Category: नेपाल

  • नेपाल के कीचक वध क्षेत्र के उत्खनन में मिले 2200 वर्ष पुराने पांच भवनों के अवशेष

    नेपाल के कीचक वध क्षेत्र के उत्खनन में मिले 2200 वर्ष पुराने पांच भवनों के अवशेष

    काठमांडू। नेपाल के पुरातत्व विभाग द्वारा विराट नगर के कीचक वध क्षेत्र में कराए गए उत्खनन में 2200 वर्ष पुराने पांच भवनों के अवशेष मिले हैं। कीचक वध क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से उत्खनन का कार्य चल रहा है।

    उत्खनन का नेतृत्व कर रहे प्रमुख पुरातत्वविद् उद्धव आचार्य ने रविवार को मीडियाकर्मियों को बताया कि भद्रपुर नगरपालिका क्षेत्र में महाभारतकालीन कीचक वध क्षेत्र में किए गए उत्खनन में पांच भवनों के अवशेष मिले हैं। इसकी जांच में पता चला है कि यह भवन करीब 2200 वर्ष पुराना है। उद्धव आचार्य ने बताया कि यह दूसरी बार है जब इस क्षेत्र का उत्खनन किया जा रहा है। पहली बार वर्ष 1998 में उत्खनन किया गया था। आचार्य के मुताबिक इस बार के उत्खनन में पांच भवनों के अवशेष मिले हैं। इस अवशेष के महाभारत के समकालीन होने के भी दावे किए जा रहे हैं। इसकी विस्तृत जांच और उत्खनन के लिए भारत सहित अन्य देशों से पुरातत्वविदों को बुलाने की सिफारिश की गई है।

    उद्धव आचार्य ने बताया कि इस बार के उत्खनन में जिस तरह के भवनों के अवशेष मिले हैं वह किसी राजमहल की तरह है। उत्तर-पूर्व दिशा में एक पांच मंजिला भवन के अवशेष मिले हैं। इस बहुमंजिला भवन के कुछ ही दूरी पर दक्षिण दिशा में एक और भवन के अवशेष मिले हैं। इसी मुख्य भवन के दक्षिण पश्चिम दिशा में जिस तरह की संरचना के अवशेष मिले हैं उससे यह प्रतीत होता है कि वह भवन निजी सुरक्षाकर्मियों के लिए बनाया गया होगा। इस भवन के उत्तर पश्चिम में राजभवन की सुरक्षा में रहे सैन्य भवन के अवशेष मिले हैं। इस भवन के पश्चिम दिशा में एक और बहुमंजिला भवन के अवशेष मिले हैं। इसके करीब 200 फुट की दूरी पर एक अलग भवन का अवशेष मिला है जिसको सैन्य अधिकारियों के लिए बनाए जाने का दावा किया गया है।

    आचार्य ने बताया कि विदेशों से विशेषज्ञों के आने के बाद उत्खनन में करीब एक वर्ष का समय लग सकता है। उन्होंने कहा कि यह अवशेष भगवान गौतम बुद्ध से पहले के समय का लगता है। महाभारत काल में यह क्षेत्र विराट राज्य के अन्तर्गत आता था। इसी क्षेत्र में पांडवों ने 12 वर्ष के वनवास के बाद एक वर्ष के अज्ञातवास का समय व्यतीत किया था। इन अवशेषों को लेकर यह दावा किया गया है कि यह भवन विराट नरेश के प्रधान सेनापति कीचक का हो सकता है। महाभारत की कथा के मुताबिक द्रौपदी के साथ अभद्र व्यवहार करने के कारण भीम ने कीचक का वध कर दिया था।

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    Archeology survey in Birat area

    काठमांडू, 31 मार्च (हि.स.)। नेपाल के पुरातत्व विभाग द्वारा विराट नगर के कीचक वध क्षेत्र में कराए गए उत्खनन में 2200 वर्ष पुराने पांच भवनों के अवशेष मिले हैं। कीचक वध क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से उत्खनन का कार्य चल रहा है।

