Category: दुनिया

  • लद्दाख में नौ बिना फटे मोर्टार के गोले पाए गए, नियंत्रित विस्फोट में किया गया नष्ट

    लेह,। लद्दाख में नौ बिना फटे मोर्टार के गोले पाए गए और बाद में एक नियंत्रित विस्फोट में उन्हें नष्ट कर दिया गया। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बुधवार को कहा कि खारू के चुलित्से कुलुम में मोर्टार के गोले की मौजूदगी की जानकारी पार्षद सोनम थर्डाेस ने उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) को दी थी।

    उन्होंने कहा कि एसडीएम ने इस मामले को सेना के त्रिशूल डिवीजन के साथ उठाया और बाद में इसके इंजीनियरों ने स्थानीय पुलिस की मौजूदगी में गोले का त्वरित निपटान सुनिश्चित किया। उन्होंने कहा कि सेना के विशेषज्ञों द्वारा नियंत्रित विस्फोट में गोले नष्ट कर दिए गए।

  • राष्ट्रपति पुतिन का दावा, रूस कैंसर की वैक्सीन बनाने के करीब पहुंचा

    राष्ट्रपति पुतिन का दावा, रूस कैंसर की वैक्सीन बनाने के करीब पहुंचा

    मास्को। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को दावा किया कि रूसी वैज्ञानिक कैंसर की वैक्सीन बनाने के करीब पहुंच चुके हैं। पुतिन ने दावा किया कि वैज्ञानिक जल्द ही इसे मरीजों के लिए उपलब्ध कराएंगे। पुतिन ने कहा कि हम कैंसर वैक्सीन और नई पीढ़ी की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत करने वाली दवाओं के निर्माण के बहुत करीब आ गए हैं।

    पुतिन ने उम्मीद जताई कि जल्द ही उनका प्रभावी ढंग से चिकित्सा के रूप में उपयोग किया जाएगा। उन्होंने मास्को में भविष्य की तकनीकों पर आयोजित कार्यक्रम में ये बातें कहीं। पुतिन ने यह नहीं बताया कि प्रस्तावित टीके किस प्रकार के कैंसर को लक्षित करेंगे और न ही उन्होंने बताया कि यह कैसे काम करेगा। कई देश और कंपनियां कैंसर के टीकों पर काम कर रही हैं।

    पिछले साल ब्रिटिश सरकार ने जर्मनी स्थित बायोएनटेक के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जो कैंसर उपचार प्रदान करने के लिए परीक्षण शुरू करेगा। जिसका लक्ष्य 2030 तक 10,000 रोगियों तक पहुंचना है। फार्मास्युटिकल कंपनियां माडर्ना और मर्क एंड कंपनी एक प्रयोगात्मक कैंसर वैक्सीन विकसित कर रही हैं, जो एक मध्य चरण अध्ययन में तीन साल के उपचार के बाद मेलेनोमा (सबसे घातक त्वचा कैंसर) से मृत्यु की संभावना को आधा कर देती है।

    विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, वर्तमान में छह लाइसेंस प्राप्त टीके हैं जो कई तरह के कैंसरों का कारण बनने वाले मानव पेपिलोमाविरस (एचपीवी) के उपचार के लिए हैं, जिनमें सर्वाइकल कैंसर भी शामिल है। साथ ही हेपेटाइटिस बी (एचबीएस) के खिलाफ टीके भी हैं, जो लीवर कैंसर का कारण बनता है।

  • शाहबाज शरीफ बन सकते हैं पाकिस्तान के अगले प्रधानमंत्री, कैबिनेट में 25 मंत्री शामिल करने पर मंथन

    शाहबाज शरीफ बन सकते हैं पाकिस्तान के अगले प्रधानमंत्री, कैबिनेट में 25 मंत्री शामिल करने पर मंथन

