Category: उत्तर प्रदेश

  • अवैध संचालित प्रतिष्ठानों को लेकर गंभीर हो गए अधिवक्ता सुधीर कुमार ंिसह

    अवैध संचालित प्रतिष्ठानों को लेकर गंभीर हो गए अधिवक्ता सुधीर कुमार ंिसह

    — इलाहाबाद उच्च न्यायालय के विधि विशेषज्ञों में गिने जाते है अधिवक्ता सुधीर कुमार

    मऊ(खरी दुनिया)। जिले के ऐसे वाणिज्यिकी प्रतिष्ठानों को लेकर हाई कोर्ट के अधिवक्ता सुधीर कुमार सिंह गंभीर हो गए है। सुधीर की उच्च न्यायालय इलाहाबाद के विधि विशेषज्ञों में गिनती होती है। इन्होने ऐसे वाणिज्यिकी प्रतिष्ठानों के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 133 के तहत कार्यवाही कराने का मूड बना लिया है जो अवैध तरीके से हाई पावर बिजली के तार आदि के नीचे महल बनाकर संचालित किए जा रहे है।


    उच्च न्यायालय इलाहाबाद के अधिवक्ता सुधीर कुमार सिंह ने खरी दुनिया से बातचीत में कहा कि जिले में अधिकांष ऐसे प्रतिष्ठान मौजूद है जिन्होने तथ्य गोपन और जालसाजी कर पहले तो अपने प्रतिष्ठान के भवन के नक्शे पास कराए है और दूसरे वे हाई टेंशन तार के नीचे बनवाए गए है।

    उन्होने कहा कि ऐसे प्रतिष्ठानों के खिलाफ उन्होने जिले के जिलाधिकारी को शिकायत कर पहले उनसे ऐसे प्रतिष्ठानों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की जाएगी। यदि जिलाधिकारी के द्वारा ऐसे प्रतिष्ठाानो के खिलाफ कार्यवाही नही की जाएगी तो उनके द्वारा इसे मा उच्च न्यायालय में उठा कर कार्यवाही कराने की उनके द्वारा पुरजोर कोशिश की जाएगी।

  • कलेक्ट्रेट में बाबू का रिश्वत लेते वीडियो वॉयरल

    कलेक्ट्रेट में बाबू का रिश्वत लेते वीडियो वॉयरल

    झांसी। एक बाबू का रिश्वत लेते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। यह वीडियो एडीएम के बाबू का बताया जा रहा है। बिना रिश्वत के बाबू ने जमानत के आदेश को देने मना कर दिया था। इसके बाद अधिवक्ताओं ने उसका रिश्वत लेते हुए वीडियो बना लिया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इस पर अधिवक्ताओं का सम्मान हमेशा बरकरार रखने का बार संघ के सचिव केपी श्रीवास्तव द्वारा आश्वासन दिया गया है।

    जूनियर अधिवक्ता से बदसलूकी करने वाले बाबू का रिश्वत लेते हुए वीडियो शोशल मीडिया पर वायरल करते हुए सचिव केपी श्रीवास्तव ने जिला प्रशासन से कार्यवाही की मांग की। बार संघ के सचिव केपी श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि जूनियर अधिवक्ता किसी आरोपी की जमानत कराने अपर नगर मजिस्ट्रेट की न्यायालय में गए थे। जहां न्यायिक अधिकारी ने आरोपी की जमानत स्वीकार करते हुए आदेश जारी कर दिया और वह चले गए। उनका आरोप है कि वहां तैनात बाबू ने जूनियर अधिवक्ताओं से बदसलूकी की ओर रिश्वत न देने पर आदेश देने से मना कर दिया। इस पर जूनियर अधिवक्ताओं ने उनका रिश्वत लेते वीडियो बना लिया। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग करते हुए कहा की ऐसे भ्रष्ट बाबुओं के खिलाफ कठोर कार्यवाही होनी चाहिए।