    उत्खनन का नेतृत्व कर रहे प्रमुख पुरातत्वविद् उद्धव आचार्य ने रविवार को मीडियाकर्मियों को बताया कि भद्रपुर नगरपालिका क्षेत्र में महाभारतकालीन कीचक वध क्षेत्र में किए गए उत्खनन में पांच भवनों के अवशेष मिले हैं। इसकी जांच में पता चला है कि यह भवन करीब 2200 वर्ष पुराना है। उद्धव आचार्य ने बताया कि यह दूसरी बार है जब इस क्षेत्र का उत्खनन किया जा रहा है। पहली बार वर्ष 1998 में उत्खनन किया गया था। आचार्य के मुताबिक इस बार के उत्खनन में पांच भवनों के अवशेष मिले हैं। इस अवशेष के महाभारत के समकालीन होने के भी दावे किए जा रहे हैं। इसकी विस्तृत जांच और उत्खनन के लिए भारत सहित अन्य देशों से पुरातत्वविदों को बुलाने की सिफारिश की गई है।

    उद्धव आचार्य ने बताया कि इस बार के उत्खनन में जिस तरह के भवनों के अवशेष मिले हैं वह किसी राजमहल की तरह है। उत्तर-पूर्व दिशा में एक पांच मंजिला भवन के अवशेष मिले हैं। इस बहुमंजिला भवन के कुछ ही दूरी पर दक्षिण दिशा में एक और भवन के अवशेष मिले हैं। इसी मुख्य भवन के दक्षिण पश्चिम दिशा में जिस तरह की संरचना के अवशेष मिले हैं उससे यह प्रतीत होता है कि वह भवन निजी सुरक्षाकर्मियों के लिए बनाया गया होगा। इस भवन के उत्तर पश्चिम में राजभवन की सुरक्षा में रहे सैन्य भवन के अवशेष मिले हैं। इस भवन के पश्चिम दिशा में एक और बहुमंजिला भवन के अवशेष मिले हैं। इसके करीब 200 फुट की दूरी पर एक अलग भवन का अवशेष मिला है जिसको सैन्य अधिकारियों के लिए बनाए जाने का दावा किया गया है।

    आचार्य ने बताया कि विदेशों से विशेषज्ञों के आने के बाद उत्खनन में करीब एक वर्ष का समय लग सकता है। उन्होंने कहा कि यह अवशेष भगवान गौतम बुद्ध से पहले के समय का लगता है। महाभारत काल में यह क्षेत्र विराट राज्य के अन्तर्गत आता था। इसी क्षेत्र में पांडवों ने 12 वर्ष के वनवास के बाद एक वर्ष के अज्ञातवास का समय व्यतीत किया था। इन अवशेषों को लेकर यह दावा किया गया है कि यह भवन विराट नरेश के प्रधान सेनापति कीचक का हो सकता है। महाभारत की कथा के मुताबिक द्रौपदी के साथ अभद्र व्यवहार करने के कारण भीम ने कीचक का वध कर दिया था।

  • नेपाल में विपक्षी दल संसद न चलने देने पर अडिग, गृहमंत्री रवि लामिछाने इस्तीफा देने की मांग

    नेपाल में विपक्षी दल संसद न चलने देने पर अडिग, गृहमंत्री रवि लामिछाने इस्तीफा देने की मांग

    काठमांडू । विवादों से घिरे नेपाल के गृहमंत्री रवि लामिछाने को लेकरनेपाल की संसद में तीन दिन से गतिरोध बना हुआ है। प्रमुख विपक्षी दल ने संसद नहीं चलने देने तक की चेतावनी दी है।

    नेपाली कांग्रेस के महामंत्री गगन थापा ने कहा है कि गृहमंत्री लामिछाने पर सहकारी बैंक से नियम विपरीत कर्ज लेने का प्रमाण सार्वजनिक हो गया है। इसलिए उन्हें गृहमंत्री के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्हें तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया जाए या फिर संयुक्त संसदीय जांच समिति का गठन किया जाए।

