Category: उत्तर प्रदेश

  • पुलिस हिरासत से असलहाधारियों को भगाने वाले अधिवक्ता को बचा रहे कोतवाल

    पुलिस हिरासत से असलहाधारियों को भगाने वाले अधिवक्ता को बचा रहे कोतवाल

    दीवानी परिसर मे असलहे के साथ जबरद्स्ती घुसे बदमाशों को अधिवक्ता द्वारा पुलिस हिरासत से छुड़ाने का मामला

    — असलहाधारी बदमाशों को पुलिस की हिरासत से भगाने वाले अधिवक्ता को मुड़कमा वादी नही पहचानते, घटना स्थल पर मौजूद सीसी टीवी की फुटेज ही है अधिवक्ता की संलिप्त्ता का साक्ष्य

    मऊ। दीवानी कचहरी मे असलहाधारियों को घुसाकर पुलिस की हिरासत से उनको छुड़ाने वाले अधिवक्ता को मुकदमा दर्ज कराने वाले पुलिस कर्मचारी द्वारा नही पहचाने जाने की खबर है। अब मामले के विवेचक को घटना स्थल के पास मौजूद सीसीटीवी के फुटेज को खंगालना विधिक मजबूरी बन गई है।


    मामले के मुकदमा वादी रामाश्रय गुप्ता ने खरी दुनिया से बातचीत मे इस बात का खुलासा किया है। जिस ब्यक्ति ने दीवानी परिसर का मुख्य गेट को बिना सुरक्षा मे लगे सिपाहियों की सहमति के खोलने का काम किया है, उसको पुलिस ने मंगलवार को ही गिरफ्तार कर लिया था।

    घटना के २४ घंटे बीतने को है पुलिस की हिरासत से असलहेधारियों को छुड़ाने वाले अधिवक्ता को समाचार लिखे जाने तक पुलिस गिरफ्तार नही कर सकी है। मामला शासकीय कार्य मे लगे पुलिस कर्मचारियों के कार्यो मे बाधा डालने वाला अति गंभीर है।

    उधर सूत्रों पर यदि यकीन करे तो असलहेधारी एक ऐसे अधिवक्ता के बुलावे पर आये थे जो अपने क्लाइंट के हित से अधिक बिपक्षियों के हित को सर्वोपरि रखता है और बिपक्षियों से मिलकर क्लाइंट की सहमति के बगैर मुकदमा वापस करा देता है।

    पुलिस इस अधिवक्ता को जानती और पहचानती है लेकिन जानबूझकर उसको सरकारी कार्य मे बाधा डालने के आरोप मे गिरफ्तार नही कर रही है।

  • मऊ मे 2 सौ अधिवक्ताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमे के फेयर इन्वेस्टीगेशन को खरी दुनिया करेगी पीआईएल

    मऊ मे 2 सौ अधिवक्ताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमे के फेयर इन्वेस्टीगेशन को खरी दुनिया करेगी पीआईएल

    ब्रह्मा नंद पाण्डेय – एडवोकेट हाई कोर्ट

    मऊ। दीवानी कचहरी मे असलहे के साथ जबरदस्ती घुसे लोगो साथ दो सौ अधिवक्ताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमे की किसी स्वतंत्र और निष्पक्ष एजेंसी के द्वारा मा० उच्च न्यायालय के सुपरविजन मे फेयर इन्वेस्टीगेशन के लिए खरी दुनिया जनहित याचिका के माध्यम से मा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की तैयारी शुरु कर दी है।


    बताते चले कि बीते मंगलवार को दीवानी कचहरी के मुख्य गेट को जबरदस्ती खोल कर परिसर मे घुसे चार पहिया वाहन के पीछे दौड़े हाईटेक असलहो से लैस ब्यक्तियों को लेकर मंगलवार को ही पुलिस ने दो नामजद साहित दो सौ अधिवक्ताओं के खिलाफ मुकदमे दर्ज किये है।