  • चुनाव आयोग ने की 15 जिलों के स्वीप कार्यों की समीक्षा, मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर जोर

    चुनाव आयोग ने की 15 जिलों के स्वीप कार्यों की समीक्षा, मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर जोर

    लखनऊ। लोक सभा चुनाव के मद्देनजर भारत निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के 15 जिलों के स्वीप कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान आयोग की स्वीप टीम ने मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर जोर दिया।

    आयोग की स्वीप टीम के सचिव संतोष कुमार, सीनियर कन्सलटेंट स्वीप आरके सिंह तथा कम्यूनिकेशन कन्सलटेन्ट स्वीप रजनी उपाध्याय के द्वारा प्रदेश के 15 जनपदों के स्वीप नोडल अधिकारियों के साथ आज राजधानी स्थित योजना भवन के सभागार में समीक्षा बैठक की गयी। बैठक में भारत निर्वाचन आयोग की टीम द्वारा मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर जोर दिया गया और स्वीप नोड़ल अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनपदों में पिछले लोकसभा चुनाव में कम मतदान प्रतिशत वाले बूथों को चिन्हित किया जाय। चिन्हित बूथों पर कम मतदान प्रतिशत के कारणों या समस्याओं को दूर करने हेतु विशेष प्लान तैयार कर मतदान प्रतिशत बढ़ाया जाय।

    भारत निर्वाचन आयोग की टीम ने स्वीप नोड़ल अधिकारियों को निर्देश दिये कि टारगेट ग्रुपों पर विशेष ध्यान देकर उन्हें मतदान करने हेतु प्रेरित किया जाय तथा लोगों को स्वीप गतिविधियों के माध्यम से जागरूक किया जाए। इसके साथ ही निर्वाचन आयोग की टीम द्वारा अपेक्षा की गयी कि आकाशवाणी में प्रत्येक शुक्रवार सायं 07.15 बजे 23 भाषाओं में प्रसारित हो रहे मतदाता जंक्शन कार्यक्रम का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।

    प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने स्वीप नोडल अधिकारियों से कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने कहा कि मतदाता जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से मतदाता बनने तथा वोट देने के लिए जागरूक किया जाय। मतदाताओं को भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाईट तथा वोटर हेल्पलाईन ऐप के माध्यम से आनलाईन अपना नाम वोटर लिस्ट में चेक करने और उसे संशोधित करने की जानकारी दी जाय। मतदाताओं को स्थानीय निकाय तथा विधानसभा निर्वाचन की मतदाता सूची के अन्तर के बारे में जानकारी दी जाय। जनपदों की ऐसी विधानसभाएं और उनके बूथ जहाँ वर्ष 2019 में मतदान प्रतिशत राज्य औसत 59.11 प्रतिशत से कम है, वहां मतदान प्रतिशत बढ़ाये जाने के लिये टारगेटेड स्वीप गतिविधियां संचालित किया जाय। उन्होंने कहा कि मतदान के दिन जारी होने वाले सार्वजनिक अवकाश का सभी सरकारी एवं निजी संस्थाओं में पूरी तरह से अनुपालन कराया जाय, जिससे सभी मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें।

    चुनाव आयोग की टीम द्वारा प्रथम चरण में उत्तर प्रदेश के 40 जनपदों के स्वीप नोडल अधिकारियों के साथ बैठक की जा रही है, जिसके क्रम में गुरूवार को 15 जनपदों के स्वीप नोडल अधिकारियों के साथ बैठक की गयी तथा शेष 25 जनपदों के स्वीप नोडल अधिकारियों की बैठक शनिवार को की जायेगी। इसके बाद द्वितीय चरण में शेष जनपदों के स्वीप नोडल अधिकारियों के बैठक की तिथि निर्धारित की जायेगी।

