Category: रायबरेली

  • दो ट्रकों की टक्कर में लगी आग, खलासी की जिंदा जलकर मौत

    दो ट्रकों की टक्कर में लगी आग, खलासी की जिंदा जलकर मौत

    रायबरेली। लखनऊ-प्रयागराज मार्ग पर मदारीगंज गांव के पास शनिवार की सुबह दो ट्रकों में टक्कर हो गई,जिससे भयावह आग लग गई। ट्रक में फंसे होने की वज़ह से खलासी की जलकर मौत हो गई,जबकि चालक बाहर निकलने में सफल रहा। सूचना पर फायर ब्रिगेड की टीम ने आग पर काबू पाया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेजा है।

    जगतपुर थाना क्षेत्र के जोगमगदीपुर गांव निवासी उमानाथ ट्रक चालक है, जो शनिवार की भोर में अपने साथ खलासी पिंटू 40 वर्ष निवासी कोरांव जिला प्रयागराज को लेकर ट्रक से प्रयागराज की तरफ जा रहा था, ट्रक खलासी चला रहा था,तभी सामने से आ रहे क्लिंकर लदे ट्रक से ट्रक की टक्कर हो गई। टक्कर इतनी तेज थी कि ट्रक के इंजन में आग लग गई। चालक उमानाथ सड़क पर कूदकर घायल हो गया, जबकि खलासी फंस गया, जिसकी जलकर मौके पर ही मौत हो गई।मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने आग बुझाई।

    कोतवाल अनिल कुमार सिंह पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। जिसके बाद शव को बाहर निकलवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है,जबकि घायल चालक को इलाज के लिए सीएचसी में भर्ती कराया गया है।

    कोतवाल अनिल कुमार सिंह ने बताया कि ट्रक में आग लगने पर वजह से खलासी की जलकर मौत हो गई है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। अग्रिम विधिक कार्यवाई की जा रही है।

  • लोकसभा चुनाव : बड़ी जीत के बाद भी इंदिरा गांधी का रायबरेली से हुआ था मोहभंग

    लोकसभा चुनाव : बड़ी जीत के बाद भी इंदिरा गांधी का रायबरेली से हुआ था मोहभंग

    रायबरेली। अरसे से कांग्रेस की गढ़ रही रायबरेली लोकसभा सीट पर मुकाबले हमेशा रोचक ही रहे हैं, कभी यहां इंदिरा गांधी को हार मिली तो कभी बम्पर जीत के बाद भी उनका यहां से मोहभंग हो गया। रायबरेली के चुनाव में भारतीय राजनीति की दो दिग्गज़ महिलाओं के बीच हुई चुनावी जंग आज भी चुनावी इतिहास में दर्ज है। इसकी चर्चा हमेशा होती रहती है।

    वर्ष 1980 में रायबरेली से इंदिरा गांधी चुनाव लड़ रही थीं। इंदिरा गांधी को टक्कर देने के लिए जनता पार्टी की ओर से रणनीति तैयार की जा रही थी, लेकिन कोई भी यहां से चुनाव लड़ने का इच्छुक नहीं था। ऐसे में खुद ग्वालियर की राजमाता और दिग्गज़ नेत्री विजयाराजे सिंंधिया ने रायबरेली से इंदिरा गांधी को चुनौती देने का मन बनाया। जनता पार्टी ने उन्हें टिकट देते हुए मैदान में उतार दिया। खुद इंदिरा गांधी भी हैरान थीं। इंदिरा लहर तो थी लेकिन राजमाता का आकर्षण जनता में बहुत था। उनकी सभाओं में भारी भीड़ उमड़ रही थी।

    पूर्व मंत्री गिरीश नारायण पांडे कहते हैं कि गांव-गांव में राजमाता के प्रति बड़ी श्रद्धा थी,आमजन विशेषकर महिलाओं में पैर छूने की होड़ लगी रहती थी। बिना किसी बंदोबस्त के ही मीटिंग्स में खूब भीड़ होती थी। राजमाता के जनता से मिलने का तरीका भी अलग था। बावजूद इसके जनता पार्टी के पास न तो मजबूत संगठन था और न ही संसाधन। इस चुनाव में इंदिरा गांधी भारी मतों से जीत गईं। उन्होंने विजयाराजे सिंधिया को 1,73,654 वोटों से हराया। राजमाता विजयाराजे सिंधिया को मात्र 50,249 वोट ही मिल सके। हालांकि इस चुनाव में हारने के बाद भी राजमाता का जुड़ाव रायबरेली से बना रहा और वह यहां के कार्यकर्ताओं से जुड़ी रहीं।