    नेपाली कांग्रेस के प्रमुख सचेतक रमेश लेखक ने बुधवार को कहा कि जब तक न्यायिक आयोग या संयुक्त संसदीय जांच समिति का गठन नहीं होता तब तक सदन को नहीं चलने दिया जाएगा। इससे पहले स्पीकर ने सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई। बैठक में विपक्ष के तेवर पूर्ववत रहे। हालांकि सत्तापक्ष के नेता रवि लामिछाने की बचाव करते दिखे।

    मंगलवार को प्रधानमंत्री प्रचण्ड ने संसद में बयान दिया। उन्होंने कहा कि रवि लामिछाने के खिलाफ पुलिस एफआईआर के अलावा और कोई प्रमाण नहीं है। इसलिए उनके इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता है। उन्होंने कहा कि पुलिस जांच कर रही है। सत्तारूढ़ गठबन्धन के सबसे बड़े दल नेकपा एमाले के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली ने भी लामिछाने का बचाव किया है।

  • भारत-नेपाल क्रॉस बॉर्डर पेमेंट : यूपीआई के बाद अब बैंक खाते में घर बैठे सीधे पैसे ट्रांसफर की सुविधा जल्द

    भारत-नेपाल क्रॉस बॉर्डर पेमेंट : यूपीआई के बाद अब बैंक खाते में घर बैठे सीधे पैसे ट्रांसफर की सुविधा जल्द

    नेपाल। भारत और नेपाल के बीच डिजिटल पेमेंट सेवा शुरू होने के बाद अब दोनों देशों के नागरिकों को घर बैठे सीधे बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करने की सुविधा भी जल्द ही शुरू होने जा रही है।

    नेपाल आने वाले भारतीयों को ई-वालेट और यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के जरिए डिजिटल भुगतान की सुविधा शुरू होने के बाद अब सीधे बैंक खाते में क्रॉस बॉर्डर पेमेंट सिस्टम पर भी काम पूरा किया जा चुका है। दोनों देशों की स्वीकृति के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। नेपाल क्लियरिंग हाउस लिमिटेड (एनसीएचएल) ने क्रॉस बॉर्डर पेमेंट सिस्टम के लिए एक सॉफ्टवेयर तैयार किया है जिसका सफल परीक्षण कर लिया गया है।

    एनसीएचएल के सीईओ नीलेश मानसिंह प्रधान ने शुक्रवार को मीडियाकर्मियों को बताया कि इस सॉफ्टवेयर के सफल परीक्षण के बाद इसे दोनों देशों के सरकारी निकाय को स्वीकृति के लिए भेजा गया है। नेपाल राष्ट्र बैंक के अंतर्गत कार्य करने वाले एनसीएचएल को स्वीकृति मिलने के एक मीने के भीतर ही यह लागू हो जाएगा।

    प्रधान ने कहा कि इस प्रणाली के लागू होने के बाद नेपाल के नागरिक भारत में और भारत के नागरिक नेपाल में अपने बैंक खाते से दूसरे देश के खाते में सीधे पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। दोनों देशों में कारोबार करने वाले व्यापारियों को इसका सबसे अधिक लाभ मिलेगा। इस समय भारत से नेपाल में सामान आयात या निर्यात करने पर बैंक के चक्कर लगाने पड़ते हैं और उसके लिए एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना करना पड़ता है। क्रॉस बॉर्डर पेमेंट सिस्टम लागू होने के बाद वो सीधे अपने खाते में पैसे रिसीव कर सकते हैं या भेज सकते हैं। एनसीएचएल की तरफ से यह भी बताया गया है कि नेपाल से भारत में पढ़ने जाने वाले छात्रों, इलाज के लिए जाने वाले मरीजों और भारत में काम करने वाले नेपाली नागरिकों को भी बहुत सुविधा होगी।