    इस्लमाबाद। पाकिस्तान में चुनाव के बाद पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई शहबाज शरीफ अगले प्रधानमंत्री हो सकते हैं। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने पार्टी प्रमुख और तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बजाय 72 वर्षीय शहबाज को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में नामित किया। वहीं जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी द्वारा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों को संसद में अधिक सीट मिलने के बावजूद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सत्ता में नहीं आ पाएगी। देश में आठ फरवरी को हुए चुनाव में खंडित जनादेश आया था और चुनाव में धांधली के आरोप लगे थे।

    इससे पहले, शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के आसिफ अली जरदारी, मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) के खालिद मकबूल सिद्दीकी के साथ मंगलवार रात पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद (पीएमएल-क्यू) के शुजात हुसैन के आवास पर मुलाकात की और सरकार गठन पर सहमति जताई।

    शरीफ ने बैठक में उपस्थित अन्य नेताओं का आभार जताते हुए कहा, आज हम देश को यह बताने के लिए एकजुट हुए हैं कि हमने खंडित जनादेश स्वीकार कर लिया है। मैं जरदारी और बिलावल (भुट्टो) का आभारी हूं कि उन्होंने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) का समर्थन करने का फैसला किया है।

    पीएमएल-एन की सूचना सचिव मरयम औरंगजेब ने कहा कि पार्टी प्रमुख नवाज शरीफ ने देश के प्रधानमंत्री पद के लिए पार्टी अध्यक्ष और अपने छोटे भाई शहबाज शरीफ (72) को नामित किया है। उन्होंने बताया कि पीएमएल-एन की वरिष्ठ उपाध्यक्ष और नवाज़ शरीफ की राजनीतिक उत्तराधिकारी मानी जाने वाली मरयम नवाज को पंजाब के मुख्यमंत्री पद के लिए नामित किया गया है।

    पार्टी की सूचना सचिव ने कहा, नवाज शरीफ ने उन राजनीतिक दलों का आभार जताया है जिन्होंने आगामी सरकार बनाने में पीएमएल-एन का समर्थन किया है और उन्होंने उम्मीद जताई कि ऐसे फैसलों से पाकिस्तान संकट से बाहर आ जाएगा।

    ताजा राजनीतिक घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी ने कहा कि पीएमएल-एन के लिए सबसे अच्छा विकल्प ‘‘अपनी हार को शीलनता से स्वीकार करना’’ और उनकी पार्टी के संस्थापक इमरान खान को ‘‘देश को संकट से उबारने देना है।’’

    प्रधानमंत्री पद के अलावा, पाकिस्तान में अब संघीय मंत्रिमंडल के लिए नामों की चर्चा शुरू हो गई है। उम्मीद है कि शुरुआती चरण में कैबिनेट में 25 मंत्री बनाए जा सकते हैं। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के सूत्रों की मानें तो बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और शहबाज शरीफ ने बैठक की। इस दौरान कई नामों पर चर्चा हुई। उम्मीद है कि मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) को तीन से पांच मंत्रालय मिल सकते हैं, जिसमें खालिद मकबूल सिद्दीकी, फारूक सत्तार, मुस्तफा कमाल, अमीनुल हक, ख्वाजा इजहारुल हसन सहित अन्य नेताओं के बारे में विचार किया जा रहा है।

    इसके अलावा, पीएमएल-एन ने अपने कोटे के 15 नेताओं के नामों पर चर्चा की। इनमें इशाक डार, अयाज सादिक, ख्वाजा आसिफ, अहसान इकबाल, मरियम औरंगजेब, अताउल्लाह तरार, शाजा फातिमा ख्वाजा, रियाजुल हक जुज, बिलाल अजहर कयानी, डॉ तारिक फज़ल चौधरी, कमरुल इस्लाम और राणा तनवीर हुसैन शामिल हैं। इस्तेहकाम-ए-पाकिस्तान पार्टी (आईपीपी) के अवन चौधरी प्रधानमंत्री के विशेष सहायक के रूप में नियुक्त हो सकते हैं।

