

    मऊ मे पुलिस से बदमाशों को छुड़ाने वाले अधिवक्ता की घटना के ४८ घंटे बाद भी नही लगा सुराग

    –अयोध्या और वाराणसी मे हुई ऐसी ही घटना की विवेचना मे बड़ी घटना बनने से नही रुक पाई , फिर मऊ की घटना पर पुलिसिया चुप्पी क्यो

    — घटना के समय दीवानी परिसर मे लगे सीसी टीवी कैमरो से फुटेज तक नही निकाला जाना और अनावरण को सार्वजानिक नही किये जाने से कोतवाली पुलिस सवालो के घेरे मे है

     (ब्रह्मा नंद पाण्डेय - एडवोकेट हाई कोर्ट)

    मऊ। दीवानी कचहरी मे पुलिसिया हिरासत से असलहेधारियों को छुड़ाने वालो को कोतवाली पुलिस द्वारा जानबूझकर बचाने मे पदीय अधिकारों के दुरूपयोग की खबर है। पुलिस जानबूझकर “कास्टोडियन इंट्रोगेशन” से आरोपी की शीनाख्त को छुपाने मे परिसर मे लगे सीसी टीवी कैमरे से फुटेज को लेकर मुह नही खोल रही है।

    पुलिस सूत्रों के अनुसार दीवानी परिसर मे सुरक्षा मे लगे पुलिस कर्मचारियों की बिना सहमति के जबरदस्ती चार पहिया वाहन के पीछे से होकर घुसे असलहेधारियों को पुलिस की हिरासत से अधिवक्ताओं पर दबाव बनाकर छुड़ाने का सुरक्षा मे लगे एक उपनिरीक्षक द्वारा मामले मे अभियोग पंजीकृत किया गया है। घटना के दौरान दीवानी परिसर मे पहुंची पुलिस द्वारा हिरासत मे लिए गये अन्य लोगो को क्यो छोड़ा गया ? यह भी कोतवाली पुलिस की संदिग्ध कार्यप्रणाली को इंगित करता है।

    दीवानी मे असलहा लेकर असलहेधारी जबरदस्ती क्यो प्रवेश किये ? को लेकर न तो कोई पूछताछ हुई न ही पुलिसिया हिरासत से असलहधारियों को छुड़ाने वाले अधिवक्ता की घटना के ४८ घंटे बीतने के बाद पुलिस चिन्हित ही कर पाई है।

    “खरी दुनिया” के हाथ लगे कुछ फुटेज से घटना गंभीर प्रकृति की लग रही है। असलहेधारियों का जबरदस्ती दीवानी मे प्रवेश अयोध्या और वाराणसी दीवानी कचहरी मे हुई वारदात की याद ताजा कर रहा है। सूत्रों की माने तो दीवानी का बिकाऊ एक अधिवक्ता असलहाधारियों को पुलिस हिरासत से छुड़ाने मे दबँगई की है।

    इसी अधिवक्ता को बचाने के लिए कोतवाल अनिल सिंह के द्वारा पदीय अधिकारों की आड़ मे अब तक मनमानी की जा रही है। उधर सीओ सिटी अंजनी कुमार मिश्रा ने खरी दुनिया से बातचीत मे आरोपियों के गिरफ्तारी पर किये गये सवाल पर एक ब्यक्ति के खिलाफ निरोधात्मक कार्यवाही किये जाने की बात बताई है।

    दर्ज आरोप के मुताबिक सजा को ७ साल से कम का बताकर विवेचना को दर्ज आरोप तक ही सही मानकर आरोपियों को बचाये जाने की बात कही जा रही है जबकि घटना गंभीर प्रकृति की देखी जा रही है। पुलिस मामले की विवेचना मे पुलिस की हिरासत से असलहेधारियो को छुड़ाने वाले अधिवक्ता की शीनाख्त क्यो नहींकर रही है? फिलहाल सवाल बना हुआ है।