    इस समय नेपाल से भारत के किसी बैंक में पैसे भेजने के लिए एक दिन में 10 हजार रुपये और एक महीनें में 50 हजार रुपये की सीमा तय है। वहीं, भारत से नेपाल के किसी बैंक में पैसे ट्रांसफर करने के लिए बैंक के ब्रांच में जाकर एक फार्म भरना पड़ता है। उसके बाद ही पैसे ट्रांसफर होता है। वहीं, जब क्रॉस बॉर्डर पेमेंट सिस्टम लागू हो जाएगा तो छात्रों को एडमिशन के लिए एकमुश्त पैसे भेजने या इलाज के लिए अस्पतालों में भुगतान में कोई बाधा नहीं आएगी। इसके लिए बैंक जाने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। सीईओ प्रधान ने कहा कि भुगतान के समय कुछ सेवा शुल्क का भी निर्धारण किया जाएगा।

  • नेपाल में टिकटॉक ब्लॉक नहीं करने वाली इंटरनेट कंपनियों पर कार्रवाई की मांग

    नेपाल में टिकटॉक ब्लॉक नहीं करने वाली इंटरनेट कंपनियों पर कार्रवाई की मांग

    नेपाल। चीन के सबसे चर्चित ऐप टिकटॉक के खिलाफ नेपाल के सांसदों ने संसद में एक बार फिर आवाज बुलंद की है। सांसदों ने टिकटॉक ऐप को ब्लॉक नहीं करने वाली इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनियों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की मांग की है।

    प्रतिनिधि सभा में जनता समाजवादी पार्टी के सदस्य प्रदीप यादव ने शुक्रवार को यह मुद्दा उठाया। यादव ने सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद कुछ इंटरनेट सेवा प्रदाता (आईएसपी) कंपनियों के टिकटॉक को ब्लॉक नहीं किए जाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने सरकार से तत्काल ऐसी कंपनियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार के आदेश के बावजूद अगर निजी कंपनी इस तरह की हरकत कर रही हैं तो यह बहुत ही गंभीर मामला है। यादव ने कहा कि टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने के पीछे सुरक्षा भी एक कारण था और आईएसपी कंपनियों के द्वारा इसको नजरअंदाज करने का मतलब सुरक्षा को चुनौती देना है।

    यादव ने कहा कि टिकटॉक को ब्लॉक नहीं किए जाने के कारण सामाजिक एवं धार्मिक भावनाएं भड़काने वाली कई सामग्रियां अभी भी टिकटॉक के जरिए धड़ल्ले से वाइरल की जा रही हैं। पिछले दिनों कई स्थानों पर धार्मिक भावनाएं भड़काने में टिकटॉक की भूमिका देखी गई थी। उन्होंने तुरंत ऐसे सामग्रियों को हटाने के लिए टिकटॉक पर लगे प्रतिबंध को कड़ाई से साथ लागू करने की मांग की है।

    उल्लेखनीय है कि भारत की तरह नेपाल ने पिछले साल चीन के सबसे चर्चित ऐप टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था।

  • नेपाल के वीरगंज में कर्फ्यू जारी,बुधवार सुबह 6 से 11बजे तक रहेगी छुट

    नेपाल के वीरगंज में कर्फ्यू जारी,बुधवार सुबह 6 से 11बजे तक रहेगी छुट

    पूर्वी चंपारण।नेपाल के वीरगंज में दूसरे दिन भी तनाव व्याप्त रहा। मंगलवार की सुबह चार घंटे तक कर्फ्यू में ढील के दौरान प्रदर्शन और टायर फूंके जाने की घटना के बाद प्रशासन ने कर्फ्यू को यथावत रखा है।