    वर्ष 1980 का रायबरेली से चुनाव इंदिरा गांधी के लिए अंतिम चुनाव रहा, यहां से भारी मतों से जीत दर्ज करने के बाद भी उनका यहां से मोहभंग हो गया और उन्होंने रायबरेली की अपनी सीट से इस्तीफा दे दिया। दरअसल, इंदिरा ने आंध्र प्रदेश की मेंडक सीट से भी चुनाव लड़ा था। यहां भी उनकी जीत हुई थी। उन्होंने मेंडक सीट को बरकरार रखा, जबकि रायबरेली से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद 1980 में इस सीट पर उपचुनाव में अरुण नेहरू समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्र को हराकर सांसद बने।

  • रायबरेली : तेज वाहन की टक्कर से भाई-बहन की मौत

    रायबरेली : तेज वाहन की टक्कर से भाई-बहन की मौत

    रायबरेली। मंगलवार को भाई के साथ डयूटी से घर वापस लौट रही सुरक्षा गार्ड को तेज रफ़्तार वाहन ने टक्कर मार दी, जिसमें भाई बहन दोनों की मौत हो गई। पुलिस ने शव को कब्ज़े में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

    विमल कुमार (38) पुत्र श्याम लाल अपनी बहन अशोक कुमारी (40) पत्नी राकेश कुमार निवासी रघुनाथ पुर खेड़ा, थाना बक्सर जनपद उन्नाव रायबरेली के गोरा बाजार में रहते थे।अशोक कुमारी एम्स में सुरक्षा गार्ड थी।मंगलवार को दोनों भाई बहन बाइक से गोराबाजार स्थित अपने घर जा रहे थे। जैसे ही वह मुंशीगंज बाई पास के निकट पहुंचे एक तेज रफ़्तार वाहन ने उनको टक्कर मार दी। जिससे दोनों गम्भीर रूप से चोटिल हो गए। सूचना पर पहुंची भदोखर पुलिस ने दोनों घायलों को जिला अस्पताल भेजा जहां चिकित्सक ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।

    मुंशीगंज चौकी इंचार्ज कृपा शंकर मिश्र ने बताया कि अज्ञात वाहन की टक्कर से यह हादसा हुआ है। शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेजा गया है।

  • रायबरेली लोकसभा:17.78 लाख मतदाता चुनेगें अपना प्रतिनिधि

    रायबरेली लोकसभा:17.78 लाख मतदाता चुनेगें अपना प्रतिनिधि

    रायबरेली,। लोकसभा चुनाव में 17.78 लाख से ज्यादा मतदाता अपना प्रतिनिधि चुनेगें। जिसमें 80 हजार से ज्यादा नए मतदाता हैं। 20 मई को होने वाले चुनाव के लिए तैयारियां तेज़ हो गईं है। उल्लेखनीय है कि रायबरेली महत्वपूर्ण लोकसभा क्षेत्र है और देश भर की निगाहें इस चुनाव क्षेत्र पर लगी रहती हैं।

    रायबरेली लोकसभा क्षेत्र में कुल 17 लाख 78 हजार 780 मतदाता पंजीकृत हैं,जिनमें पुरुष 928168,महिला 850573 मतदाता हैं।2019 के मुकाबले 80,878 मतदाता नए हैं।मतदान को निष्पक्ष और सकुशल संपन्न कराने के लिए 1236 मतदान केंद्र और 1867 मतदेय स्थल बनाये गए हैं। रायबरेली लोकसभा क्षेत्र में पांच विधानसभा हैं जिनमें सबसे अधिक मतदाता रायबरेली विधानसभा में है,यहां करीब 37,9836 मतदाता हैं।बछरावां विधानसभा में 346182,हरचंदपुर में 327157,सरेनी में 377261 और ऊंचाहार में 348344 मतदाता हैं।