  • कतर पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी

    कतर पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी

    दोहा। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के दौरे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार देर रात को कतर की राजधानी दोहा पहुंच गए हैं। कतर के विदेश राज्य मंत्री सोल्तान बिन साद अल-मुरैखी ने हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया।

    इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कतर के प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी के साथ बैठक हुई।

    प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर बताया कि प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी के साथ शानदार मुलाकात हुई। हमारी चर्चा भारत-कतर मित्रता को बढ़ावा देने के तरीकों के इर्द-गिर्द रही।

  • प्रचंड बदलेंगे अपनी पार्टी का नाम, ‘माओवादी’ शब्द को हटाकर ‘समाजवादी’ रखने की तैयारी

    प्रचंड बदलेंगे अपनी पार्टी का नाम, ‘माओवादी’ शब्द को हटाकर ‘समाजवादी’ रखने की तैयारी

    काठमांडू। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल प्रचंड ने अपनी पार्टी का नाम बदलने का प्रस्ताव किया है। अब तक माओवादी पार्टी के नाम से पहचानी जाने वाली पार्टी के नाम से अब माओवादी शब्द को हटाकर समाजवादी रखने की तैयारी है।

    माओवादी पार्टी की काठमांडू में चल रहे विधान अधिवेशन के दौरान पार्टी के अध्यक्ष तथा प्रधानमंत्री प्रचंड ने पार्टी का नाम और झंडा बदलने का प्रस्ताव रखा है। प्रचंड ने कहा कि पार्टी के नाम में माओवादी शब्द से देश के भीतर और अन्तरराष्ट्रीय रूप से भी लोगों के देखने का नजरिया सकारात्मक नहीं है। उन्होंने पार्टी का नाम बदलने के पक्ष में दलील देते हुए कहा कि नाम बदलने से ना सिर्फ हमारी छवि में बदलाव होगा, बल्कि हमें देखने का विश्व का नजरिया बदलेगा और कई दलों के साथ एकता के लिए रास्ता भी खुल जाएगा।

    पार्टी का नाम और झंडा बदलने का प्रस्ताव विधान अधिवेशन में रखने से पहले ही इसे पार्टी की स्टैंडिंग कमिटी, पोलिट ब्यूरो और सेंट्रल कमिटी से पारित कराया जा चुका है। पार्टी की उपाध्यक्ष पम्फा भूषाल ने कहा कि पार्टी के नाम में समाजवादी शब्द जोड़ने पर लगभग सहमति बन गई है।

    माओवादी पार्टी के विदेश विभाग प्रमुख राम कार्की ने कहा कि माओवादी शब्द के कारण हमारी छवि पूरी दुनिया में चाइना के समर्थक जैसी हो रही थी। उन्होंने कहा कि माओवादी नाम के कारण आज तक अमेरिका और यूरोप के कई देशों ने 20 साल पहले लगाए प्रतिबंध को अब तक बरकरार रखा है। पूर्व सांसद खिमलाल देवकोटा ने स्पष्ट रूप से कहा कि पार्टी के ऊपर लगे चाइनीज टैग को हटाने के लिए ही नाम को बदला जा रहा है।

  • नेपाल में अवैध रूप रह रहे रोहिंग्या और पाकिस्तानी, भारत के लिए बन सकता है सिरदर्द

    नेपाल में अवैध रूप रह रहे रोहिंग्या और पाकिस्तानी, भारत के लिए बन सकता है सिरदर्द

    काठमांडू। नेपाल में अवैध रूप से रह रहे शरणार्थियों की संख्या पिछले तीन साल में तीन गुणा अधिक होने का तथ्य सामने आया है। इन अवैध शरणार्थियों में सबसे अधिक संख्या रोहिंग्या मुसलमानों और पाकिस्तानियों की है। नेपाल के सुरक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि यह सिर्फ नेपाल के लिए नहीं बल्कि भारत के लिए भी सिरदर्द बन सकता है।