    इस बीच परसा जिला के जिलाधिकारी दिनेश सागर भुसाल की अध्यक्षता में मंगलवार की शाम सर्व दलीय और सर्व पक्षीय सद्भावना बैठक हुई। जिसमे शांति व सद्भाव बनाने को लेकर कई निर्णय लिये गये। साथ ही असमाजिक तत्वो की पहचान,सोशल मीडिया पर भडकाऊ पोस्ट डालने वालो पर नकेल कसने सहित कई मुद्दो पर सहमति बनी।वही इसमे निर्णय लिया गया कि बुघवार को सुबह 6 बजे से 11 बजे तक कर्फ्यू में छुट दी जायेगी।

    स्थिति समान्य रहा तो आगे निर्णय लिया जायेगा अन्यथा कर्फ्यू यथावत रखी जायेगी।जिला अधिकारी दिनेश सागर भुसाल ने बताया कि वीरगंज के पूर्वी दिशा में बारा जिला की सीमा क्षेत्र से जुड़े नगवा चौक, पश्चिम दिशा में तिलावे पुल,उत्तरी दिशा में परवानीपुर और दक्षिण दिशा में मैत्री पुल तक अनिश्चितकालीन कर्फ्यू का आदेश है।उन्होने बताया कि नेपाल के रौतहट जिले के ईशनाथ क्षेत्र के मोतीपुर में सरवस्ती माँ के मूर्ति विसर्जन के दौरान झड़प हुई थी। जिसके विरोध में हिंदू समाज नामक संगठन ने वीरगंज बंद का आह्वान किया।

    इसी दौरान दो पक्ष में झड़प और हिंसा हुई। पुलिस पर पथराव किया गया। जिसके बाद लाठी चार्ज, हवाई फायरिंग, अश्रु गैस के गोले छोड़े गए। घटना में दोनो पक्ष लोगों के अलावा दर्जन भर पुलिस कर्मी घायल है जिसके बाद प्रशासन ने सोमबार शाम 5बजे से यह कर्फ्यू आदेश जारी किया है। मामले में अब तक करीब 30 लोगों को हिरासत में लिया गया है। शांति और सौहार्द कायम करने को लेकर सभी पक्षो के साथ बैठक हुई है।उपद्रवी तत्वो की पहचान कर ली गई। दोनो पक्षो की सहमति से शहर में शांति कायम करने को लेकर सभी प्रयास किये जा रहे है।

  • नेपाल: मूर्ति विसर्जन के क्रम में मुसलमानों के अवरोध के बाद झड़प, अनिश्चितकालीन कर्फ्यू आदेश जारी

    नेपाल: मूर्ति विसर्जन के क्रम में मुसलमानों के अवरोध के बाद झड़प, अनिश्चितकालीन कर्फ्यू आदेश जारी

    काठमांडू। रौतहट जिला के एक मुस्लिम बहुल इलाके में सरस्वती पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन के क्रम में दोहरे झड़प के बाद स्थिति तनावपूर्ण बना हुआ है। लगातार हो रहे झड़प को नियंत्रण में लेने के लिए जिला प्रशासन ने शनिवार शाम से अनिश्चितकालीन कर्फ्यू आदेश जारी कर दिया है।

    रौतहट जिला के ईशनाथ नगरपालिका के वार्ड नम्बर-7 में मूर्ति विसर्जन के क्रम में मुस्लिम समुदाय द्वारा अवरोध किए जाने के बाद स्थिति तनावपूर्ण होने की जानकारी स्थानीय लोगों ने दी है। रौतहट के पुलिस एसपी विनोद घिमिरे ने बताया कि शुक्रवार को विसर्जन के क्रम में मुस्लिम समुदाय द्वारा मस्जिद के आगे से मूर्ति विसर्जन का जुलूस ले जाने को लेकर विरोध जताया गया। बाद में पुलिस की मध्यस्थता में मूर्ति विसर्जन का रूट परिवर्तन किया गया।