    आचार संहिता लगने के बाद उड़ान दस्ता टीम , स्टेटिक सर्विलांस टीम, वीडियो सर्विलेंस टीम और वीडियो निगरानी टीम का गठन कर दिया गया है।जिला निर्वाचन अधिकारी हर्षिता माथुर ने बताया कि जनपद में अधिसूचना 26 अप्रैल को लागू हो जाएगी। उम्मीदवारों के नाम निर्देशन दाखिल करने का अंतिम दिन 3 मई, नाम निर्देशन की जांच 4 मई,उम्मीदवारों के लिए नाम वापसी के लिए अंतिम दिनांक 6मई, मतदान 20 मई को होगा। नामांकन स्थल न्यायालय कक्ष कलेक्ट्रेट परिसर रायबरेली होगा। नामांकन का समय 11:00 से 3:00 बजे तक रहेगा।

  • रायबरेली को मोदी सरकार का तोहफ़ा,14 से चलेगी वंदे भारत

    रायबरेली को मोदी सरकार का तोहफ़ा,14 से चलेगी वंदे भारत

    रायबरेली।मोदी सरकार ने रायबरेली को वंदे भारत ट्रेन का तोहफ़ा दिया है।मंगलवार को अहमदाबाद से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 10 वंदे भारत ट्रेन को वर्चुअल हरी झंडी दिखाई।इसमें एक ट्रेन अब रायबरेली से गुजरेगी,जिससे यहां के निवासियों को भी इस बेहतरीन ट्रेन से सफ़र का मौका मिलेगा।गोरखपुर से प्रयागराज की इस ट्रेन से अब रायबरेली की सीधे गोरखपुर तक कनेक्टिविटी हो जाएगी।मंगलवार को इसका ट्रायल किया गया और यात्रियों के साथ यह 14 मार्च से चलने लगेगी।

    उल्लेखनीय है कि जिस वंदे भारत ट्रेन की आज शुरुआत हुई है,वह पहले गोरखपुर से लखनऊ तक चलती थी।इसे अब प्रयागराज तक बढ़ाया गया है।22549 नम्बर की यह ट्रेन रायबरेली 11 बजकर 46 मिनट पर पहुंचेगी।इसका ठहराव दो मिनट ही होगा।इसके बाद प्रयागराज के लिए निकलेगी।उसी दिन यह वापस 4 बजकर 56 मिनट पर आएगी और दो मिनट बाद लखनऊ के लिए रवाना होगी।गोरखपुर से चलने वाली यह ट्रेन अयोध्या और बस्ती होकर आएगी।जिसका बड़ा फ़ायदा रायबरेली और आसपास के लोगों को मिलेगा।अब अयोध्या और गोरखपुर के लिए रायबरेली से सीधे कनेक्टिविटी हो जाएगी।जिससे समय की भारी बचत होगी।वंदे भारत ट्रेन के मिलने से रायबरेली वासियों में खुशी की लहर है और लोग इसे मोदी सरकार का तोहफ़ा मान रहे हैं।

  • रायबरेली में लगे पोस्टर, ‘रायबरेली पुकारती प्रियंका’

    रायबरेली में लगे पोस्टर, ‘रायबरेली पुकारती प्रियंका’

    रायबरेली। प्रियंका गांधी को लेकर रायबरेली में पोस्टर व होर्डिंग्स लगाने की होड़ मची हुई है। कुछ दिनों से पूरे शहर भर में इस तरह के पोस्टर लगाए जा रहे हैं, जिसमें प्रियंका गांधी से यहां चुनाव लड़ने का आग्रह किया जा रहा है। अब ‘रायबरेली पुकारती प्रियंका गांधी’ लिखी यह होर्डिंग्स शहर भर में लगाई गई है।

    प्रियंका गांधी वाड्रा के समर्थकों ने जो पोस्टर व होर्डिंग्स लगाए गए हैं, उनमें लिखा है- ‘कांग्रेस के विकास कार्यों को आगे बढ़ाएं, रायबरेली पुकारती है, प्रियंका गांधी जी आइए’। इन पोस्टरों में प्रियंका गांधी के साथ-साथ सोनिया गांधी, पूर्व पीएम इंदिरा गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद की तस्वीरें हैं।