    पुलिस अब इस मामले मे निर्दोष लोगो को फंसाने की धमकी देकर लिफाफे ले रही है। जबकि असलहेधारी लोगो के साथ उनके सहयोगियों को दीवानी परिसर मे घुसाने वाले अधिवक्ता के खिलाफ पुलिस कार्यवाही नही कर रही है।

    जबकि पुलिस की नजर मे वह अधिवक्ता अपने काली कोट का दुरूपयोग कर रहा है। इसी अधिवक्ता ने अपने गिरोह के कुछ लोगो के साथ पुलिस पर दबाव बनाकर उनकी हिरासत से असलहेधारियों को छुड़ाने का अपराधिक कृत्य किया है।

  • मऊ मे किस अधिवक्ता के यहा आये थे असलहाधारी? जाँच मे जुटी पुलिस

    मऊ मे किस अधिवक्ता के यहा आये थे असलहाधारी? जाँच मे जुटी पुलिस

    —मामले मे पुलिस ने 150- 200 अधिवक्ताओं पर पुलिस पर दवाब बनाने मे भा द वि 353 के तहत आरोपित किया है

    मऊ। हाईटेक असलहो के साथ दीवानी परिसर मे जबरदस्ती घुसे असलहाधारी किस अधिवक्ता के यहा किस काम से आये थे? पुलिस जाँच कर रही है। इस मामले मे एक बिपक्षियों के हाथ बिकने वाले अन्यायी अधिवक्ता का नाम चर्चाओ मे है।


    पुलिस सूत्रों के अनुसार बुद्धवार को दीवानी कचहरी मऊ मे एक चार पहिया वाहन द्वारा जबरदस्ती परिसर मे हुटर् बजाते हुए घुसना और उसके पीछे घुसे असलहाधारी किस अधिवक्ता के यहां किस काम से आये थे ? पुलिस मामले की जाँच कर रही है।

    इस दौरान बिपक्षियों से मिलकर अपने क्लाइंट का मुकदमा समाप्त करने वाले एक ऐसे अधिवक्ता का नाम चर्चाओ मे है जो अपने ही मुकदमे के बिपक्षियों से मिलकर मुकदमे को वापस करा देता है। बताते चले कि बदमाशों को संरक्षण देने मे यह अधिवक्ता काली कोट की आड़ मे अक्सर पुलिस पर नाजायज दबाव बनाने का काम करता है।

    सूत्रों पर यकीन करे तो इसी अधिवक्ता ने अन्य लोगो को उकसाकर मंगलवार को पुलिस की हिरासत मे मौजूद असलहाधरियो को छुड़ाने मे पुलिस कर्मचारियों पर दबाव बनाने का कम किये जाने की महकमे मे चर्चा है। मजे कि बात यह है कि नाम तक पहुंच चुकी पुलिस के द्वारा इस अधिवक्ता के प्रति अभी तक कार्यवाही क्यो नही की जा रही है? को लेकर भी लोगो मे तरह तरह की चर्चा है।

  • मऊ से स्थानातरित होते होते २ सौ अधिवक्ताओं समेत २०५ लोगो पर एसपी अविनाश दर्ज करा गये मुकदमा

    एस् पी अविनाश पाण्डेय द्वारा दर्ज कराये गये मुकदमे को लेकर अधिवक्ताओं मे है आक्रोश

    मऊ। दीवानी कचहरी मे तीन अज्ञात असलहाधारियों को जबरदस्ती घुसने और इसके कारण अफरा- तफरी मचने बचने के बींच पुलिस की हिरासत मे आये असलहधारियों को अधिवक्ताओं द्वारा जबरदस्ती छुड़ाने के मामले मे पुलिस २ नामजद साहित २०० अधिवक्ताओं के साथ तीन अज्ञात असलहाधारियों के खिलाफ बुद्धवार को कोतवाली पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज किये जाने की खबर है। पुलिसिया इस कार्यवाही से डर के साये मे है पुलिस हिरासत से असलहाधारियों को छुड़ाने वाला अधिवक्ता।