    फेयर् इन्वेस्टीगेशन को लेकर “खरी दुनिया” ने अदालत मे अर्जी लगाने की योजना बना ली है। कल यानी शनिवार को खरी दुनिया द्वारा मा उच्च न्यायालय मे याचिका दाखिल की जाएगी।

  • मऊ मे एसपी रहे अविनाश पाण्डेय के खिलाफ हाई कोर्ट मे मुकदमा

    मऊ मे एसपी रहे अविनाश पाण्डेय के खिलाफ हाई कोर्ट मे मुकदमा

    अविनाश ने खरी दुनिया पर झूठे आरोप लगा दर्ज किया मुकदमा तो, खरी दुनिया ने एसपी के अपराधिक कृत्य का साक्ष्य लगा अदालत मे लगाई अर्जी


    — बतौर एसपी अविनाश पाण्डेय ने मद मे कानून का उल्लंघन कर खरी दुनिया के खिलाफ किया है विद्वेषपूर्ण अभियोजन


    — आई पी एस अविनाश की सजा के लिए अवमान अधिनियम है खरी दुनिया के साथ


    ( ब्रह्मा नंद पाण्डेय – अधिवक्ता हाई कोर्ट इलाहाबाद )


    प्रयागराज/ मऊ। कानून की खिलाफत करने वाला हमेसा “खरी दुनिया” के निशाने पर रहा है। जिसने मे भी कानून तोड़कर अपने “मद” मे जनता के साथ धोखा किया उसको उसके किये की सजा दिलाने के लिए “खरी दुनिया” हमेशा कानून के रास्ते से उसी रास्ता चुनने के लिया बाध्य किया है। खरी दुनिया के प्रयास मे जनपद मऊ मे बतौर पुलिस अधीक्षक तैनात रहे अविनाश पाण्डेय है। ये साहब कानून के खिलाफ जाकर पदीय अधिकारों का दुरूपयोग करने मे अवमान अधिनियम की जद मे गये है।


    बताते चले कि बतौर एसपी अविनाश पाण्डेय को सच पसंद नही होता था। किसी की भी सच बात उनके गले से नीचे नही उतरती थी। इस दौरान् बतौर एसपी अविनाश ने अपने पूरे कार्यकाल सच को झूठ, झूठ को सच बनाने का जो खेल खेला उसमे कई निर्दोषों मे खरी दुनिया भी बदमाश बनती गई।

    एसपी ने लोगो को डरा धमका कर खरी दुनिया के खिलाफ फर्जी मुकदमे कायम करा कर खरी दुनिया को परेशान किया। सच्ची खबरों से खार खाये अविनाश पाण्डेय द्वारा पूरे कार्यकाल मे पदीय अधिकारों का दुरूपयोग करते हुए कई निर्दोष लोगो के खिलाफ तथ्यहीन आरोप लगाकर बदमाश बनाने की कोशिस की है।

    एसपी की इस करतूत को जब “खरी दुनिया” ने उजागर करना शुरु किया तो बतौर एसपी अविनाश पाण्डेय ने खरी दुनिया के खिलाफ भी तथ्यहीन आरोप लगाकर जेल तक भेजनें मे पदीय अधिकारो का दुरूपयोग करने मे कानून की अवहेलना की। बतौर एसपी अविनाश की यही गलती उनको अदालत तक बुलाने मे खरी दुनिया के साथ हो गई। एसपी अविनाश पाण्डेय को उनके किये की सजा दिलाने के लिए अब “खरी दुनिया” अदालत मे अपने अधिवक्ता साथी सुधीर कुमार सिंह के साथ है।

    “सत्य परेशान होता है पराजित नही”

    “एसपी द्वारा खरी दुनिया के खिलाफ हुए है इस्तेमाल, मे शामिल अन्य लोगो को भी उनके किये की सजा जल्द मिलेगी, क्योकि सत्य परेशान होता है पराजित नही “

  • निर्वाचन आयोग ने उप्र में शुरू की लोकसभा चुनाव के तैयारियों की समीक्षा

    निर्वाचन आयोग ने उप्र में शुरू की लोकसभा चुनाव के तैयारियों की समीक्षा

     