    बैठक में प्रयागराज, प्रतापगढ़, चित्रकूट, हमीरपुर, गोण्डा, बलरामपुर, श्रावस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, लखनऊ, जौनपुर, सोनभद्र, बांदा तथा महोबा जनपद के स्वीप नोडल अधिकारी ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से जनपदों मे चल रही स्वीप गतिविधियों की जानकारी दी। चित्रकूट एवं हमीरपुर जनपदों में मतदाता जागरूकता के लिए किये जा रहें प्रयासों विशेषकर बोटिंग फॉर वोटिंग टैग लाईन की आयोग की टीम के द्वारा सराहना की गयी।

    समीक्षा बैठक में अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी निधि श्रीवास्तव, संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनय पाठक, विशेष कार्याधिकारी आलोक कुमार एवं संजय सिंह तथा सांख्यकीय अधिकारी टीपी गुप्ता उपस्थित रहे।

  • युवती से दुष्कर्म के प्रयास में निजी क्लीनिक संचालकों समेत 4 पर केस दर्ज

    युवती से दुष्कर्म के प्रयास में निजी क्लीनिक संचालकों समेत 4 पर केस दर्ज

    मुरादाबाद। मुरादाबाद के थाना बिलारी कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी युवती ने थाना पुलिस को दी तहरीर में क्षेत्र के सहसपुर गांव के एक निजी क्लीनिक में क्लीनिक संचालक समेत चार पर दुष्कर्म के प्रयास का आरोप लगाया। थाना बिलारी एसएचओ आरपी सिंह ने बताया शिकायकर्ता युवकी की तहरीर के आधार पर गुरुवार को दो क्लीनिक संचालक समेत 4 पर केस दर्ज कर लिया और विवेचना शुरू कर दी है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

    क्षेत्र के एक गांव निवासी युवती ने बताया कि छह माह पहले थाना क्षेत्र में रहने वाली डा. सहाना उसके घर आई थी। महिला चिकित्सका के कहने पर पीड़िता ने उसके क्लीनिक पर नौकरी शुरू कर दी। युवती के अनुसार डाक्टर का परिचित डॉ साजिद भी क्लीनिक चलाता है। युवती ने आरोप लगाया कि सहसपुर निवासी साजिद के अलावा टांडा अमरपुर गांव निवासी अकरम व असगर उस पर बुरी नीयत रखने लगे। 19 जनवरी सुबह करीब 11 बजे साजिद, अकरम व असगर ने उसे क्लीनिक के एक कमरे में बंद कर लिया। उसके साथ दुष्कर्म की कोशिश की। महिला डॉक्टर ने भी आरोपियों का साथ दिया। साजिद ने उसकी कनपटी पर तमंचा रखा दिया और कहा कि अगर वह 70 हजार रुपये चोरी की बात कबूल ले तो वे उसे छोड़ देंगे।

    वहीं युवती ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपितों के दबाव में आकर उसने चोरी की बात कबूली, जिसका आरोपियों ने वीडियो बना लिया। साथ ही उसे रुपये न देने पर संबंधबनाने की धमकी दी। मुरादाबाद पुलिस अधीक्षक देहात संदीप कुमार मीना ने बताया कि इस मामले में आरोपित डा. सहाना, डा. साजिद, अकरम, असगर और कुछ अज्ञात के खिलाफ गुरुवार को केस दर्ज कर लिया गया है। विवेचना के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

  • ज्ञानवापी में मंदिर ट्रस्ट को पूजा की अनुमति मामले में सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित

    ज्ञानवापी में मंदिर ट्रस्ट को पूजा की अनुमति मामले में सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित

    -हाईकोर्ट ने सुरक्षित किया फैसला

    प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी स्थित ज्ञानवापी गृहतल में काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को पूजा की अनुमति देने की जिला जज के आदेश की वैधता की चुनौती अपीलों की सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया। न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल मसाजिद कमेटी की तरफ से दाखिल जिला जज के दो आदेशों की चुनौती अपीलों की सुनवाई कर रहे थे।