    उल्लेखनीय है कि इस सीट पर गांधी परिवार का कब्जा रहा है। इस सीट का प्रतिनिधित्व पहले पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी करती थीं। जिसके बाद बीस साल तक सोनिया गांधी इस सीट का प्रतिनिधित्व करती रहीं। लेकिन अब वह राज्यसभा सदस्य बन गई हैं। ऐसे में अब कांग्रेस पार्टी यहां से सोनिया गांधी की जगह प्रियंका गांधी को कमान सौंपना चाहती है।

    रायबरेली सीट पर कांग्रेस ने 2014 और 2019 में मोदी-बीजेपी की लहर के बाद भी जीत हासिल की। 2019 में बीजेपी ने इस सीट पर दिनेश प्रताप सिंह को मैदान में उतारा था। तब सोनिया गांधी ने उन्हें करीब 1 लाख 67 हजार वोटों से हराया था।

  • जनता में पकड़ और दिग्गजों के सहारे राजनीति में बनी पैठ

    जनता में पकड़ और दिग्गजों के सहारे राजनीति में बनी पैठ

    रायबरेली। सपा के दिग्गज नेता और अखिलेश यादव के करीबी विधायक मनोज पांडेय ने इस्तीफ़ा दे दिया है और जल्द ही भाजपा में उनके शामिल होने की उम्मीद है। कम उम्र में ही राजनीति में जलवा क़ायम कर लेने वाले मनोज पांडे का रायबरेली के साथ आसपास के जिलों में भी खासा प्रभाव है और अपनी ज़मीनी पकड़ के कारण प्रदेश में ब्राम्हण चेहरे के रूप में माने जाते हैं। मनोज पांडे को दलों से परे सम्बंध बनाने व जनता में मजबूत पैठ के लिए जाना जाता है।

    –दिग्गजों के भरोसे और जनता में पकड़ से राजनीति में जलवा

    मनोज पांडे अपनी राजनीति के शुरुआत से ही राजनीतिक दिग्गजों के करीबी रहे हैं। पक्ष-विपक्ष हर तरफ़ के मजबूत नेताओं से वह सम्बंध बनाने में माहिर माने जाते हैं। रायबरेली नगर पालिका परिषद अध्यक्ष रहते हुए तत्कालीन दिग्गज़ लालजी टंडन के वह खासमखास रहे और टंडन ने ही उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा दिलवा दिया था। इसके पहले पूर्व मुख्यमंत्री रामप्रकाश गुप्त के वह भरोसेमंद रहे। डॉ मुरली मनोहर जोशी की भी कृपा दृष्टि उन पर हमेशा रही। समाजवादी पार्टी में भी रहते हुए वह मुलायम सिंह यादव और जनेश्वर मिश्र के चहेते रहे। 2012 में विधायक बनने के बाद अखिलेश यादव के प्रिय बन गए।अखिलेश यादव ने उन्हें मंत्री और मुख्य सचेतक तक बना दिया था। सपा से अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने वाले मनोज पांडे दलों से परे अपने सम्बंध बनाने के लिए जाने जाते हैं। सपा के विधायक रहते हुए वह सोनिया गांधी के भी नज़दीक रहे। दिग्गजों के भरोसेमंद होने का उन्हें ख़ूब फायदा भी मिला और 2012 में भारी विरोध के बावजूद उन्हें ऊंचाहार से सपा का टिकट मिल गया।

    राजनीति की नब्ज़ समझने वाले मनोज पांडे की जनता में पकड़ का यह असर है कि विधानसभा के चुनाव में उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे को दो बार हराया। 2022 में तो भाजपा द्वारा अमरपाल मौर्य के सहारे उन्हें घेरने के बावजूद वह अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे। 2022 के चुनाव में भाजपा ने अपने प्रदेश महामंत्री अमर पाल मौर्य को उतारकर अभी नहीं तो कभी नहीं के नारे के साथ जंग लड़ी और गांव-गांव मनोज को हराने के लिए भाजपा ने पूरी ताकत लगा रखी थी। इसके बावजूद वह सीट बचाने में कामयाब रहे।