    -तीन दिवसीय दौरे पर उप्र पहुंचा आयोग, पहले दिन राजनैतिक दलों के साथ भी की वार्ता

    लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए भारत निर्वाचन आयोग की 13 सदस्यीय टीम गुरुवार को तीन दिवसीय दौरे पर प्रदेश की राजधानी लखनऊ पहुंची। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार की अगुवाई में निर्वाचन आयोग की टीम ने अपने दौरे के पहले दिन की शुरुआत भारत निर्वाचन प्रणाली के विकास पर आधारित प्रदर्शनी के शुभारंभ से किया। साथ ही आयोग की टीम ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की।

    इस दौरान भारत निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान के लिए जरूरी संसाधनों की व्यवस्थाओं पर चर्चा की। इसके अलावा आयोग की टीम ने राष्ट्रीय एवं राज्य मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियों के साथ भी बैठक की।

    मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार, निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल के साथ आयोग की टीम का एयरपोर्ट पर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने स्वागत किया। उसके बाद भारत निर्वाचन आयोग की टीम एयरपोर्ट से सीधे योजना भवन पहुंची, जहां मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार, निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल और आयोग की टीम ने ‘निर्वाचन : बढ़ते कदम’ विषय पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन और शुभारंभ किया। इस प्रदर्शनी में समय के साथ भारतीय निर्वाचन प्रणाली में हुए विकास को दर्शाया गया है।

    यह प्रदर्शनी नये मतदाता और आम नागरिकों के लिए काफी ज्ञानपरक है। इसमें 1951 में हुए आजाद भारत के पहले आम चुनाव से लेकर निर्वाचन आयोग द्वारा 2013 में वीवीपैट अपनाने तक की पूरी यात्रा को प्रदर्शित किया गया है। साथ ही 489 सीटों पर हुए पहले आम चुनाव में 53 राजनीतिक दलों और 1874 उम्मीदवारों ने प्रतिभाग किया था, इसका भी जिक्र है। 1982 में केरल की फरूर विधानसभा में ईवीएम के उपयोग समेत समय के साथ निर्वाचन व्यवस्था में जोड़ी गई नई व्यवस्थाओं जैसे नोटा का प्रावधान, रंगीन पीवीसी इपिक, मतदान केंद्रों पर बुजुर्गों एवं दिव्यांगजनों को उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं को भी दिखाया गया है।

    प्रदर्शनी का शुभारंभ करने के बाद भारत निर्वाचन आयोग की टीम ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी, राज्य पुलिस नोडल अधिकारी प्रशांत कुमार एवं सीएपीएफ नोडल अधिकारी एल.आर. कुमार, सेंट्रल सीएपीएफ नोडल अधिकारी सतपाल रावत, अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था अमिताभ एस. के साथ लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2024 की तैयारियों की समीक्षा की। उसके बाद सायं में निर्वाचन आयोग की टीम ने राष्ट्रीय एवं राज्य मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियों के साथ बैठक की। इस दौरान निर्वाचन आयोग की टीम ने सभी पार्टियों के प्रतिनिधियों के साथ एक-एक करके वार्ता की।

    प्रदेश में आए निर्वाचन आयोग की टीम में मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्त के साथ वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त धर्मेंद्र शर्मा, वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त नितेश व्यास, उप चुनाव आयुक्त अजय भादू, उप चुनाव आयुक्त हिदेश कुमार, उप चुनाव आयुक्त आरके गुप्ता, उप चुनाव आयुक्त एमके साहू, महानिदेशक बी. नारायणन, निदेशक दीपाली मासिरकर, निदेशक शुभ्रा सक्सेना, सचिव पवन दीवान और संयुक्त निदेशक अनुज चांडक मौजूद रहे।

    आयोग की टीम ने राष्ट्रीय एवं राज्य मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियों में आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, इंडियन नेशनल कांग्रेस, अपना दल (सोनेलाल) और समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधियों से वार्ता की।