    पुलिस सूत्रों के अनुसार दीवानी कचहरी के मुख्य गेट पर तकरीबन १२;३० बजे एक चर पहिया वाहन द्वारा प्रवेशार्थ हॉर्न बजाने और अदालत मे मुंशी का कार्य कर रहे टीपी द्वारा सुरक्षा मे मुख्य द्वारा लगे सिपाहियों को सुनते हुए गेट को खोलने के बात तेजी से परिसर मे घुसते समय विधायक लिखी चार पहिया वाहन के पीछे तीन अज्ञात असलहाधरियो को दौड़ने से भगद्ड़ मच गई।

    इस दौरान सुरक्षा मे लगे तीन असलहाधारियों को पुलिस द्वारा अपनी हिरासत मे लिया गया।

    पूछताछ चल ही रही रही थी की इसी बींच १५० से २०० अधिवक्ताओं द्वारा इकठा होकर पुलिस की हिरासत मे मौजूद तीनो असलहधारियों को छुड़ा लिये जाने के मामले मे पुलिस ने रानीपुर थाने के काझा निवासी मिथिलेश दुबे, प्रदहा निवासी टीपी सिंह तीन अज्ञात असलहाधारी समेत कुल डेढ़ सौ से दो सौ अज्ञात अधिवक्ताओं के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जाँच शुरु कर दिया है। उधर असलहाधारियों को पुलिस की हिरासत से छुड़ाने वाले अधिवक्ता के हौशले बुलंद है।

  • अवमानना मे फंस सकते है एसपी अविनाश पाण्डेय साहित ३ उपनिरीक्षक

    अवमानना मे फंस सकते है एसपी अविनाश पाण्डेय साहित ३ उपनिरीक्षक

    • गिरफ्तार लोगो के गिरफ्तारी प्रपत्र से एसपी के अपराधिक कृत्य का हुआ खुलासा
    • एसपी और विवेचक के खिलाफ कई कर रहे है अदालत से याचना की तैयारी

    मऊ। पुलिस अधीक्षक अविनाश पाण्डेय के द्वारा पदीय अधिकारों की आड़ मे की जा रही मनामानियो मे निर्दोषों को आरोपी बना उनकी गिरफ्तारी मे अदालत की भी अवमानना किये जाने की खबर है। एसपी साहित तीन के इस आपराधिक कृत्य को लेकर “खरी दुनिया” अवमान अधिनियम के तहत याचना की तैयारी मे है।


    पुलिस सूत्रों के अनुसार पुलिस अधीक्षक अविनाश पाण्डेय के द्वारा जिले के भ्रष्टाचारियों से मिलकर खरी दुनिया” के खिलाफ किये गये विद्वेष पूर्ण अभियोजन मे थाना कोटवाली मे दर्ज अपराध संख्या २५७/२२ की विवेचना मे फर्जी साक्ष्यों को गढ़ कर खरी दुनिया को जेल भेजनें के लिए पदीय अधिकारों का दुरूपयोग करते हुए की गई मनमानियों मे साहब की एक बड़ी मनमानी “खरी दुनिया” के हाथ लग गई है।

    मा० सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एक मुकदमे मे गिरफ्तारी को लेकर जारी दिशा निर्देशों की एसपी अविनाश पाण्डेय और उप निरीक्षक गंगा राम विन्द द्वारा अवहेलना की गई है। श्री डी के वसू बनाम पश्च्छिम बंगाल के मामले मे सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश का एसपी और मामलो के विवेचको द्वारा खुला उल्लंघन किया गया है।

    “न्याय” की आड़ मे एसपी ने कितने लोगो को जेल भेजनें मे ऐसी मनमानी की है ? “खरी दुनिया” साक्ष्य संकलन मे है। बहरहाल बतौर एसपी अविनाश पाण्डेय और उनके विवेचक गंगा राम विन्द, हरेंद्र यादव की कलम उनकी मनमानी मे फंस गई है। इनकी इस मनमानी को लेकर “खरी दुनिया” ने अदालती आदेश की अवमानना की केस मा उच्च न्यायालय मे सोमवार को दाखिल कर दिया है।