    नेपाल स्थित संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग की तरफ से उपलब्ध कराए गए तथ्य के मुताबिक इस समय नेपाल में 16 देशों के 988 शरणार्थी रह रहे हैं। इनमें से 682 लोगों को यूएन की तरफ से परिचय पत्र दे दिया गया है जबकि बाकी शरणार्थी का निवेदन अभी भी लम्बित है। उच्चायोग की तरफ से बताया गया है कि नेपाल में पिछले तीन वर्षों में शरणार्थियों की संख्या तीन गुणा बढ़ गई है। इनमें सबसे अधिक संख्या म्यामार से आने वाले रोहिंग्या मुसलमानों की है। जबकि पाकिस्तान के नागरिकों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।

    नेपाल के अध्यागमन विभाग में रहे रिकार्ड के मुताबिक नेपाल में आधिकारिक रूप से रोहिंग्या मुसलमानों की संख्या 508 दर्ज की गई है। इसी तरह नेपाल में आकर शरणार्थी जीवन व्यतीत कर रहे पाकिस्तानी नागरिकों की संख्या 353 बताई गई है। अध्यागमन विभाग के मुताबिक अफगानिस्तान से 36, सोमालिया से 31, श्रीलंका से 27, ईरान से 9, यूक्रेन से 6, बांग्लादेश से 5 लोग शरणार्थी के रूप में नेपाल में रह रहे हैं। ऐसे ही यमन से 3, रूस से 3, सुडान से 2 तथा चीन, फिलिपिन्स, इराक, दक्षिणी सुडान और रूवाण्डा से एक एक नागरिक शरणार्थी के रूप में नेपाल में रह रहे हैं।

    सुरक्षा अधिकारियों ने नेपाल में अवैध रूप से रोहिंग्या और पाकिस्तानी नागरिकों का शरणार्थी के रूप में आने को देश की सुरक्षा के लिए चिंता का विषय बताया है। नेपाल पुलिस के पूर्व एआईजी नवराज सिलवाल ने कहा कि रोहिंग्या और पाकिस्तानी नागरिकों का अवैध प्रवेश ना सिर्फ देश की आन्तरिक सुरक्षा के लिए बल्कि अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहे आतंकी घटना के मद्देनजर भी यह खतरा का विषय है। उन्होंने कहा कि भारत के साथ खुली सीमा के कारण सिक्योरिटी थ्रेट सिर्फ नेपाल के लिए नहीं बल्कि भारत के लिए भी उतना ही है।

    कई वर्षों तक नेपाल पुलिस के इंटेलिजेंस विभाग में काम कर चुके पूर्व एआईजी बम बहादुर भण्डारी ने कहा कि भारत को अपनी खुली सीमाओं पर निगरानी बढ़ाने की आवश्यकता है क्योंकि नेपाल में आए रोहिंग्या हों या पाकिस्तानी सभी भारत की सीमा का प्रयोग कर ही नेपाल में प्रवेश किया है। सीमा सुरक्षा में लापरवाही के कारण ही यह हो पाने की बात कहते हुए भण्डारी ने कहा कि समय पर ही इस बात में सजग और सचेत होकर इसके स्थाई समाधान की व्यवस्था नहीं की गई तो बढ़ते शरणार्थियों की संख्या आने वाले दिन में भारत के लिए बड़ा सरदर्द बन सकता है।

  • पाकिस्तान में नवाज प्रधानमंत्री और आसिफ अली जरदारी राष्ट्रपति बनने की राह पर आगे बढ़े

    इस्लामाबाद। पाकिस्तान में आम चुनाव के बाद किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलने के बाद जोड़ तोड़ में जुटी राजनीतिक पार्टियों ने आपसी सहमति से समाधान की तरफ बढ़ रही है। ताजा घटनाक्रम में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी के प्रधानमंत्री पद की दौड़ से पीछे हटने के साथ ही पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के प्रमुख नवाज शरीफ के चौथी बार देश के प्रधानमंत्री बनने की संभावना बढ़ गई है। वहीं दोनों दलों के बीच आपसी सहमति के बीच बिलावल भुट्टो-जरदारी ने आसिफ अली जरदारी को राष्ट्रपति बनाने की वकालत की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह भावना केवल उनके पारिवारिक संबंधों के कारण नहीं है, बल्कि उनके इस विश्वास में निहित है कि, देश के सामने मौजूद मौजूदा महत्वपूर्ण संकट को देखते हुए, आसिफ अली जरदारी के पास चुनौतियों का समाधान करने और उन्हें कम करने की क्षमता है।