  • उप्र में पहली मार्च से शुरू होगी गेहूं की खरीद, समर्थन मूल्य 2275 रुपये प्रति कुंतल

    उप्र में पहली मार्च से शुरू होगी गेहूं की खरीद, समर्थन मूल्य 2275 रुपये प्रति कुंतल

    लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पहली मार्च से गेहूं की सरकारी खरीद प्रारंभ होगी, जो 15 जून तक चलेगी। योगी सरकार ने 2275 रुपये प्रति कुंतल गेहूं का समर्थन मूल्य निर्धारित किया है। राज्य सरकार ने निर्देश दिया है कि इस दौरान किसानों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए।

    राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने गुरुवार को बताया कि गेहूं की बिक्री हेतु किसानों को खाद्य व रसद विभाग के पोर्टल fcs.up.gov.in पर विभाग के मोबाइल ऐप UP KISHAN MITRA पर पंजीकरण-नवीनीकरण कराना अनिवार्य है। विभाग की ओर से किसानों से अनुरोध किया गया है कि गेहूं को ओसाकर, मिट्टी, कंकड़, धूल आदि को साफकर अच्छी तरह से सुखाकर ही क्रय केंद्र पर बिक्री के लिए लेकर जाएं। इस वर्ष बटाईदार किसानों द्वारा भी पंजीकरण कराते हुए गेहूं की बिक्री की जा सकेगी।

    प्रवक्ता ने बताया कि गेहूं खरीद के लिए किसानों का खाद्य एवं रसद विभाग के पोर्टल fcs.up.gov.in पर पहली जनवरी से ऑनलाइन पंजीयन शुरू है। अब तक 1,09,709 किसानों ने पंजीयन करा लिया है।

    सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक रविवार व अन्य अवकाशों को छोड़कर 15 जून तक क्रय केंद्रों पर प्रतिदिन गेहूं खरीद सुबह नौ से शाम छह बजे तक चलेगी। योगी सरकार ने निर्देश दिया है कि किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। विभाग ने इसकी तैयारी भी कर ली गई है। किसी भी विषम परिस्थितियों के लिए खाद्य व रसद विभाग ने टोल फ्री नंबर 18001800150 जारी किया है। किसी भी समस्या के समाधान के लिए किसान जिला खाद्य विपणन अधिकारी या तहसील के क्षेत्रीय विपणन अधिकारी या ब्लॉक के विपणन अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।

    उन्होंने बताया कि गेहूं की खरीद के लिए खाद्य विभाग व अन्य क्रय एजेंसियों के कुल 6500 क्रय केंद्र स्थापित करने की योजना है। खाद्य व रसद विभाग ने गेहूं के मूल्य भुगतान पीएफएमएस के माध्यम से सीधे किसानों के आधार लिंक खाते में 48 घंटे के अंदर करने की व्यवस्था बनाई है।

  • आचार संहिता उल्लंघन मामले में जया प्रदा ने हाईकोर्ट में दाखिल याचिका ली वापस

    आचार संहिता उल्लंघन मामले में जया प्रदा ने हाईकोर्ट में दाखिल याचिका ली वापस

    –अब नए सिरे से दाखिल करेंगी याचिका

    प्रयागराज। अभिनेत्री जया प्रदा ने रामपुर की विशेष अदालत में (एमपी-एमएलए) लम्बित मामले में जारी गैर जमानती वारंट के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल याचिका को फिलहाल वापस ले लिया है। जया प्रदा के अधिवक्ता ने बेहतर याचिका दाखिल करने के लिए कोर्ट के समक्ष यह अनुरोध किया। जिसके बाद कोर्ट ने नई याचिका दाखिल करने की उन्हें छूट दे दी।

    मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की पीठ कर रही थी। जया प्रदा ने रामपुर की विशेष अदालत की ओर से जारी एनबीडब्ल्यू को रद्द कराने सहित अन्य मांगों को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उन पर लोक सभा चुनाव के मामले में आचार संहिता उल्लंघन करने का आरोप है। रामपुर की विशेष अदालत मामले की सुनवाई कर रही है। उसने जया प्रदा को अदालत के समक्ष उपस्थित होने के लिए छह बार जमानती वारंट जारी किया था। इसके बावजूद वह उपस्थित नहीं हुई तो गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है और पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया है कि छह मार्च को आरोपी को अदालत के समक्ष उपस्थित करें।