    वहीं, 2012 में पहली बार सपा के टिकट पर ऊंचाहार सीट से लड़ने आए डाॅ. मनोज पांडेय ने बसपा के टिकट पर लड़े स्वामी प्रसाद मौर्य के पुत्र को हराकर विधान सभा पहुंचे तो 2017 के चुनावी दंगल में भी मनोज का मुकाबला अशोक से हुआ और दुबारा विधानसभा पहुंचे। 2022 में तीसरी बार विधानसभा पहुंचे मनोज पाण्डेय का जन्म 15 अप्रैल, 1968 को रायबरेली में हुआ। सुल्तानपुर के मूल निवासी मनोज कुमार पाण्डेय के पिता आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ रमाकांत पांडे रायबरेली आये थे। रायबरेली में वह मशहूर चिकित्सक के रूप में विख्यात थे और दवा व्यवसाय में भी अग्रणी रहे। मनोज पांडे स्नातकोत्तर के साथ ही पीएचडी डिग्रीधारक है। इनका विवाह 01 मई, 1995 को नीलम पांडेय के साथ हुआ है।

  • “नामदार” ने जनता का वोट लिया लेकिन सेवा नहीं की: स्मृति ईरानी

    “नामदार” ने जनता का वोट लिया लेकिन सेवा नहीं की: स्मृति ईरानी

    रायबरेली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के राजकोट से वर्चुअल माध्यम से उत्तर प्रदेश के रायबरेली, पश्चिम बंगाल के कल्याणी और आंध्र प्रदेश के मंगलागिरी समेत पांच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का उद्घाटन किया। इस अवसर पर रायबरेली में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एक नामदार ने जनता का वोट लिया लेकिन सेवा नहीं की।

    स्मृति ईरानी ने कहा कि मैं उस लोकसभा क्षेत्र से हूं जहां एक नामदार ने जनता का वोट तो लिया पर काम नहीं किया। नामदारों ने जनता के नाम जमीन ली और साइकिल फैक्टरी न बनाकर उसपर घर बना लिया। स्मृति ईरानी ने कहा कि मोदी देश के ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने 25 करोड़ लोगों को गरीबी से उबारा है और अब अमेठी की तरह ही रायबरेली में भी कमल खिलेगा।

    स्मृति ईरानी ने एम्स लैब टेस्टिंग के आंकड़ों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 10 सालों में 714 मेडिकल कॉलेज पीएम मोदी के नेतृत्व में बनाए गए हैं। जिस राज्य में 12 मेडिकल कॉलेज थे, वहां हमारी सरकार ने 45 मेडिकल कॉलेज बनाए हैं और 15 पर निर्माण कार्य जारी है। हमारी सरकार एक जिले में एक मेडिकल कॉलेज बना रही है।

  • कारवाई न होने पर दुष्कर्म पीड़िता ने एसपी ऑफिस परिसर में जान देने की कोशिश, हालात बिगड़ी

    कारवाई न होने पर दुष्कर्म पीड़िता ने एसपी ऑफिस परिसर में जान देने की कोशिश, हालात बिगड़ी

    रायबरेली। पुलिस द्वारा कारवाई न करने पर महिला ने गुरुवार को एसपी ऑफिस परिसर में ही जहर खाकर आत्महत्या की कोशिश की। उसे आनन-फानन में जिला अस्पताल ले जाया गया,जहां महिला की हालत बिगड़ने पर लखनऊ रेफर किया गया है।

    महिला छेड़छाड़ और दुष्कर्म की शिकायत लेकर पुलिस अधीक्षक से मिलने आई थी,लेकिन कोई कारवाई न होने पर उसने अपनी जान देने की कोशिश की। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।

    लालगंज कोतवाली क्षेत्र के चकवापुर गांव की निवासी महिला ने गांव के ही श्यामू सिंह पर छेड़छाड़ और दुष्कर्म का आरोप लगाया है। जनवरी माह में लालगंज पुलिस को दिए शिकायती पत्र में उसने युवक पर पिछले सात साल से डरा-धमका कर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है।

    पीड़िता के अनुसार युवक उसका अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल कर रहा है। इस सम्बंध में कई बार पुलिस से शिकायत की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उसका मुकदमा तक पुलिस ने दर्ज नहीं किया। इसी को लेकर पीड़िता गुरुवार को पुलिस अधीक्षक से मिलने आई थी,लेकिन कोई ठोस आश्वासन न मिलने पर हताश होकर बाहर आई और एसपी कार्यालय परिसर के अंदर ही जहर खाकर जान देने की कोशिश की। वहां मौजूद कुछ पुलिस कर्मियों ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जहां हालात बिगड़ने पर पीड़िता को लखनऊ भेजा गया है।

    अपर पुलिस अधीक्षक नवीन सिंह के अनुसार पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है,महिला को लखनऊ में भर्ती कराया गया है।

  • रायबरेली से प्रियंका की चुनावी ओपनिंग, भावुक पत्र से तैयार होगी पिच!