    मस्जिद पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता एस एफ ए नकवी व पुनीत गुप्ता ने तर्क दिया कि पूजा के अधिकार की मांग में दाखिल सिविल वाद में अधिकार तय किए बगैर अंतरिम आदेश से फाइनल रिलीफ देना कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन है। तहखाने में पूजा की अनुमति देकर वस्तुतः सिविल वाद स्वीकार कर लिया गया है। साथ ही जिला जज ने स्वयं ही दो विरोधाभाषी आदेश दिए हैं।

    यह भी कहा कि सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 152 के अंतर्निहित अधिकार का प्रयोग करते हुए अदालत मूल आदेश की प्रकृति में बदलाव का आदेश नहीं दे सकती। मूल आदेश में केवल एक मांग मानी गई। जिलाधिकारी को रिसीवर नियुक्त कर दिया गया। बिना किसी अर्जी के केवल मौखिक अनुरोध पर पूजा का अधिकार दे दिया गया है। अदालत ने अपनी अंतर्निहित शक्ति का इस्तेमाल करने का आदेश में उल्लेख नहीं किया है। कहा कि जिला अदालत ने 17 जनवरी को अर्जी स्वीकार कर केवल एक रिलीफ ही दी। दूसरी मांग पर आदेश नहीं देना ही अनुतोष से इंकार माना जाएगा।

    कहा गया कि 17 जनवरी 24 के मूल आदेश से जिला जज ने विवादित भवन की सुरक्षा व देख-रेख करने व किसी प्रकार का बदलाव न होने देने का भी निर्देश दिया है और 31 जनवरी 24 के आदेश से बैरिकेडिंग काट कर तहखाने में पूजा के लिए दरवाजा बनाने तथा ट्रस्ट को पुजारी के जरिए तहखाने में स्थित देवी देवताओं की पूजा करने की अनुमति देकर अपने ही आदेश का विरोधाभासी आदेश दिया है। यह भी कहा गया कि तहखाने पर किसका अधिकार है यह साक्ष्यों के बाद सिविल वाद के निर्णय से तय होगा। जिला जज ने अंतरिम आदेश से फाइनल रिलीफ देकर गलती की है। इसलिए जिला जज के आदेश रद्द किए जाय।

    मंदिर पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, हरिशंकर जैन, वरिष्ठ अधिवक्ता सी एस वैद्यनाथन ने पक्ष रखा। इनका कहना था कि अदालत को धारा 151 व 152 के अंतर्गत न्याय हित में आदेश देने का अंतर्निहित अधिकार है। वादी अधिवक्ता के संज्ञान में लाने के बाद अदालत ने छूटी हुई प्रार्थना स्वीकार की है। वादी के बजाय अदालत ने ट्रस्ट को पुजारी के जरिए पूजा का अधिकार बहाल किया है। वादी व्यास जी के तहखाने में वर्षों से पूजा अर्चना करता आ रहा है। वर्ष 1993 मे श्रीराम जन्मभूमि विवादित ढांचा गिराए जाने के बाद ज्ञानवापी की लोहे की बाड़ से बैरिकेडिंग करने के कारण तहखाने में पूजा करने से बिना किसी आदेश के रोक लगा दी गई थी। अदालत ने कोई नया अधिकार नहीं दिया है।

    कहा कि जिला जज ने अर्जी की तीन बार सुनवाई की तिथि तय की किंतु मस्जिद पक्ष की तरफ से कोई आपत्ति नहीं की गई। दोनों पक्षों को सुनकर जिला जज ने 31 जनवरी का दूसरा आदेश जारी किया है जो 17 जनवरी के मूल आदेश का ही हिस्सा है। अदालत को गलती दुरूस्त करने व छूटे आदेश को पारित करने का पूरा अधिकार है। आदेश कानूनी प्रक्रिया के तहत पारित किया गया है।