    जया प्रदा ने इसी को हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी। बृहस्पतिवार को सुनवाई के दौरान जया प्रदा के अधिवक्ता ने नए सिरे से याचिका दाखिल करने के लिए पीठ से अनुरोध किया। पीठ ने अनुरोध को स्वीकार करते हुए उन्हें नए सिरे से याचिका दाखिल करने की छूट दे दी।

  • फर्जी दो मुकदमो के बाद अब जमानत को निरस्त करवाने को पुलिस का आवेदन

    फर्जी दो मुकदमो के बाद अब जमानत को निरस्त करवाने को पुलिस का आवेदन

    — खरी दुनिया की खबरों से चिढ़े तत्कालीन एसपी अविनाश पाण्डेय ने खरी दुनिया के बिद्वेषपूर्ण अभियोजन मे फेल होने के बाद अब “खरी दुनिया” की जमानत निरस्त करवाने मे लगे।

    ( ब्रह्मा नन्द पाण्डेय)

    मऊ ( खरी दुनिया)। तत्कालीन एसपी अविनाश पाण्डेय के इंट्रेस्ट पर फर्जी मुकदमे मे दाखिल आरोप पत्र की समस्त प्रक्रियाओ को मा० उच्च न्यायालय द्वारा स्थगित किये जाने के बाद अब जिला एवं सत्र न्यायालय मऊ की अदालत मे इस फर्जी मुकदमे मे “खरी दुनिया” को जारी जमानत को निरस्त करवाने को लक्ष्य बनाकर तथ्यगोपन कर आवेदन दिलवाए जाने की खबर है।

    खरी दुनिया” की तथ्य परक खबरो से चिढ़े तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अविनाश पाण्डेय द्वारा बीते २ दिसम्बर २०२३ से दुबारा विद्वेषपूर्ण कार्यवाही मे “खरी दुनिया” को जेल मे भेजनें के लिए पदीय अधिकारों का खूब दुरूपयोग किया गया है।

    इस दौरान बतौर एसपी अविनाश पाण्डेय द्वारा “खरी दुनिया” को वसूलीबाज साबित करने के लिए खरी दुनिया की खबरों से प्रभावित ग्राम प्रधान देवदह के फर्जी तहरीर पर अपराध संख्या २५०/२०२३ अंतर्गत धारा भा०द्० वि ० ३८९,५०६ मे दूसरा फर्जी मुकदमा क़ायम करा कर इस फर्जी जमानतीय अपराध मे “खरी दुनिया” की अविधिपूर्ण तरीके से गिरफ्तारी बाद आदलत से असफलता मिलने के बाद खरी दुनिया को पुलिस को जेल भेजनें मे विफल होना पड़ा ।

    इस मुकदमे ग्राम प्रधान सुजाता चौहान के पति द्वारा बिज्ञापन प्रकाशन को ३ वर्ष पहले दी गई रकम को रंगदारी का फर्जी आधार बनाकर मुकदमा कायम किया गया।

    .. सुजाता के पति अशोक चौहान द्वारा दी गई रकम पर फर्जी फसाने के आरोप पर खरी दुनिया और अशोक चौहान के बींच हुई वार्ता मे अशोक चौहान द्वारा रकम को उधार का करार देती आडिओ…

    वर्ष २०२३ के दिसम्बर मे ही एसपी द्वारा रुपेश कुमार पांडेय से फर्जी तहरीर लेकर भा० द० वि ० की धारा ३८६ साहित कई धाराओ मे फर्जी मुकदमा दर्ज किया गया। इस मामले मे “कानूनन” अपराध नही बनने के कारण खरी दुनिया को जेल मे ठूंसने मे फेल हुए मुकदमा वादी रुपेश कुमार पाण्डेय और तत्कालीन एसपी अविनाश पाण्डेय को यहा भी चैन नही मिला तो