    रायबरेली से प्रियंका की चुनावी ओपनिंग, भावुक पत्र से तैयार होगी पिच!

    रायबरेली,। सोनिया गांधी की राजस्थान से राज्यसभा के लिए नामांकन के बाद प्रियंका वाड्रा गांधी की रायबरेली से चुनावी ओपनिंग होने जा रही है। रायबरेली की जनता को सोनिया गांधी के लिखे भावुक पत्र ने इसके लिए बाकायदा पिच भी तैयार कर दी है। बहुत सम्भव है कि 20 फरवरी को रायबरेली में न्याय यात्रा के दौरान रायबरेली की जनता के सामने ही इसकी घोषणा भी हो जाय।

    दरअसल, सोनिया गांधी का रायबरेली से इस बार चुनाव न लड़ना तय था।2019 के बाद से ही सोनिया गांधी की अपने संसदीय क्षेत्र में सक्रियता नाम मात्र की रही है और 2020 के बाद से तो वह यहां आई ही नहीं। इसके अलावा अपनी कई चुनावी सभाओं में उन्होंने ख़ुद इसे अपना अंतिम चुनाव होने के संकेत दिये थे। दिसम्बर महीने में कांग्रेस पार्टी में संगठनात्मक बदलाव किए गए थे, जिसमें प्रियंका वाड्रा गांधी को उत्तर प्रदेश प्रभारी पद से हटाया गया था। उससे साफ़ था कि उनकी आगामी लोकसभा चुनाव में एंट्री होनी है। क्योंकि पार्टी के संविधान के अनुसार प्रभारी चुनाव नहीं लड़ सकता है। अब जब रायबरेली से प्रियंका का चुनाव लड़ना तय है,ऐसे समय में जिस तरह से सोनिया गांधी ने अपने भावुक पत्र में रायबरेली से रिश्ते और परिवार को आगे भी संभाले रहने का जनता से अनुरोध किया। वह प्रियंका के लिए पिच तैयार कर रहा है, जिसपर उनकी ओपेनिंग होनी है।

    सोनिया गांधी के इस पत्र ने रायबरेली में अरसे से सुस्त पड़ी पार्टी और कार्यकर्ताओं में जोश पैदा कर दिया है और एक बार फ़िर से रायबरेली के चौक-चौराहों पर गांधी परिवार की चर्चा शुरू हो गई है। यह अलग बात है कि यहां की जनता प्रियंका वाड्रा गांधी की ओपनिंग पर कैसे रिएक्ट करती है।

    प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अंशु अवस्थी का कहना है कि रायबरेली का गांधी परिवार से आत्मीय रिश्ता है,जिसका उल्लेख खुद सोनिया गांधी ने किया है।रायबरेली की जनता चाहती है इस बार प्रियंका गांधी उनका प्रतिनिधित्व करें।अंशु अवस्थी के अनुसार प्रियंका के चुनाव लड़ने से पूरे प्रदेश को फ़ायदा होगा और हर कार्यकर्ता चाहता है कि वह सभी का नेतृत्व करें।

    उल्लेखनीय है कि 1952 से ही रायबरेली सीट पर गांधी परिवार की परंपरागत सीट रही है। पहली बार इस सीट पर फिरोज गांधी सांसद बने थे। 1957 में फ़िरोज दुबारा जीते। और 1967, 1971 और 1980 में यहां से इंदिरा गांधी चुनाव जीतीं। 1980 और 1984 में फिर से नेहरू परिवार की अरुण नेहरू ने यहां चुनाव जीता। 1989 और 1991 में शीला कौल यहां से विजयी हुईं।

    इसके बाद गांधी परिवार के करीबी शतीश शर्मा इस सीट पर दो बार सांसद रहे। केवल तीन बार 1977,1996 और 1998 में इस सीट पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है। 2004 के बाद से लगातार सोनिया गांधी इस सीट से जीतती रहीं हैं।