    वहीं जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों की संसद में सबसे अधिक सीटों पर जीतने के बाद भी सत्ता से दूर लग रही है।

    बिलावल ने अपनी अध्यक्षता में हुई पीपीपी की उच्चाधिकार प्राप्त केंद्रीय कार्यकारी समिति की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी पार्टी केंद्र में सरकार बनाने के लिए जनादेश प्राप्त करने में विफल रही। बिलावल (35) ने कहा, इस वजह से मैं खुद को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की दौड़ के लिए आगे नहीं रखूंगा। इससे पहले, पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार फिर पुष्टि की कि पीएमएल(एन) के प्रमुख नवाज शरीफ (74) चौथी बार देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। शहबाज ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, मैंने कहा था कि नवाज शरीफ चौथी बार प्रधानमंत्री बनेंगे, और मैं आज भी इस बात पर कायम हूं कि वह चौथी बार प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं।

    शहबाज शरीफ ने कहा कि उन्होंने बिलावल और उनके पिता आसिफ अली जरदारी से बात की है और नवाज शरीफ को समर्थन देने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया है। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘हमें उम्मीद है कि हम साथ मिलकर पाकिस्तान को सभी राजनीतिक और आर्थिक संकटों से बाहर निकालने में सक्षम होंगे, इंशाल्लाह।’’

    सरकार गठन को लेकर पीएमएल-एन और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) ने भी मंगलवार को बैठक की है। दोनों पार्टियां आपसी सहयोग से आगे बढ़ने पर सहमत हुईं और शहबाज शरीफ ने समर्थन के लिए एमक्यूएम-पी को धन्यवाद दिया। एमक्यूएम के संसद में 17 सांसद हैं।

    शहबाज ने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने पीपीपी के साथ गठबंधन करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद पीएमएल-एन एकमात्र ऐसी पार्टी रह गई, जिसने पीपीपी को सरकार में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है।

    इमरान खान ने देश में किसी भी मुख्य राजनीतिक दल के साथ गठबंधन की सरकार बनाने के विचार को खारिज कर दिया और दावा किया कि काले धन को सफेद बनाने के काम में बड़े पैमाने पर लगे लोगों को सत्ता में लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

    पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के संस्थापक खान(71) ने रावलपिंडी की उच्च सुरक्षा वाली अडियाला जेल में संवाददाताओं से बात की। खान ने कहा कि पीएमएल-एन, पीपीपी और मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के साथ कोई बातचीत नहीं होगी लेकिन उन्होंने अन्य सभी पार्टियों और समूहों से संपर्क करने की इच्छा जताई है।

    बिलावल ने कहा कि पार्टी ने सार्वजनिक महत्व के मुद्दों पर अभियान चलाकर राजनीतिक स्थिरता बहाल करने और मौजूदा विषाक्त राजनीतिक माहौल को समाप्त करने पर ध्यान केंद्रित किया है। पीपीपी पाकिस्तान के पीएम सहित महत्वपूर्ण वोटों का समर्थन करने और स्थिर सरकार के गठन को सुनिश्चित करने के लिए कई मुद्दों को संबोधित करने के लिए तैयार है।

  • कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादी पन्नू के करीबी के घर पर फायरिंग

    टोरंटो। कनाडा में खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू के करीबी के घर पर फायरिंग की घटना सामने आई है। जानकारी के अनुसार के ओंटारियो प्रांत के ब्रैम्पटन में आतंकवादी पन्नू की के करीबी इंद्रजीत सिंह गोसल के घर की खिड़की पर गोली का छेद मिला है। हालांकि, किसी के घायल होने की सूचना नहीं है।