    अवमान अधिनियम की जद मे “प्रोसीडिंग स्टे” के “हाई कोर्ट” के आदेश बाद “बेल कैंसिलेशन” का आवेदन

    मऊ । खरी दुनिया के खिलाफ विद्वेषपूर्ण अभियोजन को लक्ष्य बनाकर एसपी के द्वारा कराये गये दो मुकदमो मे जेल न भेज पाने के बाद कोतवाली प्रभारी मऊ अनिल सिंह के माध्यम से जिला एवं सत्र न्यायधीश की अदालत मे प्रस्तुत जमानत निरस्टीकरण का आवेदन भी अदालत अवमान अधिनियम की जद मे है।


    सूत्रों के अनुसार पुलिसिया मनमानी मे उनकी काली करतूतों को खरी दुनिया द्वारा प्रकाशित किये जाने के बाद बतौर एसपी अविनाश पाण्डेय द्वारा खरी दुनिया के विद्वेषपूर्ण अभियोजन को लक्ष्य बनाकर की गई अवैध कार्यवाहियो मे मिली हार से एसपी ने चिढ कर कोतवाली प्रभारी अनिल सिंह के माध्यम से खरी दुनिया की जमानत को निरस्त करने का जिला एवं सत्र न्यायाधीश् की अदालत मे भी आवेदन फाइल कराया गया है।

    बतौर प्रभारी निरीक्षक कोतवाली मऊ अनिल सिंह द्वारा आवेदन मे अपराध संख्या 257.२२ और मुकदमा नंबर 653।23 की उच्च न्यायालय से प्रोसीडिंग स्टे के आदेश को छुपाया गया है। अनिल सिंह ने जिस अपराध संख्या मे अदालत द्वारा जारी जमानत को निरस्त करने का आवेदन दिया है उसकी समस्त कानूनी प्रक्रियाओ पर उच्च न्यायालय से स्थगन है। यही नही इस दौरान अनिल सिंह ने उन मामलो का भी जिक्र किया है जिस मामलो मे अदालत से मुकदमे समाप्त हो गये है, और जिन मामलो का उल्लेख किया है उसकी वर्तमान स्थिति से भी अदालत को गुमराह किया है।

    तथ्यों को छुपाकर अदालत को गुमराह करने मे जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत मे दिये गये जमानत निरस्टीकरण के आवेदन को लेकर चर्चा मे आये अनिल सिंह अवमान अधिनियम की जद मे आ गये है। इनके कृत्य को लेकर खरी दुनिया ने अदालत मे कंटेम्पट की तैयारी मे है।

  • दागी हाथ से कोर्ट आने वाले को राहत पाने का अधिकार नहीं : हाईकोर्ट

    दागी हाथ से कोर्ट आने वाले को राहत पाने का अधिकार नहीं : हाईकोर्ट

    -तथ्य छिपाकर दाखिल जनहित याचिका 50 हजार हर्जाने के साथ खारिज

    प्रयागराज, । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि जो कोई व्यक्ति दागी हाथ लेकर न्याय की मांग करने आता है उसे कोई राहत पाने का अधिकार नहीं है। तथ्य छिपाकर याचिका दायर करने वाला वस्तुतः कोर्ट से फ्राड करता है।

    इसी के साथ व्यक्तिगत विवाद में उलझे याची द्वारा अदालत में लम्बित शत्रु सम्पत्ति से विपक्षियों की बेदखली की मांग में दाखिल जनहित याचिका को न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग करार दिया है और याची पर 50 हजार रुपये हर्जाना लगाते हुए याचिका खारिज कर दी है।