    बहस की गई कि दीन मोहम्मद केस में कोर्ट ने व्यास जी के तहखाने का जिक्र किया है। जितेंद्र व्यास के पूजा करने को स्वीकार किया गया है। इसलिए अपीलें बलहीन होने के नाते खारिज की जाय। प्रदेश सरकार की तरफ से महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्र, मुख्य स्थाई अधिवक्ता कुणाल रवि व हरे राम त्रिपाठी ने पक्ष रखा। महाधिवक्ता का कहना था कि कानून व्यवस्था कायम रखने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। अदालत के आदेश पर अमल कराना सरकार का दायित्व है।

    सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथन ने लगभग 40 मिनट तक तर्क प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी के दाहिने हिस्से में तहखाना स्थित है, जहां हिंदू वर्ष 1993 तक पूजा कर रहे थे। सीपीसी के आदेश 40 नियम एक के तहत वाराणसी कोर्ट ने डीएम को रिसीवर नियुक्त किया है। पूजा का आदेश किसी तरह से मुस्लिमों के अधिकारों को प्रभावित नहीं करता है, क्योंकि मुसलमान कभी तहखाने में नमाज नहीं पढ़ता था।

  • अपहरण के आरोप में दर्ज एफआईआर रद्द

    अपहरण के आरोप में दर्ज एफआईआर रद्द

    –दोनों बालिग ने अपनी मर्जी से की है शादी

    प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हंडिया प्रयागराज निवासी मोहम्मद चांद बाबू के खिलाफ पीड़िता का अपहरण करने के आरोप में दर्ज एफआईआर रद्द कर दी है।

    कोर्ट ने कहा पीड़िता याची ने अपनी मर्जी से घर छोड़ा और अभियुक्त चांद बाबू से शादी की। एक बच्ची भी पैदा हुई है। दोनों खुशहाल जीवन बिता रहे हैं। ऐसे में अपराध में सजा मिलने की सम्भावना नहीं है। इसलिए एफआईआर निरस्त होने योग्य है। यह आदेश न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी तथा न्यायमूर्ति गजेन्द्र कुमार की खंडपीठ ने श्रीमती ज्योति कुशवाहा व मोहम्मद चांद बाबू की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।

    याची का कहना था कि दोनों बालिग है। पीड़िता ने अपनी मर्जी से शादी की है और साथ रह रही है। इसलिए द्वितीय याची के खिलाफ अपहरण करने का केस नहीं बनता। क्योंकि पीड़िता को जबरन नहीं ले जाया गया है। इस पर कोर्ट ने एफआईआर रद्द कर दी।

  • निदेशक माध्यमिक शिक्षा व डीआईओएस बांदा आदेश का पालन करें या हाजिर हो : हाईकोर्ट

    निदेशक माध्यमिक शिक्षा व डीआईओएस बांदा आदेश का पालन करें या हाजिर हो : हाईकोर्ट

    प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महेंद्र देव, निदेशक माध्यमिक शिक्षा व विजय पाल सिंह जिला विद्यालय निरीक्षक बांदा को 6 मार्च तक आदेश का पालन करने या हाजिर होने का निर्देश दिया है।

    यह आदेश न्यायमूर्ति विकास बुधवार ने कमल नारायण चतुर्वेदी की अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। याची का कहना है कि हाईकोर्ट ने याचिका आंशिक रूप से मंजूर करते हुए याची को छह हफ्ते में ज्वाइन कराने तथा जितने दिन काम नहीं किया उतने दिन के आधे वेतन के भुगतान का आदेश दिया था। पालन नहीं करने पर दाखिल अवमानना नोटिस के बाद डी आई ओ एस ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि 16 मार्च 22 को याची को ज्वाइन करा लिया गया है। 17 मार्च 22 से 31 मार्च 22 तक के बकाया वेतन का आधा 18811 रूपये के भुगतान के लिए उच्च अधिकारियों से पत्राचार किया गया है। बजट आते ही भुगतान कर दिया जाएगा। इस पर कोर्ट ने निदेशक व डीआईओएस को पक्षकार बनाते हुए आदेश का पालन करने का निर्देश दिया है।