    इंद्रजीत सिंह ने हाल ही में घोषणा की थी कि टोरंटो स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर वह 17 फरवरी को खालिस्तान समर्थक रैली निकालेगा। एक रिपोर्ट के अनुसार, उसने पन्नू के साथ कार्य किया है।

    गौरतलब है कि यह घटना आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के करीबी के घर पर की गई फायरिंग के कुछ दिन बाद सामने आई है। निज्जर के सहयोगी सिमरनजीत सिंह के सरे स्थित घर पर कई राउंड फायरिंग की गई थी। प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स के नेता निज्जर की पिछले वर्ष ब्रिटिश कोलंबिया में गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

    कनाडा सरकार ने निज्जर की हत्या में भारत के हाथ होने का आरोप लगाया था। इस आरोप को भारत ने सिरे से खारिज कर दिया था। साथ ही कहा था कि दूसरे देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करना भारत की नीति नहीं है। वास्तव में यह कनाडा है जो भारत के आंतरिक मुद्दों में हस्तक्षेप कर रहा है।

  • सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे अमेरिकी यात्रा पर, मजबूत होगा सैन्य सहयोग

    सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे अमेरिकी यात्रा पर, मजबूत होगा सैन्य सहयोग

    – जनरल रैंडी जॉर्ज के साथ उच्चस्तरीय वार्ता में भाग लेंगे जनरल पांडे

    – भारतीय थल सेनाध्यक्ष पेंटागन का भी करेंगे दौरा

    नई दिल्ली। थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे 13 से 16 फरवरी तक संयुक्त राज्य अमेरिका के आधिकारिक दौरे पर रहेंगे। वह सोमवार को अपनी अमेरिकी यात्रा के लिए रवाना हो गए। उनकी यह यात्रा भारत और अमेरिका के बीच मजबूत सैन्य सहयोग और रणनीतिक साझेदारी को रेखांकित करती है। इस यात्रा का लक्ष्य रक्षा सहयोग तथा दोनों देशों की सेनाओं के बीच संबंधों को और मजबूत करना है।

    कर्नल सुधीर चमोली ने बताया कि अपनी यात्रा के दौरान थल सेनाध्यक्ष जनरल पांडे यूनाइटेड स्टेट्स चीफ ऑफ स्टाफ ऑफ आर्मी (सीएसए) के जनरल रैंडी जॉर्ज और अन्य वरिष्ठ सैन्य प्रमुखों के साथ उच्चस्तरीय वार्ता में भाग लेंगे। ये बातचीत दोनों देशों के बीच वैश्विक शांति और सुरक्षा के प्रति सम्मान एवं आपसी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। संयुक्त राज्य अमेरिका पहुंचने पर उन्हें प्रतिष्ठित अमेरिकी सेना की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर दिया जायेगा। वह आर्लिंगटन राष्ट्रीय कब्रिस्तान में अज्ञात सैनिकों के सम्मान में बने स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे और पेंटागन का भी दौरा करेंगे।

    उन्होंने बताया कि जनरल पांडे की इस यात्रा में ‘भारतीय सेना में बदलाव’, ‘वैश्विक खतरे की धारणा’, ‘2030 एवं 2040 के अनुरूप सेना में बदलाव’, ‘मानव संसाधन संबंधी चुनौतियां’, ‘भविष्य की सेना के विकास और आधुनिकीकरण’ तथा ‘सह-उत्पादन एवं सह-विकास पहल’ जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विचारों का आदान-प्रदान किया जाएगा। इन चर्चाओं का उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच जानकारियां, विचार और सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को साझा करना है।