    कोर्ट ने हर्जाना राशि प्रयागराज के टैगोर टाउन मोहल्ले में एलआईसी कालोनी में स्थित तारा संस्थान की संस्था रवींद्र नाथ गौर आनंद ओल्ड एज होम के बैंक खाते में जमा करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने याची को तीन हफ्ते में हर्जाना महानिबंधक के समक्ष जमा करने का आदेश दिया है और कहा है जमा न करने पर जिलाधिकारी शामली राजस्व वसूली कर एक माह में जमा कराएं।

    यह आदेश न्यायमूर्ति एम के गुप्ता तथा न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेन्द्र की खंडपीठ ने गांव कालान, कैराना, शामली के निवासी अकबर अब्बास जैदी की जनहित याचिका पर दिया है। याची का कहना था कि वह सोशल वर्कर है। गांव कैराना के प्लाट संख्या 24 जो शत्रु सम्पत्ति घोषित है, उस पर लैंड माफिया तीन विपक्षियों के अवैध निर्माण को हटाने की मांग की थी।

    विपक्षियों ने जवाबी हलफनामा दाखिल कर बताया कि याची और वे एक फर्म के भागीदार थे और कथित शत्रु सम्पत्ति उनकी है। सहायक कलेक्टर ने उनके स्वामित्व के दावे को खारिज कर दिया था। अपर आयुक्त मेरठ ने अपील मंजूर करते हुए जमीन के 1/5 हिस्से पर उनका हक माना। बोर्ड आफ रेवेन्यू में दाखिल द्वितीय अपील रिमांड कर दी गई। जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है जो लम्बित है। जमीन पर दुकानें बनी हैं। याची व विपक्षियों में फर्म भागीदारी थी। जिसको लेकर न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग करते हुए यह जनहित याचिका दायर की गई है।

  • जनता में पकड़ और दिग्गजों के सहारे राजनीति में बनी पैठ

    जनता में पकड़ और दिग्गजों के सहारे राजनीति में बनी पैठ

    रायबरेली। सपा के दिग्गज नेता और अखिलेश यादव के करीबी विधायक मनोज पांडेय ने इस्तीफ़ा दे दिया है और जल्द ही भाजपा में उनके शामिल होने की उम्मीद है। कम उम्र में ही राजनीति में जलवा क़ायम कर लेने वाले मनोज पांडे का रायबरेली के साथ आसपास के जिलों में भी खासा प्रभाव है और अपनी ज़मीनी पकड़ के कारण प्रदेश में ब्राम्हण चेहरे के रूप में माने जाते हैं। मनोज पांडे को दलों से परे सम्बंध बनाने व जनता में मजबूत पैठ के लिए जाना जाता है।

    –दिग्गजों के भरोसे और जनता में पकड़ से राजनीति में जलवा

    मनोज पांडे अपनी राजनीति के शुरुआत से ही राजनीतिक दिग्गजों के करीबी रहे हैं। पक्ष-विपक्ष हर तरफ़ के मजबूत नेताओं से वह सम्बंध बनाने में माहिर माने जाते हैं। रायबरेली नगर पालिका परिषद अध्यक्ष रहते हुए तत्कालीन दिग्गज़ लालजी टंडन के वह खासमखास रहे और टंडन ने ही उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा दिलवा दिया था। इसके पहले पूर्व मुख्यमंत्री रामप्रकाश गुप्त के वह भरोसेमंद रहे। डॉ मुरली मनोहर जोशी की भी कृपा दृष्टि उन पर हमेशा रही। समाजवादी पार्टी में भी रहते हुए वह मुलायम सिंह यादव और जनेश्वर मिश्र के चहेते रहे। 2012 में विधायक बनने के बाद अखिलेश यादव के प्रिय बन गए।अखिलेश यादव ने उन्हें मंत्री और मुख्य सचेतक तक बना दिया था। सपा से अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने वाले मनोज पांडे दलों से परे अपने सम्बंध बनाने के लिए जाने जाते हैं। सपा के विधायक रहते हुए वह सोनिया गांधी के भी नज़दीक रहे। दिग्गजों के भरोसेमंद होने का उन्हें ख़ूब फायदा भी मिला और 2012 में भारी विरोध के बावजूद उन्हें ऊंचाहार से सपा का टिकट मिल गया।