    हिन्दू पक्ष द्वारा शनिवार को पुन: मूर्ति विसर्जन के लिए जुलूस निकालते समय मुस्लिम समुदाय ने फिर से पथराव शुरू कर दिया, जिसके बाद हिन्दू युवाओं के द्वारा भी प्रतिकार किया गया। मूर्ति विसर्जन के क्रम में दोहरे झड़प शुरू होने के बाद प्रशासन ने शनिवार शाम से आसपास के इलाके में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू आदेश जारी कर दिया गया है।

    रौतहट के प्रमुख जिलाधिकारी हिरालाल रेग्मी ने कर्फ्यू आदेश जारी करते हुए तनावग्रस्त इलाके में भारी मात्रा में हथियारबंद सुरक्षाकर्मियों की तैनाती कर दी है। जिलाधिकारी रेग्मी ने कहा कि स्थिति इतनी खराब है कि अब तक झडप में कितने लोग घायल हुए हैं, उसका अंदाजा भी नहीं लग पा रहा है। तनावपूर्ण अवस्था को नियंत्रण में लेने के लिए ही कर्फ्यू आदेश जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि दंगाइयों को नियंत्रण में लेकर कानूनी कार्रवाई किए जाने की तैयारी है।

  • प्रचंड बदलेंगे अपनी पार्टी का नाम, ‘माओवादी’ शब्द को हटाकर ‘समाजवादी’ रखने की तैयारी

    प्रचंड बदलेंगे अपनी पार्टी का नाम, ‘माओवादी’ शब्द को हटाकर ‘समाजवादी’ रखने की तैयारी

    काठमांडू। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल प्रचंड ने अपनी पार्टी का नाम बदलने का प्रस्ताव किया है। अब तक माओवादी पार्टी के नाम से पहचानी जाने वाली पार्टी के नाम से अब माओवादी शब्द को हटाकर समाजवादी रखने की तैयारी है।

    माओवादी पार्टी की काठमांडू में चल रहे विधान अधिवेशन के दौरान पार्टी के अध्यक्ष तथा प्रधानमंत्री प्रचंड ने पार्टी का नाम और झंडा बदलने का प्रस्ताव रखा है। प्रचंड ने कहा कि पार्टी के नाम में माओवादी शब्द से देश के भीतर और अन्तरराष्ट्रीय रूप से भी लोगों के देखने का नजरिया सकारात्मक नहीं है। उन्होंने पार्टी का नाम बदलने के पक्ष में दलील देते हुए कहा कि नाम बदलने से ना सिर्फ हमारी छवि में बदलाव होगा, बल्कि हमें देखने का विश्व का नजरिया बदलेगा और कई दलों के साथ एकता के लिए रास्ता भी खुल जाएगा।

    पार्टी का नाम और झंडा बदलने का प्रस्ताव विधान अधिवेशन में रखने से पहले ही इसे पार्टी की स्टैंडिंग कमिटी, पोलिट ब्यूरो और सेंट्रल कमिटी से पारित कराया जा चुका है। पार्टी की उपाध्यक्ष पम्फा भूषाल ने कहा कि पार्टी के नाम में समाजवादी शब्द जोड़ने पर लगभग सहमति बन गई है।

    माओवादी पार्टी के विदेश विभाग प्रमुख राम कार्की ने कहा कि माओवादी शब्द के कारण हमारी छवि पूरी दुनिया में चाइना के समर्थक जैसी हो रही थी। उन्होंने कहा कि माओवादी नाम के कारण आज तक अमेरिका और यूरोप के कई देशों ने 20 साल पहले लगाए प्रतिबंध को अब तक बरकरार रखा है। पूर्व सांसद खिमलाल देवकोटा ने स्पष्ट रूप से कहा कि पार्टी के ऊपर लगे चाइनीज टैग को हटाने के लिए ही नाम को बदला जा रहा है।

  • नेपाल में अवैध रूप रह रहे रोहिंग्या और पाकिस्तानी, भारत के लिए बन सकता है सिरदर्द

    नेपाल में अवैध रूप रह रहे रोहिंग्या और पाकिस्तानी, भारत के लिए बन सकता है सिरदर्द