    तथ्यगोपन कर वर्ष २०२२ मे फर्जी मामले मे जिला पंचायत राज अधिकारी अभिषेक शुक्ला द्वारा कोतवाली मे खरी दुनिया के खिलाफ दर्ज अपराध संख्या 257/२२ मे जिला न्यायाधीश की अदालत से जारी जमानत को निरस्त करवाने के लिए इस तथ्य को छुपाकर की इस अपराध संख्या मे मा० हाई कोर्ट द्वारा समस्त प्रक्रियाओ पर रोक लगाई गई है, आवेदन दिया गया है।

    खरी दुनिया ने दाखिल किया अनिल सिंह के खिलाफ हाई कोर्ट इलाहाबाद मे कंटेम्पट

    इंस्पेक्टर कोतवाली अनिल सिंह ने खरी दुनिया की जमानत को निरस्त करवाने के लिए जानबूझकर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मऊ की अदालत मे तथ्यगोपन करते हुए मिथ्यासाक्ष्य दिया है। “खरी दुनिया” ने इंस्पेक्टर कोतवाली को उनके किये की सजा दिलाने के लिए अवमानना अधिनियम का सहारा ले कॉन्टेम्पट दाखिल कर दिया है।

    ग्राम पंचायत देवदह के विकास कार्यो की जाँच को उच्च न्यायालय का आदेश

    ग्रम् प्रधान देवद अशोक चौहान की गाव मे विकास के नाम पर सरकारी मजदूरी तक को अपने खाते मे उतार लिया गया है। विकास के नाम पर आधा अधूरा कार्य कराकर सरकारी धनों की की गई बंदरबाट की जिलाधिकारी को जाँच करने के लिए मा ० हाई कोर्ट ने आदेश जारी कर दिया है। जिलाधिकारी यह जाँच6 हफ्ते मे पुरी करेंगे।

  • मऊ के देवदह ग्राम सभा मे वित्तीय अनियमितताओं की 6 हफ्ते मे जाँच पुरी करेंगे डीएम

    मऊ के देवदह ग्राम सभा मे वित्तीय अनियमितताओं की 6 हफ्ते मे जाँच पुरी करेंगे डीएम

    मऊ। विकास खंड रतनपुरा के देवदह ग्राम पंचायत मे ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी के द्वारा सरकारी धनों की की गई बंदरबांट की जाँच के लिए मा० उच्च न्यायालय ने जिलाधिकारी मऊ 6 सप्ताह के अंदर पुरा करने का आदेश दिया है। जाँच पिछले 1 साल से जाँच अधिकारी के यहा अटकी थी।

    जनपद के विकास खण्ड रतनपुरा के ग्राम पंचायत देवदह में ,राजवित्त ,मनरेगा और शौचालय आदि निर्माण में हुई अनियमितताओं के सम्बंध में ब्रम्हानन्द पाण्डेय के द्वारा दिये गये शिकायती पत्र पर जिलाधिकारी मऊ ने अपने आदेश दिनांक 22 /11/2022 के द्वारा पशु चिकित्सा अधिकारी मऊ को अध्यक्ष और अधिशाषी अभियंता जल निगम मऊ को सदस्य नामित करते हुये जांच समिति बनाकर 15 दिन के अंदर से स्थलीय जांच / सत्यापन करते हुये जांच आख्या की मांग किया ।


    जिलाधिकारी मऊ के उक्त आदेश के एक वर्ष चार माह बीत जाने के बाद जब जांच पूरी नही हुई तब ब्रम्हानन्द पाण्डेय ने जनहित याचिका के माध्यम से उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया ,जिसकी दिनांक 28/2/2024 को सुनवाई करते हुये उच्च न्यायालय ने आदेश की तिथि से 6 सप्ताह के अंदर जांच को पूरा करने का आदेश दिया


    उक्त आदेश मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति विकास बुधवार ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुधीर कुमार सिंह की बहस सुनकर पारित किया