    राजनीति की नब्ज़ समझने वाले मनोज पांडे की जनता में पकड़ का यह असर है कि विधानसभा के चुनाव में उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे को दो बार हराया। 2022 में तो भाजपा द्वारा अमरपाल मौर्य के सहारे उन्हें घेरने के बावजूद वह अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे। 2022 के चुनाव में भाजपा ने अपने प्रदेश महामंत्री अमर पाल मौर्य को उतारकर अभी नहीं तो कभी नहीं के नारे के साथ जंग लड़ी और गांव-गांव मनोज को हराने के लिए भाजपा ने पूरी ताकत लगा रखी थी। इसके बावजूद वह सीट बचाने में कामयाब रहे।

    वहीं, 2012 में पहली बार सपा के टिकट पर ऊंचाहार सीट से लड़ने आए डाॅ. मनोज पांडेय ने बसपा के टिकट पर लड़े स्वामी प्रसाद मौर्य के पुत्र को हराकर विधान सभा पहुंचे तो 2017 के चुनावी दंगल में भी मनोज का मुकाबला अशोक से हुआ और दुबारा विधानसभा पहुंचे। 2022 में तीसरी बार विधानसभा पहुंचे मनोज पाण्डेय का जन्म 15 अप्रैल, 1968 को रायबरेली में हुआ। सुल्तानपुर के मूल निवासी मनोज कुमार पाण्डेय के पिता आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ रमाकांत पांडे रायबरेली आये थे। रायबरेली में वह मशहूर चिकित्सक के रूप में विख्यात थे और दवा व्यवसाय में भी अग्रणी रहे। मनोज पांडे स्नातकोत्तर के साथ ही पीएचडी डिग्रीधारक है। इनका विवाह 01 मई, 1995 को नीलम पांडेय के साथ हुआ है।

  • बरेली में पांच अवैध कॉलोनियां ध्वस्त

    बरेली में पांच अवैध कॉलोनियां ध्वस्त

    बरेली,। बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) की टीम ने मंगलवार को बिथरी चैनपुर एवं लाल फाटक रोड पर बसी पांच अवैध काॅलोनियों को ध्वस्त कर दिया।

    बरेली विकास प्राधिकरण की टीम ने रामगंगा नगर आवासीय योजना के सेक्टर-चार के पीछे प्रेम लोधी ने पांच हजार वर्गमीटर क्षेत्रफल में बीडीए की बिना स्वीकृति के सड़क, नाली एवं भूखण्डों का अवैध निर्माण करा लिया। वहीं, लाल फाटक रोड पर 15 हज़ार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में वीरू शर्मा ने सड़क, नाली एवं भूखण्डों का अवैध निर्माण कार्य कराया था।

    इसी क्षेत्र में रहने वाले सुलेमान ने पांच हजार वर्गमीटर क्षेत्रफल में अवैध रूप से सड़क एवं नाली निर्माण कराया था। इसके अलावा लाल फाटक रोड पर गजेन्द्र पटेल ने चार हजार वर्गमीटर क्षेत्रफल में बीडीए की बिना स्वीकृति के सीसी रोड, नाली, साईट ऑफिस का अवैध रूप से निर्माण कराया जा रहा था। इसके बाद बरेली विकास प्राधिकरण ने अवैध कॉलोनी के खिलाफ ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गईं।

    बीडीए वीसी मनिकानंद ए ने बताया कि नगर योजना एवं विकास अधिनियम-1973 की सुंसगत धाराओं के अन्तर्गत बिथरी चैनपुर एवं लाल फाटक रोड पर अवैध कॉलोनी का निर्माण कर रहे थे। इनके खिलाफ ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई। लोगों से अपील की है कि प्लॉट खरीदते समय कॉलोनाइजर से दस्तावेज जरूर ले लें। मानचित्र पास है या नहीं, मानचित्र पास नहीं है तो ऐसी जगह प्लॉट न खरीदें।