    काठमांडू। नेपाल में अवैध रूप से रह रहे शरणार्थियों की संख्या पिछले तीन साल में तीन गुणा अधिक होने का तथ्य सामने आया है। इन अवैध शरणार्थियों में सबसे अधिक संख्या रोहिंग्या मुसलमानों और पाकिस्तानियों की है। नेपाल के सुरक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि यह सिर्फ नेपाल के लिए नहीं बल्कि भारत के लिए भी सिरदर्द बन सकता है।

    नेपाल स्थित संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग की तरफ से उपलब्ध कराए गए तथ्य के मुताबिक इस समय नेपाल में 16 देशों के 988 शरणार्थी रह रहे हैं। इनमें से 682 लोगों को यूएन की तरफ से परिचय पत्र दे दिया गया है जबकि बाकी शरणार्थी का निवेदन अभी भी लम्बित है। उच्चायोग की तरफ से बताया गया है कि नेपाल में पिछले तीन वर्षों में शरणार्थियों की संख्या तीन गुणा बढ़ गई है। इनमें सबसे अधिक संख्या म्यामार से आने वाले रोहिंग्या मुसलमानों की है। जबकि पाकिस्तान के नागरिकों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।

    नेपाल के अध्यागमन विभाग में रहे रिकार्ड के मुताबिक नेपाल में आधिकारिक रूप से रोहिंग्या मुसलमानों की संख्या 508 दर्ज की गई है। इसी तरह नेपाल में आकर शरणार्थी जीवन व्यतीत कर रहे पाकिस्तानी नागरिकों की संख्या 353 बताई गई है। अध्यागमन विभाग के मुताबिक अफगानिस्तान से 36, सोमालिया से 31, श्रीलंका से 27, ईरान से 9, यूक्रेन से 6, बांग्लादेश से 5 लोग शरणार्थी के रूप में नेपाल में रह रहे हैं। ऐसे ही यमन से 3, रूस से 3, सुडान से 2 तथा चीन, फिलिपिन्स, इराक, दक्षिणी सुडान और रूवाण्डा से एक एक नागरिक शरणार्थी के रूप में नेपाल में रह रहे हैं।

    सुरक्षा अधिकारियों ने नेपाल में अवैध रूप से रोहिंग्या और पाकिस्तानी नागरिकों का शरणार्थी के रूप में आने को देश की सुरक्षा के लिए चिंता का विषय बताया है। नेपाल पुलिस के पूर्व एआईजी नवराज सिलवाल ने कहा कि रोहिंग्या और पाकिस्तानी नागरिकों का अवैध प्रवेश ना सिर्फ देश की आन्तरिक सुरक्षा के लिए बल्कि अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहे आतंकी घटना के मद्देनजर भी यह खतरा का विषय है। उन्होंने कहा कि भारत के साथ खुली सीमा के कारण सिक्योरिटी थ्रेट सिर्फ नेपाल के लिए नहीं बल्कि भारत के लिए भी उतना ही है।

    कई वर्षों तक नेपाल पुलिस के इंटेलिजेंस विभाग में काम कर चुके पूर्व एआईजी बम बहादुर भण्डारी ने कहा कि भारत को अपनी खुली सीमाओं पर निगरानी बढ़ाने की आवश्यकता है क्योंकि नेपाल में आए रोहिंग्या हों या पाकिस्तानी सभी भारत की सीमा का प्रयोग कर ही नेपाल में प्रवेश किया है। सीमा सुरक्षा में लापरवाही के कारण ही यह हो पाने की बात कहते हुए भण्डारी ने कहा कि समय पर ही इस बात में सजग और सचेत होकर इसके स्थाई समाधान की व्यवस्था नहीं की गई तो बढ़ते शरणार्थियों की संख्या आने वाले दिन में भारत के लिए बड़ा सरदर्द बन सकता है।

  • नेपाल : भ्रष्टाचार के मामले में दो पूर्व संचार मंत्रियों पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार

    नेपाल : भ्रष्टाचार के मामले में दो पूर्व संचार मंत्रियों पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार

    काठमांडू। नेपाल में सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक नेपाली कांग्रेस के दो बड़े नेताओं पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी है। टेलीकॉम विभाग में भ्रष्टाचार के मामले की जांच के लिए गठित आयोग ने इन दो पूर्व संचार मंत्रियों को बयान के लिए तीसरी बार पत्र भेजा है। पहले दो बार पत्र भेजने के बाद भी बयान के लिए हाजिर नहीं होने पर दोनों को गिरफ्तार करने की चेतावनी दी गई है।

    नेपाल सरकार के संचार मंत्रालय अन्तर्गत टेलीकॉम विभाग में एक प्रविधि की खरीद में व्यापक आर्थिक अनियमितता होने की ‘अख्तियार दुरुपयोग अनुसंधान आयोग’ जांच कर रहा है। तत्कालीन सरकार में ज्ञानेन्द्र कार्की और मोहन बस्नेत संचार मंत्री रह चुके हैं। मोहन बस्नेत वर्तमान सरकार में स्वास्थ्य मंत्री हैं। दोनों नेताओं पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए इन्हें बयान के लिए बुलाया गया है। जांच एजेन्सी के आयुक्त जय बहादुर चन्द ने कहा कि बार-बार पत्र भेज कर बयान देने के लिए बुलाए जाने पर भी दोनों नेता हाजिर नहीं हुए हैं।

    आयुक्त चन्द ने बताया कि यदि इस बार भी बयान देने के लिए हाजिर नहीं हुए तो कानूनी प्रावधान के तहत दोनों की गिरफ्तारी का वारंट जारी करने की बाध्यता होगी। चन्द ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि जांच में सहयोग करते हुए इस बार दोनों ही नेता अपना बयान देने जरूर हाजिर होंगे।

    दरअसल, टेलीकॉम विभाग के लिए ‘टेलिकम्युनिकेसन ट्राफिक मॉनिटरिंग एंड फ्रॉड कन्ट्रोल सिस्टम’ (टेरामैक्स) की खरीद में 70 करोड़ रुपये की अनियमितता होने का दावा किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रविधि की आवश्यकता नहीं होने की बात कहते हुए इसकी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी, लेकिन तब तक राजकोष से 70 करोड़ रुपये खर्च हो चुके थे। इस प्रकरण में दोनों तत्कालीन संचार मंत्रियों की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। इस टेरामैक्स की खरीद के लिए 70 करोड़ रुपये खर्च करने की अनुमति इन्हीं दोनों मंत्रियों ने दी थी।

  • भारत के साथ बिजली व्यापार समझौते पर नेपाली सुप्रीम कोर्ट का कारण बताओ नोटिस

    भारत के साथ बिजली व्यापार समझौते पर नेपाली सुप्रीम कोर्ट का कारण बताओ नोटिस

    काठमांडू। नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने भारत के साथ हुए दीर्घकालिक विद्युत व्यापार समझौते को लेकर नेपाल सरकार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

    मुख्य विपक्षी दल नेकपा (एमाले) के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली के करीबी सूर्यनाथ उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस विद्युत समझौते पर रोक लगाने की मांग की है। कोर्ट ने सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए 15 दिन का समय दिया है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस नहकुल सुवेदी ने अपने आदेश में कहा है कि सरकार 15 दिनों के भीतर इस समझौते के संदर्भ में लिखित जवाब दाखिल करे।

    याचिका में कहा गया है कि नेपाल-भारत के बीच हुए दीर्घकालिक विद्युत व्यापाल समझौते में सिर्फ बिजली खरीद-बिक्री की ही बात नहीं है बल्कि जलविद्युत परियोजना के जरिए इसके उत्पादन और ट्रांसमिशन लाइन निर्माण की भी बात कही गई है।