    इसके अलावा यात्रा के दौरान फोर्ट बेल्वोइर में ‘आर्मी जियोस्पेशियल सेंटर’, फोर्ट मैकनेयर में ‘नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी’ का दौरा और मुख्यालय 1 कोर के प्रमुखों के साथ बातचीत करना शामिल है। वह सैन्य नवाचार और रणनीति में सबसे आगे रहने वाली इकाइयों के साथ भी जुड़ेंगे, जिनमें स्ट्राइकर यूनिट, पहली मल्टी-डोमेन टास्क फोर्स, सिएटल में पहला विशेष सेना समूह और सैन फ्रांसिस्को में रक्षा नवाचार इकाई शामिल हैं। उनके कैलिफोर्निया नेशनल गार्ड के दौरे पर भी जाने की योजना है, जिसका उद्देश्य अधिक महत्वपूर्ण प्रशिक्षण, सह-विकास और सह-उत्पादन गतिविधियों के लिए अवसरों को तलाशना है।

    भारतीय सेना और अमेरिकी सेना की ओर से पिछले साल राजधानी के मानेकशा सेंटर में हुए इंडो-पैसिफिक आर्मी चीफ्स कॉन्फ्रेंस (आईपीएसीसी) में शामिल होने के लिए यूनाइटेड स्टेट्स चीफ ऑफ स्टाफ ऑफ आर्मी जनरल रैंडी जॉर्ज भारत आये थे। इस सम्मेलन में 18 सेनाओं के प्रमुख और 12 देशों के प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुख शामिल हुए थे। आईपीएसीसी के दौरान जनरल रैंडी जॉर्ज और जनरल मनोज पांडे के बीच सकारात्मक बातचीत हुई। दोनों अधिकारियों ने सैन्य सहयोग, एचएडीआर के लिए समन्वित दृष्टिकोण, सेनाओं के बीच प्रयासों को बढ़ाने और आपसी हित के अन्य मुद्दों से संबंधित व्यापक मुद्दों पर चर्चा की थी।

    जनरल पांडे की यह यात्रा भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो सैन्य सहयोग बढ़ाने, वैश्विक खतरे की धारणाओं पर रणनीतिक दृष्टिकोण का आदान-प्रदान करने और भविष्य की सेना के विकास और आधुनिकीकरण की दिशा में मिलकर काम करने की पारस्परिक इच्छा को दर्शाती है। जनरल मनोज पांडे और अमेरिकी सेना के वरिष्ठ प्रतिनिधियों के बीच बातचीत से ठोस परिणाम मिलने, साझे सुरक्षा हितों और रक्षा सहयोग के लिए अनुकूल परिवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। यह यात्रा भारत तथा अमेरिका के बीच साझे मूल्यों और हितों की साझेदारी को रेखांकित करती है।

  • यूएई के बाद कतर की यात्रा पर जायेंगे प्रधानमंत्री

    यूएई के बाद कतर की यात्रा पर जायेंगे प्रधानमंत्री

    नई दिल्ली। विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यूएई की अपनी यात्रा पूरी करने के बाद बुधवार को कतर जायेंगे। यात्रा का मकसद द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर विचार करना है।

    उल्लेखनीय है कि कतर में भारतीय नौसेना के 8 पूर्व कर्मियों को रिहा कर दिया गया है। वे पिछले कई महीनों से यहां जेल में बंद थे। पहले उन्हें जासूसी के आरोपों पर मृत्यु दंड दिया गया। बाद में मृत्युदंड पर रोक लगी और अब उन्हें रिहा कर दिया गया। इनमें से सात सोमवार को भारत आ गए।

    विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने सोमवार को प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वे स्वयं कतर में कैद भारतीयों के विषय को देख रहे थे।

    क्वात्रा ने बताया कि प्रधानमंत्री कतर के अमीर के साथ विचार-विमर्श कर दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री 14 फरवरी दोपहर को दोहा कतर की यात्रा करेंगे। यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद और कतर के उच्चाधिकारियों के साथ द्विपक्षीय बातचीत करेंगे। यह प्रधानमंत्री की दूसरी कतर यात्रा होगी।