    धवस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान प्राधिकरण के सहायक अभियन्ता हरीश चौधरी, अवर अभियन्तागण सुनील गुप्ता आदि एवं प्रवर्तन टीम मौजूद रही।

  • उप्र. में ओलावृष्टि के साथ बारिश की संभावना, बादलों से घिरेगा आसमान

    उप्र. में ओलावृष्टि के साथ बारिश की संभावना, बादलों से घिरेगा आसमान

    कानपुर। पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवातों की सक्रियता से उत्तर प्रदेश में मौसम का मिजाज एक बार फिर बदल सकता है। मौसम विभाग का कहना है कि आगामी पांच दिन उत्तर प्रदेश में बादलों की आवाजाही बनी रहेगी। साथ ही ओलावृष्टि के साथ स्थानीय स्तर पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। ऐसे में सुबह शाम की सर्दी अभी बनी रहेगी।

    चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ एसएन सुनील पाण्डेय ने मंगलवार को बताया कि पश्चिमी विक्षोभ को मध्य क्षोभ मंडलीय पश्चिमी हवाओं में एक गर्त के रूप में देखा जाता है, जिसकी धुरी समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर है, लगभग 55 डिग्री पूर्व देशांतर के साथ 29 डिग्री उत्तर अक्षांश के उत्तर में है।

    पूर्वी असम और आसपास के इलाकों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। एक ट्रफ रेखा मालदीव से केरल होते हुए दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक से गुजरते हुए उत्तरी आंतरिक कर्नाटक तक फैली हुई है। एक अन्य ट्रफ रेखा पूर्वी मध्य अरब सागर से उत्तर-पूर्व अरब सागर और दक्षिण गुजरात होते हुए दक्षिण-पश्चिम मध्य प्रदेश तक फैली हुई है। 29 फरवरी से एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय क्षेत्र के करीब पहुंच सकता है।

    मौसम की इन गतिविधियों को देखते हुए पूर्वानुमान है कि कानपुर मंडल सहित पूरे उत्तर प्रदेश में अभी बादलों की आवाजाही जारी रहेगी, बादल छाएंगे और बादल छाने के साथ-साथ कहीं कहीं चार मार्च तक हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।

    उन्होंने बताया कि कानपुर में अधिकतम तापमान 25.0 और न्यूनतम तापमान 10.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह की सापेक्षिक आर्द्रता 82 और दोपहर की सापेक्षिक आर्द्रता 39 प्रतिशत रही। हवाओं की दिशाएं उत्तर पूर्व रहीं जिनकी औसत गति 1.9 किमी प्रति घंटा रही।

    मौसम पूर्वानुमान के अनुसार कानपुर में अगले पांच दिनों में हल्के से मध्यम बादल छाए रहेंगे। इसके साथ ही 28 फरवरी से चार मार्च के मध्य तेज हवाओं, गरज-चमक एवं ओलावृष्टि के साथ स्थानीय स्तर पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।

  • साढ़े चार घंटे तक चला तहसील में मुआयना

    साढ़े चार घंटे तक चला तहसील में मुआयना

    -अपर आयुक्त ने सदर तहसील का किया वार्षिक मुआयना

    गोरखपुर। अपर आयुक्त ने मंगलवार को सदर तहसील का वार्षिक मुआयना किया। मंडलायुक्त अनिल ढींगरा के निर्देश पर सदर तहसील पहुंचे अपर आयुक्त हरिओम शर्मा लगभग चार घंटे तक रिकार्ड्स की छानबीन की और तहसील प्रशासन को उसकी जिम्मेदारी भी बताई। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि यहां की हर जिम्मेदारी तहसील प्रशासन की है, इसलिए रख रखाव में कोई कोताही न बरतें।