  • राज्यसभा चुनाव: उप्र में भाजपा के 8वें उम्मीदवार ने किया नामांकन, सपा की राह हुई मुश्किल

    राज्यसभा चुनाव: उप्र में भाजपा के 8वें उम्मीदवार ने किया नामांकन, सपा की राह हुई मुश्किल

    लखनऊ। राज्यसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश से भाजपा के आठवें उम्मीदवार संजय सेठ ने गुरुवार को अपना नामांकन दाखिल किया। गुरुवार को नामांकन का अंतिम दिन था। भाजपा के इस फैसले से आठवें सीट पर सपा की राह अब आसान नहीं रह गई है।

    संजय सेठ ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य समेत प्रमुख नेताओं की मौजूदगी में विधानसभा के कक्ष में बने निर्वाचन कार्यालय में अपना नामांकन दाखिल किया। प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि पार्टी के आठों प्रत्याशी चुनाव जीतेंगे। विधानसभा में हमारे पास दो तिहाई से अधिक बहुमत है।

    उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटों पर चुनाव हो रहा है। नामांकन की आखिरी तारीख 15 फरवरी है। आवश्यक होने पर मतदान 27 फरवरी को होगा और नतीजे भी उसी दिन मतगणना के बाद घोषित कर दिए जाएंगे।

    इस चुनाव में भाजपा पहले ही अपनी पार्टी के विधायकों के संख्या बल के हिसाब से सात उम्मीदवारों को मैदान में उतार चुकी है। सभी उम्मीदवारों ने बुधवार को अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया था। वहीं सपा ने अपनी पार्टी के विधायकों की संख्या के हिसाब से तीन सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, लेकिन संजय सेठ के नामांकन करने से सपा की चुनावी गणित गड़बड़ा गई है। संजय सेठ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बेहद करीबी माने जाते थे। वह सपा के कोषाध्यक्ष भी रह चुके हैं, लेकिन उन्होंने पाला बदलते हुए भाजपा उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया।

    उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 252, सपा के 108 और कांग्रेस के दो सदस्य हैं। सदन में भाजपा के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के 13 और निषाद पार्टी के 06 विधायक हैं। रालोद के 09, सुभासपा के 06, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के 02 और बसपा का 01 सदस्य है। उप्र में राज्यसभा प्रत्याशी को जीतने के लिए 37 विधायकों के प्रथम वरीयता के वोट चाहिए।

  • उप्र के सिसौली में किसानों की पंचायत शनिवार को, आंदोलन पर बनेगी रणनीति

    उप्र के सिसौली में किसानों की पंचायत शनिवार को, आंदोलन पर बनेगी रणनीति

    मेरठ। पंजाब और हरियाणा में किसान आंदोलन की गर्माहट अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक पहुंच गई है। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) ने 16 फरवरी को किसानों से खेतों में काम नहीं करने का आह्वान किया है। इसके अगले दिन यानी 17 फरवरी (शनिवार) को मुजफ्फरनगर के ग्राम सिसौली में पंचायत बुलाई गई है। इस पंचायत में किसान आंदोलन को लेकर आगे की रणनीति बनाई जाएगी।

    भाकियू (टिकैत) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने गुरुवार को पत्रकारों से कहा कि किसान 16 फरवरी को गांधीवादी तरीके से कामबंद करके अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन करेगा। 17 फरवरी को सिसौली में किसान भवन में पंचायत में दूसरे राज्यों के किसान प्रतिनिधि भी शामिल होंगे और किसान आंदोलन पर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।

    पंजाब से बड़ी संख्या में किसान दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। अभी तक भाकियू (टिकैत) ने इस आंदोलन से दूरी बनाई हुई है, लेकिन किसान आंदोलन की सुगबुगाहट पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी होने लगी है। भाकियू टिकैत ने 16 फरवरी को किसानों से खेतों में काम नहीं करने का आह्वान किया है। इसके बाद ही आंदोलन की रणनीति बनाने के लिए भाकियू ने 17 फरवरी को पंचायत बुलाई है।

  • अमेरिकी राजदूत एरिक माइकल गार्सेटी ने परिवार के साथ देखा हाथी-भालू संरक्षण केन्द्र

    अमेरिकी राजदूत एरिक माइकल गार्सेटी ने परिवार के साथ देखा हाथी-भालू संरक्षण केन्द्र

    -जानवरों के साथ प्रकृति और मनुष्यों के बारे में भी सोचता है वाइल्डलाइफ: एरिक माइकल गार्सेटी

    -वाइल्डलाइफ एसओएस संरक्षण का वास्तविक मॉडल: एरिक माइकल गार्सेटी

    मथुरा। अमेरिकी राजदूत एरिक माइकल गार्सेटी गुरुवार को फरह स्थित हाथी संरक्षण केन्द्र और कीठम के भालू संरक्षण केन्द्र परिवार सहित पहुंचे। उन्होंने रिफ्यूज टू राइड कैंपेन को अपना समर्थन देते हुए हाथियों के इलाज के बारे में जाना। हथिनी लक्ष्मी के साथ प्रशिक्षण सत्र देखा तथा भालुओं के देखभाल और पुनर्वास के बारे में जानकारी ली।

    गौरतलब है कि एरिक माइकल गार्सेटी एक अमेरिकी राजनीतिज्ञ हैं, जो भारत में अमेरिकी राजदूत हैं। उन्होंने लॉस एंजिल्स के मेयर भी रहे हैं। भारत में अमेरिका के राजदूत के रूप में उनका नामांकन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा किया गया था। अपने परिवार के साथ उन्होंने वाइल्डलाइफ एसओएस हाथी अस्पताल में हथिनी जिंजर का नियमित उपचार और लेजर थेरेपी देखा। हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र में हथिनी लक्ष्मी के साथ प्रशिक्षण सत्र देखा। बंदी हाथियों को होने वाली स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं के बारे में जाना। घायल एवं वृद्ध हाथियों के इलाज के लिए स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स से मुलाकात की। भालू संरक्षण केंद्र में रह रहे स्लॉथ भालुओं को देखा। उनकी देखभाल और पुनर्वास के बारे में जाना। हाथी अस्पताल में उन्होंने पौधा भी लगाया।

    दोनों ही स्थानों की विजिट करने के बाद अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा, ‘वाइल्डलाइफ एसओएस संरक्षण का वास्तविक मॉडल है, जहां वह न केवल जानवरों और प्रकृति के बारे में, बल्कि मनुष्यों के बारे में भी सोचते हैं। हमें ऐसे मिशन के साथ एक एनजीओ के साथ साझेदारी करने पर गर्व है और मैं अपनी बेटी के साथ वालंटियर के रूप में यहां वापस आने के लिए उत्सुक हूं। हम एक ऐसी दुनिया के लिए अपने प्रयास जारी रखें, जिसमें सभी प्राणियों का सम्मान किया जाए और उन्हें वह स्वतंत्रता मिले, जिसके वह हकदार हैं।

    वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा कि एशियाई हाथियों और स्लॉथ भालुओं के संरक्षण के हमारे मिशन में एरिक गार्सेटी का समर्थन पाकर हम बेहद सम्मानित महसूस कर रहे हैं। वाइल्डलाइफ एसओएस में हमारा उद्देश्य बचाए गए जानवरों को जीवन जीने का दूसरा मौका प्रदान करते हुए शिक्षा के माध्यम से जागरूकता बढ़ाना है। हम हमारे उद्देश्य के लिए उनके निरंतर समर्थन की आशा करते हैं।

    वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंजरवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एम.वी. ने कहा कि वाइल्डलाइफ एसओएस में, हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता बचाए गए जानवरों को स्वतंत्रता और अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करना है, जिससे वे अपने प्राकृतिक स्वरूप को फिर से जान सकें।