    अपर आयुक्त हरिओम शर्मा लगभग लगभग 11 बजे सदर तहसील पहुंचे। यहां उन्होंने लगभग साढ़े चार घंटे का समय बिताया और शाम लगभग साढ़े तीन बजे तक रिकॉर्ड खंगालते रहे। इस दौरान उन्होंने रिकार्ड रूम, न्यायालय सहित अन्य संभागों में पहुंचकर फाइलों का मुवाअना किया। पात्र व्यक्तियों के प्रार्थना पत्र पर कार्यवाही करने के निर्देश दिये। उन्होंने नायब तहसीलदार द्वारा अग्रसारित पत्र का अपने कर्मचारियों की मौजूदगी में मुवाइना कराने के भी निर्देश दिये। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि रिकॉर्ड रूम में रखें पुराने दस्तावेजों को किसी द्वारा क्षति नहीं पहुंचाई जानी चाहिए। इसकी पूरी जिम्मेदारी संबंधित तहसील प्रशासन और उसके जिम्मेदार की है। अपर आयुक्त ने रिकॉर्ड रूम में फसली 1378, आर 6 सहित अन्य फाइलों की गहनता से मुआयना किया और सदर तहसील में कार्यरत कर्मचारियों के जीपीएफ सेवा पुस्तिका का भी निरीक्षण किया। उन्होंने सेवा प्रारंभ के दिनांक से जीपीएफ से लिए गए लोन व अन्य बिंदुओं को भी देखा। इस दौरान उन्होंने सदर तहसील वसूली प्रक्रिया सुचारू रूप से करने और बड़े बकायादारों पर कार्यवाही के निर्देश दिये।

    अपर आयुक्त ने ग्राम सभावार आवास, कृषि, मत्स्य पालन, कुम्हारी कला, वृक्षारोपण, आवंटन, अभिलेखागार में रजिस्टर का रखरखाव, दैवी आपदा, मुख्यमंत्री किसान व सर्वहित बीमा योजना सत्यापन, वृद्धा-विधवा पेंशन, विकास योजना, कन्या सुमंगला योजना, डिजिटल क्रॉप सर्वे, संपूर्ण समाधान दिवस, आईजीआरएस, नजारत द्वारा नोटिस जारी हुए को समय से तामिला करने आदि को भी जाना। इस दौरान उन्होंने एसडीएम सदर, तहसीलदार सदर, तहसीलदार न्यायिक, नायब तहसीलदार, नगर नायब तहसीलदार, सिटी नायब तहसीलदार, पिपराइच नायब तहसीलदार, खोराबार नायब तहसीलदार और जंगल कौड़िया के कोर्ट में चल रहे मुकदमा के फाइलों का अवलोकन भी किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आदेशित फाइलों को रिकॉर्ड रूम में सुरक्षित भेजें, जिससे समय आने पर फाइलों को देखा जा सके। विभिन्न पटलों के अंतर्गत सम्पादित किये जाने वाले सभी कार्यों का अच्छे ढंग से अभिलेखीकरण किया जाय। उनका रखरखाव बेहतर ढंग से रखे। अपर आयुक्त न्यायिक ने तहसील के कार्यों, व्यवस्थाओं का सूक्ष्मत से अवलोकन किया।

    न्यायालय प्रकारणों के संबंध मे प्रकरणों में पेंडेंसी ना रखने के निर्देश दिये। शिथिलता कार्टने पर कार्रवाई की चेतावनी दी। आईजीआरएस की शिकायतों का मौके पर जाकर गुणवत्ता पूर्ण ढंग से निस्तारण करने, न्यायालय में चल रहे मुकदमा के हर फाइलों पर बार कोड अवश्य पढ़ाने, कोर्ट की पुराने फाइलों का निरीक्षण करने, भूमि संबंधी वादों के निस्तारण में तेजी लाने, अधिक पुराने वादों को प्राथमिकता के साथ निस्तारित करने और कोई भी वाद 5 वर्ष से अधिक पुराने नहीं होने की बात